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मोदी सरकार देने जा रही बड़ा तोहफा, घरेलू एलपीजी सिलेंडर के दामों में 200 रुपये की कटौती के संकेत, जल्द हो सकता है ऐलान

#domestic_lpg_cylinder_prices_to_be_cut_by_200_rupees

लंबे समय से महंगाई की मार झेल रही जनता के लिए खुशखबरी है।रक्षा बंधन के मौके पर मोदी सरकार सस्ते एलपीजी सिलेंडर की सौगात दे सकती है। सरकारी सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक, मोदी सरकार रसोई गैस सिलेंडर के दाम में 200 रुपये की बड़ी कटौती करने जा रही है।सूत्रों की मानें तो सरकार रसोई गैस सिलेंडर पर सब्सिडी देने की योजना पर काम कर रही है। ये सब्सिडी 100 से 200 रुपये प्रति सिलेंडर तक हो सकती है। मोदी सरकार बहुत जल्द इस छूट का ऐलान भी कर सकती है।

प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के लाभार्थियों को मिलेगा लाभ

हालांकि यह फायदा केवल प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के लाभार्थियों को ही मिलेगा।सूत्रों के मुताबिक उज्ज्वला योजना के तहत रसोई सिलेंडर 200 रुपये और सस्ती होगी। केंद्र सरकार ने मई 2022 में भी पीएम उज्जवला योजना के लाभार्थियों को साल में 12 सिलेंडर सिफिल कराने पर 200 रुपये प्रति सिलेंडर सब्सिडी देना शुरू किया था जिसकी मियाद को अब 31 मार्च 2024 तक के लिए एक्सटेंड कर दिया गया. इसके बावजूद इस योजना के तहत सिलेंडर कराने वालों को 900 रुपये खर्च पड़ रहे हैं. यही वजह है कि पीएम उज्जवला योजना के लाभार्थियों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार अब 200 रुपये अतिरिक्त एलपीजी सिलेंडर पर सब्सिडी देने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया है। जल्द ही इसका औपचारिक एलान हो सकता है। 

चुनावी चाल?

सरकार के इस फैसले को आने वाले चुनावों से भी जोड़कर देखा जा रहा है। इस साल देश में राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे अहम राज्यों में चुनाव होने हैं। वहीं 2024 की शुरुआत में लोकसभा चुनाव भी हैं। ऐसे में महंगाई एक बड़ा चुनावी मुद्दा बन सकता है।इस साल होने वाले राज्यों के चुनाव में पहले से ही गैस सिलेंडर पर छूट दी जा रही है। राजस्‍थान के मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत ने इंदिरा गांधी गैस सिलेंडर सब्सिडी योजना के तहत 1140 रुपये तक का सिलेंडर 500 रुपये में उपलब्ध करा रही है। इससे 14 लाख लाभार्थियों को फायदा पहुंचने का दावा किया गया है। वहीं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया है कि सावन माह में सभी को 450 रुपये में गैस सिलेंडर उपलब्ध करवाये जाएंगे। शिवराज के इस एलान से प्रदेश एक करोड़ 20 लाख से अधिक घरेलू गैस उपभोक्ताओं को फायेदा पहुंचेगा।

तीन साल में एलपीजी सिलेंडर की कीमत दोगुनी हुई

पिछले तीन साल देश में एलपीजी सिलेंडर की कीमत दोगुनी हो गई है। लोग लंबे समय से घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत में राहत का इंतजार कर रहे हैं। पिछले तीन साल में एलपीजी सिलेंडर की कीमत में भारी इजाफा हुआ है। एक नवंबर को इसकी कीमत 594 रुपये थी। दो दिसंबर, 2020 को इसे बढ़ाकर 644 रुपये किया गया था। फिर 15 दिसंबर, 2020 को यह कीमत 694 रुपये हो गई। फरवरी, 2021 में तीन बार इसकी कीमत बढ़ाई गई और यह 794 रुपये का हो गया था। एक अप्रैल को इसमें दस रुपये की कटौती की गई और इसकी कीमत 809 रुपये रह गई। लेकिन एक जुलाई 2021 को इसे बढ़ाकर 834 रुपये कर दिया गया। फिर 17 अगस्त, 2021 को इसकी कीमत 859.50 रुपये कर दी गई। एक सितंबर, 2021 को फिर इसमें इजाफा हुआ और 14.2 किलो का सिलेंडर दिल्ली में 884.50 रुपये का हो गया। छह अक्टूबर, 2021 को इसकी कीमत बढ़कर 899.50 रुपये हो गया। फिर 22 मार्च, 2022 को 949.50 रुपये का हो गया। सात मई, 2022 को फिर इसमें 50 रुपये की बढ़ोतरी हुई और यह 999.50 रुपये को हो गया। 19 मई, 2022 को इसकी कीमत में 3.50 रुपये की बढ़ोतरी हुई और इसकी कीमत 1003 रुपये हो गई। इसके बाद मार्च, 2023 में इसमें फिर 50 रुपये का इजाफा किया गया और इसकी कीमत 1103 रुपये पहुंच गई। तबसे इसकी कीमत में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

चीन के नए नक्शे पर भड़के संजय राउत, कहा- राहुल गांधी सच बोल रहे हैं, हिम्मत है तो चीन पर सर्जिकल स्ट्राइक करिए

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चीन ने आधिकारिक तौर पर अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चीन क्षेत्र को अपने क्षेत्र के हिस्से के रूप दिखाया है। चीन ने इसका एक मानक मानचित्र का नवीनतम संस्करण जारी किया है। चीन के इस मैप के सामने आने के बाद भारत में सियासत शुरू हो गई है।शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने इसे लेकर सरकार पर निशाना साधा है। संजय राउत ने कहा कि राहुल गांधी का लद्दाख पर दावा सही है और केंद्र सरकार में अगर हिम्मत है तो उसे चीन पर सर्जिकल स्ट्राइक कर देनी चाहिए।

अगले महीने चीन के राष्ट्रपति जी-20 की बैठक के लिए नई दिल्ली आने वाले हैं। इससे पहले चीन ने भारत के अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चीन के इलाके को अपने ऑफिसियल नक्शे में दिखाया है। चीन की ऐसी हरकत से भारत के राजनीतिक गलियारे में सवाल उठने लगे हैं।इस पर शिवसेना(उद्धव ठाकरे गुट) के नेता संजय राउत ने बयान देते हुए कहा, प्रधानमंत्री को इस मामले को देखना चाहिए। हाल ही में वे ब्रिक्स सम्मेलन में गए थे और चीन के राष्ट्रपति से मिले थे और अब ये मैप सामने आया है। इसलिए उनसे (प्रधानमंत्री) सवाल पूछे जाने चाहिए। इससे हमें दुख पहुंचता है। 

हिम्मत है तो चीन में सर्जिकल स्ट्राइक कीजिए

संजय राउत ने आगे कहा कि राहुल गांधी ने कहा था कि चीन लद्दाख में दाखिल हो गया है, वह सच हुआ। चीन अरुणाचल प्रदेश में घुसने की कोशिश कर रहा है।संजय राउत ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कहा कि अगर आपमें हिम्मत है तो चीन में सर्जिकल स्ट्राइक कीजिए।

चीन ने दिखाया नया नक्शा

बता दें कि चीन ने 28 अगस्त को नया नक्शा जारी किया है। जिसमें अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताया गया है। चीन के नक्शे में अक्साई चिन का इलाका भी शामिल किया गया है। अक्साई चिन पर चीन ने साल 1962 में कब्जा कर लिया था। साथ ही इस नक्शे में ताइवान और दक्षिणी चीन सागर को भी चीन की सीमा का हिस्सा दिखाया गया है। इस नक्शे को चीन के प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय द्वारा जारी किया गया है। यह नक्शा सर्वेइंग एंड मैपिंग पब्लिसीटी डे और नेशनल मैपिग अवेयरनेस पब्लिसिटी वीक के मौके पर जारी किया गया है। 

क्या कहा था राहुल गांधी ने?

इस महीने की शुरुआत में, लद्दाख की अपनी यात्रा के दौरान, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने केंद्र पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि यह दावा कि भारतीय भूमि का एक इंच भी चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों ने नहीं लिया सच नहीं है। कांग्रेस सांसद ने दावा किया कि स्थानीय लोगों का भी कहना है कि चीनी सैनिकों ने भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की और उस पर कब्जा कर लिया।राहुल गांधी ने कहा था, 'यहां के स्थानीय लोग चीन द्वारा हमारी जमीन पर कब्जा करने को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने कहा है कि चीनी सैनिकों ने उनकी चराई की जमीन छीन ली। हालांकि, प्रधानमंत्री का कहना है कि एक इंच भी जमीन नहीं ली गई। यह सच नहीं है, आप यहां किसी से भी पूछ सकते हैं।'

इमरान खान आएंगे जेल से बाहर, तोशाखाना मामले में इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने सजा पर लगाई रोक, रिहाई के आदेश

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जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को बड़ी राहत मिली है। तोशखाना भ्रष्टाचार के मामले में इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए उनकी सजा पर रोक लगा दी है। पाकिस्तानी के इस्लामाबाद हाई कोर्ट में इमरान खान के पक्ष में मंगलवार फैसला सुनाया और रिहाई के आदेश दे दिए हैं। इमरान खान पर आरोप था कि उन्होंने सस्ते दामों में सरकारी गिफ्ट को खरीदा था और उसके बाद उन्ही गिफ्ट का महंगे दामों में बेच दिया था।

5 अगस्त को इस्लामाबाद की एक ट्रायल कोर्ट ने पाकिस्तान चुनाव आयोग की तरफ से दायर मामले में पूर्व प्रधानमंत्री को दोषी ठहराया था, जिसमें राज्य के उपहारों का विवरण छिपाना शामिल था। इस मामले में उन्हें तीन साल की जेल हुई थी। इसके साथ ही उनके पांच साल तक चुनाव लड़ने पर भी रोक लगा दी गई थी। पाकिस्तानी अखबार 'डॉन' के मुताबिक, इसके बाद इमरान खान ने अपनी दोषसिद्धि के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की। उन्होंने मामले को वापस ट्रायल कोर्ट के जज के पास भेजने के हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था।

इससे पहले इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने इमरान खान की उस याचिका पर सोमवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया, जिसमें उन्होंने तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में अपनी तीन साल की जेल की सजा को निलंबित करने की मांग की थी। आईएचसी के मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक और न्यायमूर्ति तारिक महमूद जहांगीरी की खंडपीठ ने दोनों पक्षों के वकीलों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। 

इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने अभी सिर्फ रिहाई का आदेश दिया है, जल्द ही विस्तृत आदेश जारी किया जाएगा जिसमें यह पता लगेगा कि क्या इमरान खान पब्लिक रैली कर सकते हैं और क्या वह आगे जाकर चुनाव लड़ सकते हैं या नहीं।

दरअसल, इमरान खान पर आरोप था कि प्रधानमंत्री रहते हुए उन्हें जो गिफ्ट मिले थे उसकी जानकारी उन्होंने तोशाखाना विभाग को नहीं दी थी। इतना ही नहीं उन्होंने कई तोहफों की बोली लगा दी और पैसा अपने पास रखा।पाकिस्तान में नियम है कि प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए अगर आपको कोई तोहफा मिलता है, तो उसे तोशाखाना विभाग में जमा कराना होता है क्योंकि वह सरकार की संपत्ति होती है। साल 2022 में जब पाकिस्तान में सरकार बदली तब इमरान के खिलाफ इस मामले का खुलासा हुआ और केस चलाया गया।

केएल राहुल एशिया कप के पहले 2 मैचों से बाहर, कोच राहुल द्रविड़ ने दी जानकारी

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एशिया कप 2023 की शुरुआत होने में 24 घंटे का समय बाकी है। उससे पहले ही टीम इंडिया को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, टीम के विकेटकीपर-बल्लेबाज केएल राहुल पहले दो मैचों से बाहर हो गए हैं।भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच राहुल द्रविड़ ने वनडे एशिया कप की शुरुआत से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये जानकारी दी। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने इसको लेकर एक्स (ट्विटर) पर एक पोस्ट भी शेयर की है।

हेड कोच राहुल द्रविड़ ने मीडिया से बातचीत में बताया कि केएल राहुल की फिटनेस पर काम किया जा रहा है लेकिन वो एशिया कप के पहले दो मैचों में नहीं खेल पाएंगे। बता दें भारत का पहला मैच पाकिस्तान से 2 सितंबर को है। वहीं नेपाल के खिलाफ टीम इंडिया 4 सितंबर को भिड़ेगी। इन दोनों ही मुकाबलों में केएल राहुल नहीं खेलेंगे।

बता दें केएल राहुल आईपीएल 2023 के दौरान चोटिल हो गए थे। उनकी जांघ में चोट लगी थी। एनसीए में उन्होंने अपनी फिटनेस पर काफी काम किया लेकिन एशिया कप के लिए जब टीम चुनी जा रही थी तो उनकी मांसपेशियों में फिर खिंचाव आया। हालांकि, भारतीय टीम का जो स्क्वॉड घोषित हुआ था उसमें लंबी इंजरी के बाद केएल राहुल और श्रेयस अय्यर की वापसी हुई थी। इन दोनों खिलाड़ियों की वापसी के बाद टीम इंडिया के फैंस को कुछ हद तक राहत आई थी। पर अब इस खबर ने एक बार फिर फैंस की चिंता को बढ़ा दिया है। खास बात यह है कि 5 सितंबर तक वर्ल्ड कप का भी स्क्वॉड जारी होना है। उससे पहले यह दो मैच ही टीम के खिलाड़ियों को परखने के लिए थे। पर अब राहुल की इंजरी के बाद उनके वर्ल्ड कप के सेलेक्शन पर भी सवाल उठने लगे हैं। वहीं कोच ने श्रेयस अय्यर को पूरी तरह फिट करार दिया है।

इस मानसून आठ साल में सबसे कम बारिश की आंशका, अल नीनो के असर से सितंबर में कम वर्षा की संभावना रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

इस साल मानसून आठ साल में सबसे कमजोर साबित हो सकता है। मौसम के अल नीनो पैटर्न की वजह से सितंबर में भी ज्यादा बारिश नहीं होगी। वहीं, अगस्त पहले से ही सूखा महीना साबित होने की राह पर है। यह आशंका मौसम विभाग के सूत्रों ने जताई है।सूत्रों के अनुसार, अगस्त में अल नीनो की वजह से बारिश कम हुई है। सितंबर में भी इसका नकारात्मक असर हो सकता है। इस वजह से जून से सितंबर के मानसूनी समय में बारिश आठ फीसदी कम हो सकती है। 

यह कमी साल 2015 के बाद सबसे अधिक होगी। मौसम विभाग 31 अगस्त को सितंबर के पूर्वानुमान जारी कर सकता है।दूसरी ओर इस वर्ष मानसूनी बारिश असमान भी रही। यह जून में सामान्य औसत से नौ फीसदी कम तो जुलाई में 13 फीसदी अधिक दर्ज हुई। 17 सितंबर से मानसून की वापसी शुरू हो जाती है। हालांकि, बीते चार साल से सितंबर में सामान्य से अधिक बारिश हुई है, क्योंकि मानसून की वापसी देरी से हुई, लेकिन आशंका है कि इस बार इस महीने में पूर्वी और उत्तरी राज्यों में सामान्य से कम बारिश हो सकती है। उल्लेखनीय है कि मानसून के दौरान सालाना औसत की 70 फीसदी बारिश होती है। इसमें कमी से चीनी, दाल, चावल, सब्जियों आदि के दाम बढ़ सकते

G-20 शिखर सम्मेलन: भारत आने वाले हैं दुनियाभर के दिग्गज, केंद्र से लेकर केजरीवाल सरकार ने कसी कमर

#g_20_summit_grand_preparations_in_delhi 

विश्व पटल पर सफलता के नए आयाम गढ़ता भारत देश की राजधानी दिल्ली में जी 20 शिखर सम्मेलन का मेजबान बनने जा रहा है। यह महत्वपूर्ण समिट दिल्ली के प्रगति मैदान के नव निर्मित स्टेट ऑफ आर्ट कंवेंशन कॉप्लेक्स में 9 और 10 सितंबर को आयोजित होगी।भारत के लिए जी-20 की अध्यक्षता एक ऐतिहासिक पल है।

अगले कुछ दिनों में भारत में दुनियाभर के सबसे शक्तिशाली नेता और राजनयिक जुटेंगे। ये नेता यहां पर जी-20 सम्‍मेलन में शिरकत करने के लिए आ रहे हैं। ये जी20 का अब तक का सबसे बड़ा आयोजन होगा। इसमें कुल 43 देशों और संगठनों के प्रमुख और उनके प्रतिनिधिमंडल हिस्सा लेंगे। जिसमें जी20 के 19 सदस्य देश और यूरोपीय यूनियन के प्रमुख होंगे। साथ ही अतिथि के तौर पर 9 अन्य देशों के प्रमुखों और 14 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों को भी आमंत्रित किया गया है। 

यह पहली बार है जब भारत को शिखर सम्मेलन की मेजबानी है। भारत की राष्‍ट्रीय राजधानी नई दिल्‍ली में करीब 25 वर्ल्‍ड लीडर्स का हुजूम इकट्ठा होगा। अमेरिका के राष्‍ट्रपति जो बाइडन से लेकर चीनी के शी जिनपिंग, तुर्की के रेसेप तैयप एर्दोगन समेत कई शक्तिशाली नेता भारत आने वाले हैं। उनके अलावा ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक, अर्जेंटीना के राष्‍ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस, ब्राजील के राष्‍ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा, कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो, चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग, फ्रांस के इमैनुएल मैंक्रो, जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्‍ज, इंडोनेशिया के राष्‍ट्रपति जोको विडोडो शामिल हैं। इनके अलावा इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी, जापान के पीएम फुमियो किशिदा, दक्षिण कोरिया के राष्‍ट्रपति यून सुक येओल, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और पीएम मोहम्मद बिन सलमान, दक्षिण अफ्रीका के राष्‍ट्रपति सिरिल रामफोसा, यूरोपियन काउंस‍िल के यूरोपीय काउंसिल के मुखिया चार्ल्स मिशेल और यूरोपियन यूनियन की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन शामिल हैं।

केंद्र से लेकर राज्य सरकार तैयारियों में जुटी

8, 9 और 10 सितंबर ये तीन दिन ऐसे होंगे, जब दुनियाभर के नेता और प्रतिनिधि राजधानी दिल्ली में होंगे। ऐसे में दिल्ली में इसके लिए बड़े स्तर पर तैयारी चल रही है। दिल्ली के अलग-अलग होटल में जी-20 देशों को डेलिगेट्स रुकेंगे, जबकि कुछ अस्पतालों में भी रिजर्व में बेड्स रखे गए हैं। सुरक्षा के लेवल पर भी कई लेयर्स में काम किया जा रहा है, यानी दिल्ली में इन 3 दिनों के लिए पूरी तरह से चीज़ें बदल जाएंगी। यही कारण है कि केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक इसकी तैयारियों में जुटी है।

8 से 10 सिंतबर तक दिल्ली में सार्वजनिक छुट्टी

जी20 शिखर सम्मेलन को लेकर 8 से 10 सिंतबर तक दिल्ली में सार्वजनिक छुट्टी घोषित की गई है। दिल्ली सरकार ने फ़ैसला किया है कि दिल्ली सरकार और एमसीडी के सभी दफ़्तर 8 से 10 सितंबर तक बंद रहेंगे। सभी स्कूलों में भी 3 दिनों की छुट्टी घोषित की गई है। दिल्ली से सभी निजी और सरकारी दफ़्तर भी इस दौरान बंद रहेंगे। नई दिल्ली ज़िले के तहत आने वाले बैंक और वित्तीय संस्थान भी बंद रहेंगे। साथ ही नई दिल्ली ज़िले में स्थित दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को भी बंद रखा जाएगा।

तीन दिनों के लिए ट्रैफ़िक एडवाइज़री होगी जारी

इन तीन दिनों के दौरान एक विस्तारित ट्रैफ़िक एडवाइज़री भी जारी की जाएगी। इसमें दिल्ली के कुछ ख़ास इलाक़ों में ख़ास समय के लिए सार्वजनिक ट्रैफ़िक पर बंदिश होगी। ऐसा जाम से बचने और VVIPs की सुरक्षा के मद्देनज़र किया जाएगा। कुछ ख़ास इलाक़ों के शॉपिंग मॉल और बाज़ार को भी बंद रखा जाएगा। वीवीआईपी मूवमेंट वाले इलाक़ों में बसों को या तो बंद रखा जाएगा या वैकल्पिक मार्ग दिया जाएगा। अंतर्राज्यीय बस सेवा को दिल्ली की सीमा के आसपास निर्धारित किया जा सकता है। मेट्रो रेल चलती रहेगी लेकिन नई दिल्ली इलाक़े में पड़ने वाले कुछ ख़ास स्टेशनों को सुरक्षा लिहाज़ से बंद रखा जाएगा। जी20 के इस महाआयोजन के बीच ज़ाहिर सी बात है, अस्पताल और इमरजेंसी सेवा, साथ ही रेल और हवाई यात्रा करने वालों पर कोई असर नहीं पड़े इसका ख़्याल रखा जाएगा।

एयरपोर्ट पर अराइवल और डिपार्चर की व्यवस्था

तीन दिनों के लिए अलग-अलग देशों के जो प्रमुख आएंगे उनके विमानों को दिल्ली एयरपोर्ट, पालम एयरपोर्ट में खड़ा किया जाएगा इनके अलावा कुछ अन्य शहरों का इस्तेमाल हो सकता है। दिल्ली एयरपोर्ट का संचालन करनेवाली संस्था दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) इस सम्मेलन में आनेवाले मेहमानों की सुविधा और उन्हें जरूरी सहायता प्रदान करने के लिए विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय सहित विभिन्न सरकारी विभागों के साथ मिलकर काम कर रही है। DIAL इन मेहमानों को बेहतर फील प्रदान करने के लिए जी-20 से संबंधित अराइवल और डिपार्चर की व्यवस्था के संचालन की निगरानी करेगी।

इन होटलों में ठहरेंगे मेहमान

दुनिया के शीर्ष गणमान्य व्यक्तियों की मेजबानी के लिए फाइव स्टॉर होटलों में व्यवस्था की गई है। इनमें ताज महल, शांगरी-ला, मौर्या शेरेटन, ताज पैलेस, ली मेरिडियन, ओबेरॉय और लीला होटल शामिल हैं। सभी होटल अपने सेवा मानकों के अलावा भी अपनी भोजन व्यवस्था में और भी सुधार कर रहे हैं। इसके अलावा कई अस्पताल भी कुछ विशेष भर्तियां इस शिखर सम्मेलन के मद्देनजर कर रहे हैं।

'अनुच्छेद 35ए ने जम्मू-कश्मीर में गैर निवासियों के मौलिक अधिकार छीने', 370 मामले पर सुनवाई के दौरान सीजेआई की अहम टिप्पणी

#article_35_took_away_many_fundamental_rights_of_citizens_said_cji

सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 370 की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने एक बड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने सुनवाई के दौरान कहा कि अनुच्छेद 35-A ने नागरिकों के कई मौलिक अधिकारों को छीन लिया है। सीजेआ ने कहा अवसर की समानता, राज्य सरकार में रोजगार और जमीन खरीदने का अधिकार-यह सब चीजें, ये अनुच्छेद नागरिकों से छीन लेता है। क्योंकि, जम्मू-कश्मीर के निवासियों के पास विशेष अधिकार थे और गैर-निवासियों को बाहर रखा गया था।

सीजेआ डीवाई चंद्रचूड़ ने ये बातें जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई के 11वें दिन कहीं।पांच सदस्यीय संविधान पीठ के सामने चल रही सुनवाई के दौरान सोमवार को सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, 1954 का आदेश देखें। इसने भारतीय संविधान के संपूर्ण भाग तीन (मौलिक अधिकार) को लागू किया है और इसके जरिये अनुच्छेद-16 व 19 जम्मू-कश्मीर पर लागू हुआ। बाद में अनुच्छेद 35ए लाया गया, जिसने राज्य सरकार के तहत रोजगार, अचल संपत्तियों के अधिग्रहण और राज्य में बसने जैसे मौलिक अधिकारों को अपवाद बना दिया। इसलिए जहां अनुच्छेद 16(1) सुरक्षित रहा, वहीं ये तीन मौलिक अधिकार और इनकी न्यायिक समीक्षा का अधिकार अनुच्छेद 35ए ने छीन लिया।

सीजेआई ने यह टिप्पणी उस वक्त की जब केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भारतीय संविधान के विवादास्पद प्रावधान का उल्लेख करते हुए कहा कि यह केवल पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के स्थायी निवासियों को विशेष अधिकार देता है और यह भेदभावपूर्ण है। तत्कालीन राज्य के मुख्यधारा के दो राजनीतिक दलों का नाम लिये बिना, केंद्र ने सीजेआई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-सदस्यीय संविधान पीठ को बताया कि नागरिकों को गुमराह किया गया है कि जम्मू और कश्मीर के लिए विशेष प्रावधान "भेदभाव नहीं बल्कि विशेषाधिकार" थे। सॉलिसिटर जनरल ने शीर्ष अदालत को बताया, "आज भी दो राजनीतिक दल इस अदालत के समक्ष अनुच्छेद 370 और 35ए का बचाव कर रहे हैं।"

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अनुच्छेद 370 खत्म करने के सरकार के फैसले का बचाव करते हुए कहा, जम्मू-कश्मीर पर अब पूरा संविधान लागू होता है। यहां के वासियों को देश के उनके बाकी भाइयों व बहनों के बराबरी पर लाया गया है। 35ए जाने के बाद लोगों को मौलिक अधिकार मिल गए। यह भी संभव हुआ कि सभी कल्याणकारी कानून वहां लागू हों। अब 35ए नहीं है, तो निवेश आ रहा है। केंद्र के साथ पुलिसिंग, पर्यटन शुरू हो गया है। पहले बड़े उद्योग नहीं थे, छोटे उद्योग थे, कुटीर उद्योग थे। मेहता ने यह भी कहा, विधानसभा की अनुपस्थिति में संविधान सभा शब्द का प्रयोग पर्यायवाची रूप में किया जाता था, क्योंकि दोनों जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में सह-समान अंग हैं।

नूंह हिंसा में आतंकी संगठन आईएसआईएस की एंट्री, अपनी 'वॉयस ऑफ खुरासान' मैगजीन के जरिए जिहाद के लिए उकसाया

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हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई की हिंसा में कुख्यात आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) की एंट्री हो गई है। इस्लामिक स्टेट ने अपनी मैगजीन वॉइस ऑफ खुरसान का नया संस्करण जारी किया है। खुरासान नाम के प्रोपगंडा मैगजीन के इस संस्करण में आईएस ने नूंह हिंसा और ज्ञानवापी मस्जिद केस मामले में लेख लिखकर भारत के मुसलमानों को जिहाद के लिए उकसाने की कोशिश की है। इतना ही नहीं, हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज को मैगजीन में धमकाया भी गया है। इसके साथ ही उनके लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया है।।

बजरंग दल और विहिप के लिए कहे गए अपशब्द

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आईएसआईए ने अपनी मैगजीन वॉइस ऑफ खुरसान के नए संस्करण में भारत के मुसलमानों को उकसाने वाले कई लेख लिखे हैं। इसके ताजा संस्करण में नूंह हिंसा का जिक्र है। इसके अलावा बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के बारे में भी इस मैगजीन में अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया है।

मैगजीन में बदला लेने की धमकी

इस मैगजीन के कवर पेज पर बुलडोजर का फोटो लगाया गया है, जो नूंह में चलाया गया था। मोनू मानेसर और बिट्टू बजरंगी का जिक्र करते हुए मैगजीन में धमकी भी दी गई है। इसमें लिखा गया कि इन लोगों के भड़काऊ वीडियो की वजह से मुसलमानों के 500 घर तोड़े और जलाए गए, जिसका समर्थन हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने भी किया था। इसके आगे मैगजीन में बदला लेने के बारे में कहा गया है।

गौरतलब है कि खुरासान एक प्रोपेगैंडा मैगजीन है। टेलीग्राम समेत विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए भारत में सर्कुलेट होने वाली आईएस मैगजीन के कंटेट पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की लगातार नजर भी रहती है।

क्या हुआ ता नूंह में ?

हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई, 2023 को बृजमंडल यात्रा के दौरान सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी। इस घटना में दो होमगार्ड सहित छह लोगों की मौत हो गई थी। इस हिंसा में सैकड़ों लोग घायल हुए थे। घटना के मुताबिक, नूंह में 31 जुलाई को बृजमंडल यात्रा निकाली जा रही थी। इस यात्रा में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता शामिल थे। यात्रा के दौरान कुछ लोगों ने यात्रा पर पथराव कर दिया। इसके बाद दोनों समुदायों के बीच हिंसा शुरू हो गई।

अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा चीन, फिर अरुणाचल और अक्‍साई चिन पर जताया हक, नया मैप जारी कर किया दावा

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चीन अपनी चालबाजियों से अक्सर अपने पड़ोसियों के लिए नई परेशानियां पैदा करता रहा है। चीन अपनी विस्तारवादी नीति के तहत पड़ोसी देशों की सीमाओं को नजरें गड़ाए रहता है। ड्रैगन की इन हरकतों ने भारत के लिए हमेसा से परेशानियां खड़ी की है। इसी बीच चीन ने सोमवार को आधिकारिक तौर पर अपने 'मानक मानचित्र' के 2023 संस्करण को जारी किया जिसमें उसने भारत के दो राज्यों- अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन क्षेत्र पर अपना दावा किया है। इतना ही नहीं, चीन ने अपने मानक मानचित्र में ताइवान और विवादित दक्षिण चीन सागर पर भी दावा किया है।

चीन के सरकारी न्यूज पेपर ग्लोबल टाइम्स ने एक्स (जो पहले ट्विटर था) पर नया मैप पोस्ट किया है। ग्लोबल टाइम्स ने एक्स पर लिखा, ‘‘चीन के मानक मानचित्र का 2023 संस्करण आधिकारिक तौर पर सोमवार को जारी किया गया और प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय के स्वामित्व वाली मानक मानचित्र सेवा की वेबसाइट पर इसे जारी किया गया। यह मानचित्र चीन और दुनिया के विभिन्न देशों की राष्ट्रीय सीमाओं की रेखांकन विधि के आधार पर संकलित किया गया है।’’ 

प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय की ओर से होस्ट की जाने वाली स्टैंडर्ड मैप सर्विस की वेबसाइट पर भी नया मैप लॉन्च किया गया है। यह मैप चीन और दुनिया के विभिन्न देशों की सीमाओं की ड्रॉइंग पद्धति के आधार पर तैयार किया गया है।जिसमें चीन के सभी हिस्सों को दर्शाया गया है। इस मैप पर भारत के दो राज्यों को भी चीन के मैप में दिखाया गया है।

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक सोमवार को चीन की सिविल अफेयर मिनिस्ट्री ने 11 नाम बदले जाने को मंजूरी दे दी। यह सभी इलाके जेंगनेन (चीन के दक्षिण राज्य शिजियांग का हिस्सा) में आते हैं। इनमें से 4 रिहायशी इलाके हैं। इनमें से एक इलाका अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर के बेहद करीब है। 5 पहाड़ी क्षेत्र और दो नदियां हैं। चीन ने इन इलाकों के नाम मन्दारिन और तिब्बती भाषा में रखे हैं।

पहले भी कर चुका है ऐसी हरकत

हालांकि यह पहली बार नहीं है जब चीन ने इस तरह से नक्शा जारी कर इन हिस्‍सों पर अपना अधिकार जताया है। वह पहले भी इस तरह से नक्‍शा जारी कर चुका है। इससे पहले चीन ने इसी साल अप्रैल 2023 में अपने नक्शे में अरुणाचल प्रदेश की 11 जगहों के नाम ही बदल दिए थे। चीन ने पिछले पांच साल में तीसरी बार ऐसा किया है। इसके पहले 2021 में चीन ने 15 जगहों और 2017 में 6 जगहों के नाम बदले थे। हर बार भारत की तरफ से उसके सामने विरोध दर्ज कराया गया है।

पिछली सरकारों को इसरो पर नहीं था भरोसा”, बीजेपी ने वैज्ञानिक नंबी नारायण का इंटरव्यू शेयर कर कांग्रेस को घेरा

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चंद्रयान-3 के जरिए भारत अपने मिशन मून में सफल रहा है।चांद पर भारत के पहुंचने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केन्द्र यानी इसरो की पूरी दुनिया मे चर्चा हो रही है। इस बीच चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद राजनीतिक गलियारों में सियासत भी तेज हो गई है। इसका श्रेय लेने की होड़ मचती दिख रही है। एक तरफ सत्ताधारी पार्टी इसे मौजूदा सरकार की उपलब्धि से जोड़कर पेश कर रही है, वहीं विपक्ष इसका श्रेय इसरो की स्थापना करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी को दे रहा है।अब भाजपा ने नंबी के एक इंटरव्यू का हिस्सा शेयर कर सियासी जगत में खलबली मचा दी है।

इस इंटरव्यू में नंबी कहते हैं कि इसरो के शुरुआती वर्षों में पिछली सरकारों (कांग्रेस) ने पर्याप्त फंड का आवंटन नहीं किया। उन्होंने यहां तक कह दिया सरकार को तब इसरो पर भरोसा ही नहीं था।इस इंटरव्यू में नंबी नारायणन कहते हैं कि जब इसरो ने अपनी विश्वसनीयता स्थापित की तब स्पेस एजेंसी को पर्याप्त फंडिंग मिलने लगी। उन्होंने कहा, तब हमारे पास जीप नहीं होती थी। हमारे पास एक कार नहीं थी। हमारे पास कुछ नहीं था... हमारे लिए कोई बजट आवंटन नहीं था। यह शुरुआती दौर की बात है।

नंबी के वीडियो से कांग्रेस पर निशाना

नंबी नारायण का वीडियो शेयर करते हुए भाजपा ने कांग्रेस को घेरने की कोशिश की है। बीजेपी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वीडियो शेयर कर कहा कि इसका श्रेय पीएम मोदी को जाना चाहिए। पीएम मोदी के कार्यकाल में इसरो की क्षमता और ताकत बढ़ी है। कहा कि मोदी सरकार ने इसरो का बजट बढ़ाया है। मौजूदा सरकार वैज्ञानिकों के साथ उनकी सफलता और विफलता में साथ खड़ी रही है। नंबी नारायणन ने कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता का श्रेय इसरो प्रमुख एस सोमनाथ को मिला है। साथ ही प्रधानमंत्री को भी इसका श्रेय जाएगा। एक नेशनल प्रोजेक्ट का श्रेय प्रधानमंत्री को नहीं जाएगा तो किसे जाएगा? 

कौन हैं नंबी नारायणन?

बता दें कि नंबी नारायणन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व वैज्ञानिक और एयरोस्पेस इंजीनियर थे। जिन्हें जासूसी के आरोपों में गिरफ्तार कर लिया गया था।हालांकि, बाद में उन पर लगाए गए सारे आरोप झूठे साबित हुए और सरकार को उन्हें हर्जाना भी देना पड़ा था।सितंबर 2018 में इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायण पूरी तरह बेदाग निकले। 14 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि साइंटिस्ट नारायणन को केरल पुलिस ने बेवजह अरेस्ट किया और मानसिक प्रताड़ना दी। साइंटिस्ट को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश आया। नंबी ने इसरो में अपने कार्यकाल के दौरान पीसएलवी में इस्तेमाल किए किए जाने वाले इंजन को बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। वह एयरोस्पेस इंजीनियर थे। आज पूरा देश उनके योगदान को समझता है और उन्हें सम्मान की नजरों से देखता है। 2019 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।