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ममता बनर्जी ने कहा-भाजपा देश को बेचना चाहती है, जल्द गायब हो जाएंगे उनके डबल इंजन, केन्द्रीय मंत्री निशिथ प्रामाणिक को बताया गुंडा

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पश्चिम बंगाल के कूचबिहार में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए सीएम ममता बनर्जी ने भाजपा पर जमकर हमला बोला।ममता बनर्जी ने कहा है कि भाजपा देश को बेचना चाहती है। उनके डबल इंजन जल्द ही गायब हो जाएंगे। साथ ही उन्होंने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निशिथ प्रामाणिक को मंच से ही गुंडा कहकर संबोधित किया। 

पहली बार पंचायत चुनाव के लिए प्रचार करने निकली टीएमसी नेता और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कूचबिहार में एक जनसभा को संबोधित करते हुए बीजेपी पर जोरदार हमला बोला। ममता ने कहा, बीजेपी देश को बेचना चाहती है। उनके डबल इंजन जल्द ही गायब हो जाएंगे। वे राज्य के पंचायत चुनावों में अपना पहला इंजन और 2024 के लोकसभा चुनावों में दूसरा इंजन खो देंगे। हम बीजेपी के खिलाफ "महा जोता" (बड़ा गठबंधन) करने की कोशिश कर रहे हैं और यह जल्द ही किया जाएगा।

पीएम मोदी पर भी साधा निशाना

ममता बनर्जी ने पीएम मोदी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पीएम कभी अमेरिका जा रहे हैं, कभी रूस जा रहे हैं लेकिन राज्य के लोगों को पैसा नहीं दे रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा आवास के 100 दिनों का पैसा नहीं दिया गया है, ये मनमानी नहीं होने देंगे। ये पैसा लेकर रहेंगे।उन्होंने चेतावनी भरे अंदाज में कहा, पंचायत चुनाव में हार गए तो भी याद रखिएगा राज्य में सरकार हमारी ही होगी। आने वाले लोकसभा चुनाव में सरकार बदलेगी, तो पैसे लाएंगे।

ममता बनर्जी ने निशिथ प्रामाणिक को कहा गुंडा

यहीं नहीं ममता बनर्जी ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निशिथ प्रामाणिक को मंच से ही गुंडा कहकर संबोधित किया। निशिथ प्रमाणिक पर ममता बनर्जी ने कहा, पंचायत में लोग गोली खा रहे, वे अफ़्रीका घूम रहे। गृह मंत्री गुंडा है. लोगों को मारता फिरता है।

सीपीआई (एम) और कांग्रेस पर भी साधा निशाना

पटना में विपक्षी दलों की बैठक के बाद सीएम ममता बनर्जी ने सीपीआई (एम) और कांग्रेस पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि उनके प्रयासों के बावजूद भाजपा के खिलाफ एक बड़ा विपक्षी गठबंधन बनाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन कांग्रेस, सीपीआई(एम) बंगाल में अलग-अलग राग अलाप रहे हैं।ममता ने कांग्रेस को बंगाल में बीजेपी की दूसरी टीम बताया है। उन्होंने कहा कि हम बीजेपी के खिलाफ महा जोता बनाने की कोशिश कर रहे हैं और यहां महा-घोंट बनाया जा रहा है।

8 जुलाई से पंचायत चुनाव

पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को पंचायत चुनाव के लिए वोटिंग होगी।इसके पहले नामांकन के दौरान राज्य भर से अलग-अलग हिस्सों से हिंसा की खबरें आई थीं। हिंसा को लेकर बीजेपी हाईकोर्ट गई थी, जहां से केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती का आदेश जारी हुआ था। हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार और राज्य चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था लेकिन राहत नहीं मिली।

विदेश से लौटते ही मणिपुर हिंसा को लेकर एक्टिव दिखे पीएम मोदी, अमित शाह से ली हालात की जानकारी

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विदेश दौरे से लौटते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में क्या चल रहा है ये जानने में जुट गए हैं। रात के डेढ़ बजे एयर पोर्ट पर जेपी नड्डा से ये सवाल करने बाद कि देश में क्या चल रहा है अब मणिपुर हिंसा को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से जानकारी ली। शाह ने पीएम को ताजा हालात की जानकारी दी। इससे पहले गृहमंत्री अमित शाह ने मणिपुर के हालात को लेकर एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। वहीं, पीएम मोदी और अमित शाह के बीच बैठक से ठीक एक दिन पहले यानी रविवार को मणिपुर के मुख्यमंत्री दिल्ली पहुंचे हुए थे. जहां, उन्होंने गृह मंत्री से मुलाकात कर राज्य के ताजा हालातों से अवगत कराया था।

अमेरिका और मिस्र का दौरा खत्म कर भारत वापस लौटे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर हिंसा को लेकर मोर्चा संभाल लिया है। 6 दिन के विदेश दौरे से वापस लौटे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर को लेकर एक अहम बैठक की।सूत्रों के मुताबिक बैठक में गृहमंत्री ने प्रधानमंत्री को हिंसा प्रभावित राज्य के ताजा हालातों से अवगत कराया है।इस बैठक में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पूरी, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अलावा कई बड़े अधिकारी भी शामिल हुए।

पीएम मोदी ने दिए अहम निर्देश

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस बैठक में मणिपुर के तमाम विषयों को लेकर चर्चा की गई। इसके साथ ही पीएम मोदी ने मणिपुर में पेट्रोलियम और गैस की क़िल्लत ना हो, इसके लिए पीएम मोदी ने सभी ज़रूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने शांति बहाली के लिए स्थिति की समीक्षा भी की।

शनिवार को हुई थी सर्वदलीय बैठक

मणिपुर में जारी हिंसा के मद्देनजर शनिवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी। कांग्रेस ने पीएम मोदी की गैरमौजूदगी पर सवाल उठाया था। कांग्रेस ने कहा कि बेहतर होता कि अगर यह सर्वदलीय बैठक दिल्ली की बजाय इम्फाइल में बुलाई गई होती और इसकी अध्यक्षता पीएम मोदी करते। तृणमूल समेत विपक्षी दलों ने कहा कि वहां सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजा जाए। केंद्र मणिपुर के लोगों की जरूरतों को अनदेखा कर रहा है। शाह ने कहा था कि प्रधानमंत्री के निर्देश पर वहां शांति बहाली के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।

सीएम बीरेन सिंह के साथ मुलाकात

इसके अलावा गृहमंत्री अमित शाह ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से भी दिल्ली में मुलाकात की, काफी देर तक चली इस मुलाकात में मणिपुर में मौजूदा हालात पर चर्चा हुई। इस मुलाकात के ठीक बाद मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने ट्विटर पर बताया कि गृहमंत्री शाह की निगरानी में राज्य और केंद्र सरकार की कोशिशों के बाद अब हिंसा पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है। सीएम सिंह ने दावा किया कि 13 जून के बाद से राज्य में हिंसा से किसी की भी मौत नहीं हुई है।

POK को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बड़ा बयान, कहा-हमेशा से हमारा हिस्सा, वहां की जनता भी भारत में शामिल होना चाहती है

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केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को जम्मू विश्वविद्यालय के जनरल जोरावर सिंह सभागार में रक्षा कॉन्क्लेव को संबोधित किया।इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) को लेकर अहम बयान दिया है।उन्होंने कहा कि पीओके हमेशा से हमारा हिस्सा है और वहां की जनता भी भारत में शामिल होना चाहती है।

रक्षा मंत्री जम्मू में राजनाथ सिंह ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर का एक बड़ा हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में है। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) भारत का हिस्सा था, है और रहेगा।उन्होंने कहा कि दुनिया मान चुकी है कि पीओके पर पाकिस्तान का गैरकानूनी और अवैध कब्ज़ा है। पाकिस्तान की सरकार पीओके की जनता पर जुल्म और अत्याचार कर रही है।वहां के लोग देख रहे हैं कि भारत की तरफ लोग शांति से अपना जीवन जी रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान सरकार द्वारा उनके साथ अन्याय किया जा रहा है। वह भी चाहते हैं कि यहां से पाकिस्तान का अवैध कब्ज़ा हट जाए और वे भी भारत में शामिल हो जाएं।

भारत ने बताया आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस का मतलब -राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जब से भारत आजाद हुआ है तब से कई भारत विरोधी ताकतों द्वारा भारत के अंदर अस्थिरता का माहौल पैदा करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। पाकिस्तान की धरती से लगातार बड़े पैमाने पर नापाक कोशिशें की जा रही हैं। यूपीए सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं की लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई शुरू की। पहली बार देश ही नहीं बल्कि दुनिया को पता चला कि आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस का मतलब क्या है। हमने आतंकवाद की फंडिंग रोक दी है।

राजनाथ सिंह ने चीन और पाकिस्तान को दिखाए तेवर

जम्मू में बोलते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ ने पाकिस्तान के साथ-साथ चीन को लेकर भी बयान दिया और कहा कि हमारी सेना ने चीन को एलएसी पर करारा जवाब दिया है। पाकिस्तान की जमीन से फैलने वाले आतंकवाद को लेकर राजनाथ सिंह ने कहा कि जब 2019 में पुलवामा का हमला हुआ, तब पीएम मोदी ने दस मिनट के भीतर ही एक्शन का फैसला ले लिया। उसी के बाद भारतीय सेना ने सीमा के पार जाकर आतंकियों का खात्मा किया। राजनाथ ने साफ किया कि अगर जरूरत पड़ती है, तो भारत सीमा के उस पार जाकर भी दुश्मनों का खात्मा कर सकता है।

भ्रष्टाचार पर राजनाथ सिंह ने कही ये बात

जम्मू-कश्मीर में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, मैं यह दावा नहीं कर रहा हूं कि हमने भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म कर दिया है। यह कोई नहीं कर सकता। इसे सिर्फ भाषण देकर ही कम नहीं किया जा सकता, सिस्टम में बदलाव करके ही इसे कम किया जा सकता है और पीएम ने ये प्रक्रिया शुरू कर दी है।

राजीव गांधू से संबंधित किस्सा सुनाया

रक्षा मंत्री ने आज एक किस्सा सुनाते हुए बताया, राजीव गांधी जी हमारे देश के प्रधानमंत्री थे। उन्होंने (राजीव) कहा था कि मैं क्या करूं, 100 पैसा ऊपर से भेजता हूं, बमुश्किल 15 पैसा लोगों तक नीचे पहुंच पाता है। एक प्रकार से उन्होंने लाचारी व्यक्त की थी। मैं प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आलोचना नहीं कर रहा हूं और सामान्यत: राजनीतिक क्षेत्र में काम करते हुए मुझे आपने कभी नहीं सुना होगा कि मैंने किसी प्रधानमंत्री को क्रिटिसाइज किया हो। राजनाथ ने आगे कहा कि उन्होंने एक मजबूरी व्यक्त की थी और उसे एक चैलेंज के रूप में अगर किसी ने स्वीकार किया तो आज के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने स्वीकार किया। आज अगर 100 पैसा बैंकों से चलता है तो 100 पैसा लोगों की जेब में पहुंचता है।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा पर निर्मला सीतारमण का पलटवार, जानें वित्तमंत्री ने क्या कहा?

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केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों को लेकर दिए गए बयान की कड़ी आलोचना की। निर्मला सीतारमण ने कहा कि उनके शासनकाल में, संयुक्त राज्य अमेरिका ने छह मुस्लिम बहुल देशों पर बमबारी की थी।लेकिन अब वे भारत की धार्मिक सहिष्णुता पर टिप्पणी कर रहे हैं।सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 13 देशों ने अपने शीर्ष सम्मान से सम्मानित किया है जिनमें से छह मुस्लिम बहुल देश हैं।

निर्मला सीतारमण ने कहा, "यह आश्चर्यजनक था कि जब प्रधानमंत्री अमेरिका का दौरा कर रहे थे और लोगों को भारत के बारे में बता रहे थे, तो एक पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति (बराक ओबामा) भारतीय मुसलमानों पर बयान दे रहे थे। हम अमेरिका के साथ अच्छी दोस्ती चाहते हैं, लेकिन वे भारत की धार्मिक सहिष्णुता पर टिप्पणी करते हैं। शायद उनके (ओबामा) के कारण 6 मुस्लिम बहुल देशों पर बमबारी की गई भाजपा मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सीतारमण ने सवाल किया, ''क्या उनके कार्यकाल(राष्ट्रपति रहते) में छह देशों, सीरिया, यमन, सऊदी, इराक और अन्य मुस्लिम देशों में बमबारी नहीं हुई? उस समय 7 देशों में युद्ध जैसी स्थिति बन गई थी और 26,000 बम गिराए गए थे। जब ऐसे नेता भारत की धार्मिक सहिष्णुता पर टिप्पणी करेंगे, तो उन्हें गंभीरता से कौन लेगा?

सीतारमन ने विपक्ष की भी आलोचना की

विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए सीतारमण ने कहा कि उनके नेता विदेश जाते हैं और भारत के पक्ष में बात नहीं करते। मंत्री ने कहा कि यह देखना अहम है कि इसके पीछे कौन लोग हैं।उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस देश का माहौल बिगाड़ने के लिए 'जानबूझकर गैर मुद्दें' उठा रही है और 'बिना तथ्य' आरोप लगा रही है क्योंकि विपक्षी पार्टी प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा को चुनावी मैदान में शिकस्त देने में अक्षम है।

ओबामा ने क्या कहा था?

यह टिप्पणी तब आई जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एक मीडिया साक्षात्कार के दौरान कहा कि यदि जातीय अल्पसंख्यकों की रक्षा नहीं की गई, तो इस बात की प्रबल संभावना है कि देश "किसी बिंदु पर अलग होना शुरू हो जाएगा ।ओबामा ने सीएनएन के क्रिस्टियन अमनपौर के साथ एक साक्षात्कार के दौरान यह टिप्पणी की थी। सीएनएन से इंटरव्यू में ओबामा ने कहा कि अगर मेरी मोदी से बातचीत होती, तो मेरे तर्क का एक हिस्सा यह होगा कि यदि आप भारत में जातीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा नहीं करते हैं, तो इस बात की प्रबल संभावना है कि भारत किसी बिंदु पर अलग होना शुरू कर देगा। हमने देखा है कि जब आपके अंदर इस प्रकार के बड़े आंतरिक संघर्ष होने लगते हैं तो क्या होता है। यह भारत के हितों के विपरीत होगा।

मणिपुर हिंसाःसुरक्षा बलों की बड़ी कार्रवाई,उपद्रवियों के 12 बंकर तबाह, 135 गिरफ्तार

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मणिपुर में 3 मई से भड़की हिंसा को 2 महीने होने वाले हैं लेकिन स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है।इस बीच सुरक्षाबल उपद्रवियों पर लगाम लगाने की हर संभव कोशिश करते नजर आ रही हैं। पुलिस और सुरक्षा बलों ने भी उग्रवादियों के खिलाफ एक्शन तेज कर दिया है। पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए उग्रवादियों के 12 बंकर तबाह कर दिए हैं। यह कार्रवाई बीते 24 घंटे में की गई है।

रविवार को सुरक्षाबलों ने पिछले 24 घंटों में उपद्रवियों के 12 बंकरों को नष्ट कर दिया है। उपद्रवियों ने ये बंकर हिंसा प्रभावित इलाकों में बनाए थे। मणिपुर पुलिस ने इस मामले पर बयान जारी करते हुए बताया कि राज्य पुलिस और सेंट्रल फोर्स ने मिलकर तमेनलॉन्ग, पूर्वी इंफाल, बिश्नुपुर, कांगपोकपी, चुराचांदपुर और काकचिंग जिलों में एक सर्च ऑपरेशन चलाया था। इसी दौरान 12 बंकरों को नष्ट कर दिया गया।पुलिस ने बताया कि सर्च ऑपरेशन के दौरान साहूमफाई गांव के धान के खेत में तीन 51 मिमी मोर्टार गोले और तीन 84 मिमी मोर्टार गोले पाए गए हैं। इसके अलावा कांगवई और एस कोटलियान गांवों के बीच एक धान के खेत में एक आईईडी भी पाया गया है।

वहीं, पुलिस ने कर्फ्यू के उल्लंघन, सुनसान घरों में चोरी, आगजनी के मामले में 135 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि अभी तक कुल 1100 हथियार, 250 बम बरामद किए गए हैं। मणिपुर में हिंसा भड़कने के बाद से अभी तक 1100 हथियार, 13702 गोला बारूद, 250 अलग-अलग तरह के बम बरामद किए गए हैं। अब तक कुल 1100 हथियार, 13702 गोला-बारूद और विभिन्न प्रकार के 250 बम बरामद किए गए हैं। हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च निकाले जा रहे हैं और सर्च अभियान चलाए जा रहे हैं। पुलिस ने लोगों से कहा है कि हालात सामान्य करने में पुलिस पूरी मदद करेगी। सेंट्रल कंट्रोल रूम का नंबर जारी किया गया है, जिस पर फोन करके लोग किसी अफवाह की पुष्टि कर सकते हैं और हथियार पुलिस के पास जमा करने के लिए भी कंट्रोल रूम को सूचना दी जा सकती है। 

बता दें कि मणिपुर हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस एमवी मुरलीधरन ने हाल ही में एक आदेश दिया था। इस आदेश में हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को मैतेई को भी अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग पर विचार करने को कहा था।कोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर ने 'आदिवासी एकता मार्च' निकाला था। 3 मई को इसी एकता मार्च के दौरान हिंसा भड़क गई थी।मणिपुर में 50 से ज्यादा दिन हो गए, लेकिन हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के ट्वीट का पीएम मोदी ने दिया जवाब, कहा-भारत-अमेरिका की दोस्ती वैश्विक भलाई को देगी ताकत

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका और मिस्र के राजकीय दौरे से वापस आ चुके हैं।पीएम मोदी का दौरा खत्म होने के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कि अमेरिका और भारत के बीच की दोस्ती दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण संबंधों में से एक है और यह पहले से कहीं अधिक मजबूत है।इसपर पीएम मोदी का जबाव भी सामने आया है। अमेरिकी राष्ट्रपति के ट्वीट पर प्रधानमंत्री मोदी ने भी सहमति जताई है। 

पीएम मोदी के अमेरिका दौरे पर जो बाइडेन का ट्वीट

बाइडन ने प्रधानमंत्री मोदी की हाल में संपन्न अमेरिका यात्रा का एक वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, "अमेरिका और भारत के बीच की दोस्ती दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण है और यह पहले से कहीं अधिक प्रगाढ़, करीबी और अधिक गतिशील है।"

पीएम मोदी ने भी बाइडन के ट्वीट पर कही यह बात

अमेरिकी राष्ट्रपति के ट्वीट को पीएम मोदी ने रीट्वीट करते हुए जवाब दिया है। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के ट्वीट पर कहा कि मैं आपसे पूरी तरह सहमत हूं। हमारे देशों के बीच दोस्ती वैश्विक भलाई की ताकत है। यह ग्रह को बेहतर और अधिक टिकाऊ बनाएगी। उन्होंने अपनी हालिया यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि यह हमारे बंधन को और भी मजबूत करेगी।  

पीएम मोदी 20 जून को अमेरिका की यात्रा पर रवाना हुए थे। इस दौरान 21 जून को नौवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में उन्होंने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक ऐतिहासिक कार्यक्रम का नेतृत्व किया। यात्रा के दूसरे दिन प्रधानमंत्री मोदी का व्हाइट हाउस में भव्य स्वागत किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति बाइडन से द्विपक्षीय वार्ता की। बैठक के बाद उन्होंने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया और ड्रोन, जेट इंजन और स्पेस समेत कई समझौतों का एलान किया।साथ ही उन्होंने अमेरिकी संसद को भी संबोधित किया। वहीं, उनके सम्मान में व्हाइट हाउस में राजकीय डिनर का भी आयोजन किया गया था।

दिल्ली के लोगों को लगेगा महंगाई का “करंट”, 10 फीसदी तक बढ़ सकते हैं बिजली के दाम, DERC ने दी मंजूर

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दिल्ली वासियों को महंगाई का “करंट” लगने वाला है। दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) ने पीपीएसी (पावर परचेज एग्रीमेंट कॉस्ट) के माध्यम से दिल्ली में बिजली शुल्क बढ़ाने को मंजूरी दे दी है।मंजूरी मिलने के बाद बिजली कंपनियां जल्द ही रेट बढ़ा सकती हैं।

दरअसल, दिल्ली की बिजली वितरण कंपनियों ने पावर परचेज को लेकर दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) में अर्जी लगाई थी, जिसे डीईआरसी ने स्वीकार कर लिया। डीईआरसी के फैसले से दिल्ली के साउथ, वेस्ट, ट्रांस-यमुना क्षेत्र, पुरानी दिल्ली और नई दिल्ली में रहने वाले बिजली उपभोक्ताओं को झटका लगेगा। इतना ही नहीं एनडीएमसी क्षेत्र में रहने वाले लोगों पर भी इसका साफ असर देखने को मिलेगा।

अंतिम फैसला दिल्ली सरकार पर

बिजली की बढ़ी हुई कीमतों का असर दिल्ली की जनता की जेब पर पड़ेगा या नहीं इसका फैसला दिल्ली सरकार को ही करना है। अब ये देखना होगा कि ये बिजली की बढ़ी हुई कीमतें उपभोक्ता के बिल में शामिल होंगी या नहीं। इस पर अंतिम फैसला दिल्ली सरकार को लेना है कि ये बिजली की बढ़ी हुई कीमतें उपभोक्ता के बिल में शामिल होंगी या नहीं। हालांकि, इससे पहले भी जब पॉवर परचेज एग्रीमेंट की दर बढ़ी है तो दिल्ली सरकार ने इसका खर्च बिजली कंपनियों को खुद ही उठाने को कहा था और लोगों के बिलों में कोई अंतर नहीं आया। 

दिल्ली सरकार ने नया टैरिफ किया था मंजूर

दिल्ली सरकार ने बीते शुक्रवार (23 जून) को ही एक नए टैरिफ को मंजूरी दी है जिसके बाद दिन में बिजली की कीमतें वर्तमान दर से 20 प्रतिशत तक कम होंगी। वहीं, रात में जब बिजली की मांग सबसे ज्यादा होती है। उस समय कीमतों में 10 से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी।

बिजली की कीमतों के इस नए टैरिफ के पीछे बड़ी वजह सौर ऊर्जा है। सौर ऊर्जा से दिन में बिजली का उत्पादन होता है, इसलिए बिजली कंपनियां दिन में सौर ऊर्जा से बनी बिजली की खरीद कर इसकी आपूर्ति करेंगी।नए टैरिफ सिस्टम के बारे में जानकारी देते हुए मंत्री आर.के. सिंह ने कहा था कि इससे कंज्यूमर को अपने बिजली के बिल को कम करने में सहायता मिलेगी।

ओडिशा में भीषण सड़क हादसा, बस एक्सीडेंट में 12 लोगों की मौत, सीएम ने किया मुआवजे का एलान

#horrific_road_accident_in_odisha_many_people_died

ओडिशा में रविवार देर रात हुए एक दर्दनाक बस हादसे में 12 लोगों की मौत हो गई है। घटना गंजाम जिले की है, जहां यात्रियों से भरी ओडिशा रोडवेज बस और एक निजी बस की आमने-सामने से टक्कर हो गई।इस दुर्घटना के बाद ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने बस में सवार लोगों की मौत के बाद गहरा दुख व्यक्त किया है और मृतकों को 3-3 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।वहीं विशेष राहत आयोग ने घायलों को इलाज के लिए 30-30 हजार रुपये देने का एलान किया है।

जानकारी के मुताबिक, रविवार देर रात दिगपहांडी पुलिस सीमा के तहत ओडिशा राज्य सड़क परिवहन निगम (ओएसआरटीसी) की बस सामने से आ रही एक निजी बस से टकरा गई। बेहरामपुर के पुलिस अधीक्षक सरवण विवेक एम. ने बताया कि हादसा रविवार देर रात यहां से करीब 35 किलोमीटर दूर बेहरामपुर-तप्तापानी मार्ग पर दिगपहांडी इलाके के पास हुआ, जब एक बारात लेकर जा रही बस दूसरी बस से टकरा गई। बेहरामपुर में एक शादी समारोह में शिरकत करने के बाद ये लोग दिगपहांडी के पास खंडादेउली लौट रहे थे, जबकि ओएसआरटीसी की बस रायगढ़ा से भुवनेश्वर जा रही थी।

बताया जा रहा है कि हादसे में अभी तक 12 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से 6 पुरुष, 4 महिलाएं और 2 नाबालिग शामिल हैं।एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जान गंवाने वाले 12 लोगों में सात लोग एक ही परिवार के थे और बाकी उनके रिश्तेदार थे। सभी निजी बस में सवार थे। 

घटना को लेकर ओडिशा सरकार की ओर से घायलों को इलाज के लिए 30 रुपए की सहायता राशि देने का ऐलान किया गया है. वहीं, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए हादसे में जान गंवाने वालों के परिवार वालों को 3-3 लाख रुपए की सहायता राशि देने का ऐलान किया है।

यूएस और मिस्त्र दौरे से लौटे पीएम मोदी, एयरपोर्ट पर ही जेपी नड्डा से पूछा सवाल- ‘देश में क्या चल रहा है’

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार देर रात विदेश दौरे से स्वदेश लौटे। पीएम मोदी अमेरिका और मिस्त्र की अपनी लंबी यात्रा के बाद स्वदेश लौट आए हैं।पालम हवाई अड्डे पर उतरने पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने पीएम मोदी का स्वागत किया। इसके साथ ही दिल्ली के सभी सांसद भी पीएम के स्वागत के लिए मौजूद रहे।रात को करीब साढ़े बारह बजे पीएम मोदी का विमान दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर लैंड किया। इस दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से पूछा कि देश में क्या चल रहा है।

बीजेपी नेताओं ने बताया कि पीएम मोदी ने इस दौरान सभी का हालचाल लिया और कहा कि रात में एयरपोर्ट पर आने के लिए अपनी नींद में खलल क्यों डाला। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली से बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने पत्रकारों को बताया कि पीएम मोदी ने नड्डा जी से पूछा यहां कैसा चल रहा है। नड्डा जी ने उन्हें बताया कि (केंद्र) सरकार के 9 साल के रिपोर्ट कार्ड के साथ पार्टी नेता लोगों तक पहुंच रहे हैं और देश खुश है। पीएम के स्वागत में पहुंचे बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने कहा कि पीएम ने पूछा कि देश में क्या हो रहा था और पार्टी का जनपहुंच कार्यक्रम कैसा चल रहा था। हमने उन्हें इस बारे में जानकारी दी।

पीएम मोदी दो देशों की यात्रा पर पहले अमेरिका गए और फिर वहीं से मिस्र चले गए थे। राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनकी पत्नी जिल बाइडेन के निमंत्रण पर पीएम मोदी अमेरिका की अपनी पहली राजकीय यात्रा पर गए थे। इस दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रपति बाइडेन के साथ कई मुद्दों पर गहन चर्चा की, साथ ही अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित भी किया। अमेरिका की 4 दिनों की राजकीय यात्रा के बाद वह शनिवार को मिस्र की राजधानी काहिरा पहुंचे।राष्ट्रपति अब्देल फतह के न्यौते पर पीएम मोदी मिस्र की दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर गए। इस दौरान राष्ट्रपति ने पीएम मोदी को मिस्र के सर्वोच्च सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ द नील’ पुरस्कार से नवाजा गया।

अमेरिका के साथ रक्षा क्षेत्र, अंतरिक्ष में साथ मिशन करने को लेकर बड़ी डील, मिस्र के साथ भी किए 4 समझौते

जानिए पीएम मोदी के दौरे से भारत को क्या मिला

डेस्क: पीएम नरेंद्र मोदी अमेरिका और मिस्र की अपनी राजकीय यात्रा से रविवार (25 जून) रात स्वदेश वापस लौट आएंगे. पीएम का दो देशों का ये दौरा बेहद अहम रहा है. इस दौरान उन्होंने जहां अमेरिका के साथ रक्षा क्षेत्र, अंतरिक्ष में साथ मिशन करने को लेकर बड़ी डील की तो वहीं मिस्र के साथ भी कृषि, पुरातत्व क्षेत्र में अहम समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए. आपको बताते हैं कि पीएम की इस यात्रा के दौरान भारत की दोनों देशों के साथ क्या-क्या डील हुई हैं. 

पीएम मोदी मंगलवार (20 जून) को अमेरिका पहुंचे थे. वहां उन्होंने कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के साथ-साथ राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ द्विपक्षीय बैठक की. पीएम मोदी की अमेरिका की ये पहली राजकीय यात्रा थी. इस दौरान भारत और अमेरिका ने आपसी वाणिज्य, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, सेमीकंडक्टर डील, 5जी और 6जी दूरसंचार और ओपन सोर्स आधारित दूरसंचार नेटवर्क, क्वांटम और एडवांस कंप्यूटिंग के क्षेत्र में प्रौद्योगिकियों के संयुक्त विकास को बढ़ावा देने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं.

सेमीकंडक्टर को लेकर हुआ समझौता

अमेरिका की कंप्यूटर मेमोरी चिप विनिर्माता माइक्रोन टेक्नोलॉजी गुजरात में अपना सेमीकंडक्टर असेंबली एवं परीक्षण संयंत्र लगाएगी, जिसपर कुल 2.75 अरब डॉलर (22,540 करोड़ रुपये) का निवेश होगा. दोनों नेताओं ने भारत में सेमीकंडक्टर शिक्षा और कार्यबल के विकास में तेजी लाने के लिए 60,000 भारतीय इंजीनियरों को प्रशिक्षित करने के लैम रिसर्च के प्रस्ताव का स्वागत किया. उन्होंने एक सहयोगी इंजीनियरिंग केंद्र स्थापित करने के लिए 40 करोड़ अमेरिकी डॉलर का निवेश करने के लिए एप्लाइड मैटेरियल्स इंक की घोषणा का भी स्वागत किया. 

भारत-अमेरिका की ड्रोन डील 

एप्लाइड मैटेरियल्स इंक सहयोगी इंजीनियरिंग केंद्र स्थापित करने के लिए 40 करोड़ अमेरिकी डॉलर का निवेश करेगी. इसके अलावा भारत और अमेरिका ने 31 'हाई एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस' (हेल) ड्रोन के सौदे पर हस्ताक्षर किये हैं, जिनमें से नौसेना को 15 सीगार्जियन ड्रोन मिलेंगे, जबकि थलसेना और भारतीय वायुसेना को आठ-आठ भूमि संस्करण वाले ड्रोन स्काईगार्जियन प्राप्त होंगे. 

रक्षा क्षेत्र में किया बड़ा समझौता

पीएम मोदी की यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका के बीच जेट इंजन एफ414 के संयुक्त निर्माण के लिए जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) और हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के बीच भी समझौता ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर हुए हैं. जनरल इलेक्ट्रिक कंपनी का भारत में लड़ाकू विमान बनाने का ये निर्णय रक्षा क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित होगा. ये ऐतिहासिक सौदा पीएम मोदी की यात्रा का सबसे महत्वपूर्ण सौदा है क्योंकि अमेरिका भारत को अत्याधुनिक जेट इंजन तकनीक देने को राजी है.

एफ414 इंजन भारत की अगली पीढ़ी के तेजस 2 को शक्ति देगा. बाइडेन प्रशासन ने साथ ही ये घोषणा की है कि वह भारतीय श्रमिकों के लिए अमेरिकी वीजा प्राप्त करना और नवीनीकरण करना आसान बना देगा. घरेलू स्तर पर वीजा नवीनीकृत करने के लिए एक पायलट कार्यक्रम शुरू किया जाएगा. 

अतंरिक्ष में साथ में मिशन करने की घोषणा की

भारत-अमेरिका ने 2024 के लिए संयुक्त अंतरिक्ष यात्री मिशन की भी घोषणा की है. भारत ने अर्टेमिस संधि में शामिल होने का फैसला किया है और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (नासा) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) 2024 में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) के लिए एक संयुक्त मिशन भेजने पर सहमत हुए हैं. अर्टेमिस संधि असैन्य अंतरिक्ष अन्वेषण पर समान विचार वाले देशों को एक मंच पर लाता है. 

मिस्र के राष्ट्रपति के साथ की बैठक

अमेरिका की यात्रा के बाद पीएम शनिवार को मिस्र की राजकीय यात्रा पर पहुंचे. ये 26 सालों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की मिस्र की पहली द्विपक्षीय यात्रा रही. प्रधानमंत्री मोदी ने मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी से रविवार को काहिरा में मुलाकात की और व्यापार एवं निवेश और ऊर्जा संबंधों को बेहतर करने पर जोर देते हुए दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की. 

भारत-मिस्र में ये एमओयू हुए साइन

अल-सीसी ने पीएम मोदी का राष्ट्रपति भवन में स्वागत किया, जहां दोनों नेताओं ने बैठक की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने दोनों देशों के बीच एक समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किया. विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के मिस्र दौरे के दौरान 4 महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए. दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी पर हस्ताक्षर किए गए. इसके अलावा कृषि क्षेत्र, स्मारकों की सुरक्षा एवं संरक्षण को लेकर भी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए. 

पीएम ने मिस्र की प्रमुख हस्तियों से मुलाकात की

प्रधानमंत्री मोदी ने मिस्र में प्रसिद्ध विचारक एवं पेट्रोलियम रणनीतिकार तारेक हेग्गी सहित प्रमुख हस्तियों से मुलाकात की और वैश्विक भू-राजनीति, ऊर्जा सुरक्षा, कट्टरवाद और विभिन्न क्षेत्रों में भारतीय कंपनियों के साथ घनिष्ठ सहयोग को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की. विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, दोनों के बीच वैश्विक भू-राजनीति, ऊर्जा सुरक्षा, कट्टरवाद और लैंगिक समानता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई. सीसी ने पीएम को मिस्र के सर्वोच्च राजकीय सम्मान 'ऑर्डर ऑफ द नाइल' (किलादत एल निल) से भी नवाजा. 

प्रधानमंत्री मोदी ने हसन अल्लाम होल्डिंग कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हसन अल्लाम से भी मुलाकात की. उन्होंने नवीकरणीय ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन, बुनियादी ढांचे और निर्माण क्षेत्रों में भारतीय कंपनियों के साथ घनिष्ठ सहयोग बनाने की संभावनाओं पर चर्चा की. विदेश मंत्रालय के अनुसार हसन अल्लाम पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका क्षेत्र में काम करने वाली मिस्र की प्रमुख कंपनी है.