जल संसाधन मंत्री ने बैठक में कटिहार, किशनगंज, पूर्णिया, अररिया, भागलपुर, लखीसराय, मुंगेर, बांका तथा जमुई जिले की विभागीय योजनाओं की समीक्षा की
पूर्णिया: 'बिहार में अल्प वर्षापात के मद्देनजर जल संसाधन विभाग द्वारा इस साल सभी प्रमुख नहरों में रिकार्ड पानी छोड़ा जा रहा है। विभाग द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि नहरों में अंतिम छोर तक पर्याप्त पानी पहुंचे, ताकि किसानों को खरीफ सीजन की खेती में सुविधा हो।' यह बात बिहार सरकार के जल संसाधन तथा सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री श्री संजय कुमार झा ने मुख्य अभियंता, कटिहार के परिक्षेत्राधीन जिलों (कटिहार, किशनगंज, पूर्णिया, अररिया, भागलपुर, लखीसराय, मुंगेर, बांका तथा जमुई) की विभागीय योजनाओं की समीक्षा के बाद पत्रकारों को दी।
श्री संजय कुमार झा ने कहा कि बाढ़ से पूर्व शुरू हुई सभी कटाव निरोधक योजनाएं पूरी कर ली गई हैं। बाढ़ सीजन के मद्देनजर विभाग पूरी तरह अलर्ट है। बिहार की सभी नदियों के जलस्तर की सतत निगरानी की जा रही है। फील्ड इंजीनियर नदियों के जलस्तर और बराजों पर हो रहे जलस्राव से संबंधित डाटा हर घंटे मुख्यालय भेज रहे हैं। वर्तमान में विभाग के सभी तटबंध और संरचनाएं सुरक्षित हैं।
इससे पूर्व समीक्षा बैठक में जल संसाधन मंत्री ने क्षेत्रीय अभियंताओं को पूरी बाढ़ अवधि में सतत चौकसी बरतने के साथ ही बाढ़ संघर्षात्मक सामग्रियों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये, ताकि किसी भी तरह का आकस्मिक खतरा या कटाव होने पर तत्काल बाढ़ संघर्षात्मक कार्य कराकर स्थिति को नियंत्रित किया जा सके। इसके अलावा उन्होंने गंगा एवं महानंदा के मिलन बिंदु बबलबन्ना में अधिकारियों को स्थल निरीक्षण कर बाढ़ से सुरक्षा के उपायों का सर्वे करने का निर्देश दिया।
सिंचाई योजनाओं की समीक्षा के दौरान जल संसाधन मंत्री ने क्षेत्र की नहरों में अंतिम छोर तक जल पहुंचाने के लिए तत्परता से कार्य करने, जल संचयन के कार्यों में किसी तरह के अवरोध को जल्द दूर करने और किसानों की सुविधा का ध्यान रखने के निर्देश दिये।
श्री संजय कुमार झा ने कहा कि राज्य सरकार लंबे समय से गंगा सहित विभिन्न नदियों में गाद की समस्या के निराकरण हेतु केन्द्र सरकार से एक प्रभावी गाद प्रबंधन नीति लागू करने का अनुरोध करती रही है। फरक्का बराज के कारण गंगा नदी में गाद की समस्या लगातार वृहत होती जा रही है, जिसका प्रभाव उत्तर बिहार की सभी सहायक नदियों पर भी पड़ रहा है।
मनिहारी रेलवे लाइन और कारी कोसी तटबंध सुरक्षित : संजय कुमार झा
जल संसाधन मंत्री ने मनिहारी प्रखंड में कटाव निरोधक कार्य का किया स्थल निरीक्षण
जल संसाधन मंत्री श्री संजय कुमार झा ने कटिहार जिले के मनिहारी प्रखंड में गंगा नदी की बाढ़ एवं कटाव से मनिहारी रेलवे लाइन और कारी कोसी तटबंध की सुरक्षा के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा कराये गये कार्यों का स्थल निरीक्षण किया और अधिकारियों को कई निर्देश दिये। उनके साथ जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री चैतन्य प्रसाद, कटिहार के जिला पदाधिकारी श्री रवि प्रकाश, अभियंता प्रमुख, बाढ़ नियंत्रण एवं जल निस्सरण श्री शैलेंद्र सहित जल संसाधन विभाग और जिला प्रशासन के वरीय अधिकारी मौजूद थे।
स्थल निरीक्षण के बाद पत्रकारों से बात करते हुए श्री संजय कुमार झा ने बताया कि इस क्षेत्र में कई साल पहले कारी कोसी की छोटी उप-धाराएं और गंगा नदी की छोटी धाराएं आपस में मिली हुई थीं, जो कालांतर में सिल्टेशन एवं अन्य कारणों से समाप्त हो गईं तथा वहां आबादी बस गई है। इस क्षेत्र की मिट्टी आज भी बलुवाई (Sandy) ही है। गंगा नदी की धारा में परिवर्तन हो जाने के कारण इस क्षेत्र में कटाव की समस्या उत्पन्न होती है। कटाव से सुरक्षा के लिए 47 करोड़ रुपये की लागत से कटाव निरोधक कार्य करवाया जा रहा है, जो लगभग पूर्ण हो गया है। इससे मनिहारी रेलवे लाइन और कारी कोसी तटबंध को सुरक्षित कर लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि कटिहार जिले में बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, काढ़ागोला क्षेत्र अंतर्गत गंगा नदी कारी कोसी तटबंध के पास से गुजरती है। गंगा नदी बाघमारा घाट (मनिहारी) के पास बायें किनारे से लगभग लंबवत टकराते हुए मुड़ती है और गांधीटोला (मनिहारी) तक गंगा नदी का प्रवाह अत्यधिक दबाव के साथ बायें किनारे पर सिमटा रहता है। इसके कारण बायें तट के सामने टीले (शोल) का निर्माण हो रहा है।
वर्तमान में कारी कोसी तटबंध से गंगा नदी की दूरी 16 मीटर और कटिहार मनिहारी रेलवे लाईन की दूरी 50 मीटर मात्र शेष रह गई है। कारी कोसी तटबंध एवं कटिहार मनिहारी रेलवे लाईन के कंट्री साइड में घनी आबादी, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, बाजार, अनुमण्डल स्तरीय कार्यालय इत्यादि अवस्थित है।
Jul 25 2023, 14:20