अपने मनोरम वादियों के कारण दलमा सेंचुरी पर्यटकों को करता है अपने ओर आकर्षित,लेकिन और इसे वेहतर बनाने वन विभाग को ध्यान देने की है जरूरत
सरायकेला : दलमा सेंचुरी जहां प्रतिदिन सैकड़ों पर्यटक गज परियोजना में हाथी देखने पहुंचते है।ओर सेंचुरी के अंदर विभिन्न झरनों के मनोरम वादियों और पंछी की आवाज से मंतमुग्ध हो जाते हैं।
प्राकृति के हरे भरे जंगल जहां।विभिन्न प्रजाति के पंछी मोर जंगली जीव जंतु देखने को मिलता है। प्रदूषण मुक्त, स्वच्छ बतावरण लोगों को हमेशा अपने ओर आकर्षित करता है।
1993.23 वर्ग किमी में फैले इस जंगल में जहां सैकड़ो प्राकृतिक जल स्रोत देखने को मिलता है। यहां दैनिक भोगी मजदूर कार्यरत है।जो जंगल और वन जीवजंतु की संरक्षण व पर्यटक के लिए सुविधा मुहैया कराते हैं।
साथ ही जंगल में पर्यटकों भ्रमण करते है। जंगल के अंदर सवर खड़िया,पहाड़िया लोगो द्वारा मधु संग्रह किया जाता है। जंगली चिटी,कुरकुट भी संग्रह करते देखा जाते हैं।इसी जंगल पर आदिवासी परिवार का जीवन यापन निर्भर है।
झारखंड राज्य के सरायकेला खरसावां जिला के चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के इस चांडिल दलमा वाइल्डलाइफ सेंचुरी की नाम से यह प्रचलित है।जहां बारहों महीना पर्यटकों का दलमा में आवाजाही लगा रहता है।एक दशक था जब यहां रॉयल बंगाल टाईगर पाया जाता था ।आज इसे गज परियोजना के नाम से जाना जाता है।इस जंगल में विभिन्न प्रकार के वन्य जीव जंतु देखने को मिलते हैं ।विभिन्न देशों से लोग इस सेंचुरी में पहुंचते हैं। इस सेंचुरी में चार रेस्ट हाउस है।चेक नाका, माकुलाकोचा में दो ,पिंडाराबेड़ा रेस्ट हाउस में दो जहां पर्यटक ठहरते हैं। जंगल के बीहड़ में कोंकादासा रेस्ट हाउस जो पर्यटकों भाता है। रेस्ट हाउस बनकर तैयार है। जहां अबतक वन विभाग द्वारा पर्यटकों के लिए ठहराव हेतु चालू नही किया गया है । जो बनकर तैयार हे सिर्फ इंतजार है कब विभाग अनुमति दे ताकि इसे क्षुरु किया जाय।
पिंडाराबेड़ा से 25 से 30 किलो मीटर दूरी है ।वगैर गाइड लिए यहां जाना जान जोखिम में डालने वाली बात है। रास्ते में जंगली जीवजंतु का डर है।लेकिन सुंदर मनोराम वादियों से भरा है यह क्षेत्र।
दलमा सेंचुरी को और विकसीत करना जरूरी है।जो पर्यटकों और आकर्षित करे । इस मई माह में सेंचुरी के अंदर जंगली जीवजंतु को देखने को मिलता है ।
दलमा सेंचुरी दो रेंज में बनाया गया ।पूर्वी रेंज में कोंकादासा रेस्ट हाउस शिवमन्दिर आदि पड़ता है और पश्चिमी रेंज चांडिल जो पिंडराबेड़ा माकुलाकोच चेकनाका आदि पड़ता है।दो रेंज में दो रेंजर डिपुट हैं ।सेंचुरी में 30 से 40 के लगभग दैनिक मजदूर विभिन्न कार्य पर कार्यरत हैं।अब देखना है कबतक वन विभाग पर्यटकों के लिए और क्या क्या सुविधा मुहैया करा पाते हैं।
May 09 2023, 15:34