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हिंदू से मुसलमान में कन्वर्ट होने वाले गुलाम नबी के बयान पर महबूबा मुफ्ती ने कसा तंज, कहा-कहीं उनके पूर्वज बंदर न निकल जाएं

#mehbooba_mufti_taunts_ghulam_nabi_azad_hindu_ancestors_statement

कांग्रेस पार्टी के पूर्व वरिष्ठ नेता और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के मुखिया गुलाम नबी आजाद के बयान पर घमासाम छिड़ता दिख रहा है।दरअसल, गुलाम नबी आज़ाद ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया है कि सभी भारतीय मुसलमान हिंदू धर्म से कन्वर्ट हुए हैं।आजाद के इस बयान पर जम्मू एवं कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने तंज कसा है। मुफ्ती ने कहा है कि अगर गुलाम नबी आजाद थोड़ा और पीछे जाएं तो कहीं ऐसा न हो कि उनके पूर्वज बंदर निकल जाएं।

गुलाम नबीं आजाद के बयान पर तंज कसते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा, मुझे नहीं पता कि वह कितना पीछे चले गए और उन्हें अपने पूर्वजों के बारे में क्या ज्ञान है। मैं उनसे बहुत पीछे जाने की सलाह दूंगी और हो सकता है कि उसे वहां पूर्वजों में कुछ बंदर मिल जाएं।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डोडा जिले में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान आजाद ने कहा, कुछ बीजेपी नेता ने कहा कि कुछ मुसलमान बाहर से आए हैं और कुछ नहीं। कोई भी बाहर या अंदर से नहीं आया है। इस्लाम सिर्फ 1,500 साल पहले वजूद में आया था। हिंदू धर्म बहुत पुराना है। उनमें से लगभग 10-20 मुसलमान हैं। कुछ बाहर से आए होंगे लेकिन कुछ मुगल सेना में थे।उन्होंने कहा, भारत में अन्य सभी मुसलमानों ने हिंदू धर्म छोड़ दिया। इसका एक उदाहरण कश्मीर में पाया जा सकता है। 600 साल पहले कश्मीर में मुसलमान कौन थे? सभी कश्मीरी पंडित थे।उन्होंने इस्लाम अपना लिया। सभी इसी धर्म में पैदा हुए हैं।उन्होंने कहा कि यह हमारा घर है। हम बाहर से नहीं आये हैं।हम इसी मिट्टी पर पैदा हुए हैं और इसी में फना हो जाएंगे।

अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी, कहा-हमें ये देखना है संविधान का उल्लंघन तो नहीं हुआ

#supreme_court_hearing_on_article_370_abrogation

जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 को हटाने को लेकर शीर्ष अदालत में बहस जारी है।आर्टिकल 370 को बेअसर करने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर गुरुवार को भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।गुरुवार को सुनवाई के सातवें दिन के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आर्टिकल 370 को खत्म किए जाने को सिर्फ इस आधार पर चुनौती दी जा सकती है कि इसमें संवैधानिक प्रावधानों का कथित तौर पर उल्लंघन हुआ है। इस आधार पर नहीं कि इस कदम को उठाने के लिए सरकार की मंशा क्या थी। अगली सुनवाई अब 22 अगस्त मंगलवार को होगी।

सुनवाई के दौरान सीजआई के नेतृत्व में बनी संविधान पीठ ने गुरुवार को याचिकाकर्ताओं में से एक का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे से पूछा, क्या आप अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के सरकार के फैसले की समझदारी की समीक्षा करने के लिए अदालत को आमांत्रित कर रहे हैं? आप कह रहे हैं कि सरकार के फैसले के आधार का पुनर्मूल्यांकन करना चाहिए कि अनुच्छेद 370 को जारी रखना राष्ट्रीय हित में नहीं था? इस पीठ में जस्टिस संजय किशन कौल, संजीव खन्ना, बी आर गवई और सूर्यकांत शामिल हैं।

अनुच्छेद 370 हटाए जाने के विरोध में दलील पेश करते हुए एडवोकेट दुष्यंत दवे ने कहा कि वो संविधान के साथ धोखाधड़ी की तरफ इशारा कर रहे हैं। केंद्र सरकार का फैसला पूरी तरह सियासी था। उन्होंने कहा कि अगर आप पूरे घटनाक्रम को देखें तो फैसले से पहले जम्मू कश्मीर की विधानसभा भंग कर दी गई थी और संसद के पास शक्ति के साथ राष्ट्रपति को भी अनुच्छेद 356 के तहत शक्ति हासिल थी। उन्होंने अनुच्छेद 370 के उपखंड तीन का हवाला देते हुए कहा कि इस आधार पर अनुच्छेद 370 को हटाया ही नहीं जा सकता था। केंद्र सरकार ने संविधान के साथ धोखाधड़ी की थी।

सुनवाई के दौरान दवे ने ये भी दलील दी कि आर्टिकल 370 को सिर्फ संविधान में संशोधन के जरिए ही खत्म किया जा सकता था। उन्होंने कहा, एक नैरेटिव है कि आर्टिकल 370 की वजह से ही जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं है, लेकिन ये पूरी तरह गलत है। जम्मू-कश्मीर हमेशा से भारत का अभिन्न हिस्सा रहा है। यहां तक कि जवाहर लाल नेहरू ने भी इस नैरेटिव को खारिज किया।

इस पर भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि राष्ट्रपति को आर्टिकल 356 के तहत संविधान के कुछ प्रावधानों को निलंबित करने की शक्ति है। बेंच ने कहा कि जनवरी 1957 में जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा भंग होने के बाद अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के प्रावधान को अकेले अस्तित्वहीन नहीं माना जा सकता है। आर्टिकल 370 के कुछ हिस्से अगले 62 सालों तक प्रभाव में रहे।

साल दर साल तबाह हो रहा हिमाचल प्रदेश, केवल कुदरत का कहर या मानवीय चूक भी इसके लिए जिम्मेदार?

#himachal_cause_of_disaster

पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश से हिमाचल प्रदेश में भारी तबाही हो रही है।पिछले दो महीने से राज्य के किसी न किसी क्षेत्र में बादल फट जाने की घटना हो जाती है।बारिश के साथ-साथ बादल फटने की घटनाएं भयानक तबाही मचा रही हैं। इसके अलावा भूस्खलन से पहाड़ टूट रहे हैं, जिसके कारण मंडी, शिमला, कुल्लू और अन्य क्षेत्रों में हालात काफी बिगड़े हुए हैं।हिमाचल प्रदेश में इस हफ्ते हुई तबाही में अब तक कम से कम 70 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 7500 करोड़ का अभी तक नुकसान हुआ है। यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।

दस साल पहले 2013 में केदार नाथ हादसा हुआ था, जिससे पूरा गढ़वाल क्षेत्र चौपट हो गया था। उस समय चूंकि चार धाम यात्रा भी चल रही थी, इसलिए कोई दस हजार के करीब तीर्थ यात्री मारे गये थे।यही अब हिमाचल में हो रहा है। जुलाई में मंडी के आसपास का इलाका नष्ट हुआ था और अगस्त की बारिश ने राजधानी शिमला को ध्वस्त कर दिया।

इन हालात में तबाही के लिए पूरी तरह कुदरत को दोष देना सही नहीं है। कहीं न कही मानवीय चूक भी इसके लिए जिम्मेदार है।हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में इस हफ्ते हुई तबाही के लिए अंधाधुंध निर्माण कार्य को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा है कि बिना नक्शे के गलत तरीके से बन रहे मकान और प्रवासी वास्तुकारों के कारण प्रदेश को आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोग बिना नक्शे का उपयोग किए घर बना रहे हैं। हाल ही में बनी इमारतों में जल निकासी की व्यवस्था बहुत खराब है। वो बिना यह जाने पानी बहा रहे हैं कि पानी कहीं और नहीं बल्कि पहाड़ियों में जा रहा है, जिससे यहां की स्थिति नाजुक हो रही है।राजधानी शिमला पर टिप्णणी करते हुए सीएम ने कहा, शिमला डेढ़ सदी से भी अधिक पुराना शहर है और इसकी जल निकासी व्यवस्था उत्कृष्ट थी। लेकिन अब नालों पर इमारतें बन गई हैं।आजकल जो मकान गिर रहे हैं, वो स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के मानकों से नहीं गुजरे हैं।

शिमला तो ब्रिटिश कालीन भारत की समर कैपिटल हुआ करती थी। गर्मियां शुरू होते ही वायसरॉय कलकत्ता से शिमला आ जाया करते। कालका एक्सप्रेस ट्रेन चलाई ही इसीलिए गई थी। हावड़ा से वाया दिल्ली कालका और फिर टॉय ट्रेन से शिमला।इतना करने के बाद भी ब्रिटिशर्स ने किसी भी पहाड़ी शहर का प्राकृतिक दोहन नहीं किया। क्योंकि उन्हें पता था, कि हिमालय के पहाड़ कच्चे हैं। उनका व्यावसायिक इस्तेमाल किया तो वे ढह जाएंगे। यही कारण है कि जब तक अंग्रेज रहे न यहां कभी बादल फटा न आफत की बारिश आई।

आजादी के बाद से भारत की हर चीजों को लूटने का सिलसिला शुरू हुआ। तो वहीं विकास के नाम पर प्रकृति के साथ खिलवाड़ का भी सिलसिला शुरू हो गया। आज हिमाचल की स्थिति बहुत ख़राब हो चली है। कालका-शिमला रोड को चौड़ा करने के पहले भी कई बार आगाह किया गया था, कि यहां पहाड़ों का खनन ठीक नहीं है। पर तब सरकार नहीं चेती। कालका से शिमला जाते हुए धर्मपुर को इतना व्यावसायिक स्वरूप दे दिया गया है, कि पूरा क्षेत्र बर्बादी के कगार पर है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान के एक 2017 में हुए एक शोध से पता चला था कि हिमाचल प्रदेश में कुल 118 हाइड्रो प्रोजेक्ट हैं जिनमें से 67 पहाड़ खिसकने वाले ज़ोन में हैं। राज्य के आदिवासी बहुल ज़िले किन्नौर, कुल्ली और कई अलग हिस्सों में जब हाइड्रो प्रोजेक्ट लगाये जा रहे थे तब पर्यावरणविदों और प्रभावित स्थानीय नागरिकों ने उनका विरोध भी किया था और कई जन अभियान भी चले थे। हिमालय के पहाड़ अभी छोटे बच्चे की तरह हैं, जो निरंतर बढ़ रहे हैं। माउंट एवरेस्ट की हाइट भी हर साल एक सेंटीमीटर से ज्यादा बढ़ रही है। ऐसे हिमालय में अवैज्ञानिक व अंधाधुंध कटिंग तबाही का बड़ा कारण है।

*मौसम अलर्ट : प्रदेश के पांच जिलों में हो सकती है भारी, राजधानी पटना समेत इन जिलों में मध्यम बारिश की संभावना*

डेस्क : प्रदेश के पांच जिलों में शुक्रवार को भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। वहीं पटना समेत राज्य के उत्तर-पश्चिम, दक्षिण-पश्चिम और दक्षिण-मध्य भाग के जिलों में हल्की से मध्यम स्तर की बारिश की संभावना है।

मौसम विभाग के अनुसार औरंगाबाद, रोहतास, कैमूर, गया और किशनगंज में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। वहीं, प्रदेश के उत्तर मध्य भाग को छोड़कर सभी जिलों में वज्रपात के आसार हैं। मानसून की द्रोणी रेखा का पश्चिम छोर हिमालय की तलहटी में है। वहीं पूर्वी छोर बाराबंकी, डेहरी, रांची और दीघा से गुजरते हुए दक्षिण-पूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी तक प्रभावी है। इससे राज्य के पांच जिलों में भारी बारिश के अलावा मेघ गर्जन व वज्रपात की आशंका है।

बीते गुरुवार को प्रदेश के अररिया में अति भारी बारिश हुई। वहीं भारी बारिश पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, बांका और भागलपुर जिले के कुछ स्थानों पर हुई। इसके अलावा हल्की से मध्यम स्तर की बारिश प्रदेश के दक्षिण-मध्य और दक्षिण-पूर्व भाग के अधिकतर जगहों पर व उत्तरी भाग के अनेक स्थानों में हुई। 

मौसम विभाग के अनुसार अररिया के फारबिसगंज में 117.4, पूर्वी चंपारण के मोतिहारी में 75.2, गया के खीरसराय में 74.8 मिमी, बांका के बोसी में 74.2 मिमी, पश्चिम चंपारण के लौरिया नंदनगढ़ में 68.4 मिमी, भागलपुर में 67.2 मिमी, पूर्वी चंपारण के सुगौली में 62.8 मिमी, खगड़िया के बेलदौर में 60.4 मिमी, सुपौल में 56.6 मिमी, जहानाबाद के मखदुमपुर में 54.4 मिमी, किशनगंज के टेढ़ागाछ में 52.8 मिमी बारिश हुई।

दिल्ली से पटना पहुंचे सीएम नीतीश कुमार, बीजेपी और प्रशांत किशोर के बयान का दिया यह जवाब

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली दौरे के बाद आज गुरुवार को पटना वापस आ गए। पटना पहुंचकर सीएम ने कहा कि, हम तो दिल्ली अपने निजी कामों को लेकर गए थे। कल डॉक्टर से बात भी हुई थी, चेकअप भी करना था। दो साल पहले जांच हुआ था। फिर करवाना था। इसी के लिए गए थे। 

वहीं सीएम ने कहा कि, कल अटल जी का जंयती भी था। तो वह सदैव अटल पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि भी दिए। नीतीश कुमार ने कहा कि अटल जी से पुराना संबंध रहा है मेरा। बहुत मानते थे हमको। इतना अच्छा काम करते थे,कभी वो रिश्ता हम नही भूल सकते ।

नीतीश कुमार ने कहा कि, अटल जी के समय में ही भाजपा का नामकरण हुआ। एनडीए नाम रखा गया। कितना अच्छा नाम हैं। 1999 में एनडीए का नामकरण हुआ। तब बहुत मिटिंग होता था। लेकिन जब हम साथ थे तो कभी मिटिंग नही हुआ। लेकिन अब जब I.N.D.I.A की बैठक हो रही है तो एनडीए का मीटिंग होने लगा है। इसी महीने 31, 1 को हमारी फिर मिटिंग होने ही वाली है। 

वहीं भाजपा के बयान सीएम दिल्ली I.N.D.I.A गठबंधन के लोगों से मिलने गए थे लेकिन उन्हें किसी ने टाइम नहीं दिया। जिससे वह वापस आ गए। इसपर सीएम ने कहा कि, किसी से मुलाकात का कोई प्लान नहीं था। वो लोग ऐसे ही बोल रहा है,कोई मतलब ही नहीं है। हमारी बातचीत तो होते ही रहती है।इसी महीने मीटिंग होने ही वाली है। कई विरोधी दल का गठबंधन हुआ तब से ये लोग परेशान है, और कुछ भी बोल रहे हैं। दिल्ली में किसी से बातचीत का कोई प्लान नहीं था,मेरा खुद का समस्या था आंख दिखाना था।

वहीं प्रशांत किशोर और बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के बयान पर सीएम बोले की वो क्या बोलता है नही पता आप लोग जनता से पूछिए। संजय जयसवाल के बयान पर सीएम ने कहा कि, यहां कोई अपराधिक घटना नहीं हो रहा है। अपराधिक घटनाएं बहुत कम है। बिना मतलब का सब बोलते रहता है। मीडिया पर सब कब्जा कर लिया है। 2024 वाली लड़ाई देश के हित में होगा।

नागपुर मंडल के राजनांदगांव स्टेशन एवं बिलासपुर मंडल के रायगढ़ स्टेशन पर 17005/06 हैदराबाद-रक्सौल-हैदराबाद एक्सप्रेस का ठहराव

हाजीपुर: यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर हैदराबाद और रक्सौल के मध्य चलने वाली वाली गाड़ी संख्या 17005/17006 हैदराबाद-रक्सौल-हैदराबाद एक्सप्रेस का नागपुर मंडल के राजनांदगांव स्टेशन पर एवं बिलासपुर मंडल के रायगढ़ स्टेशन पर 02 मिनट का प्रायौगिक तौर पर ठहराव प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। 

दिनांक 18.08.2023 सेे गाड़ी संख्या 17005 हैदराबाद-रक्सौल एक्सप्रेस 11.12 बजे राजनांदगांव पहुंचकर वहां से 11.14 बजे आगे के लिए प्रस्थान करेगी। 

दिनांक 21.08.2023 से गाड़ी सं. 17006 रक्सौल-हैदराबाद एक्सप्रेस 07.56 बजे राजनांदगांव पहुंचकर वहां से 07.58 बजे आगे के लिए प्रस्थान करेगी।

इसी तरह दिनांक 18.08.2023 से गाड़ी संख्या 17005 हैदराबाद-रक्सौल एक्सप्रेस 16.21 बजे रायगढ़ पहुंचकर वहां से 16.23 बजे आगे के लिए प्रस्थान करेगी। 

दिनांक 21.08.2023 से गाड़ी सं. 17006 रक्सौल-हैदराबाद एक्सप्रेस 02.49 बजे रायगढ़ पहुंचकर वहां से 02.51 बजे आगे के लिए प्रस्थान करेगी।

हाजीपुर से संतोष तिवारी

एआई आधारित स्मार्ट हट का निर्माण करेंगी 10 महिलाएं: संगम सीएलएफ के साथी बनेगा ग्रैविटी एग्रो एंड एनर्जी

मुजफ्फरपुर : एक नई दिशा की ओर बढ़ते हुए, संगम जीविका महिला विकास स्वावलंबी सहकारी समिति लिमिटेड की ओर से खबरा, मुजफ्फरपुर में एआई आधारित स्मार्ट हट का निर्माण किया जाएगा। इस महत्वपूर्ण परियोजना में संगम सीएलएफ द्वारा महिलाओं की सहायता से होने वाले हट के निर्माण के संबंध में अद्वितीयता है।

यह आवासन पहल महिलाओं के लिए एक वरदान है, जो संगम सीएलएफ के खबरा स्थान से आएंगी और निर्माण के प्रक्रिया में भाग ले रही है। यह सामाजिक समर्थन की ओर संगम सीएलएफ की कड़ी समर्पण को दिखाता है, जिससे उन्हें स्वायत्तता और जीवन में समानता प्राप्त हो सके।

इस महत्वपूर्ण उद्यम में साथी के रूप में ग्रेविटी एग्रो एंड एनर्जी का सहयोग होगा। उनकी उन्नत प्रौद्योगिकी और संवृद्धि के क्षेत्र में माहिरी से स्मार्ट हट में नवाचारी सुविधाओं का निर्माण होगा।

खबरा, मुजफ्फरपुर में स्थित निर्माण स्थल ने जिला अधिकारी मुजफ्फरपुर, जिला विकास आयुक्त (डीडीसी मुजफ्फरपुर) और डीपीएम जीविका मुजफ्फरपुर के प्रतिनिधियों का आकर्षित किया। इन महत्वपूर्ण व्यक्तित्वों ने स्थल की स्थिति का परीक्षण किया और मूल्यवान सुझाव प्रदान किए।

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

बंद को सफल बनाने खुद मुजफ्फरपुर पहुंचे जाप सुप्रीमो पप्पू यादव, सरकार पर जमकर बरसे

मुजफ्फरपुर : आज मुजफ्फरपुर में बढ़ती अपराध और शहर की बेटियों को न्याय दिलाने की मांग को लेकर जाप के आवाहन पर विभिन्न सामाजिक संगठनों ने चक्का जाम कर दिया।

जाप द्वारा बुलाए गए इस बंद का शहर में मिला-जुला असर देखने को मिला। वहीं इस बंद को सफल बनाने के लिए पार्टी सुप्रीमो पप्पू यादव खुद मुजफ्फरपुर पहुंचे। 

आपको बता दें के जन अधिकार पार्टी के द्वारा मुजफ्फरपुर बंदी के पूर्व संध्या पर पूरे शहर में विशाल जुलूस निकालकर शहरवासियों से बंदी में समर्थन मांगा था। 

इस बंदी में कई सामाजिक संगठनों में अपना समर्थन दिया और आज लोग सड़कों पर उतरा गए और जाप के बंद को अपना समर्थन दिया।  

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

बैंक से पैसा निकालकर जा रहे व्यक्ति को बाइक सवार अपराधियों ने बनाया निशाना, 8 लाखों रुपए से भरे बैग को झपट हुए फरार

मुजफ्फरपुर : जिले में अपराधियों का तांडव रुकने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन अपराधियों द्वारा लूट - छिनतई जैसी घटनाओं को अंजाम देकर आसानी से भाग निकलता है। 

ताजा मामला सदर थाना क्षेत्र का है। जहां बाइक सवार अपराधियों ने एक कारोबारी से रुपए से भरा बैग झपटा मारकर फरार हो गए। 

बताया गया कि सदर थाना क्षेत्र के भगवानपुर ग्लोंबर के समीप एसबीआई बैंक से लगभग 8 लाख रुपए निकासी कर गोबरसाही के तरह जा रहे कारोबारी से बाइक सवार अपराधियों ने रुपए से भरा बैग झपटा मार कर भाग निकला। 

सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुटी है।

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

मुजफ्फरपुर के कारा परिसर में नाको नई दिल्ली के निर्देश के आलोक में चलाया गया आई.एस.एच.टी.एच.

मुजफ्फरपुर: बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति के द्वारा कारा एवं अन्य विशेष गृहों में एकीकृत अभियान शहीद खुदीराम बोस केन्द्रीय कारा, मुजफ्फरपुर के कारा परिसर में नाको नई दिल्ली के निदेश के आलोक में आई.एस.एच.टी.एच. चलाया गया। 

जिसमें कैदियों का यौन संचारी रोग, एच.आई.वी., टी.वी. एवं हेपेटाईटिस बी. एवं सी. की जाँच की गयी। निर्देशानुसार यह अभियान 17 अगस्त से 17 सितम्बर 2023 तक चलाया जाएगा। 

इस अवधि में कारागार के बंदियों सहित बाल सुधार गृह में बच्चों का इस संबंध में स्क्रिनिंग किया जाएगा। ताकि ससमय इसका मर्ज का पता चलने पर इसका ईलाज किया जा सके। 

जाँचोपरान्त स्वास्थ्य खराब पाये जाने पर सही दिशा में उपचार किया जाएगा। आज लगभग 104 बंदियों की स्क्रिनिंग की गयी। 

इस अवसर पर सिविल सर्जन,उमेश चन्द्र शर्मा, कारा अधीक्षक, नोडल चिकित्सक चन्द्रजीत दास, ए.सी.एम.ओ., डी.पी.एम. आदि उपस्थित थे।

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी