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नियोजित शिक्षकों के लिए खुशखबरी, सीएम ने शिक्षकों के लिए हर संभव कार्य करने का दिया आश्वासन

डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नियोजित शिक्षकों के मुद्दे पर शनिवार को बड़ी बैठक की। शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के साथ-साथ अन्य सुविधा उपलब्ध कराने जैसे विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने बैठक में महागठबंधन के सहयोगी दलों के नेताओं के साथ इन मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। शीघ्र ही इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। बैठक में शिक्षा विभाग के आला अधिकारी भी मौजूद थे।

बैठक के बाद सहयोगी दलों के नेताओं ने बातचीत को काफी सकारात्मक बताया और कहा कि मुख्यमंत्री ने सारी बातें ध्यान से सुनीं। सीएम ने सरकार की ओर से शिक्षकों के लिए किये गए कार्यों और किये जा रहे कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षकों को लेकर हमेशा गंभीर रही है और उनके कल्याण के लिए चिंतित भी रहती है। सीएम ने शिक्षकों के लिए हर संभव कार्य करने का आश्वासन दिया।

बैठक के बाद कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने कहा कि बातचीत बेहद सकारात्मक रही। नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा से लेकर तमाम मुद्दों पर बातचीत हुई। सीएम ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी बुला रखा था। उन्होने भी हमारी बातें ध्यान से सुनीं। हमें विश्वास है कि हमारी बातचीत के सकारात्मक परिणाम निकलेंगे। खान ने बीपीएससी द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति कराने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए शिक्षा विभाग द्वारा हाल में लिए गए निर्णय को बेहतर बताया। 

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने सबकी बातों को ध्यानपूर्वक सुना। बाद में उन्होंने पदाधिकारियों से भी इस संबंध में बात की। खान ने मुख्यमंत्री से कहा कि आपने शिक्षकों के लिए बहुत कुछ किया है। नियोजित शिक्षकों की मांग है कि उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा मिले। आप इसपर भी गंभीरता से विचार करें।

बिहार कैबिनेट का जल्द होगा विस्तार, कांग्रेस को भी मिलेगी जगह : अखिलेश सिंह

डेस्क : बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा है कि बिहार कैबिनेट का विस्तार शीघ्र ही होगा। इस पर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से बात हुई है। वे पटना लौटने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात करेंगे। उसके बाद निर्णय होगा।

बीते शनिवार को कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय सदाकत आश्रम में मीडिया से बातचीत के दौरान प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने कहा कि कांग्रेस को कोई नजरअंदाज नहीं कर सकता। दावा किया कि बोर्ड-निगमों में भी कांग्रेस को उचित प्रतिनिधित्व मिलेगा। अभी कई बोर्ड-निगम में पद रिक्त हैं। कांग्रेस को उसमें अवश्य जगह मिलेगी। उन्होंने इन सबके लिए थोड़ी प्रतीक्षा करने को भी कहा। 

मौके पर कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मदनमोहन झा, विजेन्द्र चौधरी, प्रेमचन्द्र मिश्रा मौजूद थे।

डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का केन्द्र सरकार पर बड़ा आरोप, कहा-विपक्ष को किसी न किसी तरीके से किया जा रहा तंग

डेस्क : बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने केन्द्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष को किसी न किसी तरीके से तंग किया जा रहा है। 

बीते शनिवार को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद एवं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव नई दिल्ली से वापस पटना लौट गए। पटना एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में तेजस्वी यादव ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सर्वोच्च न्यायालय से मिली राहत का स्वागत किया और कहा कि यह न्याय की जीत है। राहुल गांधी को तंग किया जा रहा था, हालांकि सारे ही विपक्ष को किसी न किसी तरीके से तंग किया जा रहा है। लड़ने पर ही जीत होती है, जो लड़ेगा वह जीतेगा। जो नहीं लड़ेगा वो हारेगा।

बता दें मंगलवार को दोनों नेता नई दिल्ली गए थे। उसी दिन पटना उच्च न्यायालय ने राज्य में जाति आधारित गणना को लेकर अपना फैसला सुनाया था और गणना पर लगायी गयी रोक को हटा लिया था। राजद सूत्रों के मुताबिक लैंड फॉर जॉब मामले में अपने अधिवक्ताओं से बातचीत करने और विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं से मिलने को लेकर दोनों नेता नई दिल्ली गए थे।

बिहार बीजेपी कोर कमेटी की बैठक लिया गया यह बड़ा निर्णय, आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर बिहार के सांसद व केन्द्रीय मंत्री करेंगे यह काम

डेस्क : बीजेपी आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी गई है। चुनाव के मद्देनजर बिहार भाजपा के सांसद व केंद्रीय मंत्री लोकसभा क्षेत्रों में दो-दो दिनों का प्रवास करेंगे। इस दौरान वे जनता की समस्याओं का निदान करेंगे। साथ ही, मोदी सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों के बारे में बताएंगे। शनिवार को प्रदेश कार्यालय में कोर कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया।

प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में बिहार भाजपा के प्रभारी विनोद तावड़े, सह प्रभारी हरिश द्विवेदी व सुनील ओजा, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय व अश्विनी कुमार चौबे शामिल हुए। 

बैठक की बाबत प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी का संघर्ष जारी रहेगा। बूथस्तर तक संगठन को मजबूत किया जा रहा है। लोकसभा के अन्तर्गत कमेटियों का गठन किया जाएगा। बूथ स्तर पर पन्ना प्रमुखों की तैनाती रहेगी। बिहार भाजपा के नेता-कार्यकर्ताओं का अब एक ही मिशन राज्य की सभी 40 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करना है। इसके लिए सभी कार्यकर्ता अभी से ही जी-जान से जुट जाएंगे। 

बैठक में क्षेत्रीय संगठन महामंत्री नागेंद्र, प्रदेश संगठन महामंत्री भिखूभाई दलसानिया, नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जयसवाल, भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री ऋतुराज सिन्हा, पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, राधा मोहन सिंह, सैयद शाहनवाज हुसैन, पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, पूर्व मंत्री नंदकिशोर यादव, मंगल पांडेय, डॉ. प्रेम कुमार व जनक राम, विधान पार्षद डॉ. नवल किशोर यादव व डॉ. राजेंद्र प्रसाद गुप्ता शामिल थे। वर्चुअल माध्यम से इस बैठक में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह शामिल हुए।

राजधानी पटना को जाम के झाम और गंदगी से मुक्त कराने की कवायद, फुटपाथी दुकानदार करेंगे यह काम तो देना होगा जुर्माना

डेस्क : राजधानी पटना के सड़कों पर लगने वाले जाम से मुक्ति दिलाने को लेकर बड़ी पहल होने जा रही है। नगर निगम क्षेत्र में फुटपाथी दुकानदारों को व्यवस्थित करने को लेकर गुरुवार को टाउन वेंडिग कमेटी की बैठक हुई। नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर की अध्यक्षता में हुई बैठक में फुटपाथी दुकानदारों के प्रतिनिधि भी शामिल थे। 

बैठक में यह निर्णय लिया गया कि पहले चरण में पांच प्रमुख स्थलों पर फुटपाथी दुकानदारों को व्यवस्थित किया जाएगा। इसके लिए एक लाल रेखा खींची जाएगी। इसे पार करने वाले फुटपाथी दुकानदारों पर 5000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।

वेंडिंग कमेटी ने जिन पांच स्थलों को चिह्नित किया है, उनमें शेखपुरा मोड़ से जगदेव पथ तक, गांधी मैदान, पटना जंक्शन, हथुआ मार्केट और बोरिंग रोड शामिल हैं। इन पांचों स्थलों पर फुटपाथी दुकानदारों के लिए नगर निगम लाल रेखा खींच कर एक सीमा तय करेगा। निर्धारित सीमा के अंदर रहकर ही फुटपाथी विक्रेता अपना व्यवसाय करेंगे। 

नगर निगम की ओर से लक्ष्मण रेखा खींचने के बाद जो फुटपाथी विक्रेता उल्लंघन करेंगे उन्हें पहली बार पीली रसीद काटी जाएगी और पांच हजार रुपये जुर्माना वसूला जाएगा। दूसरी बार लाल रेखा लांघने पर लाल रसीद कटेगी और 10 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा। इसके बावजूद भी नहीं सुधरे और तीसरी बार गलती की थी उनका वेंडर प्रमाण पत्र हमेशा के लिए जब्त कर लिया जाएगा। फिर उन्हें फुटपाथ पर व्यवसाय नहीं करने दिया जाएगा। निर्णय हुआ कि जो फुटपाथी विक्रेता सड़क पर कचरा फेंकने और गंदगी फैलाएंगे उनका भी वेंडर प्रमाणपत्र रद्द कर दिया जाएगा। सभी वेंडरों की निगरानी स्मार्ट सिटी के सीसीटीवी से की जा रही है।

पर्यटन स्थलों को जोड़ने वाले राजमार्गों के किनारे खोलिए रेस्तरां, सरकार से पाइए 50 लाख रुपये तक मदद

डेस्क : रेस्तरां बिजनेश इच्छा रखने वालों के लिए एक बड़ी खबर है। पर्यटन स्थलों को जोड़ने वाले राजमार्गों के किनारे रेस्तरां (सुविधा संपन्न सत्कार केंद्र) खोलने पर राज्य सरकार पचास लाख रुपये तक की मदद देगी। रेस्तरां के साथ ही यहां पार्किंग, वाहन चार्जिंग स्टेशन, गैराज, पेजयल, शौचालय की सुविधा भी मुहैया करानी होगी। पर्यटन विभाग ने इसके लिए राज्यभर के 23 राजमार्गों का चयन किया है। पर्यटन सचिव अभय कुमार सिंह ने यह जानकारी दी है।

उन्होंने बताया कि सभी सुविधा संपन्न सत्कार केंद्रों की चार श्रेणियां तय की गई हैं। इसके लिए आवेदन सात अगस्त से शुरू होगा। उन्होंने बताया कि बिहार मार्गीय सुविधा प्रोत्साहन योजना के तहत यह मदद दी जाएगी। सत्कार केंद्र खोलने वाले व्यक्ति को योजना का पचास फीसदी या अधिकतम पचास लाख रुपये तक की मदद प्रोत्साहन राशि के रूप में दी जाएगी। 

पर्यटन सचिव ने कहा कि कई तरह की सेवा उपलबध होने के चलते सत्कार केंद्रों से रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। केंद्र खोलने के इच्छुक व्यक्ति सुविधाओं और जमीन की उपलब्धता के हिसाब से चार श्रेणियों में आवेदन कर सकते हैं। विभाग की वेबसाइट पर आवेदन प्रपत्र उपलब्ध हैं। आधुनिक सत्कार केंद्रों को सुविधाओं के हिसाब से प्रीमियम, स्टैण्डर्ड, बेसिक व मौजूदा कार्यरत संरचनाओं में बांटा गया है।

तीन का हुआ था चयन

उन्होंने बताया कि पहले चरण में तीन सत्कार केंद्र को प्रोत्साहन की स्वीकृति दी गई है। निर्धारित तिथि तक इन्हीं के आवेदन आए थे। इसमें गोपालगंज-मुजफ्फरपुर-दरभंगा- सुपौल- पूर्णिया- किशनगंज पर एक, पटना-आरा-रोहतास-कैमूर पर एक और मुजफ्फरपुर-मोतिहारी मार्ग पर एक सत्कार केंद्र खुला है।

ये है आवेदन करने की प्रक्रिया

पर्यटन सचिव ने बताया कि आवेदक विभागीय वेबसाइट www.tourism.bihar.gov.in पर जाकर योजना की विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। वहां से योजना की दिशा-निर्देशिका एवं आवेदन डाउनलोड कर लें। निर्धारित पांच हजार रुपये का शुल्क भुगतान करना है। इसके लिए निदेशक, पर्यटन निदेशालय, बिहार के नाम से देय डिमांड ड्राफ्ट बनवाना होगा। उसके बाद भरे हुए आवेदन और जरूरी दस्तावेज को बंद लिफाफे में मार्गीय सुविधा कोषांग, पर्यटन विभाग में जमा करना होगा।

सीएम नीतीश कुमार कही से लड़े चुनाव, उनकी जमानत हो जायेगी जब्त : सुशील मोदी

डेस्क ; बीते कुछ दिनों से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के यूपी के फूलपुर सीट से लोकसभा चुनाव की चर्चा जोरो पर है। इधर इस चर्चा को लेकर बिहार की सियासत गरम हो गई है। बीजेपी इसे लेकर जदयू पर हमलावर है। पहले बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा, बीजेपी बिहार प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने इस मामले को लेकर सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा। वहीं अब बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम व बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने बड़ा दावा कर दिया है। 

पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार लोकसभा का चुनाव यूपी के फूलपुर से लड़ें या गृह जिला नालंदा से, उनकी जमानत जब्त होगी। उनका जनाधार खिसक चुका है। 

उन्होंने कहा कि एक तरफ नीतीश कुमार कहते हैं कि प्रधानमंत्री बनने की कोई इच्छा नहीं, दूसरी तरफ समर्थकों से नारे लगवाते हैं - "...देश का पीएम नीतीश कुमार जैसा हो" । नीतीश कुमार पांच साल में न कभी फूलपुर गए, न उस क्षेत्र के लिए कुछ किया और न उनके पास वहां के लोगों के सामने रखने के लिए बिहार का कोई मॉडल है। फिर किस आधार पर वोट मांगेगे? 

सुशील मोदी ने कहा कि फूलपुर से चुनाव लड़ने से पहले जदयू को उत्तर प्रदेश विधानसभा के पिछले चुनाव में जीरो पर आउट होने की अपनी हैसियत जान लेनी चाहिए। पार्टी ने डेढ़ दर्जन सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन सभी जगह उसकी जमानत जब्त हुई। 

उन्होंने कहा कि 2014 के संसदीय चुनाव में जदयू ने बिहार की 40 में सिर्फ दो सीटें जीती थी। इनमें नालंदा सीट पर वह मात्र 8 हजार वोटों के अंतर से विजयी हुए थे। नीतीश कुमार को बिहार की जनता पर भरोसा नहीं रहा, इसलिए उत्तर प्रदेश में उनके लिए कोई सुरक्षित सीट खोजी जा रही है। भाजपा चाहती है कि वे दोनों जगह चुनाव लड़ लें, ताकि खुद को लेकर उनके भ्रम दूर हो जाएं।

सीएम नीतीश कुमार के यूपी के फूलपुर से चुनाव लड़ने की चर्चा पर नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कसा तंज, कहा- ख्याली पुलाव पका रही जदयू

डेस्क ; बीते कुछ दिनों से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के यूपी के फूलपुर सीट से लोकसभा चुनाव की चर्चा जोरो पर है। इधर इस चर्चा को लेकर बिहार की सियासत गरम हो गई है। बीजेपी इसे लेकर जदयू पर हमलावर है। 

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उत्तर प्रदेश के फूलपुर से चुनाव लड़ने की अटकलों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा है कि 26 दलों के विपक्षी गठबंधन को भ्रमित करने की योजना का यह हिस्सा है। श्री सिन्हा ने कहा कि देश के लोगों ने देखा है कि किस प्रकार विपक्षी गठबंधन के सूत्रधार बने नीतीश कुमार को बंगलौर की दूसरी बैठक में ही कांग्रेस पार्टी ने किनारा कर दिया और इन्हें कोई महत्व नहीं दिया। पटना से बंगलौर तक की दूसरी बैठक में इन्हें संयोजक बनाने की चर्चा हो रही थी परंतु वह नहीं हुआ। अब जदयू द्वारा इनकी हैसियत और महत्व बढ़ाने के लिये यह प्रचार किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि बिहार में अकेले दम पर चुनाव नहीं जीतने वाली पार्टी जदयू ख्याली पुलाव पका रही है। चुनाव जीतने के लिये इनको कभी भाजपा तो कभी राजद का ही सहारा चाहिये। सिद्धांत की तिलांजलि देकर जदयू एवं इनके नेता आज अपना राजनीतिक अस्तित्व बचाने के संकट में है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वर्ष 2022 के यूपी चुनाव में एक-आध जगह को छोडकर बाकी जगह जनता दल युनाईटेड की सभी सीटों पर जमानत जब्त हुई थी। यदि यूपी की जनता इनको इतना चाहती थी तो धनंजय सिंह के जैसे बाहुबली नेता क्यों चुनाव हार गये। जाति के आधार पर जदयू यूपी में प्रवेश करना चाहती है। पर इन्हें पता होना चाहिये कि इनकी जाति भी बढचढ कर यूपी में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व मे भाजपा को ही वोट देती है।

विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री पद प्राप्त करने के लिये बैचेन राजद के लिये यह झुठा प्रचार मरहम एवं आशा के रुप में प्राप्त किया जा रहा है। अंदर से परेशान जदयू इसी प्रचार में लग गयी है कि नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव के बाद तेजस्वी यादव को गद्दी सौप देंगे। लेकिन भाजपा के सभी कार्यकर्त्ता जानते हैं कि ये बिहार से भी लोक सभा का चुनाव नहीं लड़ने वाले है। 18 वर्षो से विधान परिषद का सदस्य रहकर पिछले दरवाजे से शासन करना इनकी आदत हो गयी है। लोकसभा चुनाव में बिहार में जदयू की भारी हार होगी। फिर महागठबंधन के नाम पर महाठगबन्धन की सरकार को भी गद्दी छोड़ना पड़ेगा।

बिहार में जातिगत जनगणना का मुद्दा एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, याचिका दायर कर पटना हाईकोर्ट के एक अगस्त के फैसले को दी गई चुनौती

 बिहार में हो रही जातिगत जनगणना का मुद्दा एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। शीर्ष अदालत में इसे लेकर एक याचिका दायर की गई है। इसमें पटना हाईकोर्ट के 1 अगस्त के फैसले को चुनौती दी गई है। हाईकोर्ट ने मंगलवार को जातिगत जनगणना को सही ठहराते हुए उसके खिलाफ दायर सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था। अब इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई गई है। हालांकि, नीतीश सरकार ने पहले ही कैविएट दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उसका पक्ष जाने बिना कोई आदेश न दिया जाए।

जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को जातीय जनगणना पर पटना हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ एसएलपी दायर की गई। वकील तान्याश्री ने आवेदक अखिलेश कुमार की ओर से यह अर्जी शीर्ष अदालत में लगाई। एक दिन पहले बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में नीतीश सरकार की ओर से कैविएट दायर किया गया था। इसमें सरकार की ओर से कहा गया कि अगर जातिगत गणना पर रोक लगाने की मांग वाली कोई याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर हो तो, बिना सरकार का पक्ष जाने बिना आदेश न दिया जाए।

जातिगत गणना कराने के लिए शिक्षकों की ट्रेनिंग रद्द, नीतीश सरकार का आदेश

हाईकोर्ट ने 1 अगस्त को जातिगत जनगणना के खिलाफ दायर याचिकाओं पर फैसला सुनाया था। अदालत ने बिहार सरकार के जाति गणना कराने के फैसले को सही ठहराया और उसके खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया था। इससे पहले मई महीने में हाईकोर्ट ने जातिगत गणना पर अस्थायी रोक लगा दी थी, जिससे इसका काम बीच में ही अटक गया था। अब हाईकोर्ट के अंतिम आदेश के बाद राज्य में जातीय गणना का काम फिर से शुरू हो गया है।

जातिगत जनगणना : बिहार सरकार ने दाखिल किया सुप्रीम कोर्ट में कैविएट, आग्रह किया कि पटना हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील होने पर उसका (राज्य) पक्ष भी सुना जाए


डेस्क : जातिगत जनगणना मामले पर बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना कैविएट दाखिल किया है। सरकार ने शीर्ष कोर्ट से आग्रह किया कि यदि इस मामले में पटना हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील दाखिल की जाती है तो उसका (राज्य) पक्ष सुने बगैर कोई आदेश पारित नहीं किया जाए। 

बता दें कि पटना हाईकोर्ट ने मंगलवार को बिहार सरकार को राहत देते हुए राज्य में जातीय गणना को चुनौती देने वाली जनहित याचिका खारिज कर दी थी।

इससे पहले, हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर विचार करते हुए राज्य में जाति आधारित गणना पर लगी रोक हटा दी। राज्य सरकार द्वारा कराए जा रहे जातीय गणना को चुनौती देने वाली सभी रिट याचिकाएं खारिज कर दी। 

हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि राज्य सरकार योजनाएं तैयार करने के लिए सामाजिक आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति को ध्यान में रखकर गणना करा सकती है।

बिहार में 89 दिन बाद फिर जाति आधारित गणना शुरू

पटना हाईकोर्ट की हरी झंडी मिलने के अगले ही दिन बुधवार को बिहार में 89 दिनों बाद जाति आधारित गणना के अधूरे कार्यों को पूरा करने का काम पुन: शुरू हो गया। 

सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश पर राज्य के सभी जिलों में जाति आधारित गणना कार्य को लेकर प्रगणकों को क्षेत्र में रवाना किया गया। पूर्व से चिन्हित घरों में जाकर प्रगणकों ने जाति आधारित गणना के तहत निर्धारित 26 बिंदुओं पर अलग-अलग जानकारी प्राप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी। इस कार्य में राज्य में करीब 5 लाख 19 हज़ार कर्मचारी लगाए गए। 

पटना उच्च न्यायालय के आदेश पर राज्य सरकार ने जाति आधारित गणना का कार्य 4 मई से बंद कर दिया था। इस गणना कार्य के प्रथम चरण में प्रगणक 2 करोड़ 58 लाख 90 हजार 497 परिवारों तक पहुंचे थे।