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शिवराज सरकार ने मध्य प्रदेश में लॉन्च की ऐसी योजना जिसमें महिलाओं को मिलेंगे रुपए

डेस्क: मध्य प्रदेश में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। इन चुनावों में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर की उम्मीद जताई जा रही है। यह चुनाव अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण हैं। इनके परिणाम केवल राज्य में ही नहीं बल्कि समस्त उत्तर भारत में अपना प्रभाव डालेंगे। इसी कारण से बीजेपी और कांग्रेस चुनावों से पहले ही चुनावी मोड में आ चुकी हैं। इसी क्रम में सीएम शिवराज सिंह ने अपने जन्मदिन पर बड़ा चुनावी दांव चला है। उन्होंने चुनावों से पहले आधी आबादी को अपने पक्ष में करने के लिए सीएम लाडली बहन योजना लॉन्च की है। 

सीएम लाड़ली बहना योजना में कमजोर वर्ग की महिलाओं को आर्थिक मदद के रूप में हर महीने हजारों रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी। 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले महिला वोटरों को साधने के लिए शिवराज सिंह चौहान का यह मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घोषणा की शुरुआत भोपाल के जंबूरी मैदान से की, जहां प्रदेशभर से लाखों महिलाएं इस कार्यक्रम में शामिल होने पहुंची थी। इस योजना के जरिए कमजोर और वंचित वर्ग की महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और स्वयं सहायता के लिए हजार रुपए हर महीने दिए जाएंगे।

इस योजना के जरिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की नजर उन महिला वोटरों पर है जिनके परिवार की आमदनी ढाई लाख से कम है या जिनके परिवार में 5 एकड़ से कम जमीन है उन्हें इस योजना के तहत 1000 हर महीना मिलना है। मध्यप्रदेश में तकरीबन 5 करोड 40 लाख वोटर है, जिनमें से 2 करोड़ 60 लाख महिला वोटर है। इनमें से पात्र महिलाओं को ही इस योजना का लाभ मिलेगा। बता दें कि इससे पहले भी शिवराज सिंह चौहान लाडली लक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना जैसी योजनाएं शुरू करके मध्यप्रदेश में लाड़लियों के मामा के तौर पर पहचान बना चुके हैं। ऐसे में इस योजना से सियासी फायदे की उम्मीद बीजेपी को दिखाई दे रही है। 

किन्हे मिलेगा योजना का लाभ?

जिनकी सलाना आय ढाई लाख रुपये से कम हो।

जो केंद्र या राज्य सरकार की किसी योजना से 1000 रुपये से ज्यादा प्रतिमाह न ले रही हो।

परिवार में 5 एकड़ से ज्यादा की कृषि भूमि न हो।

परिवार से आयकर दाता न हो।

23 साल से 60 साल की उम्र के बीच की विवाहिता।

 इसके अलावा तलाकशुदा विधवा परित्यक्ता पात्र महिलाएं इस योजना ला लाभ ले सकेंगी।

जिनका परिवार सरकारी नौकरी में न हो।

जिनके परिवार में ट्रैक्टर चार पहिया वाहन न हो।

परिवार में पूर्व या वर्तमान सांसद विधायक ने हो।

जिनके परिवार का कोई सदस्य स्थानीय निकायों में निर्वाचित जनप्रतिनिधि पंच एवं उपसरपंच को छोड़कर न हो।

कितना होगा खर्च इस योजना में?

सीएम लाडली बहना योजना के लिए सरकार के महिला बाल विकास विभाग ने 2023-24 के बजट में 8 हजार करोड़ का प्रावधान किया है,वहीं सरकार अगले पांच साल में 61890 करोड़ रुपये खर्च का आंकलन कर रही है।

घटिया क्वालिटी के सामान के आयात पर रोक के लिए सरकार ने शुरू की बड़ी तैयारी

डेस्क: सरकार घटिया क्वालिटी की वस्तुओं के आयात पर रोक लगाने और घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एल्यूमीनियम, तांबे से बने उत्पादों और घरेलू बिजली उपकरणों के लिए अगले छह महीनों में कम-से-कम 58 गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) लाएगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) देश में उच्च गुणवत्ता के उत्पादों के विनिर्माण को बढ़ावा देने की कोशिश में लगा हुआ है। इसी दिशा में यह कदम उठाने की तैयारी है। 

घरेलू और विदेशी कंपनियों दोनों के लिए होंगे

डीपीआईआईटी में संयुक्त सचिव संजीव ने कहा, “सन् 1987 के बाद से अब तक सिर्फ 34 क्यूसीओ लाए गए हैं। लेकिन अब हम अगले छह महीनों में 58 क्यूसीओ लेकर आएंगे। इसका मुख्य उद्देश्य दोयम दर्जे की वस्तुओं का आयात रोकना है। ये अनिवार्य मानक घरेलू और विदेशी कंपनियों दोनों के लिए होंगे।” गुणवत्ता नियंत्रण के लिए जारी होने वाले इन आदेशों के अतर्गत 315 उत्पाद मानक होंगे। इन आदेशों के अंतर्गत, भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) चिह्न नहीं रखने वाले उत्पादों का उत्पादन, बिक्री-व्यापार, आयात और भंडारण नहीं किया जा सकेगा। 

वैश्विक बाजार भी उपलब्ध होगा 

उन्होंने कहा, “यह क्यूसीओ प्रक्रिया का पालन करने के बाद एक साल के अंदर अधिसूचित कर दिए जाएंगे।” उन्होंने कहा कि गुणवत्ता सुनिश्चित करने से घरेलू वस्तुओं के लिए वैश्विक बाजार भी उपलब्ध हो सकेगा।

दोबारा पार्टी खड़ी करने की कोशिश में जुटे उद्धव ठाकरे, वीडियो शेयर कर की ये अपील

डेस्क: महाराष्ट्र में पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह गंवा देने के बाद उद्धव ठाकरे एक बार फिर से पार्टी को खड़ी करने की कोशिश में जुट चुके हैं. इसी कड़ी में शिवसेना (उद्धव ठाकरे) ने ऐलान किया है कि उद्धव ठाकरे पूरे महाराष्ट्र का दौरा करेंगे और इस दौरे की शुरुआत होगी उस कोंकण से जहां पर ठाकरे परिवार ने कई वर्षो तक एक छत्र राज किया था। उद्धव ठाकरे आज रत्नागिरी के खेड तहसील में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। इस दौरे के लिए ठाकरे गुट की तरफ से बड़े पैमाने पर तैयारियां की गई है। पूरे कोंकण से सच्चे शिवसैनिकों को ठाकरे की रैली के लिए इकठ्ठा करने की कोशिश पार्टी कर रही है। 

ठाकरे की पहली रैली कोंकण में ही क्यों ?

पिछले 6 दशकों में शिवसेना की सियासी कामयाबी के पिछे कोंकण के मतदाताओं की बड़ी भूमिका रही है। दरअसल, मुंबई में रहने वाले शिवसेना के कट्टर मतदाता कोंकण के निवासी है। कई वर्षों पहले काम की तलाश में कई कोंकण निवासी मुंबई में आकर बस गए थे। मुंबई में रहने के दौरान कोंकण के निवासियों को होने वाली समस्या को बाल ठाकरे ने हमेशा हल किया। कोंकण के इस कामगार वर्ग को सम्मान दिलाने के लिए ठाकरे ने अपना सर्वस्व अर्पण कर दिया। 

यही वजह है कि मुंबई में जब भी चुनाव हुए तब कोंकण के मतदाताओं ने हमेशा ही ठाकरे का साथ दिया। सिर्फ मुंबई ही नहीं बल्कि कोंकण के कई गांव, तहसील और जिलों में भी कोंकणी मतदाताओं ने कई मौकों पर शिवसेना को सत्ता की चाभी सौंपी। लेकिन अब जब पार्टी अपने अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्ष कर रही है। फिर एक बार खड़ा होने की कोशिश कर रही है तब ठाकरे परिवार ने उसी निष्ठावान शिवसैनिकों की तरफ देखा है जिनके दम पर कभी ठाकरे ने सत्ता का स्वाद चखा था। 

आज शाम होगी रैली

आज शाम 5 बजे खेड तहसील के गोलीबार मैदान में उद्धव ठाकरे की जनसभा होने वाली है। ठाकरे गुट का दावा है कि, इस रैली में ठाकरे बागी एकनाथ शिंदे और बीजेपी को बेनकाब करेंगे। ठाकरे की इस रैली के पहले एक टीजर भी जारी किया गया है। इस टीजर के जरिए ठाकरे परिवार ने निष्ठावान सच्चे शिवसैनिकों को दिया नया नारा दिया गया है और साथ ही में उद्धव ठाकरे का साथ देने की अपील भी की गई है।

जो वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है। उसमें कहा गया है- 'निष्ठा मातोश्री से..ईमान भगवा से'। मैं अंगारों पर चलने के लिए तैयार हूं। क्या आप तैयार हैं। अन्याय पर वार करने वाला शिवसैनिक मुझे मेरे साथ चाहिए ना की पीठ में खंजर घोंपने वाला। आप अपना सिर्फ बाहुबल मुझे दीजिए दांत तोड़ने का काम मैं करुंगा।

शिवसैनिकों से भावुक अपील करेंगे उद्धव ठाकरे 

ठाकरे परिवार के इस नए नारे के पीछे वो रणनीति है जिसके दम पर पिछले कई वर्षों से शिवसैनिकों को पार्टी अपने साथ जुड़े हुए है। दरअसल, लाखों सच्चे शिवसैनिक उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री बंगले को मंदिर मानते हैं। क्योंकि, इसी घर में बैठकर सच्चे शिवसैनिकों के भगवान बालासाहेब ठाकरे आम जनता को इंसाफ दिलाने की रणनीति बनाते, आंदोलन का ऐलान करते और आम शिवसैनिकों से मिलते थे। लाखों शिवसैनिक मातोश्री से भावुक रूप से जुड़े हुए है और ठाकरे परिवार निष्ठावान शिवसैनिकों की इस भावना से परिचित है।

लॉरेंस बिश्नोई के शूटर्स की जेल में खूनी गैंगवार का वीडियो वायरल, दो गैंगस्टर मारे

डेस्क: देश के सबसे कुख्यात गैंगस्टर या यूं कहें देश के नए डॉन लॉरेंस बिश्नोई क्राइम कंपनी ने पंजाब की जेल में जिस खतरनाक खूनी गैंगवार को अंजाम दिया. पंजाब की जेल में हुई खूनी गैंगवार से जुड़े दो वीडियो सामने आए हैं। ये वीडियो खुद तस्दीक कर रहे हैं कि कैसे केलिफोर्निया में बैठे गोल्डी बराड़ और जेल में बन्द लॉरेंस बिश्नोई के इशारे पर पंजाब के तरनतारन की गोईदबाल जेल में गैंगवार को अंजाम दिया गया और दो गैंगस्टर को मौत के घाट उतार दिया गया।

जग्गु भगवनपुरिया के शूटर्स को जेल में ही मारा

गौर करने वाली बात ये है कि सिद्धू मुसेवाला के हत्यारे पंजाब की जेल में धड़ल्ले से मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस गैंगवार मे जिन दो गैंगस्टर की हत्या की गई वो दोनो कभी लॉरेंस बिश्नोई के हम-प्याला, हम-निवाला रहे जग्गु भगवनपुरिया के शूटर्स थे। लेकिन जग्गु की लॉरेंस बिश्नोई क्राइम कंपनी से बगावत के बाद गोल्डी बराड़ और लॉरेंस के इशारे पर जग्गू के इन दोनों शुटर्स मनमोहन मोना और मंदीप तूफान की जेल में हत्या कर दी गई थी।

मुसेवाला हत्याकांड के आरोपी ने जेल से बनाया वीडियो 

पंजाब की जेल में कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाते हुए वीडियो सामने आए हैं। इसमें सिद्धु मुसेवाला हत्याकांड का आरोपी शूटर्स सचिन भिवानी सरेआम मोबाइल पर जेल के अंदर से गैंगवार खत्म होते ही एक वीडियो बना रहा है। हैरानी की बात है कि मुसेवाला के हत्यारों तक जेल में मोबाइल फोन पहुंच गया। इस वीडियो में सचिन भिवानी ने कहा, "ये जग्गू के बन्दे थे, बदमाशी इन्हें दिखा दी हमने।" इस वीडियो में सिंधू मुसेवाला हत्याकांड का एक और शुटर्स आरोपी कुलदीप कहता है, "ये जो जग्गू को भगवान मानते थे न, इन्हें देखो क्या किया इसके साथ।"

वीडियो ने जेल प्रशासन की खोली पोल 

इसके बाद दो पुलिसकर्मी जेल स्टाफ कुछ कहते नजर आ रहे हैं और पीछे से आवाज आ रही है कि यह तूफान है। हत्या के चंद मिनिट बाद बकायदा मोबाइल से वीडियो बनाकर गोल्डी-लॉरेंस के यह शूटर्स हत्याकांड की जिम्मेदारी ले रहे हैं। ये सनसनीखेज वीडियो जेल प्रशासन के ऊपर बेहद गभीर सवाल खड़े कर रहा है।

जग्गू के शूटर्स की मौत का मना रहे जश्न

ऐसे ही एक दूसरे वीडियो में सचिन भिवानी के साथ जेल में हत्याकांड को अंजाम देने के बाद मूसेवाला हत्याकांड के बाकी आरोपी भी नजर आ रहे हैं। ये सभी मनमोहन मोना और मनदीप तूफान की मौत का जश्न मना रहे हैं और गाली दे रहे हैं। इस वीडियो में सचिन भिवानी के साथ कैप में दिख रहा है, मुसेवाला हत्याकांड के आरोपी अंकित सिरसा, कुलदीप, दीपक मुंडी।

सचिन भिवानी और बाकी शूटर्स को किया गया शिफ्ट

बता दें कि जेल में हुए इस खूनी कांड के बाद सचिन भिवानी और मुसेवाला के बाकी शूटर्स को पंजाब की दूसरी जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। गोल्डी बराड़ ने जेल में हुई इस गैंगवार के बाद एक पोस्ट शेयर कर इसकी जिम्मेदारी भी ली थी और जग्गू भगवनपुरिया से बदला लेने की बात भी कही, जिसका पलटवार करते हुए बमबीहा गैंग ने भी जग्गू के स्पोर्ट में एक पोस्ट शेयर कर गोल्डी-लॉरेंस को धमकी दी थी।

भारत ने रूस से अब तक खरीदा रिकॉर्ड तेल, पश्चिमी प्रतिबंधों की योजना विफल

डेस्क: यूक्रेन पर हमले का दोषी ठहराते हुए पश्चिमी देशों की ओर से रूस पर लगाए गए हजारों प्रतिबंधों के बावजूद पुतिन का हौसला डिगा नहीं है। इसकी एक वजह भारत भी है। जब पश्चिमी देशों ने रूस के कच्चे तेल पर प्राइस कैप लगाया तो यह माना जा रहा था कि इससे उसकी आर्थिक स्थिति बुरी तरह बर्बाद हो जाएगी। 

तेल और प्राकृतिक गैस रूस के डिपो में पड़े-पड़े खराब हो जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अकेले भारत ने रूस से अब तक इतना तेल खरीद डाला कि जिसकी कल्पना स्वयं पुतिन ने भी नहीं की रही होगी। भारत के इस कदम के चलते पश्चिमी देशों की प्राइस कैप और अन्य प्रतिबंधों की योजना विफल साबित होने लगी है।

आंकड़ों के मुताबिक भारत का रूस से कच्चे तेल का आयात फरवरी में बढ़कर रिकॉर्ड 16 लाख बैरल प्रतिदिन हो गया है जो उसके परंपरागत आपूर्तिकर्ताओं इराक एवं सऊदी अरब के संयुक्त तेल आयात से भी अधिक है। तेल के आयात-निर्यात पर नजर रखने वाली संस्था वर्टेक्सा ने बताया कि भारत जितनी मात्रा में तेल आयात करता है उसकी एक तिहाई से अधिक आपूर्ति अकेले रूस ने की है और वह लगातार पांचवे महीने भारत को कच्चे तेल का इकलौता सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बना हुआ है। 

रूस और यूक्रेन के बीच फरवरी 2022 में युद्ध शुरू होने से पहले तक भारत के तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी एक फीसदी से भी कम होती थी। लेकिन पिछले महीने फरवरी में यह 35 फीसदी बढ़कर 16.20 लाख बैरल प्रतिदिन हो गई। रूस से भारत का आयात बढ़ने का असर सऊदी अरब और अमेरिका से होने वाले तेल आयात पर पड़ा है।

भारत कहां से कितना तेल आयात करता है

सऊदी अरब से आयात किया जाने वाला तेल मासिक आधार पर 16 फीसदी घट गया जबकि अमेरिका से होने वाले तेल आयात में 38 फीसदी की कमी आई है। वर्टेक्सा के मुताबिक, अब रूस से भारत जितना तेल आयात करता है वह दशकों से उसके आपूर्तिकर्ता रहे इराक और सऊदी अरब से किए जाने वाले कुल आयात से भी अधिक है। इराक ने फरवरी के महीने में 9,39,921 बैरल प्रतिदिन तेल की आपूर्ति की जबकि सऊदी अरब ने 6,47,813 बैरल प्रतिदिन की आपूर्ति की। यह बीते 16 महीनों में इराक और सऊदी अरब से हुई सबसे कम आपूर्ति है। 

फरवरी, 2023 में संयुक्त अरब अमीरात ने भारत को 4,04,570 बैरल प्रतिदिन की आपूर्ति कर अमेरिका को पीछे छोड़ दिया। अमेरिका ने 2,48,430 बैरल तेल प्रतिदिन की आपूर्ति की जो जनवरी की आपूर्ति 3,99,914 बैरल प्रतिदिन से कम है। वर्टेक्सा की प्रमुख (एशिया-प्रशांत विश्लेषण) सेरेना हुआंग ने कहा, ‘‘रूस से आने वाले सस्ते कच्चे तेल के शोधन से भारतीय तेलशोधक कंपनियों को अधिक मार्जिन मिल रहा है। आने वाले समय में भी यह सिलसिला बने रहने की उम्मीद है।’’ रूस यूक्रेन पर हमले के बाद से पश्चिमी देशों की तरफ से लगाई गई आर्थिक पाबंदियों से निपटने के लिए इस समय भारत को रिकॉर्ड मात्रा में कच्चे तेल की बिक्री कर रहा है।

इंडियन नेवी ने जहाज से किया ब्रह्मोस का परीक्षण, अरब सागर में मिसाइल ने साधा सटीक निशाना, दो महीने पहले सुखोई से भी हुआ था सफल

इंडियन नेवी ने अरब सागर में अपने जहाज से ब्रह्मोस का सफल परीक्षण किया है। DRDO द्वारा डिजाइन बूस्टर के साथ ब्रह्मोस मिसाइल ने अरब सागर में टारगेट पर सटीक निशाना साधा। मिसाइल का परीक्षण कोलकाता के बैटलशिप से किया गया। मिसाइल में स्वदेशी सामग्री बढ़ाने पर ब्रह्मोस एयरोस्पेस लगातार काम कर रहा है।

मिसाइल के परीक्षण का ये फाइल फुटेज इंडियन एयरफोर्स से अपने अकाउंट से जारी किया था।

इंडियन एयरफोर्स ने दिसंबर 2022 में बंगाल की खाड़ी में ब्रह्मोस एयर लॉन्च मिसाइल का सफल परीक्षण किया। यह 400 किलोमीटर तक के टारगेट को निशाना बना सकती है। वायु सेना ने अपने ऑफिशियल बयान में कहा- इस मिसाइल को सुखोई Su-30 फाइटर एयरक्राफ्ट से टेस्ट किया गया। रक्षा विभाग ने बताया कि टेस्ट के दौरान मिसाइल ने टारगेट की गई शिप को बीचोंबीच मारा। यह मिसाइल के एयर-लॉन्च वर्जन का एंटी-शिप वर्जन है।

ब्रह्मोस को भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और रूस के फेडरल स्टेट यूनिटरी इंटरप्राइज NPOM के बीच साझा समझौते के तहत विकसित किया गया है। ब्रह्मोस एक मध्यम श्रेणी की स्टील्थ रैमजेट सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल है। इस मिसाइल को जहाज, पनडुब्बी, एयरक्राफ्ट या फिर धरती से लॉन्च किया जा सकता है।

रक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, ब्रह्मोस का नाम भगवान ब्रह्मा के ताकतवर शस्त्र ब्रह्मास्त्र के नाम पर दिया गया। हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स में ये भी दावा है कि इस मिसाइल का नाम दो नदियों भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मोस्कवा नदी के नाम पर रखा गया है। ऐसा माना जाता है कि ये एंटी-शिप क्रूज मिसाइल के रूप में दुनिया में सबसे तेज है।

ब्रह्मोस

ब्रह्मोस एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जिसे पनडुब्बी, शिप, एयरक्राफ्ट या जमीन कहीं से भी छोड़ा जा सकता है।

ब्रह्मोस रूस की P-800 ओकिंस क्रूज मिसाइल टेक्नोलॉजी पर आधारित है। इस मिसाइल को भारतीय सेना के तीनों अंगों, आर्मी, नेवी और एयरफोर्स को सौंपा जा चुका है।

ब्रह्मोस मिसाइल के कई वर्जन मौजूद हैं। ब्रह्मोस के लैंड-लॉन्च, शिप-लॉन्च, सबमरीन-लॉन्च एयर-लॉन्च वर्जन की टेस्टिंग हो चुकी है।

जमीन या समुद्र से दागे जाने पर ब्रह्मोस 290 किलोमीटर की रेंज में मैक 2 स्पीड से (2500किमी/घंटे) की स्पीड से अपने टारगेट को नेस्तनाबूद कर सकती है।

पनडुब्बी से ब्रह्मोस मिसाइल को पानी के अंदर से 40-50 मीटर की गहराई से छोड़ा जा सकता है। पनडुब्बी से ब्रह्मोस मिसाइल दागने की टेस्टिंग 2013 में हुई थी।

क्रूज और बैलेस्टिक मिसाइल में अंतर 

मिसाइल एक गाइडेड हवाई रेंज वाला हथियार है जो आमतौर पर जेट इंजन या रॉकेट मोटर से खुद उड़ान भरने में सक्षम होता है। मिसाइलों को गाइडेड मिसाइल या गाइडेड रॉकेट भी कहा जाता है। सीध शब्दों में कहें तो मिसाइल का मतलब है किसी विस्फोटक को किसी टारगेट की ओर फेंकना ,दागना या भेजना। मिसाइल मोटे तौर दो प्रकार की होती हैं। क्रूज मिसाइल और बैलेस्टिक मिसाइल।

क्रूज मिसाइल

क्रूज मिसाइल एक तरह की मानवरहित सेल्फ गाइडेड मिसाइल है। यह मिसाइल तेज रफ्तार विमानों की तरह जमीन काफी करीब उड़ान भरती हैं। इसके लिए उनके नेविगेशन सिस्टम में रास्ते की निशानदेही फीड की जाती है। इसलिए ही इन्हें क्रूज मिसाइल का नाम दिया गया है।

यह जेट इंजन टेक्नोलॉजी की मदद से पृथ्वी के वायुमंडल के भीतर उड़ान भरती हैं। इनकी स्पीड बहुत तेज होती है।

क्रूज मिसाइलों को क्षमता के हिसाब से सबसॉनिक, सुपरसॉनिक और हाइपर सॉनिक क्रूज मिसाइलों में बांट सकते हैं। उदाहरण के लिए भारत की ब्रह्मोस सुपरसॉनिक मिसाइल है और ब्रह्मोस 2 हाइपरसॉनिक मिसाइल है।

क्रूज मिसाइल जमीन से काफी कम, महज 10 मीटर की, ऊंचाई पर ही उड़ान भरती है। क्रूज मिसाइल पृथ्वी की सतह के समानांतर चलती हैं और उनका निशाना एकदम सटीक होता है।

कम ऊंचाई पर उड़ने की वजह से ही यह रडार की पकड़ में नहीं आती हैं। इन्हें जमीन, हवा, पनडुब्बी और युद्धपोत कहीं से भी दागा जा सकता है।

क्रूज मिसाइल आकार में बैलेस्टिक मिसाइल से छोटी होती हैं और उन पर हल्के वजन वाले बम ले जाए जाते हैं। क्रूज मिसाइलों का यूज पारंपरिक और परमाणु बम दोनों के लिए होता है।

बैलिस्टिक मिसाइल

ये मिसाइल छोड़े जाने के बाद तेजी से ऊपर जाती है और फिर गुरुत्वाकर्षण की वजह से तेजी से नीचे आते हुए अपने टारगेट को हिट करती है।

बैलेस्टिक मिसाइल को बड़े समुद्री जहाज या फिर रिर्सोसेज युक्त खास जगह से छोड़ा जाता है। भारत के पास पृथ्वी, अग्नि और धनुष नामक बैलिस्टिक मिसाइलें हैं।

बैलिस्टिक मिसाइलें साइज में क्रूज मिसाइलों से बड़ी होती हैं। ये मिसाइलें क्रूज की तुलना में ज्यादा भारी वजन वाले बम ले जा सकती हैं।

बैलिस्टिक मिसाइल छोड़े जाने के बाद हवा में एक अर्धचंद्राकर रास्ते पर चलती। जैसे ही रॉकेट से उनका संपर्क टूटता है, उनमें लगा बम गुरुत्वाकर्षण की वजह से जमीन पर गिरता है।

इन मिसाइलों को छोड़े जाने के बाद उनका रास्ता नहीं बदला जा सकता है।

बैलिस्टिक मिसाइलों का यूज आमतौर पर परमाणु बमों को ले जाने के लिए होता है, हालांकि इसने पारंपरिक हथियार भी ले जाए जा सकते हैं।

भारत-चीन सीमा विवाद के बीच रक्षा मंत्रालय ने प्रलय मिसाइल को चीन और पाकिस्तान से लगी बॉर्डर पर तैनात करने का फैसला किया है। रविवार को मंत्रालय ने आर्म्ड फोर्सेज के लिए 120 प्रलय बैलिस्टिक मिसाइल खरीदने की परियोजना को मंजूरी दे दी है। ये पहली बार होगा, जब किसी बैलिस्टिक मिसाइल को स्ट्रैटेजिक कैंपेन के तहत तैनात किया जाएगा।

विपक्षी नेताओं की PM मोदी को लिखी गई चिट्ठी पर भाजपा ने किया पलटवार, कहा- विक्टिम कार्ड खेल रही है आप

 आबकारी नीति मामले में मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी को लेकर सिसायत तेज हो गई है। ममता बनर्जी, केजरीवाल और अखिलेश यादव समेत 9 विपक्षी नेताओं द्वारा PM मोदी को चिट्ठी लिखी गई है। इस पर अब भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने विपक्ष पर पलटवार किया है।

भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी (AAP) मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के मामले में पीड़ित कार्ड खेल रही है। उन्होंने AAP से पूछा है कि दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री को राहत नहीं देकर क्या अदालत मानसिक रूप से परेशान कर रही है।

'भ्रष्टाचार की रक्षा करने वाली पार्टी बन गई है AAP' : शहजाद पूनावाला

शहजाद पूनावाला ने आप पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि एक आम आदमी पार्टी एक ऐसी पार्टी में बदल गई है, जो 'इंडिया अगेंस्ट करप्शन' आंदोलन से उठी थी, लेकिन अब भ्रष्टाचार की रक्षा करने वाली और जश्न मनाने वाली पार्टी बन गई है। उन्होंने कहा यह उस राजनीतिक दल का पूर्ण परिवर्तन है, जिसने भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत के रूप में अपनी यात्रा शुरू की थी। आज वे भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई और भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई को मानसिक उत्पीड़न के रूप में मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्या अदालत भी मानसिक रूप से सिसोदिया को प्रताड़ित नहीं कर रही है।

AAP को देना चाहिए जवाब

भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने एएनआइ से बात करते हुए कहा AAP को आबकारी नीति मामले से संबंधित सवालों का जवाब देना चाहिए। जो लोग आज इस तरह के भ्रष्टाचार में लिप्त होकर दिल्ली के लोगों के उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार हैं, वह यह बताए कि शरब घोटाला क्यों किया गया। बता दें कि भाजपा नेता की ये टिप्पणी सिसोदिया की गिरफ्तारी के संबंध में अरविंद केजरीवाल और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र के जवाब में आई है।

सुधांशु त्रिवेदी और कपिल मिश्रा ने विपक्ष पर उठाए सवाल

इसके अलावा भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने आप पर हमला बोला। उन्होंने कहा आप सदस्यों का कहना था कि भ्रष्टाचार के आरोपों के मामले में इस्तीफा देना पहला कदम होना चाहिए और बाद में जांच की जानी चाहिए और आज वे जांच एजेंसियों को नकार रहे हैं और धमकी दे रहे हैं। साथ ही कपिल मिश्रा ने कहा मनीष सिसोदिया को बचाने के लिए कई विपक्ष के नेताओं ने लेटर लिखा है, ऐसा ही एक लेटर कसाब को बचाने के लिये भी लिखा गया था। जब ऐसे लेटर आने लगे मतलब अपराध पक्का है, अब बचाने की हड़बड़ाहट है।

पूर्व पाक जनरल ने दिया सनसनीखेज बयान, कहा- 'हुक्मरानों की 'डर्टी पॉलिटिक्स' ने पाकिस्तान को बर्बाद कर दिया'

डेस्क: पाकिस्तान को वहां के हुक्मरानों की 'गंदी' राजनीति ने बर्बाद करके रख दिया, ये बात तो हर ​पाकिस्तानी कहता है। सोशल मीडिया पर कई लोगों को इस तरह बोलते देखा है। यहां तक​ कि सत्ता से बेदखल होने वाली सरकार के राजनेताओं ने भी सत्तारूढ़ पार्टियों के लिए यह शब्द इस्तेमाल किए हैं। ऐसी बातों का लंबा इतिहास रहा है। इन सबके बीच पूर्व पाकिस्तानी जनरल हारून असलम ने एक बड़ा बयान दिया है, जिससे पाकिस्तान में सियासी हलचल मच गई है।

पूर्व पाकिस्तानी जनरल ने असैन्य-सैन्य असंतुलन के लिए राजनीतिक नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया। पाकिस्तान के पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल हारून असलम ने कहा है कि वह पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के उस संकल्प को अधिक महत्व नहीं देते कि सेना देश की राजनीति से बाहर रहेगी और उन्होंने असैन्य-सैन्य असंतुलन को बढ़ाने के लिए राजनीतिक नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया। 

हुक्मरानों ने सैन्य जनरलों पर इतनी 'कृपा' क्यों बरसाई?

असलम ने शनिवार को लंदन में लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स द्वारा आयोजित फ्यूचर ऑफ पाकिस्तान कांफ्रेंस में एक सेशन को संबोधित किया। पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’ ने असलम के हवाले से कहा कि इमरान खान ने जनरल बाजवा को सेवा विस्तार क्यों दिया? आसिफ अली जरदारी ने जनरल अश्फाक परवेज कियानी को सेवा विस्तार क्यों दिया? मेरा मानना है कि सेना को तटस्थ रहना चाहिए और राजनीति में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए लेकिन याद रखिए कि आप इसे बंद नहीं कर सकते।

पाकिस्तान की पॉलिटिकल लीडरशिप देश बर्बादी के लिए जिम्मेदार

उन्होंने सेना को राजनीति में हस्तक्षेप करने देने के लिए पाकिस्तान के राजनीतिक नेतृत्व को भी जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि सेना हस्तक्षेप करने की कोशिश नहीं कर रही थी बल्कि असैन्य घटक ने सेना को महत्व दिया। सेवानिवृत्त जनरल बाजवा की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि मैं इसे महत्व नहीं देता हूं। उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया और फिर आखिर में यह कहा। एक निवर्तमान प्रमुख क्या कहता है इसका कोई महत्व नहीं है।

सैन्य असैन्य असंतुलन के लिए इमरान खान की आलोचना की

उन्होंने असैन्य-सैन्य असंतुलन बढ़ाने के लिए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ प्रमुख इमरान खान एवं अन्य असैन्य नेताओं की आलोचना की। बहरहाल, वुडरॉ विल्सन सेंटर के शोधार्थी माइकल कुगेलमैन ने असैन्य नेतृत्व का बचाव किया। उन्होंने कहा, तटस्थ सेना तभी संभव है जब नेता यह फैसला कर लें कि उन्हें सेना के साथ काम करने की आवश्यकता नहीं है लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण रूप से नेताओं के पास अक्सर कोई विकल्प नहीं होता। उनके और सेना के बीच अच्छे संबंध बनाए रखने की इच्छा होती है।

यूपी पुलिस ने जारी की सोशल मीडिया पॉलिसी, वर्दी में ‘रील्स’ बनाने वाले पुलिसवालों की खैर नहीं

डेस्क: उत्तर प्रदेश पुलिस ने बुधवार को अपने कर्मचारियों के लिए नई सोशल मीडिया पॉलिसी जारी की। यूपी पुलिस द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि पुलिसकर्मियों द्वारा वर्दी में 'अशोभनीय' वीडियो बनाकर सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर अपलोड करने से विभाग की छवि धूमिल हुई है, इसलिए भविष्य में इसे रोकने के लिए सोशल मीडिया पॉलिसी बनाई गई है। पुलिस विभाग द्वारा जारी इस पॉलिसी में साफ शब्दों में सोशल मीडिया पर प्रतिबंधित गतिविधियों के बारे में जानकारी दी गई है।

नई पॉलिसी में रील्स बनाने पर कई प्रतिबंध लगे

पॉलिसी में सरकारी कार्य के दौरान सोशल मीडिया का व्यक्तिगत प्रयोग प्रतिबंधित किया गया है। साथ ही ड्यूटी के दौरान अपने कार्यालय एवं कार्यस्थल पर वर्दी में वीडियो/रील्स इत्यादि बनाने अथवा किसी भी कर्मचारी द्वारा अपने व्यक्तिगत सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म पर लाइव टेलीकास्ट करने से मना किया गया है। ड्यूटी के बाद भी वर्दी में किसी भी प्रकार की ऐसी वीडियो अथवा रील्स इत्यादि जिससे पुलिस की छवि धूमिल होती हो, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड करना प्रतिबंधित किया गया है।

सोशल मीडिया मोनेटाइजेशन के लिए लेनी होगी इजाजत

सोशल मीडिया पॉलिसी के मुताबिक, थाना/पुलिस लाइन/दफ्तर इत्यादि के निरीक्षण एवं पुलिस ड्रिल/फायरिंग में भाग लेने का लाइव टेलीकास्ट एवं कार्यवाही से सम्बन्धित वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करना भी प्रतिबंधित है। साथ ही अपने कार्यस्थल से सम्बन्धित किसी वीडियो/रील्स इत्यादि के जरिये शिकायतकर्ता से बातचीत का लाइव टेलीकास्ट/वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड करने की मनाही है। पुलिस कर्मचारियों को सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से पैसे कमाने के लिए सरकार से इजाजत लेनी होगी।

सोशल मीडिया पर ये चीजें करने पर कोई प्रतिबंध नहीं

सोशल मीडिया पर पुलिसकर्मियों को सामान्य नागरिक के रूप में वे सभी चीजें करने की आजादी रहेगी, जिसकी इजाजत उन्हें सरकारी नौकरी से जुड़े नियम देते हैं। पुलिस कर्मचारी सोशल मडिया पर अपनी अभिव्यक्ति के बारे में ‘निजी विचार’ का डिस्क्लेमर लगाकर पोस्ट वगैरह डाल सकते हैं। पुलिसकर्मियों द्वारा ‘सोशल मीडिया पॉलिसी’ के निर्देशों का पालन नहीं किये जाने की स्थिति में नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करने की बात कही गई है।

delhi IGI Airport: एयरपोर्ट पर विमान के शौचालय से दो करोड़ का सोना बरामद, बाथरूम के सिंक में चिपका था पाउच


दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विमान के शौचालय से लगभग 2 करोड़ रुपये मूल्य की चार सोने की छड़ें रविवार को बरामद की गई हैं। उड़ान की छानबीन के दौरान सीमा शुल्क अधिकारियों ने वाशरूम में सिंक के नीचे टेप से चिपका हुआ एक ग्रे पाउच बरामद किया है।

ग्रे पाउच में चार गोल्ड बार्स थे जिनका कुल वजन लगभग 3969 ग्राम था। अधिकारियों ने बताया कि सोने की चार छड़ें जब्त कर ली गई हैं और आगे की जांच चल रही है।