युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बने दिव्यांग सूरज, यूपीएससी में मिली 917 रैंक, अन्य की भी पढ़े सफलता की कहानी
लखनऊ । संघर्ष में आदमी अकेला होता है,सफलता में दुनिया उसके साथ होती है। जिस-जिस पर ये जग हंसा है उसी उसी ने इतिहास रचा है। यह पंक्ति उत्तर प्रदेश के मैनपुरी के सूरज तिवारी पर सटीक बैठता है। इन्होंने अपने मेहनत और लगन के दम पर पहले प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली। सूरज को 917 रैंक मिली है। जबकि हैरान करने वाली बात इसमें यह है कि इन्होंने एक ट्रेन हादसे में अपने दोनों पैर और एक हाथ खो दिया था। इसीलिए कहते हैं कि मन में कुछ करने का हौंसला हो तो कठिन से कठिन रास्ते अपने आप आसान हो जाते है। यह आज के युवाओं को के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है, जो सुविधाओं और अपनी किस्मत का रोना रोते हैं।
कुरावली कस्बे रहने वाले सूरज के पिता दर्जी का करते हैं काम
जानकारी के लिए बता दें कि मैनपुरी के कुरावली कस्बे के रहने वाले सूरज तिवारी मध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं। इनके पिता दर्जी का काम करते हैं। यूपीएससी का मंगलवार को जब परिणाम आया तो वे कहते हैं, मुझे यकीन ही नहीं हो रहा कि बेटे ने यह सफलता हासिल कर ली है। अब जब लोगों को इसकी जानकारी हुई तो घर पर बधाई देने वालों का तांता लग गया। दूर-दूर से लोग उनके घर बधाई देने के लिए पहुंच रहे है। वर्तमान में सूरज के परिवार में मां-बाप के साथ एक बहन और दो भाई हैं।
बहुत ही संघर्ष भरा रहा इनता जीवन
सूरज तिवारी का जीवन काफी संघर्ष भरा रहा है। जिसे जानने के बाद आप भी हैरान हो जाएंगे। इतनी समस्या के बाद भी कैसे यूपीएससी में इतनी अच्छी रैंक पा गए। सूरज की पढ़ाई मैनपुरी कुरावली के महर्षि परशुराम स्कूल से शुरू हुई थी। जिसके बाद मैनपुरी के एसबीआर स्कूल में 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की। जिसके बाद 2017 में ट्रेन में यात्रा के दौरान किसी ने धक्का मार दिया था, जिससे उनके दोनों पैर कट गए और एक हाथ भी कट गया। जबकि दूसरे हाथ की दो उंगली कट गई थी। इस घटना के बाद उनको झकझोर कर रख दिया था लेकिन उन्होंने अपना हौंसला टूटने नहीं दिया और दिन रात मेहनत करते आज सफल हो गए।
देश में दूसरा स्थान पानी वाली गरिमा की बड़ी ही दुख भरी कहानी
यूपीएससी का परिणाम मंगलवार को जैसे ही जारी हुआ, हर कोई एक दूसरे का रैंक जानने में लग गया। जैसे ही यह पता चला कि सनबीम भगवानपुर से बारहवीं की पढ़ाई करने वाली गरिमा लोहिया ने देश में दूसरा स्थान हासिल किया है। गरिमा मूलरूप से बिहार की रहने वाली हैं, लेकिन उनकी सफलता का जश्न काशी में मना है। गरिमा लोहिया शुरू से ही मेधावी रही हैं। सनबीम भगवानपुर की छात्रा रही गरिमा ने वर्ष 2017 की सीबीएसई परीक्षा में जिला टॉप किया था। यूपीएससी का परिणाम आने के बाद गरिमा ने सनबीम शिक्षण समूह के चेयरमैन डॉ. दीपक मधोक, निदेशक भारती मधोक के साथ ही अपने शिक्षकों को फोन किया और आशीर्वाद लिया। मूल रूप से बक्सर बिहार की रहने वाली गरिमा के बारे में डॉ. दीपक मधोक ने कहा कि गरिमा ने न केवल विद्यालय बल्कि पूरे देश में काशी का मान बढ़ाया है। परीक्षा के दौरान ही गरिमा के पिता का निधन हो गया था। गरिमा ने कठिन परिस्थितियों में छात्रावास में रहकर पढ़ाई की और आईएएस बनने का जो सपना देखा, उसे अपने संघर्षों के दम पर पूरा किया।
बस चालक के बेटे ने पास की सिविल सेवा की परीक्षा
मुरादाबाद के डिलारी के गांव जटपुरा निवासी रोडवेज में संविदा बस चालक के बेटे मोइन अहमद ने सिविल सेवा की परीक्षा पास कर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। संघ लोक सेवा आयोग यूपीएससी के परिणाम में मोइन ने 296वीं रैंक हासिल की है। मोइन को यह सफलता चौथे प्रयास में मिली है। उनके घर बधाई देने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। मोइन ने बताया कि वह प्रतिदिन सात से आठ घंटे पढ़ते थे। जब मन बोझिल होता था तो सोशल मीडिया देखता था।युवाओं के लिए मेरा यही संदेश है कि अपना लक्ष्य निर्धारित करो। यदि कोई रुकावट आए तो लक्ष्य से पीछे हटने के बजाय उस समस्या का समाधान खोजने का प्रयास करो। ऐसी कोई परेशानी नहीं है, जो हमारे लक्ष्य से हमें दूर कर सके।
May 24 2023, 12:47