आय से अधिक संपत्ति मामले में अखिलेश यादव को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इनकार, याचिका की खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों मुलायम सिंह यादव और उनके पुत्र अखिलेश यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के आरोपों की प्रारंभिक जांच बंद करने की सीबीआइ रिपोर्ट की प्रति मांगने वाली याचिका खारिज कर दी।
संज्ञेय अपराध का नहीं मिला सबूत
सीबीआइ ने 2019 में शीर्ष अदालत को बताया था कि चूंकि मुलायम और उनके दो बेटों-अखिलेश और प्रतीक के खिलाफ संज्ञेय अपराध होने का प्रथम दृष्टया सुबूत नहीं मिला था, इसलिए इसे आपराधिक मामले में नहीं बदला गया था। सात अगस्त, 2013 के बाद मामले में कोई जांच नहीं की गई।
2013 में सीबीआइ ने बंद कर दी थी प्रारंभिक जांच
सोमवार को मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा, ‘एक मार्च, 2007 और 13 दिसंबर, 2012 के फैसले के बाद से सीबीआइ ने सात अगस्त, 2013 को अपनी प्रारंभिक जांच बंद कर दी और आठ अक्टूबर, 2013 को अपनी रिपोर्ट सीवीसी को सौंपी।
आवेदन में योग्यता न होने पर किया खारिज
यह आवेदन छह साल बाद 2019 में दाखिल किया गया। आवेदन में कोई योग्यता नहीं है और इसलिए इसे खारिज किया जाता है।’ कोर्ट ने कहा कि मुलायम का पिछले साल 10 अक्टूबर को निधन हो गया था। याची विश्वनाथ चतुर्वेदी से पूछा कि मामले में क्या बचा है। याची के वकील ने कहा कि मुलायम के खिलाफ कार्यवाही हटा दी है, पर आरोप उनके बेटों-अखिलेश और प्रतीक के खिलाफ भी हैं। इस पर पीठ ने जवाब दिया कि वह क्लोजर रिपोर्ट की प्रति के लिए आवेदन पर विचार करने को इच्छुक नहीं हैं।
Mar 14 2023, 15:57