*गोपीगंज फ्लाईओवर के छह ज्वाइंट एक्सटेंशन में आई तकनीकी खामी*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। वाराणसी-प्रयागराज हाईवे पर गोपीगंज स्थित फ्लाईओवर के छह पिलरों में एक बार फिर से तकनीकी खामी आ गई है। पिलरों के ज्वाइंट एक्सटेंशन में गड़बड़ियों से नगरवासियों की चिंता बढ़ गई है। हाईवे प्राधिकरण की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।वाराणसी-प्रयागराज हाईवे पर गोपीगंज में करीब 100 करोड़ की लागत से फ्लाईओवर का निर्माण हुआ है। तीन वर्ष पहले बने इस फ्लाईओवर में 53 सिंगल पिलर लगे हैं। गोपीगंज को जाम की समस्या से मुक्ति दिलाने के लिए बनाए गए फ्लाईओवर में अक्सर तकनीकी खामियां आती रहती हैं।
लगभग आठ महीने पहले पिलर नंबर 18 व 19 से कंक्रीट के टुकड़े गिरने के कारण नगरवासी दशहत में आ गए। व्यापारियों की शिकायत के बाद हाईवे प्राधिकरण ने लगभग 40 लाख की लागत से दो ज्वाइंट एक्सटेंशन को बदलाकर खामियों को दूर कराया था। उस दौरान बारी-बारी उत्तरी व दक्षिणी लेन को 10 से 12 दिनों तक बंद करना पड़ा था। अब एक बार फिर से वहीं समस्या लगभग आधा दर्जन पिलरों में आ गई है। पिलर नंबर 08, 09, 18, 19 और 42 व 43 में तकनीकी खामी देखी जा रही है। रखरखाव प्रबंधक बीके कुशवाहा ने बताया कि मामले की जानकारी दो माह से है।
श्रावण मास में दो माह के लिए उत्तरी लेन कांवड़ियों के लिए आरक्षित थी। इसलिए कुछ नहीं कराया जा सका था। दीपावली बाद लगभग एक करोड़ की लागत से तकनीकी गड़बड़ी की जद में आये छह पिलरों का ज्वाइंट एक्सटेंशन बदलवाया जाएगा।रखरखाव संस्था का मानना है कि वाराणसी-प्रयागराज फोरलेन के सिक्सलेन में परिवर्तित करने और गोपीगंज नगर में फ्लाईओवर की मैपिंग में तकनीकी चूक से समस्याएं हो रही हैं।
उन्होंने स्वीकार किया कि यदि यही फ्लाईओवर डबल पिलरों पर बना होता तो यह समस्या न बढ़ती। सावन माह कांवड़ियों के लिए आरक्षित हुई उत्तरी लेन के समय दक्षिणी लेन पर लोड बढ़ गया था। जिससे ज्वाइंट एक्सटेंशन में तकनीकी गड़बड़ी हुई है हाईवे पर हर दिन छोटे-बड़े और भारी वाहन मिलाकर कुल 24 हजार वाहन रफ्तार भरते हैं। इसमें 10 हजार ऐसे हैवी वाहनों होते हैं, जो खनिज, इस्पात, खाद्य, फल, खाद्यान्न, कच्चे माल लेकर फेरा लगाते हैं। फ्लाईओवर के 90 फीसद उपकरण सीमेंटेड और 10 फीसद उपकरण इस्पातयुक्त हैं।
Sep 03 2023, 13:32