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योगी सरकार उद्यमी मित्रों के सेलेक्शन में देगी 50 नंबर का वेटेज


लखनऊ। प्रदेश में निवेशकों की समस्याओं के निस्तारण एवं उनकी हर तरह से मदद करने के लिए तत्पर योगी सरकार ने इसके लिए उद्यमी मित्र नियुक्त करने की योजना बनाई है।

ऐसे में अभ्यर्थी 9 मार्च तक https://oims.org.in/App पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।इन उद्यमी मित्रों की नियुक्ति उनकी शिक्षा, कार्य अनुभव एवं अन्य मापदंडों के आधार पर की जाएगी। इसके लिए योगी सरकार ने उन्हे 50 अंकों का वेटेज देने का फैसला किया है। इसके साथ ही उनका इंटरव्यू और कंप्यूटर टेस्ट भी लिया जाएगा।

कुल 50 अंकों का दिया जाएगा वेटेज

मुख्यमंत्री उद्यमी मित्र योजना के तहत उद्यमी मित्रों को नियुक्ति में कुल 50 अंकों का वेटेज दिया जाएगा। इसे चार कैटेगरी ( ए, बी, सी और डी) में बांटा गया है। ए कैटेगरी में एमबीए में 60 प्रतिशत अंक पाने वाले अभ्यर्थी को 10 अंकों, 70 प्रतिशत अंक पाने वाले अभ्यर्थी को 15 अंकों, 75 प्रतिशत अंक पाने वाले को 17.50 अंकों और 80 प्रतिशत अंक पाने वाले को 20 अंकों का वेटेज दिया जाएगा।

वहीं बी कैटेगरी में अन्य मापदंडों के आधार पर 5 अंकों का वेटेज दिया जाएगा, जिसमें प्रतिष्ठित संस्थान आईआईटी और आईआईएम से एमबीए करने पर 3 अंकों का वेटेज दिया जाएगा या केंद्रीय विश्वविद्यालय, राज्य विवि, एनआईटी से एमबीए करने पर नवीनतम एनआईआरएफ रैंकिंग के आधार पर वेटेज दिया जाएगा, जिसमें 1 से 30 रैंकिंग पर 3 अंकों का वेटेज जबकि 31 से 50 रैंकिंग पर 2 अंकों का वेटेज और 51 से ऊपर रैंकिंग पर 1 अंक का वेटेज दिया जाएगा। इसके साथ ही राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों द्वारा पुरस्कार पाने पर 2 अंकों का वेटेज दिया जाएगा।

इसी तरह सी कैटेगरी में कार्य अनुभव पर कुल 20 अंकों का वेटेज दिया जाएगा, जिसमें 1 वर्ष से अधिक लेकिन 2 वर्ष से कम अनुभव पर 10 अंकों, 2 वर्ष या 2 वर्ष से अधिक लेकिन 3 वर्ष से कम अनुभव पर 15 अंकों और 3 वर्ष या 3 वर्ष से अधिक अनुभव पर 20 अंकों का वेटेज दिया जाएगा।

25 अंकों का इंटरव्यू और 10 अंकों का होगा कम्प्यूटर टेस्ट

वहीं डी कैटेगरी में देश की टॉप कम्पनी फ़ॉरच्युन ग्लोबल, ईकोनॉमिक्स टाइम्स, फोबर्स ग्लोबल, एशिया बेस्ट अथवा किसी सरकारी संस्थान में कार्यरत होने पर 5 अंकों का वेटेज दिया जाएगा।इन सभी मानकों पर खरे उतरने के बाद रिक्तियों की संख्या का तीन गुना अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिये बुलाया जाएगा, जिसमें 25 अंकों का इंटरव्यू होगा और 10 अंकों का कम्प्यूटर टेस्ट होगा।

योगी कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश फिल्म नीति-2023 को दी मंजूरी


लखनऊ। उत्तर प्रदेश को फिल्म निर्माण का केंद्र बनाने के लिए यूपी में फिल्मों की शूटिंग के साथ फिल्म में यूपी के कलाकारों को किरदार अदा करने का मौका देने पर सब्सिडी दी जाएगी। योगी कैबिनेट ने बुधवार को उत्तर प्रदेश फिल्म नीति-2023 को मंजूरी दी है। फिल्म निर्माण के लिए कुल शूटिंग दिवस के दो तिहाई दिन यूपी में शूटिंग करने पर दो करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। वहीं, फिल्म प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना करने पर भी 50 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी।

सरकार ने फिल्म निर्माण के लिए वातावरण तैयार करने और विभिन्न आवश्यक संसाधनों का शूटिंग के लिए समग्र विकास करने के लिए फिल्म नीति लागू की है। नोएडा में एक हजार एकड़ में फिल्मसिटी बनाई जा रही है। प्रदेश के अन्य जिलों में भी फिल्म निर्माण की सुविधाओं के विकास की योजना है। फिल्मसिटी में बनने वाली फिल्मों को भी इस नीति के अनुसार रियायत दी जाएगी।

यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा 1000 एकड भूमि पर अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म सिटी की स्थापना की जा रही फिल्म सिटी से लगभग 10,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की सम्भावना के साथ-साथ रोजगार एवं वाणिज्यिक गतिविधियों में वृद्धि होगी ।

पीसीएस की मुख्य परीक्षा से वैकल्पिक विषय की अनिवार्यता समाप्त


लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (पीसीएस) की मुख्य परीक्षा से वैकल्पिक विषय की अनिवार्यता को समाप्त करने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके स्थान पर उत्तर प्रदेश से जुड़े हुए समान्य ज्ञान के दो प्रश्नपत्र जोड़ दिए गए हैं। सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में कार्मिक विभाग के इस प्रस्ताव पर विचार हुआ। कैबिनेट ने पीसीएस की मुख्य परीक्षा व परीक्षा योजना पाठ्यक्रम में संशोधन संबंधी प्रस्ताव को पास कर दिया है। इससे स्केलिंग को लेकर काफी समय से चले आ रहे विवाद के खत्म होने की संभावना है। गौरतलब है कि पीसीएस की मुख्य परीक्षा में वैकल्पिक विषय की अनिवार्यता थी।

मुख्य परीक्षा में विज्ञान विषय के अभ्यर्थियों को मानविकी विषय के अभ्यर्थियों से ज्यादा अंक मिल जाते थे। फि र स्केलिंग के नाम पर अंक घटाए-बढ़ाए जाने से किसी को फायदा तो किसी को नुकसान उठाना पड़ता था। पीसीएस-2018 में स्केलिंग को लेकर काफी विवाद था।

कैबिनेट ने कानपुर में निर्माणाधीन मेट्रो रेल परियोजना के लिए निशुल्क भूमि देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय की भूमि दी जाएगी। उप्र मेट्रो रेल कारपोरेशन को कानपुर मेट्रो के विकास और डिपो के निर्माण के लिए करीब 1.80 लाख वर्ग मीटर भूमि दी जाएगी।

कैबिनेट ने विश्वविद्यालय को इसके बदले में सिंचाई विभाग की भूमि देने का निर्णय लिया है। इसके अलावा कैबिनेट ने सहारनपुर स्थित राजकीय इंटर कॉलेज के जर्जर भवनों के ध्वस्तीकरण के प्रस्ताव को भी मंजूर कर लिया है। साथ ही, उप्र राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग एवं जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोगों में पद सृजित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है।

मुंबई से लखनऊ तक विशेष पार्सल गाड़ी शुरू


लखनऊ। रेलवे प्रशासन ने किसानों, व्यापारियों एवं आमजन की सुविधा के लिए पश्चिम रेलवे के मुम्बई मंडल के तहत सूरत जिले में चलथान रेलवे स्टेशन से पूर्वाेत्तर रेलवे के लखनऊ मण्डल के तहत गोरखपुर के नकहा जंगल रेलवे स्टेशन तक वाया जबलपुर, कानपुर, लखनऊ साप्ताहिक पार्सल विशेष गाड़ी 20 फरवरी, 2023 चलाई गयी। जिसका आगमन बुधवार को सुबह नकहा जंगल स्टेशन पर हुआ। उक्त पार्सल विशेष गाड़ी से 89 नग पैकेट की अनलोडिंग किया गया।

इस अवसर पर नकहा जंगल स्टेशन पर स्टेशन निदेशक गोरखपुर आशुतोष गुप्ता व सहायक मण्डल वाणिज्य प्रबन्धक अबनेर बरला उपस्थित थे। अनलोडिंग के बाद व्यापारियों के सामानों से लदे डाला को झण्डी दिखाकर शहर की ओर रवाना किया गया।यह पार्सल एक्सप्रेस 00919 चलथान-नकहा जंगल से प्रत्येक सोमवार को चलथान से 07.30 बजे प्रस्थान कर दूसरे दिन जबलपुर से 1 बजे, कानपुर सेन्ट्रल से 13.40 बजे, ऐशबाग से 16.50 बजे, गोमतीनगर (लखनऊ) से 18.10 बजे, मल्हौर से 18.55 बजे छूटकर तीसरे दिन नकहा जंगल 02.30 बजे पहुंचेगी तथा वापसी में वापसी यात्रा में 00920 नकहा जंगल-चलथान पार्सल एक्सप्रेस प्रत्येक बुधवार को नकहा जंगल से 15 बजे प्रस्थान कर दूसरे दिन गोमतीनगर (लखनऊ) से 01.10 बजे, ऐशबाग से 02.15 बजे, कानपुर सेन्ट्रल से 04.55 बजे, जबलपुर से 18.30 बजे छूटकर तीसरे दिन चलथान 09.15 बजे पहुंचेगी।

इस गाड़ी में पार्सल यान के 13, एनएमजी हाई स्पीड यान 02 तथा एसएलआर/डी के 01 कोच सहित कुल 16 पार्सल यान लगाये गये है। रेल प्रशासन द्वारा व्यापारियों, औद्योगिक प्रतिष्ठनों एवं आमजन से अपील की जाती है कि इस साप्ताहिक पार्सल विशेष गाड़ी में सामान बुकिंग कराकर अधिक से अधिक लाभ उठायें।

राज्य कर्मचारियो के लिए निराशाजनक बजट: हरिकिशोर


लखनऊ। राज्य सरकार के वित्त मंत्री ने बुधवार को विधानसभा में राज्य का वित्ती लेखा-जोखा प्रस्तुत किया गया। जिसे देखने से उत्तर प्रदेश स्तर के कर्मचारियों को बेहद निराशा ही हाथ लगी। राज्य कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी ने कहा कि वर्ष 2023 2024 के बजट में उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस योजना के लाभार्थियों के लिए किसी प्रकार की घोषणा न किया जाना और आयुष्मान कार्ड धारक के फंड को न बढ़ाएं जाने पर भी गहरी निराशा हाथ लगी। वित मंत्री द्वारा आयुष्मान कार्ड धारको की संख्या दो करोड़ 34, लाख बतायी गई है। जबकि उत्तर प्रदेश की जनसंख्या लगभग 24, करोड़ से ऊपर है। इस प्रकार दस प्रतिशत लोंगों को भी सरकार ने चिकित्सा की तरफ ध्यान न देकर उन्हे भगवान भरोसे छोड़ दिया है।

श्री तिवारी ने कहा कि असाध्य रोगों की चिकित्सा जैसे घुटना प्रत्यारोप है लीवर प्रत्यारोपण कूल्हा प्रत्यारोपन पेट व मस्तिष्क एवं और हार्ट की बीमारियों के मात्र 4 सौ करोड़ की व्यवस्था की गई असंगठित क्षेत्र के कर्मचारी समाज के लिए मात्र एक सौ करोड़ की व्यवस्था है जो वर्षभर उनके परिवार के जीवन यापन के लिए होगा। वित्त मंत्री द्वारा कहा गया है कि बाल श्रम में लगे कुल बच्चों में से मात्र 2 हजार को ही सरकार की योजना का लाभ दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना में लगभग 12 रुपया आवंटित किया जाना प्रस्तावित है मानव दिवसों के सृजन में जहां वर्तमान वित् वर्ष में 26लाख 29, हजार मानव दिवस सृजित किए गए। वहीं अगले वित् वर्ष में कितने मानव दिवसों का सृजन किया जाना है।परिषद के महामंत्री शिव बरन सिंह यादव ने कहा कि मान्व वित् मंत्री द्वारा समेकित रूप से घोषणा न करके विभागवार अलग अलग आंकड़ेबाजी दिखाई गई है जिसे न तो कर्महारा समाज और न ही श्रमिक का परिवार का जीवन यापन और चिकित्सा सुविधा जैसी आवश्यक सुविधाएँ मिलना मुश्किल हो जाएगा।

लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है बजट : मायावती


लखनऊ । बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर योगी सरकार द्वारा पेश किए गए बजट पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह बजट लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए पेश किया गया है जो कि वादों का पिटारा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि यूपी सरकार द्वारा सदन में पेश किया गया बजट जनहित व जनकल्याण का कम एवं लोकसभा चुनाव के स्वार्थ को लेकर वादों का पिटारा है। क्या इस अवास्तविक बजट से प्रदेश की जनता का हित व कल्याण और भारत का ग्रोथ इंजन बनने का दावा पूरा होगा? कर्ज में डूबे यूपी को भ्रमकारी नहीं रोजगार-युक्त बजट चाहिए।

उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि यूपी की भाजपा सरकार अपनी बहुप्रचारित घोषणाओं, वादों व दावों को ध्यान में रखकर महंगाई से त्रस्त लगभग 24 करोड़ जनता की गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, पिछड़ेपनऔर अराजकता से उत्पन्न बदहाली को दूर करने हेतु अपनी कथनी और करनी में अंतर से जनता के साथ विश्वासघात क्यों कर रही है।

यूपी सरकार द्वारा लोकसभा आमचुनाव के मद्देनजर नए भ्रमकारी वादे व दावे करने से पहले पिछले बजट का ईमानदार रिपोर्ट कार्ड लोगों के सामने नहीं रखने से स्पष्ट है कि भाजपा की डबल इंजन सरकार में प्रति व्यक्ति आय व विकास की जमीनी हकीकत मिथ्या प्रचार व जुमलेबाजी है। उन्होंने कहा कि बजट ऊंट के मुंह में जीरा है।

यूपी बजट वर्ष 2023-24: योगी सरकार के बजट में पुलिस विभाग का दिखा दबदबा, मिले 2260 करोड़


लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सूबे की सत्ता संभालते ही प्रदेश में अपराध और अपराधियों के लिखाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत सख्त से सख्त कार्रवाई की जा रही है। इसी का नतीजा है कि जिस प्रदेश को वर्ष 2017 से पहले पूरे देश में लचर और बीमारू कानून व्यवस्था के जाना जाता था आज उसी उत्तर प्रदेश को मजबूत कानून व्यवस्था के लिए देश ही नहीं विदेशों में भी सराहना मिल रही है। प्रदेश में कानून का राज स्थापित होने से देश ही नहीं विदेशी निवेशक उद्योग स्थापित करने के लिए आकर्षित हो रहे हैं।

वहीं योगी सरकार ने वर्ष 2023-24 के बजट में कानून व्यवस्था को और मजबूत करने और उसके प्रभावी नियंत्रण के लिए 2260 करोड़ रुपये की भारीभरकम धनराशि दी है, इससे जहां पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सरकारी आवास की सुविधा मिलेगी, वहीं विभिन्न जिलों के कमिश्नरेट कार्यालय अपनी भूमि पर संचालित होंगे। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने अपने बजट भाषण में कहा कि प्रदेश की 25 करोड़ आबादी को सुरक्षित माहौल देने, कानून व्यवस्था के क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के साथ पुलिस व्यवस्था को और अधिक सक्षम एवं सुदृढ़ करना योगी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है।

इसके साथ ही महिलाओं एवं समाज के कमजोर वर्गों के खिलाफ अपराधों को नियन्त्रित करने के लिए प्रभावी कार्यवाही करके उन्हे सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने के प्रति योगी सरकार निरन्तर प्रयासरत है। इसी के तहत प्रदेश के विभिन्न शहरों में लागू पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए कार्यालय और कार्यालय से जुड़ी अन्य गतिविधियों के संचालन के लिए 850 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। इससे विभिन्न शहरों में लागू पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था को और रफ्तार मिलेगी। इस धनराशि से पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था वाले शहरों में पुलिस विभाग अपनी जमीन पर कार्यालय का निर्माण कर सकेंगे, जो विभिन्न शहरों में अभी किराये पर चल रहे हैं। वह अपनी आवश्यकताओं के अनुसार कार्यालय का निर्माण समेत अन्य सुविधाओं के लिए इस धनराशि का इस्तेमाल कर सकेंगे।

योगी सरकार ने वर्ष 2023-24 के बजट में सबसे बड़ी धनराशि पुलिस विभाग को आवासीय सुविधा के लिए दिये हैं ताकि प्रदेश के विभिन्न शहरों में तैनात पुलिस विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को आवास के लिए इधर-उधर न भटकना पड़े। योगी सरकार ने पुलिस विभाग को आवासीय सुविधा के लिए एक हजार करोड़ रुपये की धनराशि दी है। इससे पुलिस विभाग विभिन्न शहरों में अपने अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए आधुनिक आवास का निर्माण कर सकेगा। वहीं शहरी क्षेत्रों में आवासीय सुविधा के लिए 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि प्रदेश में आपदाओं से निपटने वाली एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स) को नये वाहनों की खरीद के लिए 10 करोड़ की धनराशि दी गई है ताकि वह और मजबूती से आपदा से निपट सकें।

सरकार के इस बजट ने किसानों, युवाओं, महिलाओं को निराश किया है: अखिलेश यादव


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बुधवार को विधानसभा में बजट पेश किया है। जिसके बाद विपक्षी दलों ने सरकार के इस बजट की आलोचना की है। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया आई है।अखिलेश यादव ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, ये बजय दिशाहीन बजट दिखाई देता है, मुझे लगता है कि ये सरकार 1 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी नहीं बना पाएगी। यहां इज यफ डूइंग क्राइम है, इज ऑफ डूइंग मुकदमा है। राज्य में गाने पर मुकदमा हो रहा है। इसमें जातीय जनगणना के लिए कोई बजट नहीं है।

सपा प्रमुख ने कहा, इसमें ना आज की समस्याओं का समाधान और ना ही भविष्य के किसी फैसले को आगे लेकर जाने का कोई रास्ता दिखाई देता है। इस बजट ने किसानों, युवाओं, महिलाओं को निराश किया है। इस बजट में मुझे नहीं लगता कि किसी भी औद्योगिक नीति के तहत उत्तर प्रदेश में निवेश आ पाएगा। अगर कोई ऐसे इंतजाम हो तो सरकार बताए। अखिलेश यादव ने पिछला बजट खर्च नहीं होने पर कहा, विकास के लिए बजट से अधिक दूरदृष्टि और इच्छाशक्ति की आवश्यकता होती है, जिसका अभाव भाजपाई राजनीति में हमेशा से रहा है, इसीलिए उप्र के कई विभाग बीते साल के आबंटित बजट का आधा भी खर्च नहीं कर पाये।

वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, आजादी के अमृत काल के प्रथम वर्ष का बजट प्रस्तुत करने के लिए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना एवं वित्त विभाग की पूरी टीम को हृदय से बधाई. अंत्योदय के प्रण व समग्र विकास के संकल्प को आकार देता यह बजट उ.प्र. को देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में मील का पत्थर साबित होगा।

किसान नेता राकेश टिकैट ने इस बजट को ऊंट के मुंह में जीरा और दिशाहीन करा दिया


लखनऊ । उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने आज यूपी विधानसभा में बजट 2023-24 पेश किया। इस बजट को लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रहा है। जहां सत्ता पक्ष इसे यूपी के विकास का बजट बता रहा है तो वहीं विपक्षी दलों ने इस पर निशाना साधा है. विपक्षी दलों ने इस बजट को ऊंट के मुंह में जीरा और दिशाहीन बजट करार दिया है। इन तमाम बातों के बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का भी बयान सामने आया है।

यूपी सरकार के बजट में किसानों समेत मध्यवर्गीय परिवारों को छूट दी गई है, तो वहीं सरकार ने इस बजट को प्रदेश का सबसे बड़ा बजट घोषित किया है। इस बारे में जब किसान नेता राकेश टिकैत से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इस बजट में किसानों के लिए कोई खास योजना नहीं है। सरकार ने एक बार फिर से किसानों को ठगा है। बजट से किसानों को कुछ नहीं मिला।

इस दौरान टिकैत ने किसानों के लिए तेलंगाना सरकार की योजना की तारीफ की और सरकार से मांग की कि इस तरह की योजना यूपी के किसानों के लिए भी लाई जाए। इससे पहले मंगलवार को राकेश टिकैत ने कहा था कि जैसा दिल्लीवालों ने बजट दिया है वैसा ही बजट यूपी वाले भी देंगे। इस दौरान उन्होंने फसलों की एमएसपी और फसलों के दाम बढ़ाने की मांग की थी।

बजट आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश की नींव रखने वाला है : सीएम योगी


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार का वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट त्वरित, सर्वसमावेशी और समग्र विकास को समर्पित है। बजट आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश की नींव रखने वाला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अमृत काल का यह पहला बजट यूपी को देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने और अगले पांच वर्ष में दस खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

25 करोड़ जनता की भावना को प्रतिनिधित्व करने वाला है बजट

विधानमंडल के तिलक में बुधवार को आयोजित प्रेसवार्ता में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बजट से यूपी में आने वाले बदलाव की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट प्रदेश की 25 करोड़ जनता की भावना को प्रतिनिधित्व करने वाला है। बजट नए भारत के नए उत्तर प्रदेश के लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार बजट प्रावधान को समयबद्ध तरीके लागू करने में सक्षम होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने प्रदेश में वित्तीय अनुशासन का पूरी तरह पालन किया गया है। बजट में कुशल वित्तीय प्रबंधन की झलक देखने को मिल रही है। राजकोषीय घाटे को निर्धारित सीमा 3.5 फीसदी से कम कर 3.24 प्रतिशत तक करने में सफलता मिली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते छह वर्ष में जनता का सकारात्मक सहयोग मिला है।

दो करोड़ युवाओं को रोजगार देंगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में प्रदेश के युवाओं को शिक्षित करने के साथ उनके कौशल विकास का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में बजट घोषणाओं के साथ निजी क्षेत्र में रोजगार, स्वरोजगार से दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट से रोजगार की संभावना बढ़ी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने 2017-18 से सरकार ने हर वर्ष थीम आधारित बजट पेश किया है। 2017-18 का बजट किसानों को समर्पित था। 2018-19 में बजट ढांचागत विकास और औद्योगिक विकास के लिए था। 2019-20 का बजट मिशन शक्ति, महिला सुरक्षा, महिला सम्मान और महिला स्वावलंबन के लिए समर्पित था। 2020-21 का बजट युवा शक्ति, कौशल विकास, रोजगार और प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए था। 2021-22 का बजट प्रदेश की समग्र विकास को ध्यान में रखकर स्वावलंबन से सशक्तिकरण को समर्पित था। 2022-23 का बजट अंत्योदय से आत्मनिर्भरता का बजट था। 2023-24 का बजट में 25 करोड़ आबादी की विकास और कल्याण के लिए उत्तर प्रदेश के त्वरित, सर्वसमावेशी और समग्र विकास को समर्पित बजट है।

बिना कोई नया टैक्स लगाए रेवेन्यू सरप्लस राज्य बना यूपी

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने बीते छह वर्ष में जनता पर बिना कोई नया कर लगाए प्रदेश को रेवेन्यू सरप्लस राज्य बनाया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पेट्रोल डीजल पर राज्य का वैट कम कर जनता को महंगाई से राहत दिलाई। यूपी में पेट्रोल डीजल देश में सबसे सस्ता होने से यहां उपभोक्ता वस्तुएं महंगी नहीं हुई। जनता को राहत मिली। उन्होंने कहा कि पारदर्शी कर प्रणाली लागू करने, राजस्व कर चोरी रोकने और राजस्व संग्रह को बढ़ाने से यूपी रेवेन्यू सरप्लस स्टेट बना है। इससे प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का इंफ्रास्ट्रक्चर दिया जा रहा है।

*संकल्प पत्र के 130 में से 110 वादे पूरे

मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा चुनाव 2022 से पहले भाजपा ने लोक कल्याण संकल्प पत्र प्रस्तुत कर जनता से 130 वादे किए थे। सरकार ने पहले और दूसरे बजट में 110 वादों को शामिल किया है। संकल्प पत्र में किए गए वादों को पूरा करने के लिए 64 हजार करोड़ रुपये समर्पित किए है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राजस्व कर की चोरी रोक कर, वित्तीय अनुशासन और बेहतर वित्तीय प्रबंधन से अर्थव्यवस्था के दायरे को बढ़ाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2016-17 में सरकार ने 3.40 लाख करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत किया था। 2023-24 के लिए सरकार ने 6.90 लाख करोड़ से अधिक का बजट पेश किया है, जो 2016-17 की तुलना में दोगुना से अधिक है। उन्होंने कहा कि बीते छह वर्ष में यूपी की प्रति व्यक्ति आय और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में भी दोगुना से अधिक वृद्धि हुई है। यह डबल इंजन सरकार की अर्थव्यवस्था को विस्तार देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।