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महाकाल मंदिर के पुजारियों ने OMG 2 फिल्म से मंदिर के सभी दृश्यों को तत्काल हटाने को भेजा नोटिस, थम नहीं रहा विवाद, कहा, भक्तों की भावनाएं हो रह


बॉलीवुड फिल्मों के मशहूर अभिनेता अक्षय कुमार अभिनित फिल्म ओह माय गॉड 2 को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब महाकाल मंदिर के पुजारियों ने फिल्म के निर्माताओं को लीगल नोटिस भेज कर फिल्म से महाकाल मंदिर में शूट किए गए सभी दृश्यों को तत्काल हटाने के लिए कहा है। पुजारियों ने फिल्म को A सर्टिफिकेट दिये जाने को लेकर भी आपत्ति व्यक्त की है।

संतों का कहना है की फिल्म में अश्लीलता परोसने के अतिरिक्त यदि महाकाल मंदिर के शॉट्स भी नजर आए तो देशभर में फिल्ममेकर, डायरेक्टर और अभिनेता अक्षय कुमार के खिलाफ प्रदर्शन होगा। FIR भी दर्ज कराई जाएगी। उज्जैन में ओह माय गॉड 2 फिल्म का महाकाल मंदिर के पुजारी और संत निरंतर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है की फिल्म को A सर्टिफिकेट दिया गया है। तत्पश्चात, अब 18 वर्ष से कम उम्र के युवा इस फिल्म को देख नहीं पाएंगे। साधू-संतों का आरोप है कि फिल्म में भगवान शिव का रूप गलत तरीके से दिखाया गया है। उन्हें बाजार में दुकान से कचौरी खरीदते दिखाया गया है। यह भगवान महादेव के भक्तों की भावनाएं आहत करता है। इस फिल्म का प्रसारण 11 अगस्त को सिनेमाघरों में होगा। इस पर महाकाल मंदिर के पुजारियों का कहना है कि ऐसा प्रतीत होता है कि इस फिल्म में अश्लील सीन हैं। महाकाल मंदिर के साथ इस प्रकार के दृश्य स्वीकार्य नहीं हैं।

महाकाल मंदिर के मुख्य पुजारी महेश शर्मा द्वारा यह नोटिस फिल्म डायरेक्टर अमित राय, निर्माता विपुल शाह एवं चंद्रप्रकाश द्विवेदी, एक्टर अक्षय कुमार के अतिरिक्त सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून कुमार जोशी को भेजा गया है। अखिल भारतीय पुजारी महासंघ की तरफ से हाईकोर्ट के अधिवक्ता अभिलाष व्यास ने यह नोटिस 7 अगस्त को भेजा है। इसमें कहा गया है कि पत्र मिलने के 24 घंटे के अंदर अपमानजनक दृश्यों को हटाया जाए तथा वो सार्वजनिक रूप से माफी मांगें। ऐसा न करने पर फिल्म के सर्टिफिकेट को रद्द करने के लिए अपील की जाएगी। पंडित महेश शर्मा ने कहा, इस फिल्म में भगवान शिव के गलत चित्रण से उनके श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत होंगी। धार्मिक भावनाओं को आहत करने का मुकदमा दर्ज कराएंगे तथा उज्जैन में फिल्म के प्रदर्शन पर रोक के लिए मांग करेंगे।

अमेरिका में भी 15 अगस्त को राष्ट्रीय उत्सव के तौर पर मनाने की तैयारी, संसद में बिल पेश

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भारत और अमेरिका के बीच संबंधों का एक नया अध्याय शुरू हुआ है। हाल के सालों में दोनों देशों के बीच की दोस्ती और प्रगाढ़ हुई है। इसी बीच भाकत-अमेरिका संबंध को लेकर बड़ी खबर है। अमेरिका में भी जल्द ही भारत के स्वतंत्रता दिवस को राष्ट्रीय जश्न के तौर पर मनाना शुरू किया जा सकता है। दरअसल, संसद में इसे लेकर प्रस्ताव पेश किया गया है। अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में भारतीय मूल के सांसद श्री थानेदार ने ये रिजॉल्यूशन रखा है।

बिल का आधार भारत-अमेरिका की मजबूत साझेधारी को बताया गया

भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद श्री थानेदार के नेतृत्व में अमेरिकी सांसदों के एक समूह ने भारत के स्वतंत्रता दिवस को दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के राष्ट्रीय उत्सव दिवस के रूप में घोषित करने के लिए प्रतिनिधि सभा में एक प्रस्ताव पेश किया है। इसमें भारत के स्वतंत्रता दिवस को दुनिया के 2 सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों के नेशनल डे ऑफ सेलिब्रेशन के तौर पर घोषित किए जाने की मांग की है। इस बिल का आधार भारत और अमेरिका के बीच मजबूत साझेधारी को बताया गया है, जो दोनों के लोकतांत्रिक मूल्यों पर निर्भर है। प्रस्ताव इस विश्वास को व्यक्त करता है कि साझा लोकतांत्रिक मूल्यों में निहित दोनों देश के बीच मजबूत साझेदारी वैश्विक लोकतंत्र को आगे बढ़ाती रहेगी और सभी देशों के लिए शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देगी।

दोनों देशों ने विश्वास और आपसी समझ को एक नए स्तर पर स्थापित किया

इसे सांसद बडी कार्टर और ब्रैड शर्मन की तरफ से भी प्रायोजित किया गया है। प्रस्ताव में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जून को अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर आए थे और उन्होंने दोनों देशों के समान हितों और स्वतंत्रता, लोकतंत्र, बहुलतावाद, कानून के शासन, मानवाधिकार के सम्मान के प्रति साझा प्रतिबद्धताओं के आधार पर विश्वास और आपसी समझ को एक नए स्तर पर स्थापित किया।

अमेरिका में अहम पदों पर भारतीय मूल के लोग

प्रस्ताव में कहा गया है कि भारतीय विरासत वाले अमेरिकी नागरिक देश में सार्वजनिक जीवन को सरकारी अधिकारी, सैन्यकर्मी और कानून लागू करने वाले अफसर बनकर बढ़ाते हैं। यह लोग अमेरिकी संविधान के सिद्धांतों का समझदारी से पालन करते हैं। देश की अनेकता को समृद्ध करने में अहम योगदान देते हैं।

अमेरिकी संसद में दिवाली पर सरकारी छुट्टी के लिए प्रस्ताव

इससे पहले अमेरिका में 25 मई को निचले संदन की सांसद ग्रेस मेंग ने दिवाली को सरकारी छुट्टी घोषित करने की मांग की थी। इसके लिए उन्होंने संसद में एक बिल भी पेश किया था। इस बिल को 'दिवाली डे ऐक्ट' नाम दिया गया था। बिल के तहत दिवाली को अमेरिका में 12वीं सरकारी छुट्टी घोषित करने की मांग की गई थी। वहीं न्यूयॉर्क में दिवाली पर स्कूलों में छुट्टी होने की घोषणा हो चुकी है।

*पीएम मोदी ने विपक्ष को बताया ‘घमंडिया गठबंधन’, दिल्ली सेवा बिल पर राज्यसभा में हुई वोटिंग को बताया 2024 से पहले का सेमीफाइनल

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लोकसभा में आज से अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हो गई है। अविश्वास प्रस्ताव पर बहस से पहले बीजेपी की संसदीय दल की बैठक हुई है। बैठक की अध्यक्षता पीएम मोदी ने की। बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विपक्ष अविश्वास से भरा है और ये दिखाने के लिए वो अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष का सेमीफाइनल का मन था और कल सेमीफाइनल हो गया। नतीजा सबके सामने है।

घमंडिया गठबंधन को हमें एकता से जवाब देना है-पीएम मोदी

आज संसद भवन में भाजपा संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला। विपक्ष को घमंडिया गठबंधन करार देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोगों को बहुत घमंड है। उन्होंने भाजपा सांसदों से कहा कि घमंडिया गठबंधन को हमें एकता से जवाब देना है।

अविश्वास प्रस्ताव को कहा- आखिरी बॉल पर छक्का मारने जैसा

वहीं लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा को लेकर भी पीएम मोदी ने विपक्ष पर तंज कसा। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने 2018 में ही विपक्ष को यह काम दिया था, जिसे अब ये कर रहे हैं और अभी साफ दिख रहा है कि इनके बीच में ही अविश्वास है। पीएम ने कहा कि विपक्षी दल आपसी टेस्ट के चक्कर में ही नो-कॉन्फिडेंस मोशन लाए हैं।उन्होंने कहा कि विपक्ष में कौन साथ में है कौन नहीं, ये अभी पता चल जाएगा। पीएम मोदी ने सांसदों को संदेश दिया कि इस अविश्वास प्रस्ताव को आप आखिरी बॉल पर छक्का मारने के अवसर के तौर पर लें।

पीएम मोदी ने दिया नया नारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर परिवारवाद और तुष्टिकरण की राजनीति पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जो लोग सामाजिक न्याय की बात करते थे, वही आज भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण की वजह से सामाजिक न्याय का बड़ा नुकसान कर रहे हैं। पीएम मोदी ने एक बार फिर करप्शन क्विट इंडिया, परिवारवाद क्विट इंडिया और तुष्टिकरण क्विट इंडिया का नारा दिया

आप नेत्री आतिशी मार्लेना के पास अब 14 विभाग, राज्यसभा में बिल पास होते ही केजरीवाल कैबिनेट में बड़ा बदलाव


दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने आज मंगलवार (8 अगस्त) को लोक निर्माण विभाग मंत्री आतिशी मार्लेना को सेवा और सतर्कता विभाग का प्रभार सौंप दिया। इससे पहले, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने दो विभागों का नेतृत्व किया था, जो अब दिल्ली कैबिनेट में एकमात्र महिला को दिए गए हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बदलाव का प्रस्ताव दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को भेज दिया है।

बता दें कि, दिल्ली सरकार का यह कदम दिल्ली सेवा विधेयक के राज्यसभा में पारित होने के एक दिन बाद आया है, जो केंद्र को राष्ट्रीय राजधानी में नौकरशाही पर नियंत्रण देगा। बता दें कि, जून में, LG सक्सेना द्वारा कैबिनेट में फेरबदल के प्रस्ताव को मंजूरी देने के बाद आतिशी को राजस्व, योजना और वित्त विभागों का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। ये तीनों विभाग पहले परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के पास थे। आतिशी के पास अब शिक्षा और बिजली सहित 14 विभाग होंगे, जो दिल्ली सरकार के सभी मंत्रियों में सबसे अधिक है। आतिशी कालकाजी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं।

बता दें कि, दिल्ली कैबिनेट ने पिछले महीनों में मंत्री पदों में बार-बार बदलाव दर्ज किए हैं। मनी लॉन्ड्रिंग के संबंधित मामलों में जेल में बंद मनीष सिसौदिया और सत्येन्द्र जैन के इस्तीफे के बाद, इस साल मार्च में सौरभ भारद्वाज और आतिशी मार्लेना ने मंत्री पद की शपथ ली थी।

पंडित धीरेंद्र शास्त्री की सभा में एक साथ दिखे हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाई, महाराज ने दी ये प्रतिक्रिया

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में पीठाधीश्वेर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की राम कथा चल रही हैं। सोमवार को कथा में एक अलग ही दृश्य देखने को मिला। कथा में हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई चारों समुदायों के धर्म गुरु एक साथ दिखाई दिए। आम तौर पर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा में ऐसा दृश्य नहीं नजर आता है। सभा का यह माहौल चर्चा का विषय बन गया।

इस पर पंडित धीरेंद्र शास्त्री का बयान में सामने आया। कथा में सर्व धर्म समभाव का संदेश देते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा- सनातन सबका है। राष्ट्र हित के लिए काम करने वाले सभी हमारे हैं। यह देख कर अच्छा लगा की सभी धर्म के लोग यहां उपस्थित हैं। कथा के आखिरी दिन कमलनाथ और सांसद नकुलनाथ भी उपस्थित रहे। छिंदवाड़ा के सिमिरिया में पंडित धीरेन्द्र शास्त्री की रामकथा का आयोजन 5 अगस्त को आरम्भ हुआ था। राम कथा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ एवं उनके सांसद पुत्र नकुल नाथ ने कराई।

सोमवार को कथा के अंतिम दिन सर्वधर्म गुरुओं की मंच पर उपस्थिति चर्चा का विषय बन गई। इस कथा के माध्यम से सदभाव का संदेश दिया गया। सोमवार को दोपहर 2 बजे से आरम्भ हुई कथा शाम 5 बजे तक चली। कथा समापन पर महा भंडारे का आयोजन किया गया। इससे पहले दो दिन 5 और 6 अगस्त को कथा शाम 4 बजे से 7 बजे तक चली। बता दे कि श्रद्धालुओं के लिए कथास्थल पर ही चार दिन तक नि:शुल्क खाने-पीने की व्यवस्था की गई थी। लगभग दो लाख श्रद्धालुओं के कथा में आने का अनुमान लगाया गया था। कथा के पहले दिन भारी आंकड़े में श्रद्धालु जुटे।

मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा जारी, कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने पीएम मोदी से पूछे तीन सवाल

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केंद्र सरकार के खिलाफ लोकसभा में आए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हो गई है।कांग्रेस की ओर से गौरव गोगोई और भारतीय जनता पार्टी की ओर से निशिकांत दुबे ने बहस की शुरुआत की। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने चर्चा की शुरुआत की। कांग्रेस की ओर से इस चर्चा की शुरुआत पहले राहुल गांधी करने वाले थे लेकिन बाद में गौरव गोगोई ने शुरुआत की। बीजेपी ने संसद में सवाल उठाया कि राहुल गांधी की बजाय गोगोई को पहले बोलने का मौका क्यों दिया है। हम तो राहुल गांधी को सुनने आए थे। बीजेपी ने कहा कि पहले राहुल गांधी के बोलने का लेटर क्यों दिया गया, जबकि गोगोई असम सांसद गोगोई पहले बोल रहे हैं।

गोगोई ने पीएम मोदी से पूछे तीन सवाल

बहस की शुरुआत करते हुए गौरव गोगोई ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर संख्या की बात नहीं थी, बल्कि मणिपुर के इंसाफ की बात थी। हमने ये प्रस्ताव इसलिए पेश किया कि हमारा सरकार में विश्वास नहीं है।कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि प्रधानमंत्री ने मौन व्रत रखा हुआ है और वह संसद में नहीं बोल रहे हैं। इसलिए पीएम का मौनव्रत तोड़ने के लिए हमें अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा। हमारे पीएम मोदी से तीन सवाल हैं, पहला वह अभी तक मणिपुर क्यों नहीं गए? उन्होंने मणिपुर मुद्दे पर बोलने के लिए 80 दिन का समय लिया और जब बोले तो सिर्फ 30 सेकेंड? अभी तक मणिपुर के सीएम को क्यों नहीं हटाया गया है?

पीएम मोदी को वाजपेयी के राजधर्म की बात याद करनी चाहिए-गोगोई

कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा कि मणिपुर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अटल बिहारी वाजपेयी के राजधर्म की बात याद करनी चाहिए, जहां किसी में भी भेदभाव नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मणिपुर के सीएम ने इस हिंसा के पीछे ड्रग्स का बिजनेस बताया, लेकिन जब पुलिस ने एक बड़े ड्रग माफिया को पकड़ा तो मणिपुर सीएम ऑफिस से उन्हें रिहा करने का आदेश गया।

मणिपुर में फेल हुई है डबल इंजन की सरकार-गोगोई

कांग्रेस सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री को यह स्वीकार करना होगा कि डबल इंजन की सरकार मणिपुर में असफल हुई है। यही वजह है कि 150 लोग मणिपुर में मारे गए हैं और करीब 5000 घर जला दिए गए हैं। 60 हजार लोग राहत कैंपों में रह रहे हैं और 6500 एफआईआर दर्ज हुई हैं। मुख्यमंत्री को बातचीत का माहौल बनाना चाहिए लेकिन उनके द्वारा उठाए गए कदमों से समाज में तनाव बढ़ा है।

मुझे लगा राहुल गांधी पहले बोलेंगे- निशिकांत दुबे

निशिकांत दुबे ने बीजेपी की ओर से सबसे पहले अविश्वास प्रस्ताव पर बहस में बोलने की कमान संभाली। उन्होंने लोकसभा में बोलते हुए कहा कि 'मुझे लगा कि राहुल गांधी पहले बोलेंगे।' निशिकांत दुबे के बोलने के दौरान विपक्ष ने नारेबाजी की और जमकर हंगामा किया। प्रह्लाद जोशी ने हंगामे के बीच कहा कि गोगोई का भाषण पूरा हो गया है, अब निशिकांत दुबे की स्पीच से विपक्ष को डर क्यों है। इसके बाद निशिकांत ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि 'शायद राहुल गांधी देर से उठे होंगे इसलिए बहस में पहले नहीं बोले।'इस दौरान मणिपुर पर दुबे ने कहा कि मैं खुद मणिपुर के इतिहास का भुक्तभोगी हूं। मेरे रिश्तेदार जो सुरक्षाबल में उच्च पद पर थे, वह उग्रवादी हमले में अपना पैर गंवा दिया था।

राहुल गांधी आप कभी सावरकर नहीं हो सकते-निशिकांत दुबे

अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से 'मोदी' सरनेम टिप्पणी मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने का मुद्दा उठाया, जिसके बाद उनकी सदस्यता बहाल की गई। उन्होंने कहा, ''सुप्रीम कोर्ट ने कोई फैसला नहीं दिया है, स्थगन आदेश दिया है। वे कह रहे हैं कि वे माफी नहीं मांगेंगे। दूसरी बात, वे कहते हैं मैं सावरकर नहीं हूं। आप कभी सावरकर नहीं हो सकते क्योंकि सावरकर ने 28 साल जेल में गुजारे थे।

सोनिया गांधी पर भी बोला हमला

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सोनिया गांधी का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, 'सोनिया गांधी का बहुत सम्मान करता हूं। सोनिया गांधी एक भारतीय नारी की तरह काम कर रही हैं। उनके दो काम हैं- बेटे को सेट करना है और दामाद को भेंट करना है। मैं अपनी इस बात पर कायम हूं।

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर भारी भूस्खलन, हाईवे पर रामपुर में होटल जमींदोज


रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर मंगलवार सुबह भारी भूस्खलन हो गया। जिसके चलते हाईवे पर रामपुर में होटल जमींदोज हो गया। वहीं, अगस्त्यमुनि से सोनप्रयाग के बीच हाइवे कई जगहों पर बाधित है। बताया जा रहा है कि यह होटल शहर का सबसे पुराना होटल था। इसे पहले भी खाली कराया जा चुका था।

रुद्रप्रयाग जिले को भूस्खलन से सबसे ज्यादा खतरा

बता दें कि रुद्रप्रयाग देश के 10 सबसे अधिक भूस्खलन खतरे वाले जिलों में से पहले नंबर है। इसकी तस्दीक पिछले तीन-चार दशकों के दौरान जिले में भूस्खलन की वे बड़ी घटनाएं हैं, जिनमें हजारों लोग मारे गए या लापता हो गए।

सोनप्रयाग में 40 और दुकानों को किया ध्वस्त

सोनप्रयाग में अवैध अतिक्रमण के तहत चिह्नित 65 दुकानों में से 40 को प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया है। तीन दिनों में सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक कुल 265 दुकानें तोड़ दी हैं। ये सभी कच्ची व अस्थायी दुकानें रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राजमार्ग के दोनों तरफ अवैध तरीके से बनाई गईं थी।

सोमवार को नायब तहसीलदार जयकृत सिंह रावत के नेतृत्व में सुबह 10 बजे से अतिक्रमण वाली दुकानों को तोड़ने का काम शुरू किया। दोपहर तक प्रशासन की टीम ने मशीन की मदद से सभी दुकानें ध्वस्त कर दी थीं। नायब तहसीलदार ने बताया कि सोनप्रयाग में शटल टैक्सी सेवा स्टैंड से बस स्टेशन तक 65 दुकानें अवैध चिह्नित की गईं थी। 25 दुकानें बीते रविवार को तोड़ दी गईं थी। इस दौरान शेष दुकानों से जुड़े लोगों ने भी अपना सामान समेट लिया था।

बता दें कि इससे पूर्व बीते पांच अगस्त को गौरीकुंड में 40 अवैध कच्ची दुकानों को तोड़ा गया था। जबकि रविवार को गौरीकुंड से सोनप्रयाग तक 175 दुकानें ध्वस्त की गईं थीं। उप जिलाधिकारी जितेंद्र वर्मा ने बताया कि सभी दुकानों को अवैध अतिक्रमण व सुरक्षा की दृष्टि से तोड़ा गया है।

टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन सस्पेंड, राज्यसभा से पूरे सत्र के लिए निलंबित

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टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन को राज्यसभा सभापति ने पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया है।राज्यसभा में आज सभापति जगदीप धनखड़ और टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन के बीच तीखी नोकझोंक हुई। डेरेक चेयर की तरफ चिल्लाने लगे। इसके बाद सभापति ने उन्हें सस्पेंड कर दिया।डेरेक लगातार चेयरमैन की तरफ चिल्लाते हुए नियम 267 के तहत मणिपुर पर चर्चा की मांग कर रहे थे। डेरेक बार-बार मणिपुर पर चर्चा की मांग कर रहे थे, सभापति ने पहले चेतवानी दी। इसके बाद पीयूष गोयल ने उनके निलंबन का प्रस्ताव पेश किया और फिर डेरेक को मौजूदा सत्र के बचे समय के लिए निलंबित कर दिया गया।

दरअसल, बहस एक पॉइंट ऑफ ऑर्डर से शुरू हुई थी। डेरेक ने कहा तो धनखड़ ने पूछा कि आपका पॉइंट ऑफ ऑर्डर क्या है? ब्रायन की आवाज तेज होती चली गई। उन्होंने कहा कि सर, हमें कम्युनिकेट करना है कि हम मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार हैं लेकिन वैसे नहीं, जैसा वे (सत्तापक्ष के लोग) चाहते हैं। इस पर सभापति नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि मैं सदस्यों से स्पष्ट कहना चाहता हूं कि अगर वे पॉइंट ऑफ ऑर्डर चाहते हैं और खड़े होकर पॉइट ऑफ ऑर्डर नहीं देते हैं... उस पर भाषण देने लगते हैं। अगर आप सिर्फ स्पेस चाहते हैं तो यह ठीक नहीं है। धनखड़ ने आगे पूछा, 'मुझे बताइए कि किस रूल के तहत आप पॉइंट ऑफ ऑर्डर दे रहे हैं।' इस पर डेरेन ने जवाब दिया, 'रूल पेज 92 पर है... रूल 267 है विपक्ष के नेता लगातार मणिपुर पर चर्चा के लिए कह रहे हैं।' यह कहते हुए ब्रायन चीखने लगे। इसके बाद उन्हें सभापति ने सस्पेंड कर दिया।

आपको बता दें इससे पहले आप नेता संजय सिंह को पूरे सत्र के सस्पेंड किया जा चुका है। जब सदन की कार्यवाही चल रही थी और सांसद सवाल पूछ रहे थे, इसी दौरान आप सांसद संजय सिंह चेयरमैन की कुर्सी के सामने आकार जोर-जोर से कुछ बोल रहे थे। वो आसन की तरफ हाथ किए हुए थे। इस दौरान सभापति जगदीप धनखड़ लगातार उन्हें अपनी सीट पर बैठने को कह रहे थे।

90 साल के मनमोहन सिंह व्हीलचेयर से राज्यसभा पहुंचे, बीजेपी ने बताया सनक

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दिल्ली सेवा बिल कल यानी सोमवार रात को राज्यसभा में पारित हो गया। सोमवार को राज्यसभा में रात 10 बजे इस पर वोटिंग हुई। सत्तासीन एनडीए और विपक्षी गठबंधन INDIA दोनों ही पक्षों ने अपनी ओर से पूरी ताकत झोंक दी थी। हालांकि एनडीए को 102 के मुकाबले 131 वोटों से जीत हासिल हुई।इस दौरान वोट करने के लिए कांग्रेस की तरफ से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी सदन पहुंचे। खराब तबीयत के चलते वे व्हीलचेयर पर बैठकर आए थे। 

कांग्रेस ने इस बिल को पारित करने से रोकने के लिए खराब सेहत के बावजूद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी राज्यसभा में वोटिंग के लिए बुलाया था। मनमोहन सिंह की उम्र 90 साल की है। उनके खराब स्वास्थ्य के बावजूद संसद में आना राजनीतिक गलियारों में बहस का मुद्दा बन गया। जहां विपक्षी गठबंधन के नेता तारीफ करते नहीं थक रहे तो वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे शर्मनाक बताया।

बीजेपी बोली-बेईमान गठबंधन जिंदा रखने के लिए

भाजपा ने भी मनमोहन सिंह की तस्वीर शेयर की। इसमें पार्टी ने लिखा कि ये कांग्रेस की सनक है, जो स्वास्थ्य की ऐसी स्थिति में भी एक पूर्व प्रधानमंत्री को देर रात व्हीलचेयर पर बैठाए रखा वो भी सिर्फ अपना बेईमान गठबंधन जिंदा रखने के लिए।

कांग्रेस ने बीजेपी को दिया यह जवाब

इस पर कांग्रेस ने जवाब देते हुए मनमोहन सिंह के सदन में पहुंचने को संविधान के सम्मान से जोड़कर बात कही है। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि लोकतंत्र के लिए डॉक्टर साहब का यह समर्पण बताता है कि वे देश के संविधान में कितनी आस्था रखते हैं।श्रीनेत ने इस बात को बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के सम्मान से भी जोड़ दिया। उन्होंने लिखा कि ऐसे वक्त में जब बीजेपी ने अपने सीनियर नेताओं को मानसिक तौर पर 'कोमा' में भेज दिया है, तो वहीं दूसरी ओर मनमोहन सिंह हमारे लिए प्रेरणा और साहस बने हुए हैं। अपने मास्टर को बताइए कि वे कुछ सीखें।

कांग्रेस बोली- पीएम हालात से भाग रहे हैं

कांग्रेस ने इंस्टाग्राम पर भी ये फोटो शेयर की। लिखा- हमारे पूर्व प्रधानमंत्री, एक जिम्मेदार नेता, मनमोहन सिंह की उम्र 90 साल है। अपने खराब स्वास्थ्य और उम्र के बावजूद वे खुद को संसद आने से और अपनी जिम्मेदारी पूरी करने से नहीं रोक पाए। इसे सच्चाई और ईमानदारी कहते हैं।

दूसरी तरफ हमारे देश के प्रधानमंत्री, जिनकी इस देश के प्रति कर्तव्य और जिम्मेदारी है, वे अब तक संसद से दूर बने हुए हैं। वो भी तब, जब दो राज्य हिंसा की आग में जल रहे हैं। हालत से भागना इसे कहते हैं।

आप ने की तारीफ

आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने 90 वर्षीय कांग्रेस नेता की तारीफ की। उन्होंने ट्वीटर पर लिखा कि आज राज्यसभा में डॉ. मनमोहन सिंह ईमानदारी की मिसाल बनकर खड़े हुए और विशेष रूप से काले अध्यादेश के खिलाफ वोट करने आए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र और संविधान के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता एक गहन प्रेरणा है। चड्ढा ने पूर्व पीएम के समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। कहा कि मैं हृदय से उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूं। 

दिल्ली सेवा बिल राज्यसभा से भी पास

बता दें कि, राज्यसभा में सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पर चर्चा हुई। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब दिया। अमित शाह के जवाब के बाद इस बिल पर वोटिंग हुई। विपक्षी नेताओं की ओर से प्रस्तावित किए गए सभी संशोधन ध्वनिमत से नकार दिए गए। बिल पर हुए मतदान में पक्ष में 131 और विपक्ष में 102 वोट पड़े। इसी के साथ बिल को राज्यसभा से मंजूरी मिल गई।

राघव चड्ढा पर सदन में फर्जी हस्ताक्षर कराने का आरोप, आप सांसद के खिलाफ लाया जा सकता है विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव

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लोकसभा के बाद अब दिल्ली सेवा बिल सोमवार को राज्यसभा से भी पास हो गया। सोमवार देर शाम तक इस पर चर्चा हुई और यह बिल पास हो गया। इस दौरान दिल्ली सेवा बिल के पक्ष में कुछ 131 वोट डाले गए, जबकि इसके विरोध में विपक्षी सांसदों की तरफ से महज 102 वोट पड़े। अब इस बिल पर राष्ट्रपति की मुहर लगना बाकी है। इसके बाद यह बिल कानून का रूप ले लेगा।आम आदमी पार्टी इस बिल का कड़ा विरोध कर रही थी, इसके बावजूद बिल पास हो गया। इस दौरान आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा विवाद में घिर गए। उन पर पाँच राज्यसभा सांसदों ने फ़र्ज़ी हस्ताक्षर कराने का आरोप लगाकर विशेषाधिकार हनन की शिकायत की है। 

दरअसल, राघव चड्ढा इस विधेयक को सिलेक्ट कमिटी के पास भेजने का प्रस्ताव लेकर आए थे। 7 अगस्त को आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा पर आरोप लगा कि उन्होंने गलत तरीके से पांच सांसदों के नाम का प्रस्ताव दिल्ली ट्रांसफर-पोस्टिंग बिल को सेलेक्ट कमेटी में शामिल किया। राघव चड्ढा ने सदन में एक प्रस्ताव पेश किया जिसमें दिल्ली से जुड़े बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की सिफारिश की और इस प्रस्ताव में उनके अलावा 4 अन्य सांसदों के हस्ताक्षर थे। लेकिन जब चेयर की तरफ से हरिवंश ने सांसदों के नाम पढ़े तो सांसदों ने अपना नाम सलेक्ट कमेटी में देने इनकार कर दिया। 

बिना जानकारी के डाला गया नाम?

सलेक्ट कमेटी के लिए आप सांसद राघव चड्ढा ने सुधांशु त्रिवेदी, नरहरि अमीन, थम्बी दुरई, सस्मित पात्रा और नागालैंड की सांसद पी कोन्याक के नाम का प्रस्ताव रखा था।बीजेपी सांसद नरहरी अमीन ने कहा कि राघव चड्ढा ने मेरा नाम इस लिस्ट में लिया, उन्होंने इस बारे में मुझसे बात नहीं की और ना ही मैंने किसी तरह की सहमति दी है। राघव चड्ढा ने जो किया है वह पूरी तरह से गलत है। उनके अलावा अन्य सांसदों ने भी इस मसले की जांच की बात कही है। 

संसद के अंदर फर्जीवाड़ा-अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने भाषण में इसका जिक्र किया। अमित शाह ने कहा कि इन सदस्यों ने खुद कहा है कि उन्होंने कोई हस्ताक्षर नहीं किए हैं। ये जांच का विषय है कि इनके साइन कहां से आए, ये मामला अब सिर्फ दिल्ली में फर्जीवाड़े का नहीं है बल्कि संसद के अंदर फर्जीवाड़े का हो गया है। अमित शाह ने मांग करते हुए कहा कि सदस्यों का बयान रिकॉर्ड किया जाए और इसकी जांच भी की जाए।

राघव चड्ढा ने कोर्ट में लड़ाई लड़ने की कही बात

अब भाजपा के राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी व नरहरि अमीन द्वारा यह विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाया जा सकता है।हालांकि आप सांसद राघव चड्ढा का कहना है, ''नोटिस आने दीजिए मैं जवाब दे दूंगा।'' राघव ने कहा कि इस बिल पर हम संसद में हार गए, लेकिन कोर्ट में लड़ाई लड़ेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ फिर से अरविंद केजरीवाल के पक्ष में फैसला सुनाएगी।

क्या है पूरा मामला?

इस साल 11 मई को सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफ़र और पोस्टिंग के अधिकार को लेकर केजरीवाल सरकार के समर्थन में फ़ैसला सुनाया था। कोर्ट ने अपने फ़ैसले में कहा था कि ज़मीन, पुलिस और सार्वजनिक आदेश को छोड़कर अधिकारियों के ट्रांसफ़र और पोस्टिंग का अधिकार समेत सभी मामलों पर दिल्ली सरकार का पूरा अधिकार होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ में चीफ़ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एम आर शाह, जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा शामिल थे। हफ़्ते भर बाद, केंद्र सरकार ने 19 मई को राष्ट्रीय राजधानी से संबंधित संविधान के विशेष प्रावधान अनुच्छेद- 239एए के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए दिल्ली में अधिकारियों की ट्रांसफ़र और पोस्टिंग को लेकर एक अध्यादेश जारी किया था। अध्यादेश के ज़रिए सेवाओं के नियंत्रण को लेकर आख़िरी फैसला लेने का अधिकार उपराज्यपाल को वापस दे दिया गया था।