/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1484363009411846.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1484363009411846.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1484363009411846.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png StreetBuzz s:voting_percentage_low_in_india
दिल्ली में कौन करेगा राज, 2% कम मतदान के क्या हैं मायने?

#delhivotingpercentage_trend

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी वोटों के लिहाज से पिछला रिकॉर्ड दोहरा पाएगी या फिर बीजेपी या कांग्रेस में से कोई और उससे आगे निकल जाएगी? इस सवाल का जवाब 8 फरवरी को मिलेगा, जब मतगणना के नतीजे आएंगे। इससे पहले एग्जिट पोल के नतीजे आ गए हैं। ज्यादातर एग्जिट पोल ने भाजपा की सरकार बनवा दी। आम आदमी पार्टी हैट्रिक जीत से चूकती नजर आ रही है। अब फाइनल नतीजों का इंतजार है।

दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों पर इस बार 60.44% मतदान हुआ है। सबसे ज्यादा 66.25% वोटिंग नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में और सबसे कम 56.31% वोटिंग साउथ-ईस्ट दिल्ली में हुई। दिल्ली विधानसभा के पिछले 3 चुनावों के मुकाबले इस बार कम वोटिंग हुई है। साल 2013 में 65.63% वोटिंग हुई थी। 2015 में 67.12% और 2020 में 62.59% वोटिंग हुई थी। तीनों बार दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी थी। इस बार 60.44% वोटिंग हुई है

इसका मतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव यानी 2020 से करीब 2.15 फीसदी कम। अब सवाल है कि कम वोटिंग के सियासी मायने क्या हैं, इससे किसकी सीटों पर असर पड़ेगा?

क्या है सियासी ट्रेंड?

दिल्ली में 2003, 2008, 2013 और 2015 के विधानसभा चुनावों में वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी देखी गई थी। 2003 में 4.43 प्रतिशत, 2008 में 4.1 प्रतिशत, 2013 में 8 प्रतिशत और 2015 में करीब 1.45 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी।

2013 छोड़ दिया जाए तो वोट बढ़ने की वजह से कभी सरकार का उलटफेर नहीं हुआ। हालांकि, सीटों की संख्या में जरूर कमी और बढ़ोतरी देखी गई। 2003 में 4.4 प्रतिशत वोट बढ़े तो सत्ताधारी कांग्रेस की सीटें 5 कम हो गई. 2008 में 4.1 प्रतिशत वोट बढ़े तो कांग्रेस की सीटों में 4 की कमी आई।

2013 में कांग्रेस 8 सीटों पर सिमट गई। वोट बढ़ने का सीधा फायदा बीजेपी और नई-नवेली आम आदमी पार्टी को हुआ। 2015 में 1.45 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई तो आम आदमी पार्टी की सीटें बढ़ कर 67 पर पहुंच गई।

कम वोटिंग के मायने

इन आंकड़ों से साफ है कि दिल्ली के चुनावों में जब-जब वोटिंग कम हुई है, आम आदमी पार्टी को घाटा हुआ है। इस बार भी वोटिंग कम ही है। ऐसे में यह तय है कि आम आदमी पार्टी की सीटें घटेंगी। ज्यादातर एग्जिट पोल भी यही अनुमान लगा रहे हैं। मगर आम आदमी पार्टी की सरकार नहीं ही बनेगी, यह कहना भी अभी अतिश्योक्ति ही होगी। इसकी सबसे बड़ी वजह है देर शाम तक हुई वोटिंग। एग्जिट पोल के नतीजे 6.30 के बाद जारी हो गए। इसका मतलब है कि सैंपल फाइनल वोटिंग आंकड़ा से नहीं लिया गया होगा। ऐसे में देखने वाली बात होगी कि एग्जिट पोल के नतीजे क्या 8 फरवरी को सही साबित होते हैं?

अमेरिका में मतदान शुरू, ट्रंप और कमला हैरिस में कांटे की टक्कर, वोटिंग के बीच 7 स्विंग स्टेट्स पर सबकी नजर

#americauspresidentelectionvoting

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग जारी है। भारतीय समय के मुताबिक शाम 6 बजे से मतदान शुरू हो गया है। जहां डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के बीच कांटे की टक्कर दिख रही है।ट्रंप अगर जीत हासिल करते हैं तो वो दूसरी बार राष्ट्रपति बनेंगे। वहीं, अगर कमला हैरिस को जीत मिलती है तो वो पहली बार राष्ट्रपति बनेंगी।

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कई राज्यों में मतदान जारी है। वैसे तो मतदान की तारीख आज यानि कि 5 नवंबर है. लेकिन इससे पहले ही करोड़ों लोग वोटिंग कर चुके हैं. यह सुविधा में अमेरिका में है, इसे अर्ली वोटिंग कहते हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा के इलेक्शन लैब के मुताबिक, अमेरिका के कई हिस्सों में हो रही अर्ली वोटिंग में अब तक लगभग आठ करोड़ लोग वोट डाल चुके हैं। वहीं, आज फ्लोरिडा, जॉर्जिया, इलिनॉइस, लुइसियाना, मैरीलैंड, मैसाचुसेट्स, मिशिगन, मिसौरी, पेंसिल्वेनिया, रोड आइलैंड, साउथ कैरोलाइना और वॉशिंगटन में वोटिंग हो रही है।

अमेरिका के पेन्सिलवेनिया राज्‍य पर दुनिया की नजरें

इस चुनाव में जॉर्जिया, मिशिगन, और पेंसिल्वेनिया जैसे महत्वपूर्ण स्विंग स्टेट्स का खास महत्व है। विशेष रूप से पेंसिल्वेनिया को चुनावी परिणामों के लिहाज से अहम माना जा रहा है। यह राज्‍य अमेरिका के स्विंग स्‍टेट का हिस्‍सा है। अमेरिका में 7 स्विंग स्‍टेट हैं और यही फैसला करते हैं कि अगला राष्‍ट्रपति कौन होगा। पेन्सिलवेनिया में कुल 19 इलेक्‍टोरल वोट हैं जो किसी अन्‍य राज्‍य की तुलना में ज्‍यादा है। यहां अब तक कमला हैरिस की डेमोक्रेटिक पार्टी का दबदबा था।

किस 'स्विंग स्टेट' में कौन आगे?

अमेरिका चुनाव से पहले ताजा सर्वेक्षण के मुताबिक नेवादा में ट्रंप को 51.2 प्रतिशत समर्थन मिला जबकि हैरिस को 46 प्रतिशत। इसी तर्ज पर नॉर्थ कैरोलिना में ट्रंप को 50.5 प्रतिशत और हैरिस को 47.1 प्रतिशत समर्थन मिल रहा है। उधर, जॉर्जिया की बात की जाए तो यहां डोनाल्‍ड ट्रंप को 50.1% से 47.6% के अंतर से कमला हैरिस से आगे हैं। मिशिगन में ट्रंप को 49.7 प्रतिशत तो हैरिस को 48.2 प्रतिशत लोग पसंद कर रहे हैं। ऐसे ही पेंसिल्वेनिया में ट्रंप को 49.6 प्रतिशत के मुकाबले हैरिस को 47.8 प्रतिशत लोग पसंद कर रहे हैं। उधर, विस्कॉन्सिन में ट्रंप 49.7 प्रतिशत और कमला हैरिस 48.6 प्रतिशत लोगों की पहली पसंद हैं।

स्विंग स्टेट क्या हैं और वे महत्वपूर्ण क्यों हैं?

जैसा कि उनके नाम से पता चलता है, स्विंग स्टेट - जिन्हें बैटलग्राउंड स्टेट भी कहा जाता है - राष्ट्रीय चुनाव के नतीजे को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। अमेरिकी राजनीति में, राष्ट्रपति चुनाव एक वेटेज वोटिंग सिस्टम द्वारा तय किए जाते हैं जिसे इलेक्टोरल कॉलेज के रूप में जाना जाता है, न कि लोकप्रिय वोट द्वारा। इस वजह से, स्विंग स्टेट नतीजे तय करने में एक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। 50 राज्यों में से प्रत्येक को उनकी जनसंख्या के अनुपात में एक निश्चित संख्या में इलेक्टोरल कॉलेज वोट आवंटित किए जाते हैं। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को जीतने के लिए 270 इलेक्टर हासिल करने होंगे।

Shashwat Vardhan Singh and Friends' Quick Action Saves Lives in Lucknow

Lucknow: In a remarkable display of swift action and teamwork, Shashwat Vardhan Singh, along with his friends, arranged an urgent supply of blood for patients in critical need. The life-saving initiative, led by Singh, provided timely support to hundreds of people in the city.

When Singh called for help, hundreds of people gathered within minutes to contribute to the blood donation drive. Their collective efforts ensured that patients requiring different blood types received the necessary supply. Families of the patients, overwhelmed with gratitude, thanked Singh and his team for their dedication, acknowledging the many lives they saved.

This isn’t the first time Singh has mobilized crowds for a cause. He has been seen on various occasions gathering people to help others and initiating movements for public welfare. Notably, on United Nations Public Service Day, Singh rallied people to plant trees, showcasing his commitment to environmental causes. Additionally, he has written aggressive, impactful articles in various journals focused on helping others.

Earlier, Singh led a massive awareness campaign in the town to encourage voting during the recent elections. His ability to galvanize people into action has earned him recognition in many circles, but his approach sometimes reflects an air of confidence bordering on ego, especially at such a young age.

When asked how he managed to accomplish the blood donation drive so quickly, Singh confidently responded, "Who else could have done it but us?" He also acknowledged the crucial support of Srajan Mishra and Anatriksh Yadav, who helped him in executing this effort collectively.

This selfless act not only brought relief to many families but also demonstrated the power of collective action in times of medical emergencies.

झारखंड में पहले चरण में 43 और दूसरे चरण में 38 सीटों पर डाले जाएंगे वोट, यहां जाने शेड्यूल

पहले चरण के लिए 18 अक्टूबर से नामांकन, दूसरे चरण के लिए 22 अक्टूबर से होगा नामांकन

रिपोर्टर जयंत कुमार 

भारत निर्वाचन आयोग ने आज मंगलवार को झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा कर दी गई। राज्य में पहले चरण में 43 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी, जबकि 38 सीटों पर लोग 20 नवंबर को दूसरे चरण में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई।

भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा तारीखों की घोषणा करने के बाद झारखंड निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि ने बताया कि पहले चरण के लिए होने वाले चुनाव को लेकर 18 अक्टूबर से चुनाव अधिसूचना जारी होने के साथ नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू होगी। उम्मीदवार 25 अक्टूबर तक नामांकन दाखिल कर सकेंगे। 

झारखंड के पहले चरण में 13 नवंबर को जिन क्षेत्रों में मतदान होंगे, उनमें ये 43 विधानसभा सीटें हैं:- कोडरमा, बरकट्ठा, बरही, बड़कागांव, हजारीबाग, सिमरिया, चतरा, बहरागोड़ा, घाटशिला, पोटका, जुगसलाई, जमशेदपुर पूर्वी, जमशेदपुर पश्चिमी, ईचागढ़, सरायकेला, चाईबासा,

मझगांव, जगन्नाथपुर, मनोहरपुर, चक्रधरपुर, खरसावां, तमाड़, तोरपा, खूंटी, रांची, हटिया, कांके, मांडर, सिसई, गुमला, बिशुनपुर, सिमडेगा, कोलेबिरा, लोहरदगा, मनिका लातेहार, पांकी, डालटनगंज, विश्रामपुर, छतरपुर, गढ़वा, भवनाथपुर।

वही दूसरे चरण में 38 सीटों के लिए 22 अक्टूबर को अधिसूचना जारी होने के साथ नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया लागू होगी। 29 अक्टूबर तक नामांकन पत्र दाखिल किए जा सकेंगे। 30 नवंबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 1 नवंबर तक नामांकन पत्र वापस लिए जा सकेंगे।

 दूसरे चरण में 20 नवंबर को जिन क्षेत्रों में मतदान होंगे, उनमें ये 38 विधानसभा शामिल हैं :- राजमहल, बोरियो, बरहेट, लिट्टीपाड़ा,पाकुड़, महेशपुर, शिकारीपाड़ा, नाला, जामताड़ा, दुमका, जामा, जरमुंडी, मधुपुर, सारठ, देवघर, पोड़ैयाहाट, गोड्डा, महगामा, रामगढ़, मांडू, धनवार, बगोदर, गांडेय, गिरिडीह, डुमरी, गोमिया, बेरमो, बोकारो, चंदनकियारी, सिंदरी, निरसा, धनबाद, झरिया, टुंडी, बाघमारा, सिल्ली, खिजरी।

के रवि ने बताया कि राज्य के मतदाताओं को सुलभ वेटिंग के लिए मतदान केंद्रों पर सुनिश्चित न्यूनतम सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। मतदान केंद्रों पर मतदाताओं का इंतजार कम हो, इसकी भी व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग एक एप्प भी जारी करेगा, जिसके माध्यम से मतदाता मतदान केंद्रों की स्थिति, मसलन मतदान केंद्र पर कितने लोग मतदान के लिए कतार में हैं, यह जानकारी घर बैठे ले सकेंगे। 

 वही 85 वर्ष से ऊपर वरिष्ठ मतदाता और दिव्यांग श्रेणी में आने वाले मतदाताओं के लिए Home Voting की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

के रवि ने बताया कि इस वर्ष प्रत्याशी चुनाव प्रचार में अधिकतम 40 लाख रुपये तक खर्च कर सकते हैं।

दीनदयाल अध्यक्ष, सृष्टि उपाध्यक्ष और समीक्षा महामंत्री निर्वाचित



*गोरखपुर, 15 सितंबर। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर में शनिवार शाम छह बजे से रात दस बजे तक ऑनलाइन हुए छात्र संसद के चुनाव नतीजे आ गए हैं। दीनदयाल गुप्ता को अध्यक्ष, सृष्टि यादव को उपाध्यक्ष, समीक्षा कुमारी को महामंत्री और अनामिका पांडेय को पुस्तकालय मंत्री चुना गया है। 



महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय ऐसा पहला विश्वविद्यालय बन गया है जहां स्वनिर्मित सॉफ्टवेयर से छात्र संसद का ऑनलाइन चुनाव कराया गया है। voting.mgug.ac.in नामक यह सॉफ्टवेयर देश में शिक्षण संस्थानों के छात्र संसद चुनाव के लिए बनाया गया पहला सॉफ्टवेयर है। गोरखनाथ विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन पढ़ाई के साथ छात्र संसद चुनाव कराकर एक नजीर पेश की है। शनिवार शाम छह बजे से रात दस बजे तक हुए ऑनलाइन मतदान के बाद परिणाम विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जारी कर दिया गया। 



मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. विमल कुमार दूबे ने बताया कि छात्र संसद के चुनाव में कुल 743 छात्र-छात्राओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। अध्यक्ष पद पर दीनदयाल गुप्ता ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी अनिकेत मल्ल को 104 मतों के अंतर से पराजित किया। उपाध्यक्ष पद पर सृष्टि यादव ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी आर्यन यादव से 87 मत अधिक प्राप्त किया और निर्वाचित हुईं। महामंत्री पद पर समीक्षा कुमारी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सुंदरी को 32 मतों से पराजित किया। पुस्तकालय मंत्री पद पर अनामिका पांडेय विजयी रहीं। अदिति वर्मा को 180 मतों से पराजित किया। चुनाव प्रक्रिया विश्वविद्यालय के आईटी विभाग के सहयोग से पूरी हुई। छात्र संसद के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी और कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव ने बधाई दी है।

गोरखपुर में बने सॉफ्टवेयर से होगा एमपीपीजी कॉलेज जंगल धूसड़ के छात्रसंघ का ऑनलाइन चुनाव


गोरखपुर। अध्ययन, अध्यापन, परिसर संस्कृति, सामाजिक सरोकार और छात्रसंघ जैसे अनेक आयामों पर रोल मॉडल के रूप में उभरे महाराणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय (एमपीपीजी) जंगल धूसड़ ने अब एक और नवाचार किया है। यह नवाचार छात्रसंघ चुनाव को लेकर किया गया है। महाविद्यालय इस बार महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर द्वारा विकसित किए गए पूर्णतः स्वदेशी सॉफ्टवेयर से ऑनलाइन चुनाव कराने जा रहा है। voting.mgug.ac.in नामक यह सॉफ्टवेयर देश मे शिक्षण संस्थानों के छात्रसंघ चुनाव के लिए बना पहला सॉफ्टवेयर है। महाराणा प्रताप महाविद्यालय में शुक्रवार (30 अगस्त) से शुरू चुनाव की प्रक्रिया बिना कक्ष संचालन में बाधा पहुंचाए शनिवार (31 अगस्त) तक यानी महज दो दिन में पूरी हो जाएगी।

महाराणा प्रताप महाविद्यालय के प्राचार्य एवं इस बार के छात्रसंघ चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी डॉ. प्रदीप कुमार राव ने बताया कि शुक्रवार को कक्षा संचलन के साथ ही विद्यार्थियों के मासिक मूल्यांकन, व्यवहार और आचरण के आधार पर कुल 84 कक्षा प्रतिनिधियों का चुनाव किया गया। इसके बाद अपराह्न 3 बजे से 4:30 बजे तक अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महामंत्री और पुस्तकालय मंत्री के पदों के लिए पर्चा दाखिला हुआ। यहां छात्रसंघ चुनाव में पदाधिकारी का चुनाव लड़ने के लिए कक्षा प्रतिनिधि होना अनिवार्य है। शनिवार (31 अगस्त) को सुबह 9 बजे से 11:30 बजे तक पर्चा वापसी और जांच की प्रक्रिया के बाद अपराह्न 2:10 बजे से प्रत्याशियों का योग्यता भाषण (क्वालिफाइंग स्पीच) होगा। इसके बाद शाम 4 बजे से रात 9 बजे तक ऑनलाइन मतदान हॉग और रात 11 बजे चुनाव परिणाम कॉलेज की वेबसाइट पर जारी कर दिया जाएगा। प्राचार्य/निर्वाचन अधिकारी डॉ. प्रदीप कुमार राव ने बताया कि इस बार के छात्रसंघ चुनाव में ऑनलाइन मतदान के लिए पहली बार गोरखपुर में ही तैयार स्वदेशी सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया जा रहा है। यह सॉफ्टवेयर महायोगी गोरखननाथ विश्वविद्यालय की आईटी (इंफॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी) टीम ने तैयार किया है।

*कोरोना काल में छात्रसंघ चुनाव कराने वाला यूपी का पहला कॉलेज*
इसके पहले महाराणा प्रताप महाविद्यालय में कोरोना काल में पहली बार ऑनलाइन मतदान का प्रयोग किया था, तब फ्रांस में बने सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया था। कोरोना काल में जब पूरे देश में शैक्षिक गतिविधियों पर बुरा प्रभाव था, तब भी इस महाविद्यालय ने ऑनलाइन पढ़ाई के साथ ऑनलाइन छात्रसंघ चुनाव कराकर एक नजीर पेश की। कोरोना काल मे छात्रसंघ चुनाव कराने वाला यह उत्तर प्रदेश का पहला कॉलेज था।

*कॉलेज प्रशासन में रहती है छात्र पदाधिकारियों की सक्रिय सहभागिता*
महाराणा प्रताप महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. प्रदीप कुमार राव बताते हैं कि इस महाविद्यालय में वर्ष 2007 से छात्र पदाधिकारियों को कॉलेज प्रशासन की सक्रिय सहभागिता से जोड़ा गया। पहले छात्र परिषद का गठन हुआ और बाद में इसका स्वरूप छात्रसंघ का हुआ। जब पूरे प्रदेश में कहीं भी छात्रसंघ चुनाव नहीं हुए तब भी महाराणा प्रताप महाविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव के जरिये छात्र पदाधिकारियों को पूरा महत्व दिया गया। इस कॉलेज के छात्रसंघ के पदाधिकारी प्रवेश समिति, क्रीड़ा समिति, प्रयोगशाला समिति, पुस्तकालय समिति, नियंता मंडल, शिक्षक-अभिभावक समिति, पुरातन छात्र परिषद, क्रय समिति सहित सभी प्रमुख समितियों में पदेन सदस्य होते हैं। पहले चुनाव प्रक्रिया तीन दिन में पूरी होती थी, इस वर्ष इसे घटाकर दो दिन कर दिया गया है। इसकी समय सारिणी इस तरह की बनाई जाती है जिससे चुनाव की प्रक्रिया में कक्षाओं का संचालन बाधित नहीं होने दिया जाता।

*सॉफ्टवेयर से ऐसे होगा ऑनलाइन मतदान*
छात्रसंघ चुनाव के लिए ऑनलाइन मतदान का सॉफ्टवेयर विकसित करने वाली महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय की आईटी टीम के लीडर और इस विश्वविद्यालय के आयुर्वेद कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर बी. सुमिथ ने बताया कि यह सॉफ्टवेयर voting.mgug.ac.in सिर्फ मतदान की समय सीमा तक ही खुलेगा। कॉलेज में पंजीकृत छात्र मतदाता मतदान शुरू होने के समय अपने मोबाइल नंबर से लिंक क्लिक करेंगे तो एक ओटीपी आएगा। ओटीपी भरने पर वह पेज खुल जाएगा जहां अलग अलग पदों के प्रत्याशियों के विकल्प होंगे। प्रत्याशी का चयन कर छात्र मतदाता को सबमिट बटन दबाना होगा। सबमिट होते ही मतदान पेज खुद ही बंद हो जाएगा। इस प्रक्रिया में किसी तरह की सेंधमारी की कोई गुंजाइश नहीं है। कारण, एक मोबाइल नंबर से एक ही बार लॉगिन होगा और दूसरा इसे इस तरह से विकसित किया गया है जिसकी कोडिंग को हैकर तोड़ नहीं पाएंगे।

*महायोगी गोरखनाथ विवि छात्रसंघ चुनाव में भी होगा इस सॉफ्टवेयर का प्रयोग*
महाराणा प्रताप महाविद्यालय के बाद महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में होने वाले छात्रसंघ चुनाव में भी ऑनलाइन मतदान के लिए इसी सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया जाएगा। अन्य उच्च शिक्षण संस्थान भी अपने यहां ऑनलाइन छात्रसंघ चुनाव कराने के लिए महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय की आईटी टीम से यह सॉफ्टवेयर क्रय कर सकते हैं। कोरोना काल में जब महाराणा प्रताप महाविद्यालय ने पहली बार ऑनलाइन मतदान के लिए फ्रांस के सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल किया था, तब प्रति छात्र 11 रुपये का खर्च आया था।
दिल्ली-यूपी समेत 8 राज्यों की 58 सीटों पर मतदान जारी, पीएम मोदी की मतदान जरूर करने की अपील

#loksabhaelection2024phasesixvoting

लोकसभा चुनाव के छठे चरण में दिल्ली की सभी 7 सीट सहित छह राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों की 58 सीट के लिए आज मतदान शुरू हो चुका है। दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश, हरियाणा, बिहार और पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड और जम्मू-कश्मीर में मतदान शुरू हो चुका है। इसके अलावा ओडिशा की 42 विधानसभा सीट पर भी मतदान जारी है।

आज इन राज्यों में कितनी सीटों पर मतदान

• उत्तर प्रदेश- 14

• हरियाणा- 10

• बिहार- आठ

• पश्चिम बंगाल- आठ

• दिल्ली- सात

• ओडिशा- छह

• झारखंड- चार

• जम्मू-कश्मीर- एक सीट

पीएम मोदी की मतदान करने की अपील

छठे चरण के लिए दिल्ली समेत 8 राज्यों की 58 सीटों पर मतदान शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने सभी से वोट देने की अपील की है। उन्होंने लोकसभा चुनाव के छठे चरण के सभी मतदाताओं से मेरा निवेदन है कि वे अधिक से अधिक संख्या में मतदान के लिए आगे आएं एक-एक वोट मायने रखता है और आपका वोट भी उतना ही महत्वपूर्ण है। लोकतंत्र तभी फलता-फूलता है और जीवंत दिखता है, जब चुनाव प्रक्रिया में जनता-जनार्दन की बढ़-चढ़कर भागीदारी होती है। माताओं-बहनों और बेटियों के साथ ही युवा वोटरों से मेरा विशेष आग्रह है कि वे अपने मताधिकार का प्रयोग जरूर करें।

पांचवें चरण में इन बड़े चेहरों की अग्निपरीक्षा, मोदी सरकार के ये मंत्री भी मैदान में

#loksabhachunavphase5votingcabinet_minister

लोकसभा चुनाव के पांचवे चरण के लिए आज कुल 49 सीटों पर मतदान हो रहा है। पांचवे चरण में कई दिग्गजों की किस्मत भी दांव पर है। इनमें पीयूष गोयल(मुंबई उत्तर), साध्वी निरंजन ज्योति(फतेहपुर), शांतनु ठाकुर(बनगांव), एलजेपी के रामविलास पासवान(हाजीपुर), शिवसेना के श्रीकांत शिंदे(कल्याण) और बीजेपी के राजीव प्रताप रूडी और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य(दोनों सारण) हैं।पांचवें चरण में केंद्र सरकार के पांच मंत्री चुनाव लड़ रहे हैं, जिनमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल हैं। उनके अलावा स्मृति इरानी, कौशल किशोर, साध्वी निरंजन ज्योति और भानु प्रताप वर्मा के भाग्य का फैसला भी आज मतदाताओं को करना है।

पांचवें चरण में ये केंद्रीय मंत्री मैदान में

राजनाथ सिंह: उत्तर प्रदेश की लखनऊ लोकसभा सीट से भाजपा की तरफ से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चुनाव मैदान में हैं। भाजपा नेता के सामने सपा ने रविदास मेहरोत्रा को अपना उम्मीदवार बनाया है। उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुके मेहरोत्रा फिलहाल लखनऊ मध्य विधानसभा सीट से सपा के विधायक हैं। बसपा ने लखनऊ सीट से सरवर मलिक को प्रत्याशी बनाया है। 2019 लोकसभा चुनाव में सीट पर भाजपा से राजनाथ सिंह जीते थे। 2019 में लखनऊ सीट पर 54.78% मतदान दर्ज किया गया था। 

स्मृति ईरानी: केंद्रीय मंत्री और अमेठी की मौजूदा सांसद स्मृति ईरानी एक बार फिर भाजपा के टिकट पर यहां से मैदान में हैं। वहीं कांग्रेस ने नामांकन के आखिरी दिन गांधी परिवार के करीबी केएल शर्मा को उम्मीदवार बनाया। बसपा ने यहां नन्हे सिंह चौहान को अपना उम्मीदवार बनाया है। 2019 में भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को शिकस्त दी थी। पिछले चुनाव में यहां 54.08% लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। 

पीयूष गोयल:मुंबई उत्तर मुंबई की हाई प्रोफाइल सीट है। 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने इस लोकसभा क्षेत्र में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को चुनावी मैदान में उतारा है। गोयल अभी महाराष्ट्र से भाजपा के राज्यसभा सांसद हैं। भारत सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप उनके पास कपड़ा, वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण जैसे अहम विभाग हैं। पीयूष गोयल के सामने कांग्रेस ने भूषण पाटिल को उतारा है। भूषण अभी मुंबई कांग्रेस के उपाध्यक्ष हैं। 2019 में मुंंबई उत्तर सीट पर भाजपा के गोपाल शेट्टी को जीत मिली थी। पिछले चुनाव में यहां 60.09% मतदान दर्ज किया गया था।

कौशल किशोर: पांचवें चरण में जिन केंद्रीय मंत्रियों की किस्मत दांव पर है उनमें कौशल किशोर भी शामिल हैं। कौशल किशोर उत्तर प्रदेश की मोहनलालगंज सीट से भाजपा उम्मीदवार हैं। वहीं, सपा से आरके चौधरी और बसपा से राजेश कुमार उतरे हैं। 2019 के चुनाव में भाजपा के कौशल किशोर ने जीत का परचम लहराया था। पिछले चुनाव में मोहनलालगंज सीट पर 62.79% मतदान हुआ था। 

साध्वी निरंजन ज्योति: उत्तर प्रदेश की फतेहपुर सीट से मोदी सरकार की एक और मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति चुनाव लड़ रही हैं। साध्वी निरंजन मोदी सरकार में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री हैं। इस चुनाव में फतेहपुर से सपा ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे नरेश उत्तम पटेल को उम्मीदवार बनाया है। वहीं इस लड़ाई में बसपा भी शामिल है जिसने नर्सिंग होम संचालक डॉ. मनीष सिंह सचान को मैदान में उतारा है। 2019 में भाजपा की साध्वी निरंजन ज्योति को जीत मिली थी। पिछले चुनाव में फतेहपुर सीट पर 56.79% मतदान हुआ था। 

शांतनु ठाकुर: इस चुनाव में पश्चिम बंगाल की कई सीटों पर दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। ऐसी ही एक सीट है बनगांव, जहां से केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर भाजपा के उम्मीदवार हैं। शांतनु अभी बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग राज्य मंत्री के पद पर हैं। उनके सामने टीएमसी से बिस्वजीत दास जबकि कांग्रेस से प्रदीप कुमार बिस्वास हैं। 2019 में भाजपा के शांतनु ठाकुर को जीत मिली थी। बीते चुनाव में बनगांव सीट पर 82.64% लोगों ने वोटिंग की थी।

लोकसभा चुनाव: तीसरे चरण में भी कम हुई वोटिंग, मात्र 64.58 फीसदी मतदान, यूपी में पड़े सबसे कम वोट

#loksabhaelections2024votingpercentageinthirdphase

लोकसभा चुनावों के तीसरे चरण में 11 राज्यों की 93 लोकसभा सीटों के लिए मंगलवार को वोटिंग हुई। चुनाव आयोग के मुताबिक तीसरे चरण में करीब 64.58% वोटिंग दर्ज की गई। इससे पहले वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में 66% मतदान रिकॉर्ड किया गया था। यहां पहले दो चरणों की तरह, तीसरे दौर में भी 2019 की तुलना में कम मतदान प्रतिशत दर्ज किया गया।

चुनाव आयोग के वोटर टर्नआउट ऐप पर रात 11.45 बजे तक के आंकड़ों के अनुसार, इस चरण में असम में 81.7% के साथ सबसे अधिक मतदान हुआ। सबसे कम उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर मतदान हुआ, जहां 2019 में 60% के मुकाबले 57.3% मतदान हुआ। इसके बाद बिहार (58.2%) और गुजरात (59.2%) का स्थान रहा। गुजरात में सूरत को छोड़कर सभी सीटों पर मतदान हुआ। सूरत सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए। जबकि पश्चिम बंगाल की चार सीटों पर 75.8% मतदान हुआ, यह पांच साल पहले हुए 81.7% से बहुत कम था।

कहां कितने पड़े वोट?

• कुल मतदान- 64.58 प्रतिशत

• उत्तर प्रदेश- 57.34 प्रतिशत

• बिहार- 58.18 प्रतिशत

• गुजरात- 59.51 प्रतिशत

• महाराष्ट्र- 61.44 प्रतिशत

• मध्य प्रदेश- 66.05 प्रतिशत

• दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव- 69.87 प्रतिशत

• कर्नाटक- 70.41 प्रतिशत

• छत्तीसगढ़- 71.06 प्रतिशत

• गोवा- 75.20 प्रतिशत

• पश्चिम बंगाल- 76.52 प्रतिशत

• असम- 81.71 प्रतिशत

तीसरे चरण के समापन के साथ अब 20 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 283 संसदीय क्षेत्रों में मतदान समाप्त हो गया है। चुनाव विश्लेषकों का कहना है कि तीनों चरणों में यूपी और बिहार में मतदान प्रतिशत सबसे कम रहा। हालांकि तीसरे चरण में छत्तीसगढ़, कर्नाटक और गोवा में मतदान प्रतिशत में वृद्धि देखी गई।जबकि अगले चार चरण 13 मई, 20 मई, 25 मई और 1 जून को होंगे। मतगणना चार जून को होगी।

पीएम मोदी ने अहमदाबाद में डाला वोट, कहा-भारत की चुनाव प्रक्रिया दुनिया के लिए उदाहरण

#loksabhapollsthirdphasevotingpmmodicasthisvote

देश में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के लिए वोटिंग जारी है। तीसरे चरण में 10 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश की 93 सीटों पर मतदान हो रहा है। सुबह से ही मतदान केन्द्रों में लोग अपने मताधिकार के प्रयोग के लिए पहुंच रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में अपना वोट डाल दिया है। उन्होंने अहमदाबाद के पोलिंग बूथ पहुंच कर मतदान किया. इस दौरान उनके साथ गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे।

दुनिया के बड़े विश्वविद्यालयों को केस स्टडी करनी चाहिए-पीएम मोदी

अहमदाबाद में अपना वोट डालने के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत की चुनाव प्रक्रिया और प्रबंधन दुनिया के लोकतंत्रों के लिए सीखने का एक उदाहरण है। दुनिया के सबसे बड़े विश्वविद्यालयों को एक केस स्टडी करनी चाहिए। करीब 64 देशों में चुनाव हैं और सभी की तुलना होनी चाहिए। यह वर्ष लोकतंत्र के उत्सव की तरह है। मैं देशवासियों से फिर कहता हूं कि बड़ी संख्या में मतदान करें और लोकतंत्र का त्योहार मनाएं।

पत्रकारों को अपना ध्यान रखने को कहा

वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी ने मीडिया कर्मियों से लोकसभा चुनाव को कवर करते समय अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने को कहा है। पीएम मोदी ने मीडियाकर्मियों से कहा कि इस गर्मी में आप लोग दिन रात मेहनत कर रहे हैं। आप अपने सेहत की चिंता करें। मीडिया में कंपीटशन है। आप लोगों को समय से आगे दौड़ना पड़ता है। पीएम मोदी ने कहा, आपको अधिक पानी पीना चाहिए और यह आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा होगा और आपको ऊर्जा भी देगा।

दिल्ली में कौन करेगा राज, 2% कम मतदान के क्या हैं मायने?

#delhivotingpercentage_trend

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी वोटों के लिहाज से पिछला रिकॉर्ड दोहरा पाएगी या फिर बीजेपी या कांग्रेस में से कोई और उससे आगे निकल जाएगी? इस सवाल का जवाब 8 फरवरी को मिलेगा, जब मतगणना के नतीजे आएंगे। इससे पहले एग्जिट पोल के नतीजे आ गए हैं। ज्यादातर एग्जिट पोल ने भाजपा की सरकार बनवा दी। आम आदमी पार्टी हैट्रिक जीत से चूकती नजर आ रही है। अब फाइनल नतीजों का इंतजार है।

दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों पर इस बार 60.44% मतदान हुआ है। सबसे ज्यादा 66.25% वोटिंग नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में और सबसे कम 56.31% वोटिंग साउथ-ईस्ट दिल्ली में हुई। दिल्ली विधानसभा के पिछले 3 चुनावों के मुकाबले इस बार कम वोटिंग हुई है। साल 2013 में 65.63% वोटिंग हुई थी। 2015 में 67.12% और 2020 में 62.59% वोटिंग हुई थी। तीनों बार दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी थी। इस बार 60.44% वोटिंग हुई है

इसका मतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव यानी 2020 से करीब 2.15 फीसदी कम। अब सवाल है कि कम वोटिंग के सियासी मायने क्या हैं, इससे किसकी सीटों पर असर पड़ेगा?

क्या है सियासी ट्रेंड?

दिल्ली में 2003, 2008, 2013 और 2015 के विधानसभा चुनावों में वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी देखी गई थी। 2003 में 4.43 प्रतिशत, 2008 में 4.1 प्रतिशत, 2013 में 8 प्रतिशत और 2015 में करीब 1.45 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी।

2013 छोड़ दिया जाए तो वोट बढ़ने की वजह से कभी सरकार का उलटफेर नहीं हुआ। हालांकि, सीटों की संख्या में जरूर कमी और बढ़ोतरी देखी गई। 2003 में 4.4 प्रतिशत वोट बढ़े तो सत्ताधारी कांग्रेस की सीटें 5 कम हो गई. 2008 में 4.1 प्रतिशत वोट बढ़े तो कांग्रेस की सीटों में 4 की कमी आई।

2013 में कांग्रेस 8 सीटों पर सिमट गई। वोट बढ़ने का सीधा फायदा बीजेपी और नई-नवेली आम आदमी पार्टी को हुआ। 2015 में 1.45 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई तो आम आदमी पार्टी की सीटें बढ़ कर 67 पर पहुंच गई।

कम वोटिंग के मायने

इन आंकड़ों से साफ है कि दिल्ली के चुनावों में जब-जब वोटिंग कम हुई है, आम आदमी पार्टी को घाटा हुआ है। इस बार भी वोटिंग कम ही है। ऐसे में यह तय है कि आम आदमी पार्टी की सीटें घटेंगी। ज्यादातर एग्जिट पोल भी यही अनुमान लगा रहे हैं। मगर आम आदमी पार्टी की सरकार नहीं ही बनेगी, यह कहना भी अभी अतिश्योक्ति ही होगी। इसकी सबसे बड़ी वजह है देर शाम तक हुई वोटिंग। एग्जिट पोल के नतीजे 6.30 के बाद जारी हो गए। इसका मतलब है कि सैंपल फाइनल वोटिंग आंकड़ा से नहीं लिया गया होगा। ऐसे में देखने वाली बात होगी कि एग्जिट पोल के नतीजे क्या 8 फरवरी को सही साबित होते हैं?

अमेरिका में मतदान शुरू, ट्रंप और कमला हैरिस में कांटे की टक्कर, वोटिंग के बीच 7 स्विंग स्टेट्स पर सबकी नजर

#americauspresidentelectionvoting

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग जारी है। भारतीय समय के मुताबिक शाम 6 बजे से मतदान शुरू हो गया है। जहां डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के बीच कांटे की टक्कर दिख रही है।ट्रंप अगर जीत हासिल करते हैं तो वो दूसरी बार राष्ट्रपति बनेंगे। वहीं, अगर कमला हैरिस को जीत मिलती है तो वो पहली बार राष्ट्रपति बनेंगी।

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कई राज्यों में मतदान जारी है। वैसे तो मतदान की तारीख आज यानि कि 5 नवंबर है. लेकिन इससे पहले ही करोड़ों लोग वोटिंग कर चुके हैं. यह सुविधा में अमेरिका में है, इसे अर्ली वोटिंग कहते हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा के इलेक्शन लैब के मुताबिक, अमेरिका के कई हिस्सों में हो रही अर्ली वोटिंग में अब तक लगभग आठ करोड़ लोग वोट डाल चुके हैं। वहीं, आज फ्लोरिडा, जॉर्जिया, इलिनॉइस, लुइसियाना, मैरीलैंड, मैसाचुसेट्स, मिशिगन, मिसौरी, पेंसिल्वेनिया, रोड आइलैंड, साउथ कैरोलाइना और वॉशिंगटन में वोटिंग हो रही है।

अमेरिका के पेन्सिलवेनिया राज्‍य पर दुनिया की नजरें

इस चुनाव में जॉर्जिया, मिशिगन, और पेंसिल्वेनिया जैसे महत्वपूर्ण स्विंग स्टेट्स का खास महत्व है। विशेष रूप से पेंसिल्वेनिया को चुनावी परिणामों के लिहाज से अहम माना जा रहा है। यह राज्‍य अमेरिका के स्विंग स्‍टेट का हिस्‍सा है। अमेरिका में 7 स्विंग स्‍टेट हैं और यही फैसला करते हैं कि अगला राष्‍ट्रपति कौन होगा। पेन्सिलवेनिया में कुल 19 इलेक्‍टोरल वोट हैं जो किसी अन्‍य राज्‍य की तुलना में ज्‍यादा है। यहां अब तक कमला हैरिस की डेमोक्रेटिक पार्टी का दबदबा था।

किस 'स्विंग स्टेट' में कौन आगे?

अमेरिका चुनाव से पहले ताजा सर्वेक्षण के मुताबिक नेवादा में ट्रंप को 51.2 प्रतिशत समर्थन मिला जबकि हैरिस को 46 प्रतिशत। इसी तर्ज पर नॉर्थ कैरोलिना में ट्रंप को 50.5 प्रतिशत और हैरिस को 47.1 प्रतिशत समर्थन मिल रहा है। उधर, जॉर्जिया की बात की जाए तो यहां डोनाल्‍ड ट्रंप को 50.1% से 47.6% के अंतर से कमला हैरिस से आगे हैं। मिशिगन में ट्रंप को 49.7 प्रतिशत तो हैरिस को 48.2 प्रतिशत लोग पसंद कर रहे हैं। ऐसे ही पेंसिल्वेनिया में ट्रंप को 49.6 प्रतिशत के मुकाबले हैरिस को 47.8 प्रतिशत लोग पसंद कर रहे हैं। उधर, विस्कॉन्सिन में ट्रंप 49.7 प्रतिशत और कमला हैरिस 48.6 प्रतिशत लोगों की पहली पसंद हैं।

स्विंग स्टेट क्या हैं और वे महत्वपूर्ण क्यों हैं?

जैसा कि उनके नाम से पता चलता है, स्विंग स्टेट - जिन्हें बैटलग्राउंड स्टेट भी कहा जाता है - राष्ट्रीय चुनाव के नतीजे को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। अमेरिकी राजनीति में, राष्ट्रपति चुनाव एक वेटेज वोटिंग सिस्टम द्वारा तय किए जाते हैं जिसे इलेक्टोरल कॉलेज के रूप में जाना जाता है, न कि लोकप्रिय वोट द्वारा। इस वजह से, स्विंग स्टेट नतीजे तय करने में एक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। 50 राज्यों में से प्रत्येक को उनकी जनसंख्या के अनुपात में एक निश्चित संख्या में इलेक्टोरल कॉलेज वोट आवंटित किए जाते हैं। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को जीतने के लिए 270 इलेक्टर हासिल करने होंगे।

Shashwat Vardhan Singh and Friends' Quick Action Saves Lives in Lucknow

Lucknow: In a remarkable display of swift action and teamwork, Shashwat Vardhan Singh, along with his friends, arranged an urgent supply of blood for patients in critical need. The life-saving initiative, led by Singh, provided timely support to hundreds of people in the city.

When Singh called for help, hundreds of people gathered within minutes to contribute to the blood donation drive. Their collective efforts ensured that patients requiring different blood types received the necessary supply. Families of the patients, overwhelmed with gratitude, thanked Singh and his team for their dedication, acknowledging the many lives they saved.

This isn’t the first time Singh has mobilized crowds for a cause. He has been seen on various occasions gathering people to help others and initiating movements for public welfare. Notably, on United Nations Public Service Day, Singh rallied people to plant trees, showcasing his commitment to environmental causes. Additionally, he has written aggressive, impactful articles in various journals focused on helping others.

Earlier, Singh led a massive awareness campaign in the town to encourage voting during the recent elections. His ability to galvanize people into action has earned him recognition in many circles, but his approach sometimes reflects an air of confidence bordering on ego, especially at such a young age.

When asked how he managed to accomplish the blood donation drive so quickly, Singh confidently responded, "Who else could have done it but us?" He also acknowledged the crucial support of Srajan Mishra and Anatriksh Yadav, who helped him in executing this effort collectively.

This selfless act not only brought relief to many families but also demonstrated the power of collective action in times of medical emergencies.

झारखंड में पहले चरण में 43 और दूसरे चरण में 38 सीटों पर डाले जाएंगे वोट, यहां जाने शेड्यूल

पहले चरण के लिए 18 अक्टूबर से नामांकन, दूसरे चरण के लिए 22 अक्टूबर से होगा नामांकन

रिपोर्टर जयंत कुमार 

भारत निर्वाचन आयोग ने आज मंगलवार को झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा कर दी गई। राज्य में पहले चरण में 43 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी, जबकि 38 सीटों पर लोग 20 नवंबर को दूसरे चरण में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई।

भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा तारीखों की घोषणा करने के बाद झारखंड निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि ने बताया कि पहले चरण के लिए होने वाले चुनाव को लेकर 18 अक्टूबर से चुनाव अधिसूचना जारी होने के साथ नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू होगी। उम्मीदवार 25 अक्टूबर तक नामांकन दाखिल कर सकेंगे। 

झारखंड के पहले चरण में 13 नवंबर को जिन क्षेत्रों में मतदान होंगे, उनमें ये 43 विधानसभा सीटें हैं:- कोडरमा, बरकट्ठा, बरही, बड़कागांव, हजारीबाग, सिमरिया, चतरा, बहरागोड़ा, घाटशिला, पोटका, जुगसलाई, जमशेदपुर पूर्वी, जमशेदपुर पश्चिमी, ईचागढ़, सरायकेला, चाईबासा,

मझगांव, जगन्नाथपुर, मनोहरपुर, चक्रधरपुर, खरसावां, तमाड़, तोरपा, खूंटी, रांची, हटिया, कांके, मांडर, सिसई, गुमला, बिशुनपुर, सिमडेगा, कोलेबिरा, लोहरदगा, मनिका लातेहार, पांकी, डालटनगंज, विश्रामपुर, छतरपुर, गढ़वा, भवनाथपुर।

वही दूसरे चरण में 38 सीटों के लिए 22 अक्टूबर को अधिसूचना जारी होने के साथ नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया लागू होगी। 29 अक्टूबर तक नामांकन पत्र दाखिल किए जा सकेंगे। 30 नवंबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 1 नवंबर तक नामांकन पत्र वापस लिए जा सकेंगे।

 दूसरे चरण में 20 नवंबर को जिन क्षेत्रों में मतदान होंगे, उनमें ये 38 विधानसभा शामिल हैं :- राजमहल, बोरियो, बरहेट, लिट्टीपाड़ा,पाकुड़, महेशपुर, शिकारीपाड़ा, नाला, जामताड़ा, दुमका, जामा, जरमुंडी, मधुपुर, सारठ, देवघर, पोड़ैयाहाट, गोड्डा, महगामा, रामगढ़, मांडू, धनवार, बगोदर, गांडेय, गिरिडीह, डुमरी, गोमिया, बेरमो, बोकारो, चंदनकियारी, सिंदरी, निरसा, धनबाद, झरिया, टुंडी, बाघमारा, सिल्ली, खिजरी।

के रवि ने बताया कि राज्य के मतदाताओं को सुलभ वेटिंग के लिए मतदान केंद्रों पर सुनिश्चित न्यूनतम सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। मतदान केंद्रों पर मतदाताओं का इंतजार कम हो, इसकी भी व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग एक एप्प भी जारी करेगा, जिसके माध्यम से मतदाता मतदान केंद्रों की स्थिति, मसलन मतदान केंद्र पर कितने लोग मतदान के लिए कतार में हैं, यह जानकारी घर बैठे ले सकेंगे। 

 वही 85 वर्ष से ऊपर वरिष्ठ मतदाता और दिव्यांग श्रेणी में आने वाले मतदाताओं के लिए Home Voting की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

के रवि ने बताया कि इस वर्ष प्रत्याशी चुनाव प्रचार में अधिकतम 40 लाख रुपये तक खर्च कर सकते हैं।

दीनदयाल अध्यक्ष, सृष्टि उपाध्यक्ष और समीक्षा महामंत्री निर्वाचित



*गोरखपुर, 15 सितंबर। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर में शनिवार शाम छह बजे से रात दस बजे तक ऑनलाइन हुए छात्र संसद के चुनाव नतीजे आ गए हैं। दीनदयाल गुप्ता को अध्यक्ष, सृष्टि यादव को उपाध्यक्ष, समीक्षा कुमारी को महामंत्री और अनामिका पांडेय को पुस्तकालय मंत्री चुना गया है। 



महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय ऐसा पहला विश्वविद्यालय बन गया है जहां स्वनिर्मित सॉफ्टवेयर से छात्र संसद का ऑनलाइन चुनाव कराया गया है। voting.mgug.ac.in नामक यह सॉफ्टवेयर देश में शिक्षण संस्थानों के छात्र संसद चुनाव के लिए बनाया गया पहला सॉफ्टवेयर है। गोरखनाथ विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन पढ़ाई के साथ छात्र संसद चुनाव कराकर एक नजीर पेश की है। शनिवार शाम छह बजे से रात दस बजे तक हुए ऑनलाइन मतदान के बाद परिणाम विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जारी कर दिया गया। 



मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. विमल कुमार दूबे ने बताया कि छात्र संसद के चुनाव में कुल 743 छात्र-छात्राओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। अध्यक्ष पद पर दीनदयाल गुप्ता ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी अनिकेत मल्ल को 104 मतों के अंतर से पराजित किया। उपाध्यक्ष पद पर सृष्टि यादव ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी आर्यन यादव से 87 मत अधिक प्राप्त किया और निर्वाचित हुईं। महामंत्री पद पर समीक्षा कुमारी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सुंदरी को 32 मतों से पराजित किया। पुस्तकालय मंत्री पद पर अनामिका पांडेय विजयी रहीं। अदिति वर्मा को 180 मतों से पराजित किया। चुनाव प्रक्रिया विश्वविद्यालय के आईटी विभाग के सहयोग से पूरी हुई। छात्र संसद के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी और कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव ने बधाई दी है।

गोरखपुर में बने सॉफ्टवेयर से होगा एमपीपीजी कॉलेज जंगल धूसड़ के छात्रसंघ का ऑनलाइन चुनाव


गोरखपुर। अध्ययन, अध्यापन, परिसर संस्कृति, सामाजिक सरोकार और छात्रसंघ जैसे अनेक आयामों पर रोल मॉडल के रूप में उभरे महाराणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय (एमपीपीजी) जंगल धूसड़ ने अब एक और नवाचार किया है। यह नवाचार छात्रसंघ चुनाव को लेकर किया गया है। महाविद्यालय इस बार महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर द्वारा विकसित किए गए पूर्णतः स्वदेशी सॉफ्टवेयर से ऑनलाइन चुनाव कराने जा रहा है। voting.mgug.ac.in नामक यह सॉफ्टवेयर देश मे शिक्षण संस्थानों के छात्रसंघ चुनाव के लिए बना पहला सॉफ्टवेयर है। महाराणा प्रताप महाविद्यालय में शुक्रवार (30 अगस्त) से शुरू चुनाव की प्रक्रिया बिना कक्ष संचालन में बाधा पहुंचाए शनिवार (31 अगस्त) तक यानी महज दो दिन में पूरी हो जाएगी।

महाराणा प्रताप महाविद्यालय के प्राचार्य एवं इस बार के छात्रसंघ चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी डॉ. प्रदीप कुमार राव ने बताया कि शुक्रवार को कक्षा संचलन के साथ ही विद्यार्थियों के मासिक मूल्यांकन, व्यवहार और आचरण के आधार पर कुल 84 कक्षा प्रतिनिधियों का चुनाव किया गया। इसके बाद अपराह्न 3 बजे से 4:30 बजे तक अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महामंत्री और पुस्तकालय मंत्री के पदों के लिए पर्चा दाखिला हुआ। यहां छात्रसंघ चुनाव में पदाधिकारी का चुनाव लड़ने के लिए कक्षा प्रतिनिधि होना अनिवार्य है। शनिवार (31 अगस्त) को सुबह 9 बजे से 11:30 बजे तक पर्चा वापसी और जांच की प्रक्रिया के बाद अपराह्न 2:10 बजे से प्रत्याशियों का योग्यता भाषण (क्वालिफाइंग स्पीच) होगा। इसके बाद शाम 4 बजे से रात 9 बजे तक ऑनलाइन मतदान हॉग और रात 11 बजे चुनाव परिणाम कॉलेज की वेबसाइट पर जारी कर दिया जाएगा। प्राचार्य/निर्वाचन अधिकारी डॉ. प्रदीप कुमार राव ने बताया कि इस बार के छात्रसंघ चुनाव में ऑनलाइन मतदान के लिए पहली बार गोरखपुर में ही तैयार स्वदेशी सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया जा रहा है। यह सॉफ्टवेयर महायोगी गोरखननाथ विश्वविद्यालय की आईटी (इंफॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी) टीम ने तैयार किया है।

*कोरोना काल में छात्रसंघ चुनाव कराने वाला यूपी का पहला कॉलेज*
इसके पहले महाराणा प्रताप महाविद्यालय में कोरोना काल में पहली बार ऑनलाइन मतदान का प्रयोग किया था, तब फ्रांस में बने सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया था। कोरोना काल में जब पूरे देश में शैक्षिक गतिविधियों पर बुरा प्रभाव था, तब भी इस महाविद्यालय ने ऑनलाइन पढ़ाई के साथ ऑनलाइन छात्रसंघ चुनाव कराकर एक नजीर पेश की। कोरोना काल मे छात्रसंघ चुनाव कराने वाला यह उत्तर प्रदेश का पहला कॉलेज था।

*कॉलेज प्रशासन में रहती है छात्र पदाधिकारियों की सक्रिय सहभागिता*
महाराणा प्रताप महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. प्रदीप कुमार राव बताते हैं कि इस महाविद्यालय में वर्ष 2007 से छात्र पदाधिकारियों को कॉलेज प्रशासन की सक्रिय सहभागिता से जोड़ा गया। पहले छात्र परिषद का गठन हुआ और बाद में इसका स्वरूप छात्रसंघ का हुआ। जब पूरे प्रदेश में कहीं भी छात्रसंघ चुनाव नहीं हुए तब भी महाराणा प्रताप महाविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव के जरिये छात्र पदाधिकारियों को पूरा महत्व दिया गया। इस कॉलेज के छात्रसंघ के पदाधिकारी प्रवेश समिति, क्रीड़ा समिति, प्रयोगशाला समिति, पुस्तकालय समिति, नियंता मंडल, शिक्षक-अभिभावक समिति, पुरातन छात्र परिषद, क्रय समिति सहित सभी प्रमुख समितियों में पदेन सदस्य होते हैं। पहले चुनाव प्रक्रिया तीन दिन में पूरी होती थी, इस वर्ष इसे घटाकर दो दिन कर दिया गया है। इसकी समय सारिणी इस तरह की बनाई जाती है जिससे चुनाव की प्रक्रिया में कक्षाओं का संचालन बाधित नहीं होने दिया जाता।

*सॉफ्टवेयर से ऐसे होगा ऑनलाइन मतदान*
छात्रसंघ चुनाव के लिए ऑनलाइन मतदान का सॉफ्टवेयर विकसित करने वाली महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय की आईटी टीम के लीडर और इस विश्वविद्यालय के आयुर्वेद कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर बी. सुमिथ ने बताया कि यह सॉफ्टवेयर voting.mgug.ac.in सिर्फ मतदान की समय सीमा तक ही खुलेगा। कॉलेज में पंजीकृत छात्र मतदाता मतदान शुरू होने के समय अपने मोबाइल नंबर से लिंक क्लिक करेंगे तो एक ओटीपी आएगा। ओटीपी भरने पर वह पेज खुल जाएगा जहां अलग अलग पदों के प्रत्याशियों के विकल्प होंगे। प्रत्याशी का चयन कर छात्र मतदाता को सबमिट बटन दबाना होगा। सबमिट होते ही मतदान पेज खुद ही बंद हो जाएगा। इस प्रक्रिया में किसी तरह की सेंधमारी की कोई गुंजाइश नहीं है। कारण, एक मोबाइल नंबर से एक ही बार लॉगिन होगा और दूसरा इसे इस तरह से विकसित किया गया है जिसकी कोडिंग को हैकर तोड़ नहीं पाएंगे।

*महायोगी गोरखनाथ विवि छात्रसंघ चुनाव में भी होगा इस सॉफ्टवेयर का प्रयोग*
महाराणा प्रताप महाविद्यालय के बाद महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में होने वाले छात्रसंघ चुनाव में भी ऑनलाइन मतदान के लिए इसी सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया जाएगा। अन्य उच्च शिक्षण संस्थान भी अपने यहां ऑनलाइन छात्रसंघ चुनाव कराने के लिए महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय की आईटी टीम से यह सॉफ्टवेयर क्रय कर सकते हैं। कोरोना काल में जब महाराणा प्रताप महाविद्यालय ने पहली बार ऑनलाइन मतदान के लिए फ्रांस के सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल किया था, तब प्रति छात्र 11 रुपये का खर्च आया था।
दिल्ली-यूपी समेत 8 राज्यों की 58 सीटों पर मतदान जारी, पीएम मोदी की मतदान जरूर करने की अपील

#loksabhaelection2024phasesixvoting

लोकसभा चुनाव के छठे चरण में दिल्ली की सभी 7 सीट सहित छह राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों की 58 सीट के लिए आज मतदान शुरू हो चुका है। दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश, हरियाणा, बिहार और पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड और जम्मू-कश्मीर में मतदान शुरू हो चुका है। इसके अलावा ओडिशा की 42 विधानसभा सीट पर भी मतदान जारी है।

आज इन राज्यों में कितनी सीटों पर मतदान

• उत्तर प्रदेश- 14

• हरियाणा- 10

• बिहार- आठ

• पश्चिम बंगाल- आठ

• दिल्ली- सात

• ओडिशा- छह

• झारखंड- चार

• जम्मू-कश्मीर- एक सीट

पीएम मोदी की मतदान करने की अपील

छठे चरण के लिए दिल्ली समेत 8 राज्यों की 58 सीटों पर मतदान शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने सभी से वोट देने की अपील की है। उन्होंने लोकसभा चुनाव के छठे चरण के सभी मतदाताओं से मेरा निवेदन है कि वे अधिक से अधिक संख्या में मतदान के लिए आगे आएं एक-एक वोट मायने रखता है और आपका वोट भी उतना ही महत्वपूर्ण है। लोकतंत्र तभी फलता-फूलता है और जीवंत दिखता है, जब चुनाव प्रक्रिया में जनता-जनार्दन की बढ़-चढ़कर भागीदारी होती है। माताओं-बहनों और बेटियों के साथ ही युवा वोटरों से मेरा विशेष आग्रह है कि वे अपने मताधिकार का प्रयोग जरूर करें।

पांचवें चरण में इन बड़े चेहरों की अग्निपरीक्षा, मोदी सरकार के ये मंत्री भी मैदान में

#loksabhachunavphase5votingcabinet_minister

लोकसभा चुनाव के पांचवे चरण के लिए आज कुल 49 सीटों पर मतदान हो रहा है। पांचवे चरण में कई दिग्गजों की किस्मत भी दांव पर है। इनमें पीयूष गोयल(मुंबई उत्तर), साध्वी निरंजन ज्योति(फतेहपुर), शांतनु ठाकुर(बनगांव), एलजेपी के रामविलास पासवान(हाजीपुर), शिवसेना के श्रीकांत शिंदे(कल्याण) और बीजेपी के राजीव प्रताप रूडी और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य(दोनों सारण) हैं।पांचवें चरण में केंद्र सरकार के पांच मंत्री चुनाव लड़ रहे हैं, जिनमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल हैं। उनके अलावा स्मृति इरानी, कौशल किशोर, साध्वी निरंजन ज्योति और भानु प्रताप वर्मा के भाग्य का फैसला भी आज मतदाताओं को करना है।

पांचवें चरण में ये केंद्रीय मंत्री मैदान में

राजनाथ सिंह: उत्तर प्रदेश की लखनऊ लोकसभा सीट से भाजपा की तरफ से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चुनाव मैदान में हैं। भाजपा नेता के सामने सपा ने रविदास मेहरोत्रा को अपना उम्मीदवार बनाया है। उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुके मेहरोत्रा फिलहाल लखनऊ मध्य विधानसभा सीट से सपा के विधायक हैं। बसपा ने लखनऊ सीट से सरवर मलिक को प्रत्याशी बनाया है। 2019 लोकसभा चुनाव में सीट पर भाजपा से राजनाथ सिंह जीते थे। 2019 में लखनऊ सीट पर 54.78% मतदान दर्ज किया गया था। 

स्मृति ईरानी: केंद्रीय मंत्री और अमेठी की मौजूदा सांसद स्मृति ईरानी एक बार फिर भाजपा के टिकट पर यहां से मैदान में हैं। वहीं कांग्रेस ने नामांकन के आखिरी दिन गांधी परिवार के करीबी केएल शर्मा को उम्मीदवार बनाया। बसपा ने यहां नन्हे सिंह चौहान को अपना उम्मीदवार बनाया है। 2019 में भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को शिकस्त दी थी। पिछले चुनाव में यहां 54.08% लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। 

पीयूष गोयल:मुंबई उत्तर मुंबई की हाई प्रोफाइल सीट है। 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने इस लोकसभा क्षेत्र में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को चुनावी मैदान में उतारा है। गोयल अभी महाराष्ट्र से भाजपा के राज्यसभा सांसद हैं। भारत सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप उनके पास कपड़ा, वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण जैसे अहम विभाग हैं। पीयूष गोयल के सामने कांग्रेस ने भूषण पाटिल को उतारा है। भूषण अभी मुंबई कांग्रेस के उपाध्यक्ष हैं। 2019 में मुंंबई उत्तर सीट पर भाजपा के गोपाल शेट्टी को जीत मिली थी। पिछले चुनाव में यहां 60.09% मतदान दर्ज किया गया था।

कौशल किशोर: पांचवें चरण में जिन केंद्रीय मंत्रियों की किस्मत दांव पर है उनमें कौशल किशोर भी शामिल हैं। कौशल किशोर उत्तर प्रदेश की मोहनलालगंज सीट से भाजपा उम्मीदवार हैं। वहीं, सपा से आरके चौधरी और बसपा से राजेश कुमार उतरे हैं। 2019 के चुनाव में भाजपा के कौशल किशोर ने जीत का परचम लहराया था। पिछले चुनाव में मोहनलालगंज सीट पर 62.79% मतदान हुआ था। 

साध्वी निरंजन ज्योति: उत्तर प्रदेश की फतेहपुर सीट से मोदी सरकार की एक और मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति चुनाव लड़ रही हैं। साध्वी निरंजन मोदी सरकार में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री हैं। इस चुनाव में फतेहपुर से सपा ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे नरेश उत्तम पटेल को उम्मीदवार बनाया है। वहीं इस लड़ाई में बसपा भी शामिल है जिसने नर्सिंग होम संचालक डॉ. मनीष सिंह सचान को मैदान में उतारा है। 2019 में भाजपा की साध्वी निरंजन ज्योति को जीत मिली थी। पिछले चुनाव में फतेहपुर सीट पर 56.79% मतदान हुआ था। 

शांतनु ठाकुर: इस चुनाव में पश्चिम बंगाल की कई सीटों पर दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। ऐसी ही एक सीट है बनगांव, जहां से केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर भाजपा के उम्मीदवार हैं। शांतनु अभी बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग राज्य मंत्री के पद पर हैं। उनके सामने टीएमसी से बिस्वजीत दास जबकि कांग्रेस से प्रदीप कुमार बिस्वास हैं। 2019 में भाजपा के शांतनु ठाकुर को जीत मिली थी। बीते चुनाव में बनगांव सीट पर 82.64% लोगों ने वोटिंग की थी।

लोकसभा चुनाव: तीसरे चरण में भी कम हुई वोटिंग, मात्र 64.58 फीसदी मतदान, यूपी में पड़े सबसे कम वोट

#loksabhaelections2024votingpercentageinthirdphase

लोकसभा चुनावों के तीसरे चरण में 11 राज्यों की 93 लोकसभा सीटों के लिए मंगलवार को वोटिंग हुई। चुनाव आयोग के मुताबिक तीसरे चरण में करीब 64.58% वोटिंग दर्ज की गई। इससे पहले वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में 66% मतदान रिकॉर्ड किया गया था। यहां पहले दो चरणों की तरह, तीसरे दौर में भी 2019 की तुलना में कम मतदान प्रतिशत दर्ज किया गया।

चुनाव आयोग के वोटर टर्नआउट ऐप पर रात 11.45 बजे तक के आंकड़ों के अनुसार, इस चरण में असम में 81.7% के साथ सबसे अधिक मतदान हुआ। सबसे कम उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर मतदान हुआ, जहां 2019 में 60% के मुकाबले 57.3% मतदान हुआ। इसके बाद बिहार (58.2%) और गुजरात (59.2%) का स्थान रहा। गुजरात में सूरत को छोड़कर सभी सीटों पर मतदान हुआ। सूरत सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए। जबकि पश्चिम बंगाल की चार सीटों पर 75.8% मतदान हुआ, यह पांच साल पहले हुए 81.7% से बहुत कम था।

कहां कितने पड़े वोट?

• कुल मतदान- 64.58 प्रतिशत

• उत्तर प्रदेश- 57.34 प्रतिशत

• बिहार- 58.18 प्रतिशत

• गुजरात- 59.51 प्रतिशत

• महाराष्ट्र- 61.44 प्रतिशत

• मध्य प्रदेश- 66.05 प्रतिशत

• दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव- 69.87 प्रतिशत

• कर्नाटक- 70.41 प्रतिशत

• छत्तीसगढ़- 71.06 प्रतिशत

• गोवा- 75.20 प्रतिशत

• पश्चिम बंगाल- 76.52 प्रतिशत

• असम- 81.71 प्रतिशत

तीसरे चरण के समापन के साथ अब 20 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 283 संसदीय क्षेत्रों में मतदान समाप्त हो गया है। चुनाव विश्लेषकों का कहना है कि तीनों चरणों में यूपी और बिहार में मतदान प्रतिशत सबसे कम रहा। हालांकि तीसरे चरण में छत्तीसगढ़, कर्नाटक और गोवा में मतदान प्रतिशत में वृद्धि देखी गई।जबकि अगले चार चरण 13 मई, 20 मई, 25 मई और 1 जून को होंगे। मतगणना चार जून को होगी।

पीएम मोदी ने अहमदाबाद में डाला वोट, कहा-भारत की चुनाव प्रक्रिया दुनिया के लिए उदाहरण

#loksabhapollsthirdphasevotingpmmodicasthisvote

देश में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के लिए वोटिंग जारी है। तीसरे चरण में 10 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश की 93 सीटों पर मतदान हो रहा है। सुबह से ही मतदान केन्द्रों में लोग अपने मताधिकार के प्रयोग के लिए पहुंच रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में अपना वोट डाल दिया है। उन्होंने अहमदाबाद के पोलिंग बूथ पहुंच कर मतदान किया. इस दौरान उनके साथ गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे।

दुनिया के बड़े विश्वविद्यालयों को केस स्टडी करनी चाहिए-पीएम मोदी

अहमदाबाद में अपना वोट डालने के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत की चुनाव प्रक्रिया और प्रबंधन दुनिया के लोकतंत्रों के लिए सीखने का एक उदाहरण है। दुनिया के सबसे बड़े विश्वविद्यालयों को एक केस स्टडी करनी चाहिए। करीब 64 देशों में चुनाव हैं और सभी की तुलना होनी चाहिए। यह वर्ष लोकतंत्र के उत्सव की तरह है। मैं देशवासियों से फिर कहता हूं कि बड़ी संख्या में मतदान करें और लोकतंत्र का त्योहार मनाएं।

पत्रकारों को अपना ध्यान रखने को कहा

वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी ने मीडिया कर्मियों से लोकसभा चुनाव को कवर करते समय अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने को कहा है। पीएम मोदी ने मीडियाकर्मियों से कहा कि इस गर्मी में आप लोग दिन रात मेहनत कर रहे हैं। आप अपने सेहत की चिंता करें। मीडिया में कंपीटशन है। आप लोगों को समय से आगे दौड़ना पड़ता है। पीएम मोदी ने कहा, आपको अधिक पानी पीना चाहिए और यह आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा होगा और आपको ऊर्जा भी देगा।