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भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक आज, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के उम्मीदवारों की दूसरी सूची पर लग सकती है मुहर

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पांच राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में इसी साल नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। सभी दलों ने चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है। इसी क्रम में भारतीय जनता पार्टी केंद्रीय चुनाव समिति की आज अहम बैठक दिल्ली में होने जा रही है। इस बैठक में पीएम मोदी, जेपी नड्डा और अमित शाह भी शामिल होंगे। माना जा रहा है कि आज की अहम बैठक में आने वाले विधानसभा चुनावों में उम्मीदवारों की लिस्ट पर अंतिम मुहर लग सकती है।

भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति की ये मीटिंग शाम 5 बजे होनी है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बीजेपी की चुनाव समिति की बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। मीटिंग में समिति के सदस्य चल रही चुनावी तैयारियों की समीक्षा करेंगे, चुनावी रणनीति तैयार होगी और फीडबैक लिया जाएगा। इसके साथ ही मीटिंग में उम्मीदवारों का चयन भी आज हो सकता है।

इस बैठक में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के उम्मीदवारों की दूसरी सूची पर मुहर लग सकती है। मध्यप्रदेश की 40 से 45 और छत्तीसगढ़ की 21 से 25 नामों पर बीजेपी सीईसी मुहर लगा सकता है। मध्यप्रदेश की बी और सी कैटेगरी और छत्तीसगढ़ की सी और डी कैटेगरी सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की सूची पर अंतिम लगेगी। एमपी (39) और छत्तीसगढ़ (19) के सी और डी कैटेगरी सीटों पर उम्मीदवारों की पहली सूची 3 हफ्ते पहले ही तय की जा चुकी है। आज रात या कल तक उम्मीदवारों के नामों का ऐलान भी किया जा सकता है।

बता दें कि अपनी परंपरा से हटते हुए भाजपा ने इस बार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा होने से काफी पहले ही अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा शुरू कर दी है। इसके पहले मंगलवार को अमित शाह के घर छत्तीसगढ़ को लेकर एक अहम बैठक हुई, जिसमें राज्य के आला नेताओं के साथ बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल थे। पिछले महीने हुई केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में बीजेपी ने मध्य प्रदेश के लिए 39 और छत्तीसगढ़ के लिए 21 उम्मीदवारों के नाम की लिस्ट जारी की थी। इसमें से अधिकतर सीट ऐसी थीं, जिस पर बीजेपी ने पिछले चुनाव में हार का सामना किया था।

भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों में कैसे बटेंगी सीटें, शरद पवार के आवास पर आज I.N.D.I.A. गठबंधन की बैठक में होगा फैसला, यहां पढ़िए पूरी रिपोर्ट

विपक्षी I.N.D.I.A. ब्लॉक की समन्वय समिति आज बुधवार (13 सितंबर) को अपनी पहली बैठक आयोजित करने के लिए तैयार है और विवरण के अनुसार, कई विपक्षी दलों के नेताओं ने जल्द सीट-बंटवारे के फॉर्मूले पर काम करने की मांग की है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लोकसभा सीटों पर भाजपा के उम्मीदवारों के खिलाफ विपक्ष की ओर से एक संयुक्त उम्मीदवार खड़ा किया जाए। 

कई विपक्षी नेताओं ने कहा कि पार्टियों को इस तरह के फॉर्मूले पर पहुंचने के लिए "अपने अहंकार" और "निहित स्वार्थों" को छोड़ना होगा। विपक्ष के 14 सदस्यीय महत्वपूर्ण पैनल की बैठक 13 सितंबर की शाम को नई दिल्ली में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार के आवास पर होगी। हालांकि मानदंडों पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है, यह हाल के चुनावों में किसी विशेष सीट पर पार्टियों के प्रदर्शन पर आधारित होने की संभावना है। सीट बंटवारे के मुद्दे पर विचार किया जाएगा, भले ही बुधवार की बैठक में इसे अंतिम रूप नहीं दिया जा सके। सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि विपक्षी नेता, भाजपा से मुकाबला करने के लिए चुनाव अभियान का व्यापक खर्च भी उठाएंगे।

शरद पवार से ठाकरे ने की मुलाकात 

इससे पहले मंगलवार को, विपक्षी गठबंधन भारत की समन्वय समिति की पहली बैठक की पूर्व संध्या पर, शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुंबई में शरद पवार से मुलाकात की, जहां उनकी बैठक लगभग 90 मिनट तक चली। पत्रकारों से बात करते हुए, NCP (शरद पवार गुट) की राज्य इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल, जो शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत के साथ बैठक का हिस्सा थे, ने कहा कि I.N.D.I.A. ब्लॉक के समन्वय पैनल की बैठक और महाराष्ट्र की वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा हुई।

पाटिल ने कहा कि महाराष्ट्र, जो लोकसभा में 48 सांसदों को भेजता है, राज्य में विपक्षी सहयोगियों के बीच उत्तर प्रदेश के बाद दूसरा सबसे बड़ा सीट-बंटवारे की व्यवस्था जल्द ही संपन्न हो जाएगी। राज्य के पूर्व मंत्री ने कहा, ठाकरे, पवार और कांग्रेस नेता नाना पटोले, बालासाहेब थोराट और अशोक चव्हाण सीट बंटवारे पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा या उसके सहयोगियों द्वारा जीती गई 25 सीटें महा विकास अघाड़ी (MVA) के तीन सहयोगियों के बीच उचित रूप से वितरित की जाएंगी।

विपक्ष की चुनावी रणनीति

विपक्ष के I.N.D.I.A. गठबंधन की समन्वय सह चुनाव रणनीति समिति में 14 सदस्य हैं - केसी वेणुगोपाल (कांग्रेस), टीआर बालू (DMK), हेमंत सोरेन (JMM), संजय राउत (शिवसेना-UBT), तेजस्वी यादव (RJD), राघव चड्ढा (AAP), जावेद अली खान (सपा), ललन सिंह (JDU), डी राजा (CPI), उमर अब्दुल्ला (नेशनल कॉन्फ्रेंस), महबूबा मुफ्ती (PDP), अभिषेक बनर्जी (TMC), और CPIM से एक सदस्य है।  

सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी, जिन्हें प्रवर्तन निदेशालय ने उसी दिन पेश होने के लिए बुलाया था, बैठक में शामिल नहीं होंगे। CPIM ने अभी तक समिति के लिए किसी सदस्य को नामित नहीं किया है और वह बैठक में भी अनुपस्थित रहेगी। पार्टी सूत्रों ने कहा कि CPIM का प्रतिनिधित्व कौन करेगा, इसका फैसला 16-17 सितंबर को होने वाली पोलित ब्यूरो की बैठक में लिया जाएगा। बता दें कि, जून में पटना में विपक्षी गुट की पहली बैठक में यह निर्णय लिया गया कि लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्येक सीट से सबसे मजबूत उम्मीदवार को चुना जाएगा। 

गठबंधन की तीसरी बैठक के बाद 1 सितंबर को जारी प्रस्ताव में कहा गया है कि पार्टियां "जहां तक संभव हो" एक साथ चुनाव लड़ेंगी, और विभिन्न राज्यों में सीटों के बंटवारे की व्यवस्था "तुरंत शुरू" की जाएगी और "जल्द से जल्द" संपन्न की जाएगी।" विपक्षी नेताओं के अनुसार, जहां महाराष्ट्र, तमिलनाडु और बिहार जैसे राज्यों को सुलझा लिया गया है, वहीं दिल्ली, पंजाब और पश्चिम बंगाल जैसे अन्य राज्य चुनौतीपूर्ण होने की संभावना है। बैठक में आने वाले दिनों में होने वाले अभियानों और रैलियों को अंतिम रूप देने पर भी ध्यान दिया जाएगा।

लैंड फॉर जॉब मामले में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बढ़ने वाली हैं मुश्किलें, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीबीआई को केस चलाने की दी मंजूरी

लैंड फॉर जॉब मामले में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीबीआई को केस चलाने की मंजूरी दे दी है। कोर्ट में सीबीआई ने यह जानकारी दी है। मामले की अगली सुनवाई 21 सितंबर को होगी। सीबीआई के मुताबिक जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में गृह मंत्रालय ने उसे नई चार्जशीट के तहत केस चलाने की मंजूरी दे दी है। हालांकि, तीन रेलवे अधिकारियों के मामले में अभी तक उसे मंजूरी नहीं मिली है। 

जानकारी के मुताबिक सीबीआई ने मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट को सूचित किया कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के खिलाफ कथित लैंड फॉर जॉब घोटाले में जो ताजा चार्जशीट दाखिल की गई है, उस संबंध में गृह मंत्रालय से मंजूरी प्राप्त कर ली गई है। सीबीआई के मुताबिक तीन रेलवे अधिकारियों के खिलाफ केस चलाने की अभी तक मंजूरी नहीं मिली है। जांच एजेंसी का कहना है कि एक हफ्ते के भीतर अन्य आरोपियों के खिलाफ भी मंजूरी मिलने की उम्मीद है। कोर्ट ने फिलहाल मामले की अगली सुनवाई 21 सितंबर तय की है।

बता दें कि यह कथित घोटाला 2004 से 2009 के बीच का है जब लालू यादव यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे। आरोप है कि लालू के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में कई पदों पर नियमों की अनदेखी करके लोगों को नौकरी दी गई थी। इसकी एवज में बहुत कम दाम में बेशकीमती जमीनें पटना, दिल्ली, मुंबई समेत अन्य शहरों में लालू परिवार के सदस्यों के नाम कराई गई थीं। सीबीआई ने नई चार्जशीट में लालू के बेटे एवं बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को भी आरोपी बनाया है। इसके अलावा पूर्व सीएम राबड़ी देवी, राज्यसभा सांसद मीसा भारती एवं लालू परिवार के अन्य सदस्य और करीबी भी शामिल हैं।

यूपी बिग ब्रेकिंग : सपा नेता आजम खां के तीस ठिकानों पर आयकर की छापेमारी, गेट कूदकर खुलवाया दरवाजा, खंगाले जौहर ट्रस्ट के खाते

भाजपा की सरकारों पर निशाने पर आए आजम खां के रामपुर स्थित आवास व कार्यालयों पर आायकर विभाग ने छापा मारा है। जानकारी के अनुसार रामपुर के साथ प्रदेश के विभिन्न शहरों में आजम खां के आफिसों पर आयकर विभाग की छापेमारी की जा रही है। रामपुर में करीब 22 जगहों पर आयकर विभाग के अधिकारी छापेमारी कर रहे हैं। एसएसबी के जवानों व पुलिस ने आजम खां के मकान को घेर लिया है और किसी को अंदर जाने व घर से बाहर आने नहीं दिया जा रहा है।

गेट कूदकर खुलवाया दरवाजा

खबर मिली है कि बुधवार सुबह करीब छह बजे आयकर विभाग की टीम आजम खां के आवास पर पहुंची थी। दरवाजा खटखटाने पर जब दरवाजा नहीं खुला तो सुरक्षा बल ने गेट से कूदकर गेट को खुलवाया है। इससे पहले आयकर विभाग की टीम ने आजम खां के आवास पर लगे सीसीटीवी कैमरों की दिशा भी बदल दी थी। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि रामपुर के अलावा आजम खां के मेरठ, गाजियाबाद, सहारनपुर, सीतापुर, लखनऊ तथा मध्य प्रदेश के कार्यालयों में आयकर विभाग की टीमें छापेमारी कर रही हैं। आयकर विभाग की टीम जब आजम खां के आवास पर पहुंची तो वह घर पर थे। छापेमार टीम के साथ केंद्रीय सुरक्षा बल भी मौजूद है। करीब एक दर्जन वाहनों से आायकर विभाग के अधिकारी पहुंचे हैं। बताया जा रहा है कि आयकर विभाग जौहर विश्वविद्यालय के ट्रस्ट के खातों की जांच कर रही है। मौके पर मौजूद मीडिया कर्मियों ने आयकर विभाग की टीम से बात करनी चाही, लेकिन किसी ने कोई जवाब नहीं दिया है।

ट्रस्ट से जुड़े लोगों के घर पर छापे

रामपुर में मौहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की जांच के लिए अल जौहर ट्रस्ट के खातों को चेक किया जा रहा है। ट्रस्ट से जुड़े नसीर खां के साथ जौहर विश्वविद्यालय आदि में आायकर टीमें खातों की जांच कर रही हैं। छापे की सूचना मिलने पर सपा कार्यकर्ता आाजम खां के आवास के बाहर एकत्र होने लगे हैं। केंद्रीय सुरक्षा बल के साथ पुलिस को भी तैनात किया गया है। गौरतलब है कि सपा नेता आजम खान 10 बार रामपुर से विधायक रहे हैं और दो बार सांसद भी रह चुके हैं। उनकी पत्नी तजीन फातिमा भी सांसद रहीं हैं और बेटा अब्दुल्लाह आजम भी पूर्व विधायक है। जौहर यूनिवर्सिटी को बनाने में उन पर कई आरोप लगे हैं और करीब 90 मुकदमें भी आजम खान पर चल रहे हैं।

अब सेब पर सियासत ! प्रियंका वाड्रा के आरोप पर केंद्र सरकार ने जारी किया स्पष्टीकरण

केंद्र सरकार ने मंगलवार (12 सितंबर) को अमेरिकी सेब, अखरोट और बादाम पर अतिरिक्त शुल्क हटाने पर एक बयान जारी करते हुए कहा कि इस फैसले से घरेलू सेब, अखरोट और बादाम उत्पादकों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि अमेरिकी सेब और अखरोट पर 50 प्रतिशत और 100 प्रतिशत का MFN (मोस्ट फेवर्ड नेशन) शुल्क लागू रहेगा, क्योंकि केवल 20 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क हटाया गया है। आधिकारिक बयान के अनुसार, अमेरिकी बादाम पर MFN दर 100 रुपये प्रति किलोग्राम लागू रहेगी, क्योंकि केवल अतिरिक्त MFN दर 20 रुपये प्रति किलोग्राम हटा दी गई है।

केंद्र सरकार का यह स्पष्टीकरण तब आया है, जब कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने सरकार पर अमेरिकी सेब पर अतिरिक्त आयात शुल्क हटाने के बाद, देश के सेब किसानों के बजाय अमेरिका में सेब उत्पादकों की मदद करने का आरोप लगाया था। बाढ़ से हुई तबाही की समीक्षा करने के लिए हिमाचल प्रदेश में मौजूद प्रियंका गांधी वाड्रा ने मीडिया को बताया कि अमेरिका से आने वाले सेब पर टैरिफ कटौती के केंद्र सरकार के कदम से राज्य के किसानों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने पुछा कि 'इससे आयात (अमेरिकी सेब का) आसान हो जाएगा और वे आसानी से बेचे जाएंगे। शिमला में सेब की खरीद की कीमतें बड़े उद्योगपतियों द्वारा कम कर दी गई हैं। जब सेब उत्पादक यहां पीड़ित हैं, तो किसकी मदद की जानी चाहिए? वे, या अमेरिका में किसान?

सरकार की ओर से आया स्पष्टीकरण

प्रियंका गांधी के इन आरोपों पर वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कहा कि अतिरिक्त शुल्क हटाने से सेब, अखरोट और बादाम के घरेलू उत्पादकों को नुकसान नहीं होगा। बल्कि, इसके परिणामस्वरूप इन उत्पादों के प्रीमियम बाजार खंड में उचित प्रतिस्पर्धा होगी, जिससे भारतीय उपभोक्ताओं के लिए प्रतिस्पर्धी कीमतों पर बेहतर गुणवत्ता सुनिश्चित होगी। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और अमेरिका ने अमेरिकी सेब और अखरोट पर अतिरिक्त शुल्क हटाने का निर्णय लिया, क्योंकि दोनों देशों ने अपने-अपने उत्पादों पर लगाए गए शुल्क हटा दिए हैं।

गोयल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, 'उन्होंने (अमेरिका ने) भारतीय उत्पादों पर लगाए गए अतिरिक्त शुल्क हटा दिए और भारत ने भी सेब और अखरोट सहित अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी शुल्क वापस ले लिया।' बता दें कि, भारत से कुछ स्टील और एल्यूमीनियम उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने के अमेरिका के फैसले के जवाब में 2019 में अमेरिकी सेब, अखरोट और बादाम पर 20 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाया गया था। सरकार ने कहा कि अमेरिकी सेब पर आयात शुल्क लगाए जाने के बाद न्यूजीलैंड, भारत के प्रमुख सेब निर्यातक के रूप में उभरा है।

सरकार ने कहा कि अतिरिक्त शुल्क हटाने से अब उन देशों के बीच निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित होगी, जो भारत को इन उत्पादों का निर्यात कर रहे हैं। भारतीय बाजार को अमेरिका और अन्य देशों से कम गुणवत्ता वाले सेब की आमद से बचाने के लिए, सरकार ने कहा कि उसने भूटान को छोड़कर सभी देशों के सेब के लिए 50 रुपये प्रति किलोग्राम का न्यूनतम आयात मूल्य (MIP) लगाया है।

हिंदू जागरण मंच का अनूठा विरोध! इंदौर में मंदिर की सीढ़ियों पर लगाई उदयनिधि की फोटो, पैर रखकर जा रहे भक्त

 हिन्दू धर्म पर विवादित बयान देने वाले तमिलनाडु के सीएम के बेटे एवं मंत्री उदयनिधि स्टालिन का खूब विरोध हो रहा है। उदयनिधि के विरुद्ध दिल्ली-उत्तर प्रदेश, मुंबई के पश्चात् अब मध्य प्रदेश में अनोखा विरोध हुआ है। यहां लोगों ने मंदिर की सीढ़ियों पर उदयनिधि की फोटो लगाई है, जिस पर श्रद्धालु पैर रखकर आते-जाते हैं। 

 बता दें कि बीते दिनों सनातन धर्म को लेकर उदयनिधि स्टालिन ने विवादित टिप्पणी की थी, जिसके चलते उनका पूरे देश में विरोध आरम्भ हो गया। इसी कड़ी में इंदौर में हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ अनूठे तरीके से विरोध प्रदर्शन किया है। हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने अपने इलाके में उपस्थित एक मंदिर की सीढ़ी पर उदयनिधि स्टालिन की तस्वीर लगा दी। अब यहां जो भी श्रद्धालु भगवान के दर्शन करने के लिए मंदिर में आ रहे हैं, पहले उदयनिधि की फोटो पर पैर रखकर पैर साफ कर रहे हैं, तत्पश्चात, मंदिर में प्रवेश कर रहे हैं। बता दें कि लोकप्रिय कथा वाचक प्रदीप मिश्रा ने सनातन धर्म पर इस प्रकार की टिप्पणी करने वालों को डेंगू और मलेरिया कहकर संबोधित किया है।

हिंदू जागरण मंच इंदौर के जिला संयोजक कन्नू मिश्रा ने कहा कि हमारी भावनाओं को चोट पहुंचाई है, इसलिए मंत्री के बेटे का फोटो हमने मंदिर की सीढ़ियों पर लगाया है। हम उसका विरोध कर रहे हैं, आगे भी आंदोलन करेंगे। उदयनिधि स्टालिन ने जिस प्रकार से सनातन को लेकर टिप्पणी की है, उसके चलते उनका अलग प्रकार से विरोध किया जा रहा है। आगे भी इसी प्रकार अलग-अलग स्थानों पर विरोध होगा।

जी-20 में आए चाइनीज डेलीगेशन के पास था ‘रहस्यमयी बैग’, जांच से इनकार पर घंटो चला ड्रामा

#g20_delhi_china_delegation_mysterious_bag

जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान दिल्ली के होटल ताज पैलेस में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया।इस दौरान होटल ताज पैलेस में हड़कंप मच गया था। ये हड़कंप चाइनीज डेलीगेशन के रहस्यमय बैग के कारण मचा था।पुलिस के सूत्रों की मानें तो चाइनीज डेलीगेशन एक बैग लेकर आया था और जब पुलिस ने बैग चेक करवाने के लिए कहा तो डेलीगेशन ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद लगभग 12 घंटे तक हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा।

जी-20 समिट के लिए भारत आए चाइनीज डेलिगेशन को ताज पैलेस होटल में ठहराया गया था। होटल ताज पैलेस में चीन से आए प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य के पास काफी असामान्य साइज का बैग देखा गया। सुरक्षा एजेंसियों की नजर उस पर टिक गई। वैसे टीम को 'डिप्लोमेटिक बैगेज' को लेकर स्पष्ट निर्देश थे लेकिन उन बैगों का साइज बिल्कुल अलग दिख रहा था। फिर भी डिप्लोमेटिक प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए सुरक्षाकर्मियों ने बैग को अंदर ले जाने की परमिशन दे दी। रूम विजिट के समय कमरे में गए एक स्टाफ मेंबर ने बैग में कुछ संदिग्ध चीज होने की जानकारी दी। जल्द ही सुपीरियर तक मैसेज पहुंच गया। इसके बाद फौरन सक्रियता बढ़ गई और टीम से बैग को स्कैनर से पास कराने को कहा गया। 

चाइनीज डेलीगेशन मेंबर ने बैग चेक करवाने से इनकार किया था। इसके बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया। करीब 10 से 12 घंटे तक बैग को लेकर बवाल चला। सुरक्षा बल 12 घंटे तक उसी कमरे के बाहर तैनात रहे। मामला तब शांत हुआ जब उस रहस्यमयी बैग को चीनी दूतावास भेज दिया गया।

बता दें कि जी20 शिखर सम्मेलन बीते रविवार को खत्म हो गया।इसके बाद ये खबर मीडिया में आई है। 9-10 सितंबर को नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया था। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस सम्मेलन में हिस्सा लेने नहीं आए थे। उनके बदले प्रधानमंत्री ली कियांग ने इस सम्मेलन में हिस्सा लिया था।

जी-20 में आए चाइनीज डेलीगेशन के पास था ‘रहस्यमयी बैग’, जांच से इनकार पर घंटो चला ड्रामा

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जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान दिल्ली के होटल ताज पैलेस में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया।इस दौरान होटल ताज पैलेस में हड़कंप मच गया था। ये हड़कंप चाइनीज डेलीगेशन के रहस्यमय बैग के कारण मचा था।पुलिस के सूत्रों की मानें तो चाइनीज डेलीगेशन एक बैग लेकर आया था और जब पुलिस ने बैग चेक करवाने के लिए कहा तो डेलीगेशन ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद लगभग 12 घंटे तक हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा।

जी-20 समिट के लिए भारत आए चाइनीज डेलिगेशन को ताज पैलेस होटल में ठहराया गया था। होटल ताज पैलेस में चीन से आए प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य के पास काफी असामान्य साइज का बैग देखा गया। सुरक्षा एजेंसियों की नजर उस पर टिक गई। वैसे टीम को 'डिप्लोमेटिक बैगेज' को लेकर स्पष्ट निर्देश थे लेकिन उन बैगों का साइज बिल्कुल अलग दिख रहा था। फिर भी डिप्लोमेटिक प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए सुरक्षाकर्मियों ने बैग को अंदर ले जाने की परमिशन दे दी। रूम विजिट के समय कमरे में गए एक स्टाफ मेंबर ने बैग में कुछ संदिग्ध चीज होने की जानकारी दी। जल्द ही सुपीरियर तक मैसेज पहुंच गया। इसके बाद फौरन सक्रियता बढ़ गई और टीम से बैग को स्कैनर से पास कराने को कहा गया। 

चाइनीज डेलीगेशन मेंबर ने बैग चेक करवाने से इनकार किया था। इसके बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया। करीब 10 से 12 घंटे तक बैग को लेकर बवाल चला। सुरक्षा बल 12 घंटे तक उसी कमरे के बाहर तैनात रहे। मामला तब शांत हुआ जब उस रहस्यमयी बैग को चीनी दूतावास भेज दिया गया।

बता दें कि जी20 शिखर सम्मेलन बीते रविवार को खत्म हो गया।इसके बाद ये खबर मीडिया में आई है। 9-10 सितंबर को नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया था। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस सम्मेलन में हिस्सा लेने नहीं आए थे। उनके बदले प्रधानमंत्री ली कियांग ने इस सम्मेलन में हिस्सा लिया था।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज करेंगी 'आयुष्मान भव' अभियान की शुरुआत, जानें कैसे होगा आम आदमी को फायदा?

#president_will_launch_ayushman_bhav_campaign_today

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ‘आयुष्मान भव’ पहल का शुभारंभ करेंगी।ये अभियान कई मायनों में खास है, क्योंकि इस अभियान का लक्ष्य देश की 35 करोड़ लोगों की आबादी तक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ पहुंचाना है। इस अभियान के तहत सरकार उन लोगों तक पहुंचेगी जिन्हें अभी तक ‘आयुष्मान भारत योजना’ का लाभ नहीं मिला है। ’आयुष्मान भव’ एक राष्ट्रव्यापी पहल है, जिसका मकसद देश के हर गांव और कस्बे तक स्वास्थ्य सेवाओं की व्यापक पहुंच प्रदान करना है। यह पहल ‘आयुष्मान भारत’ कार्यक्रम की सफलता के मद्देनजर शुरू की गई ।

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक यह अभियान 13 सितंबर को शुरू किया जाएगा लेकिन इसे 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर शुरू होने वाले 'सेवा पखवाड़े' के दौरान पेश किया जाएगा। इस अभियान के तीन मुख्य स्तंभ होंगे, जिसमें देश में लाखों हेल्थ और वेलनेस सेंटरों पर आयुष्मान मेले का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा आयुष्मान कार्ड बांटने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी और आयुष्मान सभाओं का आयोजन होगा। स्वास्थ्य के क्षेत्र में मिसाल पेश करने वाले गांवों को आयुष्मान गांव भी घोषित किया जाएगा। 

गरीब के साथ-साथ मध्यम वर्ग के लोगों का होगा मुफ्त इलाज

इस अभियान के तहत आगामी 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक आयुष्मान योजना से जुड़े सभी स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों पर आयुष्मान मेले लगेंगे। इसमें गरीब के साथ-साथ मध्यम वर्ग के लोगों का मुफ्त इलाज किया जाएगा। पात्र लोगों के तुरंत कार्ड बनाए जाएंगे। देश के सभी जिले के मेडिकल कॉलेज और ब्लॉकों में कैंप लगाए जाएंगे।

60 हजार लोगों को मिलेंगे आयुष्मान भारत कार्ड

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच और जागरूकता को बढ़ाने के लिए 'सेवा पखवाड़ा' के दौरान कई कार्यक्रम की योजना बनाई गई है। इस अभियान में आयुष्मान आपके द्वार, आयुष्मान मेला और आयुष्मान सभा जैसे कदम उठाए जा रहे हैं। 60 हजार लोगों को आयुष्मान भारत कार्ड दिए जाएंगे।

रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने की पीएम मोदी की तारीफ, कहा-हमें भारत से सीखने और उसकी तरफ देखने की जरूरत है

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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन के बीच की दोस्ती जग जाहिर है।अब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि पीएम मोदी मेक इन इंडिया प्रोग्राम को बढ़ावा देने के लिए अच्छा काम कर रहे हैं।पुतिन ने कहा कि रूस को अपने यहां बनी कारें इस्तेमाल करनी चाहिए। इस मामले में भारत ने पीएम मोदी की लीडरशिप में उदाहरण पेश किया। पुतिन ने यह बात व्लादिवोस्तोक में 8वें ईस्टर्न इकॉनोमिक फोरम (EEF) में मीडिया के सवालों के जवाब में कहीं।

मोदी मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने में सही दिशा में काम कर रहे-पुतिन

8वें ईस्टर्न इकॉनोमिक फोरम में पुतिन ने कहा कि घरेलू स्तर पर निर्मित ऑटोमोबाइल का प्रयोग किया जाना चाहिए। भारत पहले ही पीएम मोदी के नेतृत्व में अपनी नीतियों के माध्यम से उदाहरण स्थापित कर चुका है। फोरम में एक सवाल के जवाब में पुतिन ने कहा, आप जानते हैं, हमारे पास तब घरेलू स्तर पर निर्मित कारें नहीं थीं, लेकिन अब हमारे पास हैं। यह सच है कि वे मर्सिडीज या ऑडी कारों की तुलना में अधिक मामूली दिखती हैं, जिन्हें हमने 1990 के दशक में भारी मात्रा में खरीदा था। लेकिन यह कोई मुद्दा नहीं है। मुझे लगता है कि हमें अपने कई साथियों को देखना चाहिए। उदाहरण के लिए भारत। वो भारत में बने वाहनों के निर्माण और उपयोग पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी मेक इन इंडिया कार्यक्रम को बढ़ावा देने में सही दिशा में काम कर रहे हैं और वह सही हैं।

घरेलू स्तर पर निर्मित कारों का उपयोग पर फोकस

उन्होंने कहा कि रूस निर्मित ऑटोमोबाइल का उपयोग करना बिल्कुल ठीक है। हमारे पास रूसी निर्मित ऑटोमोबाइल हैं और हमें उनका उपयोग करना चाहिए। यह बिल्कुल ठीक है। इससे हमारे डब्ल्यूटीओ दायित्वों का कोई उल्लंघन नहीं होगा। यह राज्य खरीद से संबंधित होगा। हमें इस संबंध में एक निश्चित शृंखला बनानी होगी कि विभिन्न वर्ग के अधिकारी कौन सी कारें चला सकते हैं, ताकि वे घरेलू स्तर पर निर्मित कारों का उपयोग करें।

भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे पर दिखाई सहमति

इतना ही नहीं, बल्कि रूसी राष्ट्रपति ने यह भी विस्तार से बताया कि कैसे उन्हें भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) में ऐसा कुछ भी नहीं दिखता जो रूस के लिए बाधा बन सके और उनके अनुसार इस परियोजना से रूस को लाभ होगा। इस तरह की ट‍िप्‍पणी सीधे-सीधे तौर पर रूस की आईएमईसी प्रस्‍ताव को लेकर सहमत‍ि को दर्शाती है।