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पिछले नौ सालों में प्रधानमंत्रीजनधन योजना के तहत 50.09 करोड़ से अधिक खाते खोले गए,जमा राशि बढ़कर 2.03 लाख करोड़ रुपये से अधिक*

नई दिल्ली :पिछले नौ सालों में प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत 50.09 करोड़ से अधिक खाते खोले गए हैं. इन खातों में जमा राशि बढ़कर 2.03 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गई है. वित्त मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी.

 वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने कहा कि अगस्त, 2023 तक पीएमजेडीवाई खाताधारकों को 33.98 करोड़ रुपे कार्ड जारी किए गए. यह आंकड़ा मार्च 2015 के अंत में 13 करोड़ था.जोशी ने कहा कि जनधन योजना के तहत अगस्त 2023 तक शून्य राशि वाले खाते, कुल खातों के मुकाबले 8 फीसदी थे. 

यह आंकड़ा मार्च 2015 में 58 प्रतिशत था. जनधन योजना के नौ साल पूरे होने से पहले जोशी ने कहा कि हमने अगस्त में 50 करोड़ खाता खोलने का आंकड़ा सफलतापूर्वक हासिल कर लिया है. हर साल औसतन 2.5-3 करोड़ जेडीवाई खाते खोले गए हैं.

जनधन खातों में औसत जमा राशि मार्च 2015 के 1,065 रुपये से बढ़कर अगस्त 2023 में 4,063 रुपये हो गई है, जो 3.8 गुना की वृद्धि है. जनधन खाताधारकों में 56 प्रतिशत महिलाएं हैं और कुल खातों में 67 प्रतिशत खाते ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में हैं. बता दें, प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) 28 अगस्त 2014 को शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य उन परिवारों के लिए शून्य रुपये की न्यूनतम जमा राशि वाले बैंक खाते खोलना था, जो अभी तक बैंकिंग सेवाओं से वंचित थे.

अंतरराष्ट्रीय स्पेसटेक में फंडिंग के मामले में भारत ने लगाई लंबी छलांग,देश में स्पेसटेक क्षेत्र को इस साल अब तक 62 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली

नई दिल्ली: देश में स्पेसटेक क्षेत्र को इस साल अब तक 62 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली है, जो पिछले साल की तुलना में 60 प्रतिशत अधिक है. 

मार्केट इंटेलिजेंस फर्म ट्रैक्सन की एक नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, भारत वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय स्पेसटेक परिदृश्य में फंडिंग के मामले में सातवें स्थान पर है और इस क्षेत्र में अपना प्रभाव मजबूती से स्थापित कर रहा है. 

यह असाधारण विकास प्रवृत्ति आगामी महीनों में भी जारी रहने की उम्मीद है. भारतीय स्पेसटेक क्षेत्र की यात्रा परिवर्तन में से एक रही है, जो 2020 में क्षेत्र के निजीकरण से प्रेरित है.

2010 और 2019 के बीच जुटाए गए 35 मिलियन डॉलर के मामूली फंड से, इस क्षेत्र ने 2020 में जबरदस्त छलांग लगाई और 28 मिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल की. 

यह प्रवृत्ति तेजी से वृद्धि के साथ जारी रही, 2021 में 96 मिलियन डॉलर तक पहुंच गई और 2022 में प्रभावशाली 112 मिलियन डॉलर तक पहुंच गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 17 प्रतिशत अधिक है. "रिपोर्ट में कहा गया है, "पहले सरकारी भागीदारों का वर्चस्व था. इस क्षेत्र में निजीकरण के बाद निजी क्षेत्र की भागीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है. निजी संस्थाएं अब रॉकेट और उपग्रहों के अनुसंधान, विनिर्माण और निर्माण के महत्वपूर्ण पहलुओं में सक्रिय रूप से शामिल हैं, जो नवाचार के एक जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा दे रही हैं."

अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में एक शक्तिशाली देश के रूप में भारत का उद्भव इसके प्रभावशाली उपग्रह परिनियोजन द्वारा और अधिक उजागर होता है. 381 उपग्रहों को निचली कक्षा में स्थापित करने के साथ, भारत ने खुद को इस क्षेत्र में एक प्रमुख देश के रूप में स्थापित किया है. विशेष रूप से, यूके स्थित वनवेब के लिए इसरो द्वारा कक्षा में 36 उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण वैश्विक उपग्रह स्वामित्व में भारत के योगदान को दर्शाता है.

सेटेलाइट निर्माण के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना की योजना भी पाइपलाइन में है. सेटेलाइट-आधारित इमेजिंग सॉल्यूशंस को भी पर्याप्त समर्थन मिला है, पिछले दो वर्षों में 84.2 मिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल की गई है. पिक्‍सेल जैसी कंपनियों ने पृथ्वी अवलोकन के लिए अग्रणी तकनीकें पेश की हैं, जबकि ध्रुव स्पेस और बेलाट्रिक्स एयरोस्पेस अपनी अनूठी पेशकशों के माध्यम से इस क्षेत्र में योगदान दे रहे हैं.

रेलवे सुरक्षा आयुक्त करेंगे रेलयात्री कोच में आग लगने की वैधानिक जांच

मदुरै : तमिलनाडु के मदुरै रेलवे स्टेशन पर खड़े रेलयात्री कोच में शनिवार तड़के आग लग गई, जिसमें रामेश्वरम जाने वाले कम से कम नौ तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी. अब रेलवे ने इस घटना की जांच के आदेश दिये हैं. 

बेंगलुरु स्थित रेल संरक्षण भवन दक्षिणी सर्कल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी की ओर से जारी पत्र में यह जानकारी दी गई है. पत्र में कहा गया है कि एएम चौधरी, रेलवे सुरक्षा आयुक्त, दक्षिणी सर्कल, बेंगलुरु, 26 अगस्त को सुबह लगभग 5.15 बजे मदुरै के रेलवे स्टेशन यार्ड में आईआरसीटीसी पर्यटक कोच (एनई रेलवे - एनई - सीएन 113210) में आग लगने की घटना की वैधानिक जांच करेंगे.

पत्र के माध्यम से बताया गया है कि जांच आज सुबह 09.30 बजे से मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय परिसर, मदुरै में शुरू होगी. 

इस संबंध में पूछताछ के लिए संबंधित अधिकारियों और जिम्मेदार कर्मचारियों को डीआरएम के कॉन्फ्रेंस हॉल में बुलाया जायेगा. पत्र में यह भी कहा गया है कि कोई भी आम आदमी जिसे इस घटना के बारे में कोई जानकारी हो यह किसी के पास घटना से जुड़ा साक्ष्य हो तो वह डीआरएम के कॉन्फ्रेंस हॉल, मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय परिसर, मदुरै में आकर बता सकता है या रेलवे सुरक्षा आयुक्त को पत्र या ईमेल के माध्यम से भी जानकारी दे सकता है.

दूसरी ओर, दक्षिणी रेलवे, पुलिस और मदुरै जिला प्रशासन के अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि घटना में मारे गये नौ लोगों की पहचान करने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. अधिकारियों ने बताया कि उन्हें एक से अधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा. सबसे बड़ी बात यह थी कि सभी नौ शव इतने जले हुए थे कि उन्हें पहचाना नहीं जा सका. इसके अलावा, यहां अधिकारियों को जीवित बचे लोगों के साथ बातचीत करने में कठिनाई हुई क्योंकि भाषा एक बड़ी बाधा बनी हुई थी.

हालांकि, कलेक्टर एमएस संगीता ने यह कार्य निगमायुक्त वीजे प्रवीण कुमार को सौंपा. प्रवीण कुमार को हिंदी आती थी. इसके साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री पलानीवेल थियागा राजन ने पीड़ितों को भोजन और कपड़े सहित सभी सहायता प्रदान करने में त्वरित कार्रवाई के लिए मदुरै की मेयर इंद्राणी पोनवसंत और निगम अधिकारियों की सराहना की. जीवित बचे लोगों की जांच के लिए स्टेशन पर एक चिकित्सा शिविर भी आयोजित किया गया था.

*अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट से दहला पश्चिम बंगाल का दत्तपुकुर इलाका, हादसे में 8 लोगों की मौत*

डेस्क: पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के दत्तपुकुर इलाके में एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट में अब तक 8 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। हालांकि ग्रामीणों ने कहा कि मौत के आंकड़े बढ़ सकते हैं। कहा जा रहा है कि विस्फोट इतना जोरदार था कि इलाके में कई घर भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इससे पहले भी राज्य में एगरा, बजबज में पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट की घटनाएं सामने आई हैं। अब इसके बाद अब दत्तपुकुर में अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट की घटना हुई है।

जानकारी के मुताबिक, उत्तर 24 परगना जिले के दत्तपुकुर में पटाखा फैक्ट्री में भयानक विस्फोट में मरने वालों की संख्या अबतक 8 बताई जा रही है और 10 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। घटना रविवार सुबह सात बजे दत्तपुकुर थाना अंतर्गत नीलगंज चौकी के नीलगंज ग्राम पंचायत क्षेत्र के मोशपोल पश्चिमपारा इलाके में घटी। विस्फोट की तीव्रता इतनी भीषण थी कि कंक्रीट का मकान पूरी तरह खंडहर में तब्दील हो गया। कहीं 50 मीटर तो कहीं 100 मीटर दूर तक इंसानों के शव गिरते दिखे।

सूचना मिलने पर जब दत्तपुकुर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची तो ग्रामीणों ने पुलिस पर हमला कर दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि पटाखा फैक्ट्री घनी आबादी वाले इलाके में अवैध रूप से चल रही थी। फैक्ट्री के मालिक प्रमुख सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ता थे, इसलिए ग्रामीण डर के मारे कुछ नहीं बोलते थे।

बता दें कि इससे पहले पूर्व मेदिनीपुर जिले के एगरा में एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हो गया था और इस घटना में 9 लोगों की मौत हो गई थी और कई घायल हुए थे। एगरा इलाका ओडिशा के नजदीक है। इस मामले में आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया था।

केदारनाथ धाम में घरों पर लगे बेदखली के नोटिस, तीर्थ पुरोहितों व केदारसभा में आक्रोश, आंदोलन की चेतावनी

केदारनाथ धाम में प्रशासन की ओर से घरों पर बेदखली नोटिस चस्पा करने पर तीर्थपुरोहितों व केदारसभा ने कड़ी नाराजगी जताई है तथा इसका विरोध करते हुए उपजिलाधिकारी ऊखीमठ के माध्यम से डीएम को ज्ञापन भेजा है।

जिलाधिकारी को दिए ज्ञापन में केदारसभाने कहा कि कार्यालय विहित प्राधिकारी ऊखीमठ द्वारा 21 अगस्त को केदारनाथ धाम निवासी पन्ना लाल, दर्शन लाल, कमल चंद्र त्रिवेदी एवं किशन चंद्र पोस्ती को नोटिस जारी करते हुए स्पष्ट रूप से कहा गया कि उक्त निवासियों के आवासीय भवन एवं धर्मशाला सरकारी भूमि पर निर्मित हैं।

पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में देते रहे सहयोग

यहां के रहने वालों ने बताया कि केदारसभा एवं केदारनाथ धाम के सभी निवासी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में प्रशासन का सदैव सहयोग करते रहे हैं। पूर्व में अनेक निवासियों द्वारा प्रशासन को अपने आवासीय भवन दे दिए गए हैं, ताकि केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य तय समय पर पूर्ण हो जाएं, किंतु यह चिंताजनक और खेद का विषय है कि विहित प्राधिकारी द्वारा बिना संबंधित भवन स्वामियों से बातचीत किए ही बेदखली के नोटिस भवनों पर चस्पा कर दिए हैं।

शासन-प्रशासन के वादे खोखले

इस नोटिस के चपकने से यह प्रतीत हो रहा है कि शासन-प्रशासन धाम में बगैर स्थानीय निवासियों को विश्वास में लिए पूर्णतः मनमानी करना चाह रहा है, जिसकी केदार सभा एवं स्थानीय निवासी घोर निंदा करते हैं। लोगों ने कहा कि पहले शासन-प्रशासन द्वारा स्थानीय लोगों को यह विश्वास दिलाया जाता रहा है कि धाम में सभी पुनर्निर्माण से संबंधित कार्यों में स्थानीय लोगों को विश्वास में लेकर जन भागीदारी से कार्य किए जाएंगे, किंतु वर्तमान में यह सभी बातें खोखली साबित हो रही हैं।

आंदोलन की दी चेतावनी

लोगों ने कहा कि यदि इसी तरह शासन-प्रशासन का रवैया रहा तो समस्त स्थानीय लोग बिना किसी पूर्व सूचना के आंदोलन के लिए बाध्य होंगे, जिसका सीधा प्रभाव केदारनाथ में हो रहे पुनर्निर्माण कार्यों पर पड़ेगा। ज्ञापन देने वालों में केदारसभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, महामंत्री राजेंद्र प्रसाद तिवारी, नगर पंचायत ऊखीमठ के अध्यक्ष विजय राणा आदि शामिल थे।

चंद्रयान-3 की सफलता के बाद केरल के मंदिर पहुंचे ISRO प्रमुख, बोले- भारत हर ग्रह की यात्रा में सक्षम, आत्मविश्वास बढ़ाने की है जरूरत

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) प्रमुख एस सोमनाथ चंद्रयान-3 की सफलता के बाद केरल के एक मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने पूजा-अर्चना की। 

रविवार को इसरो प्रमुख सोमनाथ ने तिरुवनंतपुरम के पूर्णमिकवु भद्रकाली मंदिर में पूजा की। उन्होंने इस दौरान पत्रकारों से बात की और कहा कि भारत के पास चंद्रमा, मंगल और शुक्र की यात्रा करने की क्षमता है, लेकिन हमें अपना आत्मविश्वास बढ़ाने की जरूरत है।

अंतरिक्ष क्षेत्र के विकास का मिशन

इसरो प्रमुख ने आगे कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र के विकास के लिए और निवेश की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमारा मिशन यही है कि अंतरिक्ष क्षेत्र का विकास हो। पूरे देश का विकास हो। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने हमें जो विजन दिया था, उसे पूरा करने के लिए तैयार हैं। 

 

उन्होंने कहा कि भारत को सिर्फ आत्मविश्वास बढ़ाने की जरूरत है। भारत के पास चंद्रमा, मंगल और शुक्र की यात्रा करने की क्षमता है, वह विश्वास बढ़ाकर हर ग्रह की यात्रा कर सकता है। 

बुधवार को रचा था इतिहास

गौरतलब है, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने हाल ही में जानकारी दी थी कि चंद्रयान-3 मिशन के रोवर ‘प्रज्ञान’ ने चांद की सतह पर सफलतापूर्वक ‘मूनवॉक’ कर 8 मीटर की दूरी तय कर ली है और इसके सारे पेलोड सही तरीके से काम कर रहे हैं। बता दें, चंद्रयान -3 का विक्रम लैंडर बुधवार को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सुरक्षित रूप से उतरा था।

पंजाब के सीएम ने राज्यपाल पर बोला हमला, कहा, राज्य के शांति पसंद लोगों को राष्ट्रपति शासन लगाने की दी जा रही धमकी, आरोप प्रत्यारोप जारी

आम आदमी पार्टी की दिल्ली और पंजाब में सरकार है। दिल्ली की तरह अब पंजाब में भी आप सरकार का राज्यपाल के साथ विवाद खुले रूप से सामने आ चुका है। अब तक जहां दिल्ली की केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल के बीच की लड़ाई सुर्खियां बना रही थीं तो अब पंजाब में भी राज्यपाल और सरकार के बीच विवाद की ख़बरें मीडिया में छाई हुई हैं। शुक्रवार को राज्यपाल ने सीएम मान को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की चेतावनी तक दे डाली है। अब इसके बाद सीएम ने भी राज्यपाल पर हमला बोला है। 

जब से हमारी सरकार आई है, बहुत काम किए गए- मान 

आज चंडीगढ़ में मीडिया से बात करते हुए पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा, "कल राज्यपाल ने पंजाब के शांतिपसंद लोगों को धमकी दी कि वह राष्ट्रपति शासन लगा देंगे। राज्यपाल ने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। जब से हमारी सरकार आई है, बहुत काम किए गए हैं। सिर्फ अगस्त महीने में 41 किलो हेरोइन ज़ब्त की गई। अब तक 753 गैंगस्टर गिरफ्तार हुए। 786 हथियार और वाहन ज़ब्त किए गए हैं। कानून व्यवस्था पूरी तरह नियंत्रण में है।"

जानिए क्या कहा था राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने 

बता दें कि पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने शुक्रवार को भगवंत मान को चेतावनी दी थी कि वह राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर सकते हैं। राज्यपाल ने कहा है था कि अगर उन्हें उनके पत्रों का जवाब नहीं मिला तो वह फौजदारी प्रक्रिया भी शुरू कर सकते हैं। राज्यपाल पुरोहित ने संकेत दिया है कि वह अपने पुराने पत्रों का जवाब नहीं मिलने से निराश हैं। राज्यपाल ने पंजाब के सीएम भगवंत मान को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह संवैधानिक तंत्र की विफलता पर राष्ट्रपति को रिपोर्ट भेज सकते हैं। राज्यपाल ने कहा कि वह संविधान के अनुच्छेद 356 और भारतीय दंड संहिता की धारा 124 के तहत अंतिम निर्णय लें, इससे पहले सीएम मान उचित कदम उठाएं।

जबतक समाज में सभी जातियों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति का स्पष्ट आकलन नहीं होता तबतक उनका सर्वांगीण विकास संभव नहीं : लालू यादव


राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा कि केंद्र सरकार को जाति आधारित गणना पूरे देश में कराना चाहिए। भारत में जाति आधारित व्यवस्था में हर संदर्भ में व्याख्या होनी चाहिए। जातियों का भारत में महत्वपूर्ण स्थान रहा है। हालांकि, अब जाति उपद्रव का तेवर धीमा हुआ है। प्रसाद ने शनिवार को बीबीसी, इंडिया के तत्वावधान में बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स परिसर में आयोजित कार्यक्रम में लेखक मनोज मिट्टा की पुस्तक ‘कास्ट प्राइड’ का लोकार्पण किया और कार्यक्रम को संबोधित किया। 

राजद प्रमुख ने कहा कि कॉस्ट प्राइड इस दिशा में महत्वपूर्ण किताब है। बिहार में जातियों की गणना कराने के बिहार सरकार का निर्णय बेहद सराहनीय है। जबतक समाज में सभी जातियों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति का स्पष्ट आकलन नहीं हो जाता है तबतक उनका सर्वांगीण विकास संभव नहीं है। जाति गणना उस दिशा में बेहद महत्वपूर्ण आयाम होगा। उन्होंने कहा कि मंडल कमीशन की अनुशंसा लागू कराने के समय भी ऐसे ही वर्तमान की तरह विरोध झेलना पड़ा था। उन्होंने केंद्र सरकार पर एससी-एसटी के प्रति दुर्भावना रखने का आरोप लगाया और कहा कि जातियों के प्रति उनका डर दिख रहा है। 

जाति यथार्थ, जातिवाद व्यर्थ: संजय पासवान

भाजपा के विधान पार्षद व पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय पासवान ने कहा कि जाति यथार्थ है, जातिवाद व्यर्थ है, फिर भी हिंदू समर्थ है। उन्होंने कहा कि जो जितना जातिवाद नहीं मानते वो उतने ही जातिवादी होते हैं। पुस्तक ‘कास्ट प्राइड’ में कानून के नजरिए से हिंदू जाति व्यवस्था की सहनशक्ति और हिंसा के विविध पहलुओं पर चर्चा की गयी है। इस मौकें पर राजद सांसद मनोज झा, बीबीसी हिंदी की प्रमुख रूपा झा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

इससे पहले कल सीएम नीतीश कुमार ने भी कहा था कि था बिहार की जाति आधारित गणना पूरे देश में रोल मॉडल बनेगा। अब तो कई राज्यों में मांग में उठने लगी है। जातीय गणना के सभी आंकड़े सार्वजनिक किए जाएंगे। केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होने कहा कि कुछ लोगों ने जाति आधारित गणना में रोड़ा अटकाने का काम किया है।

कांग्रेस की गुजरात इकाई के प्रमुख शक्तिसिंह गोहिल ने लगाया आरोप, पांच वर्षों में अदानी ने राज्य को किया मालामाल

कांग्रेस की गुजरात इकाई के प्रमुख शक्तिसिंह गोहिल ने आरोप लगाया कि राज्य की भाजपा सरकार ने दो बिजली खरीद समझौतों के तहत पिछले पांच वर्षों में अडाणी पावर मुंद्रा लिमिटेड को 3,900 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया है। वहीं, गुजरात सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री ऋषिकेश पटेल ने आरोप को 'गुमराह करने वाला' करार देते हुए कहा कि भुगतान सिर्फ अंतरिम है और अंतिम नहीं।

गोहिल ने अहमदाबाद में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य सरकार द्वारा संचालित गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (GUVNL) ने अडाणी पावर को अक्टूबर 2018 से मार्च 2023 के बीच 13,802 करोड़ रुपये का भुगतान किया है, जबकि निजी कंपनी ने (अपने ऊर्जा संयंत्रों के लिए) कोयला खरीद का कोई बिल या संबद्ध दस्तावेज नहीं सौंपा।

कथित तौर पर GUVNL द्वारा 3,802 करोड़ रुपये की मांग करते हुए 15 मई 2023 को अडाणी पावर मुंद्रा को लिखा गया एक पत्र भी उन्होंने प्रस्तुत किया। इस अतिरिक्त रकम का भुगतान GUVNL ने उक्त निजी कंपनी के साथ किये गये दो ऊर्जा खरीद समझौते के तहत ऊर्जा शुल्क के तौर पर किया था। कांग्रेस नेता ने कहा कि यह भ्रष्टाचार, धन शोधन, सार्वजनिक धन की लूटखसोट और इनसे भी आगे मित्रवाद का एक महत्वपूर्ण मामला है, जिसका प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) और उनकी सरकार प्रतिनिधित्व करती है।

उन्होंने इस 'बड़े घोटाले' की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और अन्य एजेंसियों से जांच कराने की मांग की। गोहिल ने दावा किया कि GUVNL ने यह माना है कि उसने अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडाणी के कथित फर्जीवाड़ा का खुलासा किये जाने के बाद अडाणी पावर को 3,900 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया है।

पत्र में, जीयूवीएनएल ने कहा है कि जिस दर पर अडाणी पावर मुंद्रा द्वारा कोयले की खरीद की गई, वह उस वास्तविक बाजार दर से अधिक है, जिस पर इंडोनेशिया में कोयला बेचा जा रहा है। इसमें कहा गया है, ''अडाणी पावर कुछ चयनित आपूर्तिकर्ताओं से प्रीमियम मूल्य पर निरंतर कोयले की खरीद कर रहा है, जो समय-समय पर इंडोनेशियाई कोयले के वास्तविक बाजार मूल्य को प्रदर्शित नहीं करता है। साथ ही, संबद्ध दस्तावेज नहीं सौंपा गया।''

आरोपों का जवाब देते हुए मंत्री पटेल ने कहा कि जीयूवीएनएल और अडाणी पावर के बीच लंबित मुद्दों के हल के लिए दो जनवरी 2022 को एक समझौता किया गया। जीयूवीएनएल ने केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग से सत्यापन के बाद उक्त अनुबंध की मूल दर तय करने का अनुरोध किया। यह 15 अक्टूबर 2018 के बाजार मूल्य को ध्यान में रखते हुए किया गया। आयोग के 13 जून 2022 के फैसले के मुताबिक, मूल दर निर्धारित किया गया, और यह विषय राज्य सरकार के विचारार्थ है तथा सभी भुगतान 15 अक्टूबर 2018 से शुरू किया जाएगा।

मुंबई में इंडिया गठबंधन की तीसरी बैठक से पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, राहुल गांधी होंगे पीएम उम्मीदवार


मुंबई में इंडिया गठबंधन की तीसरी बैठक होने वाली है। इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को 2024 के लोकसभी चुनाव में कांग्रेस पार्टी की तरफ से प्रधानमंत्री उम्मीदवार बताया है। गहलोत ने इंडिया टुडे ग्रुप के साथ बात करते हुए दावा किया है कि यह फैसला सभी दलों ने चर्चा और विचार-विमर्श के बाद किया है। इंडिया गठबंधन की आवश्यकता के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, ''जनता ने ऐसा दबाव बनाया, जिसके परिणामस्वरूप सभी विपक्षी दलों का गठबंधन हुआ है।''

गहलोत ने आगे कहा, "पीएम मोदी को अहंकारी नहीं होना चाहिए, क्योंकि 2014 में बीजेपी केवल 31% वोटों के साथ सत्ता में आई थी। बाकी 69% वोट उनके खिलाफ थे।" उन्होंने कहा कि जब पिछले महीने बेंगलुरु में इंडिया गठबंधन की बैठक हुई, उसके बाद से एनडीए डरा हुआ है।

अशोक गहलोत से जब बीजेपी के उन दावों के बारे में पूछा गया कि एनडीए 2024 के चुनाव में 50% वोटों के साथ सत्ता में आने के लिए काम कर रहा है तो उन्होंने कहा, "पीएम मोदी कभी भी इसे हासिल नहीं कर पाएंगे। जब मोदी अपनी लोकप्रियता के चरम पर थे, तो वह ऐसा कर सकते थे। उनका वोट शेयर घट जाएगा और 2024 के चुनाव के नतीजे तय करेंगे कि प्रधानमंत्री कौन बनेगा।'

अशोक गहलोत ने यह भी दावा किया कि पीएम मोदी 2014 में कांग्रेस की वजह से प्रधानमंत्री बने। उन्होंने पीएम मोदी की बोलने की शैली की आलोचना करते हुए कहा कि लोकतंत्र में भविष्य के बारे में भविष्यवाणी करना संभव नहीं है। उन्होंने कहा, "यह निर्णय लोगों को करना चाहिए। सभी को उनकी पसंद का सम्मान करना चाहिए। पीएम मोदी ने कई वादे किए लेकिन जनता जानती है कि उनका क्या हुआ।"

गहलोत ने चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग का श्रेय पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी को दिया। उन्होंने कहा, ''चंद्रयान-3 की सफलता में भी नेहरू का योगदान अहम है और मौजूदा उपलब्धियां इंदिरा गांधी और नेहरू की कड़ी मेहनत का नतीजा हैं।'' उन्होंने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की स्थापना इसलिए की गई क्योंकि नेहरू ने वैज्ञानिक विक्रम साराभाई का सुझाव सुना था। उन्होंने कहा कि उस समय अंतरिक्ष केंद्र का नाम कुछ और था लेकिन इंदिरा गांधी के सत्ता में आने के बाद इसे बदलकर इसरो कर दिया गया।