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स्वतंत्रता दिवस विशेष:- अंग्रेजी साम्राज्य के दमनकारी नीति के विरुद्ध उपजा आदिवासियों का आक्रोश हुल क्रांति

अबुआ दिसोम, अबुआ राज (अपनी धरती, अपना राज), महिलाओं का सम्मान और अस्मिता की रक्षा। अंग्रेजी साम्राज्य की दमनकारी नीति ने जब इसमें खलल डालने की कोशिश की, तो झारखंड के भोले-भाले संथालों को योद्धा बनते देर न लगी। 1855 की हूल क्रांति इसी रोष की उपज थी। यह देश की बड़ी ऐतिहासिक घटनाओं में से एक है।

संथाल अपनी जमीन पर मालगुजारी देने को तैयार न थे और उस समय की स्थिति ऐसी थी कि मालगुजारी न देने पर उनकी जमीन नीलाम कर दी जाती थी। उस वक्त का जनजातीय समुदाय महसूस कर रहा था कि ब्रिटिश आक्रांता उनकी आजादी छीन रहे हैं। उनमें असंतोष बढ़ रहा था, लिहाजा उन्होंने मालगुजारी, बंधुआ मजदूरी और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार के खिलाफ विद्रोह किया और अपने पारंपरिक हथियारों से ही अंग्रेजों से लोहा लेने की हिम्मत दिखाई। असंतोष से उपजी संथालों की इस क्रांति से पहाड़िया और अन्य जनजातीय समुदाय के लोग भी जुड़ गए थे।

संथाल क्षेत्र में इस क्रांति को चार भाइयों सिद्धो, कान्हू, चांद, भैरव और दो बहनें फूलो और झानो ने शुरू किया था, लेकिन देखते ही देखते पूरा समाज इससे जुड़ गया। भारतीय इतिहासकारों की मानें तो हूल क्रांति ने भारतीय स्वाधीनता संग्राम की पृष्ठभूमि तैयार की थी। हालांकि, ब्रिटिश इतिहासकार इस क्रांति पर चर्चा करने से बचते रहे और इसके लिए विद्रोह शब्द का इस्तेमाल करते रहे। जबकि, भारतीय इतिहासकारों ने 1857 के सिपाही विद्रोह को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की पहली लड़ाई का दर्जा देकर कहीं न कहीं हूल विद्रोह की अनदेखी की है।

30 जून 1855 में साहिबगंज के भोगनाडीह में 10,000 लोगों की सभा में सिद्धो को राजा घोषित किया गया, कान्हू को मंत्री, चांद को प्रशासक और भैरव को सेनापति बनाया गया। ये चारों भाई थे। इस तरह ‘अपना राज’ कायम हुआ। अंग्रेजी सरकार को मालगुजारी देना बंद हो गया। संथाल लड़ाकों ने कंपनी सरकार के दारोगा, सिपाहियों को मारना-काटना शुरू कर दिया। लेकिन कुछ गद्दारों ने कान्हू को गिरफ्तार करवा दिया।

विद्रोहियों को परास्त करने के लिए अंग्रेजों ने क्रूरता की तमाम हदें लांघ दी थीं। चांद और भैरव को मार डाला गया। इसके बाद 26 जुलाई को भोगनाडीह में सिद्धो-कान्हू को पेड़ से लटका कर फांसी दे दी गई। जनवरी 1856 में हूल क्रांति समाप्त हो गई। हूल क्रांति में 30,000 से अधिक लोग शहीद हुए थे। इस क्रांति में फूलो और झानो भी बहादुरी से लड़ी थीं। इस क्रांति के बाद क्षेत्र को समग्र रूप से संथाल परगना घोषित किया गया।

हूल क्रांति पर कई गीत भी लिखे गए हैं। इतिहासकारों ने भी हूल क्रांति को लिखने में इन गीतों की मदद ली है। संथाल परगना क्षेत्र में हूल गीत काफी प्रचलित हैं। सिद्धू तुमि केमोन लोक छीले गो, कान्हू तुमि केमोन लोग छिले गो…(सिद्धू तुम किस तरह के व्यक्ति थे, कान्हू तुम किस तरह के व्यक्ति थे), इसी तरह – संताल मा दिसोम रे सिदो कानू किन राजा हो….(संथालों के देश में सिद्धू कान्हू ने राज किया), फूलो झानो पर भी गीत लिखे गए हैं- फूलो झानो आम दो तीर रे तलरार रेम साअकिदा…(फूलों झानो तुमने हाथों में तलवार उठा लिया), इन जैसे अनगिनत गीतों में हूल क्रांति का इतिहास छिपा है।

ट्विटर प्रोफाइल पर तिरंगा लगाते ही हट गया है ब्लू टिक, जानें क्या है वजह

एलन मस्क द्वारा माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर यानी एक्स की कमान संभालने से ही ब्लू टिक चर्चा में है। वेरिफाइड अकाउंट के तौर पर फ्री मिलने वाला ब्लू टिक एलन मस्क ने पेड कर दिया था। लेकिन अब एक दूसरी वजह से यह चर्चा में आ गया है।दरअसल, भारत इस साल अपना 77 स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाने जा रहा है। इस मौके को खास बनाने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया अकाउंट्स में डीपी को तिरंगे में बदलने का आग्रह किया है। ऐसे में सभी सोशल मीडिया यूजर्स ऐसा ही कर रहे हैं। हालांकि ऐसा करने के बाद X (ट्विटर) यूजर्स के प्रोडाइल में लगा हुआ ब्लू टिक बैज गायब हो जा रहा है। 

सीएम योगी समेत इनके अकाउंट से ब्लू टिक गायब

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने ट्विटर अकाउंट पर DP बदलकर तिरंगे की तस्वीर लगाई तो उनका ब्लू टिक गायब हो गया। वहीं भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के भी ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक रिमूव हो गया।इसके अलावा हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के भी ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक गायब हो गया है।

ब्लू टिक जाने का है ये बड़ा कारण

ट्विटर X के नए नियमों के तहत, अगर कोई यूजर अपनी प्रोफाइल बदलता है और किसी तरह की डिजाइन्ड, ग्राफिक्स की मदद से तैयार फोटो या फिर एनिमेटेड तस्वीर लगाता है तो उसके अकाउंट ब्लू टिक हटा दिया जाएगा। हालांकि, ये स्थाई तौर पर नहीं होगा। X की ओर से पहले फोटो का रिव्यू किया जाएगा, उसके बाद ब्लू टिक दोबारा नजर आने लगेगा। हालांकि, इस प्रोसेस में कितना समय लगने वाला है, इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं दी गई है।

कब हुए बदलाव

दरअसल, ट्विटर X में ये बदलाव तब किए गए थे, जब एलन मस्क ने ट्विटर को टेकओवर किया था। इसी के बाद से ब्लू सब्सक्रिप्शन की भी शुरुआत हुई। इसके तहत अब ट्विटर यूजर्स को 650 रुपये वेब और 900 रुपये ऐप के लिए देने पड़ते हैं। ब्लू टिक लेने के लिए सिर्फ पैसे का ही भुगतान जरूरी नहीं है बल्कि आपको कुछ शर्तों को भी पालन करना पड़ता है। प्रोफाइल फोटो में अकाउंट होल्डर की रियल फोटो होना जरूरी है। रियल फोटो न होने पर ब्लू टिक हटा दिया जाएगा। अगर आप बाद में अपनी रियल फोटो लगाते हैं तो आपकी फोटो का रिव्यू किया जाएगा और उसके बाद ब्लू टिक वापस मिल जाएगा।

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के नाम पर वायरल हुआ मैसेज, जानें संविधान बचाने की अपील करने वाले संदेश की सच्चाई


सुप्रीम कोर्ट ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की तस्वीर के साथ व्हाट्सएप पर सर्कुलेट किए जा रहे एक कथित ‘मैसेज’ का खंडन किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप पर प्रसारित किए जा रहे मैसेज में दावा किया जा रहा था कि सीजेआई ने लोगों को सड़कों पर आने और सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए कहा है। सीजेआई चंद्रचूड़ की तस्वीर के साथ शेयर किए जा रहे कथित संदेश की हेडलाइन है,"भारतीय लोकतंत्र सुप्रीम कोर्ट जिंदाबाद"। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह के पोस्ट को फर्जी बताया है और अब ऐसे लोगों पर कार्रवाई की तैयारी है।

कोर्ट की तरफ से जारी रिलीज में कहा गया है कि वह पुलिस के जरिए मामले में उपयुक्त कार्रवाई कर रहा है। इस फर्जी पोस्ट में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ का फोटो लगाकर उनके हवाले से जनता से सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में आने का आग्रह किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने बयान में कहा कि ये कोर्ट के संज्ञान में आया है कि एक सोशल मीडिया पोस्ट (जनता को अधिकारियों के खिलाफ भड़काने) में फाइल फोटोग्राफ का इस्तेमाल करके देश के मुख्य न्यायाधीश के हवाले से फर्जी बात लिखी गई। 

इसमें आगे कहा गया कि ये पोस्ट फर्जी है, गलत इरादे से की गई है और शरारतपूर्ण है। चीफ जस्टिस की ओर से ऐसी कोई पोस्ट जारी नहीं की गई है और न ही उन्होंने ऐसा कुछ कहा है। इस संबंध में उचित कार्रवाई की जा रही है।

भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी बताया कि प्रसारित किया जा रहा संदेश फर्जी था। लॉ टुडे से एक्सक्लूसिव बात करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह एक फर्जी फॉरवर्ड है। कोई भी सीजेआई कभी भी ऐसा काम नहीं करेगा, सीजेआई चंद्रचूड़ जैसा महान व्यक्ति तो बिल्कुल भी नहीं। भारत के मुख्य न्यायाधीश के नाम पर इतनी गंभीर शरारत के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

चांद के बाद इसरो की सूरज पर नजर, चंद्रयान के बाद अब मिशन 'सूर्ययान' की तैयारी, सितंबर के पहले हफ्ते में लॉन्चिंग संभव


इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) की नजर चांद के बाद अब सूरज पर है। चंद्रमा पर तीसरा चंद्रयान भेजने के बाद अब इसरो की सूर्य मिशन की तैयारी पूरी हो चुकी है।इसके लिए आदित्य L-1 नाम की ऑब्जर्वेटरी को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इसकी लॉन्चिंग की तारीख अभी सामने नहीं आई है। इसरो ने बताया कि आदित्य एल1 आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्पेसपोर्ट पहुंच चुका है। इसरो का कहना है कि सितंबर के पहले हफ्ते में आदित्य एल1 की लॉन्चिंग हो सकती है। बता दें कि चंद्रयान-3 जल्द ही चांद की सतह पर लैंड करने वाला है और हर किसी को इस ऐतिहासिक पल का इंतजार है।

सूरज का अध्ययन करने वाला पहला भारतीय मिशन

आदित्य L-1 सूरज का अध्ययन करने वाला पहला भारतीय मिशन होगा। ये स्पेसक्राफ्ट लॉन्च के चार महीने बाद सूरज-पृथ्वी के सिस्टम में लैगरेंज पॉइंट-1 (L-1) तक पहुंचेगा। इस पॉइंट पर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता, जिसके चलते यहां से सूरज की स्टडी आसानी से की जा सकती है। इसरो ने कहा, इससे वास्तविक समय में सौर गतिविधियों और अंतरिक्ष मौसम पर इसके प्रभाव को देखने का अधिक लाभ मिलेगा।

पृथ्वी से लैगरेंज पॉइंट की दूरी 15 लाख किमी

पृथ्वी और सूरज के बीच की दूरी करीब 15 करोड़ किमी है। जहां इस सैटलाइट आदित्य L-1 को प्लेस किया जाएगा वो लैगरेंज पॉइंट L-1 धरती से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर है। इस ऑब्जर्वेटरी को बेंगलुरु स्थित यूआर राव सैटेलाइट सेंटर में बनाया गया है। यहां से इसे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर लाया गया है।

इसरो सात पेलोड्स भेजने वाला है

L1 पॉइंट से सूर्य को लगातार देखा जा सकेगा। इससे सोलर गतिविधियों की आसानी से स्टडी की जा सकेगी और वास्तविक समय में अंतरिक्ष के मौसम के बारे में पता लगाया जा सकेगा। इनके अलावा सूर्य के आसपास किसी भी बदलाव का अंतरिक्ष के मौसम पर क्या प्रभाव पड़ता है, इसपर नजर रखा जा सकेगा। आदित्याL1 सैटेलाइट के साथ इसरो सात पेलोड्स भेजने वाला है। ये पैलोड सूरज की फोटोस्फीयर, क्रोमोस्फीयर और सबसे बाहरी परत का अध्ययन इलेक्ट्रोमैग्नेटिक और पार्टिकल और मैग्नेटिक फील्ड डिटेक्टर्स की मदद से करेंगे। इनमें से चार पैलोड लगातार सूर्य पर नजर रखेंगे और बाकी तीन पैलोड परिस्थितियों के हिसाब से पार्टिकल और मैग्नेटिक फील्ड का अध्ययन करेंगे। इसरो ने बताया कि आदित्य एल1 के पैलोड सूरज की कोरोनल हीटिंग, कोरोनल मास इजेक्शन, प्री फ्लेयर और फ्लेयर गतिविधियों के बारे में और सूरज में होने वाली गतिविधियों के अंतरिक्ष के मौसम पर पड़ने वाले असर के बारे में अहम जानकारी देंगे।

स्वतंत्रता दिवस को लेकर रांची की ट्रैफिक व्यवस्था में हुआ बदलाव, भारी वाहनों की नो एंट्री


स्वतंत्रता दिवस को लेकर राजधानी रांची में प्रशासन हर तरह से अलर्ट नजर आ रही है। स्वतंत्रता दिवस को लेकर शहर के ट्रैफिक व्यवस्था और रूट दोनों में बदलाव किया गया है। पुलिस इसके लिए पूरा रूट चार्ट त्यार की है जिसके अनुसार मंगलवार को सुबह छह बजे से रात 10 बजे तक शहर में भारी वाहनों की नो इंट्री होगी। 

मोरहाबादी मैदान की ओर से आम वाहनों का प्रवेश वर्जित रहेगा। इसके लिए 15 स्थानों पर ड्रॉप गेट लगाये गये है। रिंग रोड की ओर से रांची आने वाले वाहन बोरिया तक, चाईबासा और खूंटी से रांची आने वाले वाहन बिरसा चौक तक, पलामू और लोहरदगा से रांची आने वाले वाहन तिलता चौक तक, गुमला और सिमडेगा से रांची आने वाले वाहन आईटीआई बस स्टैंड तक, जमशेदपुर से रांची आने वाले वाहन दुर्गा सोरेन चौक नामकुम तक, पतरातू से रांची आने वाले वाहन चांदनी चौक और बिहार की ओर से आने वाले वाहन बूटी मोड़ तक ही आ पाएंगे। वहीं मोरहाबादी मैदान की ओर आम वाहनों का प्रवेश निषेध रहेगा। इसके लिए 15 स्थानों पर ड्रॉप गेट लगाए गए हैं।

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मोरहाबादी मैदान में तिरंगा झंडा फहराएंगे। मोरहाबादी मैदान में ही मुख्य कार्यक्रम होगा। यहां शामिल होने के लिए पास जारी किए गए हैं। आदेश के अनुसार मोरहाबादी स्थित कार्यक्रम स्थल पर सफेद और नारंगी रंग के पास वाले वाहन प्रवेश कर सकेंगे। अन्य वाहनों को कार्यक्रम स्थल से दूर खड़ा करना होगा। कार्यक्रम स्थल के लिए मोरहाबादी में 15 ड्रॉप गेट लगाए गए हैं। अलग-अलग पार्किंग की भी व्यवस्था की गई है।

14 अगस्त को ED के समन पर नही जायेंगे सीएम हेमंत सोरेन, एक सप्ताह का मांगा समय


प्रवर्तन निदेशालय ( ईडी) ने जमीन घोटाला मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस भेजा था। हेमंत सोरेन को 14 अगस्त 10:30 ED कार्यालय पर पूछताछ के लिए बुलाया गया था। लेकिन खबर है कि झारखंड सीएम 14 अगस्त को ED के सामने पेश नहीं होंगे।

रांची में हुए जमीन घोटाले की जांच में अब मुख्यमंत्री का नाम भी सामने आ रहा है। ईडी इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के परिवार की संलिप्तता मान रही है। केस नंबर 25/23 के आधार पर ईडी ने नोटिस भेजा था। 14 अगस्त को हेमंत सोरेन को पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय बुलाया गया है। लेकिन अब वह ईडी के सामने पेश नहीं होंगे। जानकारी के मुताबिक सीएम सोरेन सोरेन जांच एजेंसी से आगे के लिए एक सप्ताह का समय मांगा हैं।

इससे पहले ईडी ने अवैध खनन मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से 17 नवंबर 2022 को करीब 10 घंटे तक पूछताछ की थी। ई़डी ने इस पूछताछ में पत्थर खनन से जुड़े कई सवाल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पूछे थे। अब एक बार फिर हेमंत सोरेन जमीन घोटाला मामले में ईडी की रडार में हैं।

17अगस्त से 10अक्टूबर तक शहीद सिदो कान्हु के जन्म स्थली से शुरू होगी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की संकल्प यात्रा

भाजपा प्रदेश महामंत्री एवम मुख्यालय प्रभारी डॉ प्रदीप वर्मा ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की होने वाली संकल्प यात्रा के कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी।

डॉ वर्मा ने बताया कि आज राज्य में अराजकता की स्थिति है। सत्ता संपोषित भ्रष्टाचार से राज्य की जनता त्राहि त्राहि कर रही है। बहन बेटियां असुरक्षित हैं। युवाओं के उम्मीदों पर राज्य सरकार ने कुठाराघात किया है।आदिवासी, दलित, पिछड़ा कोई सुरक्षित नहीं। राजधानी रांची सहित कही भी किसी समय हत्या करने में अपराधी सफल हो जा रहे। 

इसे लेकर भाजपा सदन से सड़क तक राज्य सरकार की विफलताओं को उजागर कर रही है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी राज्य को भय,भूख ,भ्रष्टाचार और कुशासन से मुक्त कराने के संकल्प के साथ संकल्प यात्रा के माध्यम से राज्य के सभी 24 जिलों, 263प्रखंडों की जनता के बीच संकल्पों को साकार करने के लिए आह्वान करेंगे।

यह संकल्प यात्रा सात चरणों में होगी। सभी चरणों के लिए अलग अलग यात्रा संयोजक एवं टोली बनाई गई है।

इस यात्रा की शुरूआत 17अगस्त को झारखंड के अमर शहीद सिदो कान्हो की जन्मभूमि भोगना डीह से शुभारंभ की जाएगी। प्रत्येक दिन दो विधानसभा क्षेत्र में अलग अलग जनसभा होगी। शिवगादी धाम में पूजा अर्चना के बाद प्रदेश अध्यक्ष 17अगस्त को पहली जनसभा बरहेट में करेंगे। पहला चरण 17 से 20अगस्त तक चलेगा जिसमे बरहेट, बोरियो, राजमहल, महगामा, गोड्डा, पोड़ैयाहाट, महेशपुर ,लिट्टीपाड़ा,पाकुड़ की जनसभा होगी।

 दूसरा चरण 23अगस्त से 27अगस्त तक निर्धारित है जिसके संयोजक प्रदेश उपाध्यक्ष विनोद शर्मा हैं। तीसरा चरण 4 से 6 सितंबर तक आयोजित है जिसके संयोजक विधायक केदार हाजरा बनाए गए हैं। यात्रा का चौथा चरण 9 से 16 सितंबर तक है जिसके संयोजक प्रदेश महामंत्री बालमुकुंद सहाय बनाए गए है। 

पांचवें चरण की यात्रा 18 से 24सितंबर तक आयोजित है जिसके संयोजक विनय लाल हैं। छठ्ठे चरण की यात्रा 26 सितंबर से 01अक्टूबर तक होगी जिसके संयोजक गणेश मिश्र हैं। सातवां और अंतिम चरण 3 अक्टूबर से 10अक्टूबर तक होगी जिसके संयोजक प्रदेश महामंत्री एवम मुख्यालय प्रभारी डॉ प्रदीप वर्मा बनाए गए हैं।

संकल्प की सिद्धि में तन मन से जुट जाएं कार्यकर्ता: डॉ लक्ष्मीकांत वाजपेई


भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवम प्रदेश प्रभारी डॉ लक्ष्मीकांत वाजपेई आज रांची पहुंचे। एयरपोर्ट पर उनका स्वागत प्रदेश मंत्री सुबोध सिंह गुड्डू ,महानगर जिला अध्यक्ष केके गुप्ता सहित महानगर के कार्यकर्ताओं ने किया।

प्रदेश कार्यालय में उन्होंने आजसू प्रमुख सुदेश महतो से मुलाकात की और डुमरी उपचुनाव के संबंध में चर्चा की। 

प्रदेश कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष एवम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने डॉ वाजपेई का अंगवस्त्र एवम स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया।

 वाजपेई ने आगामी संकल्प यात्रा से संबंधित बैठक में कहा कि यह संकल्प यात्रा राज्य में परिवर्तन लाने की यात्रा है। यह राज्य को कुशासन और भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाने की यात्रा है। पूरी पार्टी प्रदेश को अराजकता इस मुक्ति दिलाने के लिए प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में संकल्पित है। हमें संकल्प की सिद्धि को सुनिश्चित करना है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने  

संकल्प यात्रा से गांव गांव घर घर की सहभागिता सुनिश्चित कराने का आह्वान किया। कहा कि आज हर घर राज्य सरकार के कुशासन से मुक्ति चाहता है।

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में I.N.D.I.A. (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंकलुसिव अलाइंस ) की हुई अहम बैठक


 डुमरी विधानसभा उपचुनाव की रणनीति पर हुआ विचार विमर्श

आज 12 अगस्त को I.N.D.I.A. (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलाइंस ) की बैठक मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।

 यह बैठक में डुमरी विधानसभा उपचुनाव में झामुमो प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने की रणनीति तैयार करने पर विस्तार से विचार-विमर्श हुआ।

 5 सितंबर को डुमरी विधानसभा उपचुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे । इस उपचुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा से मंत्री बेबी देवी की जीत सुनिश्चित करने के लिए सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि आई .एन. डी. आई . ए. में शामिल हमारे सहयोगी बूथ स्तर तक सघन जनसंपर्क अभियान चलाने में जुट जाएं। बूथों पर अपनी मजबूत उपस्थिति से हम अपने प्रत्याशी की जीत को पक्की कर सकते है। 

 झामुमो के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष- सह -मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सभी सहयोगी दलों के कार्यकर्ताओं से कहा कि वे सरकार की उपलब्धियों और डुमरी विधानसभा क्षेत्र में दिवंगत मंत्री जगरनाथ महतो जी के द्वारा किए गए कार्यों से जनता को अवगत कराएं। उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का काम करें और विपक्ष की साजिशों से मतदाताओं को अवगत कराएं। डुमरी विधानसभा उपचुनाव में जीत हासिल कर विपक्ष को करारा जवाब देना है।

27 अक्तूबर से रांची में पहली बार अंतरराष्ट्रीय हॉकी चैंपियनशिप का आयोजन, पाकिस्तान समेत 10 देश की महिला टीम होंगी शामिल

राजधानी रांची में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय हॉकी चैंपियनशिप का आयोजन होने वाला है। जो राजधानी के मोरहाबादी स्थित एस्ट्रोट्रफ स्टेडियम में भव्य तरीके से आयोजन किया जाएगा। एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम में 27 अक्तूबर से 5 नवंबर तक एशियन वीमेन हॉकी चैंपियनशिप का आयोजन किया जाएगा। इस चैंपियनशिप में 10 देशों की हॉकी टीमें पहली बार रांची में खेलेंगी।

राजधानी रांची में सभी हॉकी प्रमियों को एक महीने बाद अंतरराष्ट्रीय हॉकी प्रतियोगिता देखने का अवसर मिलने वाला है। इस चैंपियनशिप में 10 देशों की हॉकी टीमो में भारत के अलावा संभवत पाकिस्तान , चीन, मलयेशिया , दक्षिण कोरिया, जापान, कजाकिस्तान , हांगकांग और उजबेकिस्तान की टीम शामिल होंगी। 

महिला एशियन हॉकी चैंपियनशिप के आयोजन को लेकर राज्य के खेल मंत्री हफीजुल हसन ने बताया कि इस खेल के आयोजन का श्रेय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और हॉकी इंडिया के महासचिव भोला नाथ सिंह को है। रांची में अंतर्राष्ट्रीय खेल का आयोजन होना काफी सौभाग्य की बात है। यहां खेल का एक अच्छा माहौल है।

 जैसे कि हर किसी को पता है कि झारखंड हॉकी के खिलाड़ियों का गढ़ है और यहां पर हॉकी के कई अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी हुए हैं।

रांची के मोरहाबादी स्तिथ एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम को ब्लू टर्फ के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया गया है। जिसको एफआईएच ने कैटेगरी टू का सर्टिफिकेट भी प्रदान कर दिया है। जिसके बाद स्टेडियम अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के लिए पूरी तरह से तैयार है। इस तरह की प्रतियोगिता के आयोजन के बाद झारखण्ड के हॉकी खिलाड़ियों को काफी फायदा होगा।