*जम्मू-कश्मीर में धरती के नीचे दबा मिला बड़ा खजाना, देश में पहली बार लीथियम के भंडार की पहचान*
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भारत की मिट्टी के लिए कहा जाता है कि यहां की धरती सोने, हीरे और मोती उगलती है। धरती के नीचे छुपे इन्हीं खजानों से भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया के शीर्ष पर पहुंचने वाली है। दरअसल लिथियम का बड़ा भंडार भारत मे मिला है। देश में पहली बार लिथियम और सोने का बड़ा भंडार मिला है। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में इस खजाने की पहचान की है।
देश की पहली लीथियम रिजर्व साइट
गुरुवार को सेंट्रल ज्योलॉजिकल प्रोग्रामिंग बोर्ड की 62वीं बैठक में खदान सचिव विवेक भारद्वाज ने बताया कि जीएसआई के सर्वे में जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में देश की पहली लीथियम रिजर्व साइट मिली है। खान मंत्रालय को रियासी जिले के सलाल-हैमाना इलाके में करीब 59 लाख टन लिथियम का भंडार मिला है। देश में कुल 51 ब्लॉक मिले हैं। इनमें से 5 ब्लॉक में लिथियम, गोल्ड, पोटाश, मॉलिब्डेनम से जुड़े हुए हैं। 2018-19 से लेकर आज की तारीख में इन ब्लॉक्स को खोजा गया है। इसके अलावा 17 ब्लॉक्स कोयले के रिजर्व से जुड़े हैं। बैठक के दौरान 15 अन्य संसाधनों वाली भूवैज्ञानिक रिपोर्ट और 35 भूवैज्ञानिक ज्ञापनों के साथ यह रिपोर्ट संबंधित राज्य सरकारों को सौंपी गई।
यहां होता है लिथियम का इस्तेमाल
बता दें कि लिथियम नॉन फेरस मेटल है और इसका इस्तेमा इलेक्ट्रानिक गाड़ियों की बैट्री में इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा इसका उपयोग खिलौनों और घड़ियों के लिए भी किया जाता है। उन्माद की गंभीरता और आवृत्ति को कम करने में मदद करता है, मूड स्विंग, बाइपोलर अवसाद का इलाज करने में मदद कर सकता है। यदि आपको आत्महत्या के बारे में अधिक सोचते हैं तो लिथियम इन भावनाओं को कम करने में मदद कर सकता है। लिथियम भविष्य में होने वाले उन्मत्त और अवसादग्रस्तता प्रकरणों को रोकने में भी मदद करता है।लिथियम और इसके यौगिकों में कई औद्योगिक तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। जिनमें गर्मी प्रतिरोधी ग्लास और चीनी मिट्टी की चीजे, लिथियम ग्रीस स्नेहक, लोहा, स्टील और एल्यूमीनियम उत्पादन के लिए फ्लक्स एडिटिव्स, लिथियम धातु बैटरी और लिथियम-आयन बैटरी शामिल हैं।
अब तक लिथियम के लिए दूसरे देशों पर निर्भर है भारत
इस समय भारत लिथियम के लिए पूरी तरह दूसरे देशों पर निर्भर है। अब इस खजाने के मिलने के बाद सरकार की ये परेशानी हल होती दिख रही है। दरअसल, इंडिया इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को प्रमोट कर रहा है ताकि पेट्रोल और डीजल से निर्भरता कम हो सके, जो प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है। अगर गाड़ियां ईवी से चलेंगी तो इससे होने वाले प्रदूषण में कमी आएगी। व्हीकल को ईवी से चलने में सबसे बड़ी भूमिका निभाती है, उसमें लगाई जाने वाली बैटरी और बैटरी बनाने के लिए लिथियम की जरूरत पड़ती है। भारत में आवश्यकतानुसार लिथियम की उपलब्धता नहीं है। हमें विदेशों से आयात करना पड़ रहा है। अब इससे राहत मिलेगी, क्योंकि लिथियम का बड़ा भंडार अब इंडिया में ही मिल गया है।
Feb 10 2023, 11:08