बड़ी खबर : नीतीश सरकार के हक मे आया फैसला, पटना हाईकोर्ट ने जाति गणना पर रोक लगाने की याचिका को किया खारिज
बड़ी खबर : बिहार में जातीय गणना पूरी होगी। जातीय गणना को लेकर पटना हाईकोर्ट ने मंगलवार को प्रदेश की नीतीश सरकार को बड़ी राहत दी है।
चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने लगभग चार महीन के इंतजार के बाद आखिरकार नीतीश कुमार-लालू प्रसाद का ड्रीम प्रोजेक्ट माने जानेवाले जातीय सर्वे को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर पटना हाई कोर्ट अपना फैसला सुनाया।
हाईकोर्ट ने जातीय सर्वेक्षण मामलें पर आज अपना फैसला सुनाते हुए इस मामले में दायर विरोधियों की याचिका को ख़ारिज कर बिहार सरकार को जातीय गणना कराने की अनुमति दे दी है।
बता दें सात जुलाई को हाईकोर्ट ने जाति आधारित गणना पर पांच दिन सुनवाई करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई की थी।
मामले पर सुनवाई के दौरान आवेदकों की ओर से सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट अपराजिता सिंह सहित अधिवक्ता अभिनव श्रीवास्तव, दीनू कुमार, रितिका रानी, रितु राज और धनंजय तिवारी ने अपना पक्ष रखा। वहीं राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पीके शाही, अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार, मनीष कुमार, आलोक राही ने दायर अर्जी का जमकर विरोध किया। आवेदक जाति आधारित गणना पर सवाल उठाते हुए संविधान विरोधी बताया।
वहीं अर्जी का विरोध करते हुए महाधिवक्ता का कहना था कि राज्य सरकार अपने अधिकार क्षेत्र में रहकर जाति आधारित सर्वे करा रही हैं। इस पर किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। मगर कुछ लोग इस का विरोध कर रहे हैं, जबकि बहुत से लोग स्वेच्छा से जानकारी दे रहे हैं।
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद 4 मई को जाति आधारित सर्वे पर अंतरिम आदेश जारी कर रोक लगा दी थी। साथ ही डाटा को सुरक्षित रखने का आदेश दिया था। इसके बाद आगे की सुनवाई के लिए 3 जुलाई की तारीख तय की थी, जो सात तक चली थी।


 
						





 
 




 
  
  
  
  
 

Aug 01 2023, 14:02
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