तमिलनाडु सरकार को सुप्रीम कोर्ट से लगा झटका, आरएसएस के मार्च को लेकर मद्रास हाई कोर्ट फैसले को दी थी चुनौती
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस को तमिलनाडु में मार्च की अनुमति मिल गई है। वहीं इस मसले पर तमिलनाडु सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है।दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मार्च के खिलाफ तमिलनाडु सरकार की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया है।
तमिलनाडु की डीएमके सरकार ने आरएसएस के मार्च पर मद्रास हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए आरएसएस की रैली को तय रूट से निकालने की मंजूरी दे दी है।जस्टिस वी रामसुब्रह्मण्यम और जस्टिस पंकज मित्तल की बेंच ने यह फैसला सुनाया है।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने तमिलनाडु में 51 जगहों पर रूट मार्च रैली निकालने का एलान किया था। इस पर राज्य की डीएमके सरकार ने रोक लगा दी थी। डीएमके सरकार ने सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ने की आशंका के चलते आरएसएस की रैली को मंजूरी देने से इनकार कर दिया। राज्य सरकार के इस फैसले के खिलाफ आरएसएस ने मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। जिस पर हाईकोर्ट ने छह जगहों को छोड़कर बाकी जगहों पर आरएसएस को मार्च रैली करने की इजाजत दे दी। हालांकि, मार्च की मंजूरी के साथ ही कोर्ट ने कुछ शर्तें भी लगाई थी। जिसके तहत आरएसएस कार्यकर्ताओं को बिना लाठी डंडे या हथियारों के मार्च निकालने और किसी भी ऐसे मुद्दे पर बोलने से मना किया गया था, जिससे देश की अखंडता पर असर पड़े।
मामले पर फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस वी रामासुब्रमन्यम और पंकज मिथल की बेंच ने तमिलनाडु सरकार की दलील ठुकरा दी है। तमिलनाडु सरकार ने हाई कोर्ट में भी विरोध किया था। लेकिन जजों ने इसे खारिज कर दिया। हाई कोर्ट ने कहा था आरएसएस हर जगह की स्थानीय पुलिस को अनुमति के लिए आवेदन दे। अब यही आदेश बरकरार रहेगा।सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक लोकतंत्र की भाषा है और एक सत्ता की भाषा है.आप कौन सी भाषा बोलते हैं यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कहां हैं।
Apr 11 2023, 15:53