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देश भर के 73 समाज के अध्यक्षों के साथ बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री ने की बैठक, बोले- 'मेरे बहुत विरोधी हैं', अगड़े पिछड़े की लड़ाई बंद कर ए


 मध्य प्रदेश राजगढ़ जिले के खिलचीपुर उदय पैलेस में बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने 73 समाज के अध्यक्षों के साथ बैठक की। उन्होंने बताया कि तुम लोगों की फूट में सरकार का लाभ कैसे होगा? फूट डालो नीति करो से नेताओं का लाभ है। अंग्रेज चले गए, उनका बीज बचा हुआ है। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि सबको डर है यह बात इसलिए बोल रहे हैं। हमारे पीछे विरोधी तो लगे हुए हैं। हमें यह भी पता है कि बोल्ड आउट होना है, मगर एक धीरेंद्र कृष्ण को कोई मिटाएगा, तब तक हम घर-घर धीरेंद्र कृष्ण की यात्रा शुरू कर देंगे।

उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि जहां 73 समाजों के लोग आगे आकर हिंदू सनातन एकता के लिए एक हो रहे हैं। इसका श्रेय सबसे पहले भारतवर्ष में राजगढ़ को प्राप्त होगा। इसके लिए सभी समाज एकजुट हों, तभी एक राष्ट्र बनेगा। 

पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि अपनी लड़ाई के दूसरे धर्म के लोग मजे लेते हैं। अंग्रेज जब भारत में आए तो फूट डालो राज करो की नीति अपनाई। वर्तमान में हल्लीलाह वाले यही कर रहे हैं। आपकी लड़ाई का वह भड़काने का काम करते हैं। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हम जातिवाद पर विश्वास नहीं करते। हम केवल सद्भावना व इंसानियत पर विश्वास करते हैं। हमारा कर्म है हिंदू एक हो, हिंदू राष्ट्र हो। हमें कोई राजनीति में नहीं जाना। अब चुनाव आ गए हैं। तुम्हें लड़ाने वाले आ गए हैं। जातिवाद के नाम पर कुर्ता पायजाम, पुरानी गाड़ी लेकर 14 लाख में नेताजी बनकर जातिवाद पर बांट देंगे। 

धीरेंद्र शास्त्री ने 73 समाज के लोगों को इस समारोह में अगड़े पिछड़े की लड़ाई बंद कर एक होने का संकल्प दिलाया। 

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि षड्यंत्रकारी प्रायोजित तरीके से अगड़े–पिछड़े का जहर फैला रहे हैं। लव जिहाद, रामचरित मानस को जलाना, ये सब साजिश है। हमारे ही भाई षड्यंत्र के शिकार होकर भगवान को बाहर निकाल रहे हैं। बाहरी लोग हमारी बहन–बेटियों को फंसा रहे हैं। पिछड़े समाज को मंचों पर खड़ा करेंगे। जातीय कट्टरता समाज के लिए घातक है। सबको मंदिर में दर्शन करने का हर प्राप्त होना है। कुप्रथा को समाप्त करना है। कोई समाज का व्यक्ति गलती करता है तो उसको पूरे समाज से न जोड़ा जाए। हमारी लड़ाई के मजे दूसरे लेते हैं। इस समय में सद्भाव मंच के साथ बैठक करें, दोनों पक्ष बैठें। आज से हम भी नई यात्रा आरम्भ करेंगे। हर जिले में समाजों की बैठक करेंगे।

मणिपुर में रोका गया राहुल गांधी का काफिला, पुलिस ने सुरक्षा का दिया हवाला

#imphal_police_stopped_congress_leader_outside_airport_chekpos

कांग्रेस नेता राहुल गांधी मणिपुर पहुंच गए हैं। वे एयरपोर्ट से सीधे हिंसा पीड़ितों से मुलाकात करने के लिए निकले। लेकिन, पुलिस ने रास्ते में ही उनके काफिले को रोक दिया।राहुल गांधी को इंफाल एयरपोर्ट के आगे विष्णुपुर चेकपोस्ट पर रोका गया है। इंफाल एयरपोर्ट पर उतरने के बाद वे चुराचांदपुर जा रहे थे।सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी के काफिले को सुरक्षा कारणों से रोका गया।

केसी वेणुगोपाल ने जताई निराशा

मणिपुर में राहुल गांधी के काफिले को रोके जाने को लेकर निराशा जताते हुए कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, राहुल गांधी के काफिले को बिष्णुपुर के पास पुलिस ने रोक दिया है। स्थानीय पुलिस का कहना है कि वे हमें आगे जाने की अनुमति देने की स्थिति में नहीं है।राहुल गांधी से मिलने के लिए लोग सड़क के दोनों ओर खड़े हैं। लेकिन यह हम समझ नहीं पा रहे हैं कि उन्होंने हमें क्यों रोक दिया है? उन्होंने आगे कहा, मुझे नहीं पता कि पुलिस हमें जाने की अनुमति क्यों नहीं दे रही है। राहुल का यह दौरा प्रभावित लोगों से मुलाकात के लिए ही है। हमने अब तक 20-25 किलोमीटर तक का सफर तय किया है, लेकिन कहीं पर भी जाम की स्थिति नहीं बनी। राहुल कार के अंदर बैठे हैं। मुझे नहीं पता कि स्थानीय पुलिस को किसने निर्देश दिया है।

राहुल दो दिन रहेंगे मणिपुर में

राहुल गांधी दो दिनों तक यानी 29-30 जून को मणिपुर में रहेंगे।इस दौरान राहुल गांधी राहत शिविरों का दौरा करेंगे और पीड़ितों का हाल जानेंगे।इंफाल पहुंचने के बाद कांग्रेस नेता चूड़ाचांदपुर जिले जाएंगे, जहां वह राहत शिविरों का दौरा करेंगे। इसके बाद वह विष्णुपुर जिले में मोइरांग जाएंगे और विस्थापित लोगों से बातचीत करेंगे। उन्होंने बताया, राहुल गांधी शुक्रवार को इंफाल में राहत शिविरों का दौरा करेंगे और बाद में कुछ नागरिक संगठनों से भी बातचीत करेंगे।

गृहमंत्री अमित शाह ने बुलाई थी सर्वदलीय बैठक

इससे पहले 24 जून को मणिपुर में हिंसा पर गृहमंत्री अमित शाह ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। गृह मंत्री ने दिल्ली में मणिपुर की स्थिति को लेकर 18 पार्टियों के साथ सर्वदलीय बैठक की थी। इस बैठक में सपा और आरजेडी ने मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह के इस्तीफे की मांग की थी, साथ ही मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने की भी मांग की थी। इस बैठक में गृह मंत्री शाह ने राज्य में शांति बहाल करने का आश्वासन दिया था। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी मणिपुर का दौरा किया था और राहत कैंपों में जाकर पीड़ितों की बात सुनी थी।

राहत शिविरों में करीब 50,000 लोग रह रहे

बता दें कि मणिपुर में दो स्थानीय जातियों मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हिंसक संघर्ष जारी है। मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हो गईं थी।इस हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।वहीं, संघर्ष शुरू होने के बाद से 300 से अधिक राहत शिविरों में करीब 50,000 लोग रह रहे हैं।

यूसीसी को लेकर कपिल सिब्बल का पीएम मोदी पर तंज, कहा-9 साल बाद क्यों सताने लगी मुसलमानों की चिंता, 2024 चुनाव की वजह से

#kapil_sibal_on_pm_modi_ucc_remark

समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी का “जिन्न” एक बार फिर “बोतल“ से बाहर आ गया है।यूसीसी पर प्रधानमंत्री मोदी के बयान के बाद पूरे देश में एक बहस छिड़ गई है। विपक्ष इस मुद्दे पर मोदी सरकार को घेर रहा है। पीएम मोदी के बयान के बाद विपक्ष के साथ-साथ मौलाना मौलवी और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सभी का पारा चढ़ा हुआ है। इसी क्रम में पूर्व कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने भी पीएम मोदी पर निशाना साधा है। सिब्बल ने समान नागरिक संहिता पीएम मोदी की टिप्पणी को लेकर उन पर कटाक्ष करते हुए प्रश्न किया कि आखिर नौ साल बाद यह बात क्यों? 2024 के चुनाव की वजह से? 

कपिल सिब्बल का सवाल

राज्यसभा सदस्य सिब्बल ने बुधवार को ट्वीट किया, प्रधानमंत्री ने समान नागरिक संहिता पर जोर दिया...विपक्ष पर मुसलमानों को भड़काने का आरोप लगाया..पहला सवाल, आखिर नौ साल बाद यह बात क्यों? 2024 (चुनाव के लिए)? दूसरा सवाल, आपका प्रस्ताव कितना ‘समान’ है, आदिवासी और पूर्वोत्तर सभी इसके दायरे में आते हैं? तीसरा सवाल, हर दिन आपकी पार्टी मुसलमानों को निशाना बनाती है। क्यों? अब आपको चिंता हो रही है।

पीएम ने विपक्ष पर लगाया मुसलमानों को भड़काने का आरोप

दरअसल प्रधानमंत्री मोदी ने भोपाल में यूसीसी की पुरजोर वकालत करते हुए कहा था कि संविधान सभी नागरिकों के लिए समान अधिकारों की बात करता है। प्रधानमंत्री ने विपक्ष दलों पर मुसलमानों को गुमराह करने और भड़काने के लिए यूसीसी मुद्दे का इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया था।

बता दें कि विधि आयोग ने 14 जून को UCC पर नए सिरे से विचार-विमर्श की प्रक्रिया शुरू की थी और राजनीतिक रूप से संवेदनशील इस मुद्दे पर सार्वजनिक और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों सहित हितधारकों से 13 जुलाई तक अपने विचार स्पष्ट करने को कहा है।

देश में मॉनसून ने पकड़ी रफ्तार, मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में 19 राज्यों में भारी बारिश का हाई अलर्ट जारी किया

#monsoon_rainfall_high_alert_for_heavy_rain_in_19_states

देशभर में मानसून ने रफ्तार पकड़ ली है।मानसून ने देश के अस्सी प्रतिशत हिस्से को कवर कर चुका है। जिसके कारण अधिकांश हिस्सों में बारिश हो रही है। इस बीच कई जगहों में भारी बारिश हो रही है और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। असम तो बाढ़ का दंश झेल रहा है।उत्तर-पश्चिमी राज्यों में अब तक सामान्य से 46% ज्यादा बारिश हुई है। देश के पूर्वी, मध्य, उत्तर-पश्चिम व पश्चिमी राज्यों में 4 दिन मानसून सक्रिय रहेगा।इस बीच मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में 19 राज्यों में भारी बारिश का हाई अलर्ट जारी किया है। 

इन राज्यों में बारी बारिश का अलर्ट

भारतीय मौसम विभाग का ताजा अपडेट लोगों को परेशान कर सकता है।दरअसल, देश में दक्षिण से लेकर उत्तर तक पूरब से लेकर पश्चिम तक रिकॉर्ड तोड़ बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में देश के 19 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने नई दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, यूपी, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र्, कोंकण-गोवा, हिमाचल, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ , कर्नाटक और केरल को लेकर अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा असम, तमिलनाडु और मिजोरम-सिक्किम में हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं।

हिमाचल में अगले चार दिनों के लिए अलर्ट

चार दिनों के लिए अलर्ट जारी तो वहीं हिमाचल में अगले चार दिनों के लिए अलर्ट जारी किया गया है। बारिश की वजह से हिमाचल में बहुत ज्याादा तबाही मची हुई हैं, यहां पर करोड़ों का नुकसान हुआ है। फिलहाल यहां पर बारिश की वजह से भूस्खलन होने की वजह से खतरा हो सकता है इसलिए मौसम विभाग और प्रशासन ने पहले से ही एडवाइजरी लागू कर रखी है और पर्यटको को पहाड़ों की ओर जाने से रोका हुआ है।

मुंबई में बारिश से 3 दिन में 9 की मौत

महाराष्ट्र के 6 जिलों में आज बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने आज मुंबई में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। महाराष्ट्र के 6 जिलों में भी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी है। मुंबई में पिछले 3 दिनों में 9 लोगों की मौत हो गई है। इस वक्त सड़कें तालाब बनी हुई हैं। नदियों में पानी का बहाव इतना तेज है कि सब कुछ तबाह हो रहा है। आसमानी आफत से साथ ही समंदर में ऊंची-ऊंची लहरे उठ रही है जो लोगों की परेशानी को और बढ़ा रही हैं। हाई टाइड की वजह से बारिश का पानी निकल नहीं पा रहा है।

हिंसा प्रभावित मणिपुर जा रहे हैं राहुल गांधी, राहत शिविरों का करेंगे दौरा, दो दिनों तक विस्थापितों से मुलाकात कर जानेंगे उनकी परेशानी

#rahul_gandhi_will_be_visiting_manipur_for_two_days

मणिपुर में जारी हिंसा के दौर को दो महीने पूरे होने को हैं। हालांकि, राज्य में हिंसक संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मसले पर केंद्र सरकार सर्वदलीय बैठक भी कर चुकी है।प्रधानमंत्री मोदी तक गृहमंत्री अमित शाह से इस पर मंथन कर चुके हैं। अब कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी हिंसा प्रभावित मणिपुर का दौरा करने के लिए रवाना हो चुके हैं। राहुल गांधी दो दिनों तक यानी 29-30 जून को मणिपुर में रहेंगे।इस दौरान राहुल गांधी राहत शिविरों का दौरा करेंगे और पीड़ितों का हाल जानेंगे। मिली जानकारी के अनुसार उनके साथ पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपल भी हैं।

राहुल गांधी के मणिपुर दौरे को लेकर केसी वेणुगोपाल ने एक ट्वीट में कहा कि इंफाल पहुंचने के बाद कांग्रेस नेता चूड़ाचांदपुर जिले जाएंगे, जहां वह राहत शिविरों का दौरा करेंगे। इसके बाद वह विष्णुपुर जिले में मोइरांग जाएंगे और विस्थापित लोगों से बातचीत करेंगे। उन्होंने बताया, राहुल गांधी शुक्रवार को इंफाल में राहत शिविरों का दौरा करेंगे और बाद में कुछ नागरिक संगठनों से भी बातचीत करेंगे। मणिपुर लगभग दो महीने से जल रहा है और उसे एक उपचारात्मक स्पर्श की सख्त जरूरत है ताकि समाज संघर्ष से शांति की ओर बढ़ सके। यह एक मानवीय त्रासदी है और यह हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम नफरत की नहीं बल्कि प्यार की ताकत बनें।

कांग्रेस कर रही मणिपुर के सीएम को बर्खास्त करने की मांग

तीन मई के बाद से जातीय हिंसा में घिरे पूर्वोत्तर राज्य में कांग्रेस नेता की यह पहली यात्रा है। कांग्रेस ने राज्य की वर्तमान स्थिति के लिए भाजपा और उसकी 'विभाजनकारी राजनीति' को जिम्मेदार ठहराया है। इसके अलावा कांग्रेस ने मांग की है कि राज्य के मुख्यमंत्री को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जाए। वहां शांति बहाली के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को भेजा जाए। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष मणिपुर हिंसा पर लगातार भाजपा सरकार को घेरते रहे हैं। इससे पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर सरकार और पीएम मोदी के रुख को निराशाजनक बताया था।

गृहमंत्री अमित शाह ने बुलाई थी सर्वदलीय बैठक

इससे पहले 24 जून को मणिपुर में हिंसा पर गृहमंत्री अमित शाह ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। गृह मंत्री ने दिल्ली में मणिपुर की स्थिति को लेकर 18 पार्टियों के साथ सर्वदलीय बैठक की थी। इस बैठक में सपा और आरजेडी ने मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह के इस्तीफे की मांग की थी, साथ ही मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने की भी मांग की थी। इस बैठक में गृह मंत्री शाह ने राज्य में शांति बहाल करने का आश्वासन दिया था। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी मणिपुर का दौरा किया था और राहत कैंपों में जाकर पीड़ितों की बात सुनी थी।

राहत शिविरों में करीब 50,000 लोग रह रहे

बता दें कि मणिपुर में दो स्थानीय जातियों मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हिंसक संघर्ष जारी है। मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हो गईं थी।इस हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।वहीं, संघर्ष शुरू होने के बाद से 300 से अधिक राहत शिविरों में करीब 50,000 लोग रह रहे हैं।

बुधवार रात पीएम आवास में हुई बीजेपी की बड़ी बैठक, 5 घंटे तक शाह-नड्डा समेत कई बड़े नेताओं के साथ मंथन

#pm_modi_holds_meet_with_senior_bjp_leaders

इस साल पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं इसके अलावा अगले साल लोकसभा चुनाव तय है। उससे पहले मोदी सरकार में बड़ा फेरबदल हो सकता है। इसके साथ ही पार्टी संगठन में भी बड़े स्तर पर बदलाव होने के आसार हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के साथ एक अहम बैठक की है। प्रधानमंत्री आवास पर करीब 5 घंटे तक चली इस बैठक में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी महासचिव (संगठन) बीएल संतोष भी मौजूद रहे।

सरकार और संगठन में बदलाव के आसार

कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों और अगले साल के लोकसभा चुनाव से पहले हुई इस अहम बैठक में सरकार और संगठन में बदलाव से लेकर तमाम राजनीतिक विषयों पर यह चर्चा कल शाम 7 बजे के करीब शुरू हुई थी, जो देर रात तक चली और करीब 12 बजे तक बैठक हुई। पार्टी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक इस अहम बैठक के बाद अब जल्द ही केंद्रीय मंत्रिमंडल में बदलाव किए जा सकते हैं। साथ ही पार्टी आलाकमान की ओर से कई राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति, बीजेपी राष्ट्रीय पदाधिकारियों की टीम में बदलाव, कई राज्यों के प्रभारियों की नियुक्ति जैसे कई अहम विषयों पर अब शीघ्र फैसला लिया जा सकता है।

मानसून सत्र से पहले मोदी कैबिनेट में हो सकती है फेरबदल

माना जा रहा है कि इस बैठक में फेरबदल पर मुहर लग चुकी है और मानसून सत्र से पहले मोदी कैबिनेट में नए चेहरे शामिल हो सकते हैं। माना जा रहा है कि मोदी सरकार में शामिल कई मंत्रियों को संगठन में भेजा जा सकता है और सरकार में नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है। इसके साथ ही कर्नाटक और गुजरात में नए प्रदेश अध्यक्षों की तैनाती की जा सकती है और गुजरात के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष को सीआर पाटिल को दिल्ली लाया जा सकता है। इसके साथ ही जेपी नड्डा की टीम में शामिल कई चेहरों की छुट्टी भी की जा सकती है। वहीं धम्रेंद्र प्रधान और भूपेंद्र यादव की जिम्मेदारी बढ़ाये जाने की संभावना है

चुनाव में माइक्रो मैनेजमेंट के लिए बीजेपी का मेगा प्लान तैयार

इसके अलावा ये भी कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव 2024 और राज्यों में होने वाल आगामी विधानसभा चुनाव में माइक्रो मैनेजमेंट के लिए बीजेपी का मेगा प्लान तैयार हो चुका है। जानकारी के मुताबिक, बीजेपी ने पहली बार पार्टी के कामकाज को सरल बनाने के लिए देशभर को तीन सेक्टर में बांटा। इसके लिए बीजेपी ने नार्थ रीजन, साउथ रीजन और ईस्ट रीजन तय किए हैं। जानकारी के मुताबिक 6, 7 और 8 जुलाई को देश के अलग-अलग हिस्सों में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन मंत्री के साथ रीजन के प्रमुख नेताओं की बैठक होगी। 6 को ईस्ट रीजन, 7 को नॉर्थ रीजन और 8 को साउथ रीजन की बैठक होना तय हुआ है। बैठक में रीजन में आने वाले राज्य प्रभारी, राज्य के प्रदेश अध्यक्ष, संगठन मंत्री, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, सांसद, विधायक और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य मौजूद रहेंगे।

यूसीसी पर सहमति बनाने को लेकर भी मंथन

इसके साथ ही बैठक में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) मुद्दे पर भी चर्चा की गई। सूत्रों की मानें, तो बैठक में यह तय हुआ है कि अलग-अलग धर्मों के प्रमुख लोगों से बीजेपी के आला नेता यूसीसी के मुद्दे पर बात करेंगे और सहमति बनाने की कोशिश करेंगे। इतना ही नहीं, लोकसभा चुनाव से पहले यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बिल लाने को लेकर भी विचार-विमर्श किया गया है। बैठक में उत्तराखंड सरकार द्वारा लाये जा रहे यूसीसी बिल पर भी चर्चा हुई है।बता दें कि यूसीसी को लेकर देश में पिछले कुछ दिनों से हलचल काफी तेज हो गई है।

दरअसल, पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भोपाल दौरे के दौरान खुले तौर पर यूनिफॉर्म सिविल कोड पर चर्चा की। उन्होंने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि जो लोग वोट बैंक के भूखे हैं वह मुस्लिमों को उकसा रहे हैं। पीएम मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के हवाला देते हुए कहा कि देश की शीर्ष अदालत चाहते हैं कि यूनिफॉर्म सिविल कोड लाया जाए, लेकिन कुछ साजिशकर्ता इसे लेकर गलत माहौल बना रहे हैं। पीएम ने अपनी रैली के दौरान पासमांदा मुस्लिमों को मुद्दा भी उठाया था और कहा था कि उन पर हो रहे अत्याचारों पर कोई बात नहीं करता है।पीएम मोदी ने इस दौरान मुस्लिमों के कई मुद्दों पर चर्चा की।

*खत्म हुआ इंतजारःचंद्रयान-3 की लॉन्चिंग 13 जुलाई को, इसरो ने दी जानकारी*

#chandrayaan_3_launch_date_time_scheduled

बहुप्रतीक्षित मिशन चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग को लेकर बड़ी अपडेट मिल रही है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मिशन चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग को लेकर बड़ा एलान किया है। इसरो ने कहा कि चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण 13 जुलाई को दोपहर बाद 2:30 बजे किया जाएगा। इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ के मुताबिक, अंतरिक्ष के क्षेत्र में ये भारत की एक और बड़ी कामयाबी होगी।

न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा, वर्तमान में चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान पूरी तरह से इंटिग्रेटेड (एकीकृत) है। हमने परीक्षण पूरा कर लिया है। हम अभी रॉकेट को तैयार कर रहे हैं। आज रॉकेट तैयार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 को रॉकेट के साथ लगाया जाएगा और फिर लॉन्च किया जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि 12 से 19 जुलाई के बीच चंद्रयान तीन लॉन्च हो सकता है, लेकिन सबसे नजदीक की तारीख तय की जाएगी। इसरो प्रमुख ने कहा कि अगर कोई तकीनीकी समस्या नहीं आती है तो हो सकता है कि 12, 13 या 14 को लॉन्च किया जाए।

चंद्रयान -3 अंतरिक्ष यान को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से एलवीएम3 (लॉन्च व्हीकल मार्क-III) द्वारा लॉन्च किया जाएगा। इसरो के अधिकारियों के मुताबिक, चंद्रयान-3 चंद्रयान-2 का ही अगला प्रोजेक्ट है, जो चंद्रमा की सतह पर उतरेगा और परीक्षण करेगा। इसमें लैंडर और रोवर शामिल हैं। यह चंद्रयान-2 की तरह ही दिखेगा, जिसमें एक ऑर्बिटर, एक लैंडर और एक रोवर होगा।

चंद्रयान-3 मिशन चंद्रयान-2 का ही फॉलोअप मिशन है। भारत ने 2019 में चंद्रयान-2 के जरिए इस मिशन को हासिल करने की कोशिश की थी। हालांकि, मिशन में सफलता नहीं मिली थी। 7 सितंबर 2019 को भारत के दूसरे चंद्र मिशन 'चंद्रयान-2' की चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग नहीं हो पाई थी। इसे चंद्रमा की सतह के दक्षिण ध्रुव के पास उतरना था। यह जब चंद्रमा की सतह पर उतरने वाला था तब लैंडर विक्रम से उसका संपर्क टूट गया था। जिसके बाद चंद्रयान-3 की बात उभर कर सामने आई और अब चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग तारीख भी सामने आ गई।

स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी के अमेरिका दौरे पर उठाए सवाल, पूछा- भारत के खिलाफ काम करने वालों से मिलने की क्या थी मजबूरी

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केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर एक बार फिर निशाना साधा है. उन्होंने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि राहुल गांधी के अमेरिकी दौरे के दौरान सुनीता विश्वनाथ से उनकी मुलाकात पर सवाल खड़े किए हैं।स्मृति ईरानी ने कहा कि राहुल गांधी अपने अमेरिका दौरे के दौरान जिस सुनीता विश्वनाथ नामक महिला से मिल रहे हैं, वो 'जॉर्ज सोरोस' द्वारा फंडेड है। इस महिला से राहुल गांधी क्या बात कर रहे थे?

भाजपा कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल के अमेरिका दौरे की एक फोटो साझा की। इसमें एक बैठक के दौरान राहुल गांधी और अन्य लोग बैठे हैं। इसमें एक महिला भी शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री ने उस महिला का नाम सुनीता विश्वनाथ बताया। उन्होंने दावा किया कि सुनीता को अमेरिकी उद्योगपति सोरोस से आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाती है। ईरानी ने सवाल किया कि राहुल को जवाब देना चाहिए कि वे लोगों के साथ क्या बात कर रहे थे?

ईरानी ने कहा कि सोरोस के भारत विरोधी विचार किसी से छुपे नहीं हैं। जॉर्ज सोरोस के साथ मिलकर राहुल गांधी क्या बात कर रहे थे इसकी जानकारी उन्हें देश को देनी चाहिए। राहुल का भारत के बाहर भारत विरोधी लोगों से मिलना क्या दर्शाता है यह भी उन्हें बताना चाहिए।उन्होंने कहा कि भाजपा ने पहले भी यह मुद्दा उठाया है। हम सब जानते हैं कि किस प्रकार से सोरोस भारत में लोकतांत्रित तरीके से चुनी हुई सरकार को हटाना चाहते हैं। जब सोरोस के इरादे हर हिंदस्तानी को पता थे, तो ऐसी क्या मजबूरी थी कि राहुल ने सोरोस के सहयोगी के साथ बैठक में हिस्सा लिया। 

स्मृति ईरानी ने यह भी कहा कि यह भी स्पष्ट है कि यह एकमात्र सोरोस कनेक्शन नहीं है। जॉर्ज सोरोस और उनके द्वारा फंडेड संगठनों का राहुल गांधी से मेल-जोल नया नहीं बल्कि पुराना है। ओपन सोसायटी के ग्लोबल अध्यक्ष सलील सेठी, जो जॉर्ज सोरोस के संस्थान के साथ हैं। यह राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में थे।

स्मृति ईरानी ने कहा कि अपने राजनीतिक सफर में आज तक ऐसे कोई शख्स नहीं देखा, जो सत्ता के लिए ऐसे लोगों से मिल जाए, जो हिंदुस्तान की व्यवस्थाओं को उखाड़ फेंकने का ऐलान कर चुका हो। जॉर्ज सोरोस और सुनीता विशवनाथ से पूरी जनता वाकिफ है। क्या राहुल गांधी नहीं जानते? यह सवाल मेरा इसलिए नहीं है, कि मैं एक भाजपाई हूं। मैं यह सवाल देश के हर नागरिक से पूछती हूं कि राहुल गांधी विरोधी ताकतों से मिलकर क्या संदेश देना चाहते हैं?

दरअसल, कर्नाटक में भाजपा आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के सदस्य रमेश बाबू ने यह शिकायत दर्ज कराई है। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया है कि मालवीय ने कांग्रेस और राहुल गांधी का मजाक उड़ाते हुए सोशल मीडिया पर वीडियो साझा कर माहौल बिगाड़ने और लोगों को उकसाने का काम किया। इसके बाद से भाजपा कांग्रेस पर हमलावर हो गई है।  

बता दें कि बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख ने 17 जून को अपने ट्विटर हैंडल से राहुल गांधी को लेकर एक एनिमेटेड वीडियो शेयर किया था। वीडियो को शेयर करते हुए मालवीय ने राहुल को खतरनाक बताते हुए कहा था कि वो घातक खेल खेल रहे हैं।करीब ढाई मिनट के वीडियो में राहुल गांधी पर इंटरनेशनल मीडिया को अपना मोहरा बनाने का आरोप लगाया था।मालवीय ने वीडियो में राहुल गांधी की ओर से भारत और देश के मुसलमानों को लेकर की गई टिप्पणियों का भी जिक्र किया है। इसके साथ-साथ राहुल की ओर से नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर पीएम मोदी की ओर से पवित्र सेंगोल को साष्टांग प्रणाम को लेकर विदेश में की गई टिप्पणियों को भी शामिल किया गया है।

खुशखबरी, आईआईटी बॉम्बे दुनियाभर के टॉप 150 विश्वविद्यालयों में शामिल, आठ वर्षों में पहली बार किसी भारतीय उच्च शिक्षा संस्थान को मिला गौरव

आईआईटी बॉम्बे ने मंगलवार देर रात जारी क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग के नवीनतम रिपोर्ट में दुनिया के शीर्ष 150 विश्वविद्यालयों में जगह बनाकर अब तक की अपनी सर्वोच्च रैंक हासिल की है। यह आठ वर्षों में पहली बार है कि किसी भारतीय उच्च शिक्षा संस्थान ने शीर्ष 150 की सूची में जगह बनाई है, इससे पहले भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) बैंगलोर ने 2016 में 147वीं रैंकिंग के साथ यह उपलब्धि हासिल की थी।

आईआईटी बॉम्बे ने 149वीं रैंक हासिल करने के लिए 23 स्थान ऊपर चढ़कर एक शानदार छलांग लगाई है। हालांकि, सूची में महत्वपूर्ण उतार-चढ़ाव भी देखा गया है, आईआईएससी 155वें रैंक से 70 स्थान गिरकर 225वें स्थान पर आ गया है।

 पिछले साल सर्वश्रेष्ठ भारतीय संस्थान होने की तुलना में अब यह तीसरा सर्वोच्च रैंक वाला भारतीय संस्थान बन गया है। इसी तरह, आईआईटी दिल्ली 174 से गिरकर 197, आईआईटी कानपुर 264 से 278 और आईआईटी मद्रास 250 से 285 पर आ गया।

खुशखबरी, आईआईटी बॉम्बे दुनियाभर के टॉप 150 विश्वविद्यालयों में शामिल, आठ वर्षों में पहली बार किसी भारतीय उच्च शिक्षा संस्थान को मिला गौरव


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आईआईटी बॉम्बे ने 149वीं रैंक हासिल करने के लिए 23 स्थान ऊपर चढ़कर एक शानदार छलांग लगाई है। हालांकि, सूची में महत्वपूर्ण उतार-चढ़ाव भी देखा गया है, आईआईएससी 155वें रैंक से 70 स्थान गिरकर 225वें स्थान पर आ गया है।

 पिछले साल सर्वश्रेष्ठ भारतीय संस्थान होने की तुलना में अब यह तीसरा सर्वोच्च रैंक वाला भारतीय संस्थान बन गया है। इसी तरह, आईआईटी दिल्ली 174 से गिरकर 197, आईआईटी कानपुर 264 से 278 और आईआईटी मद्रास 250 से 285 पर आ गया।