महिला आयोग की तर्ज पर बनेगा ‘राष्ट्रीय पुरुष आयोग'! जानें सुप्रीम कोर्ट क्यों पहुंचा मामला
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सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें पुरुषों के लिए राष्ट्रीय आयोग की मांग की गई है।घरेलू हिंसा के शिकार विवाहित पुरुषों द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामलों से निपटने के लिए दिशा-निर्देश और ‘राष्ट्रीय पुरुष आयोग' बनाने के अनुरोध को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है।यह याचिका वकील महेश कुमार तिवारी द्वारा दायर की गई है। याचिका में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की देश में दुर्घटनावश होने वाली मौतों के आंकड़ों का हवाला दिया है।
एनएचआरसी को कार्रवाई करने का निर्देश देने की गुहार
याचिका में एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा गया, वर्ष 2021 में दावा किया गया कि उस वर्ष पूरे देश में 1,64,033 लोगों ने आत्महत्या की। याचिका में कहा गया है कि इनमें से आत्महत्या करने वाले विवाहित पुरुषों की संख्या 81,063 थी जबकि 28,680 विवाहित महिलाएं थीं।याचिका में एनसीआरबी के रेकॉर्ड को पेश किया गया है और कहा गया है कि 33.2 फीसदी पुरुषों ने पारिवारिक समस्या के कारण और 4.8 फीसदी ने विवाह संबंधित विवाद और डोमेस्टिक वायलेंस के कारण आत्महत्या कर ली है। याचिका में कहा गया है कि पुरुषों के आत्महत्या से निपटने के लिए और घरेलू हिंसा से पीड़ित पुरुषों की शिकायत पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को कार्रवाई करने का निर्देश देने की गुहार लगाई गई है।
गृह मंत्रालय से अपील
याचिका में केंद्र को गृह मंत्रालय के जरिए पुलिस विभाग को यह निर्देश देने का अनुरोध भी किया गया है कि घरेलू हिंसा के शिकार पुरुषों की शिकायतें तत्काल स्वीकार की जाएं। याचिका में मांग की गई कि घरेलू हिंसा या पारिवारिक समस्या और विवाह संबंधी मुद्दों से पीड़ित विवाहित पुरुषों की आत्महत्या के मुद्दे पर अनुसंधान करने के लिए भारत के विधि आयोग को एक निर्देश/सिफारिश जारी करें और राष्ट्रीय जैसे मंच का गठन करने के लिए आवश्यक रिपोर्ट तैयार करें।
Mar 16 2023, 10:23