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मुजफ्फरपुर और दरभंगा जिले को बाढ़ से मुक्ति दिलाने की योजना का मंत्री संजय कुमार झा ने किया स्थल निरीक्षण, दिए कई जरुरी निर्दश

मुजफ्फरपुर - बिहार सरकार के जल संसाधन तथा सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री श्री संजय कुमार झा ने शुक्रवार को बागमती बाढ़ प्रबंधन योजना फेज-2 तथा इसके विस्तारीकरण के तहत कराये गये और कराये जाने वाले कार्यों का मुजफ्फरपुर जिले के कटरा प्रखंड अंतर्गत बकुची ग्राम एवं अन्य स्थानों पर स्थल निरीक्षण किया। 

उन्होंने मुजफ्फरपुर और दरभंगा जिले में बाढ़ के प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से क्षेत्र मं् जल संसाधन विभाग द्वारा क्षेत्र में कराये गये और प्रस्तावित कार्यों की विस्तृत समीक्षा कर विभागीय अधिकारियों को कई जरूरी निर्देश दिये। 

मंत्री संजय कुमार झा ने बताया कि बागमती बाढ़ प्रबंधन योजना के तहत प्रस्तावित कार्यों को कुल छः चरणों में कार्यान्वित किया जा रहा है। बागमती बाढ़ प्रबंधन योजना फेज-2 और बागमती बाढ़ प्रबंधन विस्तारीकरण योजना के तहत मुजफ्फरपुर-दरभंगा राजमार्ग (एनएच- 57) के उर्ध्यप्रवाह (अपस्ट्रीम) के बागमती नदी के दोनों किनारे कुल 19.19 किमी लंबाई में तटबंध का निर्माण कराया जाना है। इसमें दायें किनारे किमी 79.00 से किम 91.41 तक (कुल 12.41 किमी), बायें किनारे किमी 81.94 से किमी 88.72 तक (कुल 6.78 किमी) तथा कांटा पिरौंछा रिंग बांध (कुल 2.8 किमी) में तटबंध का निर्माण कराया जाएगा। इसके अलावा एन्टी फ्लड स्लूईस का निर्माण तथा ब्रीक सोलिंग का कार्य भी कराएगा जाएगा। वर्तमान में योजना के तहत भू-अर्जन की कार्रवाई की जा रही है, जिसके उपरांत कार्य शुरू किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि उक्त कार्यों से रून्नीसैदपुर के निम्न प्रवाह में निर्मित तटबंध को एनएच-57 से जोड़ा जा सकेगा, जिससे बाढ़ अवधि में कटरा, औराई, गायघाट एवं सिंघवाड़ा प्रखंड सहित मुजफ्फरपुर और दरभंगा जिले के बड़े इलाके के निवासी लाभान्वित होंगे। योजना के कार्यान्वयन से मुजफ्फरपुर एवं दरभंगा जिलों के कुल 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र और 12 लाख आबादी को बाढ़ से सुरक्षा मिलेगी।

श्री झा ने बताया कि बागमती बाढ़ प्रबंधन योजना फेज-2 के तहत बागमती बायां तटबंध के विभिन्न बिंदुओं पर एन्टी फ्लड स्लूईस का पुर्नस्थापन कार्य, दायां तटबंध के किमी 9.12 पर एन्टी फ्लड स्लूईस का नवनिर्माण कार्य, बागमती नदी के दायें एवं बायें किनारे कुल 50.81 किमी लंबाई में नये तटबंध एवं एन्टी फ्लड स्लूईस का निर्माण कार्य तथा ब्रीक सोलिंग कार्य पूर्ण कर लिया गया है। 

कहा कि इसके अलावा बागमती दायां तटबंध के विभिन्न स्थलों पर एन्टी फ्लड स्लूईस का पुनर्स्थापन कार्य, बागमती (करेह) दायां तटबंध हायाघाट से कराची तक कुल 33.00 किमी लंबाई में पूर्व से निर्मित तटबंध का उच्चीकरण एवं सुदृढ़ीकरण कार्य और नये एन्टी फ्लड स्लूईस का निर्माण एवं ब्रीक सोलिंग का कार्य, बागमती नदी के दायां तटबंध का सोरमार हाट से हायाघाट (किमी 0.00 से किमी 16.443) एवं विलासपुर रिंग बाँध का किमी 0.00 से किमी 1.46 तक पूर्व से निर्मित तटबंध का उच्चीकरण एवं सुदृढ़ीकरण एवं ब्रीक सोलिंग का कार्य भी पूर्ण कर लिया गया है।

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

अगर आप धड़ल्ले से एंटीबायोटिक इस्तेमाल कर रहे हैं तो हो जाये सावधान, जानिए क्यों...

मुजफ्फरपुर - अगर आप धड़ल्ले से एंटीबायोटिक इस्तेमाल कर रहे हैं तो सावधान हो जाये। मिशन AAA के तहत रोटेशनल एंटीबायोटिक डे पर मुज़फ़्फ़रपुर शहर के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अरुण शाह ने जागरूकता के लिए एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि 20% बीमार लोगों पर एंटीबायोटिक काम करना बंद कर दिया है। 

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि ज्यादातर ग्रामीण इलाको में धड़ल्ले से एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल हो रहा है जिसके घातक और गंभीर परिणाम भुगतने होने। जरूरत है कम से कम एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल करें। 

डॉ. अरुण शाह ने कहा कि आज समय आ गया है कि डॉक्टर, केमिस्ट के साथ साथ आम लोग भी संकल्प ले कि विशेष परिस्थितियों में ही एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल करें अन्यथा आने वाले दिनों में यह दवा बिल्कुल काम करना बंद कर देगा। उस वक्त लोगों का जान बचाना मुश्किल होगा। 

इस जागरूकता कार्यक्रम में काफी संख्या में ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी क्षेत्रों के लोगों ने हिस्सा लिया।

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

जनसंवाद कार्यक्रम में बोले जिलाधिकारी, सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने से सभी तबके के लोगों को मिल रहा है इसका लाभ

मुजफ्फरपुर : जिले के गायघाट में सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने से सभी तबकों के लोगों को इसका लाभ मिल रहा है। उक्त बातें डीएम प्रणव कुमार ने बुधवार को पटशर्मा में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं। 

कहा कि कृषि, बागवानी, आवास सहित सभी योजनाओं के योग्य एक भी लाभुक नहीं छूटे, यह हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि पहले शहरों में कचरा उठाव किया जाता था। आज से दस वर्ष पहले किसी ने नहीं सोचा होगा कि गांव में भी घर-घर से कचरा उठाव किया जाएगा। गांवों में कचरा निष्पादन की व्यवस्था तो बड़े शहरों को टक्कर दे रही है।

डीडीसी आशुतोष द्विवेदी ने कहा कि अब आपको जन्म से लेकर मृत्यु तक में सरकारी लाभ आसानी से मिल रहा है। 

कार्यक्रम के दौरान डीएम ने शिक्षा, स्वास्थ्य, आइसीडीएस सहित अन्य विभागों द्वारा संचालित योजनाओं को प्रदर्शित करते स्टॉल का निरीक्षण किया किया।

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

मुजफ्फरपुर में बेखौफ अपराधियों तांडव, युवक की गोली मारकर की हत्या

मुजफ्फरपुर : जिले में बेखौफ अपराधियों ने एक बार फिर गोलीबारी की घटना को दिया अंजाम दिया है। जिले के कांटी थाना क्षेत्र में बैखौफ अपराधियों ने एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी है। 

मिली जानकारी के अनुसार मृतक युवक की पहचान धीरज कुमार क्षेत्र के विष्णुदतपुर निवासी के रुप में हुई है। घटना के बाद मौके पर स्थानीय लोगों की भारी भीड़ जुट गई है।

वहीं घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पूरे मामले की तफ्तीश में जुटी हुई है।  

घटना के पीछे पुराना विवाद बताया जा रहा है। मृतक की परिवार में कोहराम मचा हुआ है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। 

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

मुजफ्फरपुर में डेंगू के 15 नये मरीजों के साथ अब आंकड़ा हुआ 113, हाई रिस्क पर जिले के ये 2 प्रखंड

मुजफ्फरपुर -उत्तर बिहार की राजधानी कहे जाने वाली मुजफ्फरपुर इन दोनों डेंगू के चपेट में है जिले के 14 प्रखंड में कुल मिलाकर 113 मामले सामने आ गए हैं। इसमें सबसे अधिक जिले के मुसहरी और कांटी प्रखंड में करीब 50 मामले हैं।

 अचानक डेंगू में बढ़ोतरी को लेकर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इन दोनों प्रखंड मुख्यालय को हाई रिस्क जोन में रखा गया है। जहां डेंगू के केस अधिक मिल रहे हैं। 

पूछे जाने पर वेक्टर जनित रोग पदाधिकारी डॉक्टर सतीश कुमार ने कहा कि 113 मामले डेंगू के अब तक सामने आए हैं। जिसमें सबसे अधिक मुसहरी और कांटे प्रखंड शामिल है। 

करीब 50 मामले दोनों प्रखंड से हैं दोनों प्रखंड को हाई रिस्क जोन में रखा गया है और स्वास्थ्य विभाग की टीम अलर्ट मोड में है। 

इन दोनों प्रखंड पर विशेष ध्यान है अब तक जो भी केस सामने आए हैं। उसका अन्य प्रदेशों से ट्रेस सामने आया था। 

लोगों को प्रिकॉशनरी रखने को सभी क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग प्रचार प्रसार कर रही है और इस इलाके में सरकारी अस्पताल में सभी प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। 

यह भी निर्देशित है कि डेंगू के लक्षण दिखते ही अभिलंब से मेडिकल कॉलेज स्वास्थ्य केंद्र रेफर करेंगे और इसकी जानकारी अपने वरीय अधिकारियों को देंगे। 

ऐसे में कहा जा सकता है किमुजफ्फरपुर वालों के लिए डेंगू सर दर्द बन गया है। देखते ही देखते आंकड़ा 100 के पार पहुंच गया है। अब देखना होगा कि डेंगू पर लगाम लगाने में स्वास्थ्य विभाग क्या कुछ कदम उठाती है और कितनी जल्द लगाम लगा पाती है। 

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

मैरिज गार्डेन रामदयालुनगर में APY आउटरीच कार्यक्रम का किया गया आयोजन

अग्रणी बैंक कार्यालय मुजफ्फरपुर द्वारा PFRDA के तत्वाधान में दिनांक २७/०९/२०२३ को आम महुआ मैरिज गार्डेन रामदयालुनगर में APY आउटरीच कार्यक्रम का अयोजन किया गया जिसमें PFRDA के मुख्य महाप्रबंधक श्री प्रवेश कुमार, UBGB के चेयरमैन श्री सोहैल अहमद, एसबीआई के अंचल प्रमुख श्री रंजन कुमार नायक, बैंक ऑफ इंडिया के अंचल प्रमुख श्री अजय कुमार, जिला विकास प्रबन्धक नाबार्ड, एलडीओ आरबीआई, विभिन्न बैंकों के कंट्रोलिंग हेड्स उपस्थित रहे।

 अटल पेंशन योजना आम जनता खासकर असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए सरकार द्वारा सामाजिक सुरक्षा योजना के रूप में लाए गए विभिन्न योजनाओं में से एक है।

ओल्ड एज में हर व्यक्ति के जीवन में एक ऐसा समय आता है जब वह शारीरिक रूप से थक चुका होता है। अपने भरण पोषण के लिए उसे एक सहारा की जरूरत होती है। अगर परिवार में सब ठीक है और उनके बच्चे इस लायक है कि वे अपने माता पिता का भरण पोषण करने में सक्षम है और कर रहे हैं तब तो उनके लिए चिंता की कोई बात नही। परंतु जहा व्यक्ति अपने भरण पोषण की चिंता खुद करनी है तब इस अटल पेंशन योजना के रूप प्राप्त मासिक पेंशन राशि उसे सभी चिंताओं से मुक्त करती है।

व्यक्ति अटल पेंशन योजना के साथ जुड़ते ही अपने ओल्ड एज को सुरक्षित करता है क्योंकि उसे किसी के आगे हाथ फैलाने की नौबत नहीं आयेगी।

PFRDA अटल पेंशन योजना की शीर्ष नियामक संस्था है जिनकी अगुआई में आज का यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है जिसका उद्देश्य आम लोगों में योजना के प्रति जागरूकता पैदा करना रहा ताकि वे योजना से जुड़कर अपना भविष्य सुरक्षित कर सकें।

 इस outreach कार्यक्रम के द्वारा लोगों में योजना के प्रति एक सकारात्मक संदेश दिया गया ताकि समाज के हर स्तर पर लोग जागरूक होकर इस योजना से जुड़ें।

इस योजना के अंतर्गत २०१५ में लागू होने से अब तक की उपलब्धि में बैंकों की महती भूमिका रही है इसलिए सभी बैंक कर्मियों द्वारा योजना को सफल बनाने में उनके योगदान के लिए आभार प्रकट किया गया।

दक्षिण मध्य रेलवे के विजयवाड़ा मंडल के बापटला स्टेशन पर तृतीय लाइन के कमीशनिंग हेतु ट्रेनों के परिचालन में बदलाव

हाजीपुर - रेलवे प्रशासन द्वारा यात्री सुविधा में उन्नयन एवं परिचालनिक सुगमता हेतु विजयवाड़ा मंडल के बापटला रेलवे स्टेशन पर तीसरी लाइन के कमीशनिंग हेतु ब्लाक दिये जाने के कारण गाड़ियों का निरस्तीकरण एवं मार्ग परिवर्तन निम्नवत किया जायेगा। 

तीसरी लाइन के निर्माण से लाइन क्षमता में विस्तार होने के फलस्वरूप अधिक गाड़ियों का संचलन होगा तथा गाड़ियों के समय पालन में सुधार होगा । 

रद्द ट्रेनें - 

 

1. गाड़ी सं. 06509 केएसआर बेंगलूरु-दानापुर स्पेशल - केएसआर बेंगलूरु से 02 एवं 09 अक्टूबर, 2023 को रद्द रहेगी ।

2. गाड़ी सं. 06510 दानापुर -केएसआर बेंगलूरु स्पेशल - दानापुर से 04 एवं 11 अक्टूबर, 2023 को रद्द रहेगी ।

3. गाड़ी सं. 03259 दानापुर-एसएमभीवी, बेंगलूरु स्पेशल - दानापुर से 03 अक्टूबर, 2023 को रद्द रहेगी ।

4. गाड़ी सं. 03260 एसएमभीवी, बेंगलूरु-दानापुर स्पेशल - दानापुर से 05 अक्टूबर, 2023 को रद्द रहेगी ।

5. गाड़ी सं. 03247 दानापुर-एसएमभीवी, बेंगलूरु स्पेशल - दानापुर से 28 सितम्बर एवं 05 अक्टूबर, 2023 को रद्द रहेगी ।

6. गाड़ी सं. 03248 एसएमभीवी, बेंगलूरु-दानापुर स्पेशल - दानापुर से 30 सितम्बर एवं 07 अक्टूबर, 2023 को रद्द रहेगी ।

7. गाड़ी सं. 03245 दानापुर-एसएमभीवी, बेंगलूरु स्पेशल - दानापुर से 04 अक्टूबर, 2023 को रद्द रहेगी ।

8. गाड़ी सं. 03246 एसएमभीवी, बेंगलूरु-दानापुर स्पेशल - दानापुर से 29 सितम्बर एवं 06 अक्टूबर, 2023 को रद्द रहेगी ।

9. गाड़ी सं. 03241 दानापुर-एसएमभीवी, बेंगलूरु स्पेशल - दानापुर से 29 सितम्बर एवं 06 अक्टूबर, 2023 को रद्द रहेगी ।

10. गाड़ी सं. 03242 एसएमभीवी, बेंगलूरु-दानापुर स्पेशल - दानापुर से 01 एवं 08 अक्टूबर, 2023 को रद्द रहेगी ।

11. गाड़ी सं. 03251 दानापुर-एसएमभीवी, बेंगलूरु स्पेशल - दानापुर से 01, 02, 08 एवं 09 अक्टूबर, 2023 को रद्द रहेगी ।

12. गाड़ी सं. 03252 एसएमभीवी, बेंगलूरु-दानापुर स्पेशल - दानापुर से 03, 04, 10 एवं 11 अक्टूबर, 2023 को रद्द रहेगी ।

परिवर्तित मार्ग से चलायी जाने वाली ट्रेन -

1. धनबाद से 02 से 10 अक्टूबर, 2023 तक खुलने वाली 13351 धनबाद-एल्लेपी एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग निडढ़वोलू-भीमवरम टाउन-गुडिवाडा-विजयवाड़ा के रास्ते चलाई जायेगी।

समर्पण एफपीसी से महिलाएं बन रही है कारोबारी – मानस

मुजफ्फरपुर - जीविका संपोषित समर्पण जीविका महिला किसान प्रोड्यूसर कंपनी का 10वां वार्षिक आम सभा हरपुर बखरी के समर्पण बीज प्रसंस्करण इकाई में आयोजित किया गया । कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक मानस कुमार एवं विशिष्ट अतिथि परियोजना प्रबंधक डॉ देवेश कुमार के साथ मंच पर उपस्थित उतर बिहार ग्रामीण बैंक से राजीव कुमार, जिला परियोजना प्रबंधक अनिशा एवं समर्पण एफपीसी के निदेशक दीदियों द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया।

कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए समर्पण जीविका महिला किसान प्रोड्यूसर कंपनी की अध्यक्ष चंदा देवी ने सभी आगंतुकों का स्वागत किया। इसके बाद कंपनी के सीईओ राजकुमार ने कंपनी में किये जा रहे कार्यों के बारे में विस्तार से बताया एवं अब तक हुए आय और व्यय का लेखा जोखा पेश किया कंपनी में अच्छा काम करने वाले सदस्यों को परियोजना प्रबंधक जीविका द्वारा स्मृति चिन्ह देकर स्वागत करने के बाद समर्पण जीविका महिला किसान प्रोड्यूसर कंपनी द्वारा उत्पादित समर्पण बीज को लॉंच किया गया । 

क्षेत्रीय प्रबंधक महोदय ने कार्यक्रम में उपस्थित कंपनी की शेयरधारक दीदियों को संबोधित करते हुए कहा कि जीविका संपोषित यह कंपनी लगातार अच्छा प्रयास कर रही है। इसी का नतीजा है कि आज इनका टर्नओवर करोड़ रुपये के उपर पहुंचा है। उन्होंने दीदियों से यह अपील की इसकी गति को और बढ़ायें ताकि इस कंपनी का नाम राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचें।

डॉ देवेश ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जिले में जीविका से जुड़ी दीदियां आज किसी भी काम में पीछे नहीं है । उन्होंने कहा कि दीदियों द्वारा स्थापित कंपनी का उत्पाद दूसरे राज्यों एवं शहरों में भेजा जा रहा है यह काबिलेतारिफ है । अभी दीदियों द्वारा जो उत्पाद उत्पादित किया जा रहा है उससे किसान दीदियों को गुणवत्ता वाले बीज मुजफ्फरपुर में ही मिल जायेंगे। 

इसके बाद जीविका कि जिला परियोजना प्रबंधक ने धन्यवाद ज्ञापन देकर कार्यक्रम के समाप्ति की घोषण की। कार्यक्रम में जीविका के जिला स्तरीय प्रबंधक, सभी प्रखंड के प्रखंड परियोजना प्रबंधक, सात सौ से अधिक दीदियों के साथ समर्पण जीविका महिला किसान प्रोड्यूसर कंपनी के कर्मी उपस्थित थे।

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

मुजफ्फरपुर में महिला सिपाही की संदिग्ध मौत, मामले की जांच मे जुटी पुलिस

मुजफ्फरपुर : जिले के बेनीबाद ओपी में तैनात महिला सिपाही गुंजन कुमारी (25) की संदेहास्पद स्थिति में मंगलवार को मौत हो गई। घटना उसके निजी आवास पर हुई है। पति भी घर में ही था। आशंका जताई जा रही है कि 2018 बैच की सिपाही गुंजन कुमारी ने आत्महत्या की है। उसके गले में फंदे के जख्म का निशान है। दोपट्टे से फंदा लगाकर लटकने की बात कही जा रही है। गुंजन का मायके मधेपुरा के रतवारा थाना के भवानी पारा और ससुराल कटिहार में है। वह बेनीबाद बाजार में पति राहुल कुमार के साथ किराये के मकान में रह रही थी।

बेनीबाद ओपी अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने बताया कि मंगलवार को दोपहर में फोन आया कि सिपाही गुंजन की तबीयत ज्यादा खराब है। कोई गाड़ी भेजिए। इसके बाद उन्होंने कुछ थाना स्टाफ को गाड़ी लेकर बेनीबाद बाजार स्थित उसके आवास पर भेजा। पति राहुल अन्य लोगों की मदद से गुंजन को उठाकर बाहर ला रहे थे। ओपी की गाड़ी से ही उसे गायघाट सीएचसी पहुंचाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत बताया। उसके गले में जख्म का निशान है। 

बताया जा रहा है कि सिपाही अपने पति कटिहार के कटिहार थाना क्षेत्र के दुर्गापुर निवासी राहुल के साथ बेनीबाद में एक किराये के मकान में रहती थी। वह चार दिन पहले ही अपने पति के साथ छह दिन की छुट्टी बिताकर लौटी थी। उसके पति भी साथ रहता था। सोमवार रात में वह थाना पर संतरी की ड्यूटी कर आवास पर लौटी थी। पुलिस उसके मायके वालों व ससुराल वाले को खबर कर उनके पहुंचने का इंतजार कर रही है। पुलिस गुंजन व उसके पति राहुल के मोबाइल को जब्त कर जांच कर रही है। 

डीएसपी पूर्वी शहरेयार खान मामले की सूचना मिलने के बाद जांच के लिए बेनीबाद ओपी पहुंचे। उन्होंने बताया कि गुंजन का एक कमरे का किराए का आवास है। कमरे में वह पति के साथ थी। पति ने ओपी अध्यक्ष को कॉल कर बताया था कि गुंजन की तबीयत काफी खराब हो गई है। सूचना देने के साथ वह महिला सिपाही को अचेतावस्था में सीएचसी लेकर गया। उसके पति को हिरासत में लिया गया है। पूछताछ में वह स्पष्ट जानकारी नहीं दे रहा है। मायके वालों के आने के बाद कुछ स्पष्ट होगा।

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

स्वराज्य-पर्व में आठवें दिन स्वाधीनता आंदोलन में रामदयालु सिंह और रामवृक्ष बेनीपुरी के योगदान पर परिचर्चाएं आयोजित

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स्वराज्य-पर्व में गणपति-उत्सव का आठवां दिन रहा मुजफ्फरपुर के कलाकारों के नाम। भक्ति संगीत और नृत्य की विविधरंगी प्रस्तुतियों से भावविभोर होते रहे दर्शक और श्रद्धालु

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26 सितंबर, 2023, मुजफ्फरपुर।

लोकमान्य तिलक द्वारा शुरू किये गये गणपति-उत्सव के अवसर पर राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर स्मृति न्यास, दिल्ली द्वारा रामदयालु सिंह कॉलेज में आयोजित स्वराज्य-पर्व के आठवें दिन आज स्वाधीनता आंदोलन में रामदयालु सिंह और रामवृक्ष बेनीपुरी के योगदान पर क्रमदो अलग-अलग महत्वपूर्ण परिसंवाद आयोजित किये गये।

परिसंवाद के प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए रामदयालु सिंह कॉलेज में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर डॉ. विकास नारायण उपाध्याय ने कहा कि रामदयालु बाबू सरीखे लोग आज भारत में नगण्य हैं। वे हमारे धरोहर पुरुष हैं। उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को याद करते ही वे हमारे सामने प्रत्यक्ष खड़े हो जाते हैं। रामदयालु बाबू की ईमानदारी और त्याग से प्रभावित होकर ही महंत जी ने रामदयालु सिंह कॉलेज के लिये अपनी 51 एकड़ ज़मीन दे दी। डॉ उपाध्याय ने बताया कि पहले महाविद्यालय का रूप ऐसा नहीं था। आज जो शास्त्री भवन कहलाता है, वह एक पूजास्थली थी। उसमें हवन-पूजन होता था। छोटे से भवन में महाविद्यालय प्रारंभ हुआ था। रामदयालु बाबू जब जिला परिषद के अध्यक्ष थे, शहर में साहित्यिक सांस्कृतिक गतिविधियों में तेज़ी आ गयी थी। इसी बुनियाद के बल पर इस मिट्टी से एक से बढ़ कर एक विद्वान और राजनेता निकले। जब उनका कार्यकाल समाप्त हुआ, तब जनश्रुति है कि परिषद की एक कलम उनकी जेब में रह गयी थी। जब उन्हें मालूम हुआ तो वे उसे वापस लौटाने परिषद आये। ऐसा ऊंचा आचरण था उनका, आज ऐसा उदाहरण शायद ही मिले।

डॉ उपाध्याय ने बताया कि रामदयालु बाबू बिहार विधानसभा के पहले अध्यक्ष थे। विधानसभा के संचालन का उनका तरीका अतुलनीय था। जब मुख्यमंत्री बनने का अवसर आया तो उन्होंने बाबू श्रीकृष्ण सिंह का नाम प्रस्तावित किया। अपने लिये उन्होंने देशसेवा का काम चुना था। वे गांधीजी को विशेष प्रिय थे। गांधीजी ने ही स्त्रीशिक्षा के लिये रामदयालु बाबू को महाविद्यालय खोलने की प्रेरणा दी थी। महंत जी के सहयोग से रामदयालु बाबू ने गांधीजी की प्रेरणा को मूर्त रूप दिया। आज केवल यह महाविद्यालय ही नहीं, बल्कि मुजफ्फरपुर का रेलवे स्टेशन और एक इलाका भी रामदयालु बाबू के नाम पर है। राजनीति में स्वच्छता और शुचिता की अनुपस्थिति के इस दौर में रामदयालु बाबू को याद करने की सार्थकता तब होगी, जब हम सार्वजनिक जीवन में उनके ऊंचे आदर्शों को स्थान दें।

गांधी साहित्य के जाने-माने अध्येता और गांधी शांति प्रतिष्ठान, दिल्ली के पूर्व सचिव श्री सुरेन्द्र कुमार ने अपने वक्तव्य में कहा कि स्वाधीनता आंदोलन और स्त्री शिक्षा के विकास में ऐतिहासिक योगदान के कारण रामदयालु बाबू हमारे महापुरुषों में अग्रणी स्थान रखते हैं। रामदयालु बाबू एक कुशल संगठनकर्ता थे। 1917 में जब चंपारण सत्याग्रह में गांधीजी को न्योता देने शुक्ल जी गये और गांधीजी बिहार आये, तो चंपारण न जाकर बिहार को समझने के लिये पहले वे रामदयालु बाबू के पास मुजफ्फरपुर आये, और तीन दिनों तक उनके साथ रहे थे। इससे रामदयालु बाबू की हस्ती का कुछ पता चलता है। आज लोग अपने जीतेजी अपनी मूर्तियां स्थापित करवा लेते हैं। लेकिन रामदयालु बाबू ने जीवनकाल में महाविद्यालय का नामकरण अपने नाम पर नहीं करने दिया। उनके देहांत के बाद ही यह संभव हो सका। ऐसा था उनका आदर्श। जिन लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना के लिये रामदयालु बाबू जैसे हमारे महापुरुषों ने जीवन भर त्याग किया था, आज उन लोकतांत्रिक मूल्यों और संस्थाओं को बचाने के लिये गांधीजी के दिखाये गये सत्याग्रह के रास्ते पर चलते हुए एक बार फिर आंदोलन छेड़ने की आवश्यकता महसूस होती है।

साहित्य में रामवृक्ष बेनीपुरी का योगदान विषय पर केन्द्रित दूसरी परिचर्चा को संबोधित करते हुए रामवृक्ष बेनीपुरी जी के नाती डॉ राजीव रंजन दास ने बेनीपुरी जी के जीवन और व्यक्तित्व के कई अल्पज्ञात तथ्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बेनीपुरी जी के बारे में कुछ बताने वाले लोग आज मुजफ्फरपुर में भी कम ही मिलेंगे। लोग एक साहित्यकार के रूप में ही बेनीपुरी जी के नाम से परिचित होंगे। जबकि बेनीपुरी जी, जिनके माता-पिता का देहांत उनके बचपन में ही हो गया था, अपनी शादी के तुरंत बाद स्वाधीनता आंदोलन में कूद पड़े थे। उनके ससुर जी निलहे आंदोलन में जेल जाने वाले सबसे पहले व्यक्ति थे, जिनका मुकदमा पंडित मोतीलाल नेहरू जी ने लड़ा था। बेनीपुरी जी गांधी जी से प्रभावित थे और धीरे-धीरे नेहरू जी के समाजवाद के साथ जयप्रकाश नारायण और बेनीपुरी जी जैसे लोग जुड़े। जब बम्बई में कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी की स्थापना हुई, तो इससे जुड़े लोगों ने गांधीजी जी की विचारधारा के साथ-साथ कुछ अन्य विचारों को मिला कर काम करना शुरू किया। लेकिन बेनीपुरी जी सहित वे सभी नेता अहिंसा के प्रति समर्पित रहे।

डॉ राजीव रंजन दास ने बेनीपुरी जी की चर्चा करते हुए बताया कि जब वे पटना जिला कांग्रेस के अध्यक्ष थे, तब भी उन्होंने चुनाव लड़ने से मना कर दिया था। वे स्वयं को मूलतः एक संगठनकर्ता के रूप में देखते थे। उन्होंने स्वाधीनता आंदोलन के दौरान जेलयात्राएं कीं। अपने ही देश में अपनी ही सरकार में मिल मजदूरों के आंदोलन का समर्थन करने के कारण बेनीपुरी जी को गिरफ्तार कर जेल में डाला गया था। बाद में जयप्रकाश नारायण जी के रौद्र रूप धारण करने के बाद सरकार को झुकना पड़ा और बेनीपुरी जी ससम्मान रिहा किये गये। 1942 के करो या मरो आंदोलन से पहले भी बेनीपुरी जी जेल में डाल दिये गये थे। छूटने के बाद उन्होंने आंदोलन को जगह-जगह एकजुट किया और लोहिया, जयप्रकाश नारायण आदि के साथ मिलकर नेपाल में क्रान्तिकारियों को प्रशिक्षित करना शुरू किया। वहीं अपना रेडियो स्टेशन भी शुरू कर दिया गया। बाद में उन्हें नेपाल से गिरफ्तार कर बैलगाड़ी पर हनुमाननगर जेल तक लाया गया। बाबू सूरज नारायण सिंह ने हनुमाननगर जेल तोड़ कर उन्हें निकाला और रात भर में वे सभी भारतीय सीमा में प्रवेश कर गये। यह भी बेनीपुरी जी के राजनीतिक जीवन का एक पहलू था कि गांधीवादी समाजवादी होते हुए भी वे अहिंसा के पुजारी नहीं थे। उन्होंने जेल से मुक्त होने के लिये अंग्रेजों से कभी माफी नहीं मांगी।

डॉ राजीव ने कहा कि लेखक के रूप में बेनीपुरी जी का सबसे बड़ा योगदान यह है कि उनकी लेखनी से हमें स्वाधीनता आंदोलन के वास्तविक स्वरूप की यथातथ्य जानकारी मिलती है। 42 के आंदोलन, हजारीबाग के जेल तोड़ो आंदोलन या बिहार के किसान आंदोलन का आंखों देखा लिखित इतिहास हमें बेनीपुरी जी के साहित्य से ही प्राप्त होता है। कारावास के दौरान ही बेनीपुरी जी ने अधिकांश साहित्यिक कृतियां लिखीं। उन्होंने जो देखा, जो भोगा उसे ही अपनी लेखनी का विषय बनाया।

वरिष्ठ कवि संजय पंकज ने स्वाधीनता आंदोलन में बेनीपुरी जी के योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि श्रीरामवृक्ष बेनीपुरी जी स्वाधीनता आंदोलन के योजनाकारों में एक थे। आज उनके नाम से श्री हटा कर रामवृक्ष बेनीपुरी कर दिया जाता है, जो नहीं होना चाहिये। बेनीपुरी जी किसानों और मज़दूरों को भगवान मानते थे। उन्होंने बागमती विश्विद्यालय शुरू किया, लेकिन पक्षाघात का शिकार होने के चलते यह योजना आगे नहीं बढ़ सकी।

कवि संजय पंकज ने कहा कि अपनी लेखनी के दम पर बेनीपुरी जी हमेशा जीवित रहेंगे। सभी विधाओं में श्रेष्ठ लेखन करने वाले बेनीपुरी जी को रेखाचित्र लेखन का जादूगर माना जाता है। जयप्रकाश नारायण को लोकनायक की संज्ञा देने वाले भी बेनीपुरी जी ही थे। बेनीपुरी जी का कृतित्व और व्यक्तित्व देखें तो वे सामाजिक सौहार्द्र और स्त्रियों के पक्ष में सदैव खड़े दिखाई पड़ते हैं। आदिवासी जीवन के संघर्षों और उल्लासों को भी बेनीपुरी जी ने अपनी लेखनी का विषय बनाया। बेनीपुर जैसे छोटे गांव में जन्म लेने वाले विराट व्यक्तित्व बेनीपुरी जी ने इतिहास रचा, और बुलन्दियों पर पहुंचे। दिनकर जी ने एक बार कहा था कि दिनकर को दिनकर श्रीरामवृक्ष बेनीपुरी ने बनाया। वे न होते तो दिनकर न होते।

सह-संयोजक अविनाश तिरंगा उर्फ ऑक्सीजन बाबा ने कहा कि बेनीपुरी जी एक निर्भीक लेखक, विचारक, पत्रकार, स्वतंत्रता सेनानी और संगठनकर्ता के रूप में सदा हमारे लिये प्रेरणापुंज बने रहेंगे। आज के परिसंवाद के दोनों सत्रों का संचालन शिक्षाविद् अखिलेश चन्द्र राय ने किया।