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पीएम मोदी का अमेरिका दौरा बाकी प्रधानमंत्रियों से कैसे था अलग? विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया

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“कई प्रधानमंत्री अमेरिका दौरे पर गए हैं लेकिन पीएम मोदी का दौरा खास रहा।” ये बयान है भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर का। प्रधानमंत्री मोदी की पिछले महीने अमेरिका की यात्रा के बारे में बात करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा अन्य यात्राओं से अलग कैसे है।यही नहीं, प्रधानमंत्री की तारीफ करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि जब पीएम मोदी कुछ करते हैं तो उसका असर पूरी दुनिया पर होता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में खत्म हुई अमेरिकी यात्रा को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा कि मैं इस यात्रा को इंदिरा गांधी की वर्ष 1982 की यात्रा से जोड़कर देखता हूं। उन्होंने कहा कि जब मैं उनके साथ नहीं गया था। लेकिन मैं राजीव गांधी के साथ 1985 में गया था। उन्होंने कहा कि पहली यात्रा जिसके दौरान वह वाशिंगटन में शारीरिक रूप से उपस्थित थे, वह 1985 में राजीव गांधी की यात्रा थी। और राजीव गांधी के बाद हुई सभी यात्राओं में से, अगर हम आम तौर पर पूछें कि तीन सबसे महत्वपूर्ण यात्राएं कौन सी थीं, तो लोग कहेंगे, 2014 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा, परमाणु समझौते के लिए डॉ. मनमोहन सिंह की यात्रा और राजीव गांधी की यात्रा , क्योंकि उन्होंने वास्तव में संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ संबंधों को सुचारू बनाने की कोशिश की, जो मुश्किल था।

पीएम मोदी की यह यात्रा बिल्कुल अलग-जयशंकर

जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह यात्रा बिल्कुल अलग थी। उन्होंने कहा कि यह भारतीय प्रधानमंत्री की दूसरी राजकीय यात्रा थी। इससे पहले साल 2009 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अमरिका की राजकीय यात्रा पर गए थे। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने दो बार अमेरिका की संयुक्त संसद को संबोधित किया है। जोकि इससे पहले किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने नहीं किया। इतना ही नहीं सिर्फ चार लोगों ने अमेरिका के संयुक्त संसद को संबोधित किया है। इनमें विंस्टन चर्चिल, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला शामिल हैं।

पीएम मोदी जो करते हैं, उसका पूरी दुनिया पर असर होता है-जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमरिकी दौरे को लेकर पीएम मोदी की तारीफ की है और उनकी तुलना देश के बाकी प्रधानमंत्रियों से की है। उन्होंने कहा, वैसे तो देश के कई प्रधानमंत्री अमेरिकी दौरे पर गए लेकिन पीएम मोदी का दौरा कुछ अलग था। ऐसा इसलिए क्योंकि पीएम मोदी की एक अलग छवि है। जयशंकर ने आगे कहा, पीएम मोदी एक वरिष्ठ, अनुभवी और विश्वसनीय नेता हैं। पीएम मोदी जब कोई कोशिश करते हैं या कोई पद लेते हैं तो उसका असर वैश्विक राजनीति पर पड़ता है। बीते नौ सालों में हमने दुनिया में कई बड़े बदलाव देखे हैं, जिनकी शुरुआत भारत से की गई।

पीएम मोदी के नेतृत्व में हो रहे असली बदलाव-जयशंकर

भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि 'पीएम मोदी के नेतृत्व में असली बदलाव हो रहे हैं। विकास का मतलब सिर्फ इतना नहीं है कि पत्थरों का शिलान्यास किया जाए और फिर उनके बारे में भूल जाएं। यह सरकार डिलीवर करती है। अन्य सरकारें सिर्फ बोलती हैं लेकिन हमारा विश्वास है कि लोग खुद बदलाव होते हुए देखें।' विदेश मंत्री ने कहा कि आज विदेश नीति में तकनीक की अहम भूमिका है। आप चाहें या ना चाहें दुनिया आपके यहां तो आएगी ही। यह अवसरों को तौर पर भी आ सकती है और चुनौतियों के तौर पर भी। विदेश मंत्री ने कहा कि बीते नौ सालों में जो आइडिया आए हैं, वह भारत से आए हैं।

बेंगलुरु में टला दूसरा विपक्षी महाजुटान, मानसून सत्र के बाद बैठक तय की जाएगी बैठक की नई तारीख

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महाराष्ट्र की राजनीति में मचे सियासी घमासान के बीच अब 13-14 जुलाई को बेंगलुरु में होने वाली विपक्षी नेताओं की बैठक टल गई है।दावा किया जा रहा है कि संसद सत्र के कारण 13-14 जुलाई को होने वाली इस मीटिंग को टाल दिया गया है। साथ ही इसे टालने के पीछे कारण बताया जा रहा है कि कर्नाटक और बिहार में विधानसभा सत्र चल रहा है। इस कारण कई विपक्षी दलों के कई नेताओं का इस मीटिंग में आ पाना मुश्किल हैं।महाराष्ट्र में सियासी उठापटक के बीच इस बैठक के टलने पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

13 और 14 जुलाई को होनी थी बैठक

गैर-भाजपा विपक्षी दलों की दूसरी बैठक 13 और 14 जुलाई को बेंगलुरु में प्रस्तावित थी। बैठक की अगली तारीख अभी तय नहीं हुई है। जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि उम्मीद है कि विपक्षी दलों की अगली बैठक संसद के मानसून सत्र के बाद बुलाई जाएगी। संसद का मानसून सत्र इस साल 20 जुलाई से शुरू होकर 20 अगस्त तक चलेगा।

पटना में हुई थी महाजुटान की पहली बैठक

बता दें कि बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी दलों की बैठक का आयोजन 23 जून को किया गया था।पटना में हुई बैठक में 15 से ज्यादा विपक्षी दल शामिल हुए थे।इसमें ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, भगवंत मान, एमके स्टालिन समेत छह राज्यों के सीएम और अखिलेश यादव, उद्धव ठाकरे, महबूबा मुफ्ती समेत 5 राज्यों के पूर्व सीएम शामिल हुए थे। राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी बैठक में मौजूद रहे थे।बैठक में 2024 के लोकसभा चुनाव और पीएम नरेंद्र मोदी व बीजेपी को सत्ता से हटाने को लेकर रणनीति पर चर्चा हुई थी। बैठक के बाद सभी नेताओं ने साझा प्रेस कांफ्रेंस भी की थी।इसमें सभी नेताओं ने कहा था कि अगामी लोकसभा चुनाव में एकजुटता पर सहमति बनी है।

इन मुद्दों पर बनी थी बात

बैठक के बाद बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा था कि बैठक से तीन चीजें क्लीयर हो गई हैं। पहला कि हम एक हैं, दूसरा- साथ-साथ चुनाव लड़ेंगे और तीसरा कि बीजेपी के हर एजेंडे का सामूहिक तौर पर विरोध करेंगे। बैठक में इस बात पर सभी दलों में सैद्धांतिक सहमति बनी थी कि बीजेपी के खिलाफ विपक्ष का एक ही उम्मीदवार होगा। जिस दल का जो उम्मीदवार पिछली बार जीता या दूसरे नंबर पर रहा, वह सीट उसी दल को दी जाएगी। बैठक में ये भी तय निर्णय हुआ था कि अब विपक्षी गठबंधन का नाम यूपीए नहीं रहेगा, लेकिन नया नाम क्या होगा, इस पर अंतिम निर्णय नहीं हो सका। बैठक में राय बनी थी कि सारी बातें अगली बैठक में ही तय होंगी।

‘बीजेपी को उनकी जगह दिखाएंगे’, भतीजे अजीत की बगावत के बाद शरद पवार की हुंकार

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महाराष्ट्र भीषण सियासी संकट से गुजर रहा है। शिवसेना में टूट के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में भी बगावत हो गई है। अजित पवार ने अपनी ही पार्टी एनसीपी से बगावत कर दी है।चाचा शरद पवार से अलग होकर वह एकनाथ शिंदे की सरकार में शामिल हो गए है। पार्टी के टूट जाने के बाद एनसीपी के चीफ शरद पवार महाराष्ट्र के कराड पहुंचे। यहां सतारा में शरद पवार के समर्थन में कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ जुटी है।शरद पवार और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने महाराष्ट्र के कराड में पहले पूर्व सीएम यशवंतराव चव्हाण को पुष्पांजलि अर्पित की। फिर शरद पवार ने अपने समर्थकों को संबोधित किया।

देशभर में विपक्ष की सरकार खत्म करने में तुली बीजेपी-पवार

पार्टी में टूट के बाद सतारा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए एनसीपी के नेता शरद पवार ने कहा कि सभी को लोकतांत्रित अधिकार के लिए कोशिश करनी चाहिए। राज्य में धार्मिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि देशभर में विपक्ष की सरकार खत्म करने पर तुली हुई है।

चुनी हुई सरकारों को गिराया जा रहा है-पवार

शरद पवार ने कहा कि हमारी विचारधारा सांप्रदायिकता और जातिवाद के खिलाफ है। महाराष्ट्र में जातिवाद की राजनीति नहीं चलेगी और महाराष्ट्र को अपनी एकता दिखानी होगी। शरद पवार बोले- चुनी हुई सरकारों को गिराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कई राज्यों में पार्टी तोड़ने की कोशिश की गई है। बीजेपी कई राज्यों में इस तरह का खेल कर रही है। हम उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाराष्ट्र की सेवा कर रहे हैं लेकिन कुछ लोगों ने हमारी सरकार गिरा दी। देश के कुछ अन्य हिस्सों में भी ऐसा ही हुआ। पवार ने कहा कि हमें नई शुरुआत करनी है। 5 जुलाई को पार्टी नेताओं की अहम बैठक बुलाई है।

जो छोडकर गए उनकी सही जगह दिखाऊंगा-पवार

सतारा में शरद पवार ने भतीजे की बगावत पर कहा कि मेरी ताकत अभी बाकी है जो छोडकर गए उनकी सही जगह दिखाऊंगा। उन्होंने कहा, धोखा देने वालों को बाजू में करके फिर महाराष्ट्र में घुमूंगा और नए लोगों के लेकर प्रगति पर लेकर जाने के लिए टीम बनाऊंगा।

पांचवीं बार राज्य के उपमुख्यमंत्री बने

बता दें कि अजीत पवार ने शरद पवार को बहुत बड़ा झटका दिया है। उन्होंने एनसीपी से बगावत कर देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के साथ मिल गए। अजीत पवार अब एनडीए का हिस्सा हो गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने पांचवीं बार राज्य के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है।

शिंदे सरकार में शामिल अजित पवार समेत इन तीन मंत्रियों के खिलाफ चल रही है जांच, कभी इस बीजेपी नेता ने ही जुटाए थे सबूत

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महाराष्ट्र की राजनीति में रविवार दोपहर उस वक्त भूचाल आ गया, जब पता चला कि एनसीपी नेता और राज्य में विपक्ष के पूर्व नेता अजित पवार उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। राजभवन में आयोजित समारोह में अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली।अजित पवार के साथ एनसीपी के 8 विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली। महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार में शपथ लेने वाले नौ मंत्रियों में से कम से कम तीन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच चल रही है। ये तीन मंत्री अजित पवार, छगन भुजबल और हसन मुश्रीफ हैं। इनमें से कोई जमानत पर है तो किसी को सजा मिल चुकी। किसी का केस अभी कोर्ट में लंबित है। सबसे बड़ी बात इनके खिलाफ किरीट सोमैया ने कई सबूत जुटाए और मीडिया के सामने पेश किए थे। 

अजित पवार के खिलाफ चल रही है इन मामलों में जांच

महाराष्ट्र की शिंदे सरकार में शामिल हुए अजीत पवार के खिलाफ कोऑपरेटिव बैंक घोटाले में अभी जांच जारी है। एक जनहित याचिका के आधार पर इकोनॉमिक ऑफेंस विंग जांच कर रही है। इसी मामले में ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। हालांकि सितंबर 2020 में इकोनॉमिक ऑफेंस विंग ने स्पेशल कोर्ट में कहा कि उन्हें अजित के खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई सबूत नहीं मिला और केस में क्लोजर रिपोर्ट फाइल कर दी।ईडी ने इसका विरोध किया, लेकिन कोर्ट ने आपत्ति खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार यदि इकोनॉमिक ऑफेंस विंग ने केस बंद कर दिया है तो ईडी भी आगे जांच नहीं कर सकती।

इसके अलावा अजित पवार सिंचाई घोटाले का भी सामना कर रहे हैं। दरअसल, कांग्रेस-एनसीपी सरकार में अजित जब जल संसाधन मंत्री थे, तब उनपर सिंचाई परियोजनाओं में अनियमितता के आरोप लगे थे। महाराष्ट्र एसीबी ने इस मामले में अदालत की निगरानी में जांच शुरू की थी। साल 2019 में देवेंद्र फडणवीस के साथ सरकार में आने के बाद एसीबी ने अजित पवार को क्लीनचिट दे दी थी। लेकिन इस रिपोर्ट को बॉम्बे हाईकोर्ट ने स्वीकार नहीं किया। जब महाविकास अघाड़ी सत्ता में आई तो कुछ बीजेपी नेताओं ने मामले की दोबारा जांच की मांग शुरू कर दी।

दो साल जेल में रहने के बाद जमानत पर हैं छगन भुजबल

छगन भुजबल और 16 अन्य लोगों के खिलाफ एसीबी ने 2015 में केस दर्ज किया था। यह मामला 2006 में तीन परियोजनाओं के लिए 100 करोड़ से अधिक के ठेके देने में अनियमिताओं से जुड़ा है। भुजबल तब पीडब्ल्यूडी मंत्री थे। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाते हुए एक अलग मामला भी दर्ज किया था। एजेंसी ने मामले में भुजबल को 2016 में गिरफ्तार किया था और दो साल जेल में रहने के बाद उन्हें जमानत मिल गई थी।

हसन मुश्रीफ 11 जुलाई तक अंतरिम जमानत पर

हसन के खिलाफ सर सेनापति संताजी घोरपड़े शुगर फैक्ट्री लिमिटेड और उनके परिवार से जुड़ी कंपनियों के कामकाज में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में मुंबई में ईडी की जांच चल रही है। मुश्रीफ की अग्रिम जमानत याचिका अप्रैल में विशेष कोर्ट ने खारिज कर दी थी। इसके बाद उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने उनकी अंतरिम राहत बढ़ा दी। पिछले हफ्ते इसे 11 जुलाई तक बढ़ा दिया गया था। इसी केस में ईडी उनके तीन बेटों के खिलाफ भी जांच कर रही है। इनकी अग्रिम जमानत याचिकाएं स्पेशल कोर्ट में पेंडिंग हैं।

संजय राउत का बड़ा दावा, कहा-अजित पवार बनने जा रहे हैं महाराष्ट्र के सीएम, शिंदे से छिन जाएगी गद्दी

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अजित पवार ने अपनी ही पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में बगावत कर दी है। चाचा शरद पवार से अलग होकर अजित पवार एकनाथ शिंदे की सरकार में शामिल हो गए है। महाराष्ट्र में राष्ट्रावादी कांग्रेस पार्टी में हुई बड़ी टूट पर शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने प्रतिक्रिया दी है।संजय राउत ने दावा किया है कि जल्द ही महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री बदलने जा रहा है। उन्होंने कहा है कि एकनाथ शिंदे को हटाया जाएगा और अजीत पवार मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।

महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बदलने वाला है-राउत

महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति पर सांसद संजय राउत ने कहा, मैं आज कैमरे के सामने यह कह रहा हूं कि महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बदलने वाला है। एकनाथ शिंदे को हटाया जा रहा है और उनकी जगह अजित पवार मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।मुंबई में पत्रकारों से बातचीत में संजय राउत ने दावा किया कि महाराष्ट्र को जल्द ही एक नया मुख्यमंत्री मिलेगा। ये घटनाक्रम कोई राजनीतिक भूकंप नहीं है।यह शपथ ग्रहण समारोह एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री पद खोने की शुरुआत है। उनके विधायक सदन के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिए जाएंगे। इसके बाद भी भाजपा के सत्ता में बने रहने के लिए अजित पवार और राकांपा विधायक सरकार में शामिल हो गए हैं।

ये तो होना ही था-राउत

महाराष्ट्र की बदली राजनीतिक स्थिति पर संजय राउत ने कहा कि ये तो कभी ना कभी होने ही वाला था। बीजेपी पूरे देश में जिस तरह की राजनीति करने वाली है, वो कर ले। हमारी शिवसेना को तोड़ दिया है और अब उन्होंने एनसीपी को तोड़ दिया है। कुछ लोग कह रहे हैं कि कांग्रेस को भी तोड़ने वाले हैं। लेकिन इन सबसे बीजेपी को कोई फायदा नहीं होने वाला।

'सामना' में उद्धव गुट का बड़ा दावा

वहीं, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखे एक लेख में शिवसेना ने दावा किया है कि एकनाथ शिंदे को सीएम पद से हटाने के लिए भाजपा ने अजित पवार से हाथ मिलाया है। लेख के अनुसार, जल्द ही अजित पवार, एकनाथ शिंदे के जगह ले लेंगे।सामना में शिवसेना ने दावा किया कि 'अजित पवार सिर्फ डिप्टी सीएम बनने के लिए सरकार में शामिल नहीं हुए हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और बागी विधायकों को जल्द ही अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा और पवार की ताजपोशी होगी।

शिवसेना जैसा होगा एनसीपी का हाल? अजीत पवार ने ठोका पार्टी और चुनाव चिन्ह पर दावा

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महाराष्ट्र की सियासत में बड़ा बदलाव हुआ है।राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अजित पवार ने पार्टी के कई विधायकों को साथ लेकर बगावत करते हुए महाराष्ट्र की शिंदे-फडणवीस सरकार को समर्थन दिया है। इसके साथ ही राज्य को एक और नया डिप्टी सीएम मिल गया। एनडीए में शामिल होने के बाद अजीत पवार ने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ली। हालांकि, ये सोच लेना की इसके साथ ही महाराष्ट्र में आया सियासी “चक्रवात” थम गया है, तो ये बड़ी भूल होगी। दरअसल, इसे बवंडर की शुरूआत भी कह सकते हैं। संभव है ये वैसे ही स्थिति हो जाएगी जैसी कि एक साल पहले शिवसेना में थी। जी हां, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि एनसीपी भी शिवसेना की तरह दो फाड़ हो जाए। इस बात के संकेत खुद अजीत पवार ने दे दिए हैं।

अजीत पवार का बड़ा दावा

एनडीए में शामिल होने के बाद अजित पवार ने एनसीपी पर दावा करते हुए कहा कि हम अगला चुनाव एनसीपी के चुनाव चिह्न पर लड़ेंगे। पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद छगन भुजबल और प्रफुल पटेल के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि ‘शिदें सरकार में शामिल होने का फैसला उनका फैसला नहीं है बल्कि पार्टी का फैसला है। यानि सभी की सहमति से यह फैसला लिया गया है। छगन भुजबल ने भी उनका समर्थन किया है। अजित पवार ने कहा कि आने वाले सारे चुनाव वह एनसीपी के चुनाव चिन्ह पर ही लड़ेंगे।’ अजित पवार के इस बयान का सीधा मतलब यह निकाला जा रहा है कि वह न केवल शिंदे सरकार में शामिल हुए हैं, बल्कि पार्टी भी अब उनकी की है।

अजित पवार का 40 विधायकों के समर्थन का दावा

अजित पवार ने दावा किया है कि उनके साथ एनसीपी के 40 विधायक और 6 एमएलसी हैं। अजित पवार ने कहा, हमने एनसीपी के लगभग सभी विधायकों के साथ शिंदे-फडणवीस सरकार के साथ आने का फैसला लिया। हमने आज शपथ ली और अगले विस्तार में कुछ अन्य मंत्रियों को शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा, कुछ विधायकों से इस वक़्त संपर्क नहीं हो पा रहा क्योंकि वे देश से बाहर हैं लेकिन मैंने उन सभी से बात की है और वे हमारे फैसले से सहमत हैं। 

क्या एनसीपी का शिवसेना की तरह होगा हश्र?

अगर अजीत पवार के दावे सच साबित होते हैं, अगर इतनी बड़ी संख्या में विधायक अजित पवार के साथ चले जाते हैं तो निश्चित तौर पर शरद पवार के सामने बड़ा राजनीतिक संकट पैदा हो सकता है। बता दें कि राज्य विधानसभा में एनसीपी के कुल 54 विधायक हैं। ऐसे में 40 अगर अजित पवार के साथ जाते हैं तो निश्चित ही यह ठीक वैसे ही स्थिति हो जाएगी जैसी कि एक साल पहले शिवसेना में थी। यानी एकनाथ शिंदे ने बगावत की और फिर सरकार को समर्थन दिया और बाद में कानूनी लड़ाई से असली शिवसेना का नाम भी उन्हें ही मिला। 

एक साल पहले आया था ऐसा ही सियासी तूफान

बता दें कि एक साल पहले शिवसेना में भी ऐसी ही टूट हुई थी, जब एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में करीब चालीस विधायकों ने शिवसेना से बगावत कर दी थी। शिंदे ने अपने गुट को असली शिवसेना बताया था और पार्टी की चुनाव चिन्ह और पार्टी के नाम पर दावा कर दिया था। चुनाव आयोग ने भी शिंदे के पक्ष में फैसला दिया। यह मामला सुप्रीम कोर्ट गया था।

पीएम आवास के ऊपर नो फ्लाइंग जोन में उड़ता दिखा ड्रोन, एसपीजी और पुलिस में मचा हड़कंप, जांच शुरू

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देश की राजधानी दिल्ली से बड़ी खबर सामने आई है।नई दिल्ली के हाई सिक्योरिटी और नो फ्लाइंग जोन में स्थित प्रधानमंत्री आवास के ऊपर ड्रोन उड़ता नजर आया है। ड्रोन देखे जाने की सूचना से हड़कंप मच गया है।घटना सामने आने के बाद पीएम मोदी की सुरक्षा में लगे स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) और पुलिस ने एक्शन में आते हुए जांच शुरू कर दी है।

प्रधानमंत्री आवास के ऊपर सोमवार सुबह साढ़े 5 बजे ड्रोन उड़ने की खबर मिली। पीएम मोदी की सुरक्षा में लगे स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) ने तुरंत इस मामले में पुलिस को जानकारी दी जिसके बाद पुलिस ने एक्शन में आते हुए सर्च ऑपरेशन शुरू किया और ड्रोन की जांच में जुट गई।पुलिस इस घटना को लेकर काफी देर तक मशक्कत करती रही, लेकिन हाथ कुछ भी नहीं लगा। इसे लेकर अभी भी जांच चल रही है। जानकारी दे दें कि प्रधानमंत्री आवास के आसपास का क्षेत्र नो फ्लाइंग जोन रहता है। और ये ड्रोन नो फ्लाइंग जोन में उड़ रहा था। 

बता दें कि पीएम की सुरक्षा काफी कड़ी होती है यहां तक की उनके परिवार के लोग भी मिलने के लिए सुरक्षा प्रक्रिया होकर गुजरते हैं।पीएम का आवास 7 लोक कल्याण मार्ग में 12 एकड़ भूमि पर फैला हुआ है. यहां केवल एक ही एंट्री गेट है और वहां भी एसपीजी का कड़ा पहरा होता है।

पाकिस्तान से संचालित हो रहे ‘गजवा ए हिंद मॉड्यूल’ का भंडाफोड़, एनआईए ने तीन राज्यों में की छापेमारी

डेस्क: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने रविवार को तीन राज्यों में छापेमारी की। यह छापेमारी गजवा ए हिंद मॉड्यूल के संबंध में हुई। बता दें कि गजवा ए हिंद मॉड्यूल पाकिस्तान से संचालित हो रहा था और बड़ी संख्या में लोग इस मॉड्यूल से जुड़े हुए हैं, इनमें कई भारतीय भी हैं। एनआईए ने पटना में दो जगह, दरभंगा में एक जगह, सूरत और बरेली में भी छापेमारी की। छापेमारी में डिजिटल डिवाइस जैसे मोबाइल फोन, मेमोरी कार्ड, सिम कार्ड और दस्तावेज जब्त किए हैं। 

बीते साल गिरफ्तार किया था मास्टरमाइंड

एनआईए ने बीते साल इस मामले का खुलासा किया था। बिहार पुलिस ने बीती साल 14 जुलाई को बिहार के फुलवारी शरीफ से मरगूब अहमद दानिश ऊर्फ ताहिर नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। इसके आठ दिन बाद एनआईए ने इस मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी। एनआईए ने जनवरी में दानिश के खिलाफ आईपीसी और यूएपीए एक्ट के तहत विभिन्न धाराओं में चार्जशीट दाखिल की थी। 

विदेशी युवाओं को भी अपने साथ जोड़कर बनाया कट्टरपंथी

एनआईए ने बताया कि आरोपी, पाकिस्तान से संचालित गजवा ए हिंद मॉड्यूल का सदस्य है। यह मॉड्यूल का उद्देश्य युवाओं को अपने साथ जोड़कर उन्हें कट्टरपंथी बनाना है। जांच में पता चला कि दानिश व्हाट्सएप पर बनाए गए गजवा ए हिंद ग्रुप का एडमिन था और इसका पेज पाकिस्तान से बनाया गया था। 

इस ग्रुप में कई भारतीय, पाकिस्तानी, बांग्लादेशी और यमन मूल के लोग जुड़े हुए थे। ये लोग देश में स्लीपर सेल बनाना चाहते थे ताकि आतंकी हमलों को अंजाम दिया जा सके। आरोपी ने सोशल मीडिया पर कई अन्य ग्रुप भी बनाए थे जैसे बांग्लादेशी गजवा ए हिंद और उसमें बांग्लादेश के युवाओं को जोड़ा था।

ऑटो सेक्टर में तेजी से बढ़ रहा म‍हिलाओं का दबदबा, इन बड़ी कंपनियों में खूब मिल रहा रोजगार

डेस्क: भारत की आधी आबादी के लिए ऑटो सेक्टर सुनहरे भविष्य के सपने को सकार करने वाला बन रहा है। देश की तमाम बड़ी कंपनियों में महिलाओं को बडी संख्या में उपस्थिति इस बात का प्रमाण दे रहा है। आपको बता दूं कि घरेलू वाहन विनिर्माता टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, अशोक लीलैंड और हीरो मोटोकॉर्प कार्य स्थल पर विविधता बढ़ाने के तहत अपनी कार्यशालाओं में महिलाओं को अधिक रोजगार दे रहे हैं। 

इन कंपनियों के विभिन्न कारखानों-दोपहिया वाहनों से लेकर लोकप्रिय एसयूवी और भारी वाणिज्यिक वाहनों तक, हर जगह हजारों महिलाएं काम कर रही हैं। टाटा मोटर्स के छह विनिर्माण संयंत्रों में कार्यशालाओं में 4,500 से अधिक महिलाएं काम करती हैं। कंपनी के पुणे संयंत्र में पूरी तरह महिला कर्मचारियों वाली कार्यशाला है। यहां 1,500 से अधिक महिलाएं हैरियर और सफारी जैसी लोकप्रिय एसयूवी का उत्पादन करती हैं। 

महिलाओं को समान अवसर उपलब्ध कराने की कोशिश 

टाटा मोटर्स के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी (सीएचआरओ) रवींद्र कुमार जीपी ने बताया, ''हम समान अवसर देने वाले नियोक्ता हैं और मानते हैं कि लैंगिक आधार पर संतुलित कार्यबल उत्पादकता में वृद्धि, बेहतर निर्णय, बेहतर सहयोग और अधिक नवीन विचारों के लिए महत्वपूर्ण है। हमारा जोर विविधता बढ़ाने पर है, और हमारी नई भर्तियों में 25 प्रतिशत महिलाएं हैं।'' एक अन्य घरेलू वाहन विनिर्माता महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमएंडएम) के संयंत्रों में महिलाओं की संख्या पिछले साल की तुलना में तीन गुना बढ़कर इस समय 1,202 हो गई है। ये महिला कर्मचारी वेल्डिंग से लेकर रोबोटिक्स लोडिंग, वाहन असेंबली और मशीन शॉप तक की प्रमुख गतिविधियों में शामिल हैं।

लिंग के आधार पर नौकरी में वरीयता नहीं 

वाणिज्यिक वाहन विनिर्माता अशोक लीलैंड के सात अलग-अलग संयंत्रों में 991 महिलाएं काम करती हैं। अशोक लीलैंड के अध्यक्ष और संचालन प्रमुख गणेश मणि ने कहा कि कंपनी हमेशा यह कहती है कि किसी भी नौकरी के लिए किसी खास लिंग को वरीयता नहीं दी जाती है। दुनिया की सबसे बड़ी दोपहिया वाहन विनिर्माता हीरो मोटोकॉर्प में भी 1,500 से अधिक महिला कर्मचारी हैं।

एनसीपी में हुई टूट के बाद सतर्क हुए उद्धव ठाकरे, शिवसेना भवन में बुलाएंगे बैठक

डेस्क: महाराष्ट्र की सियासत एक साल बाद फिर से चर्चा में बनी हुई है। इस बार चर्चा अजित पवार की वजह से है। पवार राज्य सरकार में डिप्टी सीएम बन गए हैं और अपने साथ एनसीपी के 30 से ज्यादा विधायक ले आये हैं। 

एनसीपी में टूट हो गई है और महाराष्ट्र की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले शरद पवार के साथ खेल हो गया। अब इस टूट के बाद पिछले साल इसी प्रकरण से गुजरने वाली शिवसेना (UBT) के भी कान खड़े हो गए हैं। 

सभी सांसदों और विधायकों को दिया गया बैठक में शामिल होने का आदेश 

नए हालातों के बीच उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को मुंबई के शिवसेना भवन में पार्टी की बड़ी बैठक बुलाई है। इस बैठक में ठाकरे ने शिवसेना (UBT) के सभी विधायकों, सांसदों और वरिष्ठ नेताओं को मौजूद रहने का आदेश दिया है। यह बैठक मंगलवार को दोपहर 12:30 पर होगी। इसमें राज्य की हालिया राजनीति को लेकर चर्चा होगी और आगामी रणनीति भी बनाई जा सकती है। बता दें कि एक साल पहले एकनाथ शिंदे ने शिवसेना में बड़ी टूट करते हुए बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी और आज भी कुछ इसी तरह का प्रकरण हुआ है। 

संजय राउत बोले-ये तो होना ही था

वहीं इस पूरे प्रकरण को लेकर संजय राउत ने कहा कि हमें पहले से ही पता था कि ऐसा होने वाला है। जल्द ही सीएम बने एकनाथ शिंदे और उनके साथ गए 16 विधायक अयोग्य करार दिए जाएंगे और कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र को दूसरा मुख्यमंत्री भी मिल जाएगा। राउत ने बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इस 'खेल' को लंबे समय तक बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने महाराष्ट्र की राजनीति को 'साफ करने' का जिम्मा उठाया है, 'उन्हें अपने तरीके से चलने दें।'