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महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में बृजभूषण शरण सिंह को मिली जमानत, कोर्ट ने बिना बताए देश के बाहर नहीं जाने की रखी शर्त

#rouse_avenue_court_verdict_on_bail_of_brij_bhushan_singh

महिला पहलवानों से यौन शोषण के आरोपों से घिरे बृजभूषण शरण सिंह को द‍िल्‍ली की न‍िचली अदालत से बड़ी राहत मिली है। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कई पहलवानों की शिकायतों के आधार पर दर्ज यौन उत्पीड़न मामले में भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह और महासंघ के सहायक सचिव विनोद तोमर सिंह को नियमित जमानत दे दी है। कोर्ट ने बृजभूषण शरण सिंह को सशर्त जमानत दी है। 

बृजभूषण शरण सिंह को 25,000 रुपये के निजी मुचलके पर ज़मानत मिल गई है। जमानत देते हुए कोर्ट ने शर्त रखी कि बृजभूषण बिना बताए देश के बाहर नहीं जाएंगे, गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे। शिकायतकर्ताओं को कोई प्रलोभन और धमकी नहीं देने के भी कोर्ट ने निर्देश दिए हैं। साथ ही कोर्ट ने कहा कि सभी शर्तों का कड़ाई से पालन किया जाए। 

अंतरिम जमानत पर सुनवाई के दौरान राउज एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल के समक्ष अभियोजन पक्ष ने जमानत पर आपत्ति नहीं जताई थी। दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने कहा था कि डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष को गिरफ्तार नहीं किया गया। हम उनकी जमानत का विरोध नहीं करेंगे बशर्ते वे गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे।

बृजभूषण शरण सिंह के अलावा उनके करीबी और कुश्ती संघ के सहायक सचिव विनोद तोमर को भी जमानत मिल गई है. उन्हें बृजभूषण शरण सिंह के साथ इस मामले में सह-आरोपी बनाया गया है. महिला पहलवानों ने उन पर आरोप लगाए हैं कि वो ऐसे वक्त में बृजभूषण शरण सिंह से मुलाकात कराते थे जब वो अकेले रहते थे. दिल्ली पुलिस की चार्जशीटके मुताबिक, शिकायत करने वाली पहलवान 3 अलग-अलग मौकों पर बृजभूषण शरण सिंह से मिलने दिल्ली स्थित उनके ऑफिस गईं थीं, तब वे अकेली थीं. एक मामले में महिला पहलवान के पति और दूसरे मामले में पहलवान के कोच को बाहर ही रोक दिया गया था.

फिर जेल से बाहर आएगा राम रहीम, रेप और हत्या के दोषी को 30 महीने में सातवीं बार मिली पैरोल

#ramrahimgetsparolefor30days_again

रेप और दो हत्याओं के मामलों में उम्र कैद की सजा काट रहा राम रहीम एक बार फिर जेल से बाहर आने वाला है।राम रहीम को एक बार फिर 30 दिन की पैरोल मिल गई है। कुछ समय बाद राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल से बाहर आ जाएगा।पिछले 30 महीनों में 6 बार गुरमीत राम रहीम पैरोल पर जेल से रिहा हो चुका है। अब 7वीं बार उसे परोल मिली है। 

इस बार राम रहीम को उसके जन्म दिन से परोल दी गई। राम रहीम 15 अगस्त को अपना जन्मदिन मनाता है।जेल प्रशासन ने राम रहीम को सिरसा डेरे में जाने की इजाजत नहीं है।एक बार फिर उसे यूपी के बागपत में स्थिति बरनावा आश्रम में रहना पड़ेगा। जिसको लेकर बरनावा आश्रम की सुरक्षा बढ़ाई गई और सिरसा से घोड़े और गाय पहुंचाई गई है।राम रहीम को इसी साल जनवरी में 40 दिन की पैरोल मिली थी। 

राम रहीम को कब-कब मिली पैरोल

• राम रहीम को पहली बार 24 अक्टूबर 2020 को बीमार मां से मिलने के लिए एक दिन की पैरोल दी गई थी। 

• डेरा प्रमुख को दूसरी बार 21 मई 2021 को फिर बीमार मां से मिलने के लिए एक दिन की पैरोल दी गई थी। 

• तीसरी बार 7 फरवरी 2022 को राम रहीम को 21 दिनों की पैरोल दी गई थी।

• वहीं चौथी बार जून 2022 को डेरा प्रमुख को एक महीने की पैरोल दी गई।

• पांचवीं बार अक्टूबर 2022 को डेरा प्रमुख राम रहीम को 40 दिनों की पैरोल दी गई।

• छठवीं बार 21 जनवरी 2023 को राम रहीम को फिर 40 दिनों की पैरोल दी गई

• वहीं आज 20 जुलाई 2023 को 7वीं बार फिर डेरा प्रमुख को पैरोल दी गई है. जो 30 दिन की है।

रेप और दो हत्या के मामलों में काट रहा सजा

राम रहीम वर्तमान में रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहा है। उसे अपनी दो साध्वियों के साथ रेप और दो हत्या के मामलों में दोषी पाया गया था जिसके बाद कोर्ट ने उसे उम्र कैद की सजा सुनाई थी।राम रहीम ने निचली अदालत के इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दी। अब ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि राम रहीम को इतनी जल्दी पैरलो कैसे मिल जाती है। वो भी ऐसे कैदी को जिसे रेप और मर्डर दोनों के लिए सजा दी गई है।

महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में लैंडस्लाइड से भारी तबाही, पहाड़ की मिट्टी गिरने से पूरा गांव चपेट में, 4 की मौत, 50 दबे

महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के खालापुर के इरशालवाड़ी गांव में भूस्खलन हुआ है। बताया जा रहा है पहाड़ की मिट्टी गिरने से पूरा गांव चपेट में आ गया है। अबतक 22 लोगों को बचा लिया गया है। जबकि हादसे में अबतक 4 लोगों की मौत हो गयी है और तीन अन्य लोग घायल हो गये है। यह जानकारी रायगढ़ पुलिस ने दी है। मलबे में अब भी 100 लोगों के फंसे होने की आशंका जतायी जा रही है। भूस्खलन बुधवार देर रात करीब 11 बजे खालापुर तहसील के इरशालवाड़ी गांव में हुआ।

राहत और बचाव कार्य जारी

मौके पर पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम मौजूद हैं। जबकि रेस्क्यू ऑपरेशन में एनडीआरएफ की 4 टीमों को राहत और बचाव कार्य में लगाया गया है। हादसे की खबर जानने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे घटना स्थल के लिए निकल चुके हैं।

महाराष्ट्र के मंत्री उदय सामंत और दादा भुसे घटना स्थल पर पहुंचे

महाराष्ट्र के मंत्री उदय सामंत और दादा भुसे रायगढ़ जिले के खालापुर के इरशालवाड़ी पहुंचे जहां देर रात भूस्खलन हुआ था. रायगढ़ पुलिस ने बताया, अब तक हमने 22 लोगों को बचाया है। अभी भी कई लोगों के फंसे होने की आशंका है। फिलहाल पुलिस और जिला प्रशासन के 100 से अधिक अधिकारी बचाव कार्य में लगे हुए हैं। हमें एनडीआरएफ, स्थानीय लोगों और कुछ गैर सरकारी संगठनों से मदद मिल रही है।

रात में जब घरों पर सोये थे गांव के लोग तब पहाड़ की मिट्टी ने लिया चपेट में

बताया जा रहा है कि जब लोग रात में अपने घरों पर सो रहे थे, उस समय लैंडस्लाइड हुआ और पहाड़ की मिट्टी ने पूरे गांव को अपनी चपेट में ले लिया। एनडीआरएफ की टीम ने बताया कि मिट्टी ने करीब 15 से 20 घरों को अपनी चपेट में लिया।

सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र के अध्यादेश का मामला संवैधानिक पीठ को भेजा, पांच जजों की बेंच करेगी सुनवाई

#delhiordinancecasesupremecourtreferstoconstitutionbench

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के अध्यादेश को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका पर बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़ा अध्यादेश का मामला संविधान पीठ को भेज दिया, जहां पांच जजों वाली संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी। 

आज यानी गुरुवार को इस मामले में सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच में सुनवाई हुई। इस दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि इस बात पर लंबी सुनवाई जरूरी है कि सेवाओं को अध्यादेश के जरिए दिल्ली विधानसभा के दायरे से बाहर कर देना सही है या नहीं। एलजी के लिए पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि संसद में बिल पेश हो जाने के बाद अध्यादेश के मसले पर विचार की जरूरत ही नहीं रहेगी. इसपर सीजेआई ने कहा कि हम तब तक इंतजार नहीं कर सकते। वहीं, दिल्ली सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने संविधान पीठ में जल्द सुनवाई की मांग की। चीफ जस्टिस ने कहा कि आदेश शाम तक अपलोड किया जाएगा। उसमें सुनवाई की तारीख भी बताई जाएगी।

दिल्ली अध्यादेश क्या है

दिल्ली अध्यादेश 2023 के तहत दिल्ली में प्रशासनिक अधिकारियों के तबादले और नियुक्ति का अधिकार एलजी के पास है। इस अध्यादेश के तहत केंद्र सरकार ने नई दिल्ली सिविल सर्विसेज अथॉरिटी का गठन किया है। इस अथॉरिटी में दिल्ली के सीएम की अध्यक्षता में मुख्य सचिव और प्रधान गृह सचिव को सदस्य बनाया गया है। यही अथॉरिटी ही दिल्ली में अधिकारियों की नियुक्ति और तबादले का फैसला करेगी। हालांकि इस अथॉरिटी में मतभेद होने पर अंतिम फैसले का अधिकार एलजी को दिया गया है।

केजरीवाल सरकार कर रही अध्यादेश का विरोध

अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी दिल्ली में नौकरशाहों के तबादले और पोस्टिंग को लेकर केंद्र के अध्यादेश का विरोध कर रही है। दिल्ली सरकार का कहना है कि यह अध्यादेश दिल्ली में निर्वाचित सरकार को सर्विस मामले पर नियंत्रण देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है।

संसद में सोनिया गांधी के पास पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी, जानें दोनों नेताओं में क्या-क्या हुई बात

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संसद के मॉनसून सत्र में आज पीएम नरेंद्र मोदी और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात हुई। इस मुलाकात में दोनों नेताओं के बीच कुछ बातचीत भी हुई। पीएम मोदी ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का हालचाल जाना।बताया जा रहा है कि पीएम सोनिया की तबीयत के बारे में पूछ रहे थे, तब उन्होंने पीएम से मणिपुर पर ही सवाल कर दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन गुरुवार को लोकसभा कक्ष में थोड़ी देर बातचीत की। सदन की बैठक आरंभ होने से कुछ देर पहले मोदी ने सदन में सत्तापक्ष और विपक्षी सदस्यों की दीर्घा की तरफ जाकर नेताओं का अभिवादन किया। जब वह विपक्ष की दीर्घा के पास के पहुंचे तो सोनिया गांधी के साथ उनकी थोड़ी देर बातचीत हुई।

पीएम और सोनिया गांधी के बीच इस बातचीत के बारे में कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने बताया कि ये एक प्रथागत मुलाकात थी। सत्र के पहले दिन पीएम सभी सांसदों का हाल पूछते हैं।अधीर रंजन चौधरी ने बताया कि सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री से मणिपुर पर सदन में चर्चा की अपील की। कहा कि, मुझे लगता कि पीएम को उनसे ऐसे सवाल की उम्मीद नहीं थी। बकौल कांग्रेस सांसद चौधरी पीएम मोदी इससे अचंभित हो गए और बोले ठीक है, मैं देखूंगा।

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराए जाने की घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि यह घटना किसी भी सभ्य समाज को शर्मसार करने वाली है और इससे पूरे देश का अपमान हुआ है। संसद का मॉनसून सत्र शुरू होने से पहले, मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने देशवासियों को विश्वास दिलाया कि इस मामले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और कानून सख्ती से एक के बाद एक कदम उठाएगा। उन्होंने कहा, ‘मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ है, इसके दोषियों को कभी माफ नहीं किया जा सकता है।

कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष ने सदन में ‘अशोभनीय और अपमानजनक आचरण’ के लिए भारतीय जनता पार्टी के 10 विधायकों को विधानसभा के शेष सत्र से किया निलंबित

कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष यूटी कादर ने सदन में ‘अशोभनीय और अपमानजनक आचरण’ के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के 10 विधायकों को विधानसभा के शेष सत्र से निलंबित कर दिया। वहीं, विपक्षी दल बीजेपी और जेडीएस ने कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष यूटी कादर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस विधानसभा सचिव को दिया है।

विधानसभा अध्यक्ष ने बीजेपी के जिन 10 विधायकों को निलंबित किया है, वे हैं- डॉ. सीएन अश्वथ नारायण, वी सुनील कुमार, आर अशोक, अरागा ज्ञानेंद्र (सभी पूर्व मंत्री), डी वेदव्यास कामथ, यशपाल सुवर्ण, धीरज मुनिराज, ए उमानाथ कोटियन, अरविंद बेलाड और वाई भरत शेट्टी। विधानसभा सत्र तीन जुलाई को शुरू हुआ और 21 जुलाई को समाप्त होने वाला है।

लंच ब्रेक के बिना सदन चलाने से नाराज थे विधायक

अध्यक्ष ने सदन में बीजेपी विधायकों के हंगामे के बाद यह कार्रवाई की। बीजेपी के कुछ सदस्यों ने विधेयकों और एजेंडे की प्रतियां फाड़ दीं और उन्हें अध्यक्ष के आसन की ओर फेंक दिया, क्योंकि वे दोपहर के लंच ब्रेक के बिना सदन की कार्यवाही संचालित करने के कादर के फैसले से नाराज थे।

मणिपुर में दो महिलाओं निर्वस्त्र कर सड़क पर घुमाए जाने के मामले का मुख्य आरोपी गिरफ्तार, देश भर में मचा है हंगामा, मणिपुर फिर अशांत

मणिपुर में दो महिलाओं निर्वस्त्र कर परेड कराए जाने के मामले के मुख्य आरोपी को अरेस्ट कर लिया गया है। इस घटना का वीडियो बुधवार से वायरल हो रहा है, जिस पर देश भर में हंगामा मचा है। यह मामला 4 मई का है, जिस पर अब तक पुलिस की ओर से ऐक्शन ना लिए जाने पर लोगों का गुस्सा फूटा है। इम्फाल से महज 35 किलोमीटर की दूरी पर नांगपोक थानाक्षेत्र की इस घटना को लेकर राज्य सरकार बुरी तरह घिरी हुई है। राज्य के ही थाउबल इलाके से घटना के मुख्य आरोपी को अरेस्ट किया गया है। वीडियो वायरल होने के बाद मणिपुर में एक बार फिर से तनाव बढ़ गया है, जो बीते ढाई महीने से जातीय संघर्ष की आग में जल रहा है।

मैतेई समुदाय के लोगों को एसटी का दर्जा दिए जाने की हाई कोर्ट की सलाह पर यह बवाल 3 मई को शुरू हुआ था। इसके बाद से ही आगजनी और हिंसा का दौर जारी है। अब तक मणिपुर की हिंसा में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। फिलहाल वायरल वीडियो को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि दो महीने के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई है।

इस घटना को लेकर 18 मई को एफआईआर दर्ज की गई थी, लेकिन अब तक कोई ऐक्शन क्यों नहीं हुआ। वायरल वीडियो सामने आने के बाद पुलिस पर दबाव बना है और अब जाकर मुख्य आरोपी को अरेस्ट किया गया है। वीडियो में सैकड़ों लोगों को महिलाओं को नंगा कर घुमाते देखा जा सकता है, लेकिन अब तक ये लोग पुलिस की पहुंच से दूर हैं। इस बीच विपक्ष ने मणिपुर के मामले को संसद में उठाने की बात कही है। वहीं सरकार का कहना है कि वह चर्चा के लिए तैयार है।

विपक्ष ने मांगा सीएम बीरेन सिंह का इस्तीफा, प्रतिनिधिमंडल की मांग

कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने मणिपुर के सीएम एन. बीरेन सिंह का इस्तीफा मांगा है। इसके अलावा प्रतिनिधिमंडल को भी भेजने की मांग की है। सरकार ने मणिपुर में इंटरनेट पर रोक लगा दी है। इसके अलावा देश भर के लिए एडवाइजरी जारी की है कि मणिपुर की घटना का वीडियो किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर ना किया जाए।

25 जून से लापता हैं चीनी व‍िदेश मंत्री, किन गांग के गायब होने के बाद लग रही तरह-तरह की अटकलें

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क्या चीन के विदेश मंत्री किन गांग लापता है? दरअसल, 25 जून के बाद से गांग को सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया है। गांग को उस समय श्रीलंका के विदेश मंत्री के साथ मुलाकात के दौरान देखा गया था। उसके बाद से ही उनका कुछ पता नहीं लग रहा है।जिसके बाद से तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही है। उनकी गुमशुदगी के साथ ही एक मशहूर टीवी एंकर के साथ उनके अफेयर के चर्चे भी तेजी से शुरू हो गए हैं। 

किन गांग आखिरी बार 25 जून को दिखाई दिए थे, जब उन्होंने रूस, श्रीलंका, वियतनाम के अधिकारियों से वार्ता की थी। लेकिन उसके बाद से वो गायब हैं। इस बीच कई वैश्विक सम्मेलन, अहम बैठक और विदेशी दौरे हुए हैं। जिसमें वे शामिल नहीं हुए। उन्होंने यूरोपियन यूनियन का दौरा रद्द किया और इसके अलावा साउथ एशियन देशों की बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया।ऐसे में किन गांग कहां हैं, ये सवाल हर किसी के मन में है।

किंग गांग के गायब होने के बाद एक चीज़ जो सुर्खियां बटोर रही हैं वह उनका एक कथित अफेयर।बताया जा रहा है कि 57 साल के किन इस समय 40 साल की न्‍यूज एंकर फू शियाओटिऑन के इश्‍क में गिरफ्तार हैं। शियाओटिऑन फीनिक्स टेलीविजन से जुड़ी हैं जिस पर चीन का मालिकाना हक है और इसका मुख्यालय हांगकांग और शेन्‍जेन में है।

चीन में ये अटकलें तेज हो गई है कि टेलीविजन एंकर के साथ प्रेम प्रसंग के चलते उन पर कारवाई की गई है। चीन में इस बात की भी चर्चा है कि शायद अब उनके संबंध राष्ट्रपति शी जिनपिंग समेत चीन के वरिष्ठ अधिकारियों से संबंध खराब हो चुके हैं और शायद इस वजह से उन पर कारवाई की गई है।

किन गांग को चीन की वोल्‍फ वॉरियर डिप्‍लोमैसी के लिए जाना जाता है। यूके और अमेरिका में राजदूत रहे किन के लापता होने की खबरें अंतरराष्‍ट्रीय मीडिया में छाई हुई हैं। गांग पेशेवर राजनयिक हैं और उन्हें चीनी नेता शी जिनपिंग के भरोसेमंद सहयोगी माना जाता है। विदेश मंत्री के रूप में किन ने अमेरिका के ऊपर छोड़े गए एक संदिग्ध चीनी जासूसी गुब्बारे के मुद्दे पर वाशिंगटन को कड़ी फटकार लगाई थी। इसके बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में काफी गिरावट आ गई थी। उन्होंने दोनों पक्षों के बीच खराब संबंधों को सुधारने और बातचीत बहाल करने के प्रयासों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसमें जून के मध्य में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की बीजिंग यात्रा के दौरान मुलाकात शामिल है।

मणिपुर यौन हिंसा मामले पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी, कहा- अगर सरकार ने कार्रवाई नहीं की तो हम करेंगे

#supremecourttookcognizanceofincidentin_manipur

मणिपुर में दो महिलाओं को नग्नकर घुमाने के वायरल वीडियो के मामले का सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है। वायरल वीडियो पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने दुख व्यक्त किया है और केंद्र-राज्य सरकार को फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वो मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न घुमाने के कल सामने आए वीडियो से वास्तव में परेशान है। देश के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सरकार से इस मामले पर कार्रवाई करने को कहा है। इसके अलावा चीफ जस्टिस ने कहा कि ऐसी घटनाओं को बिल्कुल भी स्वीकार नहीं किया जा सकता है। सीजेआई ने कहा कि ये संवैधानिक अधिकारों का हनन है, अगर सरकार कार्रवाई नहीं करेगी तो हम करेंगे। वहीं, राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी मणिपुर की घटना का स्वत: संज्ञान लिया है।

केंद्र और राज्य सरकार को तुरंत एक्शन लेने का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एसजी और एजी से इस मामले में एक्शन लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि मीडिया में जो दिखा है, उससे हम काफी डिस्टर्ब हैं। ये मानवाधिकारों और महिलाओं के अधिकारों का खुलेआम उल्लंघन है, हम केंद्र और राज्य सरकार को तुरंत इस मामले में एक्शन लेने का आदेश देते हैं।

“महिलाओं को सामान की तरह इस्तेमाल किया गया”

इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कार्रवाई के निर्देश देते हुए राज्य सरकार से रिपोर्ट भी तलब की है। सुप्रीम कोर्ट ने बताया है कि अगले हफ्ते शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई होगी। इस मामले को लेकर सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, हमें इन तस्वीरों से धक्का पहुंचा है। हिंसा प्रभावित क्षेत्र में महिलाओं को सामान की तरह इस्तेमाल किया गया। हमें यह बताया जाए कि जो लोग इसके जिम्मेदार हैं, उन पर क्या कार्रवाई हुई।

बता दें कि चार मई का यह वीडियो बुधवार को सामने आने के बाद से मणिपुर के पहाड़ी क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया है। इस वीडियो में दिख रहा है कि विरोधी पक्ष के कुछ व्यक्ति एक समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमा रहे हैं। इस घटना से पूरे देश में रोष व्याप्त हो गया है। विपक्षी दल इस मामले को लेकर सरकार को घेर रहे हैं।

मणिपुर में महिलाओं के वायरल वीडियो पर भड़का विपक्ष, कांग्रेस-आप-टीएमसी समेत विभिन्न राजनीतिक दलों ने सरकार पर खड़े किए सवालिया निशान

#aap_congress_and_all_opposition_party_commented_on_viral_video_of_manipuri

मणिपुर में दो महिलाओं को बिना कपड़ों के घुमाने की शर्मनाक घटना सामने आई है। विपक्ष पहले भी कई बार मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चुप्पी को लेकर सवाल उठा चुका है। अब इस तरह की अमानवीयता का वीडियो सामने आने के बाद पूरा विपक्ष भड़क गया है और कांग्रेस, आप और टीएमसी समेत विभिन्न राजनीतिक दलों ने घटना की कड़ी निंदा की है।इस घटना के बाद विपक्ष मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे की मांग कर रहा है।

पीएम की चुप्पी से मणिपुर में अराजकता फैल गई-राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि जब इस पूर्वोत्तर राज्य में भारत की अवधारणा पर हमला किया जा रहा है तो विपक्षी दलों का गठबंधन 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस' (इंडिया) चुप नहीं रहेगा।पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी चुप्पी से मणिपुर में अराजकता फैल गई है।राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री की चुप्पी और निष्क्रियता मणिपुर को अराजकता की ओर धकेल दिया। भारत के विचारों पर हमले किए जा रहे हैं, इंडिया चुप नहीं रहेगा। हम मणिपुर की जनता के साथ है। हम उनके साथ खड़े हैं। शांति ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है। 

मोदी सरकार ने कानून के शासन को भीड़तंत्र में बदल दिया-खड़गे

कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने ट्वीट किया, मणिपुर में मानवता खत्म हो गई। मोदी सरकार और बीजेपी ने राज्य के नाजुक सामाजिक ताने-बाने को नष्ट करके लोकतंत्र और कानून के शासन को भीड़तंत्र में बदल दिया है। नरेंद्र मोदी जी, भारत आपकी चुप्पी को कभी माफ नहीं करेगा। यदि आपकी सरकार में ज़रा भी विवेक या शर्म बची है, तो आपको संसद में मणिपुर के बारे में बोलना चाहिए और केंद्र एवं राज्य दोनों में अपनी दोहरी अक्षमता के लिए दूसरों को दोष दिए बिना देश को बताना चाहिए कि क्या हुआ। आपने अपनी संवैधानिक ज़िम्मेदारी त्याग दी है। संकट की इस घड़ी में हम मणिपुर के लोगों के साथ खड़े हैं।

हिंसक घटनाओं पर आंखें क्यों मूंदी- प्रियंका

कांग्रेस वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी ट्वीट कर भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसाओं की तस्वीरें दिल दहला देने वाली है। हम सभी को एक स्वर में हिंसा की निंदा करनी चाहिए। प्रधानमंत्री जी, केंद्र सरकार ने मणिपुर की हिंसक घटनाओं पर आंखें क्यों मूंद ली हैं? क्या ऐसी तस्वीरें और हिंसक घटनाएं उन्हें परेशान नहीं करतीं

पीएम मोदी मणिपुर के हालातों पर ध्यान दें-केजरीवाल

मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न घुमाने वाली घटना को लेकर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया है। सीएम केजरीवाल ने ट्वीट कर लिखा कि मणिपुर की वारदात बेहद शर्मनाक और निंदनीय है। उन्होंने इसी में आगे लिखा कि भारतीय समाज में इस तरह की घिनौनी हरकत बर्दाश्त नहीं की जा सकती है। मणिपुर के हालात बेहद चिंताजनक हैं। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करता हूं कि वे मणिपुर के हालातों पर ध्यान दें। साथ ही दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। देश में ऐसी आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए।

टीएमसी ने पीएम मोदी से चुप्पी तोड़ने का किया आग्रह

टीएमसी ने ट्वीट करते हुए कहा कि मणिपुर से खून-खराबे के दृश्य सामने आए हैं। यहां दो महिलाओं को नग्न अवस्था में घुमाया गया। पुरुषों के एक बड़े समूह ने यौन उत्पीड़न किया। केंद्र को तथ्य-खोज टीमों और आयोगों को मणिपुर भेजने से कौन रोक रहा है? डब्ल्यूसीडी मंत्री अभी भी इस मामले पर चुप क्यों हैं? टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने पीएम मोदी से आग्रह किया कि वह अपनी 78 दिनों की चुप्पी तोड़ें और मणिपुर की जनता के साथ खड़े हों।