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पाकिस्तान से संचालित हो रहे ‘गजवा ए हिंद मॉड्यूल’ का भंडाफोड़, एनआईए ने तीन राज्यों में की छापेमारी

डेस्क: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने रविवार को तीन राज्यों में छापेमारी की। यह छापेमारी गजवा ए हिंद मॉड्यूल के संबंध में हुई। बता दें कि गजवा ए हिंद मॉड्यूल पाकिस्तान से संचालित हो रहा था और बड़ी संख्या में लोग इस मॉड्यूल से जुड़े हुए हैं, इनमें कई भारतीय भी हैं। एनआईए ने पटना में दो जगह, दरभंगा में एक जगह, सूरत और बरेली में भी छापेमारी की। छापेमारी में डिजिटल डिवाइस जैसे मोबाइल फोन, मेमोरी कार्ड, सिम कार्ड और दस्तावेज जब्त किए हैं। 

बीते साल गिरफ्तार किया था मास्टरमाइंड

एनआईए ने बीते साल इस मामले का खुलासा किया था। बिहार पुलिस ने बीती साल 14 जुलाई को बिहार के फुलवारी शरीफ से मरगूब अहमद दानिश ऊर्फ ताहिर नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। इसके आठ दिन बाद एनआईए ने इस मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी। एनआईए ने जनवरी में दानिश के खिलाफ आईपीसी और यूएपीए एक्ट के तहत विभिन्न धाराओं में चार्जशीट दाखिल की थी। 

विदेशी युवाओं को भी अपने साथ जोड़कर बनाया कट्टरपंथी

एनआईए ने बताया कि आरोपी, पाकिस्तान से संचालित गजवा ए हिंद मॉड्यूल का सदस्य है। यह मॉड्यूल का उद्देश्य युवाओं को अपने साथ जोड़कर उन्हें कट्टरपंथी बनाना है। जांच में पता चला कि दानिश व्हाट्सएप पर बनाए गए गजवा ए हिंद ग्रुप का एडमिन था और इसका पेज पाकिस्तान से बनाया गया था। 

इस ग्रुप में कई भारतीय, पाकिस्तानी, बांग्लादेशी और यमन मूल के लोग जुड़े हुए थे। ये लोग देश में स्लीपर सेल बनाना चाहते थे ताकि आतंकी हमलों को अंजाम दिया जा सके। आरोपी ने सोशल मीडिया पर कई अन्य ग्रुप भी बनाए थे जैसे बांग्लादेशी गजवा ए हिंद और उसमें बांग्लादेश के युवाओं को जोड़ा था।

ऑटो सेक्टर में तेजी से बढ़ रहा म‍हिलाओं का दबदबा, इन बड़ी कंपनियों में खूब मिल रहा रोजगार

डेस्क: भारत की आधी आबादी के लिए ऑटो सेक्टर सुनहरे भविष्य के सपने को सकार करने वाला बन रहा है। देश की तमाम बड़ी कंपनियों में महिलाओं को बडी संख्या में उपस्थिति इस बात का प्रमाण दे रहा है। आपको बता दूं कि घरेलू वाहन विनिर्माता टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, अशोक लीलैंड और हीरो मोटोकॉर्प कार्य स्थल पर विविधता बढ़ाने के तहत अपनी कार्यशालाओं में महिलाओं को अधिक रोजगार दे रहे हैं। 

इन कंपनियों के विभिन्न कारखानों-दोपहिया वाहनों से लेकर लोकप्रिय एसयूवी और भारी वाणिज्यिक वाहनों तक, हर जगह हजारों महिलाएं काम कर रही हैं। टाटा मोटर्स के छह विनिर्माण संयंत्रों में कार्यशालाओं में 4,500 से अधिक महिलाएं काम करती हैं। कंपनी के पुणे संयंत्र में पूरी तरह महिला कर्मचारियों वाली कार्यशाला है। यहां 1,500 से अधिक महिलाएं हैरियर और सफारी जैसी लोकप्रिय एसयूवी का उत्पादन करती हैं। 

महिलाओं को समान अवसर उपलब्ध कराने की कोशिश 

टाटा मोटर्स के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी (सीएचआरओ) रवींद्र कुमार जीपी ने बताया, ''हम समान अवसर देने वाले नियोक्ता हैं और मानते हैं कि लैंगिक आधार पर संतुलित कार्यबल उत्पादकता में वृद्धि, बेहतर निर्णय, बेहतर सहयोग और अधिक नवीन विचारों के लिए महत्वपूर्ण है। हमारा जोर विविधता बढ़ाने पर है, और हमारी नई भर्तियों में 25 प्रतिशत महिलाएं हैं।'' एक अन्य घरेलू वाहन विनिर्माता महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमएंडएम) के संयंत्रों में महिलाओं की संख्या पिछले साल की तुलना में तीन गुना बढ़कर इस समय 1,202 हो गई है। ये महिला कर्मचारी वेल्डिंग से लेकर रोबोटिक्स लोडिंग, वाहन असेंबली और मशीन शॉप तक की प्रमुख गतिविधियों में शामिल हैं।

लिंग के आधार पर नौकरी में वरीयता नहीं 

वाणिज्यिक वाहन विनिर्माता अशोक लीलैंड के सात अलग-अलग संयंत्रों में 991 महिलाएं काम करती हैं। अशोक लीलैंड के अध्यक्ष और संचालन प्रमुख गणेश मणि ने कहा कि कंपनी हमेशा यह कहती है कि किसी भी नौकरी के लिए किसी खास लिंग को वरीयता नहीं दी जाती है। दुनिया की सबसे बड़ी दोपहिया वाहन विनिर्माता हीरो मोटोकॉर्प में भी 1,500 से अधिक महिला कर्मचारी हैं।

एनसीपी में हुई टूट के बाद सतर्क हुए उद्धव ठाकरे, शिवसेना भवन में बुलाएंगे बैठक

डेस्क: महाराष्ट्र की सियासत एक साल बाद फिर से चर्चा में बनी हुई है। इस बार चर्चा अजित पवार की वजह से है। पवार राज्य सरकार में डिप्टी सीएम बन गए हैं और अपने साथ एनसीपी के 30 से ज्यादा विधायक ले आये हैं। 

एनसीपी में टूट हो गई है और महाराष्ट्र की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले शरद पवार के साथ खेल हो गया। अब इस टूट के बाद पिछले साल इसी प्रकरण से गुजरने वाली शिवसेना (UBT) के भी कान खड़े हो गए हैं। 

सभी सांसदों और विधायकों को दिया गया बैठक में शामिल होने का आदेश 

नए हालातों के बीच उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को मुंबई के शिवसेना भवन में पार्टी की बड़ी बैठक बुलाई है। इस बैठक में ठाकरे ने शिवसेना (UBT) के सभी विधायकों, सांसदों और वरिष्ठ नेताओं को मौजूद रहने का आदेश दिया है। यह बैठक मंगलवार को दोपहर 12:30 पर होगी। इसमें राज्य की हालिया राजनीति को लेकर चर्चा होगी और आगामी रणनीति भी बनाई जा सकती है। बता दें कि एक साल पहले एकनाथ शिंदे ने शिवसेना में बड़ी टूट करते हुए बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी और आज भी कुछ इसी तरह का प्रकरण हुआ है। 

संजय राउत बोले-ये तो होना ही था

वहीं इस पूरे प्रकरण को लेकर संजय राउत ने कहा कि हमें पहले से ही पता था कि ऐसा होने वाला है। जल्द ही सीएम बने एकनाथ शिंदे और उनके साथ गए 16 विधायक अयोग्य करार दिए जाएंगे और कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र को दूसरा मुख्यमंत्री भी मिल जाएगा। राउत ने बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इस 'खेल' को लंबे समय तक बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने महाराष्ट्र की राजनीति को 'साफ करने' का जिम्मा उठाया है, 'उन्हें अपने तरीके से चलने दें।'

यूनिफॉर्म सिविल कोड पर कांग्रेस की 'वेट एंड वॉच' अप्रोच का बीजेपी ने उड़ाया मजाक, कहा- बौखला गए हैं नेता

डेस्क: यूनिफॉर्म सिविल कोड को जहां कुछ पार्टियों का समर्थन मिल रहा है तो वहीं कुछ पार्टियां ऐसी भी हैं जो इसकी आलोचना करती हुई नजर आ रही हैं. वहीं दूसरी ओर लॉ एंड ऑर्डर मामलों की पार्लियामेंट्री कमेटी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर तीन जुलाई को एक बैठक बुलाई है. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, 21वें लॉ कमीशन ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को गैरजरूरी करार देते हुए कहा कि यह न तो अनिवार्य है और न ही यह वांछनीय है. 

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्तमान यानी 22वें लॉ कमीशन ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर अभी तक अपनी रिपोर्ट जमा नहीं की है और कांग्रेस इस विषय पर लॉ कमीशन और यूनियन लॉ मिनिस्टरी के अगले कदम का इंतजार करेगी. वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इस बात को लेकर कांग्रेस का मजाक बनाया है. 

कांग्रेस के पांच सदस्य लॉ एंड ऑर्डर मामलों की पार्लियामेंट्री कमेटी में हैं. तीन जुलाई को होने वाली बैठक में कांग्रेस, लॉ कमीशन के इसी रुख पर टिकी रहेगी कि यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करना न तो अनिवार्य है और न ही वांछनीय है. 

'कांग्रेस नेता बौखला गए हैं'- पीयूष गोयल 

वहीं अब कांग्रेस के वेट एंड वॉच रुख के बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पार्टी पर जमकर हमला बोला है. पीयूष गोयल ने कहा, ''मुझे लगता है कि कांग्रेस और उसके नेता बौखला गए है. इस वक्त समय की यह मांग है कि देश के सभी लोगों को एकजुट कर एक कानून बनाया जाए. संविधान निर्माताओं ने भी 70 साल पहले यह बात कही थी. 

सुप्रीम कोर्ट ने भी यूसीसी लाने पर पांच अलग-अलग सुनवाई के दौरान ये बात कही है.'' उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि कपिल सिब्बल पीएम मोदी की ओर से अल्पसंख्यकों के लिए किए गए विकास कार्यों को भूल गए हैं. इसके साथ ही पीयूष गोयल ने कहा कि मुझे लगता है कि यूसीसी पर कई पार्टियां बीजेपी का समर्थन करेंगी.

डिप्टी सीएम बनने के बाद अजित पवार का बड़ा बयान, NCP का चुनाव चिन्ह और नाम हमारा ही रहेगा

डेस्क: एनडीए सरकार में शामिल होने के बाद अजित पवार ने कहा कि यह फैसला हम सबने मिलकर लिया है। उन्होंने कहा कि आज हमने शपथ ली है लेकिन आने वाली दिनों में मंत्रीमंडल का और भी विस्तार होगा। उन्होंने कहा कि हमने सरकार को देने की चर्चा राष्ट्रीय स्तर पर की थी। उन्होंने कहा कि पार्टी का नाम और निशान हमारा है और रहेगा। अजित पवार ने कहा कि देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है। देश का नाम विश्वस्तर पर ऊंचा हो रहा है और इसीलिए हमने महाराष्ट्र की NDA सरकार को अपना समर्थन दिया है। 

'24 वर्षों से मैंने शरद पवार के नेतृत्व में पार्टी को बनाने और बड़ा करने के लिए काम किया'

अजित पवार ने कहा कि बीते 24 वर्षों से मैंने शरद पवार के नेतृत्व में पार्टी को बनाने और बड़ा करने के लिए काम किया। अब पार्टी में नए लोगों और चेहरों को मौका दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम स्थानीय से लेकर विधानसभा और लोकसभा चुनाव एनसीपी के चुनाव चिन्ह पर ही लड़ेंगे। अजित पवार ने कहा कि हाल-फिलहाल में विपक्षी पार्टियों की कई बैठकें हुईं, लेकिन उनसे कोई समाधान नहीं निकल रहा था।  

पार्टी के नेता और कार्यकर्ता मेरे साथ-अजित पवार 

अजित पवार ने कहा कि पार्टी के सभी कार्यकर्ता, विधायक और पदाधिकारी मेरे साथ हैं और हम आगामी चुनाव बीजेपी के साथ मिलकर लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि विपक्ष में कोई भी नेता ऐसा नहीं है जो नरेंद्र मोदी से टक्कर ले सके। देश में इस समय नरेंद्र मोदी से बड़ा करिश्माई नेता और कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले 9 साल में देश में जबरदस्त काम हुआ है और उसकी तारीफ़ करनी पड़ेगी।

*महाराष्ट्र के बुलढाणा बस एक्सीडेंट मामले में हुआ बड़ा खुलासा, टायर फटने की वजह से नहीं हुआ हादसा*


डेस्क: महाराष्ट्र के बुलढाणा में समृद्धि महामार्ग एक्सप्रेसवे पर शनिवार को बड़ा हादसा हुआ था। इस हादसे में 25 लोगों की मौत हो गई थी। अब इस मामले में अमरावती के RTO विभाग ने जो रिपोर्ट तैयार की है, उसमें बड़ा खुलासा हुआ है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि बस का टायर नहीं फटा था और बस की स्पीड 70 थी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हादसे मे बचे यात्री से मिली जानकारी के अनुसार, ड्राइवर का नियंत्रण बस से हट गया था, जिससे बस डिवाइडर से टकरा गई थी और फिर ये बड़ा हादसा हुआ। 

क्या हुआ था?

शुक्रवार-शनिवार के बीच की रात को महाराष्ट्र के बुलढाणा में समृद्धि महामार्ग एक्सप्रेसवे पर बड़ा हादसा हुआ था। एक बस में आग लगने से 25 यात्रियों की मौत हुई थी। बस में कुल 33 यात्रियों के सवार होने की बात सामने आई थी। हादसा बुलढाणा जिले के सिंदखेड़ाराजा के पास पिंपलखुटा गांव के पास समृद्धि हाईवे पर हुआ था। ये यात्री बस नागपुर से पुणे जा रही थी। बस में नागपुर, वर्धा और यवतमाल के यात्री मौजूद थे। ये बस विदर्भ ट्रेवल्स की थी।

सीएम ने किया था मुआवजे का ऐलान और दिया था जांच का आदेश

इस मामले में महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने मुआवजे का ऐलान किया था और मृतक परिजन को 5 लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की थी। इसके अलावा सीएम ने घटना की हाई लेवल जांच के भी आदेश दिए थे। सीएम शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस घटनास्थल पर भी पहुंचे थे और घायलों का हाल भी लिया था।

मुख्तार अंसारी के वकीलों पर खर्च हुए 55 लाख, अब पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह और जेल मंत्री से पैसे वसूलेगी पंजाब सरकार

डेस्क: पंजाब सरकार की भगवंत मान सरकार ने माफिया मुख्तार अंसारी को वकील देने के मामले में बड़ा फैसला लिया है. मुख्तार अंसारी के वकीलों की फीस के 55 लाख रुपये पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह और पूर्व जेल मंत्री सुखजिंदर रंधावा से वसूले जाएंगे. भुगतान न करने की स्थित में उनकी पेंशन से पैसा काटा जाएगा.

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज रविवार, 2 जुलाई को कहा कि अंसारी को पंजाब जेल में रखने पर हुए 55 लाख रुपये का भुगतान राज्य सरकार नहीं करेगी. यह पैसा पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह और पूर्व जेल मंत्री सुखजिंदर रंधावा से वसूला जाएगा. मान ने आगे कहा कि यदि वे दोनों पैसे का भुगतान करने में विफल रहते हैं, तो उनकी पेंशन और अन्य सरकारी सुविधाएं रद्द करके इसकी वसूली की जाएगी.

पंजाब सरकार ने लौटा दी थी फाइल

इसके पहले अप्रैल महीने में पंजाब सरकार ने वकील की फीस के भुगतान की फाइल वापस लौटा दी थी. सुप्रीम कोर्ट के वकील ने मुख्तार अंसारी का केस लड़ा था. जानकारी के मुताबिक, एक सुनवाई के लिए 11 लाख रुपये की फीस तय की गई थी.

सीएम भगवंत मान ने इसकी जानकारी देते हुए कहा था कि यूपी को अपराधी को आराम और सुविधा के साथ रोपड़ की जेल में रखा गया. महंगे वकील दिए गए, 55 लाख का खर्च आया. फाइल लौटा दी गई है.

*महाराष्ट्र में बड़ा सियासी फेरबदल, अजित पवार बने डिप्टी सीएम, इन नेताओं ने ली मंत्री पद की शपथ

डेस्क: महाराष्ट्र में बड़ा सियासी फेरबदल हुआ है। अजित पवार अपने 30 विधायकों के साथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए हैं। अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली है। इसके अलावा 9 विधायक मंत्री बने हैं, जिसमें छगन भुजबल, दिलीप वलसे, हसन मुश्रिफ, धनंजय मुंडे, धर्मराव बाबा, अदिति तटकरे, संजय बनसोडे और अनिल पाटील का नाम शामिल है। ये शपथ ग्रहण कार्यक्रम महाराष्ट्र राजभवन में आयोजित किया जा रहा है।

कैसे हुआ ये पूरा सियासी खेल!

अजित पवार ने महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में डिप्टी सीएम पद की शपथ ली है। सूत्रों में मुताबिक, दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, एकनाथ शिंदे और अजित पवार की सीक्रेट मीटिंग हुई थी, उसी में इस सियासी बदलाव की रणनीति तैयार हुई। 

पहले ही शुरू हो गई थी सुगबुगाहट!

अजित पवार ने अपने सरकारी निवास स्थान देवगिरी पर विधायकों की बैठक बुलाई थी। अजित ने नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी छोड़कर संगठन में किसी पद पर काम करने की इच्छा जाहिर की थी। इसी के बाद से एनसीपी में अजित पवार के महाराष्ट्र अध्यक्ष बनने की चर्चा जोर पकड़ने लगी थी। 

अजित पवार के सरकारी निवास पर मौजूद विधायकों ने अजित पवार को महाराष्ट्र के पार्टी अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपने की बात रखी थी। विधायकों ने मांग की थी कि जल्द से जल्द नए अध्यक्ष का चुनाव हो। इस बैठक में जो लोग मौजूद थे, उसमें दिलीप वलसे पाटील, हसन मुश्रीफ, छगन भुजबल, किरण लहमाटे, निलेश लंके, धनंजय मुंडे, रामराजे निंबालकर, दौलत दरोडा, मकरंद पाटील, अतुल बेणके, सुनिल टिंगरे, अमोल मिटकरी, अदिति तटकरे, सुप्रिया सुले (सांसद), अमोल कोल्हे (सांसद), शेखर निकम और निलय नाईक मौजूद थे। 

बैठक खत्म होते ही सभी विधायक एक साथ अपनी-अपनी गाड़ी मे बाहर निकले थे। इसके बाद ये खबर आने लगी कि महाराष्ट्र की राजनीति में कुछ बड़ा बदलाव होने वाला है। इसी दौरान अजित पवार भी आवास से बाहर निकले और सीधा राजभवन की ओर निकल गए।

आप’ के बाद अब मायावती ने भी UCC को दिया समर्थन, बसपा नागरिक संहिता के खिलाफ नहीं

डेस्क: समान नागरिक संहिता पर अब धीरे-धीरे कई विपक्षी पार्टियां देर सेवर अपना समर्थन देने की ओर बढ़ रही हैं। पहले आम आदमी पार्टी और अब बसपा ने भी यूसीसी को अपना सपोर्ट देने के लिए कहा है। बीएसपी की ओर से खुद पार्टी की सुप्रीमो मायावती मीडिया के सामने आईं और कहा कि हमारी पार्टी (BSP) यूसीसी लागू करने के खिलाफ नहीं है।

"हम UCC के खिलाफ नहीं लेकिन..."

समान नागरिक संहिता पर बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा, "हमारी पार्टी (बसपा) यूसीसी लागू करने के खिलाफ नहीं है, लेकिन जिस तरह से बीजेपी देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की कोशिश कर रही है, हम उसका समर्थन नहीं करते हैं। इस मुद्दे का राजनीतिकरण करना और जबरदस्ती यूसीसी को देश में लागू करना ठीक नहीं है।"

"इससे देश कमजूर नहीं, मजबूत होगा" 

मायावती ने कहा कि इस विशाल आबादी वाले भारत देश में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी और बौध आदि विभिन्न धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं। जिनके हर मामले में, रहन-सहन और जीवन शैली आदि के अपने अलग-अलग तौर तरीके, नियम और रस्मो रिवाज हैं, जिसे नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है। लेकिन वहीं दूसरी तरफ ये बात भी सोचने वाली है कि यदि यहां सभी धर्मों को मानने वाले लोगों पर हर मामले में एक समान कानून लागू होता है तो उससे देश कमजोर नहीं बल्कि मजबूत ही होगा।   

संविधान की धारा 44 में यूसीसी का जिक्र

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि इससे लोगों में आपसी संप्रदायिक, सद्भाव और भाईचारा पैदा होगा। इस बात को ध्यान में रखकर ही भारतीय संविधान की धारा 44 में समान सिविल संहिता यानी कि यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) को बनाने की बात कही गई है। लेकिन इसे जबरन थोपने का प्रविधान बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के संविधान में निहित नहीं है और इसके लिए जागरुकता और आम सहमति को श्रेष्ठ माना गया है।

शादी को लेकर पीएम मोदी ने युवाओं को दी सलाह, कहा- ‘कुंडली मिलाओ या ना मिलाओ... ये जरूर मिलाओ’

डेस्क: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन’ का शुभारंभ करने जा रहे हैं. यह एक ऐसी बीमारी है, जिसने देश के 17 राज्यों में रहने वाली 7 करोड़ से ज्यादा आदिवासी आबादी को अपना शिकार बना लिया है.

पीएम मोदी ने कहा 'कुंडली मिलाओ या ना मिलाओ लेकिन सिकल सेल की जांच का जो रिपोर्ट है, जो कार्ड दिया जा रहा है उसको जरूर मिलाना और उसके बाद शादी करना. साथियों, तभी इस बिमारी को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जाने से रोका जा सकेगा.'

अगर दो सिकल सेल एनीमिया पीड़ित शादी करते हैं, तो उनसे पैदा होने वाले बच्चे को सिकल सेल बीमारी होने की बहुत ज्यादा संभावना है. अगर पहले ही स्क्रीनिंग करके ऐसे 2 लोगों को शादी करने से रोका जाए तो इस बीमारी का प्रसार रोका जा सकता है.

सिकल सेल एनीमिया एक आनुवांशिक बीमारी है, जिसका मतलब है कि यह माता-पिता से बच्चों में आसानी से फैल सकता है. यह एक प्रकार का रक्त विकार है, जिसमें लाल रक्त कोशिकाओं का आकार बदल जाता है. इससे लाल रक्त कोशिकाएं अपना काम ठीक से नहीं कर पाती हैं और पूरे शरीर में खून की कमी हो जाती है. इसके कारण एनीमिया रोग हो जाता है.