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रांची. झारखंड सरकार के कैबनेट की बैठक आज दिन के 4 बजे होगी ,लिए जाएंगे विभिन्न प्रस्तावों पर निर्णय

राँची(झा.डेस्क): आज झारखंड सरकार की कैबिनेट की बैठक होगी. दिन के चार बजे से प्रोजेक्ट भवन में होनेवाली इस बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करेंगे.

 बैठक में राज्य के विकास से संबंधित विभिन्न प्रस्तावों पर विचार के बाद फैसला लिया जायेगा.

झारखंड आदिवासी महोत्सव में दिखा दिव्यांगों द्वारा फैशन शो

विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान में आयोजित झारखंड आदिवासी महोत्सव अब अपने अंतिम चरण में है यानी इसका आज समापन समारोह है।

झारखंड आदिवासी महोत्सव 2023 को लेकर लोगों में उत्साह देखते ही बन रही थी। इस महोत्सव में आदिवासी जीवन दर्शन की झलकियां देखने को मिल रही थी। आज इसके समापन दिवस पर संस्कृति और इतिहास का संगम बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान में देखने को मिल रहा था। इस समारोह में पद्मश्री मधु मंसूरी हंसमुख की आकर्षक प्रस्तुति लोगों को लुभा रही थी।

आदिवासी महोत्सव में फैशन शो का भी आयोजन किया गया था। इसमें फैशन के माध्यम से विविधता को सशक्त बनाने का प्रयास किया गया। महिलाओं के नेतृत्व वाले रांची के परिवर्तन एनजीओ के दिव्यांगों द्वारा अनोखे रूप में विविधता में सद्भाव विषय पर फैशन शो की प्रस्तुति की गई। इस फैशन शो के माध्यम से दिव्यांग मॉडल समकालीन फैशन के साथ पारंपरिक आदिवासी सौंदर्यशास्त्र के सहज एकीकरण को उजागर करते हुए विविध प्रकार के शरीर, क्षमताओं और पृष्ठभूमि की सुंदरता को प्रदर्शित किया है।

झारखंड आदिवासी महोत्सव का दूसरा दिन: आदिवासी कला संस्कृति की छटा बिखेरती नजर आ रही है


विश्व आदिवासी दिवस पर रांची में झारखंड आदिवासी महोत्सव मनाया जा रहा है, जिसका आज दूसरा दिन है। जेल चौक स्थित भगवान बिरसा मुंडा स्मृति पार्क सह संग्रहालय में इसका आयोजन किया गया।

दूसरे दिन यानी 10 अगस्त को 11 बजे से महोत्सव की शुरुआत उरांव आदिवासी समुदाय का लोक नृत्य से की गई। जिसके बाद पाइका नृत्य, गोंड आदिवासी समुदाय का किहो नृत्य, कर्नाटक के आदिवासी समुदाय द्वारा दामिनी लोक नृत्य, लखन गुड़िया का मुंडारी गायन वादन, पद्मश्री मधु मंसूरी की गायन प्रस्तुति, रमेश्वर मिंज द्वारा बांसुरी वादन किया गया। दोपहर 2 बजे अरुणाचल प्रदेश के निशि आदिवासी समुदाय द्वारा रेखम पड़ा नृत्य, असम के हाजोंग आदिवासी समुदाय आदिवासी द्वारा लेवा टाना नृत्य, असम के दिओरीआदिवासी समुदाय का बिहु नृत्य के अलावे झारखंड रंगारंग महोत्सव स्थानीय आदिवासी समुदाय द्वारा किया जाएगा।

झारखंड आदिवासी महोत्सव के रंग में पूरी रंग में हो गई है। चारों और उत्साह का माहौल बना हुआ है। बच्चे महिलाएं एवं पुरुष सभी इस आयोजन का लुफ्त उठा रहे हैं। इस महोत्सव में कई तरह के स्टाल के साथ-साथ जनजातीय फूड स्टॉल का भी आयोजन किया गया है। जिसमें लोग अपने जनजाति, पारंपरिक भोजन का आनंद भी ले रहे हैं।

झारखंड आदिवासी महोत्सव का दूसरा दिन: आदिवासी कला संस्कृति की छटा बिखेरती नजर आ रही है

विश्व आदिवासी दिवस पर रांची में झारखंड आदिवासी महोत्सव मनाया जा रहा है, जिसका आज दूसरा दिन है। जेल चौक स्थित भगवान बिरसा मुंडा स्मृति पार्क सह संग्रहालय में इसका आयोजन किया गया।

दूसरे दिन यानी 10 अगस्त को 11 बजे से महोत्सव की शुरुआत उरांव आदिवासी समुदाय का लोक नृत्य से की गई। जिसके बाद पाइका नृत्य, गोंड आदिवासी समुदाय का किहो नृत्य, कर्नाटक के आदिवासी समुदाय द्वारा दामिनी लोक नृत्य, लखन गुड़िया का मुंडारी गायन वादन, पद्मश्री मधु मंसूरी की गायन प्रस्तुति, रमेश्वर मिंज द्वारा बांसुरी वादन किया गया। दोपहर 2 बजे अरुणाचल प्रदेश के निशि आदिवासी समुदाय द्वारा रेखम पड़ा नृत्य, असम के हाजोंग आदिवासी समुदाय आदिवासी द्वारा लेवा टाना नृत्य, असम के दिओरीआदिवासी समुदाय का बिहु नृत्य के अलावे झारखंड रंगारंग महोत्सव स्थानीय आदिवासी समुदाय द्वारा किया जाएगा।

झारखंड आदिवासी महोत्सव के रंग में पूरी रंग में हो गई है। चारों और उत्साह का माहौल बना हुआ है। बच्चे महिलाएं एवं पुरुष सभी इस आयोजन का लुफ्त उठा रहे हैं। इस महोत्सव में कई तरह के स्टाल के साथ-साथ जनजातीय फूड स्टॉल का भी आयोजन किया गया है। जिसमें लोग अपने जनजाति, पारंपरिक भोजन का आनंद भी ले रहे हैं।

सीएम हेमंत सोरेन आज 48 वर्ष के हो गए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई नेताओं ने दी बधाई


 झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का जन्म 10 अगस्त, 1975 को रामगढ़ जिला के नेमरा में हुआ था। आज हेमंत सोरेन 48 साल के हो गये।

आज मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन के जन्‍मदिन के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुभकामना दी। उनकी लंबी उम्र और अच्‍छे स्‍वास्‍थ्‍य की कामना की है। आज इस खास मौके पर राजनेता सहित कई दिग्‍गजों ने उन्‍हें बधाई व शुभकामनाएं दी हैं। राज्‍य में कांग्रेस-राजद के साथ महागठबंधन की सरकार चला रहे हेमंत सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी के कार्यकारी अध्‍यक्ष भी हैं।

राज्य में आदिवासी महोत्सव मनाया जा रहा है ऐसे में उनका जन्मदिन बहुत खास होगा। आज शाम पांच बजे से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। इस लिहाज से उनका जन्मदिन यादगार होगा क्योंकि घर पर पारिवारिक कार्यक्रम के साथ- साथ हेमंत सोरेन आज सार्वजनिक कार्यक्रम में भी शिरकत कर रहे हैं।

हेमंत सोरेन दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं। जुलाई 2013 से दिसंबर 2014 तक राज्य के मुख्यमंत्री थे अब दूसरी पारी में उन्हें 29 दिसंबर, 2019 को राज्य के पांचवें मुख्यमंत्री के तौर पर राज्य की जिम्मेदारी मिली है। साल 2003 में हेमंत सोरेन राजनीति जीवन की शुरुआत की थी।

राँची: धुर्वा थाना क्षेत्र के एक दुकान में आग लगने से बबलू महतो नामक कारीगर का दर्दनाक मौत


रांची के धुर्वा थाना क्षेत्र में एक दुकान में आग लगने की वजह से पुरुलिया के रहने वाले कारीगर बबलू महतो की दर्दनाक मौत हो गई।

 बबलू महतो होटल में मिठाई और दूसरे तरह के व्यंजन बनाने का काम किया करता था। धुर्वा के ही रहने वाले रंजन नाम के व्यक्ति के होटल में बबलू काम किया करता था।

होटल मालिक के द्वारा होटल के ही सामने एक छोटा सा दुकान लिया गया था ,जिसे स्टोर और रेस्ट रूम के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। बबलू सहित होटल के दूसरे कर्मचारी भी उसी रेस्ट हाउस में सोया करते थे। बुधवार को ही बबलू के साथ काम करने वाले कर्मचारी धन रोपनी को लेकर पुरुलिया लौट गए थे। बबलू को भी शुक्रवार को वापस लौटना था। लेकिन उससे पहले उसकी मौत हो गई।

विश्व आदिवासी दिवस पर झारखंड के सीएम का हुंकार, कट्टरपंथियों के हमले से बचने के लिए देश के 13 करोड़ आदिवासी हो जाएं तैयार..!


विश्व आदिवासी दिवस पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि -आज देश के 13 करोड़ आदिवासियों पर कट्टरपंथियों के हमले हो रहे हैं। मणिपुर में जो हिंसा हो रही है, उसके पीछे भी कट्टरपंथी ताकतें हैं। ऐसे में आदिवासियों को संघर्ष के लिए एकजुट होना होगा।

उन्होंने देश भर के आदिवासियों से अपील किया कि कट्टरपंथियों के खिलाफ लड़ने के लिए सभी संगठित हो जाएं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आदिवासी दिवस के मौके पर रांची में आयोजित दो दिवसीय आदिवासी महोत्सव में बोल रहे थे। 

महोत्सव की शुरुआत मणिपुर हिंसा में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए मौन प्रार्थना के साथ शुरू हुई।

हेमंत सोरेन ने कहा कि आज देश का आदिवासी समाज बिखरा हुआ है। हम धर्म क्षेत्र के आधार पर बंटे हैं। हमारा लक्ष्य, हमारी समस्या एक जैसी है तो हमारी लड़ाई भी एक जैसी होनी चाहिए। देश में आदिवासियों को विस्थापन का दंश झेलना पड़ रहा है।

हमारी व्यवस्था इतनी निर्दयी है कि उन्होंने यह भी पता नहीं किया कि खदानों, उद्योगों के दौरान कितने लोग विस्थापित और बेघर हुए। जो लोग इस दौरान विस्थापित हुए उनमें से 80 प्रतिशत आदिवासी हैं। इन्हें अपनी जड़ों से काट दिया गया है।

कल का किसान आज साइकिल पर कोयला बेचने को मजबूर है, बंधुआ मजदूर बना हुआ है। राज्य में लाखों एकड़ जमीन कोयला कंपनियों को दी गयी। लेकिन विस्थापितों और आदिवासियों को उस अनुपात में रोजगार और नौकरी नहीं मिली।

हेमंत ने कहा कि हमारी धरती तप रही है लेकिन कंपनियां और केंद्र सरकार कान में तेल डालकर सोई हुई है। किसकी संपत्ति खत्म हुई, किसकी जमीन गई?

 जो विकसित हैं वो कौन हैं? इतिहासकारों ने भी आदिवासियों के साथ बेईमानी की और आदिवासियों का जिक्र नहीं किया गया है।

देश की आजादी के लिए आदिवासियों ने बलिदान दिया। इतिहासकारों ने हमारे पूर्वजों को जगह नहीं दी। आदिवासी के अधिकार को किसी और को दिया जा रहा है। लोग हमारे नाम तक छीनने लगे हैं। हम मूल निवासी हैं, प्रकृति का हिस्सा हैं। कोई हमें वनवासी कहकर चिढ़ा रहा है और कोई जंगली बता रहा है।

आज आदिवासी अपनी पहचान के लिए इतिहास में की गयी उपेक्षा के खिलाफ बोलता है तो उन्हें चुप कराने की साजिश रची जा रही है। समाज की मुख्य धारा के माध्यम से हमेशा प्रयास किया गया है कि इतिहास में हमारी कोई भूमिका ना रहे।

जब हम इतिहास जानने का प्रयास करते हैं तो 1800 ई. के पहले का इतिहास नहीं मिलता है। हमें टुकड़ों में बांटकर देखने का प्रयास किया गया है। हमारे पूर्वजों ने हमारे लिए बहुत कुछ किया। इस देश को गढ़ने में आदिवासी समाज की भूमिका की फिर से व्याख्या की जानी चाहिए। हमारे पास विश्व में मानव समाज को देने के लिए बहुत कुछ है, बस उसकी दृष्टि होनी चाहिए।

कार्यक्रम में पूर्व सीएम और झामुमो के अध्यक्ष शिबू सोरेन ने कहा कि आदिवासी पूरे देश और पूरी दुनिया में हैं। आदिवासी मजदूरी करता है। हम आदिवासी दिवस मनाते हैं आने वाली पीढ़ी भी मनाती रहेगी। इस महोत्सव की शुरुआत होने के पहले रांची में देश के विभिन्न भागों के आदिवासियों की संस्कृतियों को दर्शाती रैली निकाली गई।

सांसद जयंत सिन्हा ने झारखण्ड में जलापूर्ति की समस्या पर सदन का ध्यान करवाया आकृष्ट

रामगढ़: हम सभी अवगत हैं कि लोकसभा का मानसून सत्र चल रहा है। सांसद सह अध्यक्ष वित्त सम्बन्धी संसदीय स्थायी समिति जयंत सिन्हा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हज़ारीबाग लोकसभा का नेतृत्व कर रहे हैं। वे सदन में देश, झारखण्ड व हज़ारीबाग एवं रामगढ़ से जुड़े अनेक मुद्दे उठा रहे हैं।

सांसद जयंत सिन्हा ने लोकसभा में नियम 377 के तहत झारखण्ड में जलापूर्ति की समस्या के गंभीर मामले पर सदन का ध्यान आकृष्ट करवाया है। उन्होंने कहा कि झारखण्ड में जेएमएम-कांग्रेस सरकार 'जल जीवन मिशन' हर घर जल योजना के तहत ग्रामीण आबादी को नल का पानी उपलब्ध करवाने में बेहद ख़राब प्रदर्शन कर रही है।

जल राज्य का विषय है और इसलिए घरों में नल का पानी उपलब्ध करवाने के लिए जल सम्बन्धी योजनाओं को लागू करवाने की प्राथमिक ज़िम्मेदारी संबधित राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की है। जुलाई, 2023 तक झारखण्ड में केवल 39.02 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों ने नल कनेक्शन की सूचना दी है।

 इसे परिप्रेक्ष्य में रखें तो झारखण्ड में 37 लाख से ज्यादा ग्रामीण घरों में नल के स्वच्छ पानी का कनेक्शन नहीं है। इसकी तुलना में गुजरात और हरियाणा जैसे राज्यों में जल जीवन मिशन के तहत 100 प्रतिशत नल कनेक्शन हैं।

सांसद जयंत सिन्हा ने कहा कि ऐसे समय में जब हमारा देश दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और विश्व गुरु बनने के लिए तैयार है, वहां झारखण्ड राज्य अपनी ग्रामीण आबादी को घरों में नल का पानी उपलब्ध करवाने में भी असमर्थ है। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वे 'जल जीवन मिशन' हर घर जल योजना के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए राज्य सरकार को सख्त निर्देश दे।

रामगढ़: विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा कार्यक्रम का किया गया आयोजन


रामगढ़: विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर जिला कांग्रेस कमेटी रामगढ़ द्वारा रामगढ़ प्रखंड के सुदूरवर्ती आदिवासी बहुल गांव बन खेता में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

जिसकी अध्यक्षता जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मुन्ना पासवान ने की तथा संचालन रामगढ़ प्रखंड के बिससूत्री के अध्यक्ष सुनील करमाली द्वारा किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर रामगढ़ विधानसभा की पूर्व विधायक श्रीमती ममता देवी उपस्थित हुई। 

कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों को विश्व आदिवासी दिवस के बधाई देते हुए श्रीमती ममता देवी ने कहा कि आजादी के बाद से ही कांग्रेस पार्टी द्वारा आदिवासियों के लिए कई तरह के कानून बनाकर उन्हें संरक्षण देने का काम किया है इसके साथ ही साथ कई तरह की योजनाएं भी आदिवासियों के हितों में रखकर बनाई गई है जिसका लाभ उन्हें मिल रहा है उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार भी आपके हक और अधिकार के लिए हमेशा तत्पर है क्योंकि एक आदिवासी का बेटा ही झारखंड सरकार का मुखिया है। 

कार्यक्रम के अंत में उपस्थित जनसमूह के बीच मिठाइयां बांटकर सभी को विश्व आदिवासी दिवस की शुभकामना दिया गया। मौके पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव सीपी संतन, जिला 20 सूत्री क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष दिनेश मुंडा, जिला प्रवक्ता मुकेश यादव,जिला सचिव संजय साहू, महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष मंजू जोशी, कांग्रेस सेवा दल के जिला अध्यक्ष रूपेंद्र महतो, रामगढ़ प्रखंड प्रमुख करुणादेवी, पिंकी राय, रामसेवक बेदिया , रूपलाल बेदिया,बंशी बेदिया, हरिदश महतो,अनिल बेदिया, संदीप बेदिया, विजय मुंडा , कुंती देवी, सहराज करमाली,महेश बेदिया,दादु मुण्डा, इत्यादि उपस्थित थे।

झारखंड आदिवासी महोत्सव 2023 के अवसर पर सेमिनार आयोजित


रांची: विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान , राँची में जहां एक ओर सांस्कृतिक कार्यक्रम से आदिवासी जीवन दर्शन को समझने का मौक़ा मिल रहा है तो वहीं दूसरी ओर इसी उद्यान में परिचर्चा के माध्यम से देश के कोने कोने से आये ख्यातिप्राप्त विशेषज्ञों से जनजातीय भाषाओं, संस्कृति और परंपराओं सहित जनजातीय साहित्य, इतिहास, जनजातीय दर्शन के महत्व के बारे में जानकारी मिल रही है।

ट्राइबल लिट्रेचर सेमिनार

कार्यक्रम में आज सेमिनार के पहले दिन ट्राइबल लिट्रेचर सेमिनार में आज सेमिनार के पहले दिन आदिवासी साहित्य में कथा और कथेतर विधाओं का वर्तमान परिदृश्य के बारे में चर्चा की गई। प्रमुख वक्ता के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार एवं सदस्य साहित्य अकादमी,झारखंड श्री महादेव टोप्पो ने साहित्य एवं लोक कथाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी।उन्होंने कहा कि आज की आदिवासी युवा पीढ़ी को आदिवासियों से जुड़े साहित्य एवं कथाओं को पढ़ना चाहिए ताकि वे दिशा हीन ना हों। 

उन्होंने कहा कि युवा अपनी पुरानी आदिवासी परंपरा से कटकर दिशाहीन हो रहे हैं। उन्हें अपनी पुरानी परंपराओं से जुड़ने की ज़रूरत है। इसके लिए पूर्वजों द्वारा लिखी गये साहित्यों को पढ़ने की ज़रूरत है। उन्होंने पुरखों द्वारा लिखी गई साहित्य एवं कथाओं पर प्रकाश डाला।

देश के विभिन्न राज्यों से आये विशेषज्ञों ने रखे अपने विचार*

प्रयागराज से आयी प्रोफेसर श्री जनार्दन गोंड ने आदिवासी के जीवन दर्शन के बारे में विस्तार से बताया।आदिवासी के ज्ञान के बारे में चर्चा की । उनमें प्रकृति को ले कर जागरूकता के बारे में बताया साथ ही प्रकृति से सामंजस्य पर प्रकाश डाला। 

वहीं मणिपुर विश्वविद्यालय से आयी प्रोफेसर ई विजयलक्ष्मी ने आदिवासी दर्शन में उनके ज्ञान के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहानी एवं उपन्यास के माध्यम से आदिवासियों की जीवनी के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला। 

वहीं त्रिपुरा से आयीं प्रोफेसर मिलन रानी चमातिया ने भी आदिवासी भाषा, जीवन दर्शन के बारे में चर्चा की । उन्होंने भी कहानी एवं उपन्यास के माध्यम से उनके जीवन संघर्ष, शिक्षा के बारे में जानकारी दी।

 उन्होंने त्रिपुरा के आदिवासी के जीवन संघर्ष,जीवन दर्शन, इतिहास और उनकी संस्कृति के बारे में विस्तार से चर्चा की।उन्होंने कब्रक उपन्यास के माध्यम से त्रिपुरा सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों के आदिवासियों के बारे में चर्चा की।

सेमिनार के पहले दिन का समापन दिल्ली विश्वविद्यालय से आयी प्रोफेसर स्नेह लता नेगी की चर्चा से हुई। 

उन्होंने आदिवासी साहित्य की परंपरा एवम् कथा के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि झारखंड कथा एवं साहित्य के संदर्भ में बेहतर रहा है यहाँ कई साहित्यकार एवं कथाकार हुए हैं। आदिवासियों के जीवन दर्शन, संस्कृति एवं उनकी परंपरा को जानने एवं समझने के लिए पूर्वजों द्वारा लिखी गई साहित्य को पढ़ने एवं समझने की के साथ साथ उसे अपनी जीवन में आत्मसात् करने की आवश्यकता है।