भारत-कनाडा विवाद पर बयान के बहाने चीन ने पश्चिमी देशों पर निकाली भड़ास, ग्लोबल टाइम्स ने कहा-'भारत के लिए अमेरिका का पाखंड उजागर'
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भारत-कनाडा के बीच विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा खालिस्तानी अलगावादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की जून में हुई हत्या में संभावित तौर पर भारतीय एजेंट के शामिल होने के आरोप के बाद दोनों देशों के राजनयिक संबंधों में और तनाव पैदा हो गया है।आज भारत सरकार ने इस मामलसे में सख्ती दिखाते हुए कनाडा के नागरिकों के लिए वीजा सेवा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।इस बीच चीन ने भी भारत-कनाडा विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने अपने आर्टिकिल के हेडलाइंस में लिखा है, कि भारत और कनाडा के बीच का बढ़ता विवाद अमेरिका के मूल्य आधारित गठबंधन के पाखंड को उजागर करता है।
वेबसाइट ने लिखा है, "भारत में सिख अल्पसंख्यक समुदाय है जिसकी आबादी 2 करोड़ से अधिक है. दुनिया भर में प्रवासी के रूप में रह रहे सिखों में कनाडा में सबसे ज्यादा सिख रहते हैं। कनाडा में सिख समुदाय महत्वपूर्ण राजनीतिक, वाणिज्यिक और आर्थिक प्रभाव रखता है।हाल के वर्षों में कनाडा में अलगाववादी खालिस्तान आंदोलन का फिर से जोर पकड़ना भारत और कनाडा के बीच विवाद का एक प्रमुख कारण बन गया है, जिससे दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है।वहीं, ट्रूडो के इन आरोपों के बाद दोनों देशों के बीच तनातनी ने भारत-कनाडा संबंधों को और खतरे में डाल दिया है।
चीन के ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि भारत और कनाडा के बीच मुख्य विवाद कनाडा में सिख समुदाय के आसपास केंद्रित रहा है। जिन्हें भारत खालिस्तानी कहता है और जो मोदी सरकार का विरोध करते हैं और सिख अधिकारों की वकालत करते है। इन्हें कनाडा में प्राश्रय मिल रहा है। हाल के वर्षों में अलगाववादी खालिस्तान आंदोलन का पुनरुत्थान भारत और कनाडा के बीच विवाद का एक प्रमुख मुद्दा बन गया है, जिससे उनके द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। दोनों देशों के बीच चल रही तनातनी ने भारत-कनाडा संबंधों को और खतरे में डाल दिया है। पर्यवेक्षकों के अनुसार भारत में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच मुलाकात का नहीं होना ही दोनों देशों के रिश्तों में खतरे का संकेत था। अब कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रुडों के आरोपों के बाद यह मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं।
आर्टिकिल में आगे लिखा गया है, कि पश्चिमी देश मानवाधिकारों के रक्षक होने का दावा करते हैं और अक्सर मानवाधिकार संबंधी मुद्दों पर दूसरे देशों की आलोचना करते हैं। भारत की तथाकथित "लोकतंत्र" के लिए उनकी प्रशंसा मुख्य रूप से भूराजनीतिक हितों और भारत को उनके चीन विरोधी गठबंधन में शामिल करने की इच्छा से प्रेरित है। ग्लोबल टाइम्स ने आगे सिंघुआ विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय रणनीति संस्थान में अनुसंधान विभाग के निदेशक कियान फेंग के हवाले से लिखा है, कि अमेरिका, हाल के वर्षों में लोकतंत्र और स्वतंत्रता के सामान्य मूल्यों का झंडा लहरा रहा है, व्यापक सहयोग विकसित करने का प्रयास कर रहा है। चीन को रोकने के लिए भारत के साथ गठबंधन कर रहा है। लिहाजा, वे भारत में मानवाधिकारों के हनन और घरेलू जातीय अल्पसंख्यकों पर उल्लंघन के बारे में जो सोचते हैं, उस पर आंखें मूंदने को तैयार हैं, जो उनके तथाकथित सामान्य मूल्यों के आधार पर भारत के साथ पश्चिमी गठबंधन के पाखंड को उजागर करता है।
बता दें कि 18 जून 2023 को कनाडाई नागरिक और खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अब कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रुडो ने संसद में बयान देकर भारत पर हत्या में शामिल होने का बेहद संगीन आरोप लगाया है। हालांकि भारत ने कनाडा के इन आरोपों को बेतुका, प्रेरित और आधारहीन बताकर तत्काल ही खारिज कर दिया था।
Sep 21 2023, 16:10