इस बार 122 सालों में सबसे सूखा रहा अगस्त, 32 प्रतिशत कम हुई बारिश
#august_2023_is_india_driest_august_in_past_122_years
पिछले महीने देश के कई हिस्सों में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई। खासकर हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बारिश ने खूब तबाही मचाई। हालांकि, मानसून ब्रेक और कमजोर मानसून के चलते पूर्वोत्तर और हिमाचल-उत्तराखंड को छोड़कर देशभर में अगस्त महीने में बारिश की कमी रही। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि भारत में 1901 के बाद से अगस्त सबसे सूखा रहा है। विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि ये अल नीनो की स्थितियों के तीव्र होने का परिणाम है। बता दें कि अगस्त महीने में अब तक 32 फीसदी कम बारिश हुई है और अगले दो दिनों तक भी देश के एक बड़े हिस्से में कम बारिश होने का अनुमान जताया गया है।
इस साल मानसून 2015 के बाद से सबसे अधिक शुष्क
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक इस साल का मानसून 2015 के बाद से सबसे अधिक शुष्क हो सकता है, जिसमें 13 प्रतिशत बारिश की कमी दर्ज की गई है।मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अगस्त में अब तक 32% बारिश की कमी और अगले 48 घंटों में देश के एक बड़े हिस्से में बारिश की कम गतिविधियां होने के अनुमान के साथ, भारत 1901 के बाद से सबसे सूखा अगस्त का महीना घोषित किए जाने के कगार पर है।
अगस्त में 254.9 मिमी होती है बारिश
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक अगस्त में अमूमन 254.9 मिमी बारिश होती है, जो मानसून के मौसम के दौरान होने वाली बारिश का लगभग 30 प्रतिशत है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार भारत में अगस्त 2005 में 25 प्रतिशत, 1965 में 24.6 प्रतिशत; 1920 में 24.4 प्रतिशत; 2009 में 24.1 प्रतिशत और 1913 में 24 प्रतिशत बारिश की कमी दर्ज की गई।
अल नीनो के कारण कम बारिश
आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि अगस्त में सामान्य से कम बारिश का मुख्य कारण अल नीनो (दक्षिण अमेरिका के निकट प्रशांत महासागर में पानी का गर्म होना) के अलावा ‘मैडेन जूलियन ऑसिलेशन’ (एमजेओ) का प्रतिकूल चरण है। एमजेओ एक समुद्री-वायुमंडलीय घटना है जो दुनियाभर में मौसम की गतिविधियों को प्रभावित करती है। अल नीनो आमतौर पर भारत में कमजोर होती मानसूनी हवाओं और शुष्क मौसम से जुड़ा है।
महापात्र ने कहा, ‘एमजेओ के अनुकूल चरण के कारण कम दबाव प्रणाली न होने पर भी बारिश होती है। एमजेओ के अनुकूल चरण के कारण जुलाई में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई थी। मौजूदा अल नीनो स्थितियों के प्रभाव में बंगाल की खाड़ी पर सामान्य पांच के मुकाबले केवल दो कम दबाव वाली प्रणालियां विकसित हुईं। अगस्त में सामान्य से कम बारिश का एक अन्य कारण दक्षिण चीन सागर में कम दबाव वाली प्रणालियों की कम संख्या थी और वे भी उत्तर की ओर बढ़ गईं। दक्षिण चीन सागर के ऊपर विकसित होने वाली कम दबाव वाली प्रणालियां आमतौर पर पश्चिम की ओर बढ़ती हैं, वियतनाम और थाईलैंड को पार करने के बाद उत्तरी बंगाल की खाड़ी तक पहुंचती हैं।
सितंबर में आखिरी बारिश के आसार
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 4 सितंबर के बाद करीब 10 दिनों तक इस सीजन की आखिरी बारिश हो सकती है। अनुमानों के मुताबिक देश के पश्चिमी हिस्से से मानसून की विदाई समय से पहले यानी 15 या 16 सितंबर से शुरू हो सकती है।
Aug 30 2023, 15:13