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जबतक समाज में सभी जातियों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति का स्पष्ट आकलन नहीं होता तबतक उनका सर्वांगीण विकास संभव नहीं : लालू यादव


राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा कि केंद्र सरकार को जाति आधारित गणना पूरे देश में कराना चाहिए। भारत में जाति आधारित व्यवस्था में हर संदर्भ में व्याख्या होनी चाहिए। जातियों का भारत में महत्वपूर्ण स्थान रहा है। हालांकि, अब जाति उपद्रव का तेवर धीमा हुआ है। प्रसाद ने शनिवार को बीबीसी, इंडिया के तत्वावधान में बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स परिसर में आयोजित कार्यक्रम में लेखक मनोज मिट्टा की पुस्तक ‘कास्ट प्राइड’ का लोकार्पण किया और कार्यक्रम को संबोधित किया। 

राजद प्रमुख ने कहा कि कॉस्ट प्राइड इस दिशा में महत्वपूर्ण किताब है। बिहार में जातियों की गणना कराने के बिहार सरकार का निर्णय बेहद सराहनीय है। जबतक समाज में सभी जातियों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति का स्पष्ट आकलन नहीं हो जाता है तबतक उनका सर्वांगीण विकास संभव नहीं है। जाति गणना उस दिशा में बेहद महत्वपूर्ण आयाम होगा। उन्होंने कहा कि मंडल कमीशन की अनुशंसा लागू कराने के समय भी ऐसे ही वर्तमान की तरह विरोध झेलना पड़ा था। उन्होंने केंद्र सरकार पर एससी-एसटी के प्रति दुर्भावना रखने का आरोप लगाया और कहा कि जातियों के प्रति उनका डर दिख रहा है। 

जाति यथार्थ, जातिवाद व्यर्थ: संजय पासवान

भाजपा के विधान पार्षद व पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय पासवान ने कहा कि जाति यथार्थ है, जातिवाद व्यर्थ है, फिर भी हिंदू समर्थ है। उन्होंने कहा कि जो जितना जातिवाद नहीं मानते वो उतने ही जातिवादी होते हैं। पुस्तक ‘कास्ट प्राइड’ में कानून के नजरिए से हिंदू जाति व्यवस्था की सहनशक्ति और हिंसा के विविध पहलुओं पर चर्चा की गयी है। इस मौकें पर राजद सांसद मनोज झा, बीबीसी हिंदी की प्रमुख रूपा झा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

इससे पहले कल सीएम नीतीश कुमार ने भी कहा था कि था बिहार की जाति आधारित गणना पूरे देश में रोल मॉडल बनेगा। अब तो कई राज्यों में मांग में उठने लगी है। जातीय गणना के सभी आंकड़े सार्वजनिक किए जाएंगे। केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होने कहा कि कुछ लोगों ने जाति आधारित गणना में रोड़ा अटकाने का काम किया है।

कांग्रेस की गुजरात इकाई के प्रमुख शक्तिसिंह गोहिल ने लगाया आरोप, पांच वर्षों में अदानी ने राज्य को किया मालामाल

कांग्रेस की गुजरात इकाई के प्रमुख शक्तिसिंह गोहिल ने आरोप लगाया कि राज्य की भाजपा सरकार ने दो बिजली खरीद समझौतों के तहत पिछले पांच वर्षों में अडाणी पावर मुंद्रा लिमिटेड को 3,900 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया है। वहीं, गुजरात सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री ऋषिकेश पटेल ने आरोप को 'गुमराह करने वाला' करार देते हुए कहा कि भुगतान सिर्फ अंतरिम है और अंतिम नहीं।

गोहिल ने अहमदाबाद में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य सरकार द्वारा संचालित गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (GUVNL) ने अडाणी पावर को अक्टूबर 2018 से मार्च 2023 के बीच 13,802 करोड़ रुपये का भुगतान किया है, जबकि निजी कंपनी ने (अपने ऊर्जा संयंत्रों के लिए) कोयला खरीद का कोई बिल या संबद्ध दस्तावेज नहीं सौंपा।

कथित तौर पर GUVNL द्वारा 3,802 करोड़ रुपये की मांग करते हुए 15 मई 2023 को अडाणी पावर मुंद्रा को लिखा गया एक पत्र भी उन्होंने प्रस्तुत किया। इस अतिरिक्त रकम का भुगतान GUVNL ने उक्त निजी कंपनी के साथ किये गये दो ऊर्जा खरीद समझौते के तहत ऊर्जा शुल्क के तौर पर किया था। कांग्रेस नेता ने कहा कि यह भ्रष्टाचार, धन शोधन, सार्वजनिक धन की लूटखसोट और इनसे भी आगे मित्रवाद का एक महत्वपूर्ण मामला है, जिसका प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) और उनकी सरकार प्रतिनिधित्व करती है।

उन्होंने इस 'बड़े घोटाले' की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और अन्य एजेंसियों से जांच कराने की मांग की। गोहिल ने दावा किया कि GUVNL ने यह माना है कि उसने अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडाणी के कथित फर्जीवाड़ा का खुलासा किये जाने के बाद अडाणी पावर को 3,900 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया है।

पत्र में, जीयूवीएनएल ने कहा है कि जिस दर पर अडाणी पावर मुंद्रा द्वारा कोयले की खरीद की गई, वह उस वास्तविक बाजार दर से अधिक है, जिस पर इंडोनेशिया में कोयला बेचा जा रहा है। इसमें कहा गया है, ''अडाणी पावर कुछ चयनित आपूर्तिकर्ताओं से प्रीमियम मूल्य पर निरंतर कोयले की खरीद कर रहा है, जो समय-समय पर इंडोनेशियाई कोयले के वास्तविक बाजार मूल्य को प्रदर्शित नहीं करता है। साथ ही, संबद्ध दस्तावेज नहीं सौंपा गया।''

आरोपों का जवाब देते हुए मंत्री पटेल ने कहा कि जीयूवीएनएल और अडाणी पावर के बीच लंबित मुद्दों के हल के लिए दो जनवरी 2022 को एक समझौता किया गया। जीयूवीएनएल ने केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग से सत्यापन के बाद उक्त अनुबंध की मूल दर तय करने का अनुरोध किया। यह 15 अक्टूबर 2018 के बाजार मूल्य को ध्यान में रखते हुए किया गया। आयोग के 13 जून 2022 के फैसले के मुताबिक, मूल दर निर्धारित किया गया, और यह विषय राज्य सरकार के विचारार्थ है तथा सभी भुगतान 15 अक्टूबर 2018 से शुरू किया जाएगा।

मुंबई में इंडिया गठबंधन की तीसरी बैठक से पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, राहुल गांधी होंगे पीएम उम्मीदवार


मुंबई में इंडिया गठबंधन की तीसरी बैठक होने वाली है। इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को 2024 के लोकसभी चुनाव में कांग्रेस पार्टी की तरफ से प्रधानमंत्री उम्मीदवार बताया है। गहलोत ने इंडिया टुडे ग्रुप के साथ बात करते हुए दावा किया है कि यह फैसला सभी दलों ने चर्चा और विचार-विमर्श के बाद किया है। इंडिया गठबंधन की आवश्यकता के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, ''जनता ने ऐसा दबाव बनाया, जिसके परिणामस्वरूप सभी विपक्षी दलों का गठबंधन हुआ है।''

गहलोत ने आगे कहा, "पीएम मोदी को अहंकारी नहीं होना चाहिए, क्योंकि 2014 में बीजेपी केवल 31% वोटों के साथ सत्ता में आई थी। बाकी 69% वोट उनके खिलाफ थे।" उन्होंने कहा कि जब पिछले महीने बेंगलुरु में इंडिया गठबंधन की बैठक हुई, उसके बाद से एनडीए डरा हुआ है।

अशोक गहलोत से जब बीजेपी के उन दावों के बारे में पूछा गया कि एनडीए 2024 के चुनाव में 50% वोटों के साथ सत्ता में आने के लिए काम कर रहा है तो उन्होंने कहा, "पीएम मोदी कभी भी इसे हासिल नहीं कर पाएंगे। जब मोदी अपनी लोकप्रियता के चरम पर थे, तो वह ऐसा कर सकते थे। उनका वोट शेयर घट जाएगा और 2024 के चुनाव के नतीजे तय करेंगे कि प्रधानमंत्री कौन बनेगा।'

अशोक गहलोत ने यह भी दावा किया कि पीएम मोदी 2014 में कांग्रेस की वजह से प्रधानमंत्री बने। उन्होंने पीएम मोदी की बोलने की शैली की आलोचना करते हुए कहा कि लोकतंत्र में भविष्य के बारे में भविष्यवाणी करना संभव नहीं है। उन्होंने कहा, "यह निर्णय लोगों को करना चाहिए। सभी को उनकी पसंद का सम्मान करना चाहिए। पीएम मोदी ने कई वादे किए लेकिन जनता जानती है कि उनका क्या हुआ।"

गहलोत ने चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग का श्रेय पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी को दिया। उन्होंने कहा, ''चंद्रयान-3 की सफलता में भी नेहरू का योगदान अहम है और मौजूदा उपलब्धियां इंदिरा गांधी और नेहरू की कड़ी मेहनत का नतीजा हैं।'' उन्होंने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की स्थापना इसलिए की गई क्योंकि नेहरू ने वैज्ञानिक विक्रम साराभाई का सुझाव सुना था। उन्होंने कहा कि उस समय अंतरिक्ष केंद्र का नाम कुछ और था लेकिन इंदिरा गांधी के सत्ता में आने के बाद इसे बदलकर इसरो कर दिया गया।

नूंह में 28 अगस्त को दोबारा जलाभिषेक यात्रा निकालने पर राज्य सरकार ने लगाई रोक, जिले में धारा 144 लागू

डेस्क : हरियाणा के नूंह में 28 अगस्त को दोबारा जलाभिषेक यात्रा निकालने पर राज्य सरकार ने रोक लगा दी है। हालांकि, कुछ संगठन यात्रा निकालने पर अड़े हैं। बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद ने नल्हड़ में होने वाली ब्रजमंडल जलाभिषेक यात्रा को लेकर रणनीति बदल ली है। अब प्रदेश के हर जिले में यात्रा निकाली जाएगी। इनमें नूंह भी शामिल है। नूंह के नल्हड़ में भारी संख्या में पहुंचने के बजाय हर जिले में लोग निर्धारित स्थल पर शामिल होंगे। 

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि 'अगस्त महीने की शुरुआत में नूंह में जिस तरह की घटना हुई, उसे देखते हुए यह सुनिश्चित करना सरकार का कर्तव्य है कि इलाके में कानून-व्यवस्था बनी रहे। हमारी पुलिस और प्रशासन ने यह निर्णय लिया है कि लोग यात्रा (ब्रज मंडल शोभा यात्रा) निकालने के बजाय पास के मंदिरों में जाएं और पूजा करें। यात्रा की अनुमति नहीं दी गई है लेकिन लोग जा सकते हैं और मंदिरों में पूजा-अर्चना कर सकते हैं क्योंकि यह सावन का महीना है।' नूंह में 28 अगस्त तक इंटरनेट सेवा ठप कर दी गई है। वहीं जिले में धारा 144 भी लागू कर दी गई है। 

वहीं डीजीपी ने कहा कि नूंह प्रशासन ने 3 से 7 सितंबर तक नूंह में होने वाली जी-20 की बैठक और 31 जुलाई को हुई घटना के बाद कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए आयोजकों को अनुमति देने से इन्कार किया है। बावजूद इसके कुछ ऐसे इनपुट हैं कि कुछ संगठन लोगों को 28 अगस्त को नूंह पहुंचने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। 

डीजीपी ने कहा है कि लोगों को रोकने के लिए अंतरराज्यीय सीमाओं पर बैरिकेडिंग की जाएगी। सोशल मीडिया प्लेटफार्मों की नियमित निगरानी सुनिश्चित करने, नफरत भरे भाषणों के माध्यम से शांति को बाधित करने की कोशिश करने वाले लोगों के बारे में जानकारी साझा करने और उनके विरुद्ध कानून के अनुसार कार्रवाई होगी। यात्रा को लेकर एडीजीपी (कानून-व्यवस्था) ममता सिंह को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। वह नूंह में ही तैनात रहेंगी।

हरियाणा सरकार ने नूंह में फिर से इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। गृह विभाग ने शनिवार दोपहर 12 बजे से 28 अगस्त की रात 11:59 बजे तक जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं और बल्क एसएमएस पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस संबंध में गृह सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने पत्र जारी किया है। एहतियातन सीआरपीसी की धारा 144 भी लगा दी है।

*यूक्रेन की राजधानी कीव में बड़ा हादसा, दो एल-39 प्रशिक्षण विमानों के हवा में टकराने से तीन यूक्रेनी पायलटों की मौत*

डेस्क : यूक्रेन में बड़ा हादसा हुआ है। यूक्रेन की राजधानी कीव के पास दो एल-39 प्रशिक्षण विमानों के हवा में टकराने से तीन यूक्रेनी पायलटों की मौत हो गई है। इसकी पुष्टि यूक्रनी वायुसेना ने की है। बयान के मुताबिक यह हादसा शुक्रवार को कीव के पश्चिमी इलाके झितोमिर में हुआ।

यूक्रेन को अमेरिका से खतरनाक 61 एफ-16 जेट मिले हैं ऐसे में तीन पायलटों की मौत यूक्रेन के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। इस हादसे को लेकर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने भी दुख जताया।

जेलेंस्की ने पायलटों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और कहा, "यूक्रेन उन लोगों को कभी नहीं भूलेगा जिन्होंने यूक्रेन के मुक्त आसमान की रक्षा की।" उन्होंने कहा कि विमान हादसे में मारे गए तीन सैन्य पायलटों में यूक्रेनी सेना के अधिकारी एंड्री पिलश्चिकोव शामिल हैं, जिन्होंने पूरी लगन के साथ देश की सेवा की। अपने रात्रिकालीन वीडियो संबोधिन में उन्होंने कहा कि हादसे के कारणों का पता लगाया जा रहा है। विवरणों पर चर्चा करना अभी जल्दबाजी होगी। निश्चित रूप से, सभी परिस्थितियों को स्पष्ट कर दिया जाएगा।

यूक्रेन की वायु सेना ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, हम पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं। यह हम सभी के लिए असहनीय और अपूरणीय क्षति है। दुर्घटना की परिस्थितियों की जांच की जा रही है। आपको बता दें कि डेढ़ साल से यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष जारी है। फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे पर नियमित रूप से हमले कर रही हैं।

आपको बता दें कि यूक्रेन पश्चिम से मिलने वाले एफ-16 लड़ाकू विमानों को उड़ाने के लिए अपने हवाई कर्मचारियों को जल्द से जल्द प्रशिक्षित करने के लिए एक बड़ी कवायद की तैयारी में है।

: महाराष्ट्र की बीजेपी नेत्री सना खान गुमशुदगी मामले में अब तक नागपुर पुलिस खाली हाथ, तेंदूखेड़ा विधायक संजय शर्मा से पूछताछ_

#Sana -Murder -Mystery

 महाराष्ट्र की बीजेपी नेत्री सना खान 1 अगस्त को गुजरात से जबलपुर के लिए रवाना हुई थीं. उसके बाद से अब तक उसका कोई पता नहीं चला है. पुलिस ने कामतापुर थाने में गुमशुदगी का मामला दर्ज किया था. इसकी जांच जब आगे बढ़ी तो जबलपुर के एक ढाबा संचालक अमित साहू का नाम सामने आया.

 अमित साहू को बीते दिनों पुलिस ने हिरासत में लिया. उसने पूछताछ के दौरान बताया कि उसने सना खान से शादी की थी लेकिन एक विवाद के चलते उसने उसकी हत्या कर दी और लाश को हिरन नदी में फेंक दिया.

सना खान की डेडबॉडी की तलाश :

बता दें कि अमित साहू को सजा दिलाने के लिए पुलिस अभी भी सना खान की लाश की तलाश कर रही है, जो लगभग 25 दिन भी जाने के बाद भी पुलिस को नहीं मिली है. इस बीच पुलिस को अमित साहू के मोबाइल से कुछ वीडियो मिले हैं, जिनकी जांच पुलिस कर पर पता लगाने की कोशिश कर रही है।उस मामले में कई एंगल से जांच हो रही है। पुलिस ने इस मामले कुछ लोगों से पूछताछ भी की है।

रेत कारोबारी हिरासत में :

इस मामले में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में कई लोगों के नाम सामने आए हैं. इसी बीच अमित साहू की मदद करने के आरोप में नागपुर पुलिस ने जबलपुर से रवि शंकर यादव उर्फ रब्बू यादव को भी हिरासत में लिया है. रब्बू यादव जबलपुर में रेत का कारोबार करता है. इसके पहले रब्बू के ऊपर टाडा एक्ट के तहत कार्रवाई हुई थी. 

अमित साहू भी रेत का काम करता था लेकिन रवि शंकर यादव को क्यों हिरासत में लिया है, इसका खुलासा नहीं हो पाया है.

तेंदूखेड़ा विधायक से पूछताछ :

इस मामले में नया मोड़ तब आया, जब नरसिंहपुर तेंदूखेड़ा के विधायक संजय शर्मा को नागपुर पुलिस ने नोटिस भेजा. हालांकि संजय शर्मा ने बयान देते हुए कहा है कि अमित साहू से उनका फिलहाल कोई संपर्क नहीं है. 10 साल पहले अमित साहू उनकी किसी कंपनी में काम करता था लेकिन अब वह उनके संपर्क में नहीं है.

 अमित साहू ने क्यों उनका नाम लिया और पुलिस ने उन्हें क्यों जबरन परेशान किया, वह भी इस मामले को नहीं समझ पाए हैं. उनका कहना है कि वह सना को नहीं जानते और ना ही इस गुमशुदगी या हत्याकांड में उनका कोई लेना देना है.

'आदित्य-एल1' सौर मिशन की तारीख तय, 2 सितंबर को हो सकता है प्रक्षेपण_

#solar-mision-of-india

बेंगलुरु : चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद, सूर्य का अध्ययन करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अब एक हफ्ते के अंदर 'आदित्य-एल1' सौर मिशन भेजने की तैयारियों में जुट गया है.

 आदित्य-एल1 मिशन को दो सितंबर को भेजे जाने की संभावना है. इस अंतरिक्ष यान को सौर कोरोना (सूर्य की सबसे बाहरी परतों) के दूरस्थ अवलोकन और एल1 (सूर्य-पृथ्वी लाग्रेंज बिंदु) पर सौर वायु के यथास्थिति अवलोकन के लिए तैयार किया गया है. एल1 पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर है. यह सूर्य के अवलोकन के लिए पहला भारतीय अंतरिक्ष मिशन होगा.

आदित्य-एल1 मिशन का लक्ष्य एल1 के चारों ओर की कक्षा से सूर्य का अध्ययन करना है. यह अंतरिक्ष यान सात पेलोड लेकर जाएगा, जो अलग-अलग वेव बैंड में फोटोस्फेयर (प्रकाशमंडल), क्रोमोस्फेयर (सूर्य की दिखाई देने वाली सतह से ठीक ऊपरी सतह) और सूर्य की सबसे बाहरी परत (कोरोना) का अवलोकन करने में मदद करेंगे. 

इसरो के एक अधिकारी ने कहा कि आदित्य-एल1 पूरी तरह से स्वदेशी प्रयास है, जिसमें राष्ट्रीय संस्थानों की भागीदारी है.

बेंगलुरु स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (आईआईए) की 'विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ पेलोड' के विकास में अहम भूमिका है, जबकि पुणे के 'इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स' ने मिशन के लिए 'सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजर पेलोड' विकसित किया है.

 आदित्य-एल1, अल्ट्रावॉयलेट पेलोड का उपयोग करके सूर्य की सबसे बाहरी परत (कोरोना) और एक्स-रे पेलोड का उपयोग कर सौर क्रोमोस्फेयर परतों का अवलोकन कर सकता है.

पार्टिकल डिटेक्टर और मैग्नेटोमीटर पेलोड आवेशित कणों के बारे में जानकारी प्रदान कर सकते हैं. उपग्रह को दो सप्ताह पहले आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित इसरो के अंतरिक्ष केंद्र पर लाया गया है. इसरो के एक अधिकारी ने कहा, "प्रक्षेपण दो सितंबर को होने की अधिक संभावना." अतंरिक्ष यान को सूर्य-पृथ्वी लाग्रेंज बिंदु की एल1 हेलो कक्षा के पास स्थापित करने की योजना है. 

इसरो ने कहा कि एल1 बिंदु के आसपास हेलो कक्षा में स्थापित उपग्रह को सूर्य को बिना किसी ग्रहण के लगातार देखने का बड़ा फायदा मिल सकता है. इसने कहा है कि इससे वास्तविक समय में सौर गतिविधियों और अंतरिक्ष मौसम पर इसके प्रभाव का पता लगाया जा सकेगा.

पटाखा फैक्ट्री में जोरदार धमाके से दहला सहारनपुर, एक मजदूर जिंदा जला_

#firecracker -explosion-srhanpur

सहारनपुर: एक ओर जहां एनजीटी तेज ध्वनि वाले पटाखे बनाने पर अंकुश लगाने के दावे कर रही है. वहीं, चंद पैसों के लालच में पटाखा माफिया न सिर्फ एनजीटी के आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं. बल्कि लोगों की जान से खिलवाड़ करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं. दिवाली से पहले ही प्रतिबंधित बम-पटाखे बनाने का काम धड़ल्ले से चल रहा है. इसी की चलते एक अवैध फैक्ट्री में अचान धमका हो गया, जिससे एक व्यक्ति की मौत हो गई.

दरअसल, थाना गागलहेड़ी इलाके के छजपुरा में पटाखा फैक्ट्री में शुक्रवार देर रात अचानक धमाके से पूरा इलाका दहल गया. जिसमें फैक्ट्री में काम कर रहे एक कर्मचारी की जिंदा जलने से मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई. सूचना परदमकल विभाग की कई गाड़ियों ने मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया. वहीं, पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है. दमकल अधिकारी घटना की जांच कर रहे हैं.

वहीं इस मामले में सीएफओ ने बताया कि मृतक युवक की पहचान मृतक की पहचान सिद्धार्थनगर निवासी प्रेम प्रकाश के रूप में हुई है. आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है. पटाखा फैक्ट्री में हुए धमाके से इलाका दहल गया है. ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. बताया गया है कि आग लगने के बाद वहां काम करने वाले मजदूर भाग गए थे. जबकि एक मजूदर अंदर ही फंसा रह गया, जोकि जिंदा जल गया. शव का पचनामा भर कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.

पंजाब गवर्नर की मुख्यमंत्री भगवंत मान को राष्ट्रपति शासन की दी चेतावनी तो सीएम ने दो टूक कहा- राजस्थान जाकर BJP का सीएम चेहरे बनें और...

 पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित पर पलटवार किया है. सीएम ने कहा, 'यह कोई नई बात नहीं है कि राज्यपाल मुझे पत्र लिखें और ऐसी भाषा का प्रयोग करें। हम इसे देखते रहे हैं। लेकिन कल गवर्नर ने पंजाबियों को क्या धमकी दी? उस वर्तमान नियम की अनुशंसा अनुच्छेद 356 के अंतर्गत की जायेगी। मैं उस पर जवाब देना चाहता हूं।

'पंजाब में कानून व्यवस्था नियंत्रण में है'

सीएम ने कहा कि, आपने दो चीजों के बारे में बात की है। पहला कानून व्यवस्था, मैं बताना चाहता हूं कि जब से हमारी सरकार ने 23,518 ड्रग तस्करों को, 1,627 किलोग्राम से अधिक हेरोइन पकड़ी है। इसके साथ ही 13.29 करोड़ ड्रग मनी और 66 ड्रग तस्करों की संपत्तियां कुर्क की गई हैं। अभी 23 अगस्त को ही 41 किलो हेरोइन पकड़ी गई है। फिलहाल आपको बता दूं कि, पंजाब में कानून व्यवस्था नियंत्रण में है। मैं राज्यपाल को याद दिलाना चाहता हूं कि, क्या हरियाणा के राज्यपाल ने नूंह को लेकर हरियाणा के सीएम को कोई नोटिस दिया है। सिर्फ इसलिए क्योंकि हरियाणा केंद्र की तरह बीजेपी की सरकार है।

'हितों की बात नहीं करते राज्यपाल'

क्या आपने मणिपुर के संबंध में कोई बयान दिया है? क्या मणिपुर में संविधान लागू नहीं होता है? यूपी में क्या हो रहा है। क्या यूपी के राज्यपाल सीएम को पत्र लिखने की तारीख दे सकते हैं? मैं बता दूं कि, राज्यपाल ने 16 पत्र लिखे हैं और हमने 9 पत्रों का जवाब दिया है। मैं राज्यपाल से पूछना चाहता हूं कि, आपके यहां पिछले डेढ़ साल से कुल छह विधेयक लंबित हैं आपने अभी तक उन पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। हम एक चुनी हुई सरकार हैं, लोगों ने हमें वोट दिया है. आप हमारे बिल रोक रहे हैं।

मैं राज्यपाल से पूछना चाहता हूं कि क्या आपने कभी आरडीएफ के संबंध में मुझे लिखा है? इससे हम यूनियन में जा सकते हैं और अपना पैसा प्राप्त कर सकते हैं। क्या आपने जीएसटी को केंद्र द्वारा रोके जाने के संबंध में लिखा है? क्या आपने कभी केंद्र के पास लंबित किसानों के मुद्दों के बारे में लिखा है? आप मुझे ऐसे मुद्दों पर कभी नहीं लिखते हैं। क्योंकि पंजाब के राज्यपाल पंजाब के हितों की बात नहीं करते

हैं।

'आप बीजेपी के लिए सीएम चेहरा बनें'

इसके साथ ही चंडीगढ़ में हमारे एसएसपी को देर रात स्थानांतरित कर दिया गया और मुझसे पूछा भी नहीं गया। आप सिर्फ यूटी यानी बीजेपी का पक्ष ले रहे हैं। कानून और व्यवस्था में हमारी सरकार ने 50000 करोड़ का निवेश और 3400 परियोजनाएं दी है। टाटा स्टील, नेस्ले और कई बड़ी कंपनियां पंजाब में आई हैं। यह इस बात का प्रमाण है कि एक राज्य के रूप में हम शांति में हैं। मैं गवर्नर साहब से कहना चाहता हूं कि, राजस्थान जाएं और बीजेपी के लिए सीएम चेहरा बनें और जो शक्ति आप चाहते हैं वह हासिल करें।

'कहां से ऑर्डर ले रहे हैं'

सीएम ने आगे कि, गवर्नर साहब पंजाबियों की भावनाओं की परीक्षा न लें। मैं आपको बताना चाहता हूं कि, आप हमें धमकी दे रहे हैं कि अगर हमने पत्रों का जवाब नहीं दिया तो आप हमारी सरकार को भंग कर देंगे। कहां से ऑर्डर ले रहे हैं। गवर्नर साहब हमारे धैर्य की परीक्षा न लें। आपके पत्रों में सत्ता की भूख होने का संकेत मिलता है। हम पत्रों का जवाब देंगे, लेकिन हमें धमकाएं नहीं। यह सिर्फ बीजेपी का एजेंडा है. जब बात पंजाब की आएगी तो मैं कोई समझौता नहीं करूंगा।

पंजाब के राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच विवाद जारी, राज्यपाल ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की दे दी चेतावनी

पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित और मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच चल रहा विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने आप सरकार पर संविधान के खिलाफ काम करने और उनके पत्रों का जवाब नहीं देने का आरोप लगाया है। राज्यपाल ने सीएम भगवंत मान को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि, अगर उन्होंने उनके पत्रों का जवाब नहीं दिया तो वे राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं।

दरअसल, बनवारीलाल पुरोहित ने कहा कि, राज्यपाल द्वारा मांगी गई जानकारी न देना स्पष्ट रूप से संवैधानिक कर्तव्य का अपमान है, जोकि सीएम भगवंत मान पर लगाया गया है। ऐसा न करने पर मेरे पास कानून और संविधान के अनुसार कार्रवाई करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। इससे पहले राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने सीएम भगवंत मान पर जून में हुए विधानसभा सत्र के दौरान उनकी छवि खराब करने का आरोप लगाया था।

‘राज्यपाल के पास बहुत सारी शक्तियां’

वहीं इससे पहले भी राज्यपाल पुरोहित ने सीएम मान पर प्रशासनिक मामलों पर जानकारी नहीं देने का भी आरोप लगाया था। वहीं उन्होंने कहा था कि पिछले दिनों विधानसभा सत्र के दौरान पारित हुए चार विधेयक में से एक राज्य विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति के लिए राज्यपाल की शक्तियों को छीनने वाला था। पुरोहित ने इसे पूरी तरह से अवैध करार दिया था। पुरोहित ने सीएम मान पर संविधान की धारा 167 का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था।

'किसी भी पत्र का नहीं मिला पूरा जवाब'

राज्यपाल पुरोहित ने कहा था कि मुख्यमंत्री राज्यपाल द्वारा मांगी गई किसी भी प्रशासनिक जानकारी को प्रस्तुत करने के लिए बाध्य हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मार्च में भी उन्हें इस संवैधानिक प्रावधान का सम्मान करने की सलाह दी थी। जिसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री को 10-15 पत्र लिखे लेकिन उनमें से कई तो जवाब नहीं मिला या अधूरा जवाब मिला। उन्होंने कहा कि मैं कोई भी जानकारी मांगता हूं तो सीएम मान नाराज हो जाते हैं। पुरोहित ने सीएम मान पर बयान का विरोध करते हुए कहा कि वो कहते है कि वो केवल तीन करोड़ पंजाबियों के प्रति जवाबदेह हैं, राजभवन के प्रति नहीं। लेकिन उन्हें राज्य को संविधान के अनुसार चलाना है अपनी सनक के अनुसार नहीं, पुरोहित ने कहा आप बादशाह थोड़े हो।