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गायब हो गए 88 हजार करोड़ कीमत के 500 रुपये के नोट! जानें आरबीआई ने क्या कहा

#500_notes_worth_rs_88000_crore_missing_big_disclosure_in_rti

पिछले दिनों एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि 88,032.5 करोड़ रुपये के मूल्य के 500 रुपये के नोट देश की इकोनॉमी से गायब हैं।मीडिया में इस तरह की खबरें थी कि सरकारी प्रेस ने जितनी मात्रा में ₹500 के नए नोट छापे उतने बैंक को मिले ही नहीं।अब आरबीआई ने मार्केट से 500 रुपये के नोट गायब होने की खबरों का खंडन किया है। 

एक रिपोर्ट्स में सूचना का अधिकार से मिली जानकारी के आधार पर ₹500 के नए नोट ‘लापता’ होने की बात कही गई थी। आरटीआई में कहा गया था कि सरकारी नोट प्रेस ने 881.06 करोड़ नए नोट छापे। लेकिन आरबीआई के पास 726 करोड़ नोट ही पहुंचे। अब आरबीआई ने इस मामले में सफाई दी है।इस पूरे मामले पर केंद्रीय बैंक का कहना है कि आरटीआई में दी गई जानकारी को सही संदर्भ में नहीं समझा गया। ये रिपोर्ट सही नहीं है। आरटीआई में सरकारी प्रेस से जो जानकारी मांगी गई है। वह सिर्फ कितने नोट छापे इसकी बात बताती है।

आरबीआई ने कहा की आरटीआई के तहत देश की तीन प्रिंटिंग प्रेस से 500 रुपये के नोटों को लेकर जो जानकारी दी गई, उसका अर्थ गलत निकाला गया है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि प्रिंटिंग प्रेस से आरबीआई को दिए जाने वाले एक-एक नोट की गिनती होती है। ये जानना जरूरी है कि जो भी नोट प्रिंटिंग प्रेस में छपते हैं वो पूरी तरह सिक्योर होते हैं। आरबीआई की ओर से पूरे प्रोटोकॉल के साथ इन बैंक नोट्स के प्रोडक्शन, स्टोरेज और डिस्ट्रीब्यूशन की मॉनिटरिंग की जाती है और इसके लिए मजबूत सिस्टम बना हुआ है। आरबीआई ने साथ ही लोगों को सलाह दी है कि वे इस तरह के मामलों में केवल केंद्रीय बैंक द्वारा दी गई जानकारी पर ही भरोसा करें।

इससे पहले मीडिया रिपोर्ट्स में खबर आई थी कि आरटीआई एक्टिविस्ट मनोरंजन रॉय ने कुछ सवाल पूछे थे। इसके जवाब में कहा गया था कि नए डिजाइन वाले 500 रुपये के लाखों नोट गायब हुए हैं। उनकी वैल्यू 88,032.5 करोड़ रुपये है। दावा किया गया था कि देश के तीन प्रिंटिंग प्रेस ने नए डिजाइन वाले 500 रुपये के 8810.65 मिलियन नोट छापे, लेकिन रिजर्व बैंक को इनमें से 7260 मिलियन नोट ही मिले। कुल मिलाकर 500 रुपये के 1760.65 मिलियन नोट गायब हुए, जिनकी वैल्यू 88,032.5 करोड़ रुपये है। आरबीआई की प्रिंटिंग प्रेस बेंगलुरु, देवास और नासिक में है।

पीएम मोदी ने यूएनओ में 180 देशों के लोगों के सामने किया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का नेतृत्व,कहा-ये लोगों को जोड़ने का काम करता है

#pmnarendramodiinusainternationalyoga_day

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित योग दिवस कार्यक्रम का नेतृत्व किया।संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में 180 देशों के लोगों के सामने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का नेतृत्व करने पहुंच पीएम मोदी ने पहले महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह में पीएम मोदी ने कहा, हम यहां संयुक्त राष्ट्र में पूरी मानवता के मिलन बिंदु पर एकत्रित हुए हैं। मुझे बताया गया है कि आज यहां लगभग हर राष्ट्रीयता का प्रतिनिधित्व है। मैं इसके लिए आप सभी को धन्यवाद देता हूं। योग का अर्थ ही है जोड़ना, आप सब एक साथ आ रहे हैं। यह योग के दूसरे रूप की अभिव्यक्ति है।

पीएम मोदी योग करने सबके बीच जा पहुंचे

पीएम मोदी ने यूएन मुख्‍यालय में सबके साथ बैठकर योग किया और इसकी शुरुआत ओम से हुई।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी योग करने के लिए सबके बीच जा पहुंचे और उन्‍होंने सबके साथ बैठकर योग किया। उनके पास सुप्रसिद्ध रिचर्ड गेरे बैठे थे। लोगों को उम्‍मीद नहीं थी कि पीएम मोदी उनके बीच आकर योग करेंगे। ऐसा कर उन्‍होंने सभी का दिल जीत लिया।इस कार्यक्रम और योग को लेकर दुनिया भर में लोगों ने उनका साथ दिया। इसमें 180 देशों के प्रतिनिधियों ने योग कर, कार्यक्रम को ऐतिहासिक बना दिया।

पूरी दुनिया को एक साथ देखना अद्भुत-पीएम मोदी

न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में योग दिवस कार्यक्रम में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि योग के लिए पूरी दुनिया आज इकट्ठा हुई है, योग का मतलब ही जोड़ना है। पिछले साल पूरी दुनिया 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में मनाने के भारत के प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए एक साथ आई थी। बाजरा एक सुपरफूड है। वह समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है और पर्यावरण के लिए भी अच्छा है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया को एक साथ देखना अद्भुत है योग के लिए फिर से साथ आएं।

योग पर कोई कॉपीराइट नहीं-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि योग भारत से आया है। यह एक पुरानी परंपरा है। योग पर कोई कॉपीराइट नहीं है। यह पेटेंट और रॉयल्टी फ्री है। योग आपकी उम्र और फिटनेस को बरकरार रखता है। यह पोर्टेबल है। योग न सिर्फ स्वास्थ्य रहने के लिए बल्कि खुदको और दूसरे लोगों के प्रति स्नेह के भाव से करें।

साबा कोरोसी ने भी योग दिवस को किया संबोधित

पीएम मोदी से पहले युनाइटेड नेशन जनरल असेंबली के अध्यक्ष साबा कोरोसी ने भी मौजूद लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि योग फिजिकल पर्फोर्मेंस को बढ़ाता है। इससे मानसिक और बौद्धिक क्षमता बढ़ती है। साबा कोरोसी ने कहा कि वह योग के बड़े प्रशंसक हैं। दुनिया को संतुलन और आत्म-नियंत्रण की जरूरत है। उन्होंने कहा कि योग उनके लिए निजी है और वह इस ट्रांसफोर्मेटिव शक्ति में विश्वास रखते हैं।

पटना में विपक्ष की मीटिंग से पहले दिल्ली में अमित शाह से मिले जीतन राम मांझी, नीतीश के मंसूबे को बड़ा झटका

#jitanrammanjhimeetingwithamitshahindelhi

2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर अभी से सियासी समीकरण बैठाए जाने लगे हैं। एक तरफ 23 जून को पटना में विपक्ष के बड़े नेताओं का जुटान होने वाला है। उससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विपक्षी एकता की कवायद को बड़ा झटका लगा है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के नेता जीतनराम मांझी ने आज दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।दोपहर करीब साढ़े तीन बजे हुई इस मुलाकात में जीतन राम मांझी के बेटे और 'हम' प्रमुख संतोष सुमन भी शामिल रहे। बैठक के बाद संतोष सुमन ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल होने की घोषणा की। 

सीटों के बंटवारे पर फैसला बाद में

इस मुलाकात के बाद बिहार के पूर्व मंत्री और जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने कहा कि हमारी पार्टी एनडीए का हिस्सा होगी। संतोष कुमार सुमन ने ऐलान करते हुए कहा कि सीटों का फॉर्मूला आने वाले दिनों में तय होगा। इस मुलाकात के बाद बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि हम लोग औपचारिक रूप से एनडीए में शामिल हो गए हैं। अमित शाह के साथ बैठक के बाद ये फैसला हुआ है। मांझी ने कहा कि सीटों के बंटवारे पर बाद में फैसला होगा। 

तय मानी जा रही थी घर वापसी

बता दें कि 'हम' संरक्षक जीतन राम मांझी 19 जून को बिहार के सत्तारूढ़ महागठबंधन से अलग हो गए थे। महागठबंधन से अलग होने के बाद से ही ये माना जा रहा था कि मांझी की पार्टी फिर से एनडीए का हिस्सा बनेगी। नीतीश सरकार में शामिल रहे हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के एक मात्र मंत्री और जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था और महागठबंधन से पार्टी अलग हो गई थी। जीतन राम मांझी पहले भी एनडीए का हिस्सा रह चुके हैं, ऐसे में ये उनके लिये घर वापसी मानी जा रही है। 

जेडीयू में विलय के लिए दबाव बनाने का आरोप

बिहार विधान परिषद के सदस्य सुमन ने एक हफ्ते पहले ही यह आरोप लगाते हुए राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था कि नीतीश कुमार उनकी पार्टी का जेडीयू में विलय करने का दबाव डाल रहे थे। 19 जून को बिहार से दिल्ली के लिए निकलने से पहले पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए संतोष सुमन ने कहा था, हम लोगों पर दबाव डाला गया था कि अपनी पार्टी को मर्ज कर लें।इसके बाद पार्टी की कोर कमेटी की बैठक की गई। बैठक में सभी ने एक सुर में बोला कि पार्टी को मर्ज नहीं करना है, अपनी पार्टी की स्थिति बनाकर रखना है।उन्होंने कहा था, सभी के विचार जानने के बाद हमने फैसला किया कि हमें मंत्रिपरिषद से अलग हट जाना है और 13 तारीख को हम अलग हटे।

पीएम मोदी, अमित शाह और बिहार के सीएम नीतीश कुमार को जान से मारने की धमकी, दिल्ली पुलिस को आए फोन से मचा हड़कंप

#threat_call_to_kill_pm_narendra_modi_amit_shah_and_nitish_kumar

पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बिहार के सीएम नीतीश कुमार को जान से मारने की धमकी मिली है।दिल्ली पुलिस को आज दो पीसीआर कॉल आईं, जिमसें एक शख्स ने प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जान से मारने की धमकी दी।पीएम-गृहमंत्री और बिहार के सीएम को धमकी मिलने के बाद तुरंत एक्टिव हुई दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एक टीम का गठन किया और मामले की जांच शुरू कर दी।पुलिस ने धमकी देने वाले संजय वर्मा नाम के शख्स की पहचान कर ली है।  

राजधानी दिल्ली के आउटर जिले की पुलिस को बुधवार सुबह एक शख्स ने पीसीआर कॉल कर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जान से मारने की धमकी दी। कुछ देर बार दूसरी कॉल में पीएम मोदी और और गृह मंत्री को भी जान से मारने की धमकी दी।पुलिस के मुताबिक, आज सुबह 10 बजकर 46 मिनट पर पहली पीसीआर कॉल आई। जिसमें फोन करने वाले शख्स ने 10 करोड़ रुपये नहीं देने पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जान से मारने की धमकी दी। इसकी लोकेशन नांगलोई इलाके में मिली। फिर सुबह 10:54 बजे, उसी कॉलर ने 2 करोड़ रुपये नहीं देने पर पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को जान से मारने की धमकी दी। दोनों कॉल एक ही नंबर से किए गए थे। 

धमकी भले कॉल के बाद पुलिस तुरंत हरकत में आई। कुछ देर में कॉल करने वाले का पता लगा लिया। जब पुलिस उसके घर पर पहुंची तो वह वहां मौजूद नहीं था। धमकी देने वाले की पहचान संजय वर्मा के रूप में हुई। पूछताछ में पता चला है कि वह शराब पीता है। उसे पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।आरोपी फिलहाल फरार है।

पाकिस्‍तान में आया तुगलकी फरमान, कॉलेज कैंपस में होली पर लगाया बैन

#highereducationcommissionofpakistanbansindianfestivalholi

पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का जीना मुश्किल होता जा रहा है। अल्पसंख्यक समुदाय की आवाज दबाने के हर हथकंड़े अपने जा रहे हैं। इसी क्रम में पाकिस्‍तान के उच्‍च शिक्षा आयोग ने अब कॉलेज कैंपस में होली के आयोजन को बैन कर दिया है। आयोग की तरफ से एक आदेश जारी कर इस पर बैन लगाने की बात कही गई है। यह प्रतिबंध यह कहते हुए लगा दिया है कि इस तरह की गतिविधियां देश के सामाजिक-सांस्कृतिक मूल्यों से पूरी तरह अलग हैं और देश की इस्लामी पहचान कम होती है। 

पाकिस्‍तान के 'आज न्‍यूज' की रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्‍तानी हाईयर एजुकेशन कमीशन यानी उच्च शिक्षा आयोग ने सभी शैक्षणिक संस्थानों में होली समारोह पर यह कहते हुए प्रतिबंध लगा दिया है कि इस तरह की गतिविधियां देश के सामाजिक-सांस्कृतिक मूल्यों से पूरी तरह अलग हैं और देश की इस्लामी पहचान के उलट हैं। आदेश में कहा गया है कि कॉलेज के कैंपस में इस्‍लामिक मूल्‍यों के खत्‍म होने से जुड़ी कई तरह की गतिविधियां आयोजित हो रही हैं। यह काफी दुखद है। इस तरह का एक उदाहरण हिंदू त्योहार होली है।

इस तरह शुरू हुआ बवाल

12 जून को इस्‍लामाबाद स्थित कायदे-ए-आजम यूनिवर्सिटी में होली का महोत्‍सव आयोजित हुआ था। इस कार्यक्रम का आयोजन मेहरान स्‍टूडेंट काउंसिल की तरफ से किया गया था। यह यूनिवर्सिटी का गैर-राजनीतिक सांस्‍कृतिक संगठन है। इस आयोजन के बाद से ही सारा बवाल शुरू हुआ है। 

कुछ छात्र कर रहे आदेश का विरोध

इस आदेश का कुछ छात्र जमकर विरोध कर रहे हैं। कुछ छात्रों ने कहा है कि देश की सरकार को यह समझना होगा कि होली दिवाली सिंधी संस्‍कृति का हिस्‍सा है। पाकिस्‍तान की सरकार न तो सिंधी भाषा को स्‍वीकार करती है और न ही हिंदू त्‍यौहारों को कोई सम्‍मान देती है। छात्रों का कहना है कि खुद को मानवाधिकार का चैंपियन करार देने वाले पाकिस्‍तानी राजनेता अब क्‍या करेंगे। साथ ही विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो से सवाल किया गया है कि क्‍या वह इस बैन के खिलाफ कोई आवाज उठाएंगे या नहीं?

गैर-मुस्लिमों की मुसीबतें बढ़ी

बता दें कि पाकिस्‍तान में हुकूमत के कई सख्‍त फैसले आए हैं, जिनसे वहां गैर-मुस्लिमों की मुसीबतें बढ़ी हैं। वहां सियासत में गैर-मुस्लिमों की पहुंच सीमित कर दी गई है, साथ ही उनके प्रोटेक्‍शन के लिए उस तरह की व्‍यवस्‍थाएं नहीं हैं, जैसी भारत में हैं. बंटवारे के बाद पाकिस्‍तान में गैर-मुस्लिमों की तादाद कुल आबादी में 14% से ज्‍यादा थी, मगर अब वहां हिंदू 5% भी नहीं हैं।

पाकिस्‍तान में आया तुगलकी फरमान, कॉलेज कैंपस में होली पर लगाया बैन

#higher_education_commission_of_pakistan_bans_indian_festival_holi

पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का जीना मुश्किल होता जा रहा है। अल्पसंख्यक समुदाय की आवाज दबाने के हर हथकंड़े अपने जा रहे हैं। इसी क्रम में पाकिस्‍तान के उच्‍च शिक्षा आयोग ने अब कॉलेज कैंपस में होली के आयोजन को बैन कर दिया है। आयोग की तरफ से एक आदेश जारी कर इस पर बैन लगाने की बात कही गई है। यह प्रतिबंध यह कहते हुए लगा दिया है कि इस तरह की गतिविधियां देश के सामाजिक-सांस्कृतिक मूल्यों से पूरी तरह अलग हैं और देश की इस्लामी पहचान कम होती है। 

पाकिस्‍तान के 'आज न्‍यूज' की रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्‍तानी हाईयर एजुकेशन कमीशन यानी उच्च शिक्षा आयोग ने सभी शैक्षणिक संस्थानों में होली समारोह पर यह कहते हुए प्रतिबंध लगा दिया है कि इस तरह की गतिविधियां देश के सामाजिक-सांस्कृतिक मूल्यों से पूरी तरह अलग हैं और देश की इस्लामी पहचान के उलट हैं। आदेश में कहा गया है कि कॉलेज के कैंपस में इस्‍लामिक मूल्‍यों के खत्‍म होने से जुड़ी कई तरह की गतिविधियां आयोजित हो रही हैं। यह काफी दुखद है। इस तरह का एक उदाहरण हिंदू त्योहार होली है।

इस तरह शुरू हुआ बवाल

12 जून को इस्‍लामाबाद स्थित कायदे-ए-आजम यूनिवर्सिटी में होली का महोत्‍सव आयोजित हुआ था। इस कार्यक्रम का आयोजन मेहरान स्‍टूडेंट काउंसिल की तरफ से किया गया था। यह यूनिवर्सिटी का गैर-राजनीतिक सांस्‍कृतिक संगठन है। इस आयोजन के बाद से ही सारा बवाल शुरू हुआ है। 

कुछ छात्र कर रहे आदेश का विरोध

इस आदेश का कुछ छात्र जमकर विरोध कर रहे हैं। कुछ छात्रों ने कहा है कि देश की सरकार को यह समझना होगा कि होली दिवाली सिंधी संस्‍कृति का हिस्‍सा है। पाकिस्‍तान की सरकार न तो सिंधी भाषा को स्‍वीकार करती है और न ही हिंदू त्‍यौहारों को कोई सम्‍मान देती है। छात्रों का कहना है कि खुद को मानवाधिकार का चैंपियन करार देने वाले पाकिस्‍तानी राजनेता अब क्‍या करेंगे। साथ ही विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो से सवाल किया गया है कि क्‍या वह इस बैन के खिलाफ कोई आवाज उठाएंगे या नहीं?

गैर-मुस्लिमों की मुसीबतें बढ़ी

बता दें कि पाकिस्‍तान में हुकूमत के कई सख्‍त फैसले आए हैं, जिनसे वहां गैर-मुस्लिमों की मुसीबतें बढ़ी हैं। वहां सियासत में गैर-मुस्लिमों की पहुंच सीमित कर दी गई है, साथ ही उनके प्रोटेक्‍शन के लिए उस तरह की व्‍यवस्‍थाएं नहीं हैं, जैसी भारत में हैं. बंटवारे के बाद पाकिस्‍तान में गैर-मुस्लिमों की तादाद कुल आबादी में 14% से ज्‍यादा थी, मगर अब वहां हिंदू 5% भी नहीं हैं।

अमेरिकी सांसदों की राष्ट्रपति बाइडेन से अपील, पत्र लिखकर कहा-पीएम मोदी का स्वागत करें लेकिन, भारत में धार्मिक स्वतंत्रता जैसे मुद्दों पर भी बात

#pm_modi_america_visit_75_us_senators_wrote_letter_to_joe_biden 

22 जून को दूसरी बार भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्‍त सत्र में संबोधन होना है। साल 2016 के बाद पीएम मोदी दूसरी बार इसे संबोधित करेंगे। पहले 75 यूएस सांसदों और कांग्रेस प्रतिनिधियों ने राष्ट्रपति बाइडेन को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने अपनी चिंताओं को सामने रखा है। उनका कहना है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राज्य यात्रा के दौरान स्वागत किया जाए, लेकिन साथ ही भारत के साथ मौजूदा चिंताओं पर भी चर्चा की जाए।

दरअसल अमेरिका में भारतवंशी सांसद प्रमिला जयपाल समेत 75 अन्य सांसदों के साइन वाले पत्र में कहा गया है कि हम लोग लंबे समय से भारत-अमेरिका के मजबूत संबंधों के समर्थक रहे हैं। हम यह भी मानते हैं कि दोस्तों के बीच अगर किसी बात को लेकर मतभेद हैं तो उस पर ईमानदार और स्पष्ट तरीके से उन्हें चर्चा करनी चाहिए। इस पत्र में कहा गया है कि, इसलिए हम सम्मानपूर्वक अनुरोध करते हैं कि भारत और अमेरिका के बीच साझा हितों के कई क्षेत्रों के अलावा आप सीधे प्रधानमंत्री मोदी के साथ चिंता के मुद्दों को भी उठाएं।

इन मुद्दों पर बातचीत की मांग

इस लेटर में भारत में धार्मिक असहिष्णुता के बढ़ने, नागरिक, संगठनों और पत्रकारों को निशाना बनाने, साथ ही मीडिया की स्वतंत्रता और इंटरनेट पर बढ़ते प्रतिबंधों के बारे में खबरों का उल्लेख किया गया है और विदेश विभाग की भारत में मानवाधिकार को लेकर 2022 की देश आधारित रिपोर्ट का भी जिक्र किया गया है।इस पत्र में अमेरिकी विदेश विभाग और नागरिक समाज संगठनों की रिपोर्टों का हवाला दिया गया है।

अमेरिकी संसद के 14 फीसद सांसदों ने पत्र पर हस्ताक्षर किया

मंगलवार दोपहर को यह पत्र जारी किया है। सीनेटर क्रिस वैन होलेन (जिन्होंने इस महीने की शुरुआत में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लिए एक निजी रात्रिभोज में भाग लिया था और भारत के वर्तमान राजनीतिक प्रक्षेपवक्र के आलोचक रहे हैं) और कांग्रेस महिला प्रमिला जयपाल (कांग्रेस के प्रगतिशील कॉकस के भारतीय मूल के प्रमुख) ने पहल का नेतृत्व किया। पत्र पर बर्नी सैंडर्स, एलिजाबेथ वारेन और टिम कैन सहित 18 सीनेटरों और प्रतिनिधि सभा के 57 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए हैं। जयपाल पांच प्रतिनिधियों में से एकमात्र भारतीय-अमेरिकी हैं, जिन्होंने पत्र पर हस्ताक्षर किया है। अमेरिकी संसद के दोनों सदनों सीनेट और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में कुल 535 सांसद हैं यानी अमेरिकी संसद के 14 फीसद सांसदों ने पत्र पर हस्ताक्षर किया है।

योग दिवस पर कांग्रेस ने नेहरू को किया याद, थरूर ने अपनी ही पार्टी को दी नसीहत, बीजेपी वाले हुए गदगद

#shashi_tharoor_advise_to_congress

आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। अमेरिका दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम का नेतृत्व करेंगे।इससे पहले पीएम ने अंतर राष्ट्रीय योग दिवस पर न्यू यॉर्क से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लोगों को संबोधित किया। कांग्रेस ने पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू की एक तस्वीर ट्वीट कर योग दिवस पर सियासत शुरू कर दी। कांग्रेस ने सुबह-सुबह पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की शीर्षासन करते हुए फोटो ट्वीट की। हालांकि, पार्टी के ही सीनियर नेता शशि थरूर ने उसपर मिट्टी पलीद कर दी।

कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की शीर्षासन करते हुए फोटो ट्वीट की। कैप्‍शन दिया कि 'पंडित नेहरू को धन्यवाद जिन्होंने योग को लोकप्रिय बनाया और इसे राष्ट्रीय नीति का हिस्सा बनाया।'हालांकि, कुछ ही देर बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने इसे रिट्वीट करते हुए योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए मोदी सरकार की तारीफ कर दी

थरूर ने कांग्रेस के ट्वीट को कोट करते हुए लिखा, 'जरूर। हमें उनका भी धन्यवाद करना चाहिए जिन्होंने योग को पुनर्जीवित कर लोकप्रिय बनाया, इसमें हमारी सरकार, प्रधानमंत्री, विदेश मंत्रालय शामिल हैं। इन्‍होंने संयुक्त राष्ट्र के जरिए योग दिवस का अंतर्राष्ट्रीयकरण किया। मैं दशकों से कहता आ रहा है, योग हमारी सॉफ्ट पावर का अहम हिस्सा है। इसे मान्यता मिलने देखना अच्छा लगता है।

बता दें कि पीएम मोदी अमेरिका के न्‍यूयॉर्क में योग दिवस मनाएंगे। वह अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर हैं।आज योग दिवस के मौके पर पीएम ने एक वीडियो संदेश में कहा कि '2014 में जब संयुक्त राष्ट्र आम सभा में योग दिवस का प्रस्ताव आया, तो रिकॉर्ड देशों ने इसे समर्थन दिया था। तब से लेकर आज तक अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के जरिए योग एक वैश्विक आंदोलन बन गया है, वैश्विक भावना बन गया है। भारत के आह्वान पर दुनिया के 180 से ज्यादा देशों का एक साथ आना, ऐतिहासिक है, अभूतपूर्व है।

आतंकी साजिद मीर को चीन ने यूएन में बचाया, भारत ने मुंबई अटैक का ऑडियो सुनाकर यूं खोली ड्रैगन की पोल

#unitednationsindiaattackschinaoverblockingofsajidmirglobal_terrorist

भारत ने संयुक्त राष्ट्र में चीन को करारा जवाब दिया है। दरअसल, चीन की तरफ से पाकिस्‍तान के आतंकी साजिद मीर को ग्‍लोबल टेररिस्‍ट घोषित करने वाले प्रस्‍ताव को रोक दिया गया। लश्‍कर-ए-तैयबा के आतंकी साजिद को 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति की तरफ से आतंकी घोषित किया जाना था।लेकिन, चीन ने साजिद मीर को ग्लोबल टेटरिस्ट की लिस्ट में डालने पर अडंगा डाल दिया दिया। चीन की इस हरकतों पर भला भारत का कहां शांत रहने वाला। भारत ने चीन के दावे की पोल खोलते हुए संयुक्त राष्ट्र की बैठक में आतंकी साजिद मीर का एक ऑडियो चलाया जिसमें वो मुंबई के 26/11 हमले को लेकर आंतकियों को दिशा-निर्देश दे रहा है।

चीन ने लगाया वीटो

आतंकियों के खिलाफ भारत की तरफ से यूएन में प्रस्ताव पेश किए जाते हैं, जिन पर हर बार चीन की तरफ से अडंगा लगाया जाता है। इस बार भी जब भारत ने संयुक्त राष्ट्र में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी और मुंबई हमले के आरोपी साजिद मीर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने का प्रस्ताव रखा तो चीन ने इस पर अडंगा लगा दिया। भारत और अमेरिका की तरफ से यूएन में आतंकी साजिद मीर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने का प्रस्ताव रखा गया था, जिससे उसकी संपत्ति को फ्रीज करना, ट्रैवल बैन और हथियारों पर रोक लगाई जा सके। जिस पर चीन ने वीटो लगा दिया।

भारत ने इसे 'तुच्छ भू-राजनीतिक हित' करार दिया

यूएन असेंबली में भारत की तरफ से ज्वाइंट सेक्रेट्री प्रकाश गुप्ता ने चीन के इस कदम पर जवाब दिया। संयुक्त राष्ट्र की काउंटर टेरर मीटिंग में बोलते हुए विदेश मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेटरी प्रकाश गुप्ता ने कहा कि चीन ने तुच्छ भू-राजनीतिक हितों को देखते हुए साजिद मीर को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने के प्रस्ताव का विरोध किया है। चीन की लताड़ लगते हुए उन्होंने कहा कि वास्तव में आतंकवाद की इस चुनौती से ईमानदारी से लड़ने के लिए जरूरी राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं है।

भारत ने कहा- आतंकवाद से निपटने की पूरी संरचना में कुछ गलत

गुप्ता ने चीन का नाम लिए बिना कहा कि जब आतंकी मीर के खिलाफ तमाम देशों के प्रस्ताव के बाद भी उसे वैश्विक आंतकी घोषित नहीं किया गया तो इससे ये कहा जा सकता है कि आतंकवाद से निपटने की पूरी संरचना में कुछ गलत है। इस दौरान गुप्ता ने एक इंटरसेप्ट की गई रिकॉर्डिंग भी चलाई, जिसमें आतंकी मीर को उर्दू में उन आतंकियों को निर्देश देते हुए सुना गया, जिन्होंने मुंबई हमले को अंजाम दिया था। गुप्ता ने कहा कि ये आतंकवादी साजिद मीर है, जो आतंकियों को फोन पर ताज होटल में विदेशी नागरिकों को खोजने और उन्हें गोली मारने के निर्देश दे रहा है।

पहले भी चीन कर चुका है ऐसी हरकत

चीन की ओर से ऐसा पहले बार नहीं है जब उसने साजिद मीर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के प्रस्ताव का विरोध किया है। पिछले साल सितंबर में भी चीन ने संयुक्त राष्ट्र में मीर को आतंकवादी घोषित करने के प्रस्ताव पर अड़ंगा लगा दिया था और बीजिंग ने अब प्रस्ताव को रोक दिया है। साजिद को भारत और अमेरिका दोनों ही उसे आतंकी घोषित कर चुके हैं। लेकिन हमेशा उसे वैश्विक आतंकी घोषित करने वाले प्रस्‍ताव में चीन अड़ंगा डाल देता है। संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की तरफ से हर बार आए प्रस्‍ताव को चीन ने रोक दिया है।

भारत ने अक्टूबर 2022 में भी यूएनएससी में साजिद का ऑडियो सुनाया था

भारत की तरफ से अक्टूबर 2022 में भी यूएनएससी में साजिद का यही ऑडियो सुनाया गया था। अक्तूबर 2022 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मीटिंग में भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने मुंबई में साल 2008 में हुए आतंकी हमले के पाकिस्तानी कनेक्शन का खुलासा किया था। इसमें बताया गया कि आतंकियों के आका मुंबई हमले की साजिश रच रहे थे और कैसे उन्होंने आदेश देकर इस हमले को अंजाम दिलाया। यह आदेश देने वाला साजिद मीर था जो उस वक्त पाकिस्तान में बैठकर मुंबई में आए 10 आतंकियों को फोन पर निर्देश दे रहा था। लेकिन इसके बाद भी चीन को सबूत नाकाफी लगते हैं और वह उसे हर बार आतंकी मानने से इनकार कर देता है।

2016 में पाकिस्‍तान ने बताया मरा हुआ

पाकिस्तानी आतंकी साजिद मीर वही है, 26 नवंबर 2008 को मुंबई हमले के दौरान आतंकी अजमल कसाब समेत अन्य सभी आतंकियों को फोन पर हमले के लिए लगातार उनके संपर्क में रहकर निर्देश दे रहा था। जिंदा पकड़े गए आतंकी कसाब ने साजिद मीर का नाम लिया था। लाहौर में जन्‍मे साजिद को पाकिस्‍तान की सरकार ने साल 2016 में मरा हुआ घोषित कर दिया था। जून 2022 में जब पाकिस्‍तान ने उसे 15 साल की सजा का ऐलान किया तो हर कोई हैरान रह गया। सुरक्षा विशेषज्ञों ने इसे सिर्फ पाकिस्‍तान की तरफ से एक नाटक करार दिया। उन्‍होंने कहा कि यह सिर्फ ग्रे लिस्‍ट का ही कमाल है जो साजिद फिर से जिंदा हो गया है।

आतंकी साजिद मीर को चीन ने यूएन में बचाया, भारत ने मुंबई अटैक का ऑडियो सुनाकर यूं खोली ड्रैगन की पोल

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भारत ने संयुक्त राष्ट्र में चीन को करारा जवाब दिया है। दरअसल, चीन की तरफ से पाकिस्‍तान के आतंकी साजिद मीर को ग्‍लोबल टेररिस्‍ट घोषित करने वाले प्रस्‍ताव को रोक दिया गया। लश्‍कर-ए-तैयबा के आतंकी साजिद को 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति की तरफ से आतंकी घोषित किया जाना था।लेकिन, चीन ने साजिद मीर को ग्लोबल टेटरिस्ट की लिस्ट में डालने पर अडंगा डाल दिया दिया। चीन की इस हरकतों पर भला भारत का कहां शांत रहने वाला। भारत ने चीन के दावे की पोल खोलते हुए संयुक्त राष्ट्र की बैठक में आतंकी साजिद मीर का एक ऑडियो चलाया जिसमें वो मुंबई के 26/11 हमले को लेकर आंतकियों को दिशा-निर्देश दे रहा है।

चीन ने लगाया वीटो

आतंकियों के खिलाफ भारत की तरफ से यूएन में प्रस्ताव पेश किए जाते हैं, जिन पर हर बार चीन की तरफ से अडंगा लगाया जाता है। इस बार भी जब भारत ने संयुक्त राष्ट्र में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी और मुंबई हमले के आरोपी साजिद मीर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने का प्रस्ताव रखा तो चीन ने इस पर अडंगा लगा दिया। भारत और अमेरिका की तरफ से यूएन में आतंकी साजिद मीर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने का प्रस्ताव रखा गया था, जिससे उसकी संपत्ति को फ्रीज करना, ट्रैवल बैन और हथियारों पर रोक लगाई जा सके। जिस पर चीन ने वीटो लगा दिया।

भारत ने इसे 'तुच्छ भू-राजनीतिक हित' करार दिया

यूएन असेंबली में भारत की तरफ से ज्वाइंट सेक्रेट्री प्रकाश गुप्ता ने चीन के इस कदम पर जवाब दिया। संयुक्त राष्ट्र की काउंटर टेरर मीटिंग में बोलते हुए विदेश मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेटरी प्रकाश गुप्ता ने कहा कि चीन ने तुच्छ भू-राजनीतिक हितों को देखते हुए साजिद मीर को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने के प्रस्ताव का विरोध किया है। चीन की लताड़ लगते हुए उन्होंने कहा कि वास्तव में आतंकवाद की इस चुनौती से ईमानदारी से लड़ने के लिए जरूरी राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं है।

भारत ने कहा- आतंकवाद से निपटने की पूरी संरचना में कुछ गलत

गुप्ता ने चीन का नाम लिए बिना कहा कि जब आतंकी मीर के खिलाफ तमाम देशों के प्रस्ताव के बाद भी उसे वैश्विक आंतकी घोषित नहीं किया गया तो इससे ये कहा जा सकता है कि आतंकवाद से निपटने की पूरी संरचना में कुछ गलत है। इस दौरान गुप्ता ने एक इंटरसेप्ट की गई रिकॉर्डिंग भी चलाई, जिसमें आतंकी मीर को उर्दू में उन आतंकियों को निर्देश देते हुए सुना गया, जिन्होंने मुंबई हमले को अंजाम दिया था। गुप्ता ने कहा कि ये आतंकवादी साजिद मीर है, जो आतंकियों को फोन पर ताज होटल में विदेशी नागरिकों को खोजने और उन्हें गोली मारने के निर्देश दे रहा है।

पहले भी चीन कर चुका है ऐसी हरकत

चीन की ओर से ऐसा पहले बार नहीं है जब उसने साजिद मीर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के प्रस्ताव का विरोध किया है। पिछले साल सितंबर में भी चीन ने संयुक्त राष्ट्र में मीर को आतंकवादी घोषित करने के प्रस्ताव पर अड़ंगा लगा दिया था और बीजिंग ने अब प्रस्ताव को रोक दिया है। साजिद को भारत और अमेरिका दोनों ही उसे आतंकी घोषित कर चुके हैं। लेकिन हमेशा उसे वैश्विक आतंकी घोषित करने वाले प्रस्‍ताव में चीन अड़ंगा डाल देता है। संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की तरफ से हर बार आए प्रस्‍ताव को चीन ने रोक दिया है।

भारत ने अक्टूबर 2022 में भी यूएनएससी में साजिद का ऑडियो सुनाया था

भारत की तरफ से अक्टूबर 2022 में भी यूएनएससी में साजिद का यही ऑडियो सुनाया गया था। अक्तूबर 2022 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मीटिंग में भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने मुंबई में साल 2008 में हुए आतंकी हमले के पाकिस्तानी कनेक्शन का खुलासा किया था। इसमें बताया गया कि आतंकियों के आका मुंबई हमले की साजिश रच रहे थे और कैसे उन्होंने आदेश देकर इस हमले को अंजाम दिलाया। यह आदेश देने वाला साजिद मीर था जो उस वक्त पाकिस्तान में बैठकर मुंबई में आए 10 आतंकियों को फोन पर निर्देश दे रहा था। लेकिन इसके बाद भी चीन को सबूत नाकाफी लगते हैं और वह उसे हर बार आतंकी मानने से इनकार कर देता है।

2016 में पाकिस्‍तान ने बताया मरा हुआ

पाकिस्तानी आतंकी साजिद मीर वही है, 26 नवंबर 2008 को मुंबई हमले के दौरान आतंकी अजमल कसाब समेत अन्य सभी आतंकियों को फोन पर हमले के लिए लगातार उनके संपर्क में रहकर निर्देश दे रहा था। जिंदा पकड़े गए आतंकी कसाब ने साजिद मीर का नाम लिया था। लाहौर में जन्‍मे साजिद को पाकिस्‍तान की सरकार ने साल 2016 में मरा हुआ घोषित कर दिया था। जून 2022 में जब पाकिस्‍तान ने उसे 15 साल की सजा का ऐलान किया तो हर कोई हैरान रह गया। सुरक्षा विशेषज्ञों ने इसे सिर्फ पाकिस्‍तान की तरफ से एक नाटक करार दिया। उन्‍होंने कहा कि यह सिर्फ ग्रे लिस्‍ट का ही कमाल है जो साजिद फिर से जिंदा हो गया है।