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अमीरों की सूची में अब 30वें स्थान पर अडाणी, कंपनियों का मूल्यांकन इतने लाख करोड़ रुपये घटाl

डेस्क: सिर्फ एक महीने पहले गौतम अडाणी की गिनती दुनिया के तीसरे सबसे अमीर शख्स के रूप में होती थी लेकिन अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की नकारात्मक रिपोर्ट आने के बाद उनकी अगुवाई वाले समूह के शेयरों में इस कदर बिकवाली हुई कि अब वह सबसे अमीर लोगों की सूची में 30वें स्थान पर आ गए हैं। बंदरगाह, हवाई अड्डा, खाद्य तेल, बिजली, सीमेंट और डेटा केंद्र जैसे तमाम क्षेत्रों में कारोबारी दखल रखने वाले अडाणी समूह के शेयरों में बीते एक महीने में भारी बिकवाली हुई है। आंकड़े बताते हैं कि अडाणी समूह की 10 कंपनियों के सम्मिलित बाजार मूल्यांकन में इस दौरान 12.06 लाख करोड़ रुपये की भारी-भरकम गिरावट आ चुकी है। 

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट 24 जनवरी को प्रकाशित हुई थी 

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट 24 जनवरी को प्रकाशित हुई थी जिसमें अडाणी समूह पर शेयरों के दाम बढ़ाने में हेराफेरी और फर्जी विदेशी कंपनियों का इस्तेमाल करने के गंभीर आरोप लगाए गए थे। हालांकि, अडाणी समूह ने इन आरोपों को झूठा एवं आधारहीन बताते हुए उन्हें खारिज कर दिया था। अडाणी समूह की तरफ से दिए गए तमाम स्पष्टीकरण के बाद भी इसके शेयरों में गिरावट का सिलसिला लगातार जारी है। सर्वाधिक नुकसान अडाणी टोटल गैस लिमिटेड को हुआ है जिसके बाजार मूल्यांकन में 80.68 प्रतिशत की बड़ी गिरावट हो चुकी है। इसी तरह अडाणी ग्रीन एनर्जी का मूल्यांकन 74.62 प्रतिशत घट गया है। अडाणी ट्रांसमिशन के बाजार मूल्य में 24 जनवरी से अबतक 74.21 प्रतिशत की गिरावट आई है। वहीं समूह की मुख्य कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज का मूल्यांकन करीब 62 प्रतिशत तक गिर चुका है। 

अडाणी की संपत्ति 40 अरब डॉलर से भी कम हुआ 

अडाणी पावर और अडाणी विल्मर के अलावा इसकी सीमेंट कंपनियों अंबुजा सीमेंट्स एवं एसीसी के बाजार पूंजीकरण में भी इस दौरान गिरावट दर्ज की गई है। इसके साथ ही मीडिया कंपनी एनडीटीवी और अडाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड को भी मूल्यांकन में खासा नुकसान हुआ है। अगर गौतम अडाणी की व्यक्तिगत पूंजी की बात करें तो उनका मूल्यांकन 120 अरब डॉलर से घटकर 40 अरब डॉलर से भी कम रह गया है। इस तरह उनके व्यक्तिगत मूल्यांकन में 80 अरब डॉलर यानी दो-तिहाई की गिरावट आ चुकी है। 

मुकेश अंबानी फिर से देश के सबसे अमीर व्यक्ति 

अडाणी की संपत्ति में गिरावट आने के साथ ही रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी फिर से देश के सबसे धनी आदमी बन गए हैं। अंबानी 81.7 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ दुनिया के 10वें सबसे अमीर शख्स हैं। अमेरिका के पूर्व वित्त मंत्री और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के पूर्व अध्यक्ष लैरी समर्स ने हाल ही में अडाणी प्रकरण की तुलना एनरॉन मामले से करते हुए कहा था कि यह भारत का एनरॉन प्रकरण बन सकता है। वर्ष 2001 में अमेरिकी कंपनी एनरॉन कॉरपोरेशन पर राजस्व बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने के आरोप लगने के बाद उसके शेयरों में भारी गिरावट आई थी। 

गलत तरीके अपनाने के आरोप

हिंडनबर्ग रिसर्च ने भी अपनी निवेश शोध रिपोर्ट में अडाणी समूह पर शेयरों के भाव चढ़ाने के लिए गलत तरीके अपनाने के आरोप लगाए हैं। उसके आरोपों के मूल में यह है कि अडाणी समूह के अधिकारियों या परिवार के सदस्यों का उन फर्मों पर किसी तरह का नियंत्रण है जो समूह की कंपनियों का स्वामित्व रखती हैं। मसलन, मॉरीशस में गठित ओपल इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड की अडाणी पावर में 4.69 प्रतिशत हिस्सेदारी है। 

आरोप है कि ओपल इन्वेस्टमेंट का गठन ट्रस्टलिंक इंटरनेशनल लिमिटेड ने किया था जिसके ताल्लुक अडाणी परिवार से रहे हैं। हालांकि, अडाणी समूह ने 27 जनवरी को कहा था कि ओपल की तरफ से खरीदे जाने वाले शेयरों पर उसका कोई नियंत्रण नहीं होता है।

संजय राउत ने AIMIM चीफ पर किया पलटवार, कहा- "ओवैसी और बीजेपी राम-श्याम की जोड़ी”

डेस्क: उद्धव ठाकरे की शिवसेना के नेता और सांसद संजय राउत ने 'असदुद्दीन ओवैसी पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि 'राम-श्याम की जोड़ी तो भाजपा और ओवैसी को कहना चाहिए। लोग कहते हैं कि ओवैसी साहब की पार्टी भाजपा की 'बी'-टीम है, वोट कटवा मशीन है। उन्होंने ओवैसी पर निशाना साधते हुए कहा कि 'वे तो जहां भी बीजेपी को जीतना होता है, वहां पहुंच जाते हैं। 'राम-श्याम वाला जुमला तो ओवैसी पर ही अच्छा लगता है। 

क्या कहा था ओवैसी ने? 

दरअसल, AIMIM के चीफ और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को महाराष्ट्र के मुब्रा में राजनीतिक पार्टियों पर निशाना साधा था। उन्होंने वहां एक रैली को संबोधित करते हुए शिव सेना को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि 'वे कहते हैं कि सेक्युलरिज्म बचाओ। क्या शिवसेना सेक्युलर है? ओवैसी ने उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे को 'राम और श्याम की जोड़ी' कहा था।

मुसलमान नेता क्यों नहीं बन सकते?

ओवैसी ने रैली में राजनीतिक परिवारों पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा, सुप्रिया सुले और अजित पवार नेता बन सकते हैं। आदित्य ठाकरे अपने पिता की वजह से नेता बन सकते हैं। देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे नेता बन सकते हैं। क्या महाराष्ट्र के मुसलमान शरद पवार, उद्धव ठाकरे और शिंदे की तरह नेता नहीं बन सकते हैं।

दृष्टि आईएएस संस्थान से इस्तीफे के बाद उत्तरप्रदेश की लोक गीत गायिका नेहा सिंह राठौर के पति बोले- विकास दिव्यकीर्ति की छवि मत खराब करना

दिल्ली के दृष्टि आईएएस संस्थान से इस्तीफा देने के बाद नेहा सिंह राठौर के पति हिमांशु सिंह ने फेसबुक के माध्यम से अपनी प्रतिक्रिया दी है। ‘यूपी में का बा’ गाना गाकर चर्चा में आने वाली लोक गायिका नेहा सिंह राठौर को यूपी पुलिस का नोटिस मिलने के बाद से ही उनको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। इस बीच खबर आई है कि आईएस की कोचिंग में अध्यापन का कार्य कर रहे उनके पति हिमांशु सिंह ने मशहूर अध्यापक विकास दिव्यकीर्ति का साथ छोड़ दिया है। इस्तीफे की जानकारी हिमांशु ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से दी है।

विकास दिव्यकीर्ति के संस्थान से नेहा सिंह राठौर के पति ने दिया इस्तीफा

दृष्टि आईएएस के संस्थापक विकास दिव्यकीर्ति के संस्थान से इस्तीफा देते हुए नेहा सिंह राठौर के पति ने फेसबुक पर लिखा, ” यह तथ्यात्मक रूप से एकदम सही है कि मुझे दृष्टि संस्थान की तरफ से 2 दिन पहले इस्तीफा मांगा गया था और मैंने कल ही अपना इस्तीफा दे दिया है, पर इस बात का नेहा को नोटिस दिए जाने से शायद कोई संबंध हो। एक अध्यापक और एंपलॉयर के रूप में विकास दिव्यकीर्ति सर का व्यवहार मेरे प्रति हमेशा स्नेह पूर्ण रहा, और मैं बिल्कुल नहीं चाहता कि मेरी इस्तीफे को मुद्दा बनाकर उनकी छवि धूमिल की जाए। विनम्र निवेदन है, ऐसा मत कीजिए।

सोशल मीडिया पर हो रही ऐसी चर्चा

जैकी यादव नाम के एक टि्वटर हैंडल से लिखा गया कि कुछ दिन पहले विकास शिवकीर्ति सर पर इन्हीं बीजेपी वालों ने बवाल काटा था, तब सभी ने उनका साथ दिया था। आज उसी बीजेपी का कहना मान रहे हैं। नीरज नाम के एक यूजर ने कमेंट किया- दृष्टि बड़ा सम्मानित नाम है, विकास दिव्यकीर्ति की छवि साफ है। अफसोस जनक है कि आईएएस की तैयारी करवा रही निजी संस्थाएं दबाव में हैं।

भविष्य में कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ना नहीं होगा आसान, उम्मीदवारी का पर्चा भरने को प्रदेश कांग्रेस समिति के कम से कम 100 प्रतिनिधियों की प्रस्तावक के रूप में होगी जरूरत 


 कांग्रेस पार्टी के संविधान और नियमों में संशोधन से जुड़े करीब 85 प्रस्ताव रविवार को रायपुर में पार्टी के 85वें अधिवेशन में पारित हो जाते हैं तो कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव लड़ना बहुत लोगों के लिए मुश्किल हो जाएगा।

पार्टी ने अब यह प्रस्ताव किया है कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में उम्मीदवारी का पर्चा भरने के लिए मौजूदा 10 की जगह अब प्रदेश कांग्रेस समिति के कम से कम 100 प्रतिनिधियों की प्रस्तावक के रूप में जरूरत होगी। कांग्रेस संसदीय बोर्ड की बहाली के लिए भी संशोधन प्रस्ताव लाया गया है और यह पार्टी के असंतुष्ट नेताओं की प्रमुख मांगों में शामिल थी।

पार्टी सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में अगंभीर उम्मीदवारों को हतोत्साहित करने के साथ ही राजनीतिक पार्टियों को अपने पार्टी संविधान के अनुरूप काम करने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के परिप्रेक्ष्य में कुछ बदलाव किए जाने का प्रस्ताव है।

अब केवल डिजिटल होगी पार्टी की सदस्यता

हालांकि, पार्टी से जुड़े कुछ अंदरूनी सूत्रों ने यह भी कहा कि ऊपरी तौर पर प्रस्तावकों की संख्या में यह इजाफा चुनाव की गंभीरता बनाए रखने के लिए लग रहा हो, मगर यह भी सही है कि काफी लोगों के लिए चुनाव लड़ने का रास्ता कठिन हो जाएगा। निश्चित रूप से एक गैर-प्रतिष्ठित उम्मीदवार के लिए 10 के मुकाबले 100 नामांकन प्राप्त करना कठिन हो सकता है।

संशोधनों में संसदीय बोर्ड की बहाली के साथ इसके स्वरूप में भी बदलाव का प्रस्ताव शामिल है। यह प्रस्ताव भी है कि कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति के जो सदस्य होंगे, वे संसदीय बोर्ड का हिस्सा नहीं होंगे। इस प्रस्ताव पर सत्र में चर्चा के दौरान कुछ नेताओं की ओर से सवाल उठाए जा सकते हैं।

चंदे की कमी के साथ संसाधनों की चुनौती से जूझ रही कांग्रेस ने अब पार्टी के सभी सांसदों, विधायकों को हर साल अपने एक महीने का वेतन पार्टी कोष में योगदान देने का प्रस्ताव रखा है। साथ ही इनकम टैक्स देने वाले पार्टी के सदस्यों से हर वर्ष 1000 रुपये पार्टी कोष में देने को अनिवार्य करने का प्रस्ताव रखा है। कांग्रेस संविधान से जुड़े तमाम संशोधनों पर चर्चा के बाद इनमें से अधिकांश को सत्र के आखिरी दिन मंजूरी दिए जाने की उम्मीद है।

पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था की सराहना की, कही यह बड़ी बात

डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को उत्तर प्रदेश के कानून-व्यवस्था की सराहना की. उन्होंने कहा कि एक समय था जब उत्तर प्रदेश माफियाओं और ध्वस्त कानून व्यवस्था की वजह से जाना जाता था, लेकिन आज इसकी पहचान बेहतर कानून व्यवस्था और तेज गति से विकास कर रहे राज्य की हो गई है.

उत्तर प्रदेश में चयनित 9,055 पुलिस उप निरीक्षकों, प्लाटून कमांडर और अग्निशमन अधिकारियों को लखनऊ में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ द्वारा बांटे जा रहे नियुक्ति पत्र समारोह को पीएम मोदी एक वीडियो संदेश के माध्यम से संबोधित कर रहे थे.

‘रोजगार मेला मेरे लिए बना एक विशेष कार्यक्रम’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘इन दिनों रोजगार मेला मेरे लिए एक विशेष कार्यक्रम बन गया है. कई महीनों से मैं देख रहा हूं कि हर सप्ताह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित किसी न किसी राज्‍य में रोजगार मेले हो रहे हैं. हजारों नौजवानों को रोजगार के लिए नियुक्ति पत्र दिए जा रहे हैं. मेरा सौभाग्य है कि मुझे उसमें साक्षी बनने का अवसर मिल रहा है.’ उन्‍होंने कहा, ‘भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने लोगों में सुरक्षा की भावना को मजबूत किया है.’

‘रोज नया अवसर आपके लिए इंतजार कर रहा है’

प्रधानमंत्री ने चयनित अभ्‍यर्थियों को बधाई और शुभकामना देते हुए कहा, ‘आज जिन्‍हें नियुक्ति पत्र मिला है, उन्‍हें एक बात का हमेशा ध्‍यान रखना चाहिए कि आपके जीवन में नई जिम्मेदारी, नई चुनौतियां, नए अवसर आने वाले हैं, रोज नया अवसर आपके लिए इंतजार कर रहा है.’

कार्यक्रम में प्रधानमंत्री का रिकॉर्ड किया हुआ वीडियो संदेश सुनाया गया, जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और वित्त मंत्री सुरेश खन्ना एवं अन्य ने हिस्सा लिया था.

*इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की 335 प्रोजेक्ट्स की लागत 4.46 लाख करोड़ बढ़ी, कई परियोजना में 5 साल से अधिक की देरी*


डेस्क: इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक के खर्च वाली 335 प्रोजेक्ट्स की लागत तय अनुमान से 4.46 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बढ़ गई है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देरी और अन्य कारणों से इन प्रोजेक्ट की लागत बढ़ी है। सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक की लागत वाली इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की निगरानी करता है। मंत्रालय की जनवरी, 2023 की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह की 1,454 प्रोजेक्ट्स में से 335 की लागत बढ़ गई है, जबकि 871 प्रोजेक्ट देरी से चल रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इन 1,454 प्रोजेक्ट्स के क्रियान्वयन की मूल लागत 20,59,065.57 करोड़ रुपये थी, लेकिन अब इसके बढ़कर 25,05,248.43 करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है। 

प्रोजेक्ट्स की लागत 21.67 प्रतिशत बढ़ी

इससे पता चलता है कि इन प्रोजेक्ट की लागत 21.67 प्रतिशत यानी 4,46,182.86 करोड़ रुपये बढ़ गई है। रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी, 2023 तक इन प्रोजेक्ट पर 13,53,875.70 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, जो कुल अनुमानित लागत का 54.04 प्रतिशत है। हालांकि, मंत्रालय ने कहा है कि यदि प्रोजेक्ट के पूरा होने की हालिया समयसीमा के हिसाब से देखें तो देरी से चल रही प्रोजेक्ट की संख्या कम होकर 703 पर आ जाएगी। वैसे इस रिपोर्ट में 309 परियोजनाओं के चालू होने के साल के बारे में जानकारी नहीं दी गई है। 

इन कारणों से प्रोजेक्ट्स पूरा करने में देरी

रिपोर्ट में कहा गया है कि देरी से चल रही 871 प्रोजेक्ट्स में से 169 प्रोजेक्ट एक महीने से 12 महीने, 157 प्रोजेक्ट्स 13 से 24 महीने की, 414 प्रोजेक्ट्स 25 से 60 महीने की और 131 प्रोजेक्ट 61 महीने या अधिक की देरी से चल रही हैं। इन 871 परियोजनाओं में हो रहे विलंब का औसत 39.69 महीने है। 

इन प्रोजेक्ट्स में देरी के कारणों में भूमि अधिग्रहण में विलंब, पर्यावरण और वन विभाग की मंजूरियां मिलने में देरी और बुनियादी संरचना की कमी प्रमुख है। इनके अलावा प्रोजेक्ट का वित्तपोषण, विस्तृत अभियांत्रिकी को मूर्त रूप दिये जाने में विलंब, प्रोजेक्ट की संभावनाओं में बदलाव, निविदा प्रक्रिया में देरी, ठेके देने व उपकरण मंगाने में देरी, कानूनी व अन्य दिक्कतें, अप्रत्याशित भू-परिवर्तन आदि की वजह से भी इन प्रोजेक्ट्स में देरी हुआ है।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में राहुल गांधी ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के बारे में साझा किए अपने अनुभव


डेस्क: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने रायपुर में पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन को संबोधित करते हुए अपनी भारत जोड़ो यात्रा के बारे में जमकर अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा में 10-15 दिन चलने से घमंड गायब हो गया। इस यात्रा से बहुत कुछ सीखने को मिला। मैंने किसानों का दर्द समझा। उन्होंने कहा कि पंजाब में यात्रा के दौरान मैं एक मैकेनिक से मिला। मैंने उसका हाथ जैसे ही पकड़ा, उसकी बात समझ ली। जैसे ही हाथ पकड़ा, गले लगे, लेकिन जो लोगों का दर्द था, एक सेकेंड में मैं समझ जाता था, और जो मैं कहना चाहता था, वो एक मिनट में समझ जाता था।

52 साल से मेरे पास घर नहीं: राहुल

उन्होंने कहा कि मैं जम्मू कश्मीर में था, जब नाव चला रहा था, मुझे दर्द था, लेकिन मैं मुस्करा रहा था। लेकिन मेरा दिल रो रहा था। यात्रा के पहले दस दिनों में मेरा अहंकार खत्म हो गया, क्योंकि भारत माता ने मुझे मैसेज दिया कि हिम्मत है तो चलो, नहीं तो छोड़ दो।

उन्होंने कहा कि 1977 में जब चुनाव था, एक दिन घर में अजब माहौल था, मैंने पूछा कि क्या हुआ, मां ने कहा कि हम घर छोड़ रहे हैं। तब मेरी मां ने कहा कि यह हमारा नहीं, सरकार का घर है। मैंने पूछा कहां जाना है, तो उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं मालूम कि कहां जाना है। मैं हैरान हो गया। मैंने सोचा था कि वो हमारा घर था। 52 साल हो गए मेरे पास, आज तक घर नहीं है। मेरे परिवार का एक घर है इलाहाबाद में, लेकिन वो भी हमारा घर नहीं है। 12 तुगलक लेन में मैं रहता हूं, लेकिन वो मेरा घर नहीं है।

महिलाओं ने मुझसे जो अनुभव साझा किए, मैं आपको बता नहीं सकता: राहुल

राहुल ने कहा, 'इस देश की महिलाओं ने इस देश के बारे में मुझसे क्या कहा, मैं आपको बता नहीं सकता। एक महिला यात्रा के दौरान आई, मैंने उसका हाथ पकड़ा, जैसे मैं प्रियंका का पकड़ता हूं। मेरे मन में आया, मैं यह क्या कर रहा हूं, अपनी बहन का प्यार इस महिला से कर रहा हूं। उस महिला ने कहा की उसका पति उसे पीटता है।'

राहुल ने कहा, 'एक लड़का मुझसे मिलने आया कश्मीर में, उसने कहा कि जब कश्मीरी लोगों को दर्द होता है तो भारत के लोग खुश क्यों होते है। मैंने कहा कि यह गलत है, करोड़ों लोग ऐसा नहीं सोचते।'

प्रधानमंत्री को फर्क नहीं समझ आया: राहुल

राहुल ने कहा, 'प्रधानमंत्री पार्लियामेंट में आते हैं और कहते हैं कि मैंने भी लाल चौक में जाकर तिरंगा फहराया था। मैं सुन रहा था। मैंने सोचा कि देखिए, हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री के दिमाग में बात समझ में नहीं आई। पीएम मोदी ने बीजेपी के 15-20 लोगों के साथ जाकर लाल चौक में जाकर तिरंगा फहराया, लेकिन भारत जोड़ो यात्रा ने लाखों कश्मीरी युवाओं के हाथ से तिरंगा फहराया। प्रधानमंत्री को फर्क नहीं समझ आया। हमने हिंदुस्तान की भावना, इस झंडे की भावना जम्मू कश्मीर के युवाओं के अंदर डाल दी। आपने अपने झंडे की भावना जम्मू कश्मीर के युवाओं से छीन ली। ये फर्क है हममें और आपमें।'

राहुल ने कहा, 'ये जो झंडा है, ये जो तिरंगा है, ये दिल की भावना है, ये दिल के अंदर से आती है। हमने इस भावना को जम्मू कश्मीर के युवाओं के दिल के अंदर जगाया। हमने नहीं कहा कि भैया तिरंगा लहराना है, नहीं वो अपने आप आए और तिरंगा हाथ में उठाकर चले।'

ये कौन सी देशभक्ति है: राहुल

राहुल ने कहा, 'सरकार की सोच के बारे में आज बताना चाहता हूं। कुछ दिन पहले एक इंटरव्यू में एक मंत्री ने कहा कि चाइना की इकॉनोमी हिंदुस्तान की इकॉनोमी से बड़ी है तो हम इनसे कैसे लड़ सकते हैं। जब अंग्रेज हमपर राज करते थे तो क्या उनकी इकॉनोमी हमारी इकॉनोमी से छोटी थी। मतलब जो आपसे शक्तिमान है, उससे लड़ो ही मत, जो आपसे कमजोर है उसी से लड़ो, इसको कायरता कहा जाता है। इसको क्या देशभक्त कहते हैं क्या। ये कौन सी देशभक्ति है। जो आपसे कमजोर है उसको मारो और जो आपसे मजबूत है उसके सामने झुक जाओ। शब्द है इसके लिए। महात्मा गांधी कहते थे। सत्याग्रह की बात करते थे। मतलब सत्य के रास्ते को कभी मत छोड़ो। बीजेपी-RSS के लिए नया शब्द है सत्ताग्राही। ये किसी के सामने भी झुक जाएंगे सत्ता के लिए। ये इनकी सच्चाई है।'

अडानी से मोदीजी का रिश्ता क्या है: राहुल

राहुल ने कहा, 'एक और बात समझ नहीं आई। पार्लियामेंट में अडानी जी पर सवाल किया। मैंने पूछा कि अडानी जी 609 नंबर से दूसरे नंबर पर कैसे आए। आपकी जो फॉरेन पॉलिसी बनती है, सब जगह उनको फायदा मिलता है। मैंने सिर्फ मोदी जी से पूछा कि बता दो कि रिश्ता क्या है। अब आपने नोटिस किया होगा कि पूरी के पूरी सरकार, सारे मंत्री अडानी जी की रक्षा करने लग गए। कहते हैं जो अडानी जी पर आक्रमण करता है वो देशद्रोही है। मतलब अडानी जी सबसे बड़े देशभक्त बन गए और बीजेपी-RSS इस व्यक्ति की रक्षा कर रही है। क्या है इस अडानी में कि बीजेपी को सब मंत्रियों को इस व्यक्ति की रक्षा करनी पड़ रही है।'

राहुल ने कहा, 'आजादी की लड़ाई भी ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ थी, वो भी एक कंपनी थी, इतिहास रिपीट हो रहा है, यह देश के खिलाफ काम हो रहा है, और ऐसा होगा तो कांग्रेस इसके खिलाफ खड़ी होगी। यह पार्टी तपस्वियों की है पुजारियों की नहीं, तपस्या भंग नहीं होनी चाहिए, तपस्या का प्रोग्राम होना चाहिए। उस प्रोग्राम में दर्द होना चाहिए। तपस्या का प्रोग्राम बनाइए, हम सब मिलकर तपस्या में शामिल होंगे, जैसे हम तपस्या में खड़े होंगे, पूरा देश हमारे साथ खड़ा हो जाएगा। यह देश तपस्वियों का है।'

अमेरिका के नेवादा में मेडिकल विमान दुर्घटनाग्रस्त, हादसे में चिकित्सा कर्मियों और एक मरीज सहित पांच लोगों की मौत


अमेरिका के नेवादा के पहाड़ी इलाके में शुक्रवार को एक विमान दुर्घटनाग्रस्त गया। विमान दुर्घटना में चिकित्सा कर्मियों और एक मरीज सहित पांच लोगों की मौत हो गई। विमान से एंबुलेंस सेवा प्रदान करने वाली कंपनी ने इस बात की जानकारी दी।

ल्योन काउंटी शेरिफ के कार्यालय ने कहा कि अधिकारियों को रात 9.15 बजे स्टेजकोच, नेवादा के पास एक विमान दुर्घटना के बारे में फोन आने लगे और दो घंटे बाद विमान का मलबा मिला। बता दें कि स्टेजकोच में करीब 2500 लोग निवास करते हैं। यह शहर रेनो से करीब 72 किलोमीटर दूर है।

जानकारी के अनुसार, विमान दुर्घटना के सभी पांच मृतकों के रिश्तेदारों को सूचित कर दिया गया। शहर के अधिकारियों ने कहा, 'हम उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।' बता दें कि ल्योन काउंटी के कुछ हिस्सों सहित नेवादा के लिए राष्ट्रीय मौसम सेवा द्वारा जारी शीतकालीन तूफान की चेतावनी के बीच दुर्घटना हुई।

राष्ट्रीय मौसम सेवा ने कहा कि इस इलाके में भारी बर्फबारी हो रही है। इस वजह से कई चीजों पर असर पड़ा है। अधिकारी ने बताया कि जहां घटना हुई है, वह बहुत खूबसूरत इलाका है। हालांकि, इस मौसम वहां दुर्घटना हो गई। जानकारी के अनुसार, दुर्घटनाग्रस्त विमान की पहचान पिलाटस पीसी-12 हवाई जहाज के तौर पर हुई है। संघीय उड्डयन प्रशासन के रिकॉर्ड के अनुसार, इस विमान का निर्माण वर्ष 2002 में हुआ था।

विमान कंपनी ने कहा कि वह बचाव एजेंसियों, टीम के सदस्यों और परिवारों की मदद करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए उड़ानें रोक रही है।

अफगानिस्तान में तीन दिन में दूसरी बार आया भूकंप, पापुआ न्यू गिनी में भी तेज कंपन से हिली धरती


भारत के पड़ोस में रविवार देर रात भूकंप आने से दहशत फैल गई। हालांकि इसकी कम होने से जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, रविवार को सुबह 02:14:52 बजे अफगानिस्तान के फैजाबाद से 273 किमी पूर्व उत्तर पूर्व में यह भूकंप आया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.3 तीव्रता मापी गई। उधर, पापुआ न्यू गिनी के न्यू ब्रिटेन क्षेत्र में भी धरती हिलने से लोग घबड़ा गये।

 यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी को बताया कि भूकंप की तीव्रता 6.5 मापी गई। अभी तक किसी भी तरह के नुकसान की जानकारी नहीं हो सकी है।

पिछले एक महीने में तुर्की, सीरिया, तजाकिस्तान, अफगानिस्तान, भारत समेत दुनिया के कई राष्ट्रों में भूकंप के झटके आए हैं। तुर्की में भूकंप से अब तक करीब पचास हजार लोगों की मौत हो चुकी है।

न्यूज़ एंकर के सवाल पर भड़क गईं लोक गीत गायिका नेहा सिंह, उसे किसी पार्टी का प्रवक्ता बताया, मंच के पास खड़े पुलिस से कहा, कर लो गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश सरकार पर गानों के जरिए हमला बोलने वाली लोक गायिका नेहा सिंह राठौर को हाल में ही यूपी पुलिस ने नोटिस थमाया था। इस वाकये बाद से नेहा सिंह राठौर सुर्खियों में हैं। इस बीच एक कार्यक्रम के दौरान पहुंची नेहा सिंह राठौर एंकर द्वारा किए गए सवाल पर भड़क गईं। उन्होंने एंकर को किसी पार्टी का प्रवक्ता तक बता दिया।

नेहा सिंह राठौर से साहित्य आजतक में किए गए ऐसे सवाल

समाचार चैनल आजतक द्वारा आयोजित किए कार्यक्रम ‘साहित्य आज तक’ में शिरकत लेने पहुंची नेहा सिंह राठौर से कई तरह के सवाल किए। एंकर द्वारा जब उनसे पूछा गया कि सरकार की चरण वंदना करने वाले लोगों को क्या मिल जाता है तो उन्होंने जवाब में कहा, “उनमें और मुझ में अंतर है, उन्हें पद्मश्री मिल जाता है और हमें नोटिस मिल जाता है।”

नेहा सिंह से सवाल किया गया कि क्या वह कभी किसी सरकार से किसी भी प्रकार का पुरस्कार नहीं लेंगी। इस पर उन्होंने कहा कि कल की बात करने के बजाय आज की बात करनी चाहिए। कल की बात का क्या भरोसा है? इस बीच उन्होंने एंकर पर चुटकी लेते हुए कहा कि आप लोग अपनी पिच पर बहुत लाना चाहेंगे लेकिन मैं आऊंगी ही नहीं।

जब एंकर से उलझ गईं नेहा सिंह राठौर

इस बीच एंकर द्वारा कहा गया कि पुलिस से आप डरती हैं इसलिए उनके सवालों का जवाब नहीं दे रही हैं। जिस पर उनकी ओर से कहा गया कि अगर वह डरती तो यूपी नहीं आती। इस दौरान मंच से दूर खड़े यूपी पुलिस के जवानों से कहने लगी कि कहां है यूपी पुलिस? हमें गिरफ्तार कर ले। हमको लेकर चलें।

इस बीच एंकर ने कहा कि नेहा सिंह राठौर गाली देकर ही पॉपुलर होना चाहती हैं। इतना सुनते ही वा भड़क उठी। कटाक्ष भरे लहजे में एंकर से कहने लगी, “हमको लगता है कि आप यहां पर किसी पार्टी विशेष के प्रवक्ता के तौर पर बैठे हुए हैं, हम सरकार को गाली दे रहे हैं?” एंकर ने पूछा कि आपने डीएम को गाली नहीं दिया है? ये रंगबाज क्या होता है? नेहा ने तेज आवाज में अपनी बात रखते हुए कहा कि डीएम रंगबाज ही है। जीत के बाद कानपुर की घटना का जिक्र करने लगी।