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विपक्षी गठबंधन पर पीएम मोदी के तंज पर राहुल गांधी का पलटवार, कहा-आप कुछ भी बुलाएं, हम INDIA हैं

#rahul_gandhi_attacks_pm_narendra_modi

विपक्षी दलों के गठबंधन के नाम INDIA को लेकर तनातनी जारी है।इस क्रम में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विपक्षी गठबंधन पर दिए बयान को लेकर पलटवार किया है। राहुल गांधी ने कहा, पीएम मोदी आप जो चाहें कह लीजिए, हम INDIA हैं। बीजेपी की संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने विपक्षी गठबंधन (इंडिया) पर तंज कसते हुए देश का अब तक का सबसे ‘दिशाहीन' गठबंधन करार दिया। पीएम ने ईस्ट इंडिया कंपनी तथा इंडियन मुजाहिदीन जैसे नामों का हवाला देते हुए कहा कि केवल देश के नाम के इस्तेमाल से लोगों को गुमराह नहीं किया जा सकता।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा वार करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा कि हम मणिपुर को संवारने और हर महिला-बच्चे के आंसू पोंछने का काम करेंगे। हम लोगों के बीच शांति और प्यार लाएंगे। हम भारत की सोच को मणिपुर में लागू करेंगे।

इंडिया से ही नफ़रत करने लग गए- कांग्रेस

वहीं,पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने ट्वीट किया, ‘‘ मोदी जी, आप कांग्रेस विरोध में इतने अंधे हो गए कि इंडिया से ही नफ़रत करने लग गए। सुना है आज कुंठा में आ कर आपने इंडिया पर ही हमला बोल दिया।''

क्या कहा था पीएम मोदी ने?

इससे पहले संसद में जारी गतिरोध के बीच मंगलवार को भाजपा के संसदीय दल की बैठक हुई। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। प्रधानमंत्री ने विपक्ष के नए नाम इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव एलायंस (INDIA) पर तंज कसा और कहा कि ईस्ट इंडिया कंपनी में भी इंडिया था और इंडियन मुजाहिदीन में भी इंडियन है, लेकिन सिर्फ इंडिया नाम रखने से इंडिया नहीं हो जाता। प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्ष पूरी तरह से दिशाहीन है।

हर साल 26 जुलाई का दिन कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। 26 जुलाई 2023 को कारगिल विजय दिवस की 24वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी।

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव 

भारत और पाकिस्तान कई मुद्दों पर अक्सर अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक दूसरे के सामने होते हैं, लेकिन एक वो दौर भी था, जब भारत के वीर जवानों ने पाकिस्तान के कब्जे से कारगिल की ऊंची चोटियों को आजाद कराया था। इसके लिए देश के वीरों ने अपनी जान तक न्योछावर कर दी थी। कई सैनिक शहीद हुए, लेकिन कारगिल युद्ध में विजय भारत के नाम कर गए। इतिहास के पन्नों पर ये दिन गौरव का दिन हैं। भारतीय सेना के सम्मान का दिन है। इसलिए हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इस मौके पर देश के शहीदों को याद व नमन किया जाता है। अगर आप 26 जुलाई 1999 के उस दिन के बारें में विस्तार से जानेंगे, तो देशभक्ति आपके भी रगो में लावा बनकर धधकेगी। आपका भी गर्व से सीना चौड़ा हो जाएगा। साल 1999 में भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच सीमा विवाद को लेकर कारगिल का युद्ध छिड़ गया। पाकिस्तानी सेना ने भारतीय क्षेत्र कारगिल की ऊंची चोटियों पर कब्जा कर लिया था लेकिन भारत के जबांज सैनिकों ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ दिया। भारतीय सेना ने "ऑपरेशन विजय" को अंजाम देते हुए के टाइगर हिल और अन्य चौकियों पर कब्जा कर लिया। हमारे जवानों के लिए ये जंग आसान नहीं रही होगी। लद्दाख के कारगिल ने पाकिस्तानी सेना के साथ 60 दिनों से अधिक समय तक युद्ध जारी रहा।

कारगिल दिवस मनाने का उद्देश्य

इस दिन भारत पाकिस्तान युद्ध में देश की जीत के तौर पर देखा जाता है, हालांकि कारगिल विजय दिवस मनाने का उद्देश्य सैकड़ों शहीद हुए भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि देना है। कारगिल युद्ध में भारतीय सेना के 527 सैनिकों की शहादत के साथ पाकिस्तान के 357 सैनिकों ने भी जान गंवाई। वहीं भारत पाक कारगिल युद्ध में 453 आम नागरिकों की भी मौत हो गई।

कारगिल विजय दिवस की गाथा

इसके बाद भारत सरकार ने 'ऑपरेशन विजय' शुरू करते हुए लगभग दो महीने की लंबी लड़ाई जारी रखीं। 2 लाख भारतीय सैनिकों ने इस युद्ध हिस्सा लिया। शुरुआत में पाकिस्तान में भारतीय नियंत्रण सीमा क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया था। लेकिन भारतीय सेना की रणनीति और साहस के सामने पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी। पहले भारत ने रणनीतिक परिवहन मार्गों पर कब्जा किया। फिर स्थानीय चरवाहों से खुफिया जानकारी प्राप्त की। उसके बाद थल सेना ने भारतीय वायुसेना की मदद से जुलाई के अंतिम सप्ताह में विजय होकर युद्ध का अंत कर दिया।

भारतीय सेना द्वारा घोषित विजय

कैप्टन विक्रम बत्रा कारगिल युद्ध के दौरान शहीद हो गए। उनके जैसे कई वीर सपूतों ने सेना के मिशन को सफल बनाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। जिसके बाद 26 जुलाई 1999 को भारतीय युद्ध में विजय की घोषणा की।

केंद्र के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में विपक्ष? जानें बीजेपी ने क्या कहा

#opposition_alliance_india_preparing_to_no_confidence_motion_against_govt

मणिपुर हिंसा को लेकर दोनों सदनों में गतिरोध जारी है। मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री मोदी के बयान को लेकर विपक्ष अपनी मांग पर अड़ा हुआ है। हालांकि, सरकार चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष की शर्तें उसे मंजूर नहीं है। इसी बीच एक ओर संसद में भाजपा संसदीय दल की बैठक हुई। वहीं, सदन के पटल पर रणनीति पर चर्चा करने के लिए संसद में राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष कक्ष में समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के नेताओं की भी बैठक हुई।खबर मिल रही है कि भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA) में शामिल कुछ विपक्षी दल लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस ला सकते हैं। मंगलवार सुबह 'इंडिया' के घटक दलों की बैठक में नोटिस सौंपने के प्रस्ताव पर चर्चा की गई।

सूत्रों के मुताबिक मणिपुर की स्थिति पर प्रधानमंत्री मोदी को संसद में बोलने के लिए मजबूर करने के विभिन्न विकल्पों पर विचार करने के बाद यह निर्णय लिया गया कि सरकार को इस मुद्दे पर चर्चा शुरू करने के लिए मजबूर करने का यह एक प्रभावी तरीका होगा। सूत्रों ने कहा कि मणिपुर पर सरकार को घेरने की विपक्ष की रणनीति राज्यसभा में भी जारी रहेगी।

बीजेपी को अविश्वास प्रस्ताव से मिलने वाली चुनौती पर सरकर ने तंज कसा। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि विपक्ष ने इससे पहले भी 2019 चुनाव से पहले अविश्वास प्रस्ताव लाया था और उस पर लंबी चर्चा हुई थी और उसका परिणाम बाद में देखने को मिला। हमें यानी एनडीए को 2014 से भी अधिक सफलता मिली और हम 300 से अधिक सीट लेकर फिर से सरकार में आए। इस बार भी विपक्ष अगर अविश्वास प्रस्ताव लाता है तो हमारी सीट 2019 से भी अधिक आएगी। उनके प्रस्ताव से हमें कोई दिक्कत नहीं है।

बता दें कि विपक्षी दल मणिपुर मुद्दे पर लंबी चर्चा की मांग कर रहे हैं। इसके लिए कई विपक्षी सांसदों ने स्थगन नोटिस दिया था। विपक्ष इस मुद्दे पर बिना किसी समय की पाबंदी के सभी दलों को बोलने की अनुमति के साथ बहस चाहता है। इसी को लेकर गुरुवार को मानसून सत्र शुरू होने के बाद से लगातार विपक्ष इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन कर रहा है। वहीं, दूसरी ओर सरकार ने विपक्ष पर इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर बहस से भागने का आरोप लगाया है और इसके प्रति उनकी गंभीरता पर सवाल उठाया है। विपक्ष ने भी सरकार पर पलटवार करते हुए बहस से भागने का इल्जाम लगाया है।

संसद में मणिपुर पर संग्राम जारी, लोकसभा अध्यक्ष ने सर्वदलीय बैठक बुलाई

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मणिपुर को लेकर संसद में गतिरोध जारी है।संसद के मानसून सत्र में मणिपुर मुद्दे पर हंगामा जारी है। सरकार मणिपुर हिंसा पर चर्चा के लिए तैयार है लेकिन विपक्ष प्रधानमंत्री द्वारा संसद में बयान देने की मांग पर अड़ा है।इस बीच लोकसभा में गतिरोध समाप्त करने के लिए स्पीकर ओम बिरला ने पहल की है। स्पीकर ने सभी दलों के नेताओं की बैठक बुलाई है।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन को सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी दलों की बैठक बुलाई है। संसद में जारी गतिरोध खत्म करने के लिए बैठक बुलाई गई है। माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद कोई बीच का रास्ता निकल सकता है।दरअसल, लोकसभा सदन में विपक्ष का हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहे हैं, जिसके चलते कई महत्वपूर्ण बिल पेश नहीं हो पा रहे हैं।

बता दें कि मणिपुर में हिंसा को लेकर संसद में लगातार हंगामा हो रहा है। सत्र के तीन दिन हंगामे की भेंट चढ़ चुके हैं। आज चौथा दिन है और लोकसभा की कार्यवाही को हंगामे के चलते 2 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा, वहीं राज्यसभा में भी लगातार हंगामा हो रहा है। मणिपुर पर चर्चा के नियम और प्रधानमंत्री के जवाब को लेकर पेच फंसा हुआ है। विपक्ष संसद के अंदर प्रधानमंत्री से बयान की मांग पर अड़ा है तो सरकार का कहना है कि इस मामले पर गृह मंत्री बयान देंगे ना कि प्रधानमंत्री।

मणिपुर में हिंसा की खौफनाक दास्तान, विधायक को करंट, स्वतंत्रता सेनानी की पत्नी को जिंदा जलाया, महिलाओं की नग्न परेड और संसद की कार्यवाही ठप, डिट

मणिपुर में हिंसा की खौफनाक वारदातें लगातार सामने आ रही है। खासकर कुकी-जोमी आदिवासी समुदाय हिंसा का ज्यादा शिकार हुआ है। कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके सड़क पर परेड कराने की घटना सामने आई थी। एक और घटना में भाजपा विधायक वुंगजागिन वाल्टे पर जानलेवा हमला हुआ। मैतई समुदाय से जुड़े उपद्ववियों ने उन्हें बुरी तरह पीटा और करंट दिया। इतने समय इलाज कराने के बाद अब वह बेड रेस्ट की स्थिति में हैं। 28 मई को उपद्रवियों ने स्वतंत्रता सेनानी की पत्नी और 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला को उनके घर के साथ जिंदा जलाकर मार डाला। ये कुछ झलकियां हैं, मणिपुर हिंसा की। उधर, संसद में बैठे माननीय पिछले कुछ महीनों से हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर का दर्द समझने को तैयार नहीं हैं। हालत ये हैं कि पिछले तीन दिनों से संसद में मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा तक नहीं हो पाई। लगातार चल रहे हंगामे की वजह से तीन दिनों में सदन की कार्यवाही एक घंटे से ज्यादा नहीं चली।

मणिपुर में मई महीने से शुरू हुई सामुदायिक हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही हैं। उधर, पिछले तीन दिनों से देश की संसद में बैठे सांसद इस पर फैसला तक नहीं ले पा रहे हैं। तीन दिनों से लगातार हंगामे की वजह से दोनों सदनों की कार्यवाही एक घंटा तक नहीं चल पाई। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि माननीय मणिपुर के मुद्दे पर कितनी गंभीर है? 

विधायक को करंट लगाया

मणिपुर के भाजपा विधायक वुंगजागिन वाल्टे गहन देखभाल के लिए दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में भर्ती हैं। उनकी हालत में अब काफी सुधार हुआ है। उनकी पत्नी माइनु वाल्टे ने उस दर्दनाक घटना को याद करते हुए बताया कि उस घटना ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया था। बेटे जोसेफ ने कहा "अगर मेरे पिता, एक विधायक, राज्य में सुरक्षित नहीं थे, तो आप एक आम आदमी की स्थिति की कल्पना कर सकते हैं।" जोसेफ ने यह भी दावा किया कि हमले के पीछे कट्टरपंथी मैतेई समूह आरामबाई तेंगगोल का हाथ था।

अपने पिता पर हुए क्रूर हमले के बारे में बताते हुए, जोसेफ ने खुलासा किया, "उन्होंने मेरे पिता के सिर पर कई बार तेज वस्तुओं से हमला किया। उन्हें चेहरे पर भी हमला किया गया। इससे उनके सिर पर काफी गहरे जख्म हो गए। बुरी तरह बिजली का झटका दिया गया। हालत यह है कि उन्होंने अपनी बोलने की क्षमता और याददाश्त खो दी है। डॉक्टरों का अनुमान है कि उन्हें ठीक होने में दो महीने से अधिक समय लगेगा।"

अब नहीं लौटेंगे घर

डर और सुरक्षा की चिंताओं के कारण, परिवार ने स्थिति में सुधार होने तक इंफाल नहीं लौटने का फैसला किया है। जोसेफ ने बताया, "उन्होंने (मैतेई) हमें अलग-थलग कर दिया। हमने खुद को अलग नहीं किया है, लेकिन उन्होंने आदिवासियों को वहां से चले जाने के लिए कहा है।"

महिलाओं को नग्न घुमाया

यह वीभत्स घटना 4 मई की है। मैतई समुदाय से जुड़ी भीड़ पर कुकी और जोमी आदिवासी महिलाओं को नग्न करके सड़क पर परेड कराने का मामला सामने आया था। यह घटना 4 मई की बताई गई, हालांकि इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर कुछ दिन पहले वायरल हुआ था। भीड़ पर एक महिला के साथ गैंगरेप करने का भी आरोप हैं। एक महिला की उम्र 20 और दूसरी महिला की 40 वर्ष बताई गई। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि भीड़ ने पहले महिलाओं के परिवार में शामिल दो पुरुष सदस्यों को मार डाला था। महिलाओं ने पुलिस पर उपद्रवियों से मिली-भगत का भी आरोप लगाया। 

स्वतंत्रता सेनानी की पत्नी को जिंदा जलाया

मणिपुर में घटी एक अन्य वीभत्स घटना ने पूरे देश को झकझोर कर दिया है। यहां स्वतंत्रता सेनानी की 80 वर्षीय पत्नी को उपद्ववियों ने जिंदा जला दिया। घटना मणिपुर की राजधानी इंफाल से 80 किलोमीटर दूर हुई थी। 28 मई को भीड़ ने महिला को उनके घऱ के साथ आग के हवाले कर दिया।

जल रहा मणिपुर, हंगामे की भेंट चढ़ती सदन की कार्यवाही

एक तरफ मणिपुर पिछले 80 दिनों से हिंसा की आग में जल रहा है। 4 मई से शुरू हुई हिंसा में जुलाई महीने तक 140 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। 50 हजार से ज्यादा लोग राज्य से पलायन कर चुके हैं। दूसरी तरफ दिल्ली की संसद में सदन की कार्यवाही पिछले तीन दिनों से हंगामे की भेंट चढ़ रही है। देश के माननीय सांसद यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि मणिपुर के मुद्दे पर किस नियम से चर्चा की जाए? यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि सियासत को साइड में रखकर मणिपुर के भविष्य के लिए संसद की कार्यवाही को आगे बढ़ाया जाए। पिछले तीन दिनों में संसद की कार्यवाही एक घंटा भी नहीं चल पाई है।

गुजरात के राजकोट एयरपोर्ट पर 100 यात्री फ्लाइट का इंतजार ही करते रहे, पायलट ने कहा, ड्यूटी खत्म, दो घंटे सांसद भी करते रहे इंतजार, प्रबंधन भी बन

गुजरात के राजकोट एयरपोर्ट पर करीब 100 यात्री रविवार को अपनी फ्लाइट का इंतजार ही करते रहे। दरअसल एयर इंडिया के पायलट ने कह दिया कि उसकी ड्यूटी खत्म हो गई है इसलिए वह विमान नहीं उड़ाएगा। इसके बाद लोगों को एयरपोर्ट पर दो घंटे तक वैकल्पिक विमान का इंतजार करना पड़ा। इसमें भाजपा के कुछ सांसद भी शामिल थे।

पायलट ने कह दिया कि उसकी शिफ्ट खत्म हो गई है। उसकी जिद के आगे प्रबंधन भी कुछ नहीं कर पाया। सांसदों ने भी कोशिश की कि किसी तरह विमान उड़ान भरे लेकिन कोई कामयाब नहीं हो पाया। इसके बाद जामनगर की सांसद पुनम बेग माडम ने जामनगर जाकर दिल्ली के लिए उड़ान भरी। राज्यसभा के उम्मीदवार केशरी देव सिंह ने अहमदाबाद से फ्लाइट ली। वहीं मोहनभाई कुंडारिया ने यात्रा कैंसल करदी। 

आम तौर पर अगर पता रहता है कि किसी पायलट की शिफ्ट खत्म होने वाली है तो उसके रिलीवर का इंतजाम किया जाता है लेकिन एयर इंडिया ने ऐसा नहीं किया था। पायलट ने कहा था कि डीजीसीए के तय समय के मुताबिक उसकी ड्यूटी खत्म हो गई थी। एयर इंडिया के पायलट ने बयान जारी कर कहा कि जिन यात्रियों को जल्दी दिल्ली जाना था उनको सड़क मार्ग से अहमदाबाद भेजा गया और वहां से फ्लाइट दिलाई गई। बाकी यात्रियों के लिए होटल में रुकने का इंतजाम किया गया

रेल टिकट बुकिंग वाली आईआरसीटीसी की वेबसाइट डाउन, कम्पनी ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर, यहां जानिए, कैसे करें समस्या का समाधान

रेल टिकट बुकिंग वाली आईआरसीटीसी की वेबसाइट डाउन चल रही है। इसके चलते रेल सफर के लिए टिकट बुक कराने वाले लोगों को समस्या आ रही है। सुबह करीब 10 बजे यह समस्या शुरू हुई है, जिस पर तकनीकी टीम ने काम करना शुरू कर दिया है। आईआरसीटीसी का कहना है कि कुछ वक्त में ही यह समस्या खत्म हो सकती है। फिलहाल IRCTC की ओर से कस्टमर केयर नंबर दिए हैं, जिन पर कॉल करके ग्राहक समस्या का समाधान ले सकते हैं। ये नंबर हैं- 14646,0755-6610661 & 0755-4090600। इसके अलावा पर मेल भी किया जा सकता है।

आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर विजिट करने पर नोटिफिकेशन दिखता है। इसमें बताया गया है कि मेंटनें ऐक्टिविटी के चलते ई-टिकट सर्विस उपलब्ध नहीं है। कुछ समय बाद प्रयास करें। टिकट कैंसलेशन के लिए कस्टमयर केयर नंबर भी दिए गए हैं। इस बारे में IRCTC ने ट्वीट करके भी जानकारी दी है। आईआरसीटीसी ने बताया, 'तकनीकी कारणों से हमारी टिकट सेवा उपलब्ध नहीं है। समस्या को हल के लिए हमारी तकनीकी टीम जुटी हुई है। जैसे ही यह समस्या खत्म होती है, हम आप लोगों को सूचित करेंगे।'

इस बीच रेलवे ने टिकट बुकिंग के लिए कुछ विकल्प भी सुझाए हैं, जहां से यात्रा के टिकट लिए जा सकते हैं। टिकट बुकिंग के लिए यात्री Ask disha विकल्प को चुन सकते हैं। इसके अलावा आईआरसीटीसी के ई-वॉलेट के जरिए भी टिकटों की बुकिंग की जा सकती है। रेलवे स्‍टेशन पर काउंटर से भी अडवांस बुकिंग और तत्काल टिकट बुकिंग कराई जा सकती है। दरअसल आईआरसीटीसी की वेबसाइट और ऐप से पेमेंट में दिक्कत आ रही थी। इस समस्या से निपटने के लिए ही वेबसाइट को डाउन किया गया है ताकि तकनीकी खामी को दूर किया जा सके।

पीएम मोदी का विपक्ष पर बड़ा हमला, ईस्ट इंडिया से लेकर इंडियन मुजाहिदीन तक से कर डाली नए गठबंधन “ INDIA” की तुलना

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संसद में मणिपुर पर संग्राम जारी है। गतिरोध दूर करने के लिए आगे की रणनीति बनाने में सरकार जुटी है। इसी को लेकर आज बीजेपी संसदीय दल की बैठक हुई। इस बैठक में पीएम मोदी भी मौजूद थे। इस बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर जोरदार हमला बोला। इस दौरान पीएम ने विपक्षी के नए गठबंधन की तुलना ईस्ट इंडिया कंपनी और इंडियन मुजाहिदीन तक से कर दी। साथ ही उन्होंने विपक्ष को बिखरा हुआ और हताश बताया।

इंडिया नाम पर पीएम का तंज

बीजेपी संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी एकता पर तंज करसके हुए कहा कि विपक्ष दिशाहीन हो गया है। विपक्ष बिखरा हुआ और हताश है। ईस्ट इंडिया कंपनी के नाम में भी इंडिया लगाया गया था। इंडियन मुजाहिद्दीन के नाम में भी इंडियन। इंडिया नाम लगा लेने से इंडिया नहीं हो जाता है। 

सांसदों को अपना काम करने की सलाह

इस दौरान प्रधानमंत्री ने अपने सांसदों को सलाह भी दी। उन्होंने कहा कि विपक्ष का काम है प्रोटेस्ट करना है, उन्हें करने दें और अपने काम पर ध्यान दें। ऐसा लगता है कि विपक्ष को लंबे समय तक सत्ता में आने की इच्छा नहीं है। ये हमेशा विपक्ष में ही रहना चाहते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि 2047 तक विकसित देश बनाना है। उन्होंने कहा कि तीसरे टर्म में भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनानी है।

हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बाधित

बता दें कि मणिपुर में हिंसा को लेकर संसद में लगातार हंगामा हो रहा है। सत्र के तीन दिन हंगामे की भेंट चढ़ चुके हैं। आज चौथा दिन है और लोकसभा की कार्यवाही को हंगामे के चलते 2 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा, वहीं राज्यसभा में भी लगातार हंगामा हो रहा है। मणिपुर पर चर्चा के नियम और प्रधानमंत्री के जवाब को लेकर पेच फंसा हुआ है। विपक्ष संसद के अंदर प्रधानमंत्री से बयान की मांग पर अड़ा है तो सरकार का कहना है कि इस मामले पर गृह मंत्री बयान देंगे ना कि प्रधानमंत्री।

बीजेपी संसदीय दल की बैठक जारी, विपक्ष के चक्रव्यूह के घेरने के मुद्दे पर पार्टी सांसदों के साथ मंथन कर रहे पीएम मोदी

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संसद के मानसून सत्र में मणिपुर मुद्दे पर हंगामा जारी है। सरकार मणिपुर हिंसा पर चर्चा के लिए तैयार है लेकिन विपक्ष प्रधानमंत्री द्वारा संसद में बयान देने की मांग पर अड़ा है। इस बीच, आज भाजपा संसदीय दल की बैठक संसद भवन में हो रही है। सुबह 9.30 बजे शुरू हुई बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पहुंचे हैं। 

बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्र के बाद जनता से संवाद की रणनीति को लेकर पार्टी सांसदों को अहम निर्देश दे सकते हैं। बैठक में संसद में जारी गतिरोध और विपक्षी दलों के हमलों पर जवाबी रणनीति पर भी चर्चा हो सकती है।

विपक्ष भी करेगा बैठक

उधर, विपक्षी दल भी आज बैठक कर रहे हैं। जी हां, कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बताया है कि मणिपुर के मसले पर विपक्षी नेताओं की एक बैठक हो रही है। विपक्षी दलों के नेता इस मुद्दे पर अपनी आगे की रणनीति तैयार करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ बैठक करेंगे। संसद में कार्यवाही की शुरुआत से पहले I.N.D.I.A. गठबंधन से जु़ड़े सांसद मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात करेंगे। इस दौरान विपक्षी नेता अपनी अगली रणनीति पर चर्चा करेंगे। मंगलवार को मल्लिकार्जुन खरगे के चैंबर में होने वाली इस बैठक में AAP सांसद संजय सिंह के निलंबन पर भी चर्चा होनी है।

मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए 11 राज्यसभा सांसदों ने दिया स्थगन प्रस्ताव

मणिपुर मुद्दे पर राज्यसभा में चर्चा के लिए 11 सांसदों ने स्थगन प्रस्ताव दिया है। जिन सांसदों ने स्थगन प्रस्ताव पेश किया है, उनमें राघव चड्ढा, के केशव राव, केआर सुरेश रेड्डी, जोगिनीपल्ली संतोष कुमार, बाडगुला लिंगैया यादव, रंजीत रंजन, मनोज झा, सैयद नसीर हुसैन, तिरुची शिवा, इमरान प्रतापगढ़ी और राजीव शुक्ला का नाम शामिल है।

संजय सिंह के निलंबन पर भड़के विपक्षी सांसद, संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने रातभर दिया धरना

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मणिपुर के मुद्दे को लेकर संसद में गतिरोध जारी है। विपक्षी दलों के नेता मणिपुर मामले में सदन में चर्चा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब की मांग पर लगातार नारेबाजी कर रहे हैं। सदन में जारी इस गतिरोध के कारण मानसून सत्र के तीन दिनों की कार्यवाही बेकार गई। सोमवार को इसी मुद्दे पर हो रहे हंगामे के बीच राज्यसभा के सभापति उपराष्ट्रपति जगदीश धनखड़ ने आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को पूरे मानसून सत्र के लिए निलंबित कर दिया था। संजय सिंह के निलंबन के खिलाफ संसद में विपक्षी दलों के नेता धरना दे रहे हैं। विपक्षी नेताओं का यह धरना पूरी रात जारी रहा। मंगलवार सुबह भी विपक्षी दलों के नेता धरने पर बैठे हैं।

विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (I.N.D.I.A.) के घटक दलों के नेता सोमवार को ही संसद परिसर में धरने पर बैठ गए। विपक्षी दलों के कुछ सदस्य ‘मणिपुर बचाओ’ वाली तख्तियां लेकर संसद परिसर में जुटे और रात भर गांधी प्रतिमा पर बैठे रहे। गांधी प्रतिमा के सामने ही संजय सिंह ने भी अपना बिस्तर लगा लिया। आज सुबह जब सूर्योदय हो रहा था तो उन्होंने गांधी प्रतिमा के पास से अपनी एक तस्वीर ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा, 'हर रात की सुबह होती है। संसद का परिसर। बापू की प्रतिमा। मणिपुर को न्याय दो।

आज सुबह धरनास्थल से ही संजय सिंह ने कहा, 'कल पूरी रात हम लोग यहां गांधी प्रतिमा के सामने बैठे रहे। पूरा दिन बैठे रहे। हमारी एक ही मांग है प्रधानमंत्री से कि उन्हें मणिपुर की हिंसा पर जवाब देना होगा। देश का एक हिस्सा, जो हमारा बॉर्डर स्टेट है, ऐसे राज्य में अगर 80-90 दिनों से हिंसा चल रही है तो पीएम खामोश कैसे रह सकते हैं? केंद्रीय मंत्री, राज्य की मंत्री का घर जला दिया गया। बच्चों का कत्ल हो रहा है, महिलाओं के साथ गैंगरेप हो रहा है। सबसे ज्यादा शर्मसार करने वाली तस्वीर आई। महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराया जा रहा है। उसमें एक महिला का पति करगिल युद्ध में हिस्सा ले चुका है। आप कल्पना कीजिए कि सेना का रिटायर्ड सूबेदार कहता है कि मैंने करगिल युद्ध में हिस्सा लेकर देश की रक्षा कर ली लेकिन अपनी पत्नी की रक्षा नहीं कर पाया।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंगलवार सुबह विपक्षी दलों के नेता इस मुद्दे पर अपनी आगे की रणनीति तैयार करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ बैठक करेंगे। संसद में कार्यवाही की शुरुआत से पहले I.N.D.I.A. गठबंधन से जु़ड़े सांसद मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात करेंगे। इस दौरान विपक्षी नेता अपनी अगली रणनीति पर चर्चा करेंगे। मंगलवार को मल्लिकार्जुन खरगे के चैंबर में होने वाली इस बैठक में AAP सांसद संजय सिंह के निलंबन पर भी चर्चा होनी है।