कोविड जंबो सेंटर घोटाला: तीन गुना अधिक कीमत में खरीदे गए बॉडी बैग, 25-30 प्रतिशत अधिक दरों पर ली गई दवाएं, गड़बड़ी से जुड़े चैट हाथ लगे
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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कोविड जंबो सेंटर घोटाले की जांच कर रही है। कथित 38 करोड़ रुपये के कोविड जंबो सेंटर घोटाले की जांच के क्रम में ईडी ने खुलासा किया है कि एक प्रमुख कंपनी जो मृत कोविड-19 रोगियों के लिए बॉडी बैग की आपूर्ति कर रही थी, उसने बृह्नमुंबई महानगर पालिका बीएमसी को 6,800 रुपये प्रति बैग की दर से बैग की आपूर्ति की थी। यह राशि इसी अवधि के दौरान निजी अस्पतालों सहित अन्य से ली गई कीमत से तीन गुना अधिक थी।जांच में गया है कि 2000 रुपये का बॉडी बैग 6800 में खरीदी गई।
तत्कालीन मेयर किशोरी पेडनेकर की भूमिका की हो रही जांच
एजेंसी की जांच से यह भी पता चला है कि बीएमसी के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा मुंबई की तत्कालीन मेयर किशोरी पेडनेकर ने भी कथित तौर पर इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और उनके निर्देश पर ही उक्त इकाई को ठेका दिया गया था, जो अब जांच के दायरे में है।
दवाएं बाजार कीमतों से 25-30 प्रतिशत अधिक दरों पर खरीदी गईं
बीएमसी संचालित अस्पतालों में कोविड-19 के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली रेमडेसिविर सहित अन्य दवाएं भी बाजार कीमतों से 25-30 प्रतिशत अधिक दरों पर खरीदी गईं। सूत्र ने कहा कि भारी अनियमितताएं सामने आने के बाद भी बीएमसी के वरिष्ठ अधिकारियों के आग्रह पर खरीददारी जारी रही।
धन के दुरुपयोग के लिए 200 से अधिक डॉक्टरों के नामों का गलत इस्तेमाल
सूत्रों में मुताबिक ईडी की जांच में ये भी सामने आया है कि लाइफलाइन जंबो कोविड सेंटर में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की तैनाती बीएमसी की बिलिंग में दिखाई गई तैनाती से 60-65% कम थी। बिलिंग के लिए कंपनी उन डॉक्टरों के नाम उपलब्ध कर रही थी, जो लाइफलाइन जंबो कोविड सेंटर के संबंधित कोविड केंद्रों पर गलत तरीके से काम कर रहे थे या फिर काम ही नहीं कर रहे थे।सूत्र ने कहा, धन के दुरुपयोग के लिए 200 से अधिक डॉक्टरों के नामों का गलत इस्तेमाल किया गया। जांच के दौरान ईडी ने ईमेल के जरिये इन डॉक्टरों से संपर्क किया और उनके बयान दर्ज किए।
150 करोड़ रुपये से अधिक की 50 संपत्तियों के दस्तावेज मिले
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने बीएमसी कोविड घोटाला मामले में बुधवार को 15 स्थानों पर छापे मारे। अधिकारियों ने बताया कि जिन अन्य स्थलों पर तलाशी ली गई उनमें भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी संजीव जायसवाल और शिवसेना (यूबीटी) के पदाधिकारी सूरज चव्हाण से जुड़े स्थल शामिल हैं। जिसमें 150 करोड़ रुपये से अधिक की 50 संपत्तियों के दस्तावेज, 15 करोड़ रुपये की सावधि जमा और निवेश, 68.65 लाख रुपये नकद और 2.46 करोड़ रुपये के आभूषण जब्त किए गए हैं।
ईडी को मिले सुजीत पाटकर और सूरज चव्हाण के चैट
इसके अलावा ईडी को चव्हाण के मोबाइल से सुजीत पाटकर और सूरज चव्हाण के साथ लाइफ लाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विसेज कंपनी को ठेका देने और अन्य चीजों के बारे में बातचीत से जुड़े चैट मिले। ईडी जल्द ही सूरज चव्हाण को पूछताछ के लिए तलब करेगी। ईडी ने कथित कोविड घोटाला मामले में पूछताछ के लिए आईएएस अधिकारी संजीव जायसवाल को गुरुवार को पेश होने के लिए समन जारी किया था।
Jun 28 2023, 12:10
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