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Muzaffarpur

Aug 18 2023, 18:31

केंद्र सरकार के 9 वर्षों की उपलब्धि आम जनों तक पहुंचाना हम भाजपा कार्यकर्ताओं की नैतिक जिम्मेदारी : अजीत कुमार

मुजफ्फरपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 9 वर्षों के शासनकाल मे चलाए जा रहे जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी समाज के हर एक व्यक्ति तक पहुंचाना हम भाजपा कार्यकर्ताओं का नैतिक जिम्मेदारी है। 

         

उक्त बातें शुक्रवार को मीनापुर विधानसभा क्षेत्र के रामपुर हरि गांव में भाजपा कार्यकर्ता, समाज के बुद्धिजीवियों , किसान - मजदूरों को संबोधित करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री अजीत कुमार ने कही। 

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अपने 9 वर्षों के कार्यकाल में समाज के हर एक तबकों के लिए अलग-अलग योजना चलाकर इस देश में एक नया कृतिमान स्थापित किया है।

         

श्री कुमार ने कहा कि किसानों के लिए किसान सम्मान निधि योजना, गरीबों के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, वृद्ध व्यक्तियों के लिए अटल वृद्धावस्था पेंशन योजना ,गरीबों के इलाज के लिए प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना, पक्का मकान से वंचित लोगों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना, किसानों के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना , प्रधानमंत्री किसान क्रेडिट कार्ड योजना, बालिकाओं के लिए सुकन्या समृद्धि योजना , प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, सामाजिक सशक्तिकरण योजना, जल जीवन हरियाली मिशन योजना, बच्चे कुपोषण का शिकार न हों इसके लिए आंगनवाड़ी केंद्र के माध्यम से कुपोषण के खिलाफ केंद्र द्वारा चलाई जा रही अभियान आदि मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धि है। इन सारी योजनाओं से समाज के हर एक व्यक्ति लाभान्वित हो इसके लिए हम कार्यकर्ताओं को योजनाबद्ध तरीके से अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करना पड़ेगा। 

           

उन्होंने कहा कि आज हम इस अभियान का श्रीगणेश मीनापुर के रामपुर हरि से किया हूं और आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व जिले के 16 प्रखंड में योजनाबद्ध तरीके से चलाऊंगा। 

श्री कुमार ने कार्यकर्ताओं का आवाहन करते हुए कहा कि अब सोने का नहीं , लड़ने व लोगों को जगाने वक्त आ गया है । 

    

इस मौके आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता मीनापुर से भाजपा प्रत्याशी रहे अजय कुमार कुशवाहा ने किया । 

उन्होंने कार्यकर्ताओं से केंद्र द्वारा जनहित में चलाए जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी समाज के हर एक व्यक्ति तक पहुंचाने का  अपील किया। कार्यक्रम का संचालन स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार सिंह ने किया।  

        

इस मौके पर मुखिया इंद्रमोहन झा, साकेत रमन पांडे, सरपंच राम शोभित पासवान, वैद्यनाथ सहनी , नवीन कुमार ,श्री राम सिंह ,डॉक्टर अरुण सिंह, डॉक्टर अश्वनी कुमार, राजीव नयन, धर्मेंद्र कुमार सिंह, श्री नारायण सिंह, पवन बिहारी झा, हेमंत कुमार सिंह, कौशल किशोर शर्मा, अमित कुमार ,राजीव कुमार गुड्डू , कन्हाई कुमार, चंद्र मोहन सिंह, कृष्णानंद ठाकुर , राम उपदेश राय ,प्रेम कुमार झा, हरे कृष्णा सिंह ,अजय कुमार, अमरिंदर कुमार ,आलोक शर्मा, रामकृष्ण सिंह आदि लोगों ने अपना अपना विचार रखते हुए केंद्र के योजनाओं के बारे में लोगों को विस्तृत रूप से जानकारी दिया। 

         

धन्यवाद ज्ञापन रणधीर कुमार सिंह ने किया।

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

Muzaffarpur

Aug 18 2023, 17:03

स्नातक द्वितीय खण्ड के परीक्षा परिणाम अविलंब सुधारे वि.वि. : एबीवीपी


STET के आवेदकों को प्रोविजनल सर्टिफिकेट अविलंब बनाकर वितरित करे वि.वि. : एबीवीपी

आज दिनांक - 18/08/2023 को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रतिनिधि मंडल ने परीक्षा नियंत्रक से मिलकर स्नातक (सत्र - 2020-23) के द्वितीय खण्ड में हुए व्यापक स्तर पर पेंडिंग एवं एक, दो नम्बर से प्रमोटेड करके इसके सुधार के नाम पर छात्रों से अवैध उगाही का मामला संज्ञान में आने पर इससे अवगत कराया तथा कार्रवाई की माँग की।

वहीं STET के अभ्यर्थियों को पिछले दो दिनों से प्रोविजनल सर्टिफिकेट नहीं मिलने का मामला भी सामने आने पर परीक्षा नियंत्रक को ज्ञापन देकर अविलंब प्रोविजनल सर्टिफिकेट उपलब्ध कराने की माँग की ताकि छात्रों को STET का आवेदन करने से वंचित होना न पड़े।

इसपर परीक्षा नियंत्रक ने आज लगभग 900 छात्रों का प्रोविजनल सर्टिफिकेट बनाकर तैयार करने की बात कही। अभाविप प्रतिनिधि मंडल ने अगले कुछ दिनों में सभी लंबित प्रोविजनल सर्टिफिकेट बनाकर छात्रों को वितरित करने का आग्रह किया।

अभाविप प्रतिनिधि मंडल में महानगर मंत्री अभिनव राज, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य पुष्कर सिंह, मयंक मिश्रा, प्रभात मिश्रा, महानगर सहमंत्री शिवांशु सिंह, आदर्श ठाकुर एवं रणविजय सिंह शामिल थे।

Muzaffarpur

Aug 18 2023, 16:38

सदभावना दिवस पर अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भावनात्मक, एकता और सद्भावना के लिए कार्य करने की ली प्रतिज्ञा

आज दिनांक 18.08.2023 को पूर्व मध्य रेल मुख्यालय प्रांगण में ‘‘सद्भावना दिवस‘‘ का आयोजन किया गया ।

इस अवसर पर पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक श्री अनुपम शर्मा ने सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को जाति, सम्प्रदाय, क्षेत्र, धर्म अथवा भाषा का भेदभाव किए बिना देश की भावनात्मक एकता और सद्भावना के लिए कार्य करने की प्रतिज्ञा दिलायी ।

उन्होंने हिंसा का सहारा लिए बिना सभी प्रकार के मतभेद बातचीत और संवैधानिक माध्यमों से सुलझाने के लिए भी रेलकर्मियों का आह्वान किया ।

इस अवसर पर अपर महाप्रबंधक, प्रधान मुख्य कार्मिक अधिकारी सहित सभी अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे । 

                         

Muzaffarpur

Aug 18 2023, 14:27

12 दिन की शांति के बाद मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, गोलीबारी में तीन कुकी नागरिकों की मौत

#manipur_violence_three_village_volunteers_killed

मणिपुर पिछले तीन महीने से ज्यादा समय से जल रहा है। राज्य में रूक रूककर हिंसा भड़क जा रही है। पिछले 12 दिनों से घाटी में शांति थी, लेकिन आज शुक्रवार की सुबह एक बार फिर हिंसा की खबर सामने आई है। मणिपुर के उखरुल जिले में शुक्रवार सुबह भड़की ताजा हिंसा के दौरान तीन कुकी लोगों की मौत हो गई।बताया जा रहा है कि सुबह करीब 4.30 गांव में उपद्रवियों ने गोलीबारी की जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई है। इस हमले के पीछे मैतेई समुदाय का हाथ बताया जा रह है। फिलहाल पुलिस गोलीबारी करने वालों की पहचान करने में जुटी है।

मणिपुर पुलिस ने बताया कि यह घटना उखरूल जिले से लगभग 47 किलोमीटर दूर स्थित थोवई गांव में सुबह करीब 4.30 बजे हुई, यह कुकी बहुल गांव है। उखरुल के पुलिस अधीक्षक एन वाशुम के मुताबिक, हथियारबंद उपद्रवियों का एक समूह गांव के पूर्व में स्थित पहाड़ियों से गांव के पास आया और ग्राम रक्षकों पर गोलीबारी शुरू कर दी। घटना में गांव के 3 लोगों की मौत हो गई है। किसी के घायल होने की खबर नहीं है।

बताया जा रहा है कि मैतेई उपद्रवियों ने सबसे पहले गांव के ड्यूटी पोस्ट पर हमला किया, जहां स्वयंसेवक गांव की सुरक्षा के लिए ड्यूटी कर रहे थे। इस गोलीबारी में कुकी स्वयंसेवकों के तीन लोगों के मारे जाने की खबर है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अधिकारियों ने बचाया है कि जब पुलिस ने सर्च अभियान चलाया तब यहां जंगल के इलाके से 3 शव बरामद हुए हैं। मारे गए लोगों की पहचान जामखोगिन हाओकिप (26), थांगखोकाई हाओकिप (35) और होलेनसोन बाइते (24) के रूप में हुई है।चाकू से इनके शरीर पर निशान बनाए गए हैं, जबकि अंगों को भी काटा गया है।

राज्य में अब तक 190 लोगों की मौत

मैतइ और कुकी समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर शुरू हुई जातीय हिंसा ने धीरे-धीरे पूरे राज्य में हिंसा का स्वरूप ले लिया था, जिसके बाद कई जान चली गई। हिंसा की ताजा घटना के साथ, मणिपुर में चल रहे जातीय संघर्ष में कम से कम 190 लोग मारे गए हैं। राज्य में 3 मई से कुकी और मैतेई समुदायों के बीच व्यापक हिंसा देखी गई है। हिंसा भड़कने के बाद से लगभग 60,000 लोग अपने घरों से भागने को मजबूर हो गए हैं। राज्य में बलात्कार और हत्या के मामले सामने आए हैं और केंद्रीय सुरक्षा बलों की भारी उपस्थिति के बावजूद भीड़ ने पुलिस शस्त्रागार लूट लिया और कई घरों में आग लगा दी।

हिंसा की वजह

बता दें कि मणिपुर में बहुसंख्यक मैतई समुदाय जनजातीय आरक्षण देने की मांग कर रहा है। इसकी वजह ये है कि मैतई समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है लेकिन ये लोग राज्य के सिर्फ 10 प्रतिशत मैदानी इलाके में रहते हैं। वहीं कुकी और नगा समुदाय राज्य के पहाड़ी इलाकों में रहते हैं जो की राज्य का करीब 90 फीसदी है। जमीन सुधार कानून के तहत मैतई समुदाय के लोग पहाड़ों पर जमीन नहीं खरीद सकते, जबकि कुकी और नगा समुदाय पर ऐसी कोई पाबंदी नहीं है। यही वजह है, जिसकी वजह से हिंसा शुरू हुई और अब तक इस हिंसा में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

Muzaffarpur

Aug 18 2023, 13:54

बड़ी खबर : महज 24 घंटे के अंदर पुलिस ने 8 लाख कैश लूट कांड का किया खुलासा, 5 लूटेरों को लूटी गई रकम के साथ किया गिरफ्तार


मुजफ्फरपुर : जिले पुलिस को ड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस महज 24 घंटे के अंदर बीते गुरुवार को एक व्यक्ति से लूटे गए 8 लाख कैश कांड का खुलासा कर दिया है। 

पुलिस ने घटना को अंजाम देने वाले 5 शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। वहीं इनके पास से लूटे गए 8 लाख रुपये भी बरामद कर लिए है। 

इस बात की जानकारी देते हुए मुजफ्फरपुर एसएसपी ने राकेश कुमार ने बताया कि बीते गुरुवार को भगवानपुर स्थित सदर थाना से चंद कदमों की दूरी पर 8 लाख रुपये कैश छिनतई की घटना को अंजाम दिया गया था। 

उन्होंने बताया कि उक्त घटना को कटिहार के कुख्यात कोढ़ा गैंग ने अंजाम दिया था। घटना में शामिल 5 शातिर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। 

वहीं इनके पास से लूटे गए 8 लाख रुपये के साथ-साथ बाइक का फर्जी नंबर प्लेट, 14 मोबाइल फोन, स्मैक, तीन बाईक, 5 फर्जी आधार कार्ड, और बाइक तोड़ने वाला मास्टर चाबी बरामद किया गया है। 

पुलिस ने इनसे पूछताछ कर रही है और इनके गैंग के बाकी सदस्यों की तलाश में जुटी है। 

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

Muzaffarpur

Aug 18 2023, 13:29

शोएब अख्तर का बड़ा बयान, कहा-भारत के पैसे से पलते हैं पाकिस्तान के क्रिकेट खिलाड़ी

#shoaib_akhtar_big_comment_on_bcci_revenue

पाकिस्तानी के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर रिटायरमेंट के बाद भी अपने बयानों के कारण सुर्खियों में बने रहते हैं। एक बार फिर पूर्व क्रिकेटर ने ऐसा बयान दिया है, जिससे विवाद गहरा सकता है। उन्होंने भारतीय खेल पत्रकार को दिए इंटरव्यू में पाकिस्तान क्रिकेट को लेकर बड़ी बात कही है। शोएब अख्तर ने कहा कि भारत के पैसों से पाकिस्तान के क्रिकेटर पलते हैं।अख्तर के इस बयान पर पाकिस्तान में काफी बवाल हो सकता है।

शोएब अख्तर ने वरिष्ठ खेल पत्रकार बोरिया मजूमदार से खास बातचीत में बताया कि बीसीसीआई वर्ल्ड क्रिकेट में कितनी पावरफुल एसोसिएशन है।एशिया कप में भारत-पाकिस्तान के मुकाबले को लेकर बोरिया मजूमदार से बातचीत के दौरान शोएब अख्तर ने इस बात को माना कि बीसीसीआई के जरिए जो पैसा आईसीसी के पास आता है और फिर इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल रेवेन्यू शेयरिंग के तहत वो पैसा पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को भेजती है। उसी पैसे के दम पर ही पाकिस्तान में घरेलू क्रिकेटर्स को मैच फीस मिल पाती है।

शोएब अख्तर ने ये भी कहा कि वर्ल्ड कप 2023 सुपरहिट होने वाला है। अख्तर ने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि बीसीसीआई इस वर्ल्ड कप से काफी पैसा कमाएगी। इससे बीसीसीआई की आर्थिक स्थिति और ज्यादा मजबूत हो जाएगी।साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि मैं चाहता हूं कि भारत इस विश्व कप से खूब पैसे बनाए।कई लोग इस बात को कहने से हिचकेंगे।लेकिन मैं साफ कहता हूं कि भारत से जो रेवेन्यू आईसीसी को जाता है। उसका हिस्सा पाकिस्तान में भी आता है और इससे हमारे घरेलू क्रिकेटरों को मैच फीस मिलती है। यानी भारत से जो पैसा आ रहा है, उससे हमारे युवा क्रिकेटर पल रहे हैं।

शोएब अख्तर ने आईगे कहा कि भारत-पाकिस्तान मैच में एक बार फिर टीम इंडिया पर ही दबाव होगा। अख्तर ने कहा कि ये दबाव मीडिया की वजह से बनता है। लगातार टीम इंडिया की जीत के ही दावे किए जाते हैं। स्टेडियम भी बिल्कुल ब्लू कर दिए जाते हैं। इससे पाकिस्तान को मदद ही मिलती है क्योंकि वो अपने आप ही डार्कहॉर्स बन जाती है और इससे उसके खिलाड़ियों को खुलकर खेलने में मदद मिलती है।

Muzaffarpur

Aug 18 2023, 11:58

दिल्ली से पुणे जा रही फ्लाइट में बम होने की खबर, सभी यात्रियों को उतारा गया

#bomb_threat_on_delhi_pune_vistara_flight_at_delhi_airport

दिल्ली एयरपोर्ट पर दिल्ली-पुणे विस्तारा फ्लाइट में बम की धमकी मिली।जिसके बाद एयरपोर्ट पर ही फ्लाइट की जांच शुरू हो गई। सभी यात्रियों को उनके सामान सहित सुरक्षित उतारा गया।विमान में बम होने की जानकारी जीएमआर सेंटर को दी गई।

जानकारी के अनुसार जीएमआर कॉल सेंटर में शुक्रवार सुबह फ्लाइट में बम होने की कॉल मिली। काल मिलते ही सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गईं।सुरक्षा एजेसिंयों की तरफ से विमान की जांच की गई।बम रखे जाने की सूचना मिलते ही यात्रियों में हड़कंप मच गया।

एयरपोर्ट पर आइसोलेशन बे में विमान का निरीक्षण किया गया। विमान में कोई भी संदिग्ध सामान नहीं मिला है। सीआईएसएफ और दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है।

यह पहली बार नहीं है जब विस्तारा की फ्लाइट में बम होने की सूचना मिली है। जून महीने में दिल्ली से एक शख्स दुबई जा रहा था जब उसने कथित रूप सै गुस्से में कहा कि उनके बैग में बम है। बस क्या था, यात्री के बगल में बैठी एक महिला यात्री ने गलत सुन लिया और घबरा गई। उसने शोर मचाया और केबिन क्रू को बुलाया। शख्स को दिल्ली एयरपोर्ट पर ही हिरासत में ले लिया गया था।

Muzaffarpur

Aug 18 2023, 11:55

हिंदू से मुसलमान में कन्वर्ट होने वाले गुलाम नबी के बयान पर महबूबा मुफ्ती ने कसा तंज, कहा-कहीं उनके पूर्वज बंदर न निकल जाएं

#mehbooba_mufti_taunts_ghulam_nabi_azad_hindu_ancestors_statement

कांग्रेस पार्टी के पूर्व वरिष्ठ नेता और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के मुखिया गुलाम नबी आजाद के बयान पर घमासाम छिड़ता दिख रहा है।दरअसल, गुलाम नबी आज़ाद ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया है कि सभी भारतीय मुसलमान हिंदू धर्म से कन्वर्ट हुए हैं।आजाद के इस बयान पर जम्मू एवं कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने तंज कसा है। मुफ्ती ने कहा है कि अगर गुलाम नबी आजाद थोड़ा और पीछे जाएं तो कहीं ऐसा न हो कि उनके पूर्वज बंदर निकल जाएं।

गुलाम नबीं आजाद के बयान पर तंज कसते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा, मुझे नहीं पता कि वह कितना पीछे चले गए और उन्हें अपने पूर्वजों के बारे में क्या ज्ञान है। मैं उनसे बहुत पीछे जाने की सलाह दूंगी और हो सकता है कि उसे वहां पूर्वजों में कुछ बंदर मिल जाएं।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डोडा जिले में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान आजाद ने कहा, कुछ बीजेपी नेता ने कहा कि कुछ मुसलमान बाहर से आए हैं और कुछ नहीं। कोई भी बाहर या अंदर से नहीं आया है। इस्लाम सिर्फ 1,500 साल पहले वजूद में आया था। हिंदू धर्म बहुत पुराना है। उनमें से लगभग 10-20 मुसलमान हैं। कुछ बाहर से आए होंगे लेकिन कुछ मुगल सेना में थे।उन्होंने कहा, भारत में अन्य सभी मुसलमानों ने हिंदू धर्म छोड़ दिया। इसका एक उदाहरण कश्मीर में पाया जा सकता है। 600 साल पहले कश्मीर में मुसलमान कौन थे? सभी कश्मीरी पंडित थे।उन्होंने इस्लाम अपना लिया। सभी इसी धर्म में पैदा हुए हैं।उन्होंने कहा कि यह हमारा घर है। हम बाहर से नहीं आये हैं।हम इसी मिट्टी पर पैदा हुए हैं और इसी में फना हो जाएंगे।

Muzaffarpur

Aug 18 2023, 11:18

अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी, कहा-हमें ये देखना है संविधान का उल्लंघन तो नहीं हुआ

#supreme_court_hearing_on_article_370_abrogation

जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 को हटाने को लेकर शीर्ष अदालत में बहस जारी है।आर्टिकल 370 को बेअसर करने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर गुरुवार को भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।गुरुवार को सुनवाई के सातवें दिन के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आर्टिकल 370 को खत्म किए जाने को सिर्फ इस आधार पर चुनौती दी जा सकती है कि इसमें संवैधानिक प्रावधानों का कथित तौर पर उल्लंघन हुआ है। इस आधार पर नहीं कि इस कदम को उठाने के लिए सरकार की मंशा क्या थी। अगली सुनवाई अब 22 अगस्त मंगलवार को होगी।

सुनवाई के दौरान सीजआई के नेतृत्व में बनी संविधान पीठ ने गुरुवार को याचिकाकर्ताओं में से एक का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे से पूछा, क्या आप अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के सरकार के फैसले की समझदारी की समीक्षा करने के लिए अदालत को आमांत्रित कर रहे हैं? आप कह रहे हैं कि सरकार के फैसले के आधार का पुनर्मूल्यांकन करना चाहिए कि अनुच्छेद 370 को जारी रखना राष्ट्रीय हित में नहीं था? इस पीठ में जस्टिस संजय किशन कौल, संजीव खन्ना, बी आर गवई और सूर्यकांत शामिल हैं।

अनुच्छेद 370 हटाए जाने के विरोध में दलील पेश करते हुए एडवोकेट दुष्यंत दवे ने कहा कि वो संविधान के साथ धोखाधड़ी की तरफ इशारा कर रहे हैं। केंद्र सरकार का फैसला पूरी तरह सियासी था। उन्होंने कहा कि अगर आप पूरे घटनाक्रम को देखें तो फैसले से पहले जम्मू कश्मीर की विधानसभा भंग कर दी गई थी और संसद के पास शक्ति के साथ राष्ट्रपति को भी अनुच्छेद 356 के तहत शक्ति हासिल थी। उन्होंने अनुच्छेद 370 के उपखंड तीन का हवाला देते हुए कहा कि इस आधार पर अनुच्छेद 370 को हटाया ही नहीं जा सकता था। केंद्र सरकार ने संविधान के साथ धोखाधड़ी की थी।

सुनवाई के दौरान दवे ने ये भी दलील दी कि आर्टिकल 370 को सिर्फ संविधान में संशोधन के जरिए ही खत्म किया जा सकता था। उन्होंने कहा, एक नैरेटिव है कि आर्टिकल 370 की वजह से ही जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं है, लेकिन ये पूरी तरह गलत है। जम्मू-कश्मीर हमेशा से भारत का अभिन्न हिस्सा रहा है। यहां तक कि जवाहर लाल नेहरू ने भी इस नैरेटिव को खारिज किया।

इस पर भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि राष्ट्रपति को आर्टिकल 356 के तहत संविधान के कुछ प्रावधानों को निलंबित करने की शक्ति है। बेंच ने कहा कि जनवरी 1957 में जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा भंग होने के बाद अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के प्रावधान को अकेले अस्तित्वहीन नहीं माना जा सकता है। आर्टिकल 370 के कुछ हिस्से अगले 62 सालों तक प्रभाव में रहे।

Muzaffarpur

Aug 18 2023, 10:36

साल दर साल तबाह हो रहा हिमाचल प्रदेश, केवल कुदरत का कहर या मानवीय चूक भी इसके लिए जिम्मेदार?

#himachal_cause_of_disaster

पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश से हिमाचल प्रदेश में भारी तबाही हो रही है।पिछले दो महीने से राज्य के किसी न किसी क्षेत्र में बादल फट जाने की घटना हो जाती है।बारिश के साथ-साथ बादल फटने की घटनाएं भयानक तबाही मचा रही हैं। इसके अलावा भूस्खलन से पहाड़ टूट रहे हैं, जिसके कारण मंडी, शिमला, कुल्लू और अन्य क्षेत्रों में हालात काफी बिगड़े हुए हैं।हिमाचल प्रदेश में इस हफ्ते हुई तबाही में अब तक कम से कम 70 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 7500 करोड़ का अभी तक नुकसान हुआ है। यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।

दस साल पहले 2013 में केदार नाथ हादसा हुआ था, जिससे पूरा गढ़वाल क्षेत्र चौपट हो गया था। उस समय चूंकि चार धाम यात्रा भी चल रही थी, इसलिए कोई दस हजार के करीब तीर्थ यात्री मारे गये थे।यही अब हिमाचल में हो रहा है। जुलाई में मंडी के आसपास का इलाका नष्ट हुआ था और अगस्त की बारिश ने राजधानी शिमला को ध्वस्त कर दिया।

इन हालात में तबाही के लिए पूरी तरह कुदरत को दोष देना सही नहीं है। कहीं न कही मानवीय चूक भी इसके लिए जिम्मेदार है।हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में इस हफ्ते हुई तबाही के लिए अंधाधुंध निर्माण कार्य को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा है कि बिना नक्शे के गलत तरीके से बन रहे मकान और प्रवासी वास्तुकारों के कारण प्रदेश को आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोग बिना नक्शे का उपयोग किए घर बना रहे हैं। हाल ही में बनी इमारतों में जल निकासी की व्यवस्था बहुत खराब है। वो बिना यह जाने पानी बहा रहे हैं कि पानी कहीं और नहीं बल्कि पहाड़ियों में जा रहा है, जिससे यहां की स्थिति नाजुक हो रही है।राजधानी शिमला पर टिप्णणी करते हुए सीएम ने कहा, शिमला डेढ़ सदी से भी अधिक पुराना शहर है और इसकी जल निकासी व्यवस्था उत्कृष्ट थी। लेकिन अब नालों पर इमारतें बन गई हैं।आजकल जो मकान गिर रहे हैं, वो स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के मानकों से नहीं गुजरे हैं।

शिमला तो ब्रिटिश कालीन भारत की समर कैपिटल हुआ करती थी। गर्मियां शुरू होते ही वायसरॉय कलकत्ता से शिमला आ जाया करते। कालका एक्सप्रेस ट्रेन चलाई ही इसीलिए गई थी। हावड़ा से वाया दिल्ली कालका और फिर टॉय ट्रेन से शिमला।इतना करने के बाद भी ब्रिटिशर्स ने किसी भी पहाड़ी शहर का प्राकृतिक दोहन नहीं किया। क्योंकि उन्हें पता था, कि हिमालय के पहाड़ कच्चे हैं। उनका व्यावसायिक इस्तेमाल किया तो वे ढह जाएंगे। यही कारण है कि जब तक अंग्रेज रहे न यहां कभी बादल फटा न आफत की बारिश आई।

आजादी के बाद से भारत की हर चीजों को लूटने का सिलसिला शुरू हुआ। तो वहीं विकास के नाम पर प्रकृति के साथ खिलवाड़ का भी सिलसिला शुरू हो गया। आज हिमाचल की स्थिति बहुत ख़राब हो चली है। कालका-शिमला रोड को चौड़ा करने के पहले भी कई बार आगाह किया गया था, कि यहां पहाड़ों का खनन ठीक नहीं है। पर तब सरकार नहीं चेती। कालका से शिमला जाते हुए धर्मपुर को इतना व्यावसायिक स्वरूप दे दिया गया है, कि पूरा क्षेत्र बर्बादी के कगार पर है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान के एक 2017 में हुए एक शोध से पता चला था कि हिमाचल प्रदेश में कुल 118 हाइड्रो प्रोजेक्ट हैं जिनमें से 67 पहाड़ खिसकने वाले ज़ोन में हैं। राज्य के आदिवासी बहुल ज़िले किन्नौर, कुल्ली और कई अलग हिस्सों में जब हाइड्रो प्रोजेक्ट लगाये जा रहे थे तब पर्यावरणविदों और प्रभावित स्थानीय नागरिकों ने उनका विरोध भी किया था और कई जन अभियान भी चले थे। हिमालय के पहाड़ अभी छोटे बच्चे की तरह हैं, जो निरंतर बढ़ रहे हैं। माउंट एवरेस्ट की हाइट भी हर साल एक सेंटीमीटर से ज्यादा बढ़ रही है। ऐसे हिमालय में अवैज्ञानिक व अंधाधुंध कटिंग तबाही का बड़ा कारण है।