जगदीश शेट्टार के कांग्रेस में जाने से कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कितनी कमजोर होगी भाजपा?
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कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता जगदीश शिवप्पा शेट्टार सोमवार को कांग्रेस में शामिल हो गए।शेट्टार टिकट न मिलने की वजह से नाराज थे। अब सवाल ये उठ रहा है कि उनके भाजपा छोड़ने और कांग्रेस जॉइन करने के क्या नफा और नुकसान होंगे? बीजेपी के लिए सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि शेट्टार जैसे बड़े और लिंगायत नेता का कांग्रेस में शामिल होना कर्नाटक चुनाव में कितना नुकसान पहुंचाता है?
कहा जाता है कि राज्य में सत्ता की चाबी लिंगायतों के हाथ में ही है। बता दें कि पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार भी यदुरप्पा की तरह लिंगायत समाज से आते हैं। उनका भी अपने समाज में अच्छा दबदबा है।शेट्टार राज्य में येदियुरप्पा के बाद दूसरे सबसे बड़े लिंगायत नेता माने जाते हैं। इस समुदाय के दबदबे का ही असर है कि कर्नाटक राज्य के 20 मुख्यमंत्रियों में से अब तक आठ इसी समुदाय से आते हैं। संख्या बल के हिसाब से 17-18 % एक मुश्त वोट इन्हीं का बताया जाता है। भाजपा मानती है कि मौजूदा सीएम और यदुरप्पा भी उसी लिंगायत समुदाय से आते हैं। दोनों बड़े कद के नेता हैं। इसलिए कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। जबकि येदुयिरप्पा सार्वजनिक मंचों से अनेक बार का चुके हैं कि जगदीश शेट्टार 25-30 सीटों पर गहरा प्रभाव रखते हैं।
बीजेपी ने येदियुरप्पा के बयान को हल्के में लिया
बीजेपी के सबसे ज्यादा अहमियत रखने वाले दिग्गज नेता येदियुरप्पा के जरिए दिए गए इस बयान को कतई हल्के में नहीं लिया जा सकता है। हालांकि टिकट काटे जाने के बाद मानमनौव्वल के बीच येदियुरप्पा ने इस बात को लेकर 99 फीसदी मुहर लगाई थी कि शेट्टार को टिकट दिया जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और शेट्टार कांग्रेस में शामिल हो गए।
बीजेपी को भगतना पड़ सकता है शेट्टार की बगावत का खामियाजा
जगदीश शेट्टार 2018 के विधानसभा चुनाव में धारवाड़ जिले की हुबली धारवाड़ मध्य सीट से जीते थे। शेट्टर लगातार छह बार से चुनाव जीत रहे हैं। वह 2012 से 2013 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे हैं। 68 साल के शेट्टार 2008 से 2009 के बीच कनार्टक विधानसभा के अध्यक्ष भी रहे। शेट्टार 6 बार चुनाव जीते हैं और हर बार उनकी जीत का अंतर 25000 वोटों से ज्यादा रहा है। वह कई सरकारों में अलग-अलग मंत्रालय भी संभाल चुके हैं। ऐसे में बीजेपी को कर्नाटक चुनाव में जाहिर तौर पर शेट्टार की बगावत का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
शेट्टार का कांग्रेस में आना किसी संजीवनी से कम नहीं
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के लिए जगदीश शेट्टार का शामिल होना किसी संजीवनी से कम नहीं है।कांग्रेस के सिद्धारमैया ने चुनाव से पहले घोषणा कर रखी है कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो लिंगायत समुदाय को अलग धर्म का दर्जा देगी। अल्पसंख्यक भी घोषित करेगी। इस माँग को हवा देने में जगदीश शेट्टार प्रमुख भूमिका निभाएंगे, क्योंकि वे खुद उसी समुदाय से आते हैं जिसके भलाई की बात कांग्रेस कर रही है।
Apr 17 2023, 16:17