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*डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के निर्देश पर चार और चिकित्सक बर्खास्त, जानिये कहां का है मामला*


लखनऊ । ड्यूटी से लगातार गैरहाजिर रहने वाले चिकित्सकों पर कार्रवाई का सिलसिला जारी है। मंगलवार को डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के निर्देश पर चार चिकित्सकों को बर्खास्त कर दिया गया है। यह चिकित्सक गाजीपुर, मीरजापुर, जौनपुर और सुल्तानपुर के अलग- अलग अस्पतालों में तैनात थे। योगी सरकार के तमाम प्रयास करने के बाद भी चिकित्सक सरकारी सेवा में आना ही नहीं चाह रहे है। इसके बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग काम न करने वाले चिकित्सकों के खिलाफ कोई नरम रूख नहीं अपनाना चाहती है।

इन डॉक्टरों पर हुई कार्रवाई

प्रदेश भर में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के क्रम में ड्यूटी से लगातार अनुपस्थित रहने वाले डॉक्टरों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के निर्देश पर सीएचसी मनिहारी, गाजीपुर में तैनात डा. अब्दुल्लाह फैसल, मुख्य चिकित्साधिकारी मीरजापुर के अधीन सीएचसी सीखड़ में तैनात डा. प्रगति शर्मा, मुख्य चिकित्साधिकारी जौनपुर के अधीन तैनात डा. प्रसन्न कुमार सिंह तथा मुख्य चिकित्साधिकारी सुल्तानपुर के अधीन सीएचसी भदैया, सुल्तानपुर में तैनात डा. सन्तोष कुमार वर्मा पर विभागीय कार्रवाई की गई है। लापरवाही और अनुशासनहीनता एवं लंबे समय से शासकीय ड्यूटी से अनुपस्थित रहने पर इन चिकित्सकों को बर्खास्त कर दिया गया है।

बाहर की दवा लिखने पर जांच के आदेश

वहीं जिला चिकित्सालय कुशीनगर में अव्यवस्थाओं एवं बाहर की दवा लिखे जाने संबंधी प्रकरण को लेकर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने संबंधित चिकित्सकों के विरुद्ध कार्यवाही के आदेश मुख्य चिकित्साधिकारी को दे दिये है। गोंडा की सीएचसी कटरा बाजार पर तैनात कंप्यूटर आपरेटर अजय यादव पर जन्म प्रमाण पत्र के नाम पर रुपये लेने के आरोप में सीएमओ को उस कर्मी के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

*यूपी की तर्ज पर देश के सभी नर्सिंग और पैरामेडिकल संस्थानों की हो रही रेटिंग: क्यूसीआई*


लखनऊ । 'मिशन निरामयाः' जैसे अभिनव प्रयास के लिए मुख्यमंत्री के विजन को प्रेरक बताते हुए क्यूसीआई के सेक्रेटरी जनरल आरपी सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश के इस प्रयास का अनुकरण करते हुए नीति आयोग ने इंडियन नर्सिंग कॉउंसिल को ऐसी ही व्यवस्था पूरे देश में लागू करने का परामर्श दिया है। इससे पहले, क्यूसीआई सेक्रेटरी जनरल ने रेटिंग तय करने के लिए अपनाई गई प्रक्रिया के बारे में मुख्यमंत्री को विस्तार से जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि 34 दिन के भीतर क्यूसीआई की टीम प्रदेश के हर संस्थान नर्सिंग व पैरामेडिकल संस्थान में गई, वहां तय मानकों पर शैक्षिक गुणवत्ता की परख की गई। शुचिता का ध्यान रखते हुए परीक्षकों ने बॉडी वार्न कैमरे लगाए हुए थे और पूरे परीक्षण प्रक्रिया की विधिवत रिकॉर्डिंग की जा रही थी। परीक्षण के बाद 267 संस्थानों ने अपनी अपील सबमिट की थी, सभी को उनके वीडियो दिखाकर उनकी आपत्तियों का समुचित समाधान किया गया। इसमें 64 ने अपनी समस्याएं भी रखीं और अंततः सभी की आपत्तियों/जिज्ञासा का समाधान करते हुए अन्तिम रूप से संस्थानों और पाठ्यक्रमों की रेटिंग तैयार की गई और आज एक भी संस्थान ऐसा नहीं जो अपनी रेटिंग से असंतुष्ट हो।

उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री ब्रजेश पाठक ने पैरामेडिकल व नर्सिंग संस्थानों की आवश्यकता पर जोर देते हुए हर मेडिकल कॉलेज के साथ नर्सिंग व पैरामेडिकल संस्थान स्थापना की नीति के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित किया और गुणवत्तापरक चिकित्सा शिक्षा के लिए हर जरुरी प्रयास करने के लिए मुख्य्मंत्री को विश्वास दिलाया।

*माफिया और पलायन के लिए जाना जाता था मऊ और शामली, आज खुल रहा मेडिकल कॉलेज: सीएम योगी*


लखनऊ । प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र के लिए बुधवार के दिन ऐतिहासिक रहा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में एक ओर जहां शामली और मऊ जिले में पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज स्थापना के लिए अनुबंध हुए, वहीं मिशन निरामयाः के अंतर्गत प्रदेश के सभी नर्सिंग और पैरामेडिकल संस्थानों की रेटिंग जारी की गई। यही नहीं, नर्सिंग व पैरामेडिकल संस्थानों की गुणवत्ता सुधार के लिए अपनाई गई 'मेंटॉर-मेंटी' प्रक्रिया के तहत 08 नए संस्थानों को मेंटॉर का प्रमाण पत्र दिया गया।

इस अवसर पर सीएम योगी ने कहा कि 2017 से पहले प्रदेश में मात्र 12 मेडिकल कॉलेज थे, लेकिन 2017 के बाद आदरणीय प्रधानमंत्री जी की 'एक जिला-एक मेडिकल कॉलेज की परिकल्पना को साकार करते हुए आज उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज की स्थापना हो रही है। आज 45 जिलों में सरकारी मेडिकल कॉलेज संचालित हैं, जबकि 16 जिलों में निर्माणाधीन हैं। मऊ और शामली जैसे जिले, जो आज से 06 वर्ष पहले अन्य कारकों से जाने जाते थे, वहां आज मेडिकल कॉलेज स्थापित हो रहे है। मऊ माफ़िया के कारण भयभीत रहता था तो शामली में पलायन का दंश था। लेकिन आज इन दोनों ही जिलों में मेडिकल कॉलेज की स्थापना हो रही है। यह किसी सपने के साकार होने जैसा है।

पिछली सरकारों ने पैरामेडिकल और नर्सिंग संस्थानों को उपेक्षित रखा था। स्टेट मेडिकल फैकल्टी खुद बीमार थी और गुणवत्तापरक शिक्षा पर कोई ध्यान नहीं था। ऐसे में 'मिशन निरामयाः' की आवश्यकता थी, जिसे सरकार ने बढ़ाया। इसके तहत 12 अच्छे संस्थानों को मेंटॉर के रूप में चिन्हित किया गया। मेंटॉर-मेंटी की नीति के साथ आगे बढ़ी सुधार की प्रक्रिया का ही परिणाम है कि आज 08 और संस्थान मेंटॉर के रूप में अपग्रेड हो गए हैं। यह बदलती हुई व्यवस्था का प्रमाण है। शिक्षण संस्थानों में गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता। मेडिकल कॉलेज हो या हॉस्पिटल, नर्सिंग हो या पैरामेडिकल कॉलेज, अगर गुणवत्ता है, मानक पूरा है तो उसकी शासन की सभी पात्र योजनाओं का लाभ बिना विलंब मिलना चाहिए। और अगर वह मानक पूरा नहीं करता तो ऐसे संस्थानों को अपनी सूची से बाहर किया जाना चाहिए।

सीएम योगी ने कहा कि क्वालिटी कंट्रोल ऑफ इंडिया द्वारा शुचिता और पारदर्शिता के साथ कि गई नर्सिंग और पैरामेडिकल संस्थानों की गुणवत्ता रैंकिंग अन्य संस्थानों को भी बेहतर करने के लिए प्रेरित करेगी। प्रदेश के 16 असेवित जनपदों में पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) आधार पर मेडिकल कालेज की स्थापना किए जाने का निर्णय लिया गया था। इस क्रम में महाराजगंज एवं संभल में निजी निवेश कर्ताओं का चयन पूर्व में किया जा चुका है एवं दोनों स्थान पर मेडिकल कॉलेज का निर्माण प्रगति पर है। आज जनपद मऊ में राजीव सामाजिक शिक्षा सेवा संस्थान को तथा जनपद शामली में चिन्हित प्राईवेट पार्टनर-ज्ञान चेतना एजुकेशलन सोसाइटी एवं उत्तर प्रदेश शासन के बीच एग्रीमेण्ट हस्ताक्षरित हुआ है। प्रत्येक स्थान पर निजी निवेशकर्ता द्वारा लगभग ₹250 करोड़ रूपये के निवेश से एक निजी मेडिकल कॉलेज स्थापित किया जायेगा। दोनों सामाजिक संस्थानों को मेरी शुभकामनाएं।

मिशन निरामयाः के अन्तर्गत नर्सिंग व पैरामेडिकल संस्थाओं की गुणवत्ता सुधार हेतु अनेक कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। उक्त कार्यक्रम के अन्तर्गत एक प्रयास यह है कि प्रदेश में स्थापित समस्त नर्सिंग व पैरामेडिकल कालेज (सरकारी एवं निजी) का निरीक्षण क्वालिटी काउन्सिल आफ इण्डिया द्वारा कराया जाये और इसके आधार पर संस्थाओं को एक एक्रीडेशन रैंकिंग स्कोर प्रदान किया जाये। उक्त एक्रीडेशन रैंकिंग एक पुस्तिका के रूप में प्रकाशित की गयी है। उत्तर प्रदेश इस उपलब्धि को हासिल करने वाला पहला राज्य है।

स्टेट मेडिकल फैकल्टी के कायाकल्प की आवश्यकता है। इस दिशा में अच्छे प्रयास भी हुए हैं। किसी भी फाइनेंसियल ट्राजैक्शन हेतु अब किसी भी निजी संस्था व राजकीय संस्था अथवा चिकित्सा व्यवसायी को स्टेट मेडिकल फैकल्टी का शुल्क जमा करने हेतु भौतिक रूप से आने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी क्योंकि सभी ट्रांजैक्शन के लिए एक आनलाइन पेमेंट गेटवे की व्यवस्था की गयी है, जिसका आज शुभारम्भ किया गया है। यह हर्ष का विषय है।

*कर्ज बढ़ गया तो बुजुर्ग महिलाओं से लूटने लगा चेन ,विभूतिखंड पुलिस ने एक पुरुष व एक महिला को किया गिरफ्तार*


लखनऊ। थाना विभूतिखण्ड व क्राइम टीम डीसीपी पूर्वी की संयुक्त पुलिस टीम द्वारा बुजुर्ग महिला से चेन स्नैचिंग करने वाले दो शातिर लुटेरे व स्नैचर एक महिला और एक पुरुष को गिरफ्तार किया है। साथ ही इनके कब्जे से लूट की गले की चैन बरामद किया है।

प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त नरेन्द्र जायसवाल उर्फ हिमांशु जायसवाल पुत्र राजकुमार जायसवाल निवासी मोहल्ला बेलदारी टोला महमूदाबाद थाना महमूदाबाद जनपद सीतापुर हालपता दिलीप सिंह का मकान रेलवे लाईन के सामने अमेटी यूनिवर्सिटी के पास निजामपुर थाना चिनहट व अभियुक्ता कुसुम लता पत्नी स्व.राजीव कुमार निवासी कृष्णालोक कालोनी फेज एक बंथरा थाना बंथरा हालपता आदिलनगर थाना गुडम्बा जनपद गिरफ्तार किये गये तथा उनके कब्जे से लूट की एक गले की चैन बरामद किया गया।

पकड़े गए अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि मुझे जुआ खेलने की आदत थी, जिस कारण मेरे ऊपर कर्ज बढ़ गया। जिसके चुकाने लिये मौका देखकर एक दुकान पर जिस पर दो बुजुर्ग दंपत्ति थे। उनको मौका देखकर बुजुर्ग महिला की गले की चेन छीन कर भाग गया था, आज हम लोग इसे बेचने के लिये जा रहे थे कि आप लोगों ने पकड़ लिया।

*बहन की शादी करने के लिए की थी 22 लाख चोरी ,विशाल मेगा मार्ट में चोरी की घटना का पुलिस ने चौबीस घंटे के अंदर किया खुलासा*


लखनऊ । थाना कृष्णानगर पुलिस द्वारा विशाल मेगा मार्ट में हुई चोरी की घटना का 24 घंटे के अन्दर घटना का अनावरण करते हुए चोरी करने वाला मैनेजर गिरफ्तार कर लिया। साथ ही चोरी की गयी शत प्रतिशत कुल धनराशि 22,13,076 रुपये बाइस लाख तेरह हजार छिहत्तर रुपए नकद, दो चाभी के गुच्छे व घटना में प्रयुक्त चश्मा, शर्ट व गमछा बरामद किया है। पूछताछ में मैनेजर ने बताया कि उसकी दो बहनों की शादी करनी है। जिसके लिए वह परेशान था। नौकरी से काम नहीं चल रहा था,इसलिए चोरी की घटना को अंजाम दिया।

मैनेजर ने ही चोरी की घटना को दिया था अंजाम, गिरफ्तार

पुलिस उपायुक्त दक्षिण विनीत जायसवाल ने बताया घटना का पर्दाफाश करते हुए प्रभारी निरीक्षक कृष्णानगर विक्रम सिंह के नेतृत्व में गठित थाना कृष्णानगर पुलिस टीम के द्वारा विशाल मेगा मार्ट में हुई चोरी के सम्बन्ध में थाना स्थानीय पर पंजीकृत मुकदमा का 24 घंटे के अन्दर सफल अनावरण करते हुए विशाल मेगा मार्ट में ही मैनेजर के पद पर रहते हुए लाखों रुपये की चोरी करने वाला एक नफर शातिर अभियुक्त वीर शंकर पुत्र राज किशोर यादव निवासी श्रम बिहार कालोनी करेटा एशबाग थाना बाजारखाला उम्र 24 वर्ष को आज को धोबीघाट मानकनगर ओबरब्रिज के नीचे क्रासिंग के पास से चोरी किये गये 22 लाख 13 हजार छिहत्तर रुपये समेत गिरफ्तार कर महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की गयी है। कृष्णानगर के चौकी क्षेत्र सरार्फा स्थित विशाल मेगा मार्ट में कार्यरत एरिया मैनेजर अजय सिंह ने थाना आकर राम नगर आलमबाग ब्रान्च से कैश रुम मैनेजर रुम से किसी अज्ञात व्यक्ति के द्वारा कैश व तिजोरी की चाभियां चोरी कर लेने के सम्बन्ध में प्रार्थना पत्र दिया।

कृष्णानगर पुलिस ने चोरी हुए पूरे पैसा किया बरामद

जिसके आधार पर थाना स्थानीय पर मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना उपनिरीक्षक सन्दीप कुमार शर्मा को सुपुर्द की गयी। सहायक पुलिस आयुक्त कृष्णानगर विनय कुमार द्विवेदी के नेतृत्व में मुकदमा उपरोक्त के सफल अनावरण के लिए टीम का गठन की गयी। टीम के द्वारा चोरी गये कैश व अभियुक्त की तलाश के लिये इलेक्ट्रानिक सर्विलांस और मुखबिर तन्त्र का सहयोग लेकर संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ की गयी तो ज्ञात हुआ कि विशाल मेगा मार्ट आलमबाग में नियुक्त स्टोर मैनेजर वीरशंकर उपरोक्त घटना के समय अपनी बहन की तबियत खराब होने का बहाना बनाकर अपने घर जाना बताकर कहीं चला गया था। वीरशंकर उपरोक्त के द्वारा पूछताछ में भी सहयोग नहीं किया जा रहा था। सीसीटीवी फुटेज से प्राप्त वीडियो क्लिप की गहनता से जांच करने पर वीरशंकर से फोटो मैच कर रहा था तथा घटना के बाद से ही फरार चल रहा था।

पुलिस टीम द्वारा तलाश किये जाने पर अभियुक्त वीरशंकर को धोबीघाट मानकनगर क्रासिंग के पास हिरासत में लिया गया। पूछताछ किये जाने पर बताया कि वह विशाल मेगा मार्ट में करीब छह वर्षों से नौकरी कर रहा था। उसकी दो बहनों की शादी होना है । बहन की शादी के लिये पैसे की आवश्यकता थी तो मैने 29 जून को विशाल मेगा मार्ट मैनेजर रूम से शाम के समय लाकर की चाभी का एक सेट चोरी कर लिया था और उसके बाद 9 जुलाई को मैं अपनी ड्यूटी के बाद बाहर निकल गया और चेंजिंग रूम में कपड़े चेंज करके लड़कियों द्वारा पहने जाने के स्टाइल में कपडेÞ पहनकर, मुँह पर कपड़ा बांधकर लगाकर दोबारा इन्ट्री किया।

22 लाख 13 हजार छिहत्तर रुपये बरामद हुए

जब विशाल मेगा मार्ट में नियुक्त नये मैनेजर राजीव सिंह व दिलीप मैनेजर नीचे गये तो मैने मौके का फायदा उठाकर लाकर का ताला चोरी की गयी चाभी से खोलकर लाकर मे रखा रूपया साउण्ड के एक खाली गत्ते में पैक कर लिया और उस पर टेप चिपका कर काउण्टर में गया। काउण्टर में जाने का बाद उसका बिल कटाकर बाहर निकल गया। पकड़े गये व्यक्ति की जामा तलाशी लेते हुए साउंड के गत्ते को खोलकर देखा गया तो 22 लाख 13 हजार छिहत्तर रुपये बरामद हुए तथा दो चाभी के गुच्छे तथा घटना के समय इस्तेमाली चश्मा व शर्ट व एक गमछा बरामद हुआ है। पूछताछ करने के बाद अभियुक्त को कोर्ट के समक्ष पेश किया गया।

*पहले किया अपहरण फिर उतारा मौत के घाट ,इंटरव्यू देने के लिए निकली थी घर से, परिजनों ने किया प्रदर्शन*


लखनऊ। राजधानी के बंथरा इलाके में इंटरव्यू के लिए निकली लड़की की दिनदहाड़े किडनैप करके हत्या कर दी गई। सोमवार दोपहर उसकी लाश बंथरा के अमावा जंगल में मिली। लड़की के दांत टूटे थे। उसके सिर और गले पर चोट के निशान थे। साथ ही दुप्पट मुंह में ठूस दिया था। मंगलवार की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाने के बाद मुंह में कपड़ा ठूस कर हत्या करने की बात सामने आयी है।

पुलिस ने एक संदिग्ध व्यक्ति को पकड़कर पूछताछ शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि पकड़ा गया व्यक्ति हत्या व कुकर्म के मामले में पहले जेल जा चुका है। हालांकि घटना के दूसरे दिन पुलिस को इस मामले में कोई खास सफलता नहीं मिल पायी है। फिलहाल पुलिस का दावा है कि जल्द ही हत्यारोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। क्योंकि पुलिस के पास अहम सबूत हाथ लगा है। इस मामले में लड़की के भाई ने चार आरोपियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करवाया है।

गिरफ्तार आरोपी हत्या व कुकर्म में जा चुका है जेल

सरोजनीनगर के गहरू गांव की रहने वाली मोनी कश्यप उम्र 24 सोमवार को साक्षात्कार देने के लिए सुबह करीब 11 बजे घर से निकली थी। दोपहर करीब तीन बजे उसकी हत्या की सूचना उसके भाई को मिली। अमावा के पास के जंगल में युवती का शव मिला। उसके चेहरे पर गंभीर चोट के निशान थे। इस दौरान युवती की चीख सुनकर ग्रामीण की भीड़ ने पहुंचकर एक युवक को पकड़ लिया था। जबकि अन्य साथी उसके फरार होने में सफल रहे। मृतका के भाई रवि ने कहा कि हत्यारों ने मारपीट करके बहन के दांत तक तोड़ दिए। चीखने पर उसके मुंह में कपड़ा ठूंस दिया। यही नहीं, उसके गाल, सिर और गले पर भी चोट के गहरे निशान हैं।

पुलिस ने बताया कि मौके से पकड़े गए युवक की पहचान बंथरा के रामदासपुर गांव में रहने वाले रूप प्रकाश यादव उर्फ छोटू के रूप में हुई है। आरोपी बार-बार बयान बदल रहा है। आरोपी 2017 में 9 साल के बच्चे के साथ कुकर्म के बाद हत्या मामले में जेल जा चुका है। तब वह नाबालिग था। साढ़े तीन साल बाद जमानत पर छूटा है। छोटू से पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है लेकिन वह मोनी के अपहरण व हत्या की बात को स्वीकार नहीं कर रहा है। वहीं मंगलवार को मोनी कश्यप की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाने के बाद मुंह में कपड़ा ठूसकर हत्या करने की बात सामने आयी है।

चीख निकली तो मुंह में ठूंस दिया कपड़ा

पुलिस की तफ्तीश में सामने आया कि जब मोनी ने विरोध किया तो आरोपी ने उसे घूंसों से मारना शुरू कर दिया। आशंका है कि इसी दौरान ईंट या पत्थर से उसके सिर पर मार दिया। जब चीख निकली तो उसको लगा वह पकड़ जाएगा। तब उसने उसके मुंह में कपड़ा ठूंसा और दबा दिया। कुछ ही देर में उसकी जान निकल गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से भी स्पष्ट हुआ कि दम घोटकर उसको मारा गया। सिर, चेहरे व गर्दन पर कई चोटे हैं। दांत भी टूटे हैं।

परिजनों ने सड़क जाम कर किया प्रदर्शन

घटना के विरोध में मंगलवार शाम करीब सवा चार बजे मोनी के परिजनों व अन्य लोगों ने स्कूटर इंडिया-पिपरसंड मार्ग पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया। परिजनों का कहना था कि उनको आशंका है कि वारदात में एक से अधिक लोग शामिल हैं। मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने परिजनों को आश्वासन दिया कि जो भी लोग इसमें शामिल होंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी। अब तक की जांच में रूप प्रकाश की ही भूमिका सामने आई है। उसकी गिरफ्तारी कर ली गई है। करीब एक घंटे बाद प्रदर्शन खत्म हुआ।

*सीएम योगी बोले, वर्तमान में सेफ सिटी परियोजना महिलाओं की सुरक्षा पर केन्द्रित, हमें इसे विस्तार देते हुए बुजुर्गों, बच्चों और दिव्यांगजन की सुर


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर सेफ सिटी परियोजना के कार्यां की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में क्रियान्वित सेफ सिटी परियोजना के विस्तार की कार्ययोजना का अवलोकन किया। उन्होंने नगर निगम मुख्यालय वाले सभी शहरों तथा जनपद गौतमबुद्धनगर मुख्यालय को सेफ सिटी के रूप में अपडेट करने के सम्बन्ध में निर्देश दिए। सीएम ने कहा कि पीएम मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार प्रदेश के हर नागरिक की सुरक्षा और उनके विकास के लिए अनुकूल माहौल उपलब्ध कराने के लिए संकल्पित है। इस दिशा में विगत 06 वर्षां में किए गए प्रयासों के आशातीत परिणाम मिले हैं।

आज प्रदेश में हर महिला, हर व्यापारी सुरक्षित है। लोगों में अपनी सुरक्षा के प्रति एक विश्वास है। यह विश्वास सतत बना रहे, इसके लिए हमें अलर्ट मोड में रहना होगा।

सीएम ने कहा कि महिला सुरक्षा, सम्मान व स्वावलम्बन सुनिश्चित करने के संकल्प की पूर्ति में ‘सेफ सिटी परियोजना’ अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रही है। प्रदेश में इस परियोजना के माध्यम से लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के अन्तर्गत मॉडर्न कण्ट्रोल रूम, पिंक पुलिस बूथ, आशा ज्योति केन्द्र, सीसीटीवी कैमरे, महिला थानों में परामर्शदाताओं के लिए हेल्प डेस्क, बसों में पैनिक बटन व अन्य सुरक्षा उपायों को लागू करने में सहायता मिली है। अब हमें इसे और विस्तार देना होगा।

सीएम ने निर्देशित किया कि अन्तर्विभागीय समन्वय और कन्वर्जेंस के माध्यम से वित्तीय प्रबन्धन करते हुए प्रथम चरण में सभी 17 नगर निगमों और गौतमबुद्धनगर को सेफ सिटी के रूप में विकसित किया जाए। दूसरे चरण में 57 जनपद मुख्यालयों की नगर पालिका परिषदों और फिर तीसरे चरण में 143 नगर पालिका परिषदों को सेफ सिटी परियोजना से जोड़ा जाए। ऐसे सभी नगरों के प्रवेश द्वार पर सेफ सिटी का बोर्ड लगा कर इसकी विशिष्ट ब्राण्डिंग भी की जाए। इस प्रकार, उत्तर प्रदेश सर्वाधिक सेफ सिटीज़ वाला देश पहला राज्य हो सकेगा। सेफ सिटी परियोजना अत्यन्त महत्वपूर्ण है। हमें आगामी ती माह की अवधि में प्रथम चरण का कार्य पूरा करना होगा। सम्बन्धित विभाग को दी गई जिम्मेदारी तय समय-सीमा में पूरी की जाएं। मुख्य सचिव द्वारा सेफ सिटी के कार्यां की प्रगति की पाक्षिक समीक्षा की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में सेफ सिटी परियोजना महिलाओं की सुरक्षा पर केन्द्रित है। हमें इसे विस्तार देते हुए बुजुर्गों, बच्चों और दिव्यांगजन की सुरक्षा से भी जोड़ना चाहिए। सेफ सिटी के माध्यम से सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों व दिव्यांगजन के लिए एक सुरक्षित, संरक्षित एवं सशक्त वातावरण बनाने की मुहिम को आवश्यक तेजी मिलेगी। स्मार्ट सिटी परियोजना के अन्तर्गत स्थापित इण्टीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेण्ट सिस्टम से शहरों की सुरक्षा व्यवस्था स्मार्ट हुई है। व्यापारियों का सहयोग लेकर शहर में अधिकाधिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं।

मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि प्रदेश के सभी पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। इसके सम्बन्ध में एक स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर तैयार करें। यह कार्य शीर्ष प्राथमिकता के साथ कराया जाए। थानों में जहां जनसुनवाई होती हो, वहां कैमरे जरूर लगें। सभी कैमरों की गुणवत्ता अच्छी होनी चाहिए। प्रत्येक माह में एक बार जनपद स्तर पर महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों व दिव्यांगजन के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित करें। उनकी समस्याएं सुनें, यथोचित समाधान करें। सफल महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों, दिव्यांगजन की पहचान कर उन्हें रोल मॉडल के रूप में प्रस्तुत करें। यह प्रयास अन्य लोगों के लिए प्रेरक होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एनसीसी/एनएसएस स्वयंसेविकाओं को सेफ सिटी स्वयंसेवी के रूप में दायित्व सौंपा जाना चाहिए। इन स्वयंसेविकाओं को निकटतम पिंक बूथ के सम्पर्क में रखा जाना चाहिए। विशेष परिस्थितियों में इन स्वयंसेविकाओं की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। दिव्यांगजन के लिए साइनेज आदि पर ब्रेल लिपि में सूचनाएं लिखी जानी चाहिए। मेट्रो रेल में दिव्यांगजन के लिए अनेक सुविधाजनक प्रबन्ध हैं। ऐसे ही प्रयास सभी सार्वजनिक स्थानों पर किए जाने चाहिए। विक्षिप्त व्यक्तियों अथवा भिक्षावृत्ति कर रहे लोगों के व्यवस्थित पुनर्वास के लिए समाज कल्याण विभाग और नगर विकास विभाग मिलकर कार्य करें। अनेक स्वयंसेवी संस्थाएं इस क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रही हैं, उन्हें जोड़ें और उनका आवश्यक सहयोग करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सेफ सिटी की परिकल्पना को साकार करने के लिए सार्वजनिक परिवहन वाले वाहन चालकों का सत्यापन आवश्यक है। ऐसे में, टैक्सी, ई-रिक्शा, ऑटो, टेम्पो आदि वाहन चालकों का विधिवत पुलिस वेरिफिकेशन किया जाए। नगर विकास विभाग और परिवहन विभाग मिलकर सभी नगरों में ई-रिक्शा के लिए रूट तय करें। यह सुनिश्चित करें कि तय सीमा से अधिक सवारी न बैठायी जाए। नगरों में निवासरत किरायेदारों के बारे में भी निकटतम थाने के पास पूरी जानकारी जरूर हो।

सेफ सिटी पोर्टल का भी विकास करें। इससे ऐसे सभी विभागों को जोड़ा जाए, जिनके द्वारा महिला, बच्चों, बुजुर्गों और दिव्यांगजनों के हित में कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। सड़क किनारे प्रचार-प्रसार के लिए लगे होर्डिंग स्टैण्ड/यूनिपोल आदि को ‘स्मार्ट सिटी’ की तर्ज पर व्यवस्थित किया जाए। एक प्रदेशव्यापी अभियान चलाकर सभी नगरों में डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाएं। अवैध होर्डिंग स्टैण्ड कतई न हों, इन्हें तत्काल हटाया जाए। यह आधुनिक डिस्प्ले स्थानीय निकायों के लिए राजस्व संग्रह का साधन भी बनेंगे।

*डॉक्टरों के एक शिष्टमंडल ने किया विधानसभा का दौरा, बोले- यहां आने के बाद यूपी विधानसभा के प्रति हम सबकी पूरी तरह से धारणा बदल गयी*


लखनऊ। देश में अपनी अनूठी पहचान बना रही उत्तर प्रदेश विधानसभा में आज डाक्टरों के एक शिष्टमंडल ने अपने भ्रमण के दौरान इसकी बनावट और इसके बदलते स्वरूप की जमकर सराहना की। इस मौके पर डाक्टरों ने कहा, यहां आने के बाद यूपी विधानसभा के प्रति हम सबकी पूरी तरह से धारणा बदल गयी है। अब हम गर्व से कह सकते हैं कि यूपी विधानसभा अन्य राज्यों से बेहतर है।

कार्यक्रम के संयोजक डा ऋषि शुक्ला ने बताया कि विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने जब इस बात की जानकारी उन्हें दी कि उनकी विधानसभा में एक से बढ़कर एक शिक्षित विधायक है। जिनमें डाक्टर, इंजीनियर, एमबीए, पीएचडी, विधि स्नातकों के अलावा प्रशासनिक सेवा से जुडे़ रहे विधायक भी हैं। तो हम लोगों को बड़ा अचरज हुआ। इसके बाद राजनीति के प्रति जो अब तक मन में भाव था, वह यहां आने के बाद पूरी तरह बदल गया। उन्होंने कहा कि यूपी विधानसभा को अब तक टेलीविजन पर ही देखा था पर यहां आने के बाद जब इसके गौरवशाली इतिहास और इसके आधुनिक स्वरूप को देखा तो हम सब को बेहद गर्व का अनुभव हुआ है कि विधानसभा में ऐतिहासिकता के साथ तकनीक का भी सम्मिश्रण है।

डा शुक्ला ने कहा कि व्यावसायिक व्यस्तता के कारण हम लोग अब तक यह समझते थे कि विधानसभा अध्यक्ष एक दल विशेष का होता है लेकिन यहां देखा कि सतीश महाना के हर एक दल के विधायक से आत्मीय सम्बन्ध हैं। श्री महाना ने उन्हें बताया कि यह विधानसभा प्रदेश के 25 करोड़ नागरिकों की विधानसभा है और सभी 403 विधायक हमारे अपने विधायक हैं।

इस मौके पर डा बृजमोहन ने कहा कि उत्तर प्रदेश रिसर्च सोसाइटी फार स्टडी आफ डायबटीज ने एक रिसर्च किया है। जिसके आधार पर डायबटीज के बढते असर को रोका जा सकता है। इसमें सरकार के सहयोग की आवश्यकता है। विधानसभा अध्यक्ष श्री सतीश महाना ने इस रिपोर्ट के आधार पर उन्हें राज्य सरकार की तरफ से सोसाइटी को सहयोग दिए जाने का आश्वासन दिया है। इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष ने उनसे एक प्रपोजल की मांग की है।

इस अवसर पर कानपुर से आई डा. संगीता शुक्ला ने कहा कि उन्होंने यहां पर हेलीकाप्टर राइडिंग करने के साथ ही लाइट एंड साउंड सिस्टम देखा। साथ ही सेल्फी प्वाइंट पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ सेल्फी फोटो भी खिचवाई।डाक्टरों के इस दल में सोसाइटी के अध्यक्ष डा मनोज श्रीवास्तव, सचिव डा. अनुज महेश्वरी, डा एके तिवारी, पूर्व सचिव डा नरसिंह वर्मा वाराणसी से आए पदमश्री डा. कमलाकर त्रिपाठी, डा. अनुभा वर्मा, डा. साजिद अंसारी, गोरखपुर के डा. आलोक गुप्ता,नोएडा के डा. सौरभ श्रीवास्तव व डा. अमित गुप्ता डा. रत्ना भाटिया और डा. शरद वर्मा शामिल थे।

डाक्टरों के प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभा अध्यक्ष का आभार जताते हुए कहा कि आपकी प्रेरणा से आज हम लोगों को उत्तर प्रदेश विधानसभा का भ्रमण करने का सुअवसर मिला। इसके लिए हम सब आपके आभारी हैं।आये हुए प्रतिनिधिमंडल के भ्रमण के दौरान विधान सभा के प्रमुख सचिव, प्रदीप कुमार दुबे सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे ।

*उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली सांस्कृतिक दल को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने पर 51 हजार, 21 हजार तथा 11 हजार की धनराशि दी जायेगी*


लखनऊ। प्रदेश की ग्राम पंचायतों को वादयंत्र उपलब्ध कराये जाने हेतु तैयार की गई कार्ययोजना के तहत एक सेट वाद्ययंत्र के क्रय हेतु 30 हजार रूपये की धनराशि दी जायेगी।

इन वाद्ययंत्रों का उपयोग प्रदेश के सांस्कृतिक उन्नयन, सांस्कृतिक विरासत का रक्षण, पर्यटन संवर्द्धन, स्वच्छ भारत मिशन, सर्वशिक्षा अभियान, महिला सशक्तिकरण, बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ तथा ग्रामीण संस्कृति को अच्छुण रखने एवं सरकार द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार के लिए उपयोग किया जायेगा।

यह जानकारी आज यहां प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि उत्कृष्ट प्रस्तुतीकरण करने वाले दल को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान धारक को पुरस्कृत किया जायेगा। प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले दल को 51 हजार, द्वितीय को 21 हजार तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले दल को 11 हजार रूपये की धनराशि पुरस्कार स्वरूप प्रदान की जायेगी।

इन टीमों के चयन हेतु एक प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी तथा पुरस्कारों के चयन हेतु एक समिति का गठन किया जायेगा जो पुरस्कारों के लिए समस्त कार्यवाही पूर्ण करेगी।

जयवीर सिंह ने बताया कि जिलाधिकारी/जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद उप्र की संस्तुति के क्रम में सराहनीय प्रस्तुतीकरण देने वाले टीम को यह पुरस्कार दिया जायेगा।

पुरस्कार के लिए गठित समिति में निदेशक संस्कृति निदेशालय उप्र अध्यक्ष, वित्त नियंत्रक संस्कृति निदेशालय उप्र सदस्य, जिला सूचना अधिकारी लखनऊ सदस्य तथा निदेशक संस्कृति द्वारा नामित सहायक निदेशक संस्कृति सदस्य/सचिव होंगे। उन्होंने बताया कि लोक कलाकारों को संस्कृति विभाग से जोड़ने से लोक कलाओं का संवर्द्धन एवं लोक विरासत का संरक्षण भी होगा और कलाकारो को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर भी प्राप्त होगा।

*किसानों के जीवन में खुशहाली की राह खोलेगा डिजिटल क्रॉप सर्वे : कृषि मंत्री*


लखनऊ। एग्री स्टेक (डिजिटल एग्रीकल्चर पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के अंतर्गत डिजिटल क्रॉप सर्वे की पड़ताल के कार्य को संपादित कराने हेतु जनपद एवं तहसील स्तर के चयनित मास्टर ट्रेनर के प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कृषि एवं राजस्व विभाग के संयुक्त तत्वावधान में कृषि भवन के सभागार में आयोजित किया गया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में माननीय कृषि मंत्री उत्तर प्रदेश सूर्य प्रताप शाही बतौर मुख्य अतिथि तथा कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह ओलख विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में कृषि मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि डिजिटल क्रॉप सर्वे में मास्टर ट्रेनर्स की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि डिजिटल क्रॉप सर्वे किसानों के जीवन में खुशहाली की नई राह खोलेगा। डिजिटल क्रॉप सर्वे के माध्यम से फसलों के जो आंकडे़ प्राप्त होंगे, उससे प्रदेश के कृषकों के लिए योजना बनाने में बहुत सुविधा प्राप्त होगी।

इन आंकड़ों के आधार पर किसानों के लिए आवश्यक और उपयोगी योजनाओं को तैयार किया जा सकेगा, जो कृषकों के लिए लाभकारी होगा।

इसके अतिरिक्त डिजिटल क्रॉप सर्वे के माध्यम से प्राप्त होने वाले आंकड़ों से जहां एक और कृषकों को लाभ प्राप्त होगा, वहीं सरकार और उपभोक्ता सभी इससे लाभान्वित होंगे। डिजिटल क्रॉप सर्वे के इस कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री महोदय को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का उत्तर प्रदेश के विकास पर विशेष ध्यान है। देश के 12 राज्य, जहां डिजिटल क्रॉप सर्वे का कार्य पायलट बेस पर किया जा रहा है, उसमें उत्तर प्रदेश को भी चुना गया है।

कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने कार्यक्रम में आए प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए उन्हें निर्देशित किया कि यहां बताई गई बातों को ठीक प्रकार से समझकर जनपद में सभी सर्वेयर, सुपरवाईजर एवं वैरीफायर्स को ठीक प्रकार से प्रशिक्षण प्रदान करें, जिससे डिजिटल क्रॉप सर्वे का यह अभियान अपनी सफलता प्राप्त कर सके।

अपर मुख्य सचिव कृषि डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने एग्री स्टेक के महत्व को समझाते हुए इससे होने वाले लाभ विस्तार से बताए। उन्होंने कहा कि एग्री स्टेक एक डिजिटल फाउंडेशन है जो भारत में कृषि में सुधार के लिए विभिन्न हितधारकों को आसानी से एक साथ लाने और डेटा और डिजिटल सेवाओं का उपयोग करके किसानों के लिए बेहतर योजनाओं का नियोजन, सेवाओं तक कृषकों की सुगम पहुँच सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा स्थापित किया जा रहा। एग्री स्टेक का निर्माण कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा राज्य के साथ मिलकर किया जा रहा है।

एग्री स्टेक का उद्देश्य किसानों के लिए सस्ता ऋण, उच्च गुणवत्ता वाले कृषि इनपुट स्थानीयकृत और विशिष्ट लक्षित सलाह और बाजारों तक सुविधाजनक पहुंच प्राप्त करना आसान बनाना है। विभिन्न हितधारकों द्वारा विभिन्न किसान और कृषि केंद्रित लाभदायी योजनाओं की योजना बनाना और उन्हें लागू करने की प्रक्रिया को आसान बनाना है। एबी स्टेक की स्थापना के प्रारंभिक चरण में तीन बुनियादी रजिस्ट्री अभिलेखों के डायनेमिक लिंकिंग के साथ किसानों का डेटाबेस (फार्मर रजिस्ट्री), भू संदर्भित ग्राम मानचित्र (जिओ रेफरेन्स विलेज मैप), जीआईएस बेस रियल टाइम क्रॉप सर्वे क्रॉप सोन रजिस्ट्री शामिल हैं।

इस अवसर पर कृषकों को मिलने वाले लाभ के बारे में बताया गया कि कृषकों को उनके खेत में बोई गई। वास्तविक फसल के उत्पाद बिक्री हेतु अपने अभिलेख का सत्यापन कराने के मुक्ति मिल जाएगी, जिससे कृषक के फसल उत्पाद की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कृषि उत्पादन का खरीद में सरलीकरण हो जायेगा। फसल नुकसान की स्थिति में कृषक को वास्तविक क्षति का मुआवजा प्राप्ति में सरलीकरण हो जाएगा। समय-समय पर किसानों को उनके फसल विशेष के लिए लक्षित फसल सलाह प्रदान की जा सकेगी। बोई गई फसल के वास्तविक उपज के आंकलन हेतु मोबाइल एप के माध्यम से क्रॉप कटाई एक्सपेरिमेंट (सीसीई) का प्रभावी क्रियान्वयन संभव हो सकेगा।

आपदा के दौरान फसल नुकसान होने पर राहत / अनुदान का समयबद्ध सर्वेक्षण तथा राहत वितरण संभव हो सकेगा।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सचिव आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश मनीषा त्रिघाटिया के द्वारा बताया गया कि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2023-24 में उत्तर प्रदेश को सम्मिलित करते हुए देश के 12 राज्यों में डिजिटल क्रॉप सर्वे (एग्री स्टेक) अर्थात मोबाइल एप के माध्यम से खसरा पड़ताल (ई-पड़तालों का कार्य पायलट आधार पर कराया जा रहा है। डिजिटल क्रॉप सर्वे हेतु भारत सरकार द्वारा तैयार किये गए एग्री स्टेक मोबाइल एप के प्रूफ ऑफ कांसेप्ट का सफल परीक्षण कृषि एवं राजस्व विभाग के सयुंक्त नेतृत्व में अमेठी जनपद की तिलोई तहसील के सराय माथी ग्राम में जून 2023 को किया गया था।

कर्नाटक सरकार से हाय प्रोजेक्ट डायरेक्टर शकील अहमद द्वारा इस प्रशिक्षण को संपादित करने की तकनीकी पहलुओं को रेखांकित करते हुए सर्वेक्षण कार्य के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। कार्यक्रम में सचिव कृषि राजशेखर द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। इस अवसर पर अपर भूमि व्यवस्था आयुक्त टीकेसींबू, कृषि निदेशक विवेक कुमार सिंह, आईटी कंसलटेंट सरिता तिरुमला सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।