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देश में कोरोना संक्रमण के मामले में बड़ा उछाल, बीते 24 घंटे में 7,830 नए केस और 11 की मौत

#record_corona_cases_were_found_within_24_hours

भारत ने बुधवार को कोविड-19 संक्रमण के मामलों में बड़ा उछाल देखा गया। बीते करीब 10 हफ्तों से कोरोना के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं। आज ये आंकड़ा 7 हजार का ऊपर निकल गया। देश में बीते 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण के 7830 नए मामले सामने आए। एक दिन पहले यानी मंगलवार को कुल 5,676 मामले सामने आए थे। स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से बुधवार सुबह जारी आंकड़ों के मुताबिक, इन नए मामलों के साथ देश में कोविड के एक्टिव मरीजों की संख्या 40,215 पर पहुंच गई है।

देश में पॉजिटिविटी रेट 3.65 फीसदी

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, मंगलवार को दो लाख 14 हजार 242 लोगों ने कोरोना का टेस्ट कराया था। इसमें 3.65 यानी 7,830 लोग संक्रमित पाए गए। आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में संक्रमण के चलते 16 लोगों की मौत भी हो गई। दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और पंजाब में दो-दो संक्रमितों ने जान गंवाई, जबकि उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र हरियाणा और गुजरात में एक-एक मौत दर्ज की गई। केरल में पांच मौतें दर्ज हुईं। देश में संक्रमण के चलते अब तक पांच लाख 31 हजार 16 लोगों की मौत हो चुकी है। 

मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.73 प्रतिशत

नए आंकड़ों के मुताबिक, देश में फिलहाल कोरोना से संक्रमित 40,215 लोगों का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 0.9 प्रतिशत है। वहीं अब तक कुल 4,42,04,771 कोविड संक्रमण मुक्त हो चुके हैं, यानी मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.73 प्रतिशत है।जबकि इस महामारी के चलते देशभर में अब तक कुल 5,31,016 लोगों की जान चली गई। 

टीकों की 220.66 करोड़ खुराक लगाई जा चुकी

भारत में राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 220.66 करोड़ खुराक लगाई जा चुकी हैं। वहीं बीते 24 घंटों के दौरान 441 टीके लगाए गए।

बठिंडा मिलिट्री स्टेशन में फायरिंग, चार की मौत, सेना ने सील किया इलाका

#BREAKING_NEWS

#firing_incident_in_bathinda_cantonemnt_area 

पंजाब के बठिंडा के मिलिटरी स्टेशन में आज सुबह फायरिंग होने की खबर है। बताया जा रहा है कि इसमें चार लोगों की मौत हुई है। हमले के बाद इलाके की घेराबंदी कर सील कर दिया गया है। फिलहाल सर्च ऑपरेशन जारी है।

सेना के दक्षिणी पश्चिमी कमांड ने एक बयान जारी करते हुए बताया है कि बठिंडा मिलिट्री स्टेशन के अंदर आज तड़के 4 बजकर 35 मिनट पर फायरिंग हुई। बठिंडा मिलिट्री स्टेशन के भीतर हुई फायरिंग में चार लोगों की मौत की खबर है।हालांकि स्पष्ट नहीं हुआ है कि मरने वालों में सैनिक भी शामिल हैं या नहीं। 

बताया जा रहा है कि फायरिंग की घटना ऑफिसर मेस के अंदर हुई है। घटना के तुरंत बाद पूरे इलाके को घेर लिया गया है। घटना के पीछे किसका हाथ है और मिलिट्री स्टेशन के भीतर यह घटना कैसे हुई इसे लेकर अभी तक पुख्ता जानकारी सामने नहीं आई है।

रूस के साथ जारी जंग के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, लगाई मदद की गुहार

#ukraine_president_volodymyr_zelensky_writes_to_pm_modi 

रूस और यूक्रेन के बीच एक साल से अधिक समय से जंग जारी है। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्र मोदी को पत्र लिककर मदद की गुहार लगाई है। उन्होने यह पत्र ऐसे समय में लिखा है जब यूक्रेन की उप विदेश मंत्री एमिन झापरोवा भारत में मौजूद हैं। भारत के दौरे पर आईं यूक्रेन की उप विदेश मंत्री एमिन झापरोवा ने मंगलवार को राज्य विदेश मंत्री मीनाक्षी लेखी को यह पत्र सौंपा।

अपने पत्र के जरिए युद्धग्रस्त यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अतिरिक्त मानवीय सहायता का अनुरोध किया है। इस चिट्ठी में यूक्रेन ने दवाओं और चिकित्सा उपकरणों सहित अतिरिक्त मानवीय आपूर्ति का अनुरोध किया है। 

विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में यह जानकारी देते हुए बताया गया कि यूक्रेनी मंत्री ने यह भी प्रस्ताव दिया कि यूक्रेन में बुनियादी ढांचे का पुनर्निर्माण भारतीय कंपनियों के लिए एक अवसर हो सकता है। बयान के मुताबिक, इस बात पर सहमति बनी है कि दोनों देशों के बीच अगला अंतर-सरकारी आयोग पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तारीख पर भारत में आयोजित किया जाएगा।

बता दें कि यूक्रेन की उप विदेश मंत्री एमिन झापरोवा चार दिन की भारत यात्रा पर आई हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के बाद यह पहली बार है जब कोई यूक्रेनी नेता भारत के दौरे पर है। उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा, विदेश और संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी से भी मुलाकात की थी। नेताओं से मुलाकात के बाद झापरोवा एक थिंक टैंक के कार्यक्रम को संबोधित किया।

इस दौरान उन्होंने कहा कि यूक्रेन भारत के साथ करीबी और गहरे संबंध चाहता है। इस दौरान उन्होंने कहा कि कोई भी आक्रामकता जो किसी भी देश की क्षेत्रीय अखंडता पर सवाल उठा सकती है, बहुत बड़ी चिंता का विषय है। भारत को ऐसे लोगों की पहचान करनी चाहिए। 

बता दें कि, पिछले साल फरवरी में रूस के साथ संघर्ष शुरू होने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेनी नेता वोलोदिमीर जेलेंस्की से कई बार बात की है। पिछले साल 4 अक्टूबर को जेलेंस्की के साथ फोन पर बातचीत में पीएम मोदी ने कहा था कि इस मसले का ‘कोई सैन्य समाधान नहीं’ हो सकता और भारत शांति प्रयासों में योगदान देने के लिए तैयार है।

सांसदी जाने के बाद पहली बार वायनाड में गरजे राहुल, कहा- बीजेपी मेरा पद और घर ले सकती है, लोगों का प्रतिनिधित्व करने से नहीं रोक सकती

#rahul_gandhi_says_bjp_cannot_stop_me_from_representing_the_people

कांग्रेस नेता राहुल गांधी 'मोदी सरनेम' को लेकर आपराधिक मानहानि केस में संसद की सदस्यता खोने के बाद पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र केरल के वायनाड पहुंचे। वायनाड में राहुल गांधी ने अपनी बहन प्रियंका गांधी के साथ रोड शो किया। रोड शो के बाद राहुल गांधी ने एक जनसभा को संबोधित किया।जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने जमकर बीजेपी और मोदी सरकार पर हमला बोला।

राहुल गांधी ने कहा सांसद सिर्फ एक टैग या पद है। बीजेपी मेरा टैग, पद और घर ले सकती है या मुझे जेल में डाल सकती है, लेकिन वे मुझे वायनाड के लोगों का प्रतिनिधित्व करने से नहीं रोक सकती। उन्हें लगता है कि वे मेरे घर पुलिस भेजकर मुझे डरा देंगे, मुझे खुशी है कि उन्होंने मेरा घर वापस ले लिया। मैं उस घर में रहकर संतुष्ट नहीं था।

राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी वालों को लगता है कि वह मेरे घर पुलिस भेजकर मुझे डरा देंगे, लेकिन मुझे खुशी है कि उन्होंने मेरा घर ले लिया। मैं उस घर में संतुष्ट नहीं था। यह सबसे बड़ा तोहफा है, जो बीजेपी वाले मुझे दे सकते हैं। चाहे जो हो जाए, मैं देश के लिए लड़ता रहूंगा।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने कहा कि मैंने संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा कि आप अदाणी के साथ अपने संबंध के बारे में बताएं। मैंने पूछा कि आपका अदाणी के साथ क्या संबंध हैं? लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसका जवाब नहीं दिया।

राहुल गांधी की अयोग्यता को लेकर प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, राहुल गांधी को एक ऐसा सवाल पूछने के लिए अयोग्य ठहराया गया, जिसका वे जवाब नहीं दे सके। सवाल पूछना, जवाबदेही की मांग करना, देश और स्थानीय मुद्दे उठाना सांसद का काम है। मुझे यह बात अजीब लगती है कि पूरी सरकार यहां तक की पीएम मोदी भी इसे अनुचित मानते हैं।बीजेपी हमारे लोकतंत्र का सिर कुचल रही है। पीएम हर दिन अपने ड्रेसिंग स्टाइल में बदलाव कर रहे हैं लेकिन आम लोगों की जीवनशैली में कोई बदलाव नहीं आया है। वे नौकरियों के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

अमित शाह का दावा, मोदी तीसरी बार बनेंगे प्रधानमंत्री, देशभर में 300 से ज्‍यादा लोकसभा सीटें जीतेगी भाजपा

#amit_shaha_says_bjp_will_win_more_than_300_lok_sabha_seats_in_2024

भारतीय जनता पार्टी 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में जीत को लेकर काफी आश्वस्त दिख रही है।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी अगले साल होने वाले आम चुनावों में देश भर में 300 से अधिक लोकसभा सीट जीतेगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार देश का नेतृत्व करेंगे। यही नहीं, असम के डिब्रूगढ़ में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बीजेपी पूर्वोत्तर राज्य की 14 लोकसभा सीटों में से 12 पर जीत हासिल करेगी।

भाजपा डिब्रूगढ़ कार्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भाजपा संगठन के आधार पर चलने वाली पार्टी है और कार्यालय भाजपा की सभी गतिविधियों का केंद्र होता है। अभी नॉर्थ ईस्ट में 3 राज्यों के चुनाव हुए और तीनों राज्यों में भाजपा सरकार का हिस्सा है। नॉर्थ ईस्ट के आठ राज्यों में पीएम मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार है और इसी के कारण नॉर्थ ईस्ट का विकास हुआ है।

कांग्रेस पर प्रहार करते हुए शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर को कभी कांग्रेस का एक गढ़ माना जाता था, लेकिन राहुल गांधी की (भारत जोड़ो) यात्रा के बावजूद पार्टी क्षेत्र के तीन राज्यों में हुए हालिया विधानसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रही।शाह ने कहा कि राहुल गांधी ने विदेश में भारत का अपमान किया, अगर वह ऐसा ही करते रहे, तो न केवल पूर्वोत्तर से, बल्कि पूरे देश से कांग्रेस का सफाया हो जाएगा।कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान की गई उनकी विवादास्पद टिप्पणियों का जिक्र करते हुए शाह ने कहा, वे प्रधानमंत्री की जितनी निंदा करेंगे, उतना ही अधिक भाजपा आगे बढ़ेगी।

इतना ही नहीं शाह ने मोदी को गाली देने को लेकर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर भी तीखा तंज कसा। उन्होंने कहा, कांग्रेस वाले कहते हैं मोदी तेरी कब्र खुदेगी। भाई, आपके कहने से कुछ नहीं होता। देश की 130 करोड़ जनता दिन-रात मोदी जी की लंबी उम्र की प्रार्थना कर रही है। मोदी को गाली निकालो। आपकी माता जी ने भी यह करके देख लिया, राहुल बाबा। जितनी गाली निकालोगे, कमल उतना खिलेगा।

शाह ने कहा कि विवादास्पद सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम,1958 या अफ्सपा को असम के 70 प्रतिशत इलाकों से हटा लिया गया है, जबकि बोडोलैंड और कार्बी आंगलोंग इलाके शांतिपूर्ण हैं तथा पड़ोसी राज्यों के साथ राज्य के सीमा विवाद का समाधान किया जा रहा है।

सचिन पायलट का अनशन खत्म,कहा-भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी

#sachin_pilot_s_hunger_strike

राजस्थान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अपनी ही प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वसुंधरा राजे की सरकार के समय हुए कथित भ्रष्टाचार को लेकर मंगलवार को जयपुर में कांग्रेस नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने अनशन किया। पायलट ने कांग्रेस पार्टी की ओर से दी गई चेतावनी को दरकिनार करते हुए मंगलवार को जयपुर में एक दिवसीय अनशन किया। एक दिवसीय अनशन पांंच घंटे बाद खत्म हो गया। अनशन खत्म करने के बाद सचिन पायलट ने मीडिया से बातचीत में कहा, पूर्व में वसुंधरा राजे की सरकार में जो भी घोटाले हुए उसके ऊपर कार्रवाई नहीं होने को लेकर अपनी ही सरकार पर निशाना साधा।

सचिन पायलट ने मीडिया से बातचीत में कहा, पूर्व में वसुंधरा राजे की सरकार में जो भी घोटाले हुए उसके ऊपर कार्रवाई हो इसके लिए मैंने प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखे लेकिन कोई जवाब नहीं आया। सचिन पायलट ने कहा,वसुंधरा सरकार में तमाम जो भ्रस्टाचार उसको लेकर आज मैं अनशन पर बैठा। यह वही मुद्दा है जिसको लेकर संसद के बाहर संसद के अंदर हमने अपनी मांग रखी। वसुंधरा जी जब सरकार में थी तब हमने बहुत से भ्रष्टाचार उजागर किए।विपक्ष में रहते हुए हमने पिछली वसुंधरा सरकार के भ्रष्टाचार और घोटालों के खिलाफ आंदोलन किया था। 4 साल में कार्रवाई की उम्मीद थी, लेकिन नहीं हुई। लेकिन अब मैं उम्मीद करता हूं, कार्रवाई होगी।

पायलट ने कहा कि हमनें चुनाव में वादा किया था कि भू माफिया, शराब माफिया और खनन माफिया के खिलाफ कारवाई करेंगे, लेकिन कुछ नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि इसको लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेटर लिखा था, लेकिन फिर भी कुछ नहीं हुआ। इसका जवाब भी नहीं आया।

पायलट ने कहा कि सुखजिंदर सिंह रंधावा कुछ दिन पहले ही कांग्रेस प्रदेश प्रभारी बने हैं। मैंने पूर्व के प्रभारियों से भी बात की थी लेकिन यह भ्रष्टाचार का मामला अभी तक बना हुआ है। कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी। पायलट ने रंधावा के उस बयान का जवाब दिया है , जिसमें कांग्रेस के राजस्थान मामलों के प्रभारी महासचिव सुखजिंदर रंधावा ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया था कि उन्होंने पायलट से बात की है और उनसे अपनी ही सरकार के खिलाफ जनता के बीच जाने के बजाय पार्टी के मंच पर मुद्दों को उठाने के लिए कहा है।

महाराष्ट्र सरकार का बड़ा ऐलान, 'स्वतंत्र वीर गौरव दिन' के तौर पर मनाई जाएगी सावरकर की जयंती

#maharashtra_govt_s_big_announcement_now_savarkar_s_birthday

वीडी सावरकर को लेकर जारी विवाद के बीच महाराष्ट्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने 28 मई को वीडी सावरकर की जयंती को 'स्वतंत्रवीर गौरव दिवस' के रूप में मनाने का एलान किया है। सीएम शिंदे की ओर से ये जानकारी ट्वीट के माध्यम से दी गई।

सीएम ऑफिस से एक ट्वीट किया गया। इस ट्वीट में कहा गया है कि स्वतंत्र वीर सावरकर के जन्मदिन (28 मई) को ‘स्वातंत्र्यवीर गौरव दिन’ के तौर पर मनाया जाने वाला है। देश की स्वतंत्रता के लिए सावरकर का योगदान बेहद अहम है। उनके विचारों के प्रचार और प्रसार के लिए विभिन्न कार्यक्रम का भी आयोजित किया जाएगा।

ट्वीट में आगे लिखा गया कि देश की स्वतंत्रता के लिए, राष्ट्र की उन्नति के लिए स्वतंत्र वीर सावरकर का योगदान बहुत बड़ा है। उनकी देशभक्ति, धीरता, प्रगतिशील विचारों को आगे ले जाने के लिए और उनका आभार जताने के लिए उनके जन्मदिन को स्वतंत्र वीर गौरव दिन के तौर पर मनाए जाने की मांग उद्योग मंत्री उदय सामंत ने की थी।

बता दें कि सावरकर का जन्म 28 मई 1883 को नासिक के बाघपुर में हुआ था। उनके देश की आजादी में दिए गए योगदानों पर उनका आभार जताने के लिए राज्य सरकार ने उनके जन्मदिन पर स्वतंत्रवीर गौरव दिवस मनाने का फैसला किया है।

आखिर क्यों टीएमसी, एनसीपी और सीपीआई से छिन गया राष्ट्रीय दल होने का दर्जा, केजरीवाल की आम आदमी पार्टी का क्यों बढ़ा कद

#whytmcncpandcpiloststatusofnational_party

चुनाव आयोग ने पूरे देश में राजनीतिक दलों के स्टेटस में बड़ा बदलाव किया है। चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी (आप) को एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता दी है। इसके अलावा तीन राजनीतिक दल तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) से राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता वापस ले ली है।ऐसे में ये सवाल उठ रहे हैं कि, इन राजनीतिक पार्टियों का यह दर्जा क्यों छिना गया और इसके नियम क्या हैं?

चुनाव आयोग ने जो आदेश जारी किया है, उसके मुताबिक, शरद पवार की एनसीपी और ममता बनर्जी की टीएमसी के अलावा सीपीआई से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस ले लिया गया।चुनाव आयोग के अनुसार पिछले दो संसदीय चुनावों और 21 विधानसभा चुनावों में राजनीतिक प्रदर्शन के आधार पर यह फैसला किया गया।दरअसल चुनाव आयोग ने किसी राजनीतिक पार्टी को राष्ट्रीय या क्षेत्रीय दल का दर्जा देने के लिए कुछ नियम तय किए हैं। आयोग की शर्तों को पूरा करने के बाद मान्यता प्राप्त दल को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलता है।

राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करने की शर्तें

बता दें कि चुनाव आयोग के अनुसार, किसी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने के लिए तीन शर्तों को पूरा करना आवश्यक है। ये हैं राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करने की तीन शर्तें-

1.अगर किसी पार्टी को पिछले लोकसभा चुनाव में देश में चार से ज्यादा राज्यों में 6 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिलता है, तो उसे राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता चुनाव आयोग देता है।

2. वहीं इसके अलावा अगर कोई राजनीतिक पार्टी तीन राज्यों को मिलाकर लोकसभा की तीन प्रतिशत सीटें जीत लेती है तो इस लिहाज से भी राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता दी जाती है।

3. साथ ही अगर किसी पार्टी को चार राज्यों में क्षेत्रीय दल का भी दर्जा मिला हुआ है तो उसे राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता मिल जाती है।

देश में अब कितनी राष्ट्रीय पार्टी?

तृणमूल, एनसीपी और सीपीआई अब राष्ट्रीय पार्टी कहलाने की इन शर्तों को पूरा नहीं कर पाई। पहले आठ राष्ट्रीय दल थे जिसमें तृणमूल, बहुजन समाज पार्टी, बीजेपी, भाकपा, भाकपा (मार्क्सवादी), कांग्रेस, नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और राकांपा शामिल थे। अब एनसीपी, तृणमूल और सीपीआई को हटाकर और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के इस सूची में शामिल होने के साथ देश में छह राष्ट्रीय पार्टी हैं। आयोग ने कहा कि एमसीपी और तृणमूल कांग्रेस को हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में उनके प्रदर्शन के आधार पर क्रमशः नगालैंड और मेघालय में राज्य स्तर के दलों के रूप में मान्यता दी जाएगी।

इनसे क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा भी वापस

इसके अलावा चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी), आंध्र प्रदेश में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस), मणिपुर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक एलायंस, पुडुचेरी में पट्टाली मक्कल काची, पश्चिम बंगाल और मिजोरम में रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी और पीपुल्स कांफ्रेंस को मिला क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा भी वापस ले लिया है।

आखिर क्यों टीएमसी, एनसीपी और सीपीआई से छिन गया राष्ट्रीय दल होने का दर्जा, केजरीवाल की आम आदमी पार्टी का क्यों बढ़ा कद, जानें क्या कहते हैं नियम

#why_tmc_ncp_and_cpi_lost_status_of_national_party

चुनाव आयोग ने पूरे देश में राजनीतिक दलों के स्टेटस में बड़ा बदलाव किया है। चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी (आप) को एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता दी है। इसके अलावा तीन राजनीतिक दल तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) से राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता वापस ले ली है।ऐसे में ये सवाल उठ रहे हैं कि, इन राजनीतिक पार्टियों का यह दर्जा क्यों छिना गया और इसके नियम क्या हैं?

चुनाव आयोग ने जो आदेश जारी किया है, उसके मुताबिक, शरद पवार की एनसीपी और ममता बनर्जी की टीएमसी के अलावा सीपीआई से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस ले लिया गया।चुनाव आयोग के अनुसार पिछले दो संसदीय चुनावों और 21 विधानसभा चुनावों में राजनीतिक प्रदर्शन के आधार पर यह फैसला किया गया।दरअसल चुनाव आयोग ने किसी राजनीतिक पार्टी को राष्ट्रीय या क्षेत्रीय दल का दर्जा देने के लिए कुछ नियम तय किए हैं। आयोग की शर्तों को पूरा करने के बाद मान्यता प्राप्त दल को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलता है। 

राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करने की शर्तें

बता दें कि चुनाव आयोग के अनुसार, किसी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने के लिए तीन शर्तों को पूरा करना आवश्यक है। ये हैं राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करने की तीन शर्तें-

1.अगर किसी पार्टी को पिछले लोकसभा चुनाव में देश में चार से ज्यादा राज्यों में 6 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिलता है, तो उसे राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता चुनाव आयोग देता है।

2. वहीं इसके अलावा अगर कोई राजनीतिक पार्टी तीन राज्यों को मिलाकर लोकसभा की तीन प्रतिशत सीटें जीत लेती है तो इस लिहाज से भी राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता दी जाती है।

3. साथ ही अगर किसी पार्टी को चार राज्यों में क्षेत्रीय दल का भी दर्जा मिला हुआ है तो उसे राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता मिल जाती है।

देश में अब कितनी राष्ट्रीय पार्टी?

तृणमूल, एनसीपी और सीपीआई अब राष्ट्रीय पार्टी कहलाने की इन शर्तों को पूरा नहीं कर पाई। पहले आठ राष्ट्रीय दल थे जिसमें तृणमूल, बहुजन समाज पार्टी, बीजेपी, भाकपा, भाकपा (मार्क्सवादी), कांग्रेस, नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और राकांपा शामिल थे। अब एनसीपी, तृणमूल और सीपीआई को हटाकर और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के इस सूची में शामिल होने के साथ देश में छह राष्ट्रीय पार्टी हैं। आयोग ने कहा कि एमसीपी और तृणमूल कांग्रेस को हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में उनके प्रदर्शन के आधार पर क्रमशः नगालैंड और मेघालय में राज्य स्तर के दलों के रूप में मान्यता दी जाएगी। 

इनसे क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा भी वापस

इसके अलावा चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी), आंध्र प्रदेश में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस), मणिपुर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक एलायंस, पुडुचेरी में पट्टाली मक्कल काची, पश्चिम बंगाल और मिजोरम में रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी और पीपुल्स कांफ्रेंस को मिला क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा भी वापस ले लिया है।

तमिलनाडु सरकार को सुप्रीम कोर्ट से लगा झटका, आरएसएस के मार्च को लेकर मद्रास हाई कोर्ट फैसले को दी थी चुनौती

#tamil_nadu_govt_gets_blow_from_supreme_court

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस को तमिलनाडु में मार्च की अनुमति मिल गई है। वहीं इस मसले पर तमिलनाडु सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है।दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मार्च के खिलाफ तमिलनाडु सरकार की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया है।

तमिलनाडु की डीएमके सरकार ने आरएसएस के मार्च पर मद्रास हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए आरएसएस की रैली को तय रूट से निकालने की मंजूरी दे दी है।जस्टिस वी रामसुब्रह्मण्यम और जस्टिस पंकज मित्तल की बेंच ने यह फैसला सुनाया है।

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने तमिलनाडु में 51 जगहों पर रूट मार्च रैली निकालने का एलान किया था। इस पर राज्य की डीएमके सरकार ने रोक लगा दी थी। डीएमके सरकार ने सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ने की आशंका के चलते आरएसएस की रैली को मंजूरी देने से इनकार कर दिया। राज्य सरकार के इस फैसले के खिलाफ आरएसएस ने मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। जिस पर हाईकोर्ट ने छह जगहों को छोड़कर बाकी जगहों पर आरएसएस को मार्च रैली करने की इजाजत दे दी। हालांकि, मार्च की मंजूरी के साथ ही कोर्ट ने कुछ शर्तें भी लगाई थी। जिसके तहत आरएसएस कार्यकर्ताओं को बिना लाठी डंडे या हथियारों के मार्च निकालने और किसी भी ऐसे मुद्दे पर बोलने से मना किया गया था, जिससे देश की अखंडता पर असर पड़े।

मामले पर फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस वी रामासुब्रमन्यम और पंकज मिथल की बेंच ने तमिलनाडु सरकार की दलील ठुकरा दी है। तमिलनाडु सरकार ने हाई कोर्ट में भी विरोध किया था। लेकिन जजों ने इसे खारिज कर दिया। हाई कोर्ट ने कहा था आरएसएस हर जगह की स्थानीय पुलिस को अनुमति के लिए आवेदन दे। अब यही आदेश बरकरार रहेगा।सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक लोकतंत्र की भाषा है और एक सत्ता की भाषा है.आप कौन सी भाषा बोलते हैं यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कहां हैं।