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मणिपुर में फिर उग्रवादी समूहों की गतिविधियों से बढ़ी असम राइफल्स की चिंता, राज्य की पुलिस को पत्र लिखकर किया आगाह

3 मई को मणिपुर में खूब दंगा फसाद हुआ। इसके बाद प्रदेश में कुछ महीनों तक शांति रही। अब स्थिति सामान्य होती दिख रही है। यहां के लोगों की दिनचर्या धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है। ऐसे में राज्य में भी सरकारी प्रतिबंधों में छूट दी जा रही है। ऐसे में यहां उग्रवादी समूहों द्वारा कुछ गतिविधियां की जा रही हैं, जिससे असम राइफल्स की चिंता बढ़ गई है।

इस बीच असम राइफल्स ने मणिपुर पुलिस को एक लेटर लिखा है। पत्र में असम राइफल्स ने कहा कि ऐसे ट्रकों का इस्तेमाल विद्रोही समूहों द्वारा किया जा रहा है, जिन पर अर्धसैनिक चिन्ह लगा हुआ है। असम राइफल्स ने मणिपुर पुलिस को लेटर लिखकर कहा है कि काकचिंग जिले में ऐसे कई ट्रकों का उपयोग किया जा रहा है। इस ट्रक को पैरामिलिट्री ट्रक की तरह मॉडिफाई किया गया है।

पत्र में कहा गया है कि इस ट्रक को संशोधित कर असम राइफल्स की छवि खराब करने का इरादा था। साथ ही इसका इस्तेमाल देश विरोधी गतिविधियों में भी किया जा सकता है. असम राइफल्स ने चुराचांदपुर पुलिस से काकचिंग जिले के एसपी और उच्च अधिकारियों को सूचित करने की अपील की है। वहीं, मणिपुर राज्य सरकार ने शनिवार को बड़ा फैसला लेते हुए कई महीनों से बंद पड़ी इंटरनेट सेवाओं को बहाल करने का ऐलान किया है।

भारत ने आधिकारिक तौर पर कनाडा को एक अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी अभयारण्य किया घोषित, पाक के बाद अब कनाडा को कहा 'आतंकियों की जन्नत'

डेस्क: Safe Haven for terror...। सरल शब्दों में कहें तो आतंकियों की जन्नत। भारत ने पहली बार पाकिस्तान के बाद यह शब्द किसी दूसरे देश के लिए इस्तेमाल किया है। यह देश है कनाडा। कुछ बरस पहले तक भारत के अच्छे दोस्तों में शुमार रहे कनाडा ने वह दर्द दिया है, जिससे रिश्तों में अब बड़ी गांठ पड़ गई है।

 भारत के बार-बार कहने के बावजूद देश को तोड़ने की कोशिश करने वाले खालिस्तानी आतंकियों पर कनाडा सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। हाल में जो लिस्ट सामने आई हैं उससे पता चलता है कि कैसे करीब एक दर्जन गैंगस्टर जाकर वहां पनाह लिए बैठे हैं। लोकतंत्र और मानवाधिकार के नाम पर कनाडा धीरे-धीरे वो करने लग गया जो पाकिस्तान 1947 से करता आ रहा है। भारत के खिलाफ नफरत फैलाने वाले और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों का अड्डा बन गया। 

अब एक खालिस्तानी आतंकी की आपसी रंजिश में हत्या हुई तो अलगाववादियों को खुश करने के लिए पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भारत से संबंधों को भी बेपटरी कर दिया। एक्सपर्ट, वहां की मीडिया और विपक्ष भी पूछ रहा है कि प्रूफ कहां है। इतना बड़ा संगीन आरोप लगाने से पहले सबूत तो सामने रखा होता। कुछ घंटे पहले उन्होंने आरोप दोहराया लेकिन सबूत नहीं दिया। दूसरी तरफ वहां खालिस्तानी भारतीय हिंदुओं को धमका रहे हैं, मिशनों पर हमले की धमकी दे रहे हैं और पीएम ट्रूडो इस बात पर मौनव्रत में चले जाते हैं।

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘कनाडा में अलगाववादियों को पनाह दी जा रही है। हम चाहते हैं कि कनाडा की सरकार ऐसा ना करे। वह आतंकवाद के आरोपों का सामना करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करे या फिर उन्हें अदालत के कठघरे में खड़ा करने के लिए भारत भेजे।’ उन्होंने बताया है कि भारत ने कुछ वर्षों में कम से कम 20 से 25 लोगों से संबंधित प्रत्यर्पण अनुरोध या अन्य सहायता के लिए कनाडा से अनुरोध किया लेकिन कोई उपयुक्त प्रतिक्रिया नहीं मिली।

अब ऐक्शन तो होना ही था। दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा तो भारत ने कनाडा से दिल्ली में अपने राजनयिकों की संख्या कम करने को कह दिया। 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया है कि भारत में कनाडाई राजनयिक कर्मचारियों की संख्या वहां मौजूदा भारतीय राजनयिक कर्मचारियों की तुलना में ज्यादा है। इसमें समानता होनी चाहिए। भारत ने पहले ही कनाडा के आरोपों को ‘बेतुका’ और निजी हितों से प्रेरित बताकर सिरे से खारिज कर चुका है। एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को देश से निष्कासित कर दिया गया।

 खालिस्तानी अलगाववादी निज्जर की 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया में दो नकाबपोश बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। भारत ने निज्जर को 2020 में आतंकवादी घोषित किया था। दिलचस्प है कि एक दिन पहले भी वहां एक पंजाबी गैंगस्टर की दूसरे गैंग ने हत्या कर दी।

जी हां, हरदीप सिंह निज्जर कोई पहला कट्टरपंथी नहीं है जिसे बचाने के लिए कनाडा सरकार आगे आई है। खुफिया अधिकारियों की मानें तो एयर इंडिया के कनिष्क प्लेन बम धमाके के गुनहगार तलविंदर सिंह परमार को भी कनाडा सरकार ने इसी तरह से संरक्षण दिया था। उस समय जस्टिन ट्रूडो के पिताजी पियरे ट्रूडो पीएम थे। इस तरह से देखें तो वह अपने पिता के ही नक्शेकदम पर चल रहे हैं।

यह बड़ी बात है कि भारत ने सीधे तौर पर कनाडा को आतंकवादियों के लिए पनाहगाह बताया है। इस उत्तर अमेरिकी देश के लिए वीजा सेवाओं को यह कहते हुए निलंबित कर दिया गया कि भारतीय राजनयिक खालिस्तानी तत्वों से पैदा हुए खतरों के कारण अपना काम करने में असमर्थ हैं। भारत ने यह भी कहा है कि कनाडा के राजनयिक भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे हैं, ऐसे में दिल्ली में वह अपनी राजनयिक मौजूदगी घटाए।

 कनाडाई नागरिकों के लिए ई-वीजा सुविधा को भी निलंबित किया गया है। उन्हें तीसरे देशों से भी भारतीय वीजा के लिए आवेदन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। गौर करने वाली बात यह है कि कनाडा ने अभी तक भारत से हत्या का कनेक्शन साबित करने वाला कोई सबूत या जानकारी नहीं दी है। भारत ने कनाडा को 20 खालिस्तान उग्रवादियों की सूची सौंपी है जिस पर कनाडा को ऐक्शन लेना अभी बाकी है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागची ने कहा कि कनाडा में आतंकवाद को फंडिंग और समर्थन दिया जा रहा है और वहां सुरक्षित पनाह मिल रही है। भारतीय अधिकारी ने कहा, 'आतंकवाद के लिए सुरक्षित पनाहगाह के रूप में कनाडा की प्रतिष्ठा बढ़ रही है।' उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच मुख्य मुद्दा आतंकवाद है और कनाडा से खालिस्तान समर्थक ताकतों के खिलाफ कार्रवाई करने का आह्वान किया।

मुंबई के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर बस एक कॉल से मच गया हड़कंप, पुलिस जांच में जुटी, ये है मामला

डेस्क: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक कॉलर ने कॉल करके कहा कि एयरपोर्ट पर नीले रंग के बैग में बम है। मुंबई के टी-2 पर एक अज्ञात शख़्स ने ये कॉल की थी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस जानकारी के मिलने के बाद एयरपोर्ट ने मुंबई पुलिस कंट्रोल रूम को इस बात की सूचना दी और फिर सारे बड़े अधिकारी अज्ञात कॉलर से मिली जानकारी पर काम करने लगे। 

पुलिस हुई अलर्ट

एक अधिकारी ने बताया कि सहार पुलिस स्टेशन के अधिकारी तुरंत ही एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए और SOP के मुताबिक जांच शुरू कर दी गई। मुंबई पुलिस की जोन 8 के डीसीपी दीक्षित कुमार गेदाम ने बताया कि हम इस मामले की जांच कर रहे हैं। फिलहाल कॉलर ने जो दावा किया था, वैसा कुछ नहीं मिला है। प्राथमिक जांच के मुताबिक, यह एक फेक कॉल लग रही है। 

एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस इस मामले की जांच कर रही है कि आखिर कॉलर ने ऐसा कॉल क्यों किया और उसका मकसद क्या था?

तुम हमारा साथ दो, हम तुम्हें हिंदू राष्ट्र देंगे..." एमपी के खंडवा से पंडित धीरेंद्र शास्त्री का आह्वान

डेस्क: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने एक बार फिर हिंदू राष्ट्र का आह्वान किया है। मध्यप्रदेश के खंडवा जिले के हरसूद में पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने व्यास पीठ से हिन्दू राष्ट्र का आह्वान किया है। बागेश्वर बाबा ने कहा, "तुम हमारा साथ दो... हम मिलकर तुम्हें हिंदू राष्ट्र देंगे।" फिर बाबा ने कथास्थल पर मौजूद विशाल जनसमूह से पूछा कि कौन-कौन भारत हिन्दू राष्ट्र चाहता है? लिख दो दीवालों पर... मोबाइल देखना बंद करो, मोबाइल पर हिंदू राष्ट्र नहीं बनने वाला। आओ घर से बाहर निकलकर... भारत हिन्दू राष्ट्र की पहल प्रारंभ करते हैं।

प्रदेश के वनमंत्री ने करवाया कथा का आयोजन

बता दें कि खंडवा जिले के हरसूद में पंडित धीरेंद्र शास्त्री की दो दिवसीय कथा चल रही है। इस दौरान बागेश्वर बाबा ने एक बार फिर से हिन्दू राष्ट्र का आह्वान किया है। खंडवा जिले की हरसूद विधानसभा में प्रदेश के वनमंत्री विजय शाह द्वारा बागेश्वर बाबा की कथा का दो दिवसीय आयोजन करवाया जा रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर कथा श्रवण कर रहे हैं और दिव्य दरबार में अपनी समस्याओं का हल बागेश्वर धाम से जान रहे हैं।

"ये सब रावण के खानदान के हैं..."

वहीं इससे पहले कल जब पंडित धीरेंद्र शास्त्री खंडवा हवाई पट्टी से निकल कर सड़क मार्ग से कथास्थल तक जा रहे थे। उस दौरान बागेश्वर बाबा ने रास्ते में अपना काफिला रोक दिया, जहां बड़ी संख्या में लोग उनसे मिलने के लिए खड़े थे। इस दौरान उन्होंने मीडिया से भी बातचीत की। संवाददाताओं से बातचीत के दौरान बागेश्वर बाबा ने कहा कि भारत हिंदू राष्ट्र हो और सनातन की जागृति हो इसलिए हम यहां आए हैं। इस दौरान सनातन पर कटाक्ष करने वालों के सवाल पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, "ये सब रावण के खानदान के हैं बेचारे..."

मुंबई में गणेश उत्सव की धूम, करीब 250 KG कागज से बनाई गई गणपति की इको फ्रेंडली मूर्ति, नाम है- एलफिन्सटन के राजा

डेस्क: महाराष्ट्र में गणेश उत्सव की धूम मची हुई है। इस बार उत्सव के दौरान गणपति की इको फ्रेंडली मूर्तियां देखने को मिल रही हैं। बड़ी संख्या में लोग अपने घरों पर बप्पा की ऐसी ही मूर्ति ला रहे हैं। इस तरीके की मूर्तियों का क्रेज इस बार बड़े गणपति मंडलों में भी देखने को मिल रहा है।

एलफिन्सटन के राजा आकर्षण का केंद्र

इस बार एलफिन्सटन के राजा की मूर्ति का काफी चर्चा हो रही है। इसे 200-250 किलो के कागज से बनाया गया है। 18 फीट ऊंची इस मूर्ति को बनाने में कुल 3 महीने का समय लगा है। बप्पा को कृष्ण अवतार में शेषनाग कालिया का मर्दन करते हुए दर्शाया गया है। नाग से बप्पा के मूर्ति की कुल ऊंचाई करीब 22 फीट है।

ये मूर्ति पूरी तरह से इको फ्रेंडली है और पूरे 11 दिनों तक मंडल में स्थापित रहेगी। इसका खास ख्याल रखने के लिए AC के जरिए सही तापमान भी यहां मेंटेन रखा जाता है। इस बड़ी मूर्ति के साथ गणपति की एक छोटी मूर्ति भी रखी गई है, जिसमें प्राण प्रतिष्ठा की गई है।

गिरगांव चौपाटी में विसर्जित की जाती है ये मूर्ति

इस मंडल से जुड़े सुधीर सोनावणे ने बताया कि यह इको फ्रेंडली मूर्ति हर साल गिरगांव चौपाटी में विसर्जित की जाती है और कागज से बने होने की वजह से यह आसानी से पानी मे घुल जाती है। सुधीर ने बताया कि यह पेपर के गणपति का तीसरा साल है। कोविड के बाद से ही वो बप्पा की मूर्ति पेपर से बनवा रहे हैं।

सुधीर ने बताया कि वो इको फ्रेंडली मूर्ति के ज़रिए लोगों को पर्यावरण में पॉलीथिन और प्लास्टिक के चलते हो रहे नुकसान के प्रति जागरूक करना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने कई सोशल संदेश भी लिखे हैं। वहीं इस मंडल के अध्यक्ष संकेत धुरी ने बताया कि बप्पा की मूर्ति के आकार और कॉन्सेप्ट पर उत्सव के 6 महीने पहले तैयारी शुरू हो जाती है। पिछले साल बप्पा को कागज में ही राम अवतार में दिखाया गया था।

UNGA में बजा भारत का डंका, भूटान ने कहा-कोविड के दौरान 100 देशों को वैक्सीन देना हिंदुस्तान की सबसे बड़ी मानवीय पहल

डेस्क: न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के अधिवेशन में भारत के वैश्विक प्रयासों की जमकर सराहना हो रही है। कोविड के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वसुधैव कुटुंबकम की भावना से उठाया गया कदम दुनिया के लिए वरदान साबित हुआ है। भूटान के विदेश मंत्री टांडी दोरजी ने यह बात कही है। उन्होंने भारत-संयुक्त राष्ट्र वैश्विक शिखर सम्मेलन में कहा कि" भारत द्वारा शुरू की गई "वैक्सीन मैत्री" सबसे बड़ी मानवीय पहलों में से एक थी। इस पहल ने दुनिया भर के लगभग 100 देशों को COVID टीके प्रदान किए हैं। इससे मानवता की सबसे बड़ी सेवा हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि भूटान और भारत के बीच स्थायी साझेदारी वैश्विक दक्षिण (ग्लोबल साउथ) में मजबूत द्विपक्षीय संबंधों का एक उल्लेखनीय उदाहरण है।

दोरजी ने कहा भारत और भूटान की यह साझेदारी व्यापार, शिक्षा और विकास समेत विभिन्न क्षेत्रों में है। भूटान के सामाजिक-आर्थिक विकास व हाइड्रोपॉवर सेक्टर के लिए भारत का निरंतर सहयोग न सिर्फ भूटान के आर्थिक विकास को गति देगा, बल्कि यह क्षेत्रीय ऊर्जा सुरक्षा को भी बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा कि भारत और भूटान की साझेदारी ग्लोबल साउथ में लगातार मजबूत द्विपक्षीय संबंधों का बड़ा उदाहरण बनता जा रहा है। हमारे शेयर वैल्यू और ऐतिहासिक साझेदारी नया मुकाम हासिल कर रही है। भारत और भूटान के बीच यह जनता का जनता से सहयोग दो देशों के आगे संबंधों को और अधिक मजबूती देगा।

कोविड में पीएम मोदी ने की मानवता की बड़ी सेवा

कोविड महामारी के दौरान जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से लेकर दुनिया के अन्य बड़े देश भारत में मौतों के तांडव और बेहिसाब बर्बादी की भविष्यवाणी कर चुके थे, उसी दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने दूसरे देशों पर निर्भर न रहकर अपने देश में ही कोरोना का टीका विकसित करने का संकल्प लिया। भारत में तैयार कोविड टीके ने न सिर्फ अपने देश के लोगों की जान बचाई, बल्कि पीएम मोदी ने इसे 100 से अधिक देशों में मानवता की रक्षा के लिए भेजा। इससे पूरी दुनिया में भारत करोड़ों लोगों की जान बचाने में सफल रहा। भारत के इस प्रयास का पूरा विश्व सराहना करते नहीं थक रहा। हर देश पीएम मोदी की इस पहल के लिए उनका हमेशा के लिए ऋणी रहेगा।

*देश को आज मिलेंगी 9 वंदे भारत एक्सप्रेस की सौगात, 11 राज्यों के धार्मिक और पर्यटन स्थलों को मिलेगी कनेक्टिविटी, पीएम मोदी दिखाएंगे हरी झंडी

डेस्क: देश को आज 9 वंदे भारत एक्सप्रेस की सौगात मिलने वाली है। पीएम मोदी इन्हें हरी झंडी दिखाएंगे। ये 9 नई वंदे भारत ट्रेनें ग्यारह राज्यों में कनेक्टिविटी को बढ़ाएंगी और लोगों को यात्रा के लिए एक बेहतर माध्यम देंगी। इन ट्रेनों के संचालन से पुरी, मदुरै और तिरूपति जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों को नई कनेक्टिविटी मिलेगी। ये ट्रेनें काफी तेज होंगी, जिससे यात्रियों के समय की काफी बचत होगी। इन ट्रेनों में यात्रियों को वर्ल्ड क्लास सुविधाएं मिलेंगी, जिससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

किन राज्यों के बीच बढ़ेगी कनेक्टिविटी?

ये 9 ट्रेनें 11 राज्यों राजस्थान, तेलंगाना, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, केरल, झारखंड और गुजरात में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देंगी। ये ट्रेनें अपने मार्गों पर सबसे तेज ट्रेन होंगी और यात्रियों का काफी समय बचाने में मदद करेंगी। इन वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत से देश में रेल सेवा के एक नए मानक की शुरुआत होगी। 

नई ट्रेनों के नाम

उदयपुर-जयपुर वंदे भारत एक्सप्रेस

तिरुनेलवेली-मदुरै-चेन्नई वंदे भारत एक्सप्रेस

हैदराबाद-बेंगलुरु वंदे भारत एक्सप्रेस

विजयवाड़ा - चेन्नई (रेनिगुंटा के माध्यम से) वंदे भारत एक्सप्रेस

पटना-हावड़ा वंदे भारत एक्सप्रेस

कासरगोड-तिरुवनंतपुरम वंदे भारत एक्सप्रेस

राउरकेला-भुवनेश्वर-पुरी वंदे भारत एक्सप्रेस

रांची-हावड़ा वंदे भारत एक्सप्रेस

जामनगर-अहमदाबाद वंदे भारत एक्सप्रेस

फिल्म अभिनेत्री कृति सेनन ने उत्तराखंड के सीएम धामी से की मुलाकात, बोलीं-यहां शूटिंग को लेकर बहुत उत्साहित हूं

 बॉलीवुड की मशहूर अदाकारा कृति सेनन फिल्म शूटिंग के सिलसिले में देहरादून पहुंची। उन्होंने फिल्म लेखिका कनिका ढिल्लन के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से उनके आवास पर शिष्टाचार भेंट की। मुलाकात के दौरान सेनन बोलीं, मैं उत्तराखंड की शानदार लोकेशन में शूटिंग को लेकर बहुत उत्साहित हूं।

निर्माता कनिका ढिल्लन ने बताया कि पहले “दो पत्ती” का शूट हिमाचल में होने वाला था और लेकिन बाद में टीम ने उत्तराखंड आने का मन बनाया। उन्होंने कहा उत्तराखंड में और भी ऐसे खूबसूरत शूटिंग लोकेशन हैं, जिनको वे अपनी आने वाली फिल्मों में शामिल करेंगी। उनकी रेकी टीम देहरादून के आस-पास और भी शूटिंग लोकेशंस को देखने के लिए निकली है।

मुख्यमंत्री ने कनिका ढिल्लन और कृति सेनन को इस फिल्म की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने बताया कि उत्तरखंड फिल्म विकास परिषद की नई फिल्म नीति भी बनकर तैयार है और इस नई नीति में फिल्मों को पहले से अधिक अनुदान की राशि को शामिल किया गया है।

ओटीटी प्लेटफॉर्म और वेब सीरीज को भी अनुदान के साथ-साथ अन्य पुरस्कारों को भी प्रोत्साहन के रूप में शामिल किया गया है। इस दौरान फिल्म विकास परिषद के सीईओ और महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी और संयुक्त निदेशक नितिन उपाध्याय मौजूद थे।

सोमालिया के बेलेडवेन शहर में आत्मघाती कार बम विस्फोट, 20 की मौत, राहत बचाव कार्य जारी

सोमालिया में आत्मघाती हमलों का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। एक बार फिर सोमालिया धमाकों से दहल उठा है। मिली जानकारी के अनुसार, ताजा मामला रविवार का है, जहां बेलेडवेन शहर में एक आत्मघाती कार बम हमले में कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई। इसमें अधिकांश नागरिक थे।

इधर, बेलेडवेयने जिला आयुक्त उमर अलासो के अनुसार, एक बाजार और दो पेट्रोल स्टेशनों को निशाना बनाकर यह हमले किए गए। इससे पड़े पैमाने पर विनाश हुआ है। चीन की एक आधिकारिक समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने अलासो के हवाले से बताया कि आत्मघाती बम हमले के पीड़ितों की मदद के लिए सुरक्षा बल और चिकित्सा दल जमीन पर मौजूद हैं। राहत बचाव कार्य जारी है।

कर्नाटक में भाजपा से हाथ मिलाते ही JDS में लगी इस्तीफों की झड़ी, पार्टी उपाध्यक्ष समेत कई नेताओं ने दिया इस्तीफा, समीकरण भी बदल रहा

कभी कर्नाटक में कांग्रेस के साथ सत्ता में रही जनता दल (सेक्युलर) ने अब भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। दोनों दल मिलकर 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। हालांकि, उससे पहले जेडीएस (JDS) को बड़ा झटका लगा है। पार्टी की राज्य इकाई के उपाध्यक्ष सैयद शफीउल्लाह साहेब ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

सैयद शफीउल्लाह ने क्या कहा?

सैयद शफीउल्लाह ने अपना इस्तीफा जेडीएस के प्रदेश अध्यक्ष के पास भेज दिया है। शफीउल्लाह ने कहा कि उन्होंने जेडीएस छोड़ने का फैसला इसलिए लिया है, क्योंकि उनकी पार्टी ने बीजेपी से हाथ मिला लिया है।

शफीउल्लाह ने अपने इस्तीफे में लिखा- मैंने समाज और समुदाय की सेवा करने के लिए कड़ी मेहनत की है। चूंकि मेरी पार्टी के वरिष्ठ नेता अब भाजपा के साथ हाथ मिलाने का फैसला कर रहे हैं। इसलिए मेरे पास पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।

कई नेताओं ने दिया इस्तीफा

न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि शफीउल्लाह के अलावा, जनता दल सेक्युलर शिवमोग्गा के अध्यक्ष , एम श्रीकांत और यूटी आयशा फरजाना समेत कई नेताओं ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।

22 सितंबर को एनडीए में शामिल हुई जेडीएस 

पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा की पार्टी जेडीएस ने 22 सितंबर को कर्नाटक में भाजपा के साथ गठबंधन करने की घोषणा की, जिसके बाद जेडीएस औपचारिक रूप से एनडीए यानी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल हो गई। पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद यह एलान किया।

भाजपा को 25 सीटों पर मिली थी जीत

गौरतलब है कि जेडीएस ने पिछला लोकसभा चुनाव कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ा था। हालांकि, उसे हार का सामना करना पड़ा। भाजपा ने राज्य की 28 में से 25 सीटों पर जीत दर्ज की। भाजपा समर्थित एक निर्दलीय उम्मीदवार ने भी मांड्या लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी।