Feb 27 2023, 13:23
“आप” के लिए कितने “खास” थे सिसोदिया, जेल जाने के बाद केजरीवाल की कितना बढ़ेगी परेशानी?
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दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सीबीआई के शिकंजे में हैं। सीबीआई ने सिसोदिया को दिल्ली की शराब नीति में कथित घोटाले के आरोपों की जांच करते हुए गिरफ़्तार किया है। अब इस हालात में एक बड़ा सवाल ये है कि सीबीआई की इस कार्रवाई से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उनकी आम आदमी पार्टी और पार्टी की सियासत पर क्या असर पड़ेगा?
बजट कौन पेश करेगा?
डिप्टी-सीएम मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल के सामने सबसे बड़ा सवाल है, बजट कौन पेश करेगा? मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी से दिल्ली सरकार की ओर से अगले माह में पेश होने वाले बजट पर असर पड़ सकता है। 2015 मेंआप की सरकार बनने के बाद से ही सिसोदिया हर साल बजट पेश करते आ रहे हैं। ऐसे में केजरीवाल के लिए फौरी तौर पर दिल्ली सरकार का बजट निर्धारित तरीके से पेश करना बड़ा चैलेंज हो सकता है। पिछले दिनों ही जब सीबीआई ने सिसोदिया को पूछताछ के लिए बुलाया था तो उन्होंने बजट के नाम पर सीबीआई से कुछ दिनों की मोहलत भी मांगी थी। चूंकि कई विभाग सिसोदिया के पास ही है ऐसे में बजट बनाना और कल्याणकारी योजनाओं को उसमें शामिल करना पूरी दिल्ली सरकार के लिए आसान नहीं होगा। इस बीच, समाचार एजेंसी पीटीआई को आप सूत्रों ने बताया कि राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत अगले वित्त वर्ष के लिए दिल्ली सरकार का बजट पेश कर सकते हैं।
आप सरकार की कई महत्वाकांक्षी योजनाओं पर पड़ सकता है असर
सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि सिसोदिया अहम मंत्रालयों को संभाल रहे हैं। सत्येंद्र जैन की गिरफ़्तारी के बाद से सिसोदिया दिल्ली सरकार के 33 में से 18 विभागों की ज़िम्मेदारी संभाल रहे थे। इनमें शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य और लोक कल्याण से लेकर गृह जैसे अहम मंत्रालय शामिल हैं। दिल्ली सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, कुल 33 विभाग में से स्वास्थ्य, शिक्षा, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), सेवा, वित्त, बिजली, गृह और शहरी विकास सहित 18 मौजूदा डिप्टी-सीएम के पास हैं। वह बाकी विभागों के प्रभारी भी हैं, जो खास तौर पर किसी मंत्री को नहीं दिए गए हैं। ऐसे में अगर वे लंबे समय तक न्यायिक हिरासत में रहते हैं तो आप सरकार की कई महत्वाकांक्षी योजनाओं पर असर पड़ सकता है।
सिसोदिया के कामों का बंटवारा एक बड़ी चुनौती
सिसोदिया सीएम के सबसे खास, नजदीकी और मंझे हुए सियासी चेहरा माने जाते हैं। तभी तो 18 मंत्रालयों की जिम्मेदारी सिसोदिया के कंधों पर थी। अब केजरीवाल के लिए सरकार का काम चलाना एक समस्या बन सकती है। पार्टी के सामने एक बड़ी चुनौती सिसोदिया को दिए गए काम के बंटवारे की होगी। नियमों के मुताबिक़, दिल्ली सरकार में एक वक़्त में अधिकतम सात मंत्री रह सकते हैं जिनमें मुख्यमंत्री पद भी शामिल है।इस समय दिल्ली सरकार के दो शीर्ष मंत्री सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया जेल में हैं। ऐसे में सरकार चलाने का दारोमदार अरविंद केजरीवाल, कैलाश गहलोत, राज कुमार आनंद, गोपाल राय और इमरान हुसैन पर है। वैसे, गहलोत छह पोर्टफोलियो देख रहे हैं, जिसमें परिवहन और राजस्व शामिल हैं। आनंद के पास चार, राय के पास तीन और हुसैन के पास केवल दो हैं।
पार्टी की सियासत पर होगा असर
सिसोदिया को ऐसे समय पर गिरफ़्तार किया गया है जब अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव भी करीब है। ऐसे में पार्टी के चुनावी प्लान को भी सिसोदिया के जेल में होने से झटका लग सकता है। केजरीवाल थर्ड फ्रंट की कोशिश करते दिखे हैं। लेकिन अब उन्हें सरकार पर ज्यादा ध्यान देना होगा। 2023 में ही कई राज्यों में चुनाव होने हैं। केजरीवाल आगामी हफ्तों में कर्नाटक, छत्तीसगढ़, राजस्थान, एमपी जाने वाले हैं, लेकिन इस स्थिति में चुनौतियां बढ़ने वाली हैं।
Feb 27 2023, 19:22