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कैश फॉर क्वेश्चन केसःमहुआ मोइत्रा के वकील ने छोड़ा साथ, जानें क्या है वजह

#mahua_moitra_lawyer_withdraws

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा के वकील ने हाईकोर्ट में दायर उस याचिका से जुड़े मामले में शुक्रवार को अपना नाम वापस ले लिया, जिसमें भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं सांसद निशिकांत दुबे, एक वकील, कई सोशल मीडिया मंचों और मीडिया संस्थानों को मोइत्रा के खिलाफ कोई भी अपमानजनक सामग्री पोस्ट करने, प्रसारित करने या प्रकाशित करने से रोकने का निर्देश देने का अनुरोध किया है। 

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ के खिलाफ पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाया था। महुआ ने इन आरोपों के जवाब में दुबे के खिलाफ मानहानि का केस कर दिया था। पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर लोकसभा सीट से सांसद महुआ मोइत्रा ने 17 अक्टूबर को दायर याचिका में दुबे, वकील देहाद्रई, सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’, सर्च इंजन गूगल, यूट्यूब और 15 मीडिया संस्थानों को उनके खिलाफ अपमानजनक और दुर्भावनापूर्ण बयानों के प्रकाशन, प्रसारण से स्थायी रूप से रोके जाने का अनुरोध किया था।

शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान महुआ की पैरवी कर रहे वकील ने खुद को इस केस से अलग कर लिया।महुआ के वकील ने इम मामले में हितों के टकराव की बात कहते हुए इस केस की आगे कोई भी पैरवी करने से इंकार कर दिया।वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन ने इस मामले से खुद को उस समय अलग कर लिया, जब वकील जय अनंत देहाद्रई ने हाईकोर्ट को बताया कि मोइत्रा के खिलाफ सीबीआई में उनकी शिकायत वापस लेने के लिए शंकरनारायणन ने गुरुवार रात को फोन पर उनसे संपर्क किया था।

दरअसल महुआ मोइत्रा के मित्र और सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहद्राई महुआ के निजी मित्र रह चुके हैं। उन्होंने कोर्ट को बताया कि महुआ के वकील गोपाल शंकरनारायण ने देहद्राई को कॉल करके मामला वापस लेने को कहा, जिसकी कॉल रिकॉर्डिंग उनके पास मौजूद है। ऐसे में जज ने कहा, अगर ऐसा है तो शंकरनारायण इस मामले की पैरवी कैसे कर सकते हैं। इसके बाद गोपाल शंकरनारायण ने अपने आप को इस मामले से अलग कर लिया।

गाज़ा में घुसकर आतंकी हमास का सफाया करेंगे..', इजराइल के रक्षा मंत्री बोले- जल्द जारी करेंगे जमीनी हमले का आर्डर

सात अक्टूबर को आतंकी संगठन हमास के घातक हमले के जवाब में दो सप्ताह के हवाई हमलों के बाद, गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ इजरायल का जमीनी आक्रमण जल्द शुरू होगा। गाजा सीमा के पास इंतजार कर रहे सैनिकों से बात करते हुए, इजरायली रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने कहा कि हमास द्वारा संचालित फिलिस्तीनी क्षेत्र में प्रवेश करने के आदेश "जल्द ही" आएंगे।

टाइम्स ऑफ इज़राइल की एक रिपोर्ट के अनुसार, गैलेंट ने गिवाती ब्रिगेड के सैनिकों से कहा कि, "अभी आप गाजा को दूर से देखते हैं, जल्द ही आप इसे अंदर से देखेंगे।" कहा कि, ''आदेश आ जाएगा।'' हम सटीक और घातक होंगे और मिशन पूरा होने तक इसे जारी रखेंगे। गैलेंट ने दो सप्ताह पहले दक्षिणी इज़राइल पर हमास के आतंकवादी हमले को रोकने में विफलता की भी ज़िम्मेदारी ली। गैलेंट ने कहा कि, 'मैं रक्षा प्रतिष्ठान के लिए जिम्मेदार हूं। पिछले दो हफ्तों में, यहां तक कि कठिन घटनाओं में भी, मैं इसके लिए जिम्मेदार था, और मैं इसे लड़ाई में जीत दिलाने के लिए जिम्मेदार हूं।'

वहीं, प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी सेना के अग्रिम मोर्चों का दौरा किया, गाजा सीमा के पास गोलानी सैनिकों के एक समूह को रैली की और उन्हें बताया कि इज़राइल एक बड़ी जीत की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने सैनिकों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि, 'हम अपनी पूरी ताकत से जीतने जा रहे हैं। पूरा इज़राइल आपके पीछे है, और हम अपने दुश्मनों पर हमला करने जा रहे हैं ताकि हम जीत हासिल कर सकें।'प्रत्याशित जमीनी आक्रमण के बारे में बात करते हुए, इजरायली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा है कि यह एक बड़े पैमाने पर ऑपरेशन होगा, जिसका उद्देश्य गाजा से आतंकी संगठन हमास का सफाया करना है।

सीमा क्षेत्र का दौरा करते हुए जहां हजारों टैंक और बख्तरबंद वाहनों सहित एक बड़ा इजरायली सैन्य जमावड़ा है, अधिकारियों ने सैनिकों से कहा कि लड़ाई "कठिन, लंबी और तीव्र" होगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि इज़राइल अंततः युद्ध जीतेगा। इजराइली रक्षा बलों (IDF) दक्षिणी कमान के प्रमुख मेजर जनरल यारोन फिंकेलमैन ने कहा कि अपेक्षित जमीनी आक्रमण "लंबा और तीव्र" होगा। सीमा पर सैनिकों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि, ''यह युद्ध हम पर थोपा गया है, एक क्रूर दुश्मन के साथ जिसने हमें बहुत नुकसान पहुंचाया। लेकिन हमने उन्हें रोक दिया, हम उन पर जोरदार प्रहार कर रहे हैं।''

मेजर जनरल यारोन फिंकेलमैन ने कहा कि, 'अब, युद्धाभ्यास लड़ाई को उनके क्षेत्र में स्थानांतरित करने जा रहा है। हम उन्हें उनके क्षेत्र में हराने जा रहे हैं। " उन्होंने कहा कि "यह कठिन, लंबा और तीव्र होने वाला है।' बता दें कि, इज़राइल एक सप्ताह से गाजा, विशेषकर गाजा शहर पर जमीनी हमले की तैयारी कर रहा है, और पट्टी के उत्तरी हिस्से में नागरिकों को दक्षिण की ओर जाने की चेतावनी दे रहा है। 13 अक्टूबर को इज़राइल रक्षा बल ने गाजा शहर में रहने वाले 1।1 मिलियन लोगों को वाडी गाजा के दक्षिण में जाने के लिए कहा था। कई नागरिकों को निकाला गया है, लेकिन आतंकी संगठन हमास लगातार फिलिस्तीनियों को निकलने से रोक रहा है। इजराइल का आरोप है कि हमास नागरिकों को निकलने नहीं दे रहा है, क्योंकि वह उन्हें ढाल के तौर पर इस्तेमाल करना चाहता है।

'गाज़ा में घुसकर आतंकी हमास का सफाया करेंगे..', इजराइल के रक्षा मंत्री बोले- जल्द जारी करेंगे जमीनी हमले का आर्डर

सात अक्टूबर को आतंकी संगठन हमास के घातक हमले के जवाब में दो सप्ताह के हवाई हमलों के बाद, गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ इजरायल का जमीनी आक्रमण जल्द शुरू होगा। गाजा सीमा के पास इंतजार कर रहे सैनिकों से बात करते हुए, इजरायली रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने कहा कि हमास द्वारा संचालित फिलिस्तीनी क्षेत्र में प्रवेश करने के आदेश "जल्द ही" आएंगे।

टाइम्स ऑफ इज़राइल की एक रिपोर्ट के अनुसार, गैलेंट ने गिवाती ब्रिगेड के सैनिकों से कहा कि, "अभी आप गाजा को दूर से देखते हैं, जल्द ही आप इसे अंदर से देखेंगे।" कहा कि, ''आदेश आ जाएगा।'' हम सटीक और घातक होंगे और मिशन पूरा होने तक इसे जारी रखेंगे। गैलेंट ने दो सप्ताह पहले दक्षिणी इज़राइल पर हमास के आतंकवादी हमले को रोकने में विफलता की भी ज़िम्मेदारी ली। गैलेंट ने कहा कि, 'मैं रक्षा प्रतिष्ठान के लिए जिम्मेदार हूं। पिछले दो हफ्तों में, यहां तक कि कठिन घटनाओं में भी, मैं इसके लिए जिम्मेदार था, और मैं इसे लड़ाई में जीत दिलाने के लिए जिम्मेदार हूं।'

वहीं, प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी सेना के अग्रिम मोर्चों का दौरा किया, गाजा सीमा के पास गोलानी सैनिकों के एक समूह को रैली की और उन्हें बताया कि इज़राइल एक बड़ी जीत की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने सैनिकों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि, 'हम अपनी पूरी ताकत से जीतने जा रहे हैं। पूरा इज़राइल आपके पीछे है, और हम अपने दुश्मनों पर हमला करने जा रहे हैं ताकि हम जीत हासिल कर सकें।'प्रत्याशित जमीनी आक्रमण के बारे में बात करते हुए, इजरायली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा है कि यह एक बड़े पैमाने पर ऑपरेशन होगा, जिसका उद्देश्य गाजा से आतंकी संगठन हमास का सफाया करना है।

सीमा क्षेत्र का दौरा करते हुए जहां हजारों टैंक और बख्तरबंद वाहनों सहित एक बड़ा इजरायली सैन्य जमावड़ा है, अधिकारियों ने सैनिकों से कहा कि लड़ाई "कठिन, लंबी और तीव्र" होगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि इज़राइल अंततः युद्ध जीतेगा। इजराइली रक्षा बलों (IDF) दक्षिणी कमान के प्रमुख मेजर जनरल यारोन फिंकेलमैन ने कहा कि अपेक्षित जमीनी आक्रमण "लंबा और तीव्र" होगा। सीमा पर सैनिकों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि, ''यह युद्ध हम पर थोपा गया है, एक क्रूर दुश्मन के साथ जिसने हमें बहुत नुकसान पहुंचाया। लेकिन हमने उन्हें रोक दिया, हम उन पर जोरदार प्रहार कर रहे हैं।''

मेजर जनरल यारोन फिंकेलमैन ने कहा कि, 'अब, युद्धाभ्यास लड़ाई को उनके क्षेत्र में स्थानांतरित करने जा रहा है। हम उन्हें उनके क्षेत्र में हराने जा रहे हैं। " उन्होंने कहा कि "यह कठिन, लंबा और तीव्र होने वाला है।' बता दें कि, इज़राइल एक सप्ताह से गाजा, विशेषकर गाजा शहर पर जमीनी हमले की तैयारी कर रहा है, और पट्टी के उत्तरी हिस्से में नागरिकों को दक्षिण की ओर जाने की चेतावनी दे रहा है। 13 अक्टूबर को इज़राइल रक्षा बल ने गाजा शहर में रहने वाले 1।1 मिलियन लोगों को वाडी गाजा के दक्षिण में जाने के लिए कहा था। कई नागरिकों को निकाला गया है, लेकिन आतंकी संगठन हमास लगातार फिलिस्तीनियों को निकलने से रोक रहा है। इजराइल का आरोप है कि हमास नागरिकों को निकलने नहीं दे रहा है, क्योंकि वह उन्हें ढाल के तौर पर इस्तेमाल करना चाहता है।

निठारी कांड का आरोपी मोनिंदर पंढेर जेल से हुआ रिहा, जानें कोर्ट ने क्यों किया बरी

#nithari_case_accused_maninder_pandher_released

दिल्ली से सटे नोएडा में हुआ निठारी हत्याकांड एक ऐसा आपराधिक मामला था जिसनें क़रीब 17 साल पहले पूरे भारत को झकझोर कर रख दिया था। महीनों तक यह मामला सुर्ख़ियों में छाया रहा था। इस मामले में पिछले कई वर्षों से जेल में बंद मोनिंदर सिंह पंढेर आज शुक्रवार को जेल से रिहा कर दिया गया। इससे पहले सोमवार 16 अक्टूबर को जब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने निठारी हत्याकांड से सुरिंदर कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर को बरी कर दिया तो ये एक चौंकाने वाली ख़बर थी। हाई कोर्ट ने कोली और पंढेर को यह कहते हुए बरी कर दिया कि प्रॉसिक्यूशन या अभियोजन पक्ष इन दोनों का अपराध साबित करने में नाकाम रहा। कोर्ट के आदेश के बाद आज मोनिंदर पंढेर जेल से बाहर आ गया।

कोर्ट ने कहा-पुलिस आरोपी साबित करने में विफल रही

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निठारी नरसंहार में सीबीआई कोर्ट से फांसी की सजा पाए सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर को दोषमुक्त करार दिया था। कोर्ट ने कहा, पुलिस दोनों के खिलाफ आरोपी साबित करने में विफल रही। न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति एसएएच रिजवी की खंडपीठ ने जांच पर नाखुशी जताते हुए कहा, जांच बेहद खराब थी सबूत जुटाने की मौलिक प्रक्रिया का पूरी तरह उल्लंघन किया गया। जांच एजेंसियों की नाकामी जनता के विश्वास से धोखाधड़ी है।हाईकोर्ट ने कहा, जांच एजेंसियों ने अंग व्यापार के गंभीर पहलुओं की जांच किए बिना एक गरीब नौकर को खलनायक की तरह पेश कर उसे फंसाने का आसान तरीका चुना। ऐसी गंभीर चूक के कारण मिलीभगत सहित कई तरह के निष्कर्ष संभव हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि आरोपी अपीलकर्ताओं की निचली अदालत से स्पष्ट रूप से निष्पक्ष सुनवाई का मौका नहीं मिला।

18 मासूमों और एक महिला से दुष्कर्म व हत्या का आरोप

सीबीआई की विशेष अदालत ने 13 फरवरी 2009 को दोनों को दुष्कर्म और हत्या का दोषी मानकर फांसी की सजा सुनाई थी। पंढेर और कोली पर 18 मासूमों और एक महिला से दुष्कर्म व हत्या का आरोप था। इस मामले अदालत में पहला केस 8 फरवरी, 2005 को दर्ज किया गया था। 

जानिए कौन हैं मोनिंदर पंढ़ेर और सुरेंद्र कोली

मोनिंदर सिंह मूल रूप से पंजाब का रहने वाला था और साल 2000 में दिल्‍ली आया था। वहीं, सुरेंद्र कोली, जो उत्तराखंड के अल्‍मोड़ा के एक गांव का रहने वाला था दिल्ली में एक ब्रिगेडियर के घर पर खाना बनाने का काम करता था। कहा जाता है कि कोली खाना बेहतरीन बनाता था। साल 2003 में वह पंढे़र से मिला और उसके घर पर नौकर बनकर का काम करने लगा। सुरेंद्र कोली के आने के बाद मोनिंदर सिंह की फैमिली उसे छोड़कर पंजाब चली गई। तब से वह कोली के साथ रहने लगा। 

बता दें कि नोएडा के सेक्टर-31 स्थित निठारी गांव निवासियों के बच्चे वर्ष 2004 से लापता हो रहे थे। इसी क्रम में सेक्टर-19 निवासी नंदलाल ने सेक्टर-31 स्थित डी-5 नंबर की कोठी के मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर पर बेटी के अपहरण का शक जाहिर करते हुए पुलिस से शिकायत की। इसी दौरान हुए जांट पड़ताल में मोनिंदर सिंह पंढेर की कोठी के पीछे नाले से बच्चों और महिलाओं के दर्जनों कंकाल बरामद किए गए थे। पुलिस ने मोनिंदर सिंह और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को आरोपी बनाया था।

एमपी विधानसभा चुनाव, 'अरे भाई छोड़ो अखिलेश-वखिलेश...', कांग्रेस और सपा के घमासान पर बोले कमलनाथ

लोकसभा चुनाव के लिए बना विपक्षी दलों का गठबंधन ‘INDIA’ प्रदेशों के चुनाव में बिखरा दिखाई दे रहा है। सपा के प्रमुख अखिलेश यादव कांग्रेस से नाराज हो गए हैं। उन्हें मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से सीट की चाहत थी, जो पूरी नहीं हुई। इसके साथ ही यह भी बोल रहे हैं कि गठबंधन के रूपरेखा को वह ‘शायद समझ नहीं पाए.’ पिछले दिनों उन्होंने उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय को निशाने पर लेते हुए ‘चिरकुट नेता’ बोल दिया। अब मध्य प्रदेश चुनाव में कांग्रेस के सबसे बड़े चेहरे कमलनाथ ने भी अखिलेश को इसी लहजे में जवाब दिया तथा पत्रकारों के सवाल को अनसुना करते हुए कहा, “छोड़िए अखिलेश, वखिलेश…”

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार चरम पर है। तीन दिवसीय प्रवास पर छिंदवाड़ा पहुंचे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कांग्रेस की दूसरी लिस्ट आने पर सभी कार्यकर्ताओं में गजब का उत्साह है तथा हमें जितनी उम्मीद थी उससे भी कहीं अधिक सीटों पर हम चुनाव जीतेंगे। इनके अतिरिक्त मध्य प्रदेश में गठबंधन नहीं होने पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की नाराजगी के सवाल पूछने पर कमलनाथ ने कहा, “छोड़िए अखिलेश, वखिलेश…”

आपको बता दें कि 3 दिवसीय प्रवास के चलते पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जिले भर में विभिन्न राजनैतिक, सामाजिक तथा धार्मिक कार्यक्रमों में सम्मिलित होंगे। इसके साथ ही पहली सूची में गोटेगांव से कांग्रेस उम्मीदवार बनाए गए शेखर चौधरी का नाम कट गया है। दूसरी लिस्ट में नाम कट जाने से नाराज शेखर चौधरी आज शाम को छिंदवाड़ा पहुंचकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तथा पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात भी कर सकते हैं।

क्या चीन भी कर रहा है युद्ध की तैयारी? गुपचुप तरीके से बढ़ा रहा परमाणु हथियारों की संख्या, जानें 2030 तक बनाएगा न्यूक्लियर बम?

#pentagon_latest_report_on_china_nuclear_bombs

एक तरफ इजराइल-हमास के बीच युद्ध छिड़ा हुआ है, इसके पहले से रूस-युक्रेन के बीच जंग जारी ही है। इन हालातों में चीन खुद को परमाणु हथियारों में मजबूत कर रहा है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने चीन के परमाणु हथियार भंडार में तेजी से बढ़ोतरी पर नई रिपोर्ट जारी की है। 

रूस-यूक्रेन युद्ध से सबक

पेंटागन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन अपनी मिलिट्री पावर बढ़ा रहा है। इसके साथ ही वह लगातार अपनी परमाणु क्षमता बढ़ाने में लगा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि रूस-यूक्रेन युद्ध से चीन सीख रहा है, ताकि वह समझ सके कि ताइवान का संघर्ष कैसा हो सकता है। गुरुवार को जारी रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि चीन एक नई अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल प्रणाली विकसित कर सकता है, जिसमें पारंपरिक हथियारों का ही इस्तेमाल होगा। 

अब तक 500 से ज्यादा परमाणु बमों का निर्माण

रिपोर्ट के मुताबिक अपने विरोधियों से निपटने के लिए चीन तेजी से अपने परमाणु हथियार शस्त्रागार को बढ़ा रहा है और अब तक वह 500 से ज्यादा परमाणु बमों का निर्माण कर चुका है।रिपोर्ट के अनुसार 2030 तक वह एक हजार से ज्यादा परमाणु हथियार बना लेगा।

इंटरकांटिनेंटल मिसाइल भी तैयार कर रहा चीन

गुरुवार को सार्वजनिक हुई रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि चीन नई इंटरकांटिनेंटल मिसाइल भी तैयार कर रहा है जिनसे वह परमाणु हथियारों का ज्यादा सटीक प्रहार कर सके। चीन ये मिसाइल अमेरिका पर हमले के लिए बना रहा है। यह रिपोर्ट अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से प्रस्तावित मुलाकात से एक महीने पहले आई है।

यह रिपोर्ट अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से प्रस्तावित मुलाकात से एक महीने पहले आई है। यह मुलाकात सैन फ्रांसिस्को में होने वाली एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग समिट में होगी।

'मेरी वजह से वसुंधरा राजे को दंड न दे भाजपा..', अशोक गहलोत के बयान से राजस्थान की सियासत में मची हलचल

 राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा के बारे में व्यंग्यात्मक टिप्पणी करते हुए सुझाव दिया कि उन्हें (पार्टी को) अपनी पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे को उनके (गहलोत के) कार्यों के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहिए। गहलोत ने 2020 में उनकी सरकार को उखाड़ फेंकने के प्रयासों का समर्थन नहीं करने में राजे की रचनात्मक भूमिका को स्वीकार करते हुए अपने पिछले बयानों का उल्लेख किया।

बता दें कि, मई में, गहलोत ने धौलपुर में कहा था कि वह 2020 में कांग्रेस विधायकों के विद्रोह से बच गए, क्योंकि भाजपा नेता वसुंधरा राजे और कैलाश मेघवाल ने धन बल के माध्यम से उनकी (गहलोत की) सरकार को "गिराने की साजिश" का समर्थन नहीं किया था। भाजपा में राजे को कथित तौर पर दरकिनार किए जाने के बारे में पूछे जाने पर, गहलोत ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि यह भाजपा का आंतरिक मामला है और वह इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे।

 कहा कि, "लेकिन मैं कहना चाहूंगा कि मेरी वजह से उन्हें (राजे को) सजा नहीं मिलनी चाहिए। यह उनके साथ अन्याय होगा। मैं एक घटना बताना चाहूंगा, जब मेरी सरकार संकट का सामना कर रही थी। जब मैं राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष था, तत्कालीन सीएम भैरों सिंह शेखावत बाईपास सर्जरी के लिए विदेश में अमेरिका में थे और उनके अपने लोग सरकार गिराने की फिराक में थे। राज्य कांग्रेस प्रमुख के रूप में, मैंने इसका विरोध किया और कहा कि यह उचित नहीं था।''

अशोक गहलोत ने कहा कि उन्होंने सरकार गिराने को गलत बताते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव और राज्यपाल बाली राम भगत के समक्ष अपनी असहमति व्यक्त की थी। उन्होंने आगे कहा कि कैलाश मेघवाल ने यह विचार तब साझा किया जब उनकी सरकार पर संकट था, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह से सरकारों को अस्थिर करने की कोई परंपरा नहीं है। गहलोत ने वसुंधरा राजे के साथ जुड़े विधायकों के साथ अपनी बातचीत का भी उल्लेख किया और स्वीकार किया कि वह कैलाश मेघवाल के समान राय रखती हैं। वहीं, धौलपुर में गहलोत की टिप्पणी के जवाब में, वसुंधरा राजे ने उनकी आलोचना की और कहा कि उनकी प्रशंसा में सद्भावना की कमी है और यह "द्वेष" से प्रेरित है।

हवा से बातें करेगी 'नमो भारत' ट्रेन, पीएम मोदी ने गाजियाबाद से देश की पहली Rapidx रेल को दिखाई हरी झंडी

देश को आज शुक्रवार (20 अक्टूबर) पहली सेमी हाईस्पीड रैपिड एक्स ट्रेन मिल गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाकर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से रैपिड एक्स ट्रेन कॉरिडोर के पहले चरण का उद्घाटन कर दिया है। पहले चरण में यह ट्रेन साहिबाबाद से दुहाई तक 17 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर इस ट्रेन का परिचालन आरंभ हो जाएगा। जिससे इस दूरी को चंद मिनटों में ही खत्म किया जा सकेगा। 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इन ट्रेनों को ‘नमो भारत’ के नाम से जाना जाएगा। 21 अक्टूबर से आम नागरिकों के लिए इनका परिचालन आरंभ हो जाएगा। पीएम मोदी ने मार्च, 2019 को दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था। पीएम मोदी आज सुबह 11 बजे गाजियाबाद जिले के साहिबाबाद पहुंचे। इसके बाद उन्होंने कॉरिडोर का मुआयना किया और फिर रैपिड एक्स ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ और गवर्नर आनंदी बेन पटेल भी पीएम मोदी के साथ मौजूद रहे। इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

शुरुआती चरण में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर का 17 किमी लंबा खंड लॉन्च किया गया है। इस गलियारे की कुल लंबाई 82 किमी है, जिसमें दिल्ली में 14 किमी और उत्तर प्रदेश में 68 किमी शामिल है। यह दिल्ली मेट्रो की विभिन्न लाइनों के साथ एकीकृत होगा और अलवर, पानीपत और मेरठ जैसे शहरों को दिल्ली से जोड़ेगा। पहले चरण के बाद, परियोजना दुहाई से मेरठ तक विस्तारित होगी। दूसरे चरण में मेरठ साउथ तक काम आगे बढ़ेगा और तीसरे चरण में साहिबाबाद से दिल्ली के बीच का रूट पूरा किया जाएगा। 2025 तक दिल्ली से मेरठ के बीच भी रैपिड रेल चलना शुरू हो जाएगी और महज 55 मिनट में सफर पूरा होगा। जहां तक टिकट की कीमत की बात है तो रैपिड रेल का न्यूनतम किराया 15 से 20 रुपये और अधिकतम किराया 160 रुपये तक रखा जा सकता है।

हवा से बातें करेगी 'नमो भारत' ट्रेन, पीएम मोदी ने गाजियाबाद से देश की पहली Rapidx रेल को दिखाई हरी झंडी

देश को आज शुक्रवार (20 अक्टूबर) पहली सेमी हाईस्पीड रैपिड एक्स ट्रेन मिल गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाकर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से रैपिड एक्स ट्रेन कॉरिडोर के पहले चरण का उद्घाटन कर दिया है। पहले चरण में यह ट्रेन साहिबाबाद से दुहाई तक 17 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर इस ट्रेन का परिचालन आरंभ हो जाएगा। जिससे इस दूरी को चंद मिनटों में ही खत्म किया जा सकेगा। 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इन ट्रेनों को ‘नमो भारत’ के नाम से जाना जाएगा। 21 अक्टूबर से आम नागरिकों के लिए इनका परिचालन आरंभ हो जाएगा। पीएम मोदी ने मार्च, 2019 को दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था। पीएम मोदी आज सुबह 11 बजे गाजियाबाद जिले के साहिबाबाद पहुंचे। इसके बाद उन्होंने कॉरिडोर का मुआयना किया और फिर रैपिड एक्स ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ और गवर्नर आनंदी बेन पटेल भी पीएम मोदी के साथ मौजूद रहे। इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

शुरुआती चरण में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर का 17 किमी लंबा खंड लॉन्च किया गया है। इस गलियारे की कुल लंबाई 82 किमी है, जिसमें दिल्ली में 14 किमी और उत्तर प्रदेश में 68 किमी शामिल है। यह दिल्ली मेट्रो की विभिन्न लाइनों के साथ एकीकृत होगा और अलवर, पानीपत और मेरठ जैसे शहरों को दिल्ली से जोड़ेगा। पहले चरण के बाद, परियोजना दुहाई से मेरठ तक विस्तारित होगी। दूसरे चरण में मेरठ साउथ तक काम आगे बढ़ेगा और तीसरे चरण में साहिबाबाद से दिल्ली के बीच का रूट पूरा किया जाएगा। 2025 तक दिल्ली से मेरठ के बीच भी रैपिड रेल चलना शुरू हो जाएगी और महज 55 मिनट में सफर पूरा होगा। जहां तक टिकट की कीमत की बात है तो रैपिड रेल का न्यूनतम किराया 15 से 20 रुपये और अधिकतम किराया 160 रुपये तक रखा जा सकता है।

भारत के अल्टीमेटम के बाद बैकफुट पर कनाडा, अपने 41 राजनयिकों को बुलाया वापस, सितम्बर से जारी है तनाव

 खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर बढ़े राजनयिक तनाव के बीच कनाडा ने कहा कि उसने भारत से 41 राजनयिकों को वापस बुला लिया है। बता दें कि जून में कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में निज्जर की हत्या पर कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो के भारत के खिलाफ विस्फोटक आरोपों के बाद सितंबर से भारत और कनाडा के बीच संबंध तनाव में हैं।

एक प्रेस वार्ता में कनाडाई विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा कि भारत ने शुक्रवार तक कनाडा के 21 राजनयिकों और उनके परिवारों को छोड़कर सभी के लिए राजनयिक छूट रद्द करने की अपनी योजना बता दी है, जिससे ओटावा को अन्य को बाहर निकालने के लिए मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने कहा कि, 'हमने भारत से उनके सुरक्षित प्रस्थान की सुविधा प्रदान की है। इसका मतलब है कि हमारे राजनयिक और उनके परिवार अब चले गए हैं। हमें चंडीगढ़, मुंबई और बेंगलुरु में अपने वाणिज्य दूतावासों में सभी व्यक्तिगत सेवाओं पर रोक लगानी होगी।'

उन्होंने आगे कहा कि 41 राजनयिकों की राजनयिक छूट को रद्द करना अभूतपूर्व है, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि कनाडा जवाबी कार्रवाई पर विचार नहीं कर रहा है, ताकि "स्थिति न बिगड़े"। उन्होंने कहा कि, "कनाडा अंतरराष्ट्रीय कानून का बचाव करना जारी रखेगा, जो सभी देशों पर लागू होता है और भारत के साथ जुड़ना जारी रखेगा।"

भारत और कनाडा के बीच संबंधों में क्यों आई दरार?

बता दें कि, 18 सितंबर को, जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया कि उनके पास हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंटों की "संभावित" संलिप्तता का "विश्वसनीय आरोप" है। भारत में वांछित आतंकवादियों में से एक निज्जर की 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया, कनाडा के सरे में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कनाडाई राष्ट्रपति के विस्फोटक आरोपों पर भारत से तीखी प्रतिक्रिया हुई और उन्हें "बेतुका" और प्रेरित बताकर खारिज कर दिया गया। दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को भी निलंबित कर दिया। भारत ने कहा कि कनाडा के आरोप वहां खालिस्तानी तत्वों की बढ़ती गतिविधियों से ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं।

भारत पर आरोप के बाद ट्रूडो का यू-टर्न

जैसे ही उनके विस्फोटक आरोपों के कारण राजनयिक तनाव बढ़ा, जस्टिन ट्रूडो नाराज भारत को शांत करते दिखे। इस महीने की शुरुआत में, उन्होंने कहा था कि वह घनिष्ठ संबंध रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं और ओटावा नई दिल्ली के साथ तनाव बढ़ाना नहीं चाहता है। ट्रूडो ने यह भी कहा कि उनका देश भारत के साथ "रचनात्मक संबंध" जारी रखेगा। उन्होंने बताया कि कनाडा भारत के साथ "बेहद चुनौतीपूर्ण समय" से गुजर रहा है, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि उनका देश नई दिल्ली के साथ "जिम्मेदारी और रचनात्मक रूप से" जुड़ना जारी रखेगा।