मणिपुर में रोका गया राहुल गांधी का काफिला, पुलिस ने सुरक्षा का दिया हवाला
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी मणिपुर पहुंच गए हैं। वे एयरपोर्ट से सीधे हिंसा पीड़ितों से मुलाकात करने के लिए निकले। लेकिन, पुलिस ने रास्ते में ही उनके काफिले को रोक दिया।राहुल गांधी को इंफाल एयरपोर्ट के आगे विष्णुपुर चेकपोस्ट पर रोका गया है। इंफाल एयरपोर्ट पर उतरने के बाद वे चुराचांदपुर जा रहे थे।सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी के काफिले को सुरक्षा कारणों से रोका गया।
केसी वेणुगोपाल ने जताई निराशा
मणिपुर में राहुल गांधी के काफिले को रोके जाने को लेकर निराशा जताते हुए कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, राहुल गांधी के काफिले को बिष्णुपुर के पास पुलिस ने रोक दिया है। स्थानीय पुलिस का कहना है कि वे हमें आगे जाने की अनुमति देने की स्थिति में नहीं है।राहुल गांधी से मिलने के लिए लोग सड़क के दोनों ओर खड़े हैं। लेकिन यह हम समझ नहीं पा रहे हैं कि उन्होंने हमें क्यों रोक दिया है? उन्होंने आगे कहा, मुझे नहीं पता कि पुलिस हमें जाने की अनुमति क्यों नहीं दे रही है। राहुल का यह दौरा प्रभावित लोगों से मुलाकात के लिए ही है। हमने अब तक 20-25 किलोमीटर तक का सफर तय किया है, लेकिन कहीं पर भी जाम की स्थिति नहीं बनी। राहुल कार के अंदर बैठे हैं। मुझे नहीं पता कि स्थानीय पुलिस को किसने निर्देश दिया है।
राहुल दो दिन रहेंगे मणिपुर में
राहुल गांधी दो दिनों तक यानी 29-30 जून को मणिपुर में रहेंगे।इस दौरान राहुल गांधी राहत शिविरों का दौरा करेंगे और पीड़ितों का हाल जानेंगे।इंफाल पहुंचने के बाद कांग्रेस नेता चूड़ाचांदपुर जिले जाएंगे, जहां वह राहत शिविरों का दौरा करेंगे। इसके बाद वह विष्णुपुर जिले में मोइरांग जाएंगे और विस्थापित लोगों से बातचीत करेंगे। उन्होंने बताया, राहुल गांधी शुक्रवार को इंफाल में राहत शिविरों का दौरा करेंगे और बाद में कुछ नागरिक संगठनों से भी बातचीत करेंगे।
गृहमंत्री अमित शाह ने बुलाई थी सर्वदलीय बैठक
इससे पहले 24 जून को मणिपुर में हिंसा पर गृहमंत्री अमित शाह ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। गृह मंत्री ने दिल्ली में मणिपुर की स्थिति को लेकर 18 पार्टियों के साथ सर्वदलीय बैठक की थी। इस बैठक में सपा और आरजेडी ने मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह के इस्तीफे की मांग की थी, साथ ही मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने की भी मांग की थी। इस बैठक में गृह मंत्री शाह ने राज्य में शांति बहाल करने का आश्वासन दिया था। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी मणिपुर का दौरा किया था और राहत कैंपों में जाकर पीड़ितों की बात सुनी थी।
राहत शिविरों में करीब 50,000 लोग रह रहे
बता दें कि मणिपुर में दो स्थानीय जातियों मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हिंसक संघर्ष जारी है। मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हो गईं थी।इस हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।वहीं, संघर्ष शुरू होने के बाद से 300 से अधिक राहत शिविरों में करीब 50,000 लोग रह रहे हैं।
Jun 29 2023, 15:22