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*पहली तिमाही में भारत की जीडीपी 7.8% रही, किसी भी प्रमुख अर्थव्यवस्था की तुलना में ये सबसे तेज ग्रोथ रेट

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अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर भारत के लिए एक और अच्छी खबर आई है। भारत की इकॉनमी और मजबूत हुई है। भारतीय अर्थव्यवस्था ने चालू वित्त वर्ष की शानदार शुरुआत की है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पहली तिमाही के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था ने शानदार 7.8 फीसदी की दर से ग्रोथ दर्ज की है। भारत के लिए ये आंकड़े इसलिए भी अहम हैं, क्योंकि दुनिया की किसी भी प्रमुख अर्थव्यवस्था की तुलना में ये सबसे तेज ग्रोथ रेट है।

भारतीय अर्थव्यवस्था का ग्रोथ बीती 4 तिमाही में सबसे तेज

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय यानी एनएसओ ने पहली तिमाही के लिए जीडीपी के आंकड़े को गुरुवार शाम में जारी किया। जून तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था का ग्रोथ बीती 4 तिमाही में सबसे तेज रही है। जून तिमाही के दौरान जीडीपी ग्रोथ 7.8 फीसदी पर पहुंच गई है। इससे पहले मार्च तिमाही में ग्रोथ 6.1 फीसदी के स्तर पर थी। दिसंबर तिमाही में जीडीपी 4.5 फीसदी के रफ्तार से बढ़ी थी। अगर सेक्टर के आधार पर प्रदर्शन देखें तो जून तिमाही में एग्रीकल्चर सेक्टर का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा है। एनएसओ द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक एग्रीकल्चर सेक्टर का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा। कृषि क्षेत्र में 3.5 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई, जो 2022-23 की इसी तिमाही में 2.4 प्रतिशत थी। हालांकि इस तिमाही में मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र की ग्रोथ घटी है और यह गिरकर 4.7 प्रतिशत रह गई । इस साल पहले समान अवधि में यह 6.1 प्रतिशत थी।

आठ बुनियादी क्षेत्रों की वृद्धि दर 8% पर, पिछले महीने 8.3% थी

कोयला, कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस के उत्पादन में वृद्धि से आठ प्रमुख बुनियादी ढांचा क्षेत्रों की वृद्धि दर जुलाई 2023 में बढ़कर आठ प्रतिशत हो गई, जो पिछले साल इसी महीने में 4.8 प्रतिशत थी। आंकड़ों से पता चलता है कि इस्पात, सीमेंट और बिजली का उत्पादन भी जुलाई महीने में बढ़ा। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार हालांकि जुलाई में कोर सेक्टर की वृद्धि दर पिछले महीने के 8.3 प्रतिशत की तुलना में कम रही। आठ क्षेत्रों की उत्पादन वृद्धि भी अप्रैल-जुलाई 2023-24 में घटकर 6.4 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी अवधि में 11.5 प्रतिशत थी।

इससे पहले ऐसा रहा प्रदर्शन

एनएसओ के आंकड़ों के अनुसार, साल भर पहले की समान तिमाही यानी जून 2022 तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 13.1 फीसदी रही थी। उसकी तुलना में इस साल वृद्धि दर प्रभावित हुई है। इससे पहले मार्च 2023 तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था ने 6.1 फीसदी की दर से वृद्धि दर्ज की थी, जबकि पूरे वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान देश की आर्थिक वृद्धि दर 7.2 फीसदी रही थी। पिछले वित्त वर्ष के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था ने अनुमान से बेहतर प्रदर्शन किया था। रिजर्व बैंक ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान वृद्धि दर 7 फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया था। हालांकि ग्रोथ रेट एक साल पहले की तुलना में कम हुई थी, क्योंकि वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 9.1 फीसदी रही थी।

तेज रफ्तार से बढ़ रहा भारत

भारत इस अच्छे प्रदर्शन के साथ ग्लोबल ग्रोथ का इंजन बना हुआ है और सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था होने का दर्जा भी बरकरार है। अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के प्रदर्शन को देखें तो दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका ने जून तिमाही के दौरान 2.1 फीसदी की दर से वृद्धि की। यह दर तिमाही आधार पर है. वहीं दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन ने जून तिमाही के दौरान साल भर पहले की तुलना में 6.3 फीसदी की वृद्धि दर दर्ज की।

अडानी मामले में राहुल गांधी ने फिर भरी हुंकार, 'INDIA' की बैठक से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किया पीएम मोदी पर 'प्रहार'

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मुंबई में होने वाली विपक्षी गठबंधन की बैठक से पहले गौतम अडानी के बहाने एक बार फिर पीएम मोदी पर बड़ा हमला बोला है।अदाणी मुद्दे को लेकर राहुल गांधी ने कंपनी पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी घेरा।राहुल गांधी ने कहा, आज सुबह दो मामले सामने आए. ग्लोबल फाइनेंशियल अखबारों ने अडानी ग्रुप के मालिक गौतम अडानी पर सवाल उठाए। एक अखबार ने कहा कि पीएम मोदी के करीबी अडानी परिवार ने अपने ही शेयरों में पैसा इन्वेस्ट कर स्टॉक्स में हेरफेर की कोशिश की। इस खुलासे के बाद देश की छवि पर असर पड़ा है।

पीएम मोदी और अडानी का क्या रिश्ता है-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि अडानी के खिलाफ दुनिया के दो बड़े अखबारों ने खुलासा किया है। हम सीए लेकर पहले भी सवाल उठा चुके हैं, लेकिन केंद्र सरकार इस तरफ ध्यान नहीं दे रही है।कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने निशाना साधते हुए कहा कि पीएम मोदी चुप क्यों हैं? जी 20 के नेता आने वाले हैं जो सवाल पूछेंगे कि एक कंपनी स्पेशल क्यों है? बेहतर होगा उनके आने से पहले इन सवालों का जवाब दिया जाए। मामले में जेपीसी जांच की जरूरत है। उन्होंने पूछा कि पीएम मोदी और अडानी का क्या रिश्ता है? जांच एजेंसियां अडानी ग्रुप की जांच और पूछताछ क्यों नहीं कर रही? हम पारदर्शिता की बात करते हैं। 

यह देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ मामला- राहुल गांधी

कांग्रेस नेता ने कहा कि कुछ दिनों बाद भारत में जी-20 की बैठक होने वाली है। इस सम्मेलन में दुनियाभर के नेता और संस्थाओं के प्रतिनिधि हिस्सा लेने भारत आएंगे। सरकार को इससे पहले इस मामले में जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह कोई सामान्य मामला नहीं है, यह देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि इससे भारत की तस्वीर दुनियाभर में ख़राब हो रही है। सरकार को इस पूरे प्रकरण की जेपीसी जांच करानी चाहिए और जो सच हो उसे पूरे देश को बताना चाहिए।  

राहुल गांधी ने पूछा- यह पैसा किसका है?

राहुल गांधी ने कहा कि अदाणी जी की कंपनियों के नेटवर्क के जरिए एक अरब डॉलर पैसा भारत से बाहर गया और अलग-अलग देशों से घूमकर वापस आया। इससे अदाणी समूह के शेयरों की कीमत बढ़ी। इन पैसों का बंदरगाहों और हवाई अड्डों जैसी भारतीय संपत्तियों को हासिल करने के लिए इस्तेमाल हुआ। राहुल ने कहा कि सबसे पहले यह सवाल उठता है कि यह पैसा किसका है? यह अदाणी जी का या किसी और का है? अगर किसी और का है तो किसका है? दूसरा सवाल यह है कि इसके पीछे मास्टरमाइंड कौन है? क्या विनोद अदाणी हैं? दो विदेशी नागरिक नासिर अली, चीन के चेंग चूंग लींग भी इसमें शामिल हैं। ये विदेशी नागरिक कैसे भारत के शेयर बाजार को चला रहे हैं? चीन के नागरिक की क्या भूमिका है? तीसरा सवाल है कि जिन्होंने इस मामले की जांच की और क्लीन चिट दी, उन सेबी चेयरमैन को बाद में अदाणी जी की कंपनी में कैसे डायरेक्टर बनाया गया? 

प्रधानमंत्री मामले में जांच से क्यों बचना चाहते हैं-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने आगे सवाल दागते हुए कहा, प्रधानमंत्री इस मामले में जांच से क्यों बचना चाहते हैं। जी -20 का समय है। अलग-अलग देशों से नेता यहां हैं वो इस मामले पर सवाल पूछ सकते हैं। सवाल ये उठता है कि पीएमम मोदी कुछ क्यों नहीं कर रहे हैं। अखबार कह रहा है कि पीएम मोदी-गौतम अडानी का रिश्ता है तो गौतम अडानी की जांच क्यों नहीं हो रही है। राहुल गांधी ने कहा, वो कहते हैं कि भ्रष्टाचार नहीं है। यहां पर स्टॉक की कीमतों को उठाया जा रहा है। तो ये देश की इमेज को खराब कर रहा है। पीएम को कदम उठाना चाहिए और इसकी जांच होनी चाहिए।

एक्सक्लूसिव, वक्फ बोर्ड से वापस ली जाएंगी 123 संपत्तियां, केंद्र सरकार ने दिया नोटिस, सूची में सेंट्रल दिल्ली में स्थित जामा मस्जिद भी शामिल

केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय ने दिल्ली वक्फ बोर्ड की 123 संपत्तियों को वापस लेने के लिए नोटिस जारी किया है। इसमें दिल्ली का जामा मस्जिद भी शामिल है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान जामा मस्जिद को वक्फ बोर्ड को दिया गया था। अब सरकार दिल्ली की महत्वपूर्ण 123 संपत्तियों को वापस लेगी। जिस मस्जिद को वापस लिया जाना है, वह लाल किले के पास वाली जामा मस्जिद नहीं है। यह जामा मस्जिद सेंट्रल दिल्ली में स्थित है।

 केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार ने गैर-अधिसूचित वक्फ संपत्तियों पर दो सदस्यीय समिति की रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली वक्फ बोर्ड की 123 संपत्तियों को अपने कब्जे में लेने का फैसला किया है। इसमें मस्जिद, दरगाह और कब्रिस्तान शामिल है। मंत्रालय ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष और आप विधायक अमानुतल्लाह खान को पत्र लिखकर फैसले की जानकारी दी है। जिन संपत्तियों को वापस लेने का नोटिस जारी किया गया है , वह पहले कभी न कभी सरकार के पास ही थी। मनमोहन सरकार के दौरान इन संपत्तियों को वक्फ बोर्ड को सौंप दिया गया था। केंद्रीय शहरी मंत्रालय के अधीन भूमि एवं विकास कार्यालय ने वक्फ बोर्ड को भेजे नोटिस में उसे जरूरी कागजात पेश करने को कहा है, जिसमें बोर्ड बता सके कि यह संपत्तियां उसे क्यों दी जानी चाहिए।

वक्फ बोर्ड ने दिल्ली हाई कोर्ट में भी याचिका डाली थी। याचिका में कहा गया था कि इन सभी संपत्तियों को तोड़ने , फोड़ने और मरम्मतीकरण का काम कोई दूसरा न करे। लेकिन बीते मई माह में हाई कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया था। हाई कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय ने वक्फ बोर्ड को नोटिस जारी किया और कहा है कि अगर आपको लगता है कि यह संपत्तियां आपको मिलनी चाहिए तो जरूरी कागजात पेश करें।

मोदी सरकार का चौंकाने वाला फैसला, 18 से 22 सितंबर के बीच बुलाया गया संसद का विशेष सत्र, संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने किया ट्वीट

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केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए संसद का विशेष सत्र बुलाया है। केंद्र के संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने ऐलान किया कि 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र चलेगा। 

जी20 शिखर बैठक के बाद विशेष सत्र

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने गुरुवार को एक्स पर पोस्ट कर बताया कि संसद का विशेष सत्र 18 से 22 सितंबर तक चलेगा। इसमें 5 बैठकें होंगी।अमृत काल के दौरान संसद के इस विशेष सत्र में सार्थक चर्चा होने के आसार हैं।संसद के इस विशेष सत्र के एजेंडे के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा गया है। हालांकि यह सत्र 9 और 10 सितंबर को राष्ट्रीय राजधनी में जी20 शिखर बैठक के कुछ दिनों बाद आयोजित होने जा रहा है।

मानसून सत्र चढ़ गया था हंगामे की भेंट

जानकारी के मुताबिक संसद के इस विशेष सत्र के दौरान लगातार बैठकें होंगी और लगातार पांच बैठकें होंगी।यह 17वीं लोकसभा का 13वां सत्र और राज्यसभा का 261वां सत्र होगा। इस सत्र में 10 से ज्यादा महत्वपूर्ण बिल पेश किए जाएंगे। बिल की वजह से स्पेशल सेशन बुलाया जा रहा है। दरअसल, संसद का मॉनसून सत्र पूरी तरह से मणिपुर के मसले पर धुल गया था। संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से 11 अगस्त तक चला था। इस सत्र में विपक्ष द्वारा मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लाया गया था। मणिपुर के मसले पर ही विपक्ष ये प्रस्ताव लेकर आया था, जो कि संसद में ध्वनि मत से गिर गया था। इस दौरान पक्ष और विपक्ष दोनों ओर से एक-दूसरे पर जमकर वार किए गए थे।

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#pragyan_rover_video_vikram_lander_on_moon_isro_latest_update चंदामामा के आँगन में अठखेलियाँ कर रहा प्रज्ञान, इसरो ने चांद पर घूमते रोवर का नया वीडियो किया जारी चंद्रयान-3 की चांद पर लैंडिंग का आज आ

चंदामामा के आँगन में अठखेलियाँ कर रहा प्रज्ञान, इसरो ने चांद पर घूमते रोवर का नया वीडियो किया जारी
#pragyan_rover_video_vikram_lander_on_moon_isro_latest_update चंदामामा के आँगन में अठखेलियाँ कर रहा प्रज्ञान, इसरो ने चांद पर घूमते रोवर का नया वीडियो किया जारी चंद्रयान-3 की चांद पर लैंडिंग का आज आठवां दिन है। चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करने के बाद से ही रोवर प्रज्ञान और लैंडर विक्रम रोजाना अहम जानकारियां धरती पर भेज रहे हैं।इसी बीच लैंडर विक्रम ने चांद की सतह से इसरो को रोवर प्रज्ञान का एक मजेदार वीडियो भी भेजा है।इस वीडियो में रोवर सेफ रूट की तलाश में 360 डिग्री घूमता नजर आ रहा जिससे ऐसा लग रहा है कि वह चांद की सतह पर डांस कर रहा है। इसरो ने गुरुवार को ट्वीट करते हुए लिखा कि प्रज्ञान रोवर चांद पर सेफ रूट की तलाश में घूम रहा था। इस रोटेशन को लैंडर के कैमरे में कैद किया गया है। ऐसा लग रहा है कि कोई बच्चा चंदा मामा के आंगन में खेल रहा है और मां उसे लाड से देख रही है। है ना? इससे पहले इसरो ने बुधवार को रोवर प्रज्ञान के कैमरे से ली गई लैंडर विक्रम की तस्वीर साझा की थी।इसरो ने एक ट्वीट में लिखा, ‘स्माइल प्लीज! प्रज्ञान रोवर ने आज सुबह विक्रम लैंडर की एक तस्वीर क्लिक की। फोटो रोवर प्रज्ञान (NavCam) पर लगे नेविगेशन कैमरे द्वारा ली गई। चंद्रयान-3 मिशन के लिए NavCams इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स सिस्टम लेबोरेटरी(LEOS) द्वारा विकसित किए गए हैं।’इसरो के मुताबिक, ये तस्वीरें 30 अगस्त को भारतीय समयानुसार सुबह 7 बजकर 35 मिनट पर क्लिक की गई हैं। विक्रम और प्रज्ञान खोज करने में जुटे बता दें कि विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर चांद पर लगातार कई खोज करने में जुटे हुए हैं। बीते दिन इसरो ने चांद पर ऑक्सीजन, आयरन, क्रोमियम, टाइटेनियम, एल्युमिनियम, कैल्शियम, मैगनीज, सिलिकॉन, सल्फर होने की पुष्टि की थी और अब प्रज्ञान रोवर की कोशिश यहां पर हाइड्रोजन खोजने की है।इसरो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी शेयर की। उसने कहा-' रोवर पर लगे लेजर संचालित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (एलआईबीएस) उपकरण ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सतह में गंधक होने की स्पष्ट रूप से पुष्टि की है।उम्मीद के मुताबिक एल्युमीनियम, कैल्शियम, लौह, क्रोमियम, टाइटेनियम, मैंगनीज, सिलिकॉन और ऑक्सीजन का भी पता चला है। हाइड्रोजन की तलाश जारी है।' एलआईबीएस उपकरण को इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स सिस्टम्स (एलईओएस)/इसरो, बेंगलुरु की प्रयोगशाला में विकसित किया गया है। इसरो ने कहा, 'हाइड्रोजन की मौजूदगी के संबंध में गहन पड़ताल जारी है।'
एलन मस्क का बड़ा ऐलान, अब X से कर सकेंगे ऑडियो और वीडियो कॉल, जानें कैसे

#elon_musk_x_tweet_video_and_audio_calls_coming 

जब से एलन मस्क ने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) की कमान संभाली है, तब से प्लेटफॉर्म में बड़े-बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं।पहले सोशल मीडिया प्लटेफॉर्म का नाम ही बदल दिया। उन्होंने इसका नाम ट्विटर से बदलकर एक्स रख दिया है। वहीं अब वह मेटा के सभी प्लेटफॉर्म्स को अकेले टक्कर देने के लिए तैयार हैं। इस क्रम में, उन्होंने एक और बड़ा एलान किया है। एलन मस्क ने X पर पोस्ट करते हुए इस बात की जानकारी दी है कि अब कंपनी यूजर्स के लिए ऑडियो और वीडियो कॉलिंग फीचर को जोड़ने वाली है।

ऑडियो और वीडियो कॉलिंग के लिए अधिकतर लोग वॉट्सएप का इस्तेमाल करते हैं। यह कॉलिंग के लिए सबसे पॉपुलर ऐप बन चुका है। लेकिन अब लोग वाट्सएप, इंस्टाग्राम और फेसबुक की तरह ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वीडियो और ऑडियो कॉल कर सकेंगे। इसकी जानकारी खुद दिग्गज कारोबारी एलन मस्क ने दी है। उन्होंने बताया ये फीचर कहां-कहां काम कर सकेगा।उन्होंने बताया कि नए फीचर का लाभ सभी तरह के फोन और लैपटॉप में ले सकेंगे। एंड्रॉयड, आईओएस और लैपटॉप में इस फीचर का इस्तेमाल आसानी से किया जा सकेगा। वहीं, वीडियो और ऑडियो कॉल के लिए किसी का फोन नंबर पता होने की जरूरत नहीं होगी। नंबर जाने बिना भी एक्स के जरिए लोग एक दूसरे से बात कर सकेंगे। 

मस्क ने X पर पोस्ट कर लिखा, 'एक्स पर वीडियो और ऑडियो कॉल आ रही है। यह आईओएस, एंड्रॉयड, मैक और पीसी पर काम करेगा। मोबाइल नंबर की जरूरत नहीं होगी। साथ ही उन्होंने लिखा कि X इफेक्टिव ग्लोबल एड्रेस बुक है। यह फैक्टर्स काफी यूनिक है।

आप बता दें कि इससे पहले एक्स X की डिजाइनर एंड्रिया कॉनवे ने संकेत दिया था कि एक्स प्लेटफॉर्म पर कॉलिंग फीचर आने वाला है। एंड्रिया कॉनवे ने 10 अगस्त को अपने ट्वीट में लिखा था, ‘X पर किसी को अभी कॉल किया।

ऋषिकेश : जनवरी में तैयार हो जाएगा बजरंग सेतु, कांच के होंगे फुटपाथ, प्रथम सप्ताह से शुरू होगा पुल पर आवागमन, 70 प्रतिशत काम पूरा

अगले वर्ष जनवरी माह के प्रथम सप्ताह में बजरंग सेतु बनकर तैयार हो जाएगा। 68 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 132.50 मीटर स्पान के इस पुल का निर्माण कार्य पिछले वर्ष जनवरी से शुरू किया गया था। करीब 57 मीटर ऊंचाई वाले इस पुल का 70 फीसदी कार्य पूरा हो गया है।

लक्ष्मणझूला पुल 92 साल पुराना हो गया था। जर्जर स्थिति में पहुंचने पर इस पुल को प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से पिछले साल बंद कर दिया था। पुल के बंद होने से स्वर्गाश्रम और तपोवन क्षेत्र के बीच आवागमन को लेकर पर्यटकों और स्थानीय लोगों को दिक्कत हो रही है।

पर्यटकों व स्थानीय लोगों को दो किमी दूर रामझूला से आवागमन करना पड़ रहा है। वर्तमान में रामझूला पुल की सुरक्षा की दृष्टि से दोपहिया वाहनों का आवागमन बंद किया गया है। जिससे समस्या और अधिक बढ़ गई है।

जनवरी के प्रथम सप्ताह से शुरू होगा पुल पर आवागमन

लक्ष्मण झूला पुल के पास ही बजरंग सेतु का निर्माण कार्य किया जा रहा है। जिसका करीब 70 फीसदी कार्य पूर्ण हो चुका है। लोक निर्माण विभाग नरेंद्रनगर के अधिकारियों का कहना है कि पुल का स्ट्रक्चर चंडीगढ़ में तैयार कर दिया गया है। जिसके अधिकांश पार्ट्स भी पहुंच चुके हैं।

अभी कुछ सिविल वर्क रह गया है। जो इस वर्ष के दिसंबर तक पूर्ण हो जाएगा। अगले वर्ष जनवरी के प्रथम सप्ताह से पुल पर आवागमन शुरू हो जाएगा। हालांकि, पुल का निर्माण इसी साल जुलाई तक पूरा करने का लक्ष्य था।

कांच का फुटपाथ होगा पुल पर

बजरंग सेतु ऋषिकेश क्षेत्र का एक नायाब पुल होगा। इसकी सुंदरता बढ़ाने के लिए पुल के दोनों ओर कांच के फुटपाथ होंगे। दोनों किनारों पर डेढ़-डेढ़ मीटर चौड़े फुटपाथ 65 एमएम मोटे कांच से बनाए जाएंगे। वहीं पुल के टावर पर केदारनाथ धाम की आकृति होगी। कांच की फुटपाथ वाला यह उत्तर भारत का पहला पुल होगा। पुल पर हल्के चौपहिया वाहन भी चलेंगे।

पुल निर्माण का 70 फीसदी कार्य पूर्ण हो चुका है। 30 फीसदी सिविल कार्य बाकी है। इसी वर्ष दिसंबर के अंत तक कार्य पूरा हो जाएगा और अगले वर्ष जनवरी के प्रथम सप्ताह में पुल पर आवागमन शुरू करवा दिया जाएगा।

जम्मू-कश्मीर में जल्द हो सकते हैं चुनाव', अनुच्छेद 370 पर सुनवाई के दौरान केंद्र का सुप्रीम कोर्ट में बड़ा बयान

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जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आज गुरूवार को 13वें दिन की सुनवाई हुई।धारा 370 हटाने को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसटर जनरल तुषार मेहता सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार जल्द ही जम्मू कश्मीर में चुनाव कराएगी। सबसे पहले पंचायत चुनाव होंगे। केंद्र ने इसके लिए वोटर लिस्ट तैयार कर लिया है। चुनाव कब होंगे ये राज्य चुनाव आयोग और केंद्रीय चुनाव आयोग तय करेगा।

लगभग पूरा होने को है मतदाता सूची को अपडेट करने का काम

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अब तक मतदाता सूची को अपडेट करने का काम चल रहा था। यह काम काफी हद तक हो चुका है। पहला चुनाव पंचायत चुनाव का होगा। वहीं जिला विकास का चुनाव हो चुका है। उन्होंने कहा कि लेह चुनाव खत्म हो गए हैं। अगले महीने के अंत में कारगिल चुनाव है।सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जम्मू-कश्मीर के हालिया हालात के बारे में बताते हुए कहा, 2018 से 2023 की तुलना में आतंकवादी घटनाओं में 45.2% की कमी आई है। घुसपैठ में 90% की कमी आई है। पथराव आदि जैसे कानून एवं व्यवस्था के मुद्दों में 97% की कमी आई। सुरक्षा कर्मियों के हताहत होने के मामलों में 65% की कमी आई है। 2018 में पथराव की घटनाएं 1767 थीं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है। अकेले जनवरी 2022 में 1.8 करोड़ और 2023 में 1 करोड़ पर्यटक आए हैं। ये वो कदम हैं जो केंद्र उठा रहा है। केंद्र ये कदम केवल यूटी होने तक ही उठा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि, "केंद्र सरकार चुनाव के लिए तैयार है लेकिन राज्य और चुनाव आयोग को यह तय करना है कि इसे कब कराना है और पंचायत, जिला आदि किस स्तर के चुनाव पहले कराने हैं।

जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की समय सीमा तय नहीं

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए कोई समयसीमा फिलहाल नहीं बता सकते। हालांकि, यह स्पष्ट किया कि केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा अस्थायी है। केंद्र का कहना है कि इसे पूर्ण राज्य बनाने पर काम चल रहा है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि केंद्र के इस जवाब से मामले की संवैधानिकता तय करने में कोई असर नहीं होगा। हम इस मामले की संवैधानिकता को तय करेंगे। दरअसल कपिल सिब्बल ने कहा था कि अदालत को इस क्षेत्र में नहीं जाना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने मांगा था राज्य घोषित करने की समयसीमा पर जवाब

केंद्र ने 29 अगस्त को शीर्ष अदालत से कहा था कि जम्मू-कश्मीर की केंद्रशासित प्रदेश की स्थिति स्थायी नहीं है और वह 31 अगस्त को अदालत में इस जटिल राजनीतिक मुद्दे पर एक विस्तृत बयान देगा। अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने सरकार से पूर्ववर्ती राज्य में चुनावी लोकतंत्र की बहाली के लिए एक विशिष्ट समयसीमा निर्धारित करने को कहा था।

जम्मू-कश्मीर में जल्द हो सकते हैं चुनाव', अनुच्छेद 370 पर सुनवाई के दौरान केंद्र का सुप्रीम कोर्ट में बड़ा बयान

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जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आज गुरूवार को 13वें दिन की सुनवाई हुई।धारा 370 हटाने को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसटर जनरल तुषार मेहता सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार जल्द ही जम्मू कश्मीर में चुनाव कराएगी। सबसे पहले पंचायत चुनाव होंगे। केंद्र ने इसके लिए वोटर लिस्ट तैयार कर लिया है। चुनाव कब होंगे ये राज्य चुनाव आयोग और केंद्रीय चुनाव आयोग तय करेगा।

लगभग पूरा होने को है मतदाता सूची को अपडेट करने का काम

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अब तक मतदाता सूची को अपडेट करने का काम चल रहा था। यह काम काफी हद तक हो चुका है। पहला चुनाव पंचायत चुनाव का होगा। वहीं जिला विकास का चुनाव हो चुका है। उन्होंने कहा कि लेह चुनाव खत्म हो गए हैं। अगले महीने के अंत में कारगिल चुनाव है।सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जम्मू-कश्मीर के हालिया हालात के बारे में बताते हुए कहा, 2018 से 2023 की तुलना में आतंकवादी घटनाओं में 45.2% की कमी आई है। घुसपैठ में 90% की कमी आई है। पथराव आदि जैसे कानून एवं व्यवस्था के मुद्दों में 97% की कमी आई। सुरक्षा कर्मियों के हताहत होने के मामलों में 65% की कमी आई है। 2018 में पथराव की घटनाएं 1767 थीं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है। अकेले जनवरी 2022 में 1.8 करोड़ और 2023 में 1 करोड़ पर्यटक आए हैं। ये वो कदम हैं जो केंद्र उठा रहा है। केंद्र ये कदम केवल यूटी होने तक ही उठा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि, "केंद्र सरकार चुनाव के लिए तैयार है लेकिन राज्य और चुनाव आयोग को यह तय करना है कि इसे कब कराना है और पंचायत, जिला आदि किस स्तर के चुनाव पहले कराने हैं।

जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की समय सीमा तय नहीं

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए कोई समयसीमा फिलहाल नहीं बता सकते। हालांकि, यह स्पष्ट किया कि केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा अस्थायी है। केंद्र का कहना है कि इसे पूर्ण राज्य बनाने पर काम चल रहा है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि केंद्र के इस जवाब से मामले की संवैधानिकता तय करने में कोई असर नहीं होगा। हम इस मामले की संवैधानिकता को तय करेंगे। दरअसल कपिल सिब्बल ने कहा था कि अदालत को इस क्षेत्र में नहीं जाना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने मांगा था राज्य घोषित करने की समयसीमा पर जवाब

केंद्र ने 29 अगस्त को शीर्ष अदालत से कहा था कि जम्मू-कश्मीर की केंद्रशासित प्रदेश की स्थिति स्थायी नहीं है और वह 31 अगस्त को अदालत में इस जटिल राजनीतिक मुद्दे पर एक विस्तृत बयान देगा। अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने सरकार से पूर्ववर्ती राज्य में चुनावी लोकतंत्र की बहाली के लिए एक विशिष्ट समयसीमा निर्धारित करने को कहा था।

हापुड़ में अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज के खिलाफ पूरे प्रदेश में वकीलों का आक्रोश बढ़ रहा, सीएम योगी ने लिया संज्ञान, एसआईटी का गठन

हापुड़ में अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज के खिलाफ पूरे प्रदेश में वकीलों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। बुधवार को पहले अलीगढ़ फिर लखनऊ और प्रयागराज में वकीलों और पुलिस के साथ झड़प हो गई। इस दौरान लखनऊ में वकीलों ने इंस्पेक्टर और एसीपी को भी घेरकर पीट दिया। किसी तरह दोनों अधिकारियों को वकीलों के कब्जे से मुक्त कराया जा सका। प्रयागराज में हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं ने पुलिस का पुतला फूंका और पुलिस वालों को पीट भी दिया। वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने हापुड़ में हुई घटना के विरोध में प्रदेशव्यापी अधिवक्ताओं की हड़ताल को अपना पूर्ण समर्थन दिया है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस पार्टी अधिवक्ताओं के साथ कंघे से कंधा मिलाकर खड़ी है। कांग्रेस पार्टी अधिवक्तओं पर हुए बर्बर लाठीचार्ज की कड़ी निंदा करती है।

हापुड़ की घटना के विरोध में अवध बार और सेंट्रल बार एसोसिएशन ने बुधवार को कार्य बहिष्कार का ऐलान किया था। इसे देखते हुए पुलिस भी अलर्ट पर थी। बुधवार को घटना से आक्रोशित वकीलों ने हापुड़ की घटना में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। परिवर्तन चौक के पास बड़ी संख्या में अधिवक्ता जमा हो गए।

सीएम योगी ने वकीलों की पिटाई का लिया संज्ञान, एसआईटी का गठन

वकीलों को सिविल कोर्ट की तरफ पुलिस ने भेजने का प्रयास किया। मान मनौव्वल के बाद प्रदर्शनकारी स्वास्थय भवन चौराहे से लेकर पुराने हाईकोर्ट के रास्ते पर फैल गए। बार पदाधिकारियों के ज्ञापन सौंपने के बाद भी अधिवक्ता शांत नहीं हुए। इसी दौरान पुलिस वालों और वकीलों के बीच मारपीट शुरू हो गई। 

वकीलों को उग्र होते देख एसीपी हजरतगंज अरविंद कुमार वर्मा और इंस्पेक्टर मदेयगंज अभय प्रताप सिंह ने उन्हें समझाने का प्रयास किया। इस पर कुछ अधिवक्ता दोनों अधिकारियों पर टूट पड़े। भीड़ के बीच घिरे एसीपी और इंस्पेक्टर से मारपीट शुरू कर दी गई। किसी तरह दोनों अधिकारियों को भीड़ से बाहर निकाला गया। शाम करीब चार बजे तक वकील सड़क पर ही डटे रहे। इस दौरान कई बार पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की गई। प्रदर्शन के कारण राहगीरों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

प्रयागराज में हाईकोर्ट के वकीलों ने सिपाही को पीटा

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं बुधवार को हापुड़ की घटना को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान एक सिपाही उनके बीच से होकर जाने की कोशिश करने लगा तो वकीलों का गुस्सा फूट पड़ा। वकीलों ने उसे डंडा लेकर दौड़ा लिया। सिपाही को थप्पड़ भी जड़ दिया। सिपाही वहां से किसी तरह भाग निकला।