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24 घंटे बीतने के बाद भी पुलिस के हाथ नहीं लग सका बठिंडा के मिलिट्री स्टेशन में चार आर्मी के जवानों के हत्यारों का सबूत, सर्च अभियान अब भी जारी

बठिंडा के मिलिट्री स्टेशन में बुधवार तड़के चार आर्मी जवानों के क़त्ल के केस में 24 घंटे बीत जाने के उपरांत भी कोई गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। मिलिट्री स्टेशन के अंदर और बाहर सर्च अभियान अब भी चल ही रहा है। स्कूल बंद हैं और लोगों को घरों से बाहर न निकलने की सलाह दी गई है। वहीं चार जवानों का क़त्ल कर दिया है बुधवार दोपहर मिलिट्री स्टेशन में एक जवान की गोली लगने से मौत हो चुकी थी। बठिंडा कैंट पुलिस स्टेशन के एसएचओ गुरदीप सिंह ने कहा है कि सर्विस हथियार की गलती से गोली चलने की वजह से लघु राज शंकर की मौत हुई है। इसका बुधवार सुबह हुई चार हत्याओं से कोई संबंध नहीं है। 

सो रहे जवानों को बनाया गया था निशाना

खबरों के अनुसार बठिंडा स्थित सेना की छावनी में बुधवार तड़के 4:35 बजे ऑफिसर मेस के पास 80 मीडियम रेजिमेंट की आर्टिलरी यूनिट की बैरक में सो रहे 4 जवानों की 2 अज्ञात हमलावरों ने अंधाधुंध गोलियां और कुल्हाड़ी से हमला कर क़त्ल कर डाला। सेना ने किसी आतंकी घटना से मना किया था। कार्रवाई में घटनास्थल से इंसास राइफल के 19 खोल पाए गए थे। सेना की दक्षिण पश्चिमी कमान ने इस बारें में बोला था कि साथ के जंगल से इंसास राइफल भी जब्त की जा चुकी है। इसे फॉरेंसिक जांच को भेजा जा रहा है ताकि पता चल सके कि हत्या इसी हथियार से हुई है या किसी दूसरे से। 

मृतकों की पहचान सागर बन्ने (25), कमलेश आर (24), योगेश कुमार जे. (24) और संतोष एम नागराल (25) के रूप में हो चुकी है। सेना व पंजाब पुलिस की संयुक्त कार्रवाइई की जा रही है। सेना ने कहा कि CCTV फुटेज को स्कैन किया जा रहा है। सेना की शिकायत पर दो अज्ञात हमलावरों के खिलाफ हत्या और आर्म्स एक्ट के अंतर्गत केस दर्ज किया गया है।

मोदी सरनेम केस में फंसे राहुल को मिलेगी राहत? सूरत सेशंस कोर्ट में बहस जारी, वरिष्ठ वकील आरएस चीमा वोट वाली दलील भी कर रहे पेश

मोदी उपमान को लेकर विवादित बयान की वजह से आपराधिक मानहानि के दोषी करार दिए गए राहुल गांधी को क्या राहत मिलेगी? 2 साल की सजा पाने के बाद सदस्यता गंवाने वाले राहुल गांधी की याचिका पर सेशंस कोर्ट में सुनवाई चल रही है। सीजेएम कोर्ट के फैसले को राहुल गांधी ने 3 अप्रैल को सेशंस कोर्ट में चुनौती दी थी और अपनी दोषसिद्धि पर रोक की मांग की है। 

राहुल गांधी की ओर से वरिष्ठ वकील आरएस चीमा दलील पेश कर रहे हैं। चीमा ने कहा कि स्पष्ट रूप से मामले की मेरिट पर विचार करने की आवश्यकता है। एक फैसले को पढ़ते हुए वे कहते हैं, 'शक्ति एक अपवाद है लेकिन अदालत को सजा के परिणामों पर विचार करना चाहिए।' उन्होंने कहा कि न्यायालय को इस बात पर विचार करना है कि क्या दोषी को अपूर्णीय क्षति होगी। उन्होंने सजा की वजह से राहुल गांधी की सदस्यता छिन जाने का हवाला देते हुए स्टे की मांग की और सुप्रीम कोर्ट की कुछ टिप्पणियों का हवाला दिया।

चीमा ने यह भी कहा कि राहुल गांधी ने 2019 में केरल की वायनाड सीट से 4,31070 वोट के मार्जिन से जीत हासिल की थी लेकिन अब उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि भाषण की भी जांच करनी होगी और यह भी देखना चाहिए कि शिकायतकर्ता पीड़ित व्यक्ति है या नहीं। कानून के मुताबिक पीड़ित व्यक्ति ही शिकायत कर सकता है।

भाजपा नेता पूर्णेश मोदी की ओर से दर्ज कराए गए आपराधिक मानहानि केस में 2 साल की सजा मिलने के बाद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता छिन गई थी। सदस्यता बहाली के लिए ऊपरी अदालत से दोषसिद्धि पर रोक या सजा में कमी करना आवश्यक है। यदि ऐसा होता है तो राहुल गांधी की सदस्यता बहाल हो सकती है। नहीं तो वह अगले 8 साल तक कोई चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।

राहुल गांधी को जिस बयान की वजह से आपराधिक मानहानि का दोषी करार दिया गया वह उन्होंने 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक में दिया था। तब कांग्रेस अध्यक्ष रहे राहुल ने नीरव मोदी, ललित मोदी आदि का नाम लेते हुए पूछा था कि सभी चोरों का उपनाम मोदी ही क्यों है? राहुल के बयान पर आपत्ति जताते हुए भाजपा नेता पूर्णेश मोदी ने केस दर्ज कराया था। राहुल के खिलाफ इसी बयान को लेकर पटना एमपी एमलए कोर्ट में भी केस लंबित है।

तुलसी प्रजापति कथित फेक एनकाउंटकर मामले में अमित शाह की पैरवी करने वाले वकील रॉबिन मोगेरा अब राहुल गांधी के सूरत मामले में जज

‘मोदी सरनेम’ मामले में सूरत की ट्रायल कोर्ट राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। कांग्रेस नेता ने सेशन कोर्ट में एक याचिका दायर कर अपनी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की अपील की है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रॉबिन मोगेरा राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई कर रहे हैं।

वर्तमान अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रॉबिन मोगेरा जनवरी 2018 में जज बने है। मीडिया रिपोट्स से पता चलता है कि मोगेरा पहले भाजपा नेता अमित शाह के वकील हुआ करते थे। उन्होंने तुलसी प्रजापति कथित फेक एनकाउंटकर मामले में अमित शाह की पैरवी की थी।

तुलसी प्रजापति का एनकाउंटर दिसंबर 2006 में हुआ था। प्रजापति 2005 में हुए सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर के चश्मदीद दे। इन दोनों एकनकाउंटर के वक्त गृह राज्य मंत्री अमित शाह थे।

शाह के लिए फटकार खा चुके हैं मोगेरा

जून 2014 में सीबीआई की एक अदालत ने रॉबिन मोगेरा को फटकार भी लगाई थी, क्योंकि वह बिना कोई कारण बताए अपने मुवक्किल के लिए एक और छूट (पेशी से) मांग रहे थे। शाह के वकील रॉबिन मोगेरा ने अदालत में दिए एक आवेदन में लिखा था, “शाह नई दिल्ली में राजनीतिक काम में लगे हुए हैं और इसलिए अदालत नहीं आएंगे।” मोगेरा के आदेवन पर विशेष न्यायाधीश जेटी उत्पट ने कहा था, “हर बार आप बिना कोई कारण बताए छूट का आवेदन दे रहे हैं।” इस टिप्पणी के कुछ ही दिन बाद जज उत्पट का तबादला पुणे हो गया था।

क्या अब लालू और तेजस्वी को भी मिलेगा कट्टर ईमानदारी का प्रमाण पत्र? भाजपा ने उठाए सवाल तो मचा घमासान, कहा-राजनीति के नटवरलाल हैं अरविंद केजरीवाल

 भाजपा ने आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने केजरीवाल को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मुलाकात करने पर नटरवाल नाम दिया है। अब भाजपा नेता के उस बयान से राजनैतिक घमासान मचा हुआ है।

विचारधारा से यू-टर्न के माहिर केजरीवाल

केजरीवाल को भारतीय राजनीति का 'नटवरलाल' बताते हुए भाजपा नेता ने उनके लालू यादव के खिलाफ पुराने ट्वीट्स दिखाए। पूनावाला ने कहा कि अपनी विचारधारा से यू-टर्न कैसे लिया जाए, ये कोई केजरीवाल से सीखे। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने सबसे पहले अन्ना हजारे को फॉलो करना शुरू किया और अब वह लालू यादव दोषी ठहराए जाने के बाद फॉलो कर रहे हैं।

भाजपा नेता ने कहा कि जिन लोगों के दिल्ली के सीएम किसी समय में भ्रष्टाचारी बताते थे, आज उन्ही के साथ गठबंधन की बात कर रहे हैं। पूनावाला ने कहा कि देश बचाने की बात को केवल ड्रामा है, सही में तो इन सभी को अपने भ्रष्टाचार तंत्र को बचाना है।

लालू और तेजस्वी रिवर्स रॉबिनहुड

भाजपा नेता ने कहा कि लालूजी के बेटे के साथ अब केजरीवाल का नाता जुड़ गया है। पूनावाला ने कहा कि यह भ्रष्टाचार के चचेरे भाइयों का गठबंधन है। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद और उनके बेटे रिवर्स रॉबिनहुड की तरह हैं, वे गरीबों से चोरी करते हैं और अमीरों में बांटते हैं।

पूनावाला ने आगे पूछा कि क्या केजरीवाल अब लालू यादव और उनके बेटे को कट्टर ईमानदारी का प्रमाण पत्र देंगे? वही सर्टिफिकेट जो उन्होंने सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया को दिया था?

लालू की पार्टी से गठबंधन पर जवाब दें केजरीवाल

केजरीवाल पर तंज कसते हुए भाजपा प्रवक्ता ने आगे कहा कि नीतीश जी की राजनीतिक मजबूरी तो हम समझ सकते हैं, लेकिन केजरीवाल को देश को बताना चाहिए कि उनकी ऐसी कौन सी राजनीतिक विवशता है जिसके चलते वो लालू यादव, राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के साथ गठबंधन कर रहे हैं?

राहुल गांधी और नीतीश कुमार की मुलाकात पर बीजेपी का तंज, पूछा- और किस-किस के सामने झुकेंगे?

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बुधवार को राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की। इस मुलाकात को कांग्रेस ने जहां विपक्षी एकता के लिए एक ऐतिहासिक कदम बताया है, वहीं बीजेपी ने इस पर तंज कसा है। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि और किस-किस के सामने झुकेंगे नीतीश कुमार? वहीं, बीजेपी की खुशबू सुंदर ने इसकी तुलना महाभारत के कौरवों से की।

बीजेपी ने विपक्षी गठबंधन की संभावना को किया खारिज

बुधवार की दोपहर हुई नीतीश कुमार और राहुल गांधी की इस मुलाकात के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी गठबंधन की संभावना को खारिज कर दिया। 2014 और 2019 के चुनाव के साथ-साथ बिहार में इस तरह के प्रयोगों की विफलता के उदाहरणों का हवाला दिया।बीजेपी के अमित मालवीय ने राहुल और नीतीश की फोटो शेयर कर कहा, 'और ना जाने किस-किस के सामने झुकेंगे नीतीश कुमार।

इस मुलाकात ने कौरवों की याद दिला दी-खुशबू सुंदर

भाजपा नेता खुशबू सुंदर ने भी विपक्षी नेताओं की इस मुलाकात पर निशाना साधा और ट्वीट करते हुए लिखा कि 'एक निरर्थक समूह, जो उन्हें महाभारत के कौरवों की याद दिलाता है। अच्छी कोशिश की है कांग्रेस ने लेकिन आप पहले से जानते हैं कि विजेता कौन है!'

दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली दौरे पर हैं. नीतीश कुमार ने कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के घर जाकर उनसे मुलाकात की। इस दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी मौजूद रहे। खरगे ने कहा कि हमें विपक्ष को एकजुट करके लड़ना है। हम सभी विपक्ष को एकजुट करने की दिशा में काम कर रहे हैं।

असद एनकाउंटर पर अखिलेश यादव ने उठाए सवाल, कहा- झूठे एनकाउंटर कर भाजपा सरकार ध्यान भटका रही

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यूपी के माफिया अतीक अहमद के बेटे असद को आज यूपी एसटीएफ ने एक एनकाउंटर में मार गिराया। अब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अतीक अहमद के बेटे असद अहमद के एनकाउंटर को लेकर बड़ा बयान दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने असद के एनकाउंटर के फर्जी मुठभेड़ करार दिया है।अखिलेश ने कहा है कि बीजेपी ऐसा कर असल मुद्दों से हमेशा ध्यान भटका रही है। 

डॉन अतीक अहमद के बेटे असद के एनकाउंटर पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट किया है।अखिलेश यादव ने लिखा, झूठे एनकाउंटर करके बीजेपी सरकार सच्चे मुद्दों से ध्यान भटकाना चाह रही है। भाजपाई न्यायालय में विश्वास ही नहीं करते हैं। आज के व हालिया एनकाउंटरों की भी गहन जांच-पड़ताल हो व दोषियों को छोड़ा न जाए। सही-गलत के फैसलों का अधिकार सत्ता का नहीं होता है। बीजेपी भाईचारे के खिलाफ है।

बता दें कि माफिया से नेता बने अतीक अहमद का बेटा असद अहमद प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड में मुख्य आरोपी था और घटना के बाद से ही फरार था।यूपी एसटीएफ ने गुरुवार को झांसी में माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और उसके एक साथी गुलाम को मुठभेड़ में मार गिराया। स्पेशल एडीजी (लॉ ऐंड ऑर्टर) प्रशांत कुमार ने कहा कि प्रयागराज में उमेश पाल हत्‍याकांड में वांछित असद और गुलाम 5-5 लाख रुपये के इनामी बदमाश थे। उन्होंने कहा कि दोनों की झांसी में एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मौत हो गई।

*देश के सबसे अमीर सीएम जगन रेड्डी, जानें कौन है सबसे 'गरीब' मुख्यमंत्री?*

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मंत्रियों, सांसदों या विधायकों को लेकर एक आम राय ये है कि ये धनवाद होते हैं और लग्जरी लाइफ जीते हैं। वैसे इसमें कोई शक भी नहीं है। अब हमारे देश में ही देख लीजिए, देश के मौजूदा 30 मुख्यमंत्रियों में 29 मुख्यमंत्री ऐसे हैं जो करोड़पति हैं। ये हम नहीं बल्कि एक रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है। नेताओं के आपराधिक इतिहास और संपत्ति पर नजर रखने वाले एसोसिएशन फॉर डेमोक्रैटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने मुख्यमंत्रियों को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में देश के मौजूदा 30 मुख्यमंत्रियों की संपत्ति के बारे में जानकारी दी गई है। 

एडीआर और इलेक्शन वॉच के अनुसार, वर्तमान 30 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के चुनावी हलफनामे का विश्लेषण करने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं। इनमें 28 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों-दिल्ली एवं पुडुचेरी के मुख्यमंत्री शामिल हैं। इसमें जिन 30 मुख्यमंत्रियों के चुनावी हलफनामे का विश्लेषण किया गया, उनमें 29 (97 प्रतिशत) करोड़पति हैं और इनकी औसत सम्पत्ति 33.96 करोड़ रुपये है।रिपोर्ट के मुताबिक सबसे अमीर मुख्यमंत्री हैं आंध्र प्रदेश के जगन मोहन रेड्डी। वहीं पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी सबसे कम संपत्ति वाली मुख्यमंत्री हैं।

तीन सबसे अमीर सीएम

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री की सम्पत्ति 510 करोड़ रुपये, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री की 163 करोड़ रुपये और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की 63 करोड़ रुपये की सम्पत्ति है। चौथे नंबर पर हैं नागालैंड के सीएम नेफियू रियो हैं। उनकी कुल संपत्ति 46 करोड़ रुपये से अधिक बताई गई है। पांचवें नंबर पर केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के सीएम एन रंगास्वामी का नाम है। उनकी 38 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सम्पत्ति 3 करोड़ रुपये से अधिक की है।

पहले 9 सीएम की कुल संपत्ति भी जगन मोहन के बराबर नहीं

एडीआर के मुताबिक जगन मोहन के पास 510 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है। दिलचस्प बात ये कि 10 सबसे अमीर सीएम वाली लिस्ट के बाकी मुख्यमंत्रियों की कुल संपत्ति भी जगन मोहन रेड्डी के बराबर नहीं है। बाकी 9 मुख्यमंत्री टोटल 404.54 करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक हैं, जो आंध्र के सीएम से 105.46 करोड़ रुपये कम है। पिछले साल की एडीआर रिपोर्ट में, जगन की संपत्ति 373 करोड़ रुपये थी, जिसमें उन्हें विरासत में मिली संपत्ति और उनकी खुद की कमाई गई संपत्ति भी शामिल है। वह 2022 में भी देश के सबसे अमीर मुख्यमंत्रियों के चार्ट में शीर्ष पर थे और इस बार भी हैं।

सबसे कम घोषित संपत्ति ममता बनर्जी के पास

एडीआर ने कहा कि सबसे कम घोषित संपत्ति वाले तीन मुख्यमंत्री हैं। सबसे कम संपत्ति वाले मुख्यमंत्रियों में सबसे पहला नाम है पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का है। उनकी कुल संपत्ति 15 लाख 38 हजार रुपये से कुछ ही ज्यादा है। केरल के पिनाराई विजयन की संपत्ति1 करोड़ रुपये से अधिक और हरियाणा के मनोहर लाल की 1 करोड़ रुपये से अधिक हैं।

बीबीसी की बढ़ने वाली है मुश्किलें, विदेशी फंडिंग मामले में ईडी ने दर्ज किया केस

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ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन की मुश्किलें बढ़ने वाली है। जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ‘बीबीसी इंडिया’ के खिलाफ विदेशी फंडिंग मामले में कथित तौर पर अनियमितता बरतने के आरोप में फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (फेमा)के तहत केस दर्ज कर लिया है। ईडी की ओर से यह कदम फरवरी में दिल्ली स्थित बीबीसी के ऑफिस में आयकर विभाग की ओर से की गई छापेमारी और पूछताछ के बाद उठाया गया है।

दरअसल, इस साल फरवरी में आयकर विभाग के अधिकारियों ने दिल्ली स्थित बीबीसी दफ्तर में छापेमारी की थी और उससे जुड़े दस्तावेजों की जांच भी की थी। आयकर विभाग ने इस मामले पर आधिकारिक बयान देते हुए कहा था वो एफडीआई उल्लंघन के एक मामले में बीबीसी की जांच करेंगे। इसी सिलसिले में आज ईडी ने बीबीसी पर विदेशी मुद्रा उल्लंघन कानून (फेमा) के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

जांच एजेंसी के एक अधिकारिक सूत्र ने ‘बीबीसी इंडिया’ के खिलाफ केस दर्ज किए जाने को लेकर आज गुरुवार को बताया कि प्रवर्तन निदेशालय ने विदेशी मुद्रा विनिमय मामले में कथित उल्लंघन के लिए ‘बीबीसी इंडिया’ पर फेमा के तहत केस दर्ज कर लिया है।जानकारी के मुताबिक केंद्रीय आर्थिक जांच एजेंसी की ओर से फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट के प्रावधानों के तहत बीबीसी इंडिया के कुछ अधिकारियों के दस्तावेजों और उनके बयानों की रिकॉर्डिंग भी मांगी गई है।

बता दें कि बीबीसी ने गुजरात दंगे को लेकर एक डॉक्यूमेंट्री तैयारी की, जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी की छवि खराब करने की कोशिश की गई। बाद में देश में डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण पर रोक लगा दी गई। डॉक्यूमेंट्री को लेकर बने विवाद के बीच फरवरी में आयकर विभाग की ओर से बीबीसी इंडिया के ऑफिस में छापेमारी की गई। साथ में कई अफसरों से पूछताछ भी की गई थी।

BIG BREAKING अतीक अहमद के बेटे का एनकाउंटर

माफिया अतीक अहमद के बेटे और उमेश पाल हत्याकांड में शूटर असद का एनकाउंटर

झांसी में डीएसपी नवेंदु और डीएसपी विमल के नेतृत्व में यूपीएसटीएफ टीम के साथ मुठभेड़ में मारा गया

नितिन गडकरी को धमकी देने वाले पर लगेगा यूएपीए, आरोपी जयेश पुजारी के पीएफआई और लश्कर से संबंध

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केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को फोन पर बेलगांव जेल से दो बार धमकी देने वाले जयेश पुजारी पर नागपुर पुलिस यूएपीए यानि अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रीवेंशन एक्ट लगाने की तैयारी कर रही है।पुलिस के मुताबिक आरोपी जयेश पुजारी का पीएफआई और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तोइबा के साथ लिंक होने की भी जानकारी मिली है।

आरोपी जयेश पुजारी को नागपुर पुलिस पूछताछ के लिए बेलगांव जेल से नागपुर लेकर आई थी फिलहाल 28 मार्च से वो नागपुर पुलिस की हिरासत में है। नागपूर पुलिस ने बेलगाम जेल के जयेश पुजारी के बैरक से 2 मोबाइल फोन और 2 सिमकार्ड बरामद किया है।

पुलिस को जांच में पता चला कि कथित फोन करने वाला कैदी जयेश पुजारी हिंडालगा को अदालत ने हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई थी। वह 2016 में जेल से भाग गया था, लेकिन बाद में कर्नाटक पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस के मुताबिक, पुजारी ने कथित तौर पर यह भी दावा किया था कि वह दाऊद इब्राहिम गिरोह का सदस्य है। पुलिस को जेल में उसके पास से एक डायरी मिली थी, जिसमें कई नेताओं और मंत्रियों के नंबर थे. पुलिस ने डायरी जब्त कर फोन कहां से आया इसकी जांच कर रही है।

बता दें कि जयेश पुजारी ने बेलगांव जेल से नितिन गडकरी को फोन कर धमकी दी थी। पहली बार 14 जनवरी को धमकी भरा कॉल कार्यालय पर ही आया था। जब जयेश पुजारी ने पहली बार फोन किया था तब 100 करोड़ रुपए फिरौती की मांग की थी। दूसरी बार 21 मार्च को उनके कार्यालय में फ़ोन कर धमकी दी गई थी। उसने जब दूसरी बार कॉल किया तो 10 करोड़ रुपए फिरौती की मांग की थी इसके बाद नितीन गडकरी और उनके कार्यालय की सुरक्षा बढ़ाई दी गई।