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बिहार में शराबबंदी की नीति पर बदला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का रुख ! जहरीली शराब से मरने वालों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये की मदद

बिहार में जहरीली शराब से मरने वाले लोगों को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने सोमवार को ऐलान किया कि जहरीली शराब से मरने वाले लोगों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये की मदद दी जाएगी। यह फैसला 2016 से लागू किया जाएगा। इस तरह सैकड़ों लोगों के परिजनों को सरकार बड़ी राहत देगी। बता दें कि अब तक नीतीश कुमार ऐसी किसी भी राहत के खिलाफ थे और उन्होंने यहां तक कहा था कि जो पिएगा, वह मरेगा। उनकी इस टिप्पणी की तीखी आलोचना भी हुई थी, लेकिन अब नीतीश कुमार का रुख बदला नजर आ रहा है।

छपरा के बाद मोतिहारी में शराब पीकर होने वाली मौत पर सीएम ने परिजनों को मदद देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराब पीने से बड़ी संख्या में हुई मौतों पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि चीफ सेक्रेटरी और अधिकारियों को रिपोर्ट बनाने का आदेश दे दिया गया है। रिपोर्ट के आधार पर प्रभावित परिवारों को मदद दी जाएगी। 2016 के बाद से सरकार शराब पीकर जितने लोगों की मौत हो गई है उन सभी के परिजनों को सरकार मदद करेगी।

परिजनों को लिखकर देना होगा- शराबबंदी के पक्ष में हैं

इसके लिए सभी परिवारों को यह लिखकर देना पड़ेगा कि वे शराबबंदी के पक्ष में हैं और शराब पीकर गलती की है। नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में पूर्व पूर्ण शराब बंदी कानून लागू लागू है। इसके लिए सबको हम पहले ही से कहते आ रहे हैं कि शराब बहुत बड़ी चीज है इसे नहीं पीना चाहिए। इसके बाद भी कुछ लोग गड़बड़ कर देते हैं।

सीएम ने माना, मौतों से परिवार को होती है परेशानी

उन्होंने कहा कि कोई भी चीज शत-प्रतिशत सफल नहीं होता। इस कानून के साथ भी ऐसा ही हुआ। लेकिन, शराब पीने से जो लोग मर गए हैं उनके लिए मुझे बहुत दुख है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मरने वालों में गरीब तबके के लोग हैं और उनके परिवार वाले परेशान हैं। इसे देखते हुए सरकार ने तय किया है कि परिजनों को मुख्यमंत्री रिलीफ फंड से सहायता दी जाए।

वो हमें बदनाम कर आम आदमी पार्टी को रोकना चाहते हैं', शराब घोटाला मामले में सीबीआई की पूछताछ के बाद काफी कुछ अरविंद केजरीवाल ने कहा

शराब घोटाला मामले में सीबीआई ने आम आदमी पार्टी (आप) सुप्रीमो और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से रविवार को करीब 9 घंटे से अधिक समय तक सवाल-जवाब किए। सीबीआई अफसरों ने केजरीवाल से आबकारी नीति मामले में करीब 56 सवाल पूछे, जिसमें यह भी शामिल था कि नीति कब और क्यों शुरू की गई थी? सीबीआई के पास सवालों की लंबी लिस्ट थी, लेकिन केजरीवाल भी पूरी तैयारी करके गए थे। केजरीवाल ने दावा किया कि शराब घोटाले के आरोप झूठे हैं और सीबीआई भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इशारे पर काम कर रही है।

सीबीआई की पूछताछ के बाद घर लौटकर केजरीवाल ने कहा कि सीबीआई ने उनसे सब कुछ पूछा। मसलन, शराब नीति कहां से शुरू हुई, कैसे शुरू हुई और वहां से लेकर पूरा अंत तक सभी सवाल पूछे। साल 2020 से लेकर अभी तक जो कुछ भी हुआ है, उस सब के ऊपर लगभग 56 सवाल पूछे गए। केजरीवाल ने कहा कि शराब घोटाला पूरी तरह से फर्जी और गंदी राजनीति से प्रेरित है। सीबीआई के पास कोई सबूत नहीं है। इस दौरान, दिल्ली के मुख्यमंत्री ने सीबीआई अधिकारियों को उनके आतिथ्य के लिए धन्यवाद देते हुए कहा, ''उन्होंने मुझसे दोस्ताना और सौहार्दपूर्ण तरीके से सवाल पूछे। मैंने उनके द्वारा पूछे गए सभी सवालों का जवाब दिया।''

वो हमें बदनाम कर आम आदमी पार्टी को रोकना चाहते हैं'

'आप' सुप्रीमो ने कहा कि आम आदमी पार्टी कट्टर ईमानदार पार्टी है। हम मर-मिट जाएंगे, लेकिन अपनी ईमानदारी से समझौता नहीं करेंगे। दिल्ली में जो अच्छा काम हो रहा है और जो अब पंजाब में भी होने लगा है, भाजपा कभी उसकी बराबरी नहीं कर सकती। वो गुजरात में एक भी स्कूल नहीं बना सके। उन्होंने कहा कि 'आप' बहुत तेजी से पूरे देश में फैल रही है। 'आप' जगह-जगह जा रही है और लोगों की उम्मीदों पर खरी उतर रही है। वे हमें बदनाम करना चाहते हैं ताकि हम खत्म हो जाएं, लेकिन ऐसा नहीं होगा, क्योंकि पूरे देश की जनता हमारे साथ है।

सीबीआई ने 161 में दर्ज किए केजरीवाल के बयान

वहीं, पूछताछ खत्म होने के बाद सीबीआई के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ''दिल्ली के मुख्यमंत्री से 16 अप्रैल 2023 को इस मामले में पूछताछ करने और विभिन्न सवालों के जवाब पाने के लिए सीआरपीसी की धारा 160 के तहत नोटिस जारी किया गया था। वह आज जांच में शामिल हुए और सीआरपीसी की धारा 161 के तहत उनका बयान दर्ज किया गया।'' सीबीआई ने कहा कि केजरीवाल के बयानों की पुष्टि की जाएगी और उपलब्ध साक्ष्यों से मिलान किया जाएगा।

लापता' फाइल के बारे में भी पूछे सवाल

अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई ने मुख्यमंत्री से नीति निर्माण प्रक्रिया और विशेष रूप से उस फाइल के बारे में पूछताछ की, जिसका 'पता नहीं लग सका' है और जिसे पहले कैबिनेट के समक्ष रखा जाना था। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ समिति की राय और इस पर सार्वजनिक एवं कानूनी राय वाली फाइल को कैबिनेट के समक्ष नहीं रखा गया था और यह अब तक नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल से यह भी सवाल किया गया कि वह मंजूरी से पहले नीति निर्माण में शामिल थे, या नहीं।

बता दें कि, सीबीआई ने बीते शुक्रवार को केजरीवाल को नोटिस भेजकर जांच टीम के सामने गवाह के तौर पर पेश होने के लिए कहा था।

समलैंगिक विवाह के विरोध में केंद्र, सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने कहा-ये शहरी रईसों का कॉन्सेप्ट

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समलैंगिक विवाह का केन्द्र सरकार ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में विरोध किया है। केंद्र ने कहा कि यह एक नई सामाजिक संस्था बनाने के समान है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की पीठ के समक्ष मामले की सुनवाई 18 अप्रैल को होनी है। इससे पहले सरकार ने अपनी ओर से आपत्ति दर्ज कराई है।

सुप्रीम कोर्ट मं केन्द्र की अर्जी

समलैंगिक विवाह के खिलाफ केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में नया आवेदन दायर किया है। जिसमें इसकी वैधता की मांग पर सवाल उठाए हैं। कोर्ट केंद्र की आपत्ति वाली इस याचिका पर सुनवाई को तैयार हो गया है। समलैंगिक विवाह की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट में पहले से कई याचिकाएं दायर हैं, जिसपर कोर्ट में पांच जजों की बेंच 18 अप्रैल को सुनवाई करेगी।

समलैंगिक विवाह को लेकर केन्द्र सख्त

केंद्र ने कोर्ट में दायर याचिका में कहा कि 'अदालतें समलैंगिक विवाह के अधिकार को मान्यता देकर कानून की एक पूरी शाखा को फिर से नहीं लिख सकती हैं क्योंकि 'एक नई सामाजिक संस्था का निर्माण' न्यायिक निर्धारण के दायरे से बाहर है। केंद्र ने कहा है कि ज्यूडिशियल अवार्ड की मदद से समलैंगिक विवाह को मान्यता नहीं दी जा सकती। यह संसद के क्षेत्र में अधिकार क्षेत्र में आता है न कि सुप्रीम कोर्ट के। समलैंगिक विवाह को मान्यता देने वाले सुप्रीम कोर्ट के किसी भी फैसले का मतलब आभासी तौर पर इससे संबंधित कानून को दोबारा लिखने जैसा होगा। 

सरकार ने कहा-कोर्ट नई विवाह संस्था नहीं बना सकता

केंद्र ने अपनी याचिका में कहा कि कोर्ट को इस तरह के कोई भी आदेश पारित करने से बचना चाहिए। केंद्र ने कहा कि इसके लिए उचित अधिकार, उचित विधायिका मौजूद है। इन कानूनों की मौलिक सामाजिक मूल्यों को देखते हुए, इसे वैध होने के लिए नीचे से ऊपर और कानून के माध्यम से होकर गुजरना होगा। केंद्र ने कहा कि समलैंगिक विवाह के अधिकारों की मांग करते हुए याचिकाकर्ता सामाजिक स्वीकार्यता को हासिल करने के लिए शहरी अभिजात्य सोच का विस्तार कर रहे हैं। सरकार ने यह भी कहा है कि कोर्ट नई विवाह संस्था नहीं बना सकता।

पहले भी कर चुकी है सरकार इसका विरोध

सरकार पहले ही कह चुकी है कि शादी की अवधारणा दो अलग-अलग लिंग के लोगों के मिलन से जुड़ी है। यह परिभाषा सामाजिक, सांस्कृतिक और कानूनी रूप से मान्य है। इसे कमजोर नहीं किया जा सकता है। केंद्र का कहना है कि भले ही होमो सेक्सुअल रिलेशनशिप को अपराध की श्रेणी से बाहर किया गया हो लेकिन इस रिलेशनशिप को शादी की मान्यता नहीं दी जा सकती है।

सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई हैं कई याचिकाएं

बता दें कि समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 15 याचिकाएं दायर की गई हैं। इन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की पीठ ने इन याचिकाओं को पांच जजों की संविधान पीठ के समक्ष भेजने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट 18 अप्रैल को इन पर सुनवाई कर सकता है।

सपा नेता आजम खान की बिगड़ी तबीयत, दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती, अभी उनकी हालत स्थिर, पहले भी कई बार तबीयत हुई खराब

समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता आजम खां की तबीयत बिगड़ गई है। उन्हें इलाज के लिए दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत स्थिर बनी हुई है और उन्हें डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है।

जानकारी के अनुसार, सपा नेता और रामपुर के पूर्व सांसद आजम खान की तबीयत अचानक बिगड़ने के चलते उन्हें सोमवार तड़के 3 बजे दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। आजम खान के परिवार के सदस्य भी सर गंगाराम अस्पताल में मौजूद हैं। बता दें कि, इससे पहले भी कई बार आजम खान की तबीयत बिगड़ चुकी है, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।  

 वह रामपुर सदर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। राज्य विधानसभा सचिवालय ने पहले अक्टूबर में, एक अदालत द्वारा हेट स्‍पीच मामले में 3 साल की जेल की सजा सुनाए जाने के बाद आजम खान की विधानसभा सदस्या से अयोग्य घोषणा कर दिया था।

आजम खान के खिलाफ अप्रैल 2019 में एक चुनावी सभा के दौरान रामपुर में तैनात प्रशासनिक अधिकारियों, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर गंभीर आरोप लगाने के लिए मामला दर्ज किया गया था

2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान आजम खान पर मिलक कोतवाली क्षेत्र के खटानगरिया गांव में एक जनसभा को संबोधित करते हुए भड़काऊ भाषण देने का मामला दर्ज किया गया था। इससे पहले मई 2022 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आजम खान को एक मामले में अंतरिम जमानत दी थी, जो वक्फ बोर्ड की संपत्ति की जमीन पर गलत कब्जे से संबंधित था।

इसी माह की 26 तारीख को दिल्ली एमसीडी के मेयर का चुनाव, आम आदमी पार्टी ने मेयर और डिप्टी मेयर के नाम की घोषणा की, आप नेता संजय सिंह ने दी जानकारी

अप्रैल की 26 तारीख को दिल्ली एमसीडी के मेयर का चुनाव होना है। आम आदमी पार्टी ने अपने मेयर और डिप्टी मेयर के नाम की घोषणा कर दी है। मेयर पद के लिए 'आप' ने एक बार फिर शैली ओबरॉय और आले मोहम्मद इकबाल पर भरोसा जताया है। आम आदमी पार्टी की तरफ से संजय सिंह ने जानकारी साझा करते हए कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक ने शैली ओबरॉय और आले मोहम्मद इकबाल को अपना प्रत्याशी बनाया है। मेयर पद के लिए शैली ओबरॉय और डिप्टी मेयर पद के लिए आले मोहम्मद इकबाल के नाम की घोषणा की गई है।

दिल्ली नगर नगर निगम में मेयर चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद मेयर और डिप्टी मेयर के पद के लिए प्रत्याशी कौन होगा, यह सवाल उठ रहा था। आम आदमी पार्टी ने एमसीडी मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए प्रत्याशियों की घोषणा के साथ ही इस सवाल पर विराम लगा दिया है। मेयर पद के लिए शैली ओबरॉय और डिप्टी मेयर पद के लिए आले मोहम्मद इकबाल एक बार फिर मैदान में होंगे। इससे पहले हुए चुनावों में दोनों प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी।

आज ही करेंगे नामांकन

एमसीडी मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए 26 अप्रैल को चुनावों की घोषणा की गई है। आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों की घोषणा के बाद आज ही दोनों प्रत्याशी नामांकन भी दाखिल करेंगे। बता दें कि मेयर पद के लिए हुए पहले के चुनाव में पटेल नगर से 'आप' की पार्षद शैली ओबरॉय ने बीजेपी की प्रत्याशी रेखा गुप्ता को हराया था, वहीं डिप्टी मेयर पद के लिए हुए चुनाव में मटियामहल विधानसभा सीट की वार्ड नं-76 पार्षद आले मोहम्मद इकबाल ने बीजेपी के कमल बंगड़ी को हराया था।

मेयर पद के लिए हुए चुनाव में आप की शैली ओबरॉय को 150 वोट मिले थे जबकि बीजेपी की रेखा गुप्ता को 116 वोट मिले थे। डिप्टी मेयर के लिए हुए चुनाव में आले मोहम्मद इकबाल को 147 वोट मिले थे, वहीं बीजेपी के कमल बांगड़ी को 116 वोट मिले थे।

पिछले साल दिसंबर में हुए एमसीडी चुनावों में आम आदमी पार्टी जीती थी। इन चुनावों में 'आप' को 134 सीटों पर जबकि भारतीय जनता पार्टी को 104 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। नियम के अनुसार, एमसीडी की पहली बैठक में मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव हो जाना चाहिए लेकिन पिछले एमसीडी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव होने में 84 दिन का समय लग गया था। 84 दिनों के संपन्न हुए चुनाव में आम आदमी पार्टी ने मेयर और डिप्टी मेयर दोनों पद पर कब्जा किया था

शराब घोटाले में पूछताछ के बाद बाहर निकले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के चेहरे पर दिखी मुस्कान, सीबीआई की तारीफ भी की, पढ़िए, क्या हैं इसके मायने

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल से रविवार को शराब घोटाले में पूछताछ हुई। सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) ने अपने मुख्यालय में उनसे 9 घंटे से अधिक समय तक सवालों के जवाब मांगे। सुबह जांच एजेंसी के दफ्तर में जाने से पहले गिरफ्तारी की आशंका जाहिर कर चुके केजरीवाल रात को जब निकले तो चेहरे पर मुस्कान थी। बॉडी लैंग्वेज भी पॉजिटिव था और उन्होंने सीबीआई की तारीफ भी की। अब पूछा जा रहा है कि केंद्रीय जांच एजेंसियों पर आक्रामक रहे केजरीवाल ने पूछताछ के बाद नरम रुख क्यों दिखाया, क्यों उन्होंने सीबीआई के अफसरों को धन्यवाद किया?

 केजरीवाल ने सीबीआई दफ्तर से निकलकर यह कहा

सीबीआई की पूछताछ खत्म होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर मीडिया के सामने आकर बताया कि जांच एजेंसी ने उनसे 9 घंटे से ज्यादा सवाल जवाब किए। इस दौरान उनसे आबकारी नीति मामले 56 सवाल पूछे गए और उन्होंने सभी के जवाब दिए। केजरीवाल ने कहा, 'मैं कहना चाहता हूं कि आबकारी नीति का पूरा मामला फर्जी है। उनके पास कोई सबूत नहीं है कि आम आदमी पार्टी गलत है। यह गंदी राजनीति का नतीजा है।' सीबीआई अधिकारियों को उनके आतिथ्य के लिए धन्यवाद देते हुए केजरीवाल ने कहा, 'उन्होंने मुझसे दोस्ताना और सौहार्दपूर्ण तरीके से सवाल पूछे। मैंने उनके द्वारा पूछे गए सभी सवालों का जवाब दिया।' केजरीवाल ने कहा कि नीति के निर्माण से अब तक के सभी सवाल उनसे पूछे गए।

मुस्कान के साथ निकले, सीबीआई की तारीफ

दिनभर की पूछताछ के बाद जब केजरीवाल जब सीबीआई दफ्तर से बाहर निकले तो मीडिया के कैमरों ने उनका पीछा किया। केजरीवाल वहां कुछ बोले तो नहीं लेकिन मुस्कुराते हुए बहुत कुछ कह गए। बाद में अपने आवास पर मीडिया के सामने भी वह काफी 'कूल' दिखे। केंद्र सरकार और भाजपा पर निशाना तो जरूर साधा लेकिन सीबीआई के अफसरों को अच्छे व्यवहार के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने पूछताछ के माहौल को भी अच्छा बताया। केजरीवाल की ओर से जांच एजेंसी का तारीफ करना इसलिए कुछ अचरज भरा रहा क्योंकि उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय पर आरोप लगाया है कि आरोपियों को प्रताड़ित करके और मारपीट करके झूठा बयान लिया जा रहा है। इससे पहले सिसोदिया की जब सीबीआई से पूछताछ हुई थी तो उन्होंने कहा था कि वहां उन्हें भाजपा जॉइन कर लेने को कहा गया। हालांकि, केजरीवाल ने इस तरह का कोई आरोप नहीं लगाया, बल्कि सीबीआई की तारीफ की।

राजनीतिक जानकार इसे केजरीवाल की रणनीति का हिस्सा मान रहे हैं। उनका कहना है कि केजरीवाल ने मुस्कान और सीबीआई की तारीफ के जरिए ना सिर्फ जनता को बल्कि अपने काडर और विपक्ष को भी संदेश देने की कोशिश की है। उन्होंने जताने की कोशिश की कि 'सबकुछ ठीक ठाक' है। वह पूछताछ से असहज नहीं है। वह पूछताछ को भाजपा की ओर से परेशान करने की कोशिश बता रहे हैं। कहा कि उनके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है। उन्होंने सभी सवालों के जवाब दे दिए हैं।

उत्‍तराखंड के 14 गांवों में बाघ का आतंक, शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू, स्‍कूल और आंगनबाड़ी भी बंद, दो बुजुर्गों को बाघ ने बनाया निवाला


उत्तराखंड के पौड़ी जिले के कोटद्वार में रिखणीखाल प्रखंड के अंतर्गत बाघ प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों में रात्रि कर्फ्यू लगा दिया गया है। वहीं स्‍कूल और आंगनबाडि़यों को भी दो दिन 17 और 18 अप्रैल के लिए बंद रखा गया है। रविवार देर रात इस संबंध में जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान ने आदेश जारी किए हैं। क्षेत्र में पिछले चार दिनों में बाघ ने दो बुजुर्ग व्यक्तियों को निवाला बना दिया है।

जिलाधिकारी की ओर से जारी आदेश में ग्रामीणों को शाम 7:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक घर से बाहर न निकलने के आदेश दिए गए हैं। जिन गांवों में कर्फ्यू लगाया गया है, उनमें ग्राम डल्ला मेलधार, क्वीराली, तोल्यूं, गाड़ियों, जूई, द्वारी, कांडा, कोटडी के साथ ही नैनीडांडा ब्लाक के ग्राम ख्यूंणाई तल्ली, ख्यूंणाई मल्ली, ख्यूंणाई बिचली उम्टा, सिमली मल्ली, चमाडा, सिमडी तल्ली घोड़ाकंद सहित कई अन्य गांव शामिल हैं।

जारी आदेश में उप जिलाधिकारी लैंसडाउन को बाघ प्रभावित क्षेत्रों में ऐसे परिवार व घरों को चिन्हित करने के निर्देश दिए गए हैं जो बाघ के हमले के दृष्टिगत सबसे अधिक संवेदनशील हैं। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को बाढ़ प्रभावित गांव में मवेशियों के लिए चारा पत्ती की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।

आज से शुरू हो रहे अमरनाथ यात्रा के रजिस्ट्रेशन, जानें बुकिंग की डिटेल्स

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अमरनाथ यात्रा इस बार 1 जुलाई से शुरू होगी और 62 दिनों तक बाबा बर्फानी का दरबार शिव भक्तों से भरा रहेगा।बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए रजिस्ट्रेशन के लिएआज से रजिस्ट्रेशन शुरू हो रहे हैं। ऑफलाइन और ऑनलाइन मोड से रजिस्ट्रेशन शुरू होंगे। 

अमरनाथ यात्रा 2023 रजिस्ट्रेशन

13 से लेकर 70 वर्ष की आयु तक के व्यक्ति अमरनाथ यात्रा के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। छह हफ्ते या उससे ज्यादा दिनों की गर्भावती महिला को अमरनाथ यात्रा करने की अनुमति नहीं है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए वेबसाइट https://jksasb.nic.in पर जा सकते हैं। ऑनलाइन पंजीकरण के लिए लिंक एसएएसबी के मोबाइल ऐप श्री अमरनाथजी यात्रा पर भी उपलब्ध है जो गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है।

देशभर में 542 बैंक शाखाओं में रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू

अमरनाथ यात्रा के लिए देशभर में 542 बैंक शाखाओं में रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू हो गई है।अगर आप भारत के नागरिक है तो अमरनाथ यात्रा के लिए आपको एडवांस रजिस्ट्रेशन के लिए नामित बैंक शाखाओं के माध्यम से 120 रुपए प्रति यात्री देने होंगे। ऑनलाइन पंजीकरण के लिए फीस 220 रुपए प्रति यात्री है। वहीं आप अगर एनआरआई के कैटेगरी में आते हैं तो आपको पीएमबी के माध्यम से 1520 रुपए प्रति यात्री शुल्क देना होगा।

कहां करें रजिस्ट्रेशन?

देश भर में पंजाब नेशनल बैंक, एसबीआई, जम्मू और कश्मीर बैंक और यस बैंक की नामित बैंक शाखाओं के माध्यम से एडवांस पंजीकरण करा सकते हैं। बैंक शाखाओं की सूची श्री अमरनाथजी यात्रा श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) की वेबसाइट https://jksasb.nic.in पर उपलब्ध है।

यात्रा शुरू करने से पहले आरएफआईडी कार्ड प्राप्त करना अनिवार्य

यात्रा 2023 शुरू करने से पहले सभी पंजीकृत यात्रियों के लिए जम्मू कश्मीर संभाग में स्थित किसी भी केंद्र से आरएफआईडी कार्ड प्राप्त करना अनिवार्य है। आरएफआईडी कार्ड कलेक्शन की सुविधा के लिए अपना आधार अपने साथ में रखें। इससे आपको कोई परेशानी नहीं होगी। यात्रा के दौरान हर समय अपने गले में आरएफआईडी टैग पहनकर रखें।

अधिक जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर भी है उपलब्ध

अगर आप अमरनाथ यात्रा के संबंध में अधिक जानकारी पाना चाहते हैं तो आप टोल फ्री नंबर- 18001807198 और 18001807199 पर कॉल करके पूरी जानकारी विस्तार से पता कर सतते हैं।अगर आप ग्रुप के साथ रजिस्ट्रेशन कराना चाहते हैं तो 5 से 50 से कम व्यक्तियों वाले ग्रुप का मुख्य व्यक्ति सभी सदस्यों का आवश्यक दस्तावेज एसएएसबी को डाक के माध्यम से भेजकर ग्रुप पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकता है। आप सभी जानकारी वेबसाइट https://jksasb.nic.in पर दिए गए पते पर भेज सकते हैं।

पिछले 24 घंटे में कोरोना के 9 हजार से ज्यादा नए केस, 27 मरीजों ने तोड़ा दम, सक्रिय मामले 60,000 के पार

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देश में कोरोना संक्रमण ने एक बार फिर से चिंता बढ़ा दी है। तेजी से बढ़ रहे मामलों ने लोगों को डरा दिया है। बीते चार दिनों से लगातार 10 हजार से ज्यादा मामले आ रहे हैं।हालांकि, आज कोरोना के रोजाना मिलने वाले केस कम हुए हैं। भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 9 हजार 111 नए मामले मिले हैं।वहीं, एक दिन में 27 कोरोना मरीजों की मौत दर्ज की गई है।

देश में कोरोना के मामले बढ़ने के साथ ही एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 60,313 हो गई है. यह कुल दर्ज मामलों का 0.13 फीसदी है। दैनिक पॉजिटिविटी रेट 8.4 फीसदी पर पहुंच गया है। वहीं साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 4.94 फीसदी पर है। आईआईटी कानपुर के एक प्रोफसर कह चुके हैं कि अगर यही आलम रहा तो आने वाले सप्ताह में संक्रमण के रोजाना 50-60 हजार मामले सामने आ सकते हैं।

रविवार-सोमवार के बीच सबसे ज्यादा छह मौतें गुजरात में हुईं। वहीं, उत्तर प्रदेश में चार, दिल्ली-राजस्थान में तीन-तीन, महाराष्ट्र में दो; बिहार, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, केरल, झारखंड और तमिलनाडु में एक-एक व्यक्ति की कोरोना से जान गई। मृतकों की संख्या में केरल की तरफ से भी तीन मौतों का इजाफा किया गया है। 

अगर आंकड़ों को देखें तो देश में बीते पांच दिनों में कोरोना के 49943 नए मामले सामने आए हैं, तो इन पांच दिनों में 100 लोगों की कोरोना से मौत भी हुई है।

पांच दिन में कैसे बढ़े कोरोना मामले

तारीख कोरोना केस मौतें

12 अप्रैल 7830 11

13 अप्रैल 10158 15

14 अप्रैल 11,109 24

15 अप्रैल 10,753 27

16 अप्रैल 10093 23

कर्नाटक में भाजपा को बड़ा झटका, पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार ने थामा “हाथ”,टिकट ना मिलने से थे नाराज

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कर्नाटक में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। कर्नाटक के पूर्व सीएम एवं लिंगायत समुदाय के कद्दावर नेता जगदीश शेट्टार सोमवार को कांग्रेस में शामिल हो गए।शेट्टार ने एक दिन पहले भारतीय जनता पार्टी छोड़ी थी। चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा दिया था। 

पार्टी का वरिष्ठ नेता होने के नाते टिकट ना मिलने से हैरान

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, डीके शिवकुमार, रणदीप सुरजेवाला, सिद्धारमैया और केसी वेणुगोपाल की मौजूदगी में उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई गई। कांग्रेस में शामिल होने के बाद मीडिया से बात करते हुए जगदीश शेट्टार ने कहा कि 'मैंने कल भाजपा से इस्तीफा दिया था और आज कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गया। कई लोग इस बात से हैरान हैं कि नेता प्रतिपक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष रहे नेता ने कांग्रेस की सदस्यता ले ली। भाजपा ने मुझे हर पद दिया और पार्टी कार्यकर्ता होने के नाते मैंने हमेशा पार्टी के विकास के लिए काम किया। शेट्टार ने कहा कि 'पार्टी का वरिष्ठ नेता होने के नाते मुझे लगा कि मुझे टिकट मिलेगा लेकिन जब मुझे पता चला कि मुझे टिकट नहीं मिल रहा है तो मैं हैरान रह गया। मुझसे इस बारे में किसी ने बात नहीं की और ना ही मुझे समझाने की कोशिश की। यहां तक कि मुझे तसल्ली भी नहीं दी गई कि मुझे क्या पद दिया जाएगा।

कांग्रेस ने बीजेपी पर लगाया लिंगायत समुदाय को सम्मान नहीं देने का आरोप

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला का कहना है कि बीजेपी ने कर्नाटक में लिंगायत समुदाय को डीप फ्रीजर में डाला है। वह इस कम्युनिटी को सम्मान नहीं दे रही है, जिसमें बीजेपी के पूर्व सीएम येदियुरप्पा जी भी शामिल हैं। पार्टी ने उनको भी दरकिनार कर दिया, जिसके बाद अब उन्हें शोभा करांडे जी के नीचे काम करना पड़ रहा है।

बता दें कि जगदीश शेट्टार लिंगायत समुदाय से आने वाले प्रमुख नेताओं में से एक हैं। ऐसे में उनका पार्टी छोड़ना बीजेपी के लिए बड़ा नुकसान बताया जा रहा है।