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बीजेपी सांसद के बिगड़े बोल, कहा-इंडिया नाम बदलकर भारत हो, जिन्हें दिक्कत, वो देश छोड़कर जाएं

#bjp_leader_dilip_ghosh_said_india_will_name_bharat_who_do_not_like_go_away

देश के नाम 'इंडिया' और 'भारत' पर सियासत जारी है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद दिलीप घोष ने विवादित बयान दिया है।दिलीप घोष ने कहा कि देश का नाम INDIA से बदलकर भारत रखा जाएगा। इसे कोई रोक नहीं सकता। जो इसके खिलाफ हैं, वो देश छोड़कर जा सकते हैं।

खड़गपुर शहर में 'चाय पर चर्चा' कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने विदेशियों की मूर्तियों को लेकर भी बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा, हमारी पार्टी पश्चिम बंगाल में जब भी सत्ता में आएगी तो कोलकाता में विदेशियों की सभी मूर्तियों को हटा दिया जाएगा।

वहीं, इसी कार्यक्रम में भाजपा के सीनियर नेता और पूर्व राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने कहा कि एक देश के दो नाम नहीं हो सकते। देश का नाम बदलने का यही सही समय है, क्योंकि जी20 समिट को लेकर दुनिया भर के नेता दिल्ली में हैं।

तृणमूल कांग्रेस ने दिलीप घोष की टिप्पणी पर पलटवार किया। टीएमसी नेता शांतनु सेन ने कहा- जिन्होंने आजादी की लड़ाई में अंग्रेजों की दलाली की, उनके मुंह से ऐसी बातें शोभा नहीं देतीं। दिलीप घोष मीडिया में दिखने के लिए ऐसी टिप्पणियां कर रहे हैं। शांतनु ने कहा- राज्य की बात तो छोड़िए, 2024 के बाद भाजपा केंद्र की सत्ता में भी नहीं रहेगी। भाजपा विपक्षी गठबंधन INDIA से डर गई है, इसलिए देश का नाम बदला जा रहा है।

विकास की पोल खुल गई, बारिश में धुल गया G20..', जब भारत रच रहा था इतिहास

तब नकारात्मक राजनीति कर रहे थे विपक्षी नेता, पढ़िए, पी आई बी का फैक्ट चेक 


प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो फैक्ट चेक (PIB Fact Check) ने विपक्षी नेताओं द्वारा किए गए उन दावों को खारिज कर दिया है, जिनमे कहा गया था कि दिल्ली में बारिश के कारण G20 नेताओं के शिखर सम्मेलन का आयोजन स्थल बाढ़ से गंभीर रूप से प्रभावित हुआ था।रविवार (10 सितंबर) को जैसे ही दिल्ली में बारिश हुई, G20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो वायरल होने लगे। 

 

कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (AAP) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) सहित विपक्ष के सदस्यों ने आरोप लगाया कि रविवार तड़के दिल्ली में भारी बारिश के बाद बहुराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन स्थल पर "बाढ़ और जल जमाव" हो गया। TMC के साकेत गोखले ने एक्स, (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि, "एक पत्रकार के वीडियो के अनुसार, G20 शिखर सम्मेलन के स्थल पर आज बारिश के कारण पानी भर गया है। 4000 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद, बुनियादी ढांचे की यह स्थिति है। इन 4000 करोड़ में से मोदी सरकार ने कितने करोड़ के G20 फंड का गबन किया?'

वहीं, कांग्रेस के भी आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा गया कि, 'खोखले विकास की पोल खुल गई, G20 के लिए भारत मंडपम तैयार किया गया। 2,700 करोड़ रुपए लगा दिए गए। एक बारिश में पानी फिर गया।' हालाँकि, PIB Fact Check ने विपक्षी नेताओं के इन दावों की तथ्यात्मक जांच करते हुए इन आरोपों का खंडन किया है। PIB ने कहा है कि कार्यक्रम स्थल पर "खुले क्षेत्र में मामूली जलजमाव था, क्योंकि, रात भर बारिश हुई थी, लेकिन पंपों को काम पर लगाने के बाद महज 20 मिनट में तुरंत साफ कर दिया गया। आयोजन स्थल पर फ़िलहाल कोई जलजमाव नहीं है।' PIB ने पानी हटाए जाने के बाद का वीडियो भी शेयर किया है।

 

कल जब G20 सम्मेलन का अंतिम दिन था, और दुनियाभर के नेता भारत में थे, अंतर्राष्ट्रीय मीडिया नज़र रख रहा था। उस समय विपक्ष इस तरह के वीडियो सोशल मीडिया पर फैलाकर क्या साबित करना चाहता था ? क्या इससे केवल सरकार पर ऊँगली उठती, या फिर विश्व स्तर पर भारत की किरकिरी होती ? दिल्ली में रातभर बारिश हुई थी, तो पानी तो होगा ही, ये विदेशों में भी होता है, लेकिन उसे जल्द ही साफ कर दिया गया। कल जब राजघाट पर विश्व के तमाम बड़े नेता नंगे पाँव चल रहे थे, तो वहां भी कहीं-कहीं पानी नज़र आ रहा था, लेकिन कोई आपत्ति की खबर नहीं आई, सबने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी और नंगे पाँव ही वापस लौटे। किन्तु, G20 समिट की शुरुआत के पहले से ही कुछ विपक्षी नेताओं ने जिस तरह का रवैया दिखाया है, वो दुखद है। आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तो साल के 365 दिन चलता रहता है, लेकिन जब देश एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा हो और अधिक से अधिक देशों के साथ नए अनुबंध बनाकर सफलता के नए आयाम रचने के लिए प्रयत्न कर रहा हो, क्या उस समय ऐसी 'नकारात्मक राजनीति' को साइड कर देशहित को आगे नहीं रखा जा सकता। हालाँकि, PIB ने कल दोपहर 12 बजे ही इन दावों की पोल खोल दी, क्योंकि जब तक G20 का दूसरा सत्र शुरू हुआ, उसके काफी पहले ही सभी चीज़ें दुरुस्त कर दी गई थीं और उसी स्थान पर G20 का समापन भी शानदार तरीके से हुआ।

G20 की सफलता :-

जिस समय भारत में विपक्षी नेताओं द्वारा G20 पर इस तरह के बयान दिए जा रहे थे, उस समय भारत की अध्यक्षता में G-20 अब तक के इतिहास का सबसे सफल सम्मेलन साबित हुआ। भारत की अध्यक्षता में हुए G20 सम्मेलन में इस बार 73 परिणाम (line of Efforts) और 39 संलग्न दस्तावेज़ (अध्यक्षता दस्तावेज़, कार्य समूह के परिणाम दस्तावेज़ शामिल नहीं) शामिल हैं। इस प्रकार भारत की अध्यक्षता में कुल 112 परिणामों और प्रेसीडेंसी दस्तावेज़ों यानी दोगुना मूल कार्य हुआ है। इससे पहले इंडोनेशिया में हुए G20 सम्मेलन में कुल 50 परिणामों और प्रेसीडेंसी दस्तावेज़ों का कार्य हुआ था, उससे पहले इटली में 65, सऊदी अरब में 30, जापान, अर्जेंटीना, जर्मनी में क्रमशः 29, 33, 22 परिणामों और प्रेसीडेंसी दस्तावेज़ों का कार्य हुआ था। साथ ही रूस-यूक्रेन के बीच विभाजित दुनिया को भारत, एकसाथ लाने में कामयाब हुआ है। भारत की अध्यक्षता में जारी G-20 शिखर सम्मेलन के घोषणा पत्र पर सभी देश सहमत हो गए। 

चीन के 'बेल्ट रोड इनिशिएटिव' (BRI) को करारा जवाब देने के लिए भारत, अमेरिका, सऊदी अरब, यूरोप, UAE ने मिलकर एक ऐसा इंफ़्रास्ट्रक्चर विकसित करने का प्लान बनाया है, जिससे अमेरिका और खाड़ी देशों के साथ ही यूरोप तक में भारत का डंका बजेगा और भारत वैश्विक कारोबार का एक नया और बड़ा केंद्र बन कर दुनिया में स्थापित होगा। इसमें भारत से लेकर यूरोप, सऊदी अरब तक रेल-शिपिंग कॉरिडोर बनाया जाएगा। साथ ही परिवहन क्षेत्र में जैव ईंधन के सतत उपयोग को बढ़ावा देने के लिए भारत, ब्राजील और संयुक्त राज्य अमेरिका, प्रमुख जैव ईंधन उत्पादक और उपभोक्ता, वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन के लिए भी राजी हो गए हैं। 

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी की तारीफ:-

कांग्रेस के दिग्गज नेता और लोकसभा सांसद शशि थरूर ने भी रविवार को नई दिल्ली लीडर्स समिट घोषणा को 100 प्रतिशत सर्वसम्मति से अपनाने और रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत के रुख के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की कूटनीति की प्रशंसा की। थरूर ने इसे भारत की कूटनीतिक जीत बताते हुए कहा कि दिल्ली घोषणा को अपनाना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। थरूर ने कहा कि, 'G20 शिखर सम्मेलन तक, व्यापक उम्मीद थी कि घोषणा पर कोई समझौता नहीं होगा और इसलिए संयुक्त विज्ञप्ति संभव नहीं हो सकती है। जबकि पश्चिमी देश रूस-यूक्रेन युद्ध पर निंदा चाहते थे, चीन और रूस जैसे देशों को निंदा पसंद नहीं आई होगी।' 

थरूर ने कहा कि, 'लेकिन, G20 की अध्यक्षता में मोदी सरकार का आचरण उल्लेखनीय था और उन्होंने ऐसा कुछ नहीं दोहराया जो पहले किया गया था। 58 शहरों में 200 बैठकों के साथ, उन्होंने इसे एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम बना दिया।' थरूर ने कहा, किसी भी दूसरे देश ने ऐसा कुछ नहीं किया है। इसके साथ ही शशि थरूर ने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे की घोषणा के लिए मोदी सरकार की सराहना की और कहा कि इस परियोजना में भविष्य के लिए जबरदस्त संभावनाएं हैं।

आ रही दिवाली, पटाखों पर प्रतिबन्ध लगाने का सिलसिला शुरू, सबसे पहले केजरीवाल सरकार ने किया ऐलान

दिवाली का त्यौहार कुछ ही दिन में आने वाला है, ऐसे में पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का सिलसिला शुरू हो चूका है। सबसे पहले दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने आज सोमवार (11 सितंबर) को इस दिवाली सीजन के दौरान राजधानी क्षेत्र में सभी प्रकार के पटाखों के उत्पादन, बिक्री, भंडारण और उपयोग पर फिर से प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को कहा कि, यह कदम सर्दियों के दौरान, प्रदूषण के स्तर पर अंकुश लगाने के लिए एक कार्य योजना के हिस्से के रूप में उठाया गया है। 

रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में एक प्रेस वार्ता में बोलते हुए, गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली पुलिस को पूरे शहर में प्रतिबंध लागू करने के लिए सख्त निर्देश दिए जाएंगे। दिल्ली सरकार ने पिछले तीन साल से यह परंपरा बरकरार रखी है। राय ने कहा कि हालांकि बीते कुछ वर्षों में दिल्ली की वायु गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ है। राय ने कहा कि, "हमने पिछले पांच-छह वर्षों में दिल्ली की वायु गुणवत्ता में काफी सुधार देखा है लेकिन हमें इसमें और सुधार करना है। इसलिए, हमने इस साल भी पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है।"

उन्होंने NCR राज्यों के अधिकारियों से पटाखा लाइसेंस देने से परहेज करने की भी अपील की। इस बात पर जोर देते हुए कि लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए धार्मिक मान्यताओं का जश्न मनाया जाना चाहिए, राय ने कहा कि, 'जीवन बचाने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं। हम दिल्लीवासी रोशनी और दीयों के साथ दिवाली मनाएंगे।' उन्होंने आगे कहा कि अधिकारियों ने दिवाली नजदीक आते ही शीतकालीन कार्ययोजना लागू करने की योजना के साथ प्रदूषण हॉटस्पॉट की निगरानी भी शुरू कर दी है। बता दें कि, पिछले साल, केजरीवाल सरकार ने घोषणा की थी कि दिवाली के दौरान पटाखे फोड़ते हुए पाए जाने पर छह महीने की जेल और 200 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। सरकार ने आगे चेतावनी दी थी कि दिल्ली में पटाखों के उत्पादन, भंडारण और बिक्री पर विस्फोटक अधिनियम की धारा 9बी के तहत 5,000 रुपये तक का जुर्माना और तीन साल की जेल की सजा हो सकती है।

बाल विवाह पर शिकंजा कसने की तैयारी ! अगले 10 दिनों में होगी 3000 गिरफ़्तारी, असम के सीएम हिमंता सरमा का आदेश

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने चेतावनी दी है कि असम में बाल विवाह में शामिल होने के आरोप में 3,000 लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा। सीएम सरमा, भाजपा महिला मोर्चा की 2 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के समापन समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि पुलिस कार्रवाई शुरू करेगी और अगले 10 दिनों में गिरफ्तारियां की जाएंगी। उन्होंने कहा कि वह दूसरे दौर की कार्रवाई शुरू करने के लिए तीसरे जी20 शिखर सम्मेलन के समापन की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

बता दें कि, असम पुलिस ने बाल विवाह में शामिल होने के आरोप में फरवरी 2023 में 2,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था। समारोह में सीएम सरमा को यह कहते हुए उद्धृत किया गया कि, 'सिर्फ छह महीने पहले, असम में बाल विवाह के लिए 5,000 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इसे (कार्रवाई) G20 शिखर सम्मेलन के पूरा होने तक रोक कर रखा गया था। अगले 10 दिनों में, अन्य 2,000 से 3,000 लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा।' उन्होंने कहा कि अगर यह सामाजिक खतरा जारी रहा, तो एक विशेष वर्ग की लड़कियां कभी प्रगति नहीं कर पाएंगी। उन्होंने लोगों को याद दिलाया कि यह भाजपा ही थी, जिसने बाल विवाह पर कार्रवाई शुरू की थी, तीन तलाक के खिलाफ कानून लाया था और बहुविवाह को समाप्त करने के प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि लोगों ने भाजपा को मुस्लिम विरोधी बताने की कोशिश की है, लेकिन वास्तव में उन्होंने किसी भी कांग्रेस सरकार की तुलना में मुसलमानों के लिए अधिक काम किया है।

उन्होंने कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी पर सीधा हमला बोला और कहा कि वे कुछ "बुरी प्रथाओं" को खत्म करने के पक्ष में नहीं हैं, जिन पर पहले से ही कुछ इस्लामिक देशों में प्रतिबंध लगा हुआ है। सीएम सरमा ने कहा है कि उनकी सरकार राज्य में बहुविवाह को समाप्त करने के लिए दिसंबर तक एक कानून बनाने की योजना बना रही है।

देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर को लेकर भारत पे के सह संस्थापक अशनीर ग्रोवर ने दिया विवादित बयान, अब होगी कानूनी कार्रवाई


केंद्र सरकार के राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर के निरंतर सिरमौर रहने को लेकर 'भारत पे' के सह संस्थापक अशनीर ग्रोवर के कटाक्ष भरे बयान पर रविवार को विवाद पैदा हो गया। सोशल मीडिया पर इस बयान का वीडियो वायरल होने के पश्चात् इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि शहर के नागरिकों एवं सफाईकर्मियों के अपमान को लेकर ग्रोवर को मानहानि का नोटिस भेजा जाएगा।

दरअसल, ग्रोवर, जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (जेआईटीओ) की इंदौर इकाई द्वारा आयोजित व्यापार अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे। इस के चलते ग्रोवर ने कटाक्ष भरे लहजे में कहा, "एक विचार होता है-प्लेइंग टू द गैलरी यानी तुम जहां जाओ, वहां की बड़ाई कर दो कि मैंने इतना अच्छा शहर नहीं देखा। अब मेरे साथ परेशानी क्या है कि तीन-चार साल सुन लिया कि इंदौर सबसे साफ शहर है। तुमने सर्वे खरीदा है। सीधी-सी बात है।" वही जब श्रोताओं ने इस बात पर शोर मचाकर ग्रोवर के बयान का विरोध व्यक्त किया तो उन्होंने कहा, "सबसे साफ शहर होने के मामले में सिर्फ चिप्स के पैकेट को नहीं गिनते, मलबे को भी गिनते हैं। (शहर में) हर जगह निर्माण चल रहा है।" भारत-पे के सह संस्थापक ने हालांकि तुरंत साफ़ किया कि वह यह नहीं बोल रहे कि इंदौर में गंदगी है।

उन्होंने कहा कि उनके कहने का अर्थ यह है कि शहर में कई निर्माण कार्य चल रहे हैं। ग्रोवर ने कहा, "यदि आप मुझसे निजी तौर पर पूछेंगे तो मैं भोपाल को (इंदौर के मुकाबले) कहीं अधिक पसंद करता हूं। भोपाल में झीलें हैं तथा वहां के प्राकृतिक स्थल बेहतर हैं।" दूसरी तरफ, इंदौर के प्रथम नागरिक पुष्यमित्र भार्गव ने ग्रोवर को आड़े हाथों लिया है। भार्गव ने कहा, "ग्रोवर का संबंधित वीडियो मैंने भी देखा है। उनका बयान स्वच्छता के लिए शहर की जनता एवं सफाईकर्मियों की मेहनत का अपमान है। हम इस अपमान के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करेंगे तथा उन्हें मानहानि का नोटिस भी देंगे।" महापौर ने यह भी कहा कि आयोजकों को 'बड़बोले और बिना किसी ज्ञान के सार्वजनिक बयानबाजी करने वाले लोगों' को शहर के किसी कार्यक्रम में आमंत्रित करने से बचना चाहिए।

देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर को लेकर भारत पे के सह संस्थापक अशनीर ग्रोवर ने दिया विवादित बयान, अब होगी कानूनी कार्रवाई

केंद्र सरकार के राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर के निरंतर सिरमौर रहने को लेकर 'भारत पे' के सह संस्थापक अशनीर ग्रोवर के कटाक्ष भरे बयान पर रविवार को विवाद पैदा हो गया। सोशल मीडिया पर इस बयान का वीडियो वायरल होने के पश्चात् इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि शहर के नागरिकों एवं सफाईकर्मियों के अपमान को लेकर ग्रोवर को मानहानि का नोटिस भेजा जाएगा।

दरअसल, ग्रोवर, जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (जेआईटीओ) की इंदौर इकाई द्वारा आयोजित व्यापार अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे। इस के चलते ग्रोवर ने कटाक्ष भरे लहजे में कहा, "एक विचार होता है-प्लेइंग टू द गैलरी यानी तुम जहां जाओ, वहां की बड़ाई कर दो कि मैंने इतना अच्छा शहर नहीं देखा। अब मेरे साथ परेशानी क्या है कि तीन-चार साल सुन लिया कि इंदौर सबसे साफ शहर है। तुमने सर्वे खरीदा है। सीधी-सी बात है।" वही जब श्रोताओं ने इस बात पर शोर मचाकर ग्रोवर के बयान का विरोध व्यक्त किया तो उन्होंने कहा, "सबसे साफ शहर होने के मामले में सिर्फ चिप्स के पैकेट को नहीं गिनते, मलबे को भी गिनते हैं। (शहर में) हर जगह निर्माण चल रहा है।" भारत-पे के सह संस्थापक ने हालांकि तुरंत साफ़ किया कि वह यह नहीं बोल रहे कि इंदौर में गंदगी है। 

उन्होंने कहा कि उनके कहने का अर्थ यह है कि शहर में कई निर्माण कार्य चल रहे हैं। ग्रोवर ने कहा, "यदि आप मुझसे निजी तौर पर पूछेंगे तो मैं भोपाल को (इंदौर के मुकाबले) कहीं अधिक पसंद करता हूं। भोपाल में झीलें हैं तथा वहां के प्राकृतिक स्थल बेहतर हैं।" दूसरी तरफ, इंदौर के प्रथम नागरिक पुष्यमित्र भार्गव ने ग्रोवर को आड़े हाथों लिया है। भार्गव ने कहा, "ग्रोवर का संबंधित वीडियो मैंने भी देखा है। उनका बयान स्वच्छता के लिए शहर की जनता एवं सफाईकर्मियों की मेहनत का अपमान है। हम इस अपमान के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करेंगे तथा उन्हें मानहानि का नोटिस भी देंगे।" महापौर ने यह भी कहा कि आयोजकों को 'बड़बोले और बिना किसी ज्ञान के सार्वजनिक बयानबाजी करने वाले लोगों' को शहर के किसी कार्यक्रम में आमंत्रित करने से बचना चाहिए।

सुनक की सादगी ब्रिटिश पीएम ने लूट ली जी-20 की महफिल, बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना से बातचीत के लिए घुटने पर बैठे*

#ukpmrishisunakadorablemomentwithsheikhhasinaatg20_summit

भारत की अध्यक्षता में जी-20 शिखर सम्मेलन सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। दो दिवसीय जी-20 शिखर सम्मेलन दुनियाभर के कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों की भागीदारी गवाह बना।इस दौरान की कई यादगार तस्वीरें सामने आई हैं।सम्मेलन से इतर एक बैठक के दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना की एक तस्वीर वायरल हुई है, जिसमें ब्रिटिश पीएम सुनक घुटने पर बैठकर अपनी बांग्लादेशी समकक्ष से बात करते हुए दिखाई दे रहे हैं। 

सुनक की सादगी लोगों के दिलों को छू रही

ये तस्वीर तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।लोग इस तस्वीर को काफी पसंद कर रहे हैं। एक प्रधानमंत्री की इस तरह की सादगी लोगों के दिलों को छू रही है।तस्वीर में देखा जा सकता है कि बांग्लादेश की महिला प्रधानमंत्री से बात करने के लिए ब्रिटेन जैसे देश के पीएम घुटनों के बल बैठ गए हैं। इस तस्वीर में ऋषि सुनक नंगे पैर घुटनों के बल बैठे हैं, जबकि शेख हसीना कुर्सी पर बैठकर उनसे बात कर रही हैं।बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ घुटनों के बल बैठकर बातचीत करते ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक की तस्वीर को सोशल मीडिया पर खूब पसंद किया जा रहा है।  

पत्नी के साथ अक्षरधाम पहुंचे थे ऋषि सुनक

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की कुछ और भी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हैं। ऋषि सुनक रविवार सुबह पत्नी अक्षता मूर्ति के साथ अक्षरधाम मंदिर पहुंचे थे। वहां पर उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुईं और लोगों ने ऋषि सुनक की सादगी की तारीफ की है।बता दें कि यूके के पीएम ऋषि सुनक जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए भारत पहुंचने पर कहा कहा था कि उन्हें हिंदू होने पर गर्व है।

भारत-पाकिस्तान के बीच रिजर्व डे पर आज खेला जाएगा मैच, जानें कैसा है कोलंबों में मौसम का मिजाज

#indvspakmatchreserve_day

भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप के सुपर फोर में खेला जा रहा मुकाबला अपने रिजर्व डे में है। मतलब 10 सितंबर को जो मैच पूरा नहीं हो सका उसे अब 11 सितंबर को खेला जाएगा।रविवार के दिन बारिश के चलते ये मुकाबला पूरा नहीं हो पाया। अब ये मैच रिजर्व डे पर यानी कि सोमवार को खेला जाएगा। हालांकि मौसम को लेकर आज के मैच को लेकर संशय है।दरअसल, कोलंबो में दिन की शुरुआत बारिश के साथ हुई। जिसके बाद मैदान को कवर से ढका गया था। लेकिन अब बारिश रुक चुकी है। फिलहाल आसमान साफ है।मैच की शुरुआत दोपहर तीन बजे ही होगी।

सोमवार को कैसा है बारिश का हाल?

सोमवार, 11 सितंबर को भी मौसम के लिहाज से अच्छा नहीं है। एक्यूवेदर के अनुसार, आज बारिश की 99 प्रतिशत संभावना है। जबकि वेदर.कॉम बारिश की 90 प्रतिशत संभावना दर्शाता है। एक्यूवेदर दिन के समय बारिश की 99 संभावनाएं दिखा रहा है और तेज हवाओं और तूफान की 59 प्रतिशत संभावना है। शाम को बारिश की संभावना 77 प्रतिशत तक कम हो जाती है लेकिन इसकी कोई गारंटी नहीं है कि रुकावट नहीं होगी। यदि प्रति घंटे के पूर्वानुमान को देखा जाए, तो चीजें उतनी अच्छी नहीं लगती हैं और एक छोटा मैच हो पाना भी मुश्किल नजर आ रहा है।

वहीं से शुरू होगा मैच

अगर आज मौसम साफ रहा तो मैच वहीं से शुरू होगा जहां पर कल खत्म हुआ था। भारत ने रविवार को 24.1 ओवर में दो विकेट पर 147 रन बनाए थे। पाकिस्तान ने सुपर फोर मैच के लिए टॉस जीतकर पहले बॉलिंग का फैसला किया। इस दौरान भारत ने मैच रुकने तक रविवार को 24.1 ओवरों में 2 विकेट के नुकसान के साथ 147 रन बनाए। ओपनर रोहित शर्मा और शुभमन गिल ने टीम को अच्छी शुरुआत दी। रोहित ने 49 गेंदों का सामना करते हुए 56 रन बनाए। उनकी इस पारी में 6 चौके और 4 छक्के शामिल रहे। शुभमन गिल ने 58 रन बनाए। गिल ने 52 गेंदों का सामना करते हुए 10 चौके लगाए। विराट कोहली और केएल राहुल नाबाद रहे। राहुल ने 28 गेंदों में 17 रन बनाए हैं। कोहली ने 16 गेंदों में 8 रन बनाए हैं। अब मुकाबले की शुरुआत यहीं से होनी है।

क्या होगा अगर नहीं हुआ मैच?

यदि बारिश के कारण रिजर्व डे भी धुल जाता है तो दोनों टीमें एक-एक अंक साझा कर लेंगी और पाकिस्तान एशिया कप फाइनल में जगह बनाने के एक कदम और करीब पहुंच जाएगा। वहीं 12 सितंबर को टीम इंडिया को अपना सुपर 4 का दूसरा मुकाबला खेलना है जिसमें श्रीलंका से उसका सामना होगा। यानी लगातार तीन दिन अब टीम इंडिया को खेलना होगा। यह तब और मुश्किल हो जाता है जब भारतीय टीम के कुछ खिलाड़ी इंजरी के बाद लौटे हैं। हार्दिक पांड्या भी लगातार वर्कलोड मैनेजमेंट पर काम करते रहते हैं। ऐसे में लगातार तीन दिन खेलने से भारतीय टीम के लिए मुश्किल कहीं बढ़ ना जाएं इस बात का संदेह हो गया है।

ममता बनर्जी पर भड़के अधीर रंजन चौधरी, जानें जी 20 डिनर समारोह में शामिल होने पर क्या बोंले अधीर रंजन चौधरी?

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जी20 बैठक के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित डिनर में शामिल हुईं। अब स बात से विपक्षी गठबंधन इंडिया में खींचतान बढ़ती दिख रही है। दरअसल, कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी के डिनर समारोह में शामिल होने पर सवाल खड़ा किया है। अदीर रंजन चौधरी ने पूछा है कि क्या इससे नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ उनका रुख कमजोर नहीं होगा? 

अधीर रंजन ने डिनर में शामिल होने के पीछे की मंशा पर उठाया सावल

रविवार को कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साधी। चौधरी ने ममता बनर्जी के इस डिनर समारोह में शामिल होने के पीछे की मंशा पर सावल उठाया। उन्होंने कहा कि अगर ममता बनर्जी इस डिनर पार्टी में शामिल नहीं होती तो आसमान नहीं टूट पड़ता। महाभारत अशुद्ध न हो जाता। कुराण अपवित्र नहीं हो जाता। कांग्रेस नेता ने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि क्या तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो के कार्यक्रम में भाग लेने का “कोई अन्य कारण” था।चौधरी ने पत्रकारों से कहा कि जब कई गैर-भाजपाई मुख्यमंत्रियों ने रात्रिभोज में शामिल होने से परहेज किया तो वहीं दीदी (ममता बनर्जी) एक दिन पहले ही दिल्ली चली गईं। 

टीएमसी का पलटवार

वहीं, टीएमसी ने अधीर रंजन पर पलटवार किया है। टीएमसी के राज्यसभा सांसद शांतनु सेन ने अधीर रंजन चौधरी की टिप्पणियों पर जवाब दिया। उन्होंने कांग्रेस नेता पर पलटवार करते हुए कहा कि चौधरी को प्रशासनिक दृष्टिकोण से पालन किए जाने वाले कुछ प्रोटोकॉल के बारे में उन्हें टिप्पणी नहीं देना चाहिए। सेन ने कहा,चौधरी यह तय नहीं करेंगे कि प्रोटोकॉल के तहत राज्य के मुख्यमंत्री जी20 के अवसर पर रात्रिभोज में शामिल होने के लिए कब जाएंगे।

विपक्ष के ये नेता हुए शामिल

जी 20 शिखर सम्मेलन के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने डिनर कार्यक्रम का आयोजन किया था। इस डिनर समारोह में विदेशी मेहमानों के साथ देश के सभी मुख्यमंत्रियों और केंद्रीय मंत्रियों को डिनर का न्योता भेजा गया था। इस डिनर में बिहार के सीएम नीतीश कुमार, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत कई विपक्षी नेता शामिल हुए थे।कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को इस डिनर समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया था, जिसकी वजह से कांग्रेस शासित राज्य के कई मुख्यमंत्रियों ने इस समारोह में शामिल न होने का फैसला किया। इसी बीच अब ममता बनर्जी के डिनर समारोह में शामिल होने पर कांग्रेस ने सवाल खड़ा किया है।

अगर दूसरे धर्म पर ऐसा बोलते तो सर तन से जुदा हो जाता," 'सनातन' वाले विवाद में नरोत्तम मिश्रा का बयान

डेस्क: मध्य प्रदेश के भिंड जिले में चल रही जन आशीर्वाद यात्रा में शिरकत करने के लिए आज राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा पहुंचे थे। यहां पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जन आशीर्वाद यात्रा को जनता का भारी समर्थन मिल रहा है। यही कारण है कि बारिश में भीगते हुए भी रात 12:30 तक लोग अपने चहेते नेताओं का इंतजार करते रहे। इतना ही नहीं इस दौरान उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म पर विवादित बयान को लेकर भी मिश्रा ने कहा कि अगर ऐसा ही दूसरे धर्म के लिए बोला होता तो अब तक सर तन से जुदा हो जाता। इसके आलावा नरोत्तम मिश्रा ने राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह को लेकर भी बड़ा बयान दिया।

भिंड में बीजेपी की जीत का बताया फॉर्मूला

भिंड में जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान जब नरोत्तम मिश्रा से पूछा गया कि चंबल में बीजेपी कितनी सीट जीतेगी, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि चंबल में इस बार वह बिल्कुल उल्टा करेंगे और 25 से 30 सीट इस बार भाजपा के खाते में आएंगी और इसके लिए उन्होंने तीन कारण भी गिनाए। जिसकी वजह से पिछली बार कांग्रेस यहां जीत हासिल करने में सफल रही थी। उसमें उन्होंने कहा जो 2 अप्रैल को एससी-एसटी वर्ग द्वारा दंगे किए गए थे, उसमें कांग्रेस भ्रम फैलाने में सफल रही और एससी-एसटी के लोगों को भाजपा के खिलाफ कर दिया। इसके साथ ही कर्ज माफी की भ्रामक घोषणाएं की, उससे भी वोट पर असर पड़े और तीसरी और सबसे बड़ी बात, ज्योतिरादित्य सिंधिया उस समय कांग्रेस में थे और अब वह भाजपा में हैं। ऐसे में भाजपा यहां पर बंपर जीत हासिल करेगी। उन्होंने कहा कि अपार जन समर्थन भाजपा को मिल रहा है और इसलिए तयशुदा बात है कि भाजपा जीतेगी।

"जो बनी हुई सरकार नहीं चला पाए वह..."

वहीं गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस कहती है कि सरकार वह बनाएंगे। लेकिन जो बनी हुई सरकार नहीं चला पाए वह अब क्या सरकार बनाएंगे। जब सवाल किया गया कि कांग्रेस कहती है कि भाजपा में गुटबाजी है तो उन्होंने सीधा राहुल गांधी पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा में तो सब एक साथ घूम रहे हैं। लेकिन कांग्रेसी एक साथ घूम कर दिखा दें। वह बता दें कि राहुल गांधी इस समय कहां पर हैं। उन्होंने राहुल गांधी को भी आढ़े हाथों लेते हुए कहा कि जब जेएनयू में कन्हैया कुमार ने भारत विरोधी नारे लगाए थे और कहा था कि तुम कितने अफजल मारोगे हर घर में अफजल निकलेगा, इसपर मिश्रा ने कहा कि जिस घर में अफजल निकलेगा हम उसे घर में घुसकर मारेंगे।

"बस्ती भी जलाना है और मातम भी मनाना है"

सनातन धर्म पर हो रहे प्रहार पर बड़ा बयान देते हुए डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि यह हमारे धर्म की कमजोरी है। अगर वह दूसरे धर्म के बारे में इतना बोल देते तो सर तन से जुदा हो जाता। गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि यह टुकड़े-टुकड़े गैंग के लोग हैं और जब भी भारत माता की बात आएगी, राष्ट्र की बात आएगी, हिंदू की बात आएगी या फिर सनातन की बात आएगी तो यह लोग मुखर हो जाते हैं। उन्होंने इस पर कविता सुनाते हुए कहा कि "कांग्रेस की राजनीति का बस इतना सा फसाना है, बस्ती भी जलाना है और मातम भी मनाना है"। 

"जब तक दिग्विजय सिंह जैसे कांग्रेस में हैं..." 

राजस्थान में कन्हैया कुमार का सर कलम किया गया लेकिन एक भी कांग्रेसी ने निंदा तक नहीं की। अगर ऐसा कुछ इधर से हो जाता तो दिग्विजय सिंह जैसे सारे के सारे कांग्रेसी सियापा करने के लिये पहुंच जाते। उन्होंने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर हमला करते हुए कहा कि जब तक दिग्विजय सिंह जैसे लोग कांग्रेस के अंदर हैं, जो जाकिर नायक जैसे लोगों को शांति दूत बताते हैं और भगवा को आतंकवादी कहते हैं, तब तक कांग्रेस के साथ ऐसा ही होने वाला है। 

वहीं सनातन धर्म की कमजोरी पर सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा कि हमारे धर्म में प्राणी मात्र पर दया करने की बात कही जाती है। रात को हम पेड़ पौधों तक को नहीं छूते और बच्चों को चींटी तक न मारने की शिक्षा देते हैं। ऐसे में हमारे धर्म में खून खराबा नहीं सिखाया जाता।