संयुक्त राष्ट्र महासभा में यूक्रेन में स्थायी शांति के लिए प्रस्ताव पारित, एक बार फिर भारत ने वोटिंग से बनाई दूरी
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यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर एक साल पूरे हो चुके हैं। इस मौके पर संयुक्त राष्ट्र महासभा(यूएनजीए) गुरुवार 23 फरवरी को यूक्रेन को लेकर एक प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। यूएनजीए में यूक्रेन में व्यापक, न्यायसंगत और स्थायी शांति तक पहुंचने की आवश्यकता पर एक प्रस्ताव पारित किया गया।हालांकि, भारत ने एक बार फिर प्रस्ताव में वोटिंग से दूरी बनाई। वोटिंग से दूरी बनाने वाले देशों में चीन समेत अन्य भी शामिल थे।
भारत-चीन समेत 32 देशों ने बनाई दूरी
यूएनजीए में प्रस्ताव रखा गया कि रूस को तुरंत यूक्रेन में युद्ध को रोककर अपनी सेना को बुला लेना चाहिए। इस प्रस्ताव के समर्थन में और खिलाफ में कई देशों ने वोट किए। यूएनजीए में कुल 193 देश सदस्य हैं। प्रस्ताव के पक्ष में 141 देशों ने, जबकि 7 देशों ने इसके खिलाफ वोट किया। वहीं, भारत और चीन समेत 32 देशों ने वोटिंग से दूरी बनाई।
इन सात देशों में विरोध में किया मतदान
अपने सहयोगियों की मदद से बनाया गया यूक्रेन का यह प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र महासभा में 141-7 से पारित हुआ। जिन सात देशों ने वोटिंग के खिलाफ मतदान किया, वे बेलारूस, माली, निकारागुआ, रूस, सीरिया, उत्तर कोरिया और इरिट्रिया थे। रूस के सहयोगी बेलारूस ने इसमें संसोधन का प्रस्ताव दिया था जो बुरी तरह से गिर गया। हालांकि, यह रूस के खिलाफ पिछले पांच प्रस्तावों में उच्चतम वोटिंग नहीं है जो बीते साल 24 फरवरी, 2022 को यूक्रेन हमले के बाद से उसके खिलाफ लाए गए हैं।इसके पहले अक्टूबर में लाए गए प्रस्ताव में रूस के अवैध कब्जे के खिलाफ 143 वोट के समर्थन से प्रस्ताव पास हुआ था।
यूक्रेन ने क्या कहा?
महासभा ने यूक्रेन और उसके समर्थकों द्वारा प्रस्तावित मसौदा प्रस्ताव को अपनाया, जिसका शीर्षक था ‘संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांत के अंतर्गत यूक्रेन में व्यापक, न्यायसंगत और स्थायी शांति का आधार। यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने कहा कि यह प्रस्ताव इस बात का सबूत है कि केवल पश्चिम ही नहीं है जो उनके देश का समर्थन करता है। कुलेबा ने कहा, समर्थन बहुत व्यापक है और यह मजबूत होना जारी रहेगा। यह वोट इस तर्क को खारिज करता है कि ग्लोबल साउथ यूक्रेन के पक्ष में नहीं खड़ा है क्योंकि लैटिन अमेरिका, अफ्रीका, एशिया का प्रतिनिधित्व करने वाले कई देशों ने आज पक्ष में मतदान किया।
भारत संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों का पालन करता है
वहीं, संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों का पालन करता है। उन्होंने कहा कि हम हमेशा संवाद और कूटनीति को ही एकमात्र रास्ता बताते हैं। स्थायी शांति हासिल करने के अपने लक्ष्य तक पहुंचने में इसकी सीमाओं को देखते हुए हम आज के संकल्प के घोषित उद्देश्यों पर ध्यान देते हैं। हम इससे दूर रहने के लिए विवश हैं। उन्होंने कहा कि क्या 1945 के विश्व निर्माण पर आधारित संयुक्त राष्ट्र प्रणाली और यूएनएससी वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए समकालीन चुनौतियों का समाधान करने के लिए अप्रभावी नहीं हो गए हैं?
पहले भी रूस के खिलाफ भारत ने वोटिंग में भाग नहीं लिया
बता दें कि इससे पहले भी रूस के खिलाफ कई अन्य प्रस्ताव पर भारत ने वोटिंग में भाग नहीं लिया है। भारत का हमेशा से कहना है कि इस मुद्दे को शांतिपूर्ण तरीके से सुझाया जा सकता है और इसी रास्ते पर दोनों देशों को आगे बढ़ना चाहिए।
Feb 24 2023, 16:29