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छात्र-छात्राओं की संख्या के विरुद्ध शिक्षकों के लाखों पद रिक्त, कैसे मिले गुणवत्तापूर्ण शिक्षा : डाॅ अभिराम सिंह

गया। शिक्षक राष्ट्र निर्माता हैं। उनके कंधे पर देश के भविष्य को गढ़ने की जिम्मेवारी है, लेकिन इतने महत्वपूर्ण कार्य को करने वाले शिक्षकों की सुध सरकार नहीं ले रही है। उनसे बच्चों के पठन-पाठन से ज्यादा गैर शैक्षणिक कार्य लिए जा रहे हैं, जिसे किसी तरह उचित नहीं ठहराया जा सकता। ये बातें पीपी एजुकेशनल ग्रुप, जहानाबाद के चेयरमैन व शिक्षाविद डॉ. अभिराम सिंह ने शुक्रवार को गया में कॉलेजों और कई सरकारी हाई स्कूलों में शिक्षकों से संवाद करते हुए कही। 

डॉ. अभिराम सिंह ने कहा है कि प्रदेश में अंगीभूत कॉलेजों में शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए यह जरूरी है कि सरकार विषयवार शिक्षकों की बहाली करे। अंगीभूत कॉलेजों में शिक्षकों के अधिसंख्य पद रिक्त हैं। विश्वविद्यालय में भी शिक्षकों के अधिकांश पद रिक्त हैं। आबादी के अनुरूप छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ती जा रह है, लेकिन शिक्षण संस्थानों में पद नहीं बढ़ाये जा रहे हैं। आश्चर्य तो यह कि जो सृजित पद हैं, वे भी खाली हैं। उच्च शिक्षण संस्थान केवल बच्चों के रजिस्ट्रेशन करने, फॉर्म भरने और परीक्षा लेने के केंद्र बन गए हैं। प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था बहुत ही बुरे दौर से गुजर रही है, जिसकी तरफ न तो सरकार का ध्यान जा रहा है और ना ही शिक्षकों के वोट से जीतकर विधान परिषद में जाने वाले विधान पार्षद का। इस हालात को बदलने की जरूरत है। 

उन्होंने कहा कि राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का घोर अभाव है। छात्र-छात्राएं दूसरे राज्यों की ओर पलायन कर रहे हैं। बिहार में सरकारी शिक्षण संस्थानों में अतिथि शिक्षकों से काम चलाया जा रहा है। शिक्षकों के वोट से विधान परिषद में जाने वाले एमएलसी कभी भी शिक्षकों की आवाज बनकर इन समस्याओं का निदान निकालने के लिए गंभीर नहीं हैं। वे सरकार पर दबाव बना ही नहीं पाते। डॉ. सिंह ने आगे कहा कि सरकार को चाहिए कि राज्य में गिरती जा रही शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए सबसे पहले विषयवार शिक्षकों के पद सृजित करे और शिक्षकों से केवल शिक्षण कार्य कराए। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों के शिक्षक अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अक्सर आंदोलनरत रहते हैं, लेकिन सरकार उनकी समस्याओं को दूर नहीं कर रही।

वर्षों से समस्याएं लटका कर रखी जा रही हैं। शिक्षकों के वेतन भुगतान का मामला हो या फिर एरियर भुगतान का, वेतन निर्धारण में गड़बड़ी को दूर करने की बात हो या उनके तबादले की, किसी भी समस्या के निदान के प्रति न तो राज्य सरकार गंभीर है और ना ही शिक्षकों का प्रतिनिधित्व करने वाले एमएलसी। डॉ. सिंह ने संवाद के दौरान कहा कि जिस बिहार के नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालय में पढ़ने के लिए दूसरे देशों से छात्र आते थे, उसी बिहार में शिक्षा की यह बदहाली यहां के लोगों को कचोटती है। आज अगर की शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाना है तो सरकार को कड़े कदम उठाने होंगे, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में विषयवार शिक्षकों की नियुक्ति करनी होगी, सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से दूर रखना होगा, तभी हालात सुधरेंगे। शिक्षा में सुधार के लिए सबसे पहले शिक्षकों की दशा को सुधारने की जरूरत है। 

डॉ. अभिराम सिंह ने कहा कि शिक्षक समाज की भावी पीढ़ी को गढ़ते हैं। उनको केवल उसी काम की जिम्मेवारी देनी होगी।  सरकार को चाहिए कि शिक्षकों को हाशिये से पठन-पाठन की मुख्य धारा में लाये। राज्य में वर्तमान शिक्षा नीति के विभिन्न प्रावधान वक्त के साथ अप्रासंगिक हो गए हैं। उनमें सुधार लाने की जरूरत है। शिक्षकों के वोट से जीतकर जाने वाले जनप्रतिनिधि व धान परिषद में शिक्षा और शिक्षक समाज के हित को लेकर आवाज बुलंद करें। लेकिन आज दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि अधिसंख्य शिक्षक अपने प्रतिनिधि को पहचानते तक नहीं। राज्य में लगातार गिरती शिक्षा व्यवस्था के प्रति इन प्रतिनिधियों और सरकार की जिम्मेवारी तय की जानी चाहिए।

जब तक माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में विषयवार शिक्षकों, व्याख्याताओं की कमी दूर नहीं की जाएगी तब तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात करना लफ्फाजी के सिवा और कुछ नहीं। राज्य सरकार शिक्षकों को नियोजित, अतिथि शिक्षक, वित्त रहित शिक्षक आदि कोटियों में बांटना बंद करे। यह स्थिति शिक्षक समाज के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। अलग- अलग मानदेय निर्धारित किया जाना भी न्याय संगत नहीं है। 

 एरियर भुगतान का मामला, वेतन निर्धारन में गड़बड़ी आदि को प्राथमिकता के आधार पर तुरंत दूर किये जाने की जरूरत है। लेकिन किसी का इस ओर ध्यान नहीं है। ऐसी व्यवस्था से शिक्षक समाज कुंठित हो रहा है, जिसका दुष्प्रभाव शिक्षा पर अभिराम सिंह ने कहा कि जब सरकारी एवं गैर सरकारी शिक्षण संस्थान में पठन-पठान की व्यवस्था समान है तो फिर शिक्षकों को समान काम के बदले समान वेतन का प्रावधान क्यों नहीं हो सकता ? शिक्षा व्यवस्था में लगातार गिरावट हो रही है निजी शिक्षण संस्थान में अच्छे शिक्षकों द्वारा शिक्षा दी जा रही है जिससे प्रतिवर्ष मेडिकल, इंजीनियरिंग एवं यूपीएससी जैसी परीक्षाओं में अच्छा कर रहे हैं। अभी स्नातक जैसा कोर्स भी तीन वर्षों की बजाय पांच वर्षों में भी पूरा नहीं हो पाता। शिक्षक भी इन हालातों से काफी परेशान हैं। डॉ. सिंह ने शिक्षकों को भरोसा दिया कि अगर उनलोगों ने विधान परिषद के चुनाव में मौका दिया तो इन समस्याओं को सदन में पुरजोर तरीके से उठाएंगे और उसे दूर कराएंगे.

होरीडीह गांव में दो पक्षों के आपसी विवाद में जमकर चली गोलियां, राइफल का प्रदर्शन कर लोगों को डराया

गया। नीमचक बथानी थाना अंतर्गत होरीडीह गांव में दो पक्षों के आपसी विवाद में जमकर गोलियां चली। इस वीडियो में दिख रहे कुछ लोग आपस में गाली-गलौज कर राइफल का प्रदर्शन कर लोगों को डरा धमका रहे हैं।

दोनों पक्ष के तरफ से कई राउंड गोलियां चली जिसके बाद लोगों में दहशत का माहौल है। यह घटना अहले सुबह का है। लोगों का कहना है की एक पक्ष के तरफ से दूसरे पक्ष के घर में आकर जबरन विवाद किया गया। ग्रामीणों में भय का माहौल पैदा हो गया है। इस घटना को लेकर के ग्रामीणों में भारी आक्रोश और चिंतित हैं।

उन लोगों का कहना है कि इस तरह का घटना बहुत ही दुखदाई है। किसी के घर पर आकर अपने राइफल के दम पर गोली चलाना लोगों में दहशत फैलाना है। यह कहीं से नहीं लगता है कि कानून का राज है। यह बिल्कुल गुंडाराज की तरह दिख रहा है। लोगों का प्रशासन से अपील है कि इस वीडियो के माध्यम से जो भी लोग दोषी हैं उस पर उचित कार्रवाई किया जाए।

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टनकुप्पा के भेटौरा पंचायत में जीपीपीएफटी फोरम का कार्यशाला आयोजित

गया/टनकुप्पा। टनकुप्पा प्रखण्ड के भेटौरा पंचायत सरकार भवन में गुरुवार को ग्राम पंचायत विकास से सम्बंधित कार्य योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए पंचायत स्तरीय गठित फोरम के सदस्यों के साथ एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यशाला की अध्यक्षता पंचायत की मुखिया अनिता देवी ने की। बैठक में मुखिया कमेटी के सदस्यो को जानकारी देते हुए कही पंचायत स्तरीय फोरम को सक्रिय करना बहुत आवश्यक है। लोग अपनी भूमिका के प्रति सजग होते हुए पंचायत के विकास में अपना योगदान सुनिश्चित करे। आगे यह बताया गया पंचायत द्वारा चुने गए दो स्थानीय सतत विकास अंतर्गत चयनित थीम स्वच्छ एवं हरित पंचायत।

दूसरा आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचा वाला पंचायत के अंतर्गत आने वाली योजनाओं एवं गतिविधियों को चार समूह में बाटा गया है। इसके तहत पंचायत की जरूरत को ध्यान में रखते हुए कार्यो चयन किया गया है। बैठक में पिरामल फाउंडेशन के अभिनंदन सेन, तृप्ति वत्स, नीरज कुमार, केशव ज्योति, श्रीकांत कुमार, मारथु गाविट द्वारा बैठक में पंचायत स्तरीय फोरम की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। सदस्यों को पंचायत में उनके जिम्मेदारी की जानकारी दी गई।

इस मौके पर उत्प्रेरक सुधांशु शेखर,अजित कुमार, उप मुखिया धीरेंद्र कुमार, उमेश दास, दिलीप यादव, वार्ड सदस्य, वार्ड सचिव, जीविका सदस्य, आंगनवाड़ी सेविका, आशा कार्यकर्ता, एनम, पंचायत समिति, कृषि सलाहकार, पंचायत सचिव कमलेश कुमार, सरपंच, पंच, शिक्षक, डाटा आपरेटर रोहित कुमार, संजीव कुमार, स्वच्छता पर्यवेक्षक जयराम प्रसाद, ग्रामीण जनता उपस्थित थे।

रिपोर्ट: राहुल कुमार।

बाइक खड़ी करने को लेकर हुई बहस के बाद जमकर दो सगे भाइयों में मारपीट, चार घायल, थाने में दिया आवेदन

गया/डोभी। डोभी थाना क्षेत्र के बजौरा गांव स्थित दो सगे भाइयों ने बाइक खड़े करने को लेकर दोनो भाइयों में तकरार हो गई। बाद में तकरार इतनी बढ़ गई कि एक पक्ष के 4 लोगों ने दूसरे पक्ष के दो पुरुष एवं दो महिला पर हमला बोल दिया।

इस हमले में एक महिला को गंभीर चोटें आई हैं। जिन्हें इलाज के लिए डोभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। घायल युवक का नाम सुनील कुमार केसरी, लक्ष्मी साव, सविता देवी, मिन्नि देवी के रूप में की गई है। घायल युवक सुनील कुमार केसरी ने बताया कि घर में दीपक केसरी से बाइक लगाने को लेकर कहासुनी हुई थी।

इसी बीच दीपक केसरी एवं इसकी पत्नी नीतू देवी, ससुर अक्षयवट प्रसाद केसरी, साला मनीष कुमार के द्वारा मारपीट कर सुनील कुमार केसरी, पिता लक्ष्मी साव, मां सविता देवी एवम पत्नी मिन्नी देवी को बुरी तरह से घायल कर दिया। सभी घायलों का इलाज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कराया गया है। पीड़ित सुनील कुमार केसरी ने बताया कि दीपक केसरी के परिजनों के द्वारा लाठी डंडा एवं ईट पत्थर से मारपीट कर घटना को अंजाम दिया गया है।

घटना का कारण एक ही गली में बाइक लगाने को लेकर हुई है। इस घटना में दो पुरुष एवं दो महिला घायल हुए हैं। जिसमें एक महिला की स्थिति नाजुक बताई जा रही है। आरोपियों के विरुद्ध मंगलवार के दिन डोभी थाने में लिखित शिकायत करते हुए नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इस संबंध में थानाध्यक्ष अजय कुमार ने कहा कि एक पक्ष के द्वारा दिए गए आवेदन के आधार पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए मामले की जांच पड़ताल की जा रही है।

रिपोर्ट: महेंद्र कुमार।

डोभी में अशोक लीलन कंपनी के शोरूम में निःशुल्क स्वास्थ्य व नेत्र जांच का हुआ आयोजन

गया/डोभी। डोभी प्रखंड के गुरुद्वारा के समीप अशोक लीलन कंपनी के शोरूम में वाहन मालिक , चालक एवम मिस्त्री का हेल्थ चेकअप निःशुल्क किया गया । इसका आयोजन मुख्य रूप से वेबको ग्रुप और इनके ऑथराइज्ड सर्विस सेंटर बुद्धा डीजल के सहयोग से वाहन मालिक, चालक एवम मिस्त्री का हेल्थ चेकअप का आयोजन किया गया।

इस दौरान कमर्शियल वाहन के मालिक, मिस्त्री और ड्राइवर का निशुल्क हेल्थ जांच किया गया। इस दौरान बुद्धा डीजल के प्रमोद कुमार गुप्ता एवं सहयोगी रितेश कुमार ने बताया सभी मिस्त्री वाहन मालिक और चालक का स्वास्थ्य जांच जिसमें शुगर, बीपी, नेत्र जांच की जांच की गई। इसमें लाल पैथ लैब के द्वारा बीपी और शुगर की जांच किया गया। वहीं शेरघाटी के डॉ उज्जवल के द्वारा नेत्र जांच कराया गया। 

काफी संख्या में लोग उपस्थित हुए इस आयोजन में डोभी और शेरघाटी के लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और अपने आंखों का जांच करवाया। चिकित्सक ने बताया इस प्रकार की जांच सभी को कराते रहना चाहिए। जिससे की स्वास्थ सही रह सके। इस मौके पर टेनी मिस्त्री, जनार्दन मिस्त्री, अर्जुन मिस्त्री, लल्लू मिस्त्री सहित सैकड़ों लोगो ने स्वास्थ जांच कराया।

रिपोर्ट: महेंद्र कुमार।

गुरुआ में पंद्रह मिनट की आंधी में कहीं पेड़ गिरे, तो कहीं उड़ गए शेड

गया/गुरुआ। जिले के गुरुआ प्रखंड क्षेत्र में शाम करीब 5 बजे अचानक आई पंद्रह मिनट की तेज आंधी में कहीं पेड़ हाइवे पर आ गिरे तो कही छतों पर लगी शेड उड़कर बाजार में आ गिरी। इससे जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। 

सड़क व हाइवे पर कुछ समय के लिए यातायात प्रभावित रहा। गुरुआ दरियापुर मुख्य मार्ग मिडिल स्कूल के समीप पेड़ सड़क पर आ गिरे। गनीमत रही की कोई हताहत नहीं हुआ है। इससे यातायात प्रभावित हुआ। करीब आधा घंटे तक वाहन वहां से रुककर नीचे एक साइड से बचकर निकले। बाद में मौके पर पहुंची पुलिस ने टूटे पड़े को हटवाया। इसके बाद यातायात सुचारु हो सका। 

बता दू की गुरूवार की शाम करीब 5 बजे अचानक बादल उठें और तेज आंधी शुरू हो गई। तेज आंधी से बचने को लेकर इधर उधर दौड़ पड़े और भवनों का सहारा लिया। इधर, गुरुआ बाजार में दो लोगों के मकान की छत पर लगे शेड लोहे के पाइप सहित उखड़ गए और बाजार में नीचे आ गिरे। इससे दुकान के पास खड़े तीन लोग बाल बाल बचे। इसके बाद बाजार में शोर मच गया।

आंधी बंद होने पर ही लोग दुकानों से बाहर निकले। 

इससे यातायात प्रभावित हुआ। करीब आधा घंटे तक वाहन वहां से रुककर नीचे एक साइड से बचकर निकले। बाद में मौके पर पहुंची पुलिस ने टूटे पड़े को हटवाया। इसके बाद यातायात सुचारु हो सका।

रिपोर्ट: दिलीप कुमार पांडेय।

नीरा उत्पादन तथा नीरा की बिक्री का प्रतिवेदन निर्धारित समय अवधि में करें प्रस्तुत : डीएम

गया। शहर के समाहरणालय सभा कक्ष में डीएम डॉ० त्यागराजन एसएम ने जिले के जीविका के पदाधिकारियों, जीविका नीरा उत्पादक समूह, तिलकुट उत्पादक समूह, जिला उद्योग पदाधिकारी, नगर निगम क्षेत्र में प्लास्टिक बैन टीम के सदस्यों तथा फूड इंस्पेक्टर के साथ बैठक करते हुए कहा कि पिछले वर्ष जीविका द्वारा नीरा उत्पादन तथा बिक्री के क्षेत्र में काफी बेहतर कार्य किया है। 

दो हजार से ऊपर नीरा उत्पादकों को फायदा पहुंचा है। इस वर्ष और अधिक लोगों को फायदा पहुंचे इस पर विशेष कार्य योजना तैयार करें। उन्होंने कहा कि बिहार में प्लास्टिक को प्रतिबंध रखा गया है। इसलिए एनवोर्न्मेंट फ्रेंडली बनाने में बेहतर कार्य करे। बैठक में उन्होंने सभी जीविका के बीपीएम को निर्देश दिया कि नीरा उत्पादन तथा नीरा की बिक्री का प्रतिवेदन निर्धारित समय अवधि में प्रस्तुत करें। नीरा उत्पादन तथा नीरा से बनने वाले खाद्य पदार्थों का दायरा और प्रभावी बने इसके लिए अभी से ही प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ करायें। उन्होंने यह भी कहा कि जिले में छोटे-छोटे दुकानों तथा कोल्ड ड्रिंक से संबंधित दुकानों को भी नीरा के साथ टैग करें ताकि बड़े पैमाने पर नीरा की बिक्री हो सके तथा नीरा उत्पादक समूह को और बेहतर लाभ मिल सके। 

उन्होंने जिले में बड़े पैमाने पर तिलकुल उत्पादन करने वाले समूहों से राय लेते हुए उन्हें बताया कि जिस तरह गया जिला तिलकुट के लिए प्रसिद्ध माना जाता है। उसी में नीरा का तिलकुट को और बढ़ावा दे। नीरा पूरी तरह पौष्टिक आहार है। नीरा में काफी स्वास्थवर्धक मिनिरल पाए जाते हैं। तिलकुट उत्पादक को कहा कि तिलकुट के बिक्री में जो पैकेजिंग दिया जाता है उसे और बेहतर बनाएं। प्लास्टिक को कम प्रयोग करते हुए ताड़ के पत्तों से (गुथ कर) बनाए जाने वाले टोंगा ( टोकरी) को और आकर्षक बनाकर उसी में तिलकुट तथा अनरसा को पैकेजिंग करें।

तिलकुट तथा अनरसा विक्रेता समूहों को बताया कि तिलकुट तथा अनरसा को राज्य के साथ-साथ विदेशों में गया का तिलकुट और प्रसिद्ध हो इसके लिए पैकेजिंग तथा मार्केटिंग पर और अधिक प्लान तैयार करना होगा। उन्होंने जिला उद्योग पदाधिकारी को निर्देश दिया कि जिले के बड़े तिलकुट विक्रेता के साथ बैठक कर पैकेजिंग तथा मार्केटिंग को और कैसे डेवलप किया जाए, इसके लिए बैठक कर कार्य योजना तैयार करें। उन्होंने कहा कि बेहतर पैकेजिंग तैयार करने के लिए उधमी योजना के तहत लोन उपलब्ध कराते हुए जिले में पैकेजिंग यूनिट मशीन संस्थापन करवाएं।

तिलकुट विक्रेता ने बताया कि वर्तमान समय में चीन एवं गुड़ से निर्मित तिलकुट की बिक्री अधिक होती है। नीरा उत्पादन नीरा से तैयार तिलकुट भी बड़े पैमाने पर बिक्री होंगे। जिला पदाधिकारी ने कहा कि नीरा से तिलकुट निर्माण को और बढ़ावा दें। उन्होंने यह भी कहा कि जीविका के माध्यम से नीरा से तिलकुट निर्माण तथा नीरा से अन्य खाद्य पदार्थों के निर्माण हेतु प्रशिक्षण करवाया जाएगा।

    

फतेहपुर में बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए शुरू किया 10 दिवसीय प्रशिक्षण

गया/फतेहपुर। झारखंड सीमा पर बसा फतेहपुर प्रखंड के नक्सल प्रभावित क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने का एसएसबी द्वारा बहुउद्देशीय योजना शुरू की गई है। एसएसबी नागरिक कल्याण कार्यक्रम के तहत फातेहपुर प्रखंड के तीन पंचायत के 12 बेरोजगर युवाओं को चिन्हित कर स्वरोजगार से जोड़ने के लिए प्रशिक्षण दिलाने का काम गुरुवार से शुरू किया गया।

नागरिक कल्याण का कार्य ३२वीं वहिंनी सशस्त्र सीमा बल के कार्यवाहक कमांडेंट संतोष कुमार सिंह के दिशा निर्देश पर उदय कुमार एवं निर्देशक नावार्ड गया के नेतृत्व मे जी समवाय गुरपा प्रभारी निरीक्षक मोहम्द अशरफ आलम के द्वारा कराया जा रहा है। चयनित सभी बेरोजगार युवकों को ग्रामीण स्वरोजगार शिक्षण संस्थान डेल्हा गया में फ़ास्ट फ़ूड बनाने सहित अन्य पाक कला बताया जाएगा।

प्रशिक्षण ले रहे युवा फतेहपुर प्रखण्ड के नक्सल प्रभावित क्षेत्र कठौतिया केवाल, नवडीहा झरांग, दक्षिण लोधवे पंचायत के है। छात्रों को 10 दिनों का फ़ास्ट फूड प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस मौके पर सुनील कुमार, आदर्श कुमार अम्बस्ट, मनोज कुमार नाथ, नन्दलाल पांडेय, सुजीत कुमार, नीरव कुमार, राहुल कुमार एवं एसएसबी के जवान उपस्थित थे।

रिपोर्ट: राहुल कुमार।

गया पुलिस और एसटीएफ ने कई कांडों में संलिप्त हार्डकोर नक्सली को दबोचा, कई थानों में है लेवी मांगने का कांड दर्ज

गया। बिहार के गया में गया पुलिस और एसटीएफ ने कई कांडों में संलिप्त हार्डकोर नक्सली को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल किया है. इसकी जानकारी गया के एसएसपी आशीष भारती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिया है।

एसएसपी आशीष भारती ने बताया कि 9 जनवरी 2015 को डोभी थाना अंतर्गत मानसीडी गांव के पास हरि ओम कंस्ट्रक्शन के गोपालपुर से करमौनी पथ निर्माण कार्य में लगे कर्मियों के साथ मारपीट करने, दो ट्रक पर पेट्रोल डालकर आग लगा देने, ड्राइवर का मोबाइल छीन लेने तथा लेवी नहीं देने की स्थिति में काम को बंद करा देने के आरोप में अज्ञात अपराधियों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया था।

जिसका कांड संख्या 12/2015 दर्ज था। विशेष छापामारी अभियान के दौरान सूचना पर गया पुलिस और एसटीएफ की टीम ने फरार अपराधियों तथा नक्सलियों गिरफ्तारी के लिए छापामारी की गई। इसी क्रम में गुप्त सूचना के आधार पर डोभी थाना द्वारा कांड में शेष बचे एकमात्र फरार अभियुक्त सूरज देव यादव, पिता किसून यादव को एसटीएफ की मदद से गिरफ्तार किया गया है।

एसएससी आशीष भारती ने आगे बताया कि पूर्व में इस कांड में संलिप्त पांच नक्सलियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है। गिरफ्तार हार्डकोर नक्सली सूरज देव यादव गुरुआ थाना क्षेत्र के ग्राम अकोठरा का रहने वाला है। इन पर शेरघाटी, परैया आने में कई कांडों में मामला दर्ज है।

रिपोर्ट: मनीष कुमार।

गया के सुधांशु शेखर को देश के सबसे बड़े छात्र संगठन एनएसयूआई के जेएनयू प्रदेश का अध्यक्ष बनाया गया

गया। बिहार के एक गांव पहाड़पुर (फतेहपुर) के साधारण किसान परिवार से निकल कर जेएनयू तक का सफर तय करने वाले पहाड़पुर निवासी शिवालक प्रसाद के पुत्र सुधांशु शेखर को देश के सबसे बड़े छात्र संगठन एनएसयूआई के जेएनयू प्रदेश का अध्यक्ष बनाया गया।

ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के जेनरल सेक्रेटरी सह सांसद के सी वेणुगोपाल ने प्रेस रिलीज जारी कर सूचना पत्र दिया है। कैंपस में अभी जेएनयूएसयू के चुनावों की घोषणा होने वाली है और उसके मद्देनजर कांग्रेस आलाकमान का यह निर्णय अत्यंत महत्वपूर्ण है। सुधांशु शेखर की प्रारंभिक शिक्षा पहाड़पुर में ही हुई है। गया कॉलेज से इंटरमीडिएट करने के बाद उन्होंने बीएचयू से फिजिक्स ऑनर्स में बीएससी और जेएनयू से पर्यावरण विज्ञान में एमएससी की पढ़ाई की।

वर्तमान में वे पर्यावरण विज्ञान में जेएनयू से पीएचडी कर रहे हैं। साथ ही जेएनयू में 2016 से छात्र राजनीति और विश्वविद्यालय के आंदोलनों में उनकी सक्रिय भूमिका रही है। 2017-18 में उन्होंने काउंसलर एवं हेल्थ कन्वेनर के चुनाव में जीत दर्ज की और 2018-19 में एसएफसी चुने गए। कोरोना के दौरान भी दिल्ली में उन्होंने आमलोगों के लिए काफी काम किया। 

सुधांशु शेखर से बातचीत में बताया है कि उनके नेतृत्व में एनएसयूआई को मजबूती मिलेगी और वे इस संगठन को छात्रहित में नए मुकाम तक ले कर जायेंगे। सुधांशु शेखर को जेएनयू छात्रसंघ का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने पर नीतीश कुमार, हिमांशु शेखर, सूरज कुमार, प्रेम कुमार, पप्पू कुमार, जितेंद्र कुमार आदि लोगों ने एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने बधाई दिया है।