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*न INDIA में न NDA, इन 8 दलों ने नहीं दिखाई किसी भी गठबंधन में दिलचस्पी

#neitherinndanorinindiathese8parties 

देश की दो बड़ी पार्टियां- बीजेपी और कांग्रेस किसी चुंबक की तरह सहयोगी खींचने में लग गई हैं।इसमें काफी हद तक कामयाबी भी मिली है। बीजेपी के हाथ में सत्ताधारी राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की कमान है। तो वहीं, कांग्रेस नए-नवेले गठबंधन “NDIA” इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस का हिस्सा है।विपक्षी पार्टियों के गठबंधन “NDIA” में 26 दल शामिल हैं। वहीं, मंगलवार को दिल्ली में हुई एनडीए की बैठक में 38 पार्टियों ने अपना दम दिखाया। इस तरह पक्ष और विपक्ष को मिलाकर देश की कल 64 राजनीतिक दल सत्ता की रस्साकशी में लगे हुए हैं। जबकि इनके बीच देश में कुल आठ दल ऐसे भी हैं जो इन दोनों से दूरी बनाए हुए हैं।

बेंगलुरु और दिल्ली में हुए बैठकों के कुल 64 पार्टी हिस्सा बने, लेकिन कुछ क्षेत्रीय दल इस दोनों बैठकों में नहीं दिखे। इन आठ दलों में बीजद, वाईएसआर कांग्रेस, टीआरएस, जेडीएस, अकाली दल, बसपा, एआईएमआईएम और एआईयूडीएफ शामिल हैं। इनमें कुछ दल तो ऐसे हैं जो कई राज्यों में अपने दम पर सत्ता में हैं जबकि कुछ ऐसे हैं जो पहले या तो कांग्रेस या फिर एनडीए के साथ रह चुके हैं। इसके बाद भी आगामी चुनाव को लेकर ये दल अभी तक किसी भी फैसले पर नहीं पहुंच पाए हैं।

ओडिशा की बीजू जनता दल

इन दलों की सियासी वर्चस्व की बात करें तो ओडिशा में बीजू जनता दल की सरकार है और पार्टी के मुखिया नवीन पटनायक खुद मुख्यमंत्री हैं। ओडिशा में पटनायक का वोट बैंक और उनकी लोकप्रियता किसी से छिपी नहीं है। पांच बार अपने दम पर सरकार बना चुके हैं। 2019 में हुए विधानसभा में 147 सीटों में 112 सीटों पर जीत हासिल की है। राज्य में लोकसभा की कुल 21 सीटें हैं। 2019 के लोकसभा में बीजद के खाते में 12 सीटें गई थी जबकि बीजेपी 8 सीट और कांग्रेस एक सीट जीतने में कामयाब रही थी।

जनता दल (सेक्युलर)

देवगौड़ा की पार्टी जेडीएस पहले कांग्रेस और भाजपा के साथ गठबंधन का हिस्सा रही है, लेकिन मंगलवार को यह तस्वीर में कहीं नहीं थी। वैचारिक रूप से जद (एस) खुद को कांग्रेस और वाम दलों करीब मानी जाती है। पार्टी को मुसलमानों का भी समर्थन प्राप्त है और माना जाता है कि उसका भाजपा के साथ कोई तालमेल नहीं है।

भारत राष्ट्र समिति और वाईएसआरसीपी

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाले बीआरएस की बैठर में अनुपस्थिति रही। वहीं आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआरसीपी ने राज्य स्तर पर भाजपा से कुछ दूरी बनाए रखी है, हालांकि केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी के साथ उसके संबंध सौहार्दपूर्ण बने हुए हैं।

अकाली दल और बसपा

अकाली दल जो कभी एनडीए का हिस्सा था, लेकिन फिलहाल दूर है। हालांकि, अकाली दल को लेकर चर्चा है कि उसकी एनडीए में वापसी होगी, लेकिन कब होगी इसे लेकर अभी तक कयासों का दौर ही चल रहा है।वहीं, मायावाती की बसपा भी अभी तक अपना स्टैंड क्लियर नहीं कर पाई है। 

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ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन

बात असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम की तो यह मुख्य रूप से तेलंगाना से आती है। असदुद्दीन ओवैसी पार्टी के इकलौते सांसद हैं। ओवैसी भी न तो सत्ता पक्ष की तरफ है और नहीं विपक्ष के साथ। कुल मिलाकर अपने-अपने राज्यों में इन राजनीतिक दलों का अपना वोट बैंक और राज्य की राजनीति में इनकी अहम भूमिका भी रहती है इसके बाद भी अभी अपना स्टैंड क्लियर नहीं कर पाए।

पाकिस्तान आर्मी में चाचा-भाई, खुद सोशल मीडिया पर भारतीय सेना से जुड़े लोगों को भेजा रिक्वेस्ट, सीमा हैदर से जुड़े कई और सनसनीखेज खुलासे

#pakistani_woman_seema_haider

भारतीय युवक सचिन के प्यार में सरहद पारकर अवैध तरीके से पाकिस्तान से हिन्दुस्तान आई सीमा हैदर मुश्किलों में घिरती जा रही है।सीमा हैदर ने तीन देशों की सरहद पार कर 13 मई को भारत में अवैध रूप से घुसपैठ की थी।बताया जाता है कि ग्रेटर नोएडा आने से पहले वह पाकिस्तान से दुबई गई फिर वहां से नेपाल आई। इसके बाद नेपाल से अवैध रूप से भारत की सीमा में घुसपैठ की। इसके बाद वह ग्रेटर नोएडा के कस्‍बा रबूपुरा में आकर रहने लगी। सीमा पर पाकिस्‍तानी एजेंट होने का आरोप लगातार लगता रहा है। 

सीमा हैदर का भाई और चाचा पाकिस्तान आर्मी में

पाकिस्तानी महिला सीमा हैदर यूपी पुलिस, इंटेलिजेंस ब्यूरो और यूपी एटीएस के लिए एक पहेली बनी हुई है। हर दिन सीमा हैदर से जुड़े चौंकाने वाले राज खुल रहे हैं।नए खुलासे के मुताबिक पता चला है कि सीमा हैदर का भाई और चाचा पाकिस्तान आर्मी में हैं।सीमा हैदर के पहले पाकिस्तानी पति गुलाम हैदर ने दावा किया है कि सीमा का भाई पाकिस्तान आर्मी में है।उसका नाम आसिफ है और फिलहाल आसिफ ने नौकरी छोड़ दी है।वहीं गुलाम हैदर ने ये भी बताया कि सीमा का चाचा गुलाम अकबर इस्लामाबाद में है और आर्मी में किसी बड़े पद पर है। हालांकि, बताया जा रहा है कि एटीएस की पूछताछ में सीमा हैदर अपने बयान से भी पलट रही है। पाकिस्तानी आर्मी में भाई के होने के सवाल पर चुप्पी साध रही है।

भारतीय सेना से जुड़े लोगों को भेजी फ्रेंड रिक्वेस्ट

इधर, यूपी एटीएस सीमा हैदर के सभी सोशल मीडिया अकाउंट को खंगाल रही है। सूत्रों के मुताबिक जिन लोगो को सीमा हैदर ने सोशल मीडिया पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी थी। उनमें से कुछ लोगों के भारतीय सेना से जुड़े होने की बात सामने आई है। इसकी भी जांच की जा रही है।उनके प्रोफाइल को भी चेक किया जा रहा कि क्या वे लोग सेना से जुड़े थे या सिर्फ प्रोफाइल फोटो सेना वाला लगा रखा था

भारत में एंट्री के दावे की वेरीफाई नहीं हो पा रही

सीमा हैदर मामले की जांच कर रही केंद्रीय एजेंसियों के मुताबिक 13 मई को भारत-नेपाल सीमा सुनौली सेक्टर और सीतामढ़ी सेक्टर में अब तक थर्ड नेशन सिटीजन के मौजूदगी की कोई जानकारी सामने नहीं आई है। भारत-नेपाल सीमा पर इन्हीं दोनों जगहों से सीमा हैदर और सचिन द्वारा भारत में एंट्री का दावा किया जा रहा है, जिसके बाद यहां मौजूद रिकॉर्ड और सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई है और फिलहाल इनके द्वारा दी गई जानकारी वेरीफाई नहीं हो पा रही है। पूछताछ में सचिन और सीमा द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर केंद्रीय जांच एजेंसियां 1850 किलोमीटर लंबी भारत-नेपाल सीमा के सारे बस रूट पर 13 मई को गुजरने वाली बसों के सीसीटीवी फुटेज की पड़ताल की।

सचिन से पहले भी कई भारतीयों के संपर्क में थी

सीमा हैदर से पूछताछ में लगातार हैरान करने वाले खुलासे हो रहे हैं। जानकारी के मुताबिक सचिन पहला हिंदुस्‍तानी युवक नहीं है जिससे वह पब-जी के जरिए मिली। उससे पहले भी सीमा हैदर भारत के कई युवकों से संपर्क कर चुकी थी। सोचने पर मजबूर करने वाली बात है वो ये कि सभी युवक दिल्‍ली-एनसीआर के थे।

पब्जी खेलने के दौरान हुआ प्रेम

पाकिस्तान के कराची की रहने वाली सीमा हैदर पब्जी खेलने के दौरान रबूपुरा के रहने वाले सचिन के संपर्क में आ गई थी और दोनों में प्यार हो गया था। अपने प्यार को पाने के लिए सीमा हैदर अवैध तरीके से भारत की सीमा में प्रवेश करके 13 मई को रबूपुरा आकर रहने लगी थी। छह जुलाई को सूचना पर पुलिस ने सीमा और सचिन को गिरफ्तार किया था। डेढ़ महीने तक सीमा अवैध तरीके से रबूपुरा में रही और स्थानीय एजेंसी को भनक तक नहीं लगी।

मानसून सत्र से पहले आज सर्वदलीय बैठक, विपक्ष से सहयोग की अपील करेगी केन्द्र सरकार, विपक्ष कर सकता है बैठक का बायकॉट

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संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होगा। इससे एक दिन पहले बुधवार को केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सरकार के मंत्री शामिल होंगे। संसदीय मामलों के मंत्रालय के मुताबिक, यह बैठक दोपहर 3 बजे पुरानी संसद की लाइब्रेरी में होगी। 

सर्वदलीय बैठक में मानसून सत्र से संबंधित कई मुद्दों पर विचार-विमर्श होगा। संसद के सुचारु संचालन के लिए सरकार विपक्ष का सहयोग मांगेगी। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, लेकिन इस बैठक को टाल दिया गया, क्योंकि कई दलों के नेता उपलब्ध नहीं थे। विपक्षी दलों की मंगलवार को बेंगलुरू में बैठक हुई, जबकि भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की बैठक भी बीते मंगलवार को ही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हुई।

11 अगस्त तक चलेगा संसद का मानसून सत्र

संसद के मानसून सत्र की शुरुआत 20 जुलाई को होगी। सत्र 11 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान संसद के दोनों सदनों की कुल 17 बैठकें प्रस्तावित हैं। लोकसभा सचिवालय के एक बुलेटिन के अनुसार, संसद के मानसूत्र सत्र या 17वीं लोकसभा के 12वें सत्र के दौरान लिये जाने वाले सरकारी कार्यों की संभावित सूची में 21 नये विधेयकों को पेश व पारित करने के लिए शामिल किया गया है। इसमें दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक 2023 भी शामिल है. यह विधेयक संबंधित अध्यादेश का स्थान लेने के लिए पेश किया जाएगा

हंगामेदार रहेगा मानसून सत्र

मानसून सत्र के हंगामेदार होने का अनुमान है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए विपक्ष सरकार के खिलाफ हमलावर रुख अपनाएगा। साथ ही महंगाई, मणिपुर संकट जैसे मुद्दों को लेकर भी विपक्ष, सरकार को निशाने पर ले सकता है। बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र भी हंगामे की भेंट चढ़ गया था।

पीएम मोदी की अध्यक्षता में हो रही एनडीए की बैठक, 38 दलों का लगा जमावड़ा

#ndameeting38politicalpartieswillparticipate

लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन से मुलाकात करने के लिए संयुक्त रणनीति तैयार करने के लिए एनडीए नेताओं की बैठक दिल्ली में शुरू हो गई है।बैठक में कुल 38 राजनीतिक दल शामिल हो रहे हैं।भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा के मुताबिक राजग की बैठक में 38 दलों ने शामिल होने की पुष्टि की है। बैठक पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हो रही है।यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब विपक्षी दलों ने आज ही बेंगलुरू में अपनी दूसरी बैठक की और अपने गठबंधन का नाम ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (इंडिया)’ रखा है. बेंगलुरू में हुई विपक्षी दलों की बैठक में 26 विपक्षी दलों ने हिस्सा लिया।

इस बैठक में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल (अजित पवार गुट), महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा, पूर्व सीएम जीतन राम मांझी, चिराग पासवान समेत कई नेता मौजूद हैं।

38 राजनीतिक दलों ने दिखाई एकजुटता

एनडीए की बैठक में शामिल हुए दलों के नाम इस प्रकार हैं-

1.भारतीय जनता पार्टी

2.शिवसेना (शिंदे)

3.राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार)

4.राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (पशुपति कुमार पारस)

5.अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एडप्पादी के. पलानीस्वामी)

6.अपना दल (सोनीलाल)

7.नेशनल पीपुल्स पार्टी (कॉनराड सैन)

8.नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी, (नेफ्यू रियो, नागालैंड के मुख्यमंत्री)

9.ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (सुदेश महतो)

10.सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (प्रेम सिंह तमांग सिक्किम के सीएम)

11.मिज़ो नेशनल फ्रंट, मिज़ोरम

12.इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा

13.नागा पीपुल्स फ्रंट, नागालैंड

14.रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) रामदास अठावले महाराष्ट्र

15.असम गण परिषद

16.पट्टली मक्कल काची (डॉ अंबुमणि)

17.तमिल मनीला कांग्रेस

18.यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल, असम

19.सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, (ओम प्रकाश राजभर, उत्तर प्रदेश)

20 शिरोमणि अकाली दल संयुक्त (सुखदेव सिंह ढींडसा)

21.महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (सुदीन धवलीकर गोवा)

22. जननायक जनता पार्टी, हरियाणा

23.प्रहार जनशक्ति पार्टी (ओमप्रकाश बाबाराव कडू..महाराष्ट्र)

24.राष्ट्रीय समाज पक्ष

25.जन सुराज्य शक्ति पार्टी (महाराष्ट्र) विनय कोरे.

26. कुकी पीपुल्स अलायंस (मणिपुर)

27. यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (मेघालय)

28. हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (मेघालय)

29. निषाद पार्टी (यूपी) संजय निषाद

30.एआईएनआरसी (पुडुचेरी)

31. हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (बिहार) मांझी

32. जन सेना पार्टी (आंध्र प्रदेश)

33. हरियाणा लोकहित पार्टी (हरियाणा) (गोपाल कांडा)

34.भारत धर्म जन सेना (केरल)

35.केरल कामराज कांग्रेस (करेला)

36. पुट्टिया तमिलागम (तमिलनाडु)

37.लोक जन शक्ति पार्टी (रामविलास पासवान) बिहार

38.गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट, पश्चिम बंगाल

विपक्षी गठबंधन का नाम आखिर “INDIA” ही क्यों रखा गया, क्या इसमें छुपा है कोई संदेश?

#whyoppositioncoalitionnamedindian

2024 लोकसभा चुनाव में एनडीए का मुकाबला विपक्षी दलों के गठबंधन “INDIA” (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस) से होगा। बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिए कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक हुई, जिसमें गठबंधन को ये नाम दिया गया। अब सवाल ये उठ रहा है कि आखिर इस गठबंधन का नाम “INDIA” ही क्यों रखा गया।सवाल ये उठ रहा है कि इस नाम का सुझाव किस नेता ने दिया।

जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विपक्षी दलों के गठबंधन को इंडिया नाम रखने का सुझाव दिया। खुद राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस ये नाम रखने की वजह भी बताई। उन्होंने कहा कि यह बीजेपी और विपक्ष के बीच लड़ाई नहीं है, देश की आवाज के लिए लड़ाई है। इसलिए हमने गठबंधन का नाम INDIA चुना है। देश में आज लड़ाई NDA और INDIA के बीच में है। पीएम मोदी और INDIA के बीच है। उनकी विचारधारा और INDIA के बीच है। हमने निर्णय लिया है कि हम एक एक्शन प्लान तैयार करेंगे और एक साथ मिलकर देश में हमारी विचारधारा और हम जो करने जा रहे हैं उसके बारे में बोलेंगे।

क्या संदेश देने की कोशिश कर रहा विपक्ष

विपक्षी दलों ने गठबंधन का नाम इंडिया काफी मंथन के बाद रखा और इससे उनकी रणनीति की झलक भी मिलती है।दरअसल विपक्ष को बीजेपी राष्ट्रवाद और तुष्टिकरण की राजनीति पर लगातार घेरती रही है। मंगलवार को ही मीटिंग से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्षी गठबंधन को परिवारवाद और करप्शन का गठबंधन बताया था। ऐसे में विपक्षी दलों का मानना है कि नए नाम इंडिया बीजेपी के नैरेटिव को काउंटर करने और लोगों को बेहतर संदेश देने में मदद मिलेगी।

अगली मीटिंग मुंबई में होगी

बता दें कि, बीजेपी के खिलाफ महागठबंधन बनाने में जुटे विपक्षी दलों की दो दिनों तक बेंगलुरु में बैठक हुई।इसमें कई अहम मुद्दों पर आम सहमति बनी। मीटिंग में 26 दलों के नेताओं ने तय किया कि एक कोआर्डिनेशन कमिटी बनायी जाएगी, जो आगे की रणनीति तय करेगी। दिल्ली में एक सचिवालय भी बनेगा। साथ ही, अगली मीटिंग मुंबई में करने का फैसला लिया गया।

अब INDIA के नाम से जाना जाएगा विपक्षी दलों का गठबंधन, जानें क्या है इसका मतलब

#opposition_parties_name_their_alliance_india

2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की अगुआई में नया विपक्षी मोर्चा बना है। आज बेंगलुरु में 26 विपक्षी दलों की बैठक के दौरान गठबंधन के नाम पर मुहर लग गई। विपक्षी गठबंधन एनडीए के सामने अगला चुनाव में 'INDIA' लड़ेगा।विपक्ष के इस नए गठबंधन का नाम इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इनक्लूसिव अलायंस यानी “INDIA” होगा।इसमें I-इंडिया, N- नेशनल, D- डेमोक्रेटिक, I- इंक्ल्यूसिव और A- अलायंस है।

विपक्षी नेताओं के 'चक दे इंडिया' वाले ट्वीट से ही साफ हो गया कि विपक्षी गठबंधन का नया नाम इंडिया हो सकता है।कांग्रेस नेता माणिक टैगोर ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि जीतेगा इंडिया। वहीं टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट में लिखा है 'चक दे इंडिया'।तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा कि अब लड़ाई INDIA vs भारत जलाओ पार्टी (BJP) के बीच होगी। उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने भी ट्वीट कर कहा, 'तो इस बार 2024 होगा टीम INDIA Vs टीम NDA चक दे इंडिया!'

गठबंधन का यह नाम टीएमसी की प्रमुख ममता बेनर्जी ने सुझाया था, जिसके प्रति अधिकांश दलों ने अपनी सहमति जताई। न्‍यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक अभी यह तय नहीं हुआ है लेकिन अधिकांश पार्टी इस नाम के समर्थन में नजर आ रही हैं।

यौन शोषण मामले में बृजभूषण को मिली अंतरिम जमानत, 25 हजार के निजी मुचलके पर दो दिनों की राहत

#bjp_mp_brij_bhushan_singh_got_interim_bail_in_sexual_harrasment_case 

यौन शोषण के आरोपों में घिरे भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह को अंतरिम जमानत मिली है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा समन जारी करने के बाद मंगलवार को बृजभूषण की पेशी हुई थी। सुनवाई शुरू होने के कुछ देर बाद ही अंतरिम जमानत पर फैसला आ गया। दिल्ली पुलिस ने बेल का विरोध किया है। 25 हजार के बॉन्ड पर जमानत दी गई। अब अदालत 20 जुलाई को दोपहर 12.30 बजे इस मामले की सुनवाई करेगी, जहां नियमित जमानत पर सुनवाई हो सकती है।

बृजभूषण शरण सिंह के अलावा उनके करीबी और कुश्ती संघ के सहायक सचिव विनोद तोमर को भी अंतरिम जमानत मिल गई है। उन्हें बृजभूषण शरण सिंह के साथ इस मामले में सह-आरोपी बनाया गया है। महिला पहलवानों ने उनपर आरोप लगाए हैं कि वो ऐसे वक्त में बृजभूषण शरण सिंह से मुलाकात कराते थे जब वो अकेले रहते थे।

1599 पन्नों की चार्जशीट

बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली पुलिस की तरफ से 1599 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गई है। दिल्‍ली पुलिस ने गत 15 जून को राउस एवेन्‍यू कोर्ट में चार्जशीट पेश की थी। बृजभूषण के खिलाफ महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। इस चार्टशीट में आरोपी बृजभूषण और भारतीय कुश्ती संघ के सेक्रेटरी विनोद तोमर के खिलाफ केस का जिक्र है। चार्जशीट में कुल 44 विटनेस हैं और कुल 108 लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं। जिनमें 15 लोगों ने पीड़ित रेसलर्स के सपोर्ट में बयान दिए हैं।

पुलिस के पास डिजिटल सबूत मौजूद

छह बालिग महिला पहलवानों ने दोनों के खिलाफ यौन उत्‍पीड़न का केस दर्ज करवाया है। इस केस में बृजभूषण के खिलाफ सात गवाह मिले हैं। यौन शोषण की कथित जगह पर उनकी मौजूदगी के सबूत भी मिले हैं। बताया जा रहा है कि शिकायतकर्ता पहलववानों ने दिल्‍ली पुलिस को जांच के दौरान सबूत के तौर पर पांच तस्‍वीरें सौंपी हैं। डिजिटल सबूत भी दिए गए हैं जिन्‍हें पेन ड्राइव में कोर्ट को सौंपा गया है। कोर्ट ने दिल्‍ली पुलिस को चार्जशीट की एक कॉपी शिकायतकर्ता महिला पहलवानों को देने के निर्देश दिए थे।

कांग्रेस को सत्ता या पीएम पद में कोई दिलचस्पी नहीं है, विपक्षी बैठक में मल्लिकार्जुन खरगे का बड़ा बयान

#mallikarjun_kharge_statement_congress_has_no_interest_on_pm_post 

लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस की ओर से प्रधानमंत्री के पद की रेस में नहीं है। ये बयान विपक्षी दलों की बेंगलुरु में मंगलवार को हो रही बैठक के दूसरे दिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दिया है।बता दें कि कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में मंगलवार को विपक्षी दलों की महाबैठक चल रही है। आज बैठक का दूसरा और अंतिम दिन है। इस मीटिंग में हिस्सा लेने के लिए 26 दलों के नेता पहुंचे हुए हैं।

हमारा इरादा अपने लिए सत्ता हासिल करना नहीं-खड़गे

न्यूज एजेंसी एएनाई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि बेंगलुरु में संयुक्त विपक्ष की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि मैं एमके स्टालिन के जन्मदिन पर चेन्नई में पहले ही कह चुका हूं कि कांग्रेस को सत्ता या प्रधानमंत्री पद में कोई दिलचस्पी नहीं है। इस बैठक में हमारा इरादा अपने लिए सत्ता हासिल करना नहीं है। यह हमारे संविधान, लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय की रक्षा के लिए है।

बीजेपी को अकेले नहीं मिली 303 सीटें- खड़गे

बेंगलुरु में संयुक्त विपक्ष की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा,हम यहां 26 पार्टियां हैं। हम सब मिलकर आज 11 राज्यों में सरकार में हैं। बीजेपी को अकेले 303 सीटें नहीं मिलीं हैं। उसने अपने सहयोगियों के वोटों का इस्तेमाल किया और सत्ता में आई और फिर उन्हें त्याग दिया। आज बीजेपी अध्यक्ष और उनके नेता अपने पुराने सहयोगियों से समझौता करने के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य भाग-दौड़ कर रहे हैं।

हमारे बीच कई तरह के मतभेद हैं, लेकिन...-खड़गे

मल्लिकार्जुन खरगे ने स्वीकार किया कि विपक्षी दलों के बीच राज्य स्तर पर मतभेद हैं, लेकिन उन्होंने साथ ही कहा कि ये मतभेद विचारधारा से संबंधित नहीं हैं। खरगे ने कहा कि हम जानते हैं कि राज्य के लेवल पर हमारे बीच कई तरह के मतभेद हैं, लेकिन ये विचारधारा की लड़ाई नहीं है। ये मतभेद इतने भी बड़े नहीं हैं जिन्हें दूर ना किया जा सके। बेरोजगार, महंगाई, युवाओं पर हो रहे अत्याचार के लिए इन मतभेदों को दूर किया जा सकता है।

विपक्ष की बैठक पर पीएम मोदी का बड़ा हमला, कहा-लेबल कुछ है माल कुछ है

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बेंगलुरु में विपक्ष एकजुट होकर लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मंथन कर रहा है। इस बीच मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी विपक्षी एकता पर तीखा हमला बोला। पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पोर्ट ब्लेयर के वीर सावरकर एयरपोर्ट के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्षी एकता को लेकर तंज कसा और कहा कि एक चेहरे पर कई चेहरे लगा लेते हैं लोग। उन्होंने कहा ये सब लोग अपने कुनबे को बचाने के लिए इकट्ठा हो रहे हैं।

परिवारवाद को लेकर विपक्ष पर कसा तंज

पीएम मोदी ने विपक्ष की बैठक पर निशाना साधते हुआ कहा कि परिवारवाद के कट्टर समर्थक एकत्रित हो रहे हैं। यह कट्टर भ्रष्टाचारी सम्मेलन हो रहा है। ये लोग परिवार के लिए भ्रष्टाचार बढ़ा रहे हैं। लंबे समय तक भारत में विकास का दायरा कुछ दलों की स्वार्थ भरी राजनीति के कारण देश के दूर दराज वाले इलाकों तक पहुंचा ही नहीं। ये दल उन्हीं कामों को प्राथमिकता देते थे जिसमें इनका खुद का भला हो इनके परिवार का भला हो, नतीजा ये हुआ कि जो आदिवासी क्षेत्र और द्वीप हैं वहां की जनता विकास से वंचित रही, विकास के लिए तरसती रही।

चुनाव के लिए दुकान खोली है-पीएम मोदी

कुछ लोगों ने अपनी दुकान खोली, चुनाव के लिए दुकान खोली है। इन्हें देखकर मुझे एक कविता याद आती है, गाइत कुछ है हाल कुछ है, लेबल कुछ है माल कुछ है। पीएम मोदी ने कहा कि हमारे से पहले की सरकार के 9 साल में अंडमान निकोबार को करीब 23,000 करोड़ रुपये का बजट अलॉट किया गया था। जबकि हमारी सरकार के दौरान अंडमान निकोबार के विकास के लिए 9 वर्षों में करीब 48 हजार करोड़ रुपये का बजट दिया गया है।

अपराध पर इनकी जुबान बंद हो जाती है- पीएम मोदी

पीएम ने आगे कहा, ये जो जमात इकट्ठी हुई है, उनके कुनबे में बड़े से बड़े घोटालों पर, अपराधों पर इनकी जुबान बंद हो जाती है। जब किसी एक राज्य में इनके कुशासन की पोल खुलती है, तो दूसरे राज्यों के ये लोग फौरन उसके बचाव में तर्क देने लगते हैं।

लोजपा रामविलास के मुखिया चिराग पासवान के एनडीए में शामिल होने के बाद भी चाचा भतीजे में तल्खी बरकरार, जानिए बिहार के किन सीटों पर फंस सकता है अब

लोजपा रामविलास के मुखिया चिराग पासवान की एनडीए में वापसी हो गई है। मगर उनकी अपने चाचा एवं केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस से तल्खी बरकरार है। एनडीए की मंगलवार को दिल्ली में हो रही बैठक में ये दोनों नेता शामिल होंगे। बीजेपी के सामने इन दोनों के बीच सामंजस्य बनाने की चुनौती होगी। चिराग पासवान जहां पशुपति पारस की सीट हाजीपुर पर नजर गढ़ाए बैठे हैं। चाचा-भतीजा, दोनों ने इस पर दावा ठोक दिया है। वहीं, समस्तीपुर लोकसभा सीट पर भी पेंच फंस सकता है।

बिहार में दो सुरक्षित लोकसभा क्षेत्रों हाजीपुर और समस्तीपुर को लेकर एनडीए में चाचा पशुपति पारस व भतीजा चिराग पासवान के बीच जंग रोचक दौर में पहुंच गई है। यक्षप्रश्न है कि ये दोनों सीटें 2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए में किसकी होगी? रोचक तथ्य यह भी है कि दोनों ही आज एनडीए की बैठक में शामिल हो रहे हैं। 

2019 के लोकसभा चुनाव में जब लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान के नेतृत्व में पार्टी ने सात सीटें पाईं थीं तो समस्तीपुर से उन्होंने अपने सबसे छोटे भाई रामचन्द्र पासवान को जबकि अपनी कर्मभूमि हाजीपुर सीट से मंझले भाई पशुपति कुमार पारस को मैदान में उतारा था। वहीं, बेटे चिराग पासवान को लगातार दूसरी बार जमुई की जनता की सेवा करने के लिए भेजा। तब इन तीन सीटों समेत लोजपा को कुल छह सीटों पर जीत मिली थी।

हालांकि, इसके बाद रामचन्द्र पासवान दिवंगत हो गए तो समस्तीपुर सीट पर हुए उप चुनाव में उनके पुत्र प्रिंस राज ने जीत दर्ज की। रामविलास पासवान के दिवंगत होने के बाद लोजपा में दो फाड़ हो गई, चिराग अकेले रहे और शेष पांच सांसदों के साथ पशुपति पारस ने एनडीए का दामन थामे रखा। अब जबकि तकरीबन दो साल बाद चिराग पासवान की एनडीए में एंट्री हो रही है तो उनकी कई शर्तों में यह सबसे ऊपर है कि इस गठबंधन में हाजीपुर और समस्तीपुर सीट उन्हें चाहिए ही चाहिए। खासतौर से हाजीपुर सीट तो वे किसी कीमत पर चाचा को जाने नहीं देंगे। उधर चाचा पशुपति पारस भी अड़े हैं। दोनों के बीच रामविलास पासवान की विरासत को लेकर जारी जंग अब इस सीट की दावेदारी तक पहुंच गई है।

इस बाबत पशुपति पारस कहते हैं कि बड़े भाई ने उन्हें हाजीपुर सीट सौंपी है। वे सीटिंग सांसद हैं। इसलिए प्रश्न ही नहीं उठता है इस सीट को छोड़ने का। उन्होंने ही चिराग को जमुई भेजा। जमुई की जनता सवाल पूछ रही है कि आखिर 9 साल बाद चिराग क्यों उन्हें छोड़ने पर उतारू हैं। उनके मुताबिक प्रिंस राज उनकी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं और समस्तीपुर के वे सांसद हैं। यह सीट भी किसी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे। उधर, एलजेपी रामविलास के बिहार अध्यक्ष राजू तिवारी ने सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह से चिराग पासवान की मुलाकात के बाद दिल्ली में पत्रकारों से कहा, चिराग पासवान पहले ही बोल चुके हैं कि हाजीपुर सीट से वे ही लड़ेंगे।