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India

2 hours and 14 min ago

क्या हिजबुल्लाह को खत्म करके ही “दम” लेगा इजराइल? लेबनान एयरस्ट्राइक में 500 के करीब मौत

#israel_attack_on_hezbollah_in_lebanon_kills_492

इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच संघर्ष बढ़ गया है। इजराइल लेबनान में लगातार हिजबुल्लाहब के ठिकानों को तबाह कर रहा है। सोमवार को दक्षिणी लेबनान और बेका में 1600 हिजबुल्लाह ठिकानों को निशाना बनाया गया। इन हमलों में अब तक 492 लोगों के मौत की खबर है। इनमें 35 बच्चे और 58 महिलाएं शामिल हैं। जबकि, 1645 लोग घायल हुए हैं। 2006 के बाद यह इजरायल का सबसे घातक हमला है। लेबनान में दहशत का माहौल है।

लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने पुष्टि की है कि इजरायली हमलों में 35 बच्चों और 58 महिलाओं सहित 492 लोग मारे गए और 1645से अधिक लोग घायल हो गए। लेबनान के अधिकारियों ने कहा कि देश को 80,000 से अधिक संदिग्ध इजरायली कॉल प्राप्त हुए, जिसमें उसके नागरिकों को खाली करने की चेतावनी दी गई। लेबनान में इजरायल के इन ताजा हमलों ने एक और बड़ी जंग की स्थिति पैदा कर दी है।

लेबनान में यूएन में उठाया हमले का मुद्दा

संयुक्त राष्ट्र महासभा में लेबनान के प्रतिनिधि ने कहा इजरायल के हमलों का वर्णन किया। लेबनानी संसद की सदस्य बाहिया एल हरीरी ने लेबनानी पीएम नजीब मिकाती की ओर से सोमवार को न्यूयॉर्क में यूएन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हमले ने लेबनान की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया है और हमारी सामाजिक व्यवस्था को खतरा पैदा किया है।

हमले से पहले इलाके को खाली करने का संदेश

जानकारी के मुताबिक इजराइली सेना ने हमलों से पहले लेबनान के लोगों को इस इलाके को खाली करने का संदेश जारी किया था। लेबनान की स्थानीय मीडिया ने बताया है कि बेरूत समेत कई इलाकों के लोगों के लैंडलाइन कॉल संदेश के जरिए चेतावनी दी गई है। इसमें हवाई हमले से बचने के लिए इमारतों को खाली करने को कहा गया है। इसमें साफ कहा गया कि वह लेबनान की बेका घाटी में हमला करने वाली है। आरोप है क‍ि हिजबुल्लाह वहां हथियार जमा कर रखा है।

वहीं इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रिकॉर्ड किए गए संदेश में लेबनानी नागरिकों से इलाके को खाली करने के इजरायली संदेश के संदर्भ में कहा, ‘इस चेतावनी को गंभीरता से लें।’ नेतन्याहू ने कहा, ‘प्लीज अब खतरे से दूर हो जाएं। हमारा अभियान खत्म हो जाने के बाद आप सुरक्षित रूप से अपने-अपने घरों में वापस जा सकते हैं।

India

Sep 19 2024, 15:55

भारत ने इजराइल के साथ निभाई दोस्ती! यूएनजीए में फिलिस्तीन से जुड़े प्रस्ताव पर वोटिंग में नहीं लिया हिस्सा

#indiaabstainsfromungaisraelpalestinianresolution

भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में फिलिस्तीन से जुड़े प्रस्ताव पर वोटिंग से किनारा कर लिया। इस प्रस्ताव में मांग की गई थी कि इजराइल ने फिलिस्तीन के क्षेत्र में जो अवैध कब्जा किया है, उसे जल्द से जल्द हटाए और वो भी बिना किसी देरी के 12 महीने के अंदर। इस प्रस्ताव पर भारत ने वोटिंग नहीं किया।

भारत का कहना है कि हम बातचीत और कूटनीति के जरिए विवाद को सुलझाने के समर्थक हैं। भारत ने कहा कि हमें विभाजन बढ़ाने के बजाय मतभेद मिटाने की दिशा में काम करना चाहिए। 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा में बुधवार को फिलिस्तीन पर प्रस्ताव पेश किया गया। इस प्रस्ताव में मांग की गई है कि इजराइल को कब्जाए गए फिलिस्तीन के इलाकों को 12 महीनों में खाली कर देना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र में पेश किए गए प्रस्ताव के पक्ष में 124 देशों ने मतदान किया। वहीं 14 देशों ने इस प्रस्ताव के खिलाफ वोट किया। 43 देश वोटिंग से दूर रहे, जिनमें भारत भी शामिल है।

इन देशों ने मतदान से बनाई दूरी

मतदान में जिन देशों ने भाग नहीं लिया, उनमें भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, इटली, नेपाल, यूक्रेन और ब्रिटेन शामिल हैं। वहीं इजराइल और अमेरिका ने प्रस्ताव के विरोध में मतदान किया। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने इजराइल-फिलिस्तीन विवाद की शांतिपूर्ण, न्यायपूर्ण और स्थानीय समाधान की वकालत की और दोहराया कि प्रत्यक्ष और सार्थक बातचीत के जरिए ही दोनों देशों के बीच दो राज्य समाधान ही स्थायी शांति ला सकता है।

फिलिस्तीन के प्रस्ताव में क्या?

फिलिस्तीन की ओर से तैयार प्रस्ताव में इजराइल सरकार की ओर से संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र के प्रासंगिक प्रस्तावों के तहत अपने दायित्वों की अवहेलना किए जाने की भी कड़ी निंदा की गई। इस बात पर जोर दिया गया कि ऐसे उल्लंघनों से क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा को गंभीर खतरा है। इसमें कहा गया है कि इजराइल को कब्जे वाले फलस्तीनी क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय कानून के किसी भी उल्लंघन के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।

Nisthawrites

Aug 25 2024, 13:59

हिज़्बुल्लाह ने इजराइल पर 320 रॉकेट दागे जाने का किया दावा, तेल अवीव ने दक्षिणी लेबनान में शुरू किए हवाई हमले

#airstrikesinsouthernlebanon

Pictures of blast in Israel

ईरान समर्थित समूह हिजबुल्लाह ने रविवार को कहा कि शेष मध्य पूर्व संभावित रूप से एक और युद्ध के कगार पर पहुंच सकता है, उसने 11 इजरायली सैन्य स्थलों पर 320 कत्यूषा रॉकेट दागे। इज़राइल ने कहा कि उसने समूह के हमले को विफल करने के लिए दक्षिणी लेबनान में हवाई हमले शुरू किए हैं।

लेबनानी आतंकवादी समूह ने कहा कि उसने बेरूत में अपने एक कमांडर की हत्या के प्रतिशोध में इज़राइल पर ड्रोन हमले किए थे।

समूह ने कहा कि हमला "एक गुणात्मक इजरायली सैन्य लक्ष्य को लक्षित कर रहा था जिसकी घोषणा बाद में की जाएगी" और साथ ही "कई दुश्मन साइटों और बैरकों और आयरन डोम प्लेटफार्मों को लक्षित किया गया।"

ये हमले समूह के एक शीर्ष कमांडर फौद शुकुर की हत्या के जवाब में थे

इससे पहले रविवार को, इजरायली सेना ने लेबनान में हिजबुल्लाह साइटों पर अपने पूर्वव्यापी हमलों की घोषणा करते हुए कहा था कि आतंकवादी समूह हमले की तैयारी कर रहा था। सेना ने कहा कि हिजबुल्लाह इजरायल की ओर रॉकेट और मिसाइलों की भारी बमबारी शुरू करने की योजना बना रहा था। ईरान समर्थित समूह पिछले महीने के अंत में इज़राइल द्वारा एक शीर्ष कमांडर की हत्या का बदला लेने का वादा कर रहा था।

इन खतरों को दूर करने के लिए एक आत्मरक्षा कार्रवाई में, (इजरायली सेना) लेबनान में आतंकी ठिकानों पर हमला कर रही है, जहां से हिजबुल्लाह इजरायली नागरिकों पर अपने हमले शुरू करने की योजना बना रहा था। हम देख सकते हैं कि हिज़्बुल्लाह लेबनानी नागरिकों को खतरे में डालते हुए इज़राइल पर एक व्यापक हमला करने की तैयारी कर रहा है,'' उन्होंने विवरण दिए बिना कहा। हम उन क्षेत्रों में स्थित नागरिकों को चेतावनी देते हैं कि अपनी सुरक्षा के लिए जहां हिज़्बुल्लाह नुकसान कर रहा है वहां रास्ते से तुरंत हट जाएं , ”इजरायल के सैन्य प्रवक्ता, रियर एडमिरल डैनियल हागारी ने रविवार को कहा।

कई समाचार एजेंसियों के अनुसार, उत्तरी इज़राइल में हवाई हमले के सायरन बजाए गए। देश के बेन-गुरियन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे ने भी एहतियात के तौर पर उड़ानों को डायवर्ट किया। इसके तुरंत बाद हिजबुल्लाह ने अपने हमले की घोषणा कर दी। 

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू इस मामले पर कैबिनेट बैठक में हिस्सा लेंगे। यह हमला गाजा में इजरायल-हमास युद्ध को समाप्त करने के लिए नए दौर की वार्ता से पहले हुआ। हिजबुल्लाह ने कहा है कि अगर संघर्ष विराम होता है तो वह लड़ाई रोक देगा।

India

Jul 31 2024, 11:19

हमास चीफ इस्माइल हानिया के साथ एक और शख्स की हत्या, इजरायल ने अपने इस दुश्मन को मार गिराने का किया दावा

#israelkilledanotherenemyknowwhowas

इजरायल ने ईरान में घुसकर हमास चीफ इस्माइल हानिया को मार गिराया है। हालांकि, इसको लेकर इजराइल की तरफ से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। मगर शक की सुई इजरायल पर ही टिकी है। दरअसल, बेंजामिन नेतन्याहू ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हुए हमले के बाद से ही हमास चीफ इस्माइल हानिया और हमास के अन्य नेताओं को मारने की कसम खाई थी। इसी बीच इजरायल ने अपने एक और दुश्मन के मारे जाने का दावा किया है। इजराइल की सेना ने हिजबुल्‍लाह के कमांडर फउद शुकर को मार गिराने का दावा किया है। इजरायल की सेना ने कहा कि उसके लड़ाकू विमानों ने मंगलवार को बेरूत इलाके में फउद शुकर को खत्म कर दिया है।

शुकर को गोलान हाइट्स पर रॉकेट हमले के लिए जिम्मेदार माना जा रहा था। लेबनान के आतंकी संगठन हिजबुल्लाह ने इजरायल के गोलन हाइट्स इलाके में शनिवार को एक फुटबॉल ग्राउंड पर रॉकेट दागे थे। इस हमले में 12 बच्चों की मौत हो गई थी, जिसका बदला लेने के लिए ही इजरायल की सेना ने लेबनान की राजधानी बेरूत पर हवाई हमले किए। इजराइल की सेना के निशाने पर हिजबुल्लाह का कमांडर फुआद शुकर था। इजराइली की सेना ने कहा कि यह हमला गोलान में 12 युवाओं की मौत की मौत के साथ-साथ अन्य हमलों में कई इजराइली नागरिकों की मौत के लिए जिम्मेदार आतंकी कमांडर के ठिकाने को निशाना बनाकर किया गया।

लंबे समय से इजराइल-अमेरिका को थी शुकर की तलाश

इजरायल के खिलाफ कई बड़े हमलों को अंजाम देने वाले फउद शुकर की तलाश काफी समय से इजराइय और अमेरिका को थी। पिछले कई दशकों से इसकी तलाश जारी थी। बता दें कि हिजबुल्लाह के लिए रणनीति बनाने और उसे अंजाम देने के लिए ये काम करता था। फउद शुकर पर 40 करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया गया था। इनाम की राशि के जरिए आप हिंजबुल्लाह के कमांडर के कद का अंदाजा लगा सकते हैं। इस बीच इजरायली सेना की तरफ से दावा किया गया है कि उन्होंने कई मासूमों की मौत का बदला ले लिया है और फउद शुकर को मार गिराया है। 

कई हमलों का रह चुका है मास्टरमाइंड

बता दें कि फउद शुकर को मार गिराने के लिए उजरायल ने लेबनान की राजधानी बेरूत पर कई हवाई हमले किए। फउद शुकर को हिजबुल्ला नेता हसन नसरल्लाह का करीबी और भरोसेमंद माना जाता है। साल 2016 में सीरिया में वरिष्ठ हिजबुल्लाह कमांडर की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद फउद शुकर ने उनकी जगह ली थी। साल 1983 में बेरूत की एक बैरक में हमला किया गया था। यह हमला जहां हुआ, वहां फ्रांस और अमेरिका के सैनिक तैनात थे। 

बता दें कि फउद शुकर के अलाव इजरायल ने आज हमास के मुखिया इस्माइल हानिया को भी मार गिराया है। हमास पॉलिटिकल चीफ इस्माइल हानिया को ईरान में घुसकर मार गिराया है।

India

Jun 27 2024, 13:36

हमास से युद्ध के दौरान भारत ने हथियारों से की इजरायल की मदद, पूर्व राजदूत डैनियल कार्मन का बयान

#indiamayhelpisraelwith_weapons

भारत में इजरायल के पूर्व राजदूत डेनियल कार्मन ने भारत को लेकर बड़ा बयान दिया है।उन्होंने दावा किया है कि हमास से युद्ध के दौरान भारत ने हथियारों से इजरायल की मदद की है। उन्होंने ये भी कहा है कि भारत शायद इसलिए हथियारों की सप्लाई कर रहा है क्योंकि करगिल युद्ध के समय इजरायल ने भारत की सहायता की थी। इजराइल के पूर्व राजदूत डैनियल कार्मन के बयान के बाद ये सावल उठ रहे हैं कि क्या भारत इजराइल का एहसान चुका रहा है।हालांकि, अभी तक भारत की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया कि वो इजराइल को कोई भी हथियार दे रहा है।

डैनियल कार्मन 2014 से लेकर 2018 तक भारत में इजराइल के राजदूत थे। इजरायली मीडिया के साथ एक इंटरव्यू में डैनियल कार्मन ने कहा, इजराइल उन कुछ देशों में से एक था जिसने पाकिस्तान के साथ युद्ध के दौरान भारत को हथियार उपलब्ध कराए थे। भारतीय हमेशा हमें याद दिलाते हैं कि कारगिल युद्ध के दौरान इजराइल उनके साथ था। भारतीय इसे नहीं भूलते हैं और अब शायद वे इस एहसान चुका रहे हैं।

डैनियल की ये टिप्पणी ऐसे समय आई है, जब लगातार ऐसी खबरें आई हैं कि भारत ने इजरायल को ड्रोन और तोपखाने के गोलों की आपूर्ति की है क्योंकि हमास के खिलाफ आठ महीने से अधिक समय से जारी युद्ध के चलते इजरायल के पास हथियारों की कमी हो गई है।

कारगिल युद्ध में इजरायल ने की थी मदद

बता दें कि 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान इजराइल ने युद्ध सामग्री और ड्रोन सहित सैन्य आपूर्ति और उपकरण भारत को दिए थे। कारगिल वार के दौरान इजराइल ने भारत को मोर्टार समेत कई कई चीजें भेजी थी। ये ऐसा समय था जब बहुत कम देश भारत की मदद करने को तैयार थे, क्योंकि तब अमेरिका ने इजराइल और यूरोपीय देशों को कहा था कि आपको भारत को हथियार नहीं भेजने हैं और अगर भेजने भी हैं तो देरी से भेजो ताकि तब तक जंग खत्म हो जाए।लेकिन इजराइल ने अमेरिका के आदेश को मानने से इंकार कर दिया था। जो हथियार इजराइल को कुछ हफ्तों में भेजना था वो उसने कुछ ही दिन में भेज दिए।

इजराइली हथियारों की खरीद में टॉप पर भारत

भारत और इजराइल के बीच काफी पुराने रक्षा संबंध रहे हैं। मोदी सरकार बनने के बाद से इजराइल और भारत के रक्षा संबंधों काफी मजबूत हुए। मीडिया हाउस हारेट्ज की रिपोर्ट के मुताबिक इजराइली हथियारों को खरीदने वाले देशों में भारत टॉप पर है। 2019-2023 के बीच इजराइल के कुल डिफेंस एक्सपोर्ट में भारत की हिस्सेदारी 37% थी। जंग के दौरान भारत ने भी हथियार मुहैया कराने में इजराइल की मदद की है। ‘द वायर’ की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है, कि अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस और इजराइल के एल्बिट सिस्टम्स के बीच एक डील हुई है। इसके तहत 20 से अधिक हर्मीस 900 यूएवी/ड्रोन को भारत में तैयार कर इजराइल भेजा गया है। इसके अलावा जंगी विमानों के कई पुर्जे भी इजराइल को दिए गए हैं। सरकार के स्वामित्व वाली म्यूनिशन्स इंडिया लिमिटेड ने जनवरी 2024 में इजराइल को जंगी सामान निर्यात किया है।

WestBengalBangla

May 01 2024, 10:36

জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল ভ্রমণে ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত সহ পাঁচ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল
# A five-member_ delegation_ including _the Ambassador of France _visited _the Garumara forest _in Duars, _Jalpaiguri



এসবি নিউজ ব্যুরো: জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের জঙ্গলের যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতে ফ্রান্সের এক প্রতিনিধি দল ঘুরলেন জঙ্গলে। মঙ্গলবার ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত থিয়ারি ম্যাথিউয়ের নেতৃত্বে ৫ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল গরুমারায় এসেছিলেন। তাঁরা জানান,ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল কীভাবে পরিচালিত হচ্ছে? জঙ্গলের বন ও বুনোরা কেমন আছে? বন দপ্তরের সঙ্গে জঙ্গল লাগোয়া এলাকার বাসিন্দাদের সম্পর্কই বা কেমন? এইসব যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতেই তাদের এই সফর।ফ্রান্সের এই প্রতিনিধি দল ডুয়ার্সের মূর্তি ও জলঢাকা নদী দেখার পাশাপাশি সেখানে থাকা কুনকিদের পর্যবেক্ষণ ও তাদের সারাদিনের বিভিন্ন কাজকর্ম সম্পর্কে বন দপ্তরের আধিকারিক ও মাহুতদের কাছ থেকে তথ্য সংগ্রহ করেন। ফ্রান্সের এই দলের সঙ্গে উত্তরবঙ্গ বন্যপ্রাণী বিভাগের বনপাল ভাস্কর জেভি, গরুমারা ও জলপাইগুড়ি বনবিভাগের দুই ডিএফও দ্বিজপ্রতীম সেন, বিকাশ ভি, গরুমারা সাউথ রেঞ্জের রেঞ্জার সুদীপ দে ছাড়াও বন দপ্তরের অন্যান্য আধিকারিকরা উপস্থিত ছিলেন। মেদলার পর, গরুমারা যাত্রা প্রসাদ নজর মিনার হয়ে এই প্রতিনিধি দলটি বিকেলে চলে আসে গরুমারার ধূপঝোরা এলিফ্যান্ট ক্যাম্পে। সেখানে বন দপ্তরের আধিকারিকরা এই প্রতিনিধি দলকে কুনকি হাতির পিঠে চাপিয়ে জঙ্গলের আনাচে-কানাচে ঘোরান। এখান থেকে ফিরে তাঁরা স্থানীয় আদিবাসী নৃত্যগোষ্ঠীর নৃত্যও উপভোগ করেন। সেইসাথে কথা বলেন জয়েন্ট ফরেস্ট ম্যানেজমেন্ট কমিটির সদস্যদের সঙ্গেও। ভবিষ্যতে গরুমারার উন্নয়নে তাঁরা সহযোগিতা করবেন বলে আশ্বাস দিয়েছেন বলে বনদপ্তর সূত্রে জানা গিয়েছে।

WestBengalBangla

May 01 2024, 10:35

জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল ভ্রমণে ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত সহ পাঁচ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল
# A five-member_ delegation_ including _the Ambassador of France _visited _the Garumara forest _in Duars, _Jalpaiguri



এসবি নিউজ ব্যুরো: জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের জঙ্গলের যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতে ফ্রান্সের এক প্রতিনিধি দল ঘুরলেন জঙ্গলে। মঙ্গলবার ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত থিয়ারি ম্যাথিউয়ের নেতৃত্বে ৫ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল গরুমারায় এসেছিলেন। তাঁরা জানান,ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল কীভাবে পরিচালিত হচ্ছে? জঙ্গলের বন ও বুনোরা কেমন আছে? বন দপ্তরের সঙ্গে জঙ্গল লাগোয়া এলাকার বাসিন্দাদের সম্পর্কই বা কেমন? এইসব যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতেই তাদের এই সফর।ফ্রান্সের এই প্রতিনিধি দল ডুয়ার্সের মূর্তি ও জলঢাকা নদী দেখার পাশাপাশি সেখানে থাকা কুনকিদের পর্যবেক্ষণ ও তাদের সারাদিনের বিভিন্ন কাজকর্ম সম্পর্কে বন দপ্তরের আধিকারিক ও মাহুতদের কাছ থেকে তথ্য সংগ্রহ করেন। ফ্রান্সের এই দলের সঙ্গে উত্তরবঙ্গ বন্যপ্রাণী বিভাগের বনপাল ভাস্কর জেভি, গরুমারা ও জলপাইগুড়ি বনবিভাগের দুই ডিএফও দ্বিজপ্রতীম সেন, বিকাশ ভি, গরুমারা সাউথ রেঞ্জের রেঞ্জার সুদীপ দে ছাড়াও বন দপ্তরের অন্যান্য আধিকারিকরা উপস্থিত ছিলেন। মেদলার পর, গরুমারা যাত্রা প্রসাদ নজর মিনার হয়ে এই প্রতিনিধি দলটি বিকেলে চলে আসে গরুমারার ধূপঝোরা এলিফ্যান্ট ক্যাম্পে। সেখানে বন দপ্তরের আধিকারিকরা এই প্রতিনিধি দলকে কুনকি হাতির পিঠে চাপিয়ে জঙ্গলের আনাচে-কানাচে ঘোরান। এখান থেকে ফিরে তাঁরা স্থানীয় আদিবাসী নৃত্যগোষ্ঠীর নৃত্যও উপভোগ করেন। সেইসাথে কথা বলেন জয়েন্ট ফরেস্ট ম্যানেজমেন্ট কমিটির সদস্যদের সঙ্গেও। ভবিষ্যতে গরুমারার উন্নয়নে তাঁরা সহযোগিতা করবেন বলে আশ্বাস দিয়েছেন বলে বনদপ্তর সূত্রে জানা গিয়েছে।

WestBengalBangla

Apr 24 2024, 08:52

না মাটি, না পাথর, না কাঠ.. 8.5 ফুট উঁচু এবং 350 কেজি ওজনের বজরংবলীর মূর্তি বসছে গুজরাটের গোধরায়
#Bajrangbali _idol _in _Godhra Gujarat

এসবি নিউজ ব্যুরো: মধ্যপ্রদেশের ইন্দোরের শিল্পী স্ক্র্যাপ মেটাল থেকে হনুমানজির অনন্য মূর্তি তৈরি করছেন। গতকাল  সারাদেশে পালিত হয়েছে হনুমান জন্মোৎসব। সকাল থেকেই হনুমানজির মন্দিরে ভক্তদের উপচে পড়া ভিড় লক্ষ্য করা যায়। জানা গিয়েছে,8.5 ফুট উঁচু এবং 350 কেজি ওজনের বজরংবলী মূর্তি তৈরি হচ্ছে সম্পূর্ণ স্ক্র্যাপ মেটালে। ইন্দোরের শিল্পী দেবল ভার্মার তৈরি এঈ মূর্তিটি আগামী মাসে গুজরাটের গোধরায় স্থাপন করা হবে। দেবাল ভার্মা বলেন, 'আমরা গত 7-8 বছর ধরে স্ক্র্যাপ-মেটাল আর্ট নিয়ে কাজ করছি। আমরা স্ক্র্যাপ ধাতু থেকে প্রত্নবস্তু তৈরি সহ অর্ডার অনুযায়ী মূর্তি তৈরি করুন। গোধরা থেকে একটা অর্ডার এসেছিল। সাধারণত ক্লায়েন্ট আমাদের স্থান দেখায় এবং সেখানে কী থাকা উচিত সে সম্পর্কে পরামর্শ চায়।তাকে ঈশ্বরের মূর্তি স্থাপন করতে বলা হয়েছিল। তারা আমাদের কাছে জানতে চেয়েছিল কোন মূর্তি তৈরি করা উচিত এবং কীভাবে তৈরি করা উচিত। আমরা তাকে হনুমানজির মূর্তি বসানোর পরামর্শ দিয়েছিলাম। তারপর হনুমানজির মূর্তির নকশা করি।" দেবল ভার্মা আরও বলেন, 'প্রথমত, এটি বজরঙ্গবলীর মূর্তি এবং আমরা স্ক্র্যাপ থেকে কাজ করছি। মানে এটি শুধুমাত্র স্ক্র্যাপ থেকে তৈরি করা উচিত ছিল। কিন্তু এটি এমন ছিল, আমরা সাধারণত যা করি তার থেকে ভিন্ন কিছু করতে হয়েছে ।তার মানে আমরা মূর্তিটা একটু অন্যরকম করব। আমরা এটিতে প্রচুর পিতল এবং স্টেইনলেস স্টিল রাখি। ডিজাইন করতে  2-3 মাস লেগেছে বজরঙ্গবলীজির এই মূর্তিটি ডিজাইন করতে আমাদের 2-3 মাস লেগেছে। প্রস্তাবনা-মাত্রা নকশা সেট. নকশা চূড়ান্ত হওয়ার পর, আমরা মূর্তিটি যে উপাদান থেকে তৈরি করা হবে তা অনুসন্ধান শুরু করেছি। স্ক্র্যাপ খুঁজে পেতে অনেক সময় লাগে। মূর্তিটিতে আছে পিতলের প্যান, প্লেট এবং স্টেইনলেস স্টিলের পাইপ। এসএস শিটও স্থাপন করা হয়। গাড়ির স্প্রিং এবং গিয়ার বিয়ারিং বিভিন্ন ধরনের স্ক্র্যাপ থেকে তৈরি করা হয়। হনুমান চালিসা হনুমানজির মূর্তি বানাতে আমরা হনুমান চালিসার অনুবাদও করেছি। তাদের বৈশিষ্ট্য কি? যেমন, 'কান্ধে মুঞ্জ জেনেউ সাজাই', অর্থাৎ কীভাবে পবিত্র সুতো পরানো হয়। তাহলে কানে দুল কেন? সে রকম ডিটেইলিং করা হয়েছে। প্রায়ই বলেন কথিত আছে, শ্রী রাম জানকী বজরঙ্গবলী জির বুকে বসে আছেন। তাই আমরা একটি অনুরূপ স্কেচ তৈরি করেছি, ডিজিটালভাবে এটি পিতলের মধ্যে খোদাই করেছি, একটি দুল তৈরি করে তার বুকে স্থাপন করেছি। এই ধরনের ডিটেইলিং করা হয়েছে। হনুমানজির মূর্তি তৈরির ক্ষেত্রে সবচেয়ে বড় চ্যালেঞ্জটি হল বজরঙ্গবলী জির শরীর একেবারে সুস্থ। হনুমানজি শক্তিশালী। সেই সঙ্গে হনুমানজির মুখও খুব কোমল। মুখে সেই স্নিগ্ধতা ওভদ্রতা আনা ছিল একটি বড় চ্যালেঞ্জ। স্টেইনলেস স্টিল, ব্রাস, মাইল্ড স্টিল ব্যবহার করা হয়েছে। উদাহরণস্বরূপ, যদি এটি একটি পিতলের প্লেট হয় তবে এটি কোথায় ব্যবহার করা হবে এবং কীভাবে এটি ব্যবহার করা হবে তা কেটে কেটে লাগানো হয়েছে। মূর্তিটি তৈরি করতে কত সময় লেগেছে? বজরংবলী জির এই মূর্তিটি তৈরি করতে মোট 1 বছর সময় লেগেছে। ডিজাইন থেকে উপাদান সংগ্রহ থেকে চূড়ান্ত উত্পাদন পর্যন্ত। অর্ডারটি গত ফেব্রুয়ারিতে আমাদের কাছে এসেছিল এবং চলতি বছরের মার্চে মূর্তিটি তৈরি হয়। এই মূর্তি তৈরিতে আমাদের ৪ জনের দল কাজ করেছে। আমি দেবল ভার্মা, চিফ মেকানিক্যাল ইঞ্জিনিয়ার ফাইজান খান, চিফ ওয়েল্ডার রাজেশ ঝা এবং হেল্পার অর্জুন। ইন্দোরে আমাদের ডিজাইন স্টুডিওতে এই মূর্তিটি তৈরি করা হয়েছে। গোধরায় বাসস্ট্যান্ডের কাছে শ্রীসারভাত রেস্তোরাঁয় এই মূর্তি স্থাপন করা হবে। এই মূর্তি তৈরি করার সময় হনুমানজির সামনে সবচেয়ে বড় চ্যালেঞ্জ ছিল আবেগ আনতে হয়েছে। কারণ, স্ক্র্যাপ উপাদান থেকে কিছু তৈরি করা এবং তার মধ্যে অভিব্যক্তি আনা সবচেয়ে চ্যালেঞ্জিং কাজ। লোকেরা যখন এই মূর্তিটি দেখে, তখন তাদের মনে হয় যেন বজরঙ্গবলী জি তাদের দেখছেন। মানুষ আমাদের তাই বলেছে। প্রিভিউ দেখে অনেকেই বজরঙ্গবলীজির মূর্তির সামনে কেঁদেছিলেন। হনুমানজির দাড়িতে স্টেইনলেস স্টিলের তার লাগানো আছে। গদাটি পিতলের মাথা দিয়ে তৈরি। মুকুট উপর ঘূর্ণিত। নিচে চশমা পিতলের তৈরি। মুকুটের পিছনে সেলাই মেশিনের চাকা।

WestBengalBangla

Apr 17 2024, 14:41

#:Today Ramlala's_ Suryaavishek _took _place _in Ayodhya *আজ অযোধ্যায় রামলালার সূর্যাভিষেক হল*

#:Today Ramlala's_ Suryaavishek _took _place _in Ayodhya

এসবি নিউজ ব্যুরো: অযোধ্যায় রামনবমীতে রামলালের রামলালার সূর্যাভিষেক হল। ভগবান রামের মাথার অলৌকিক দৃশ্য দেখে সারা দেশের মানুষ আবেগাপ্লুত।আধ্যাত্মিকতা ও বিজ্ঞানের মিলনের এক মনোরম দৃশ্য আজ দেখা গেল অযোধ্যায়। রামনবমীর বিশেষ দিন উপলক্ষ্যে, অযোধ্যার রাম মন্দিরে যখন ভগবান শ্রীরামের কপালে সূর্য তিলক লাগানো হয়েছিল তখন একটি অপূর্ব দৃশ্য দেখা যায়। এই সূর্যাভিষেক দুপুর ১২.০১ মিনিটে শুরু হয়ে প্রায় পাঁচ মিনিট ধরে চলে। এই ঘটনাসারা বিশ্ব কৌতূহল নিয়ে দেখছে, আজ ৫০০ বছর পর অযোধ্যা ও দেশের মানুষের জন্য এই বিশেষ সুযোগ এসেছে। রাম মন্দির প্রতিষ্ঠার পর এটাই প্রথম রাম নবমী। অযোধ্যায় রামনবমী উপলক্ষ্যে, সূর্যের রশ্মি দ্বারা রামলালার তিলক করা হয়। এই উপলক্ষ্যে রামলালার বিশেষ মেকআপও করা হয়েছিল। 500 বছর পর, এই সূর্যাভিষেকের সময় রামলালা মূর্তির সূর্যাভিষেক হয়েছিল প্রায় 4 থেকে রামলালার মূর্তির মাথায় সূর্য তিলক লাগানো হয় ৬ মিনিটের জন্য। সূর্যের আলো রামলালার ওপর এমনভাবে পড়ল যেন ভগবান রামের গায়ে সূর্য তিলক লাগানো হয়েছে। এই দৃশ্যটি সকলের মনকে মোহিত করেছে ।বিজ্ঞানীরা বহু মাস ধরে এই সূর্য তিলকের জন্য প্রস্তুতি নিচ্ছিলেন। এর জন্য অনেক ট্রায়াল করা হয়েছিল। আজ দুপুরে ঘড়ির কাঁটা 12:01 বাজতেই সূর্যের রশ্মি সরাসরি রামের কপালে এসে পৌঁছায়। 12:01 থেকে 12:06 পর্যন্ত সূর্যাভিষেক চলতে থাকে। পাঁচ মিনিট ধরে চলতে থাকে এই প্রক্রিয়া। বিজ্ঞানীরা গত 20 বছরে অযোধ্যার আকাশে সূর্যের গতিবিধি অধ্যয়ন করেছেন। সঠিক দিকনির্দেশ ইত্যাদি নির্ধারণের পর মন্দিরের উপরের তলায় প্রতিফলক ও লেন্স স্থাপন করা হয়েছে। সূর্যের রশ্মি ঘূর্ণায়মান হয়ে রামলালার কপালে পৌঁছে গেল। উপরের সমতলের লেন্সে সূর্যের রশ্মি পড়ল। এর পরে, এটি তিনটি লেন্সের মধ্য দিয়ে যায় এবং দ্বিতীয় তলায় আয়নার কাছে আসে। শেষেসূর্যের রশ্মি রাম লালার কপালকে 75 মিমি বুলেটের আকারে আলোকিত করতে থাকে এবং এটি প্রায় পাঁচ মিনিট ধরে চলতে থাকে। সূর্য তিলকের পরে, ভগবান শ্রী রামের বিশেষ পূজা এবং আরতি করা হয়।রাম নবমীতে ভক্তদের ভিড়ের পরিপ্রেক্ষিতে প্রায় 25 লাখ ভক্তের আগমনের সময়টি 19 ঘন্টা করা হয়েছে।মঙ্গলা আরতি থেকে শুরু হয়ে রাত ১১টা পর্যন্ত খোলা থাকবে মন্দির। এর মধ্যেই রামলালকে ভোগ প্রদান ও আরতি করা হবে।

WestBengalBangla

Apr 17 2024, 13:48

আজ অযোধ্যায় রামলালার সূর্যাভিষেক হল
#:Today Ramlala's_ Suryaavishek _took _place _in Ayodhya

*আজ অযোধ্যায় রামলালার সূর্যাভিষেক হল।*

India

2 hours and 14 min ago

क्या हिजबुल्लाह को खत्म करके ही “दम” लेगा इजराइल? लेबनान एयरस्ट्राइक में 500 के करीब मौत

#israel_attack_on_hezbollah_in_lebanon_kills_492

इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच संघर्ष बढ़ गया है। इजराइल लेबनान में लगातार हिजबुल्लाहब के ठिकानों को तबाह कर रहा है। सोमवार को दक्षिणी लेबनान और बेका में 1600 हिजबुल्लाह ठिकानों को निशाना बनाया गया। इन हमलों में अब तक 492 लोगों के मौत की खबर है। इनमें 35 बच्चे और 58 महिलाएं शामिल हैं। जबकि, 1645 लोग घायल हुए हैं। 2006 के बाद यह इजरायल का सबसे घातक हमला है। लेबनान में दहशत का माहौल है।

लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने पुष्टि की है कि इजरायली हमलों में 35 बच्चों और 58 महिलाओं सहित 492 लोग मारे गए और 1645से अधिक लोग घायल हो गए। लेबनान के अधिकारियों ने कहा कि देश को 80,000 से अधिक संदिग्ध इजरायली कॉल प्राप्त हुए, जिसमें उसके नागरिकों को खाली करने की चेतावनी दी गई। लेबनान में इजरायल के इन ताजा हमलों ने एक और बड़ी जंग की स्थिति पैदा कर दी है।

लेबनान में यूएन में उठाया हमले का मुद्दा

संयुक्त राष्ट्र महासभा में लेबनान के प्रतिनिधि ने कहा इजरायल के हमलों का वर्णन किया। लेबनानी संसद की सदस्य बाहिया एल हरीरी ने लेबनानी पीएम नजीब मिकाती की ओर से सोमवार को न्यूयॉर्क में यूएन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हमले ने लेबनान की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया है और हमारी सामाजिक व्यवस्था को खतरा पैदा किया है।

हमले से पहले इलाके को खाली करने का संदेश

जानकारी के मुताबिक इजराइली सेना ने हमलों से पहले लेबनान के लोगों को इस इलाके को खाली करने का संदेश जारी किया था। लेबनान की स्थानीय मीडिया ने बताया है कि बेरूत समेत कई इलाकों के लोगों के लैंडलाइन कॉल संदेश के जरिए चेतावनी दी गई है। इसमें हवाई हमले से बचने के लिए इमारतों को खाली करने को कहा गया है। इसमें साफ कहा गया कि वह लेबनान की बेका घाटी में हमला करने वाली है। आरोप है क‍ि हिजबुल्लाह वहां हथियार जमा कर रखा है।

वहीं इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रिकॉर्ड किए गए संदेश में लेबनानी नागरिकों से इलाके को खाली करने के इजरायली संदेश के संदर्भ में कहा, ‘इस चेतावनी को गंभीरता से लें।’ नेतन्याहू ने कहा, ‘प्लीज अब खतरे से दूर हो जाएं। हमारा अभियान खत्म हो जाने के बाद आप सुरक्षित रूप से अपने-अपने घरों में वापस जा सकते हैं।

India

Sep 19 2024, 15:55

भारत ने इजराइल के साथ निभाई दोस्ती! यूएनजीए में फिलिस्तीन से जुड़े प्रस्ताव पर वोटिंग में नहीं लिया हिस्सा

#indiaabstainsfromungaisraelpalestinianresolution

भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में फिलिस्तीन से जुड़े प्रस्ताव पर वोटिंग से किनारा कर लिया। इस प्रस्ताव में मांग की गई थी कि इजराइल ने फिलिस्तीन के क्षेत्र में जो अवैध कब्जा किया है, उसे जल्द से जल्द हटाए और वो भी बिना किसी देरी के 12 महीने के अंदर। इस प्रस्ताव पर भारत ने वोटिंग नहीं किया।

भारत का कहना है कि हम बातचीत और कूटनीति के जरिए विवाद को सुलझाने के समर्थक हैं। भारत ने कहा कि हमें विभाजन बढ़ाने के बजाय मतभेद मिटाने की दिशा में काम करना चाहिए। 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा में बुधवार को फिलिस्तीन पर प्रस्ताव पेश किया गया। इस प्रस्ताव में मांग की गई है कि इजराइल को कब्जाए गए फिलिस्तीन के इलाकों को 12 महीनों में खाली कर देना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र में पेश किए गए प्रस्ताव के पक्ष में 124 देशों ने मतदान किया। वहीं 14 देशों ने इस प्रस्ताव के खिलाफ वोट किया। 43 देश वोटिंग से दूर रहे, जिनमें भारत भी शामिल है।

इन देशों ने मतदान से बनाई दूरी

मतदान में जिन देशों ने भाग नहीं लिया, उनमें भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, इटली, नेपाल, यूक्रेन और ब्रिटेन शामिल हैं। वहीं इजराइल और अमेरिका ने प्रस्ताव के विरोध में मतदान किया। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने इजराइल-फिलिस्तीन विवाद की शांतिपूर्ण, न्यायपूर्ण और स्थानीय समाधान की वकालत की और दोहराया कि प्रत्यक्ष और सार्थक बातचीत के जरिए ही दोनों देशों के बीच दो राज्य समाधान ही स्थायी शांति ला सकता है।

फिलिस्तीन के प्रस्ताव में क्या?

फिलिस्तीन की ओर से तैयार प्रस्ताव में इजराइल सरकार की ओर से संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र के प्रासंगिक प्रस्तावों के तहत अपने दायित्वों की अवहेलना किए जाने की भी कड़ी निंदा की गई। इस बात पर जोर दिया गया कि ऐसे उल्लंघनों से क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा को गंभीर खतरा है। इसमें कहा गया है कि इजराइल को कब्जे वाले फलस्तीनी क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय कानून के किसी भी उल्लंघन के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।

Nisthawrites

Aug 25 2024, 13:59

हिज़्बुल्लाह ने इजराइल पर 320 रॉकेट दागे जाने का किया दावा, तेल अवीव ने दक्षिणी लेबनान में शुरू किए हवाई हमले

#airstrikesinsouthernlebanon

Pictures of blast in Israel

ईरान समर्थित समूह हिजबुल्लाह ने रविवार को कहा कि शेष मध्य पूर्व संभावित रूप से एक और युद्ध के कगार पर पहुंच सकता है, उसने 11 इजरायली सैन्य स्थलों पर 320 कत्यूषा रॉकेट दागे। इज़राइल ने कहा कि उसने समूह के हमले को विफल करने के लिए दक्षिणी लेबनान में हवाई हमले शुरू किए हैं।

लेबनानी आतंकवादी समूह ने कहा कि उसने बेरूत में अपने एक कमांडर की हत्या के प्रतिशोध में इज़राइल पर ड्रोन हमले किए थे।

समूह ने कहा कि हमला "एक गुणात्मक इजरायली सैन्य लक्ष्य को लक्षित कर रहा था जिसकी घोषणा बाद में की जाएगी" और साथ ही "कई दुश्मन साइटों और बैरकों और आयरन डोम प्लेटफार्मों को लक्षित किया गया।"

ये हमले समूह के एक शीर्ष कमांडर फौद शुकुर की हत्या के जवाब में थे

इससे पहले रविवार को, इजरायली सेना ने लेबनान में हिजबुल्लाह साइटों पर अपने पूर्वव्यापी हमलों की घोषणा करते हुए कहा था कि आतंकवादी समूह हमले की तैयारी कर रहा था। सेना ने कहा कि हिजबुल्लाह इजरायल की ओर रॉकेट और मिसाइलों की भारी बमबारी शुरू करने की योजना बना रहा था। ईरान समर्थित समूह पिछले महीने के अंत में इज़राइल द्वारा एक शीर्ष कमांडर की हत्या का बदला लेने का वादा कर रहा था।

इन खतरों को दूर करने के लिए एक आत्मरक्षा कार्रवाई में, (इजरायली सेना) लेबनान में आतंकी ठिकानों पर हमला कर रही है, जहां से हिजबुल्लाह इजरायली नागरिकों पर अपने हमले शुरू करने की योजना बना रहा था। हम देख सकते हैं कि हिज़्बुल्लाह लेबनानी नागरिकों को खतरे में डालते हुए इज़राइल पर एक व्यापक हमला करने की तैयारी कर रहा है,'' उन्होंने विवरण दिए बिना कहा। हम उन क्षेत्रों में स्थित नागरिकों को चेतावनी देते हैं कि अपनी सुरक्षा के लिए जहां हिज़्बुल्लाह नुकसान कर रहा है वहां रास्ते से तुरंत हट जाएं , ”इजरायल के सैन्य प्रवक्ता, रियर एडमिरल डैनियल हागारी ने रविवार को कहा।

कई समाचार एजेंसियों के अनुसार, उत्तरी इज़राइल में हवाई हमले के सायरन बजाए गए। देश के बेन-गुरियन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे ने भी एहतियात के तौर पर उड़ानों को डायवर्ट किया। इसके तुरंत बाद हिजबुल्लाह ने अपने हमले की घोषणा कर दी। 

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू इस मामले पर कैबिनेट बैठक में हिस्सा लेंगे। यह हमला गाजा में इजरायल-हमास युद्ध को समाप्त करने के लिए नए दौर की वार्ता से पहले हुआ। हिजबुल्लाह ने कहा है कि अगर संघर्ष विराम होता है तो वह लड़ाई रोक देगा।

India

Jul 31 2024, 11:19

हमास चीफ इस्माइल हानिया के साथ एक और शख्स की हत्या, इजरायल ने अपने इस दुश्मन को मार गिराने का किया दावा

#israelkilledanotherenemyknowwhowas

इजरायल ने ईरान में घुसकर हमास चीफ इस्माइल हानिया को मार गिराया है। हालांकि, इसको लेकर इजराइल की तरफ से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। मगर शक की सुई इजरायल पर ही टिकी है। दरअसल, बेंजामिन नेतन्याहू ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हुए हमले के बाद से ही हमास चीफ इस्माइल हानिया और हमास के अन्य नेताओं को मारने की कसम खाई थी। इसी बीच इजरायल ने अपने एक और दुश्मन के मारे जाने का दावा किया है। इजराइल की सेना ने हिजबुल्‍लाह के कमांडर फउद शुकर को मार गिराने का दावा किया है। इजरायल की सेना ने कहा कि उसके लड़ाकू विमानों ने मंगलवार को बेरूत इलाके में फउद शुकर को खत्म कर दिया है।

शुकर को गोलान हाइट्स पर रॉकेट हमले के लिए जिम्मेदार माना जा रहा था। लेबनान के आतंकी संगठन हिजबुल्लाह ने इजरायल के गोलन हाइट्स इलाके में शनिवार को एक फुटबॉल ग्राउंड पर रॉकेट दागे थे। इस हमले में 12 बच्चों की मौत हो गई थी, जिसका बदला लेने के लिए ही इजरायल की सेना ने लेबनान की राजधानी बेरूत पर हवाई हमले किए। इजराइल की सेना के निशाने पर हिजबुल्लाह का कमांडर फुआद शुकर था। इजराइली की सेना ने कहा कि यह हमला गोलान में 12 युवाओं की मौत की मौत के साथ-साथ अन्य हमलों में कई इजराइली नागरिकों की मौत के लिए जिम्मेदार आतंकी कमांडर के ठिकाने को निशाना बनाकर किया गया।

लंबे समय से इजराइल-अमेरिका को थी शुकर की तलाश

इजरायल के खिलाफ कई बड़े हमलों को अंजाम देने वाले फउद शुकर की तलाश काफी समय से इजराइय और अमेरिका को थी। पिछले कई दशकों से इसकी तलाश जारी थी। बता दें कि हिजबुल्लाह के लिए रणनीति बनाने और उसे अंजाम देने के लिए ये काम करता था। फउद शुकर पर 40 करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया गया था। इनाम की राशि के जरिए आप हिंजबुल्लाह के कमांडर के कद का अंदाजा लगा सकते हैं। इस बीच इजरायली सेना की तरफ से दावा किया गया है कि उन्होंने कई मासूमों की मौत का बदला ले लिया है और फउद शुकर को मार गिराया है। 

कई हमलों का रह चुका है मास्टरमाइंड

बता दें कि फउद शुकर को मार गिराने के लिए उजरायल ने लेबनान की राजधानी बेरूत पर कई हवाई हमले किए। फउद शुकर को हिजबुल्ला नेता हसन नसरल्लाह का करीबी और भरोसेमंद माना जाता है। साल 2016 में सीरिया में वरिष्ठ हिजबुल्लाह कमांडर की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद फउद शुकर ने उनकी जगह ली थी। साल 1983 में बेरूत की एक बैरक में हमला किया गया था। यह हमला जहां हुआ, वहां फ्रांस और अमेरिका के सैनिक तैनात थे। 

बता दें कि फउद शुकर के अलाव इजरायल ने आज हमास के मुखिया इस्माइल हानिया को भी मार गिराया है। हमास पॉलिटिकल चीफ इस्माइल हानिया को ईरान में घुसकर मार गिराया है।

India

Jun 27 2024, 13:36

हमास से युद्ध के दौरान भारत ने हथियारों से की इजरायल की मदद, पूर्व राजदूत डैनियल कार्मन का बयान

#indiamayhelpisraelwith_weapons

भारत में इजरायल के पूर्व राजदूत डेनियल कार्मन ने भारत को लेकर बड़ा बयान दिया है।उन्होंने दावा किया है कि हमास से युद्ध के दौरान भारत ने हथियारों से इजरायल की मदद की है। उन्होंने ये भी कहा है कि भारत शायद इसलिए हथियारों की सप्लाई कर रहा है क्योंकि करगिल युद्ध के समय इजरायल ने भारत की सहायता की थी। इजराइल के पूर्व राजदूत डैनियल कार्मन के बयान के बाद ये सावल उठ रहे हैं कि क्या भारत इजराइल का एहसान चुका रहा है।हालांकि, अभी तक भारत की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया कि वो इजराइल को कोई भी हथियार दे रहा है।

डैनियल कार्मन 2014 से लेकर 2018 तक भारत में इजराइल के राजदूत थे। इजरायली मीडिया के साथ एक इंटरव्यू में डैनियल कार्मन ने कहा, इजराइल उन कुछ देशों में से एक था जिसने पाकिस्तान के साथ युद्ध के दौरान भारत को हथियार उपलब्ध कराए थे। भारतीय हमेशा हमें याद दिलाते हैं कि कारगिल युद्ध के दौरान इजराइल उनके साथ था। भारतीय इसे नहीं भूलते हैं और अब शायद वे इस एहसान चुका रहे हैं।

डैनियल की ये टिप्पणी ऐसे समय आई है, जब लगातार ऐसी खबरें आई हैं कि भारत ने इजरायल को ड्रोन और तोपखाने के गोलों की आपूर्ति की है क्योंकि हमास के खिलाफ आठ महीने से अधिक समय से जारी युद्ध के चलते इजरायल के पास हथियारों की कमी हो गई है।

कारगिल युद्ध में इजरायल ने की थी मदद

बता दें कि 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान इजराइल ने युद्ध सामग्री और ड्रोन सहित सैन्य आपूर्ति और उपकरण भारत को दिए थे। कारगिल वार के दौरान इजराइल ने भारत को मोर्टार समेत कई कई चीजें भेजी थी। ये ऐसा समय था जब बहुत कम देश भारत की मदद करने को तैयार थे, क्योंकि तब अमेरिका ने इजराइल और यूरोपीय देशों को कहा था कि आपको भारत को हथियार नहीं भेजने हैं और अगर भेजने भी हैं तो देरी से भेजो ताकि तब तक जंग खत्म हो जाए।लेकिन इजराइल ने अमेरिका के आदेश को मानने से इंकार कर दिया था। जो हथियार इजराइल को कुछ हफ्तों में भेजना था वो उसने कुछ ही दिन में भेज दिए।

इजराइली हथियारों की खरीद में टॉप पर भारत

भारत और इजराइल के बीच काफी पुराने रक्षा संबंध रहे हैं। मोदी सरकार बनने के बाद से इजराइल और भारत के रक्षा संबंधों काफी मजबूत हुए। मीडिया हाउस हारेट्ज की रिपोर्ट के मुताबिक इजराइली हथियारों को खरीदने वाले देशों में भारत टॉप पर है। 2019-2023 के बीच इजराइल के कुल डिफेंस एक्सपोर्ट में भारत की हिस्सेदारी 37% थी। जंग के दौरान भारत ने भी हथियार मुहैया कराने में इजराइल की मदद की है। ‘द वायर’ की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है, कि अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस और इजराइल के एल्बिट सिस्टम्स के बीच एक डील हुई है। इसके तहत 20 से अधिक हर्मीस 900 यूएवी/ड्रोन को भारत में तैयार कर इजराइल भेजा गया है। इसके अलावा जंगी विमानों के कई पुर्जे भी इजराइल को दिए गए हैं। सरकार के स्वामित्व वाली म्यूनिशन्स इंडिया लिमिटेड ने जनवरी 2024 में इजराइल को जंगी सामान निर्यात किया है।

WestBengalBangla

May 01 2024, 10:36

জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল ভ্রমণে ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত সহ পাঁচ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল
# A five-member_ delegation_ including _the Ambassador of France _visited _the Garumara forest _in Duars, _Jalpaiguri



এসবি নিউজ ব্যুরো: জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের জঙ্গলের যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতে ফ্রান্সের এক প্রতিনিধি দল ঘুরলেন জঙ্গলে। মঙ্গলবার ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত থিয়ারি ম্যাথিউয়ের নেতৃত্বে ৫ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল গরুমারায় এসেছিলেন। তাঁরা জানান,ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল কীভাবে পরিচালিত হচ্ছে? জঙ্গলের বন ও বুনোরা কেমন আছে? বন দপ্তরের সঙ্গে জঙ্গল লাগোয়া এলাকার বাসিন্দাদের সম্পর্কই বা কেমন? এইসব যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতেই তাদের এই সফর।ফ্রান্সের এই প্রতিনিধি দল ডুয়ার্সের মূর্তি ও জলঢাকা নদী দেখার পাশাপাশি সেখানে থাকা কুনকিদের পর্যবেক্ষণ ও তাদের সারাদিনের বিভিন্ন কাজকর্ম সম্পর্কে বন দপ্তরের আধিকারিক ও মাহুতদের কাছ থেকে তথ্য সংগ্রহ করেন। ফ্রান্সের এই দলের সঙ্গে উত্তরবঙ্গ বন্যপ্রাণী বিভাগের বনপাল ভাস্কর জেভি, গরুমারা ও জলপাইগুড়ি বনবিভাগের দুই ডিএফও দ্বিজপ্রতীম সেন, বিকাশ ভি, গরুমারা সাউথ রেঞ্জের রেঞ্জার সুদীপ দে ছাড়াও বন দপ্তরের অন্যান্য আধিকারিকরা উপস্থিত ছিলেন। মেদলার পর, গরুমারা যাত্রা প্রসাদ নজর মিনার হয়ে এই প্রতিনিধি দলটি বিকেলে চলে আসে গরুমারার ধূপঝোরা এলিফ্যান্ট ক্যাম্পে। সেখানে বন দপ্তরের আধিকারিকরা এই প্রতিনিধি দলকে কুনকি হাতির পিঠে চাপিয়ে জঙ্গলের আনাচে-কানাচে ঘোরান। এখান থেকে ফিরে তাঁরা স্থানীয় আদিবাসী নৃত্যগোষ্ঠীর নৃত্যও উপভোগ করেন। সেইসাথে কথা বলেন জয়েন্ট ফরেস্ট ম্যানেজমেন্ট কমিটির সদস্যদের সঙ্গেও। ভবিষ্যতে গরুমারার উন্নয়নে তাঁরা সহযোগিতা করবেন বলে আশ্বাস দিয়েছেন বলে বনদপ্তর সূত্রে জানা গিয়েছে।

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May 01 2024, 10:35

জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল ভ্রমণে ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত সহ পাঁচ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল
# A five-member_ delegation_ including _the Ambassador of France _visited _the Garumara forest _in Duars, _Jalpaiguri



এসবি নিউজ ব্যুরো: জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের জঙ্গলের যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতে ফ্রান্সের এক প্রতিনিধি দল ঘুরলেন জঙ্গলে। মঙ্গলবার ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত থিয়ারি ম্যাথিউয়ের নেতৃত্বে ৫ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল গরুমারায় এসেছিলেন। তাঁরা জানান,ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল কীভাবে পরিচালিত হচ্ছে? জঙ্গলের বন ও বুনোরা কেমন আছে? বন দপ্তরের সঙ্গে জঙ্গল লাগোয়া এলাকার বাসিন্দাদের সম্পর্কই বা কেমন? এইসব যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতেই তাদের এই সফর।ফ্রান্সের এই প্রতিনিধি দল ডুয়ার্সের মূর্তি ও জলঢাকা নদী দেখার পাশাপাশি সেখানে থাকা কুনকিদের পর্যবেক্ষণ ও তাদের সারাদিনের বিভিন্ন কাজকর্ম সম্পর্কে বন দপ্তরের আধিকারিক ও মাহুতদের কাছ থেকে তথ্য সংগ্রহ করেন। ফ্রান্সের এই দলের সঙ্গে উত্তরবঙ্গ বন্যপ্রাণী বিভাগের বনপাল ভাস্কর জেভি, গরুমারা ও জলপাইগুড়ি বনবিভাগের দুই ডিএফও দ্বিজপ্রতীম সেন, বিকাশ ভি, গরুমারা সাউথ রেঞ্জের রেঞ্জার সুদীপ দে ছাড়াও বন দপ্তরের অন্যান্য আধিকারিকরা উপস্থিত ছিলেন। মেদলার পর, গরুমারা যাত্রা প্রসাদ নজর মিনার হয়ে এই প্রতিনিধি দলটি বিকেলে চলে আসে গরুমারার ধূপঝোরা এলিফ্যান্ট ক্যাম্পে। সেখানে বন দপ্তরের আধিকারিকরা এই প্রতিনিধি দলকে কুনকি হাতির পিঠে চাপিয়ে জঙ্গলের আনাচে-কানাচে ঘোরান। এখান থেকে ফিরে তাঁরা স্থানীয় আদিবাসী নৃত্যগোষ্ঠীর নৃত্যও উপভোগ করেন। সেইসাথে কথা বলেন জয়েন্ট ফরেস্ট ম্যানেজমেন্ট কমিটির সদস্যদের সঙ্গেও। ভবিষ্যতে গরুমারার উন্নয়নে তাঁরা সহযোগিতা করবেন বলে আশ্বাস দিয়েছেন বলে বনদপ্তর সূত্রে জানা গিয়েছে।

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Apr 24 2024, 08:52

না মাটি, না পাথর, না কাঠ.. 8.5 ফুট উঁচু এবং 350 কেজি ওজনের বজরংবলীর মূর্তি বসছে গুজরাটের গোধরায়
#Bajrangbali _idol _in _Godhra Gujarat

এসবি নিউজ ব্যুরো: মধ্যপ্রদেশের ইন্দোরের শিল্পী স্ক্র্যাপ মেটাল থেকে হনুমানজির অনন্য মূর্তি তৈরি করছেন। গতকাল  সারাদেশে পালিত হয়েছে হনুমান জন্মোৎসব। সকাল থেকেই হনুমানজির মন্দিরে ভক্তদের উপচে পড়া ভিড় লক্ষ্য করা যায়। জানা গিয়েছে,8.5 ফুট উঁচু এবং 350 কেজি ওজনের বজরংবলী মূর্তি তৈরি হচ্ছে সম্পূর্ণ স্ক্র্যাপ মেটালে। ইন্দোরের শিল্পী দেবল ভার্মার তৈরি এঈ মূর্তিটি আগামী মাসে গুজরাটের গোধরায় স্থাপন করা হবে। দেবাল ভার্মা বলেন, 'আমরা গত 7-8 বছর ধরে স্ক্র্যাপ-মেটাল আর্ট নিয়ে কাজ করছি। আমরা স্ক্র্যাপ ধাতু থেকে প্রত্নবস্তু তৈরি সহ অর্ডার অনুযায়ী মূর্তি তৈরি করুন। গোধরা থেকে একটা অর্ডার এসেছিল। সাধারণত ক্লায়েন্ট আমাদের স্থান দেখায় এবং সেখানে কী থাকা উচিত সে সম্পর্কে পরামর্শ চায়।তাকে ঈশ্বরের মূর্তি স্থাপন করতে বলা হয়েছিল। তারা আমাদের কাছে জানতে চেয়েছিল কোন মূর্তি তৈরি করা উচিত এবং কীভাবে তৈরি করা উচিত। আমরা তাকে হনুমানজির মূর্তি বসানোর পরামর্শ দিয়েছিলাম। তারপর হনুমানজির মূর্তির নকশা করি।" দেবল ভার্মা আরও বলেন, 'প্রথমত, এটি বজরঙ্গবলীর মূর্তি এবং আমরা স্ক্র্যাপ থেকে কাজ করছি। মানে এটি শুধুমাত্র স্ক্র্যাপ থেকে তৈরি করা উচিত ছিল। কিন্তু এটি এমন ছিল, আমরা সাধারণত যা করি তার থেকে ভিন্ন কিছু করতে হয়েছে ।তার মানে আমরা মূর্তিটা একটু অন্যরকম করব। আমরা এটিতে প্রচুর পিতল এবং স্টেইনলেস স্টিল রাখি। ডিজাইন করতে  2-3 মাস লেগেছে বজরঙ্গবলীজির এই মূর্তিটি ডিজাইন করতে আমাদের 2-3 মাস লেগেছে। প্রস্তাবনা-মাত্রা নকশা সেট. নকশা চূড়ান্ত হওয়ার পর, আমরা মূর্তিটি যে উপাদান থেকে তৈরি করা হবে তা অনুসন্ধান শুরু করেছি। স্ক্র্যাপ খুঁজে পেতে অনেক সময় লাগে। মূর্তিটিতে আছে পিতলের প্যান, প্লেট এবং স্টেইনলেস স্টিলের পাইপ। এসএস শিটও স্থাপন করা হয়। গাড়ির স্প্রিং এবং গিয়ার বিয়ারিং বিভিন্ন ধরনের স্ক্র্যাপ থেকে তৈরি করা হয়। হনুমান চালিসা হনুমানজির মূর্তি বানাতে আমরা হনুমান চালিসার অনুবাদও করেছি। তাদের বৈশিষ্ট্য কি? যেমন, 'কান্ধে মুঞ্জ জেনেউ সাজাই', অর্থাৎ কীভাবে পবিত্র সুতো পরানো হয়। তাহলে কানে দুল কেন? সে রকম ডিটেইলিং করা হয়েছে। প্রায়ই বলেন কথিত আছে, শ্রী রাম জানকী বজরঙ্গবলী জির বুকে বসে আছেন। তাই আমরা একটি অনুরূপ স্কেচ তৈরি করেছি, ডিজিটালভাবে এটি পিতলের মধ্যে খোদাই করেছি, একটি দুল তৈরি করে তার বুকে স্থাপন করেছি। এই ধরনের ডিটেইলিং করা হয়েছে। হনুমানজির মূর্তি তৈরির ক্ষেত্রে সবচেয়ে বড় চ্যালেঞ্জটি হল বজরঙ্গবলী জির শরীর একেবারে সুস্থ। হনুমানজি শক্তিশালী। সেই সঙ্গে হনুমানজির মুখও খুব কোমল। মুখে সেই স্নিগ্ধতা ওভদ্রতা আনা ছিল একটি বড় চ্যালেঞ্জ। স্টেইনলেস স্টিল, ব্রাস, মাইল্ড স্টিল ব্যবহার করা হয়েছে। উদাহরণস্বরূপ, যদি এটি একটি পিতলের প্লেট হয় তবে এটি কোথায় ব্যবহার করা হবে এবং কীভাবে এটি ব্যবহার করা হবে তা কেটে কেটে লাগানো হয়েছে। মূর্তিটি তৈরি করতে কত সময় লেগেছে? বজরংবলী জির এই মূর্তিটি তৈরি করতে মোট 1 বছর সময় লেগেছে। ডিজাইন থেকে উপাদান সংগ্রহ থেকে চূড়ান্ত উত্পাদন পর্যন্ত। অর্ডারটি গত ফেব্রুয়ারিতে আমাদের কাছে এসেছিল এবং চলতি বছরের মার্চে মূর্তিটি তৈরি হয়। এই মূর্তি তৈরিতে আমাদের ৪ জনের দল কাজ করেছে। আমি দেবল ভার্মা, চিফ মেকানিক্যাল ইঞ্জিনিয়ার ফাইজান খান, চিফ ওয়েল্ডার রাজেশ ঝা এবং হেল্পার অর্জুন। ইন্দোরে আমাদের ডিজাইন স্টুডিওতে এই মূর্তিটি তৈরি করা হয়েছে। গোধরায় বাসস্ট্যান্ডের কাছে শ্রীসারভাত রেস্তোরাঁয় এই মূর্তি স্থাপন করা হবে। এই মূর্তি তৈরি করার সময় হনুমানজির সামনে সবচেয়ে বড় চ্যালেঞ্জ ছিল আবেগ আনতে হয়েছে। কারণ, স্ক্র্যাপ উপাদান থেকে কিছু তৈরি করা এবং তার মধ্যে অভিব্যক্তি আনা সবচেয়ে চ্যালেঞ্জিং কাজ। লোকেরা যখন এই মূর্তিটি দেখে, তখন তাদের মনে হয় যেন বজরঙ্গবলী জি তাদের দেখছেন। মানুষ আমাদের তাই বলেছে। প্রিভিউ দেখে অনেকেই বজরঙ্গবলীজির মূর্তির সামনে কেঁদেছিলেন। হনুমানজির দাড়িতে স্টেইনলেস স্টিলের তার লাগানো আছে। গদাটি পিতলের মাথা দিয়ে তৈরি। মুকুট উপর ঘূর্ণিত। নিচে চশমা পিতলের তৈরি। মুকুটের পিছনে সেলাই মেশিনের চাকা।

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Apr 17 2024, 14:41

#:Today Ramlala's_ Suryaavishek _took _place _in Ayodhya *আজ অযোধ্যায় রামলালার সূর্যাভিষেক হল*

#:Today Ramlala's_ Suryaavishek _took _place _in Ayodhya

এসবি নিউজ ব্যুরো: অযোধ্যায় রামনবমীতে রামলালের রামলালার সূর্যাভিষেক হল। ভগবান রামের মাথার অলৌকিক দৃশ্য দেখে সারা দেশের মানুষ আবেগাপ্লুত।আধ্যাত্মিকতা ও বিজ্ঞানের মিলনের এক মনোরম দৃশ্য আজ দেখা গেল অযোধ্যায়। রামনবমীর বিশেষ দিন উপলক্ষ্যে, অযোধ্যার রাম মন্দিরে যখন ভগবান শ্রীরামের কপালে সূর্য তিলক লাগানো হয়েছিল তখন একটি অপূর্ব দৃশ্য দেখা যায়। এই সূর্যাভিষেক দুপুর ১২.০১ মিনিটে শুরু হয়ে প্রায় পাঁচ মিনিট ধরে চলে। এই ঘটনাসারা বিশ্ব কৌতূহল নিয়ে দেখছে, আজ ৫০০ বছর পর অযোধ্যা ও দেশের মানুষের জন্য এই বিশেষ সুযোগ এসেছে। রাম মন্দির প্রতিষ্ঠার পর এটাই প্রথম রাম নবমী। অযোধ্যায় রামনবমী উপলক্ষ্যে, সূর্যের রশ্মি দ্বারা রামলালার তিলক করা হয়। এই উপলক্ষ্যে রামলালার বিশেষ মেকআপও করা হয়েছিল। 500 বছর পর, এই সূর্যাভিষেকের সময় রামলালা মূর্তির সূর্যাভিষেক হয়েছিল প্রায় 4 থেকে রামলালার মূর্তির মাথায় সূর্য তিলক লাগানো হয় ৬ মিনিটের জন্য। সূর্যের আলো রামলালার ওপর এমনভাবে পড়ল যেন ভগবান রামের গায়ে সূর্য তিলক লাগানো হয়েছে। এই দৃশ্যটি সকলের মনকে মোহিত করেছে ।বিজ্ঞানীরা বহু মাস ধরে এই সূর্য তিলকের জন্য প্রস্তুতি নিচ্ছিলেন। এর জন্য অনেক ট্রায়াল করা হয়েছিল। আজ দুপুরে ঘড়ির কাঁটা 12:01 বাজতেই সূর্যের রশ্মি সরাসরি রামের কপালে এসে পৌঁছায়। 12:01 থেকে 12:06 পর্যন্ত সূর্যাভিষেক চলতে থাকে। পাঁচ মিনিট ধরে চলতে থাকে এই প্রক্রিয়া। বিজ্ঞানীরা গত 20 বছরে অযোধ্যার আকাশে সূর্যের গতিবিধি অধ্যয়ন করেছেন। সঠিক দিকনির্দেশ ইত্যাদি নির্ধারণের পর মন্দিরের উপরের তলায় প্রতিফলক ও লেন্স স্থাপন করা হয়েছে। সূর্যের রশ্মি ঘূর্ণায়মান হয়ে রামলালার কপালে পৌঁছে গেল। উপরের সমতলের লেন্সে সূর্যের রশ্মি পড়ল। এর পরে, এটি তিনটি লেন্সের মধ্য দিয়ে যায় এবং দ্বিতীয় তলায় আয়নার কাছে আসে। শেষেসূর্যের রশ্মি রাম লালার কপালকে 75 মিমি বুলেটের আকারে আলোকিত করতে থাকে এবং এটি প্রায় পাঁচ মিনিট ধরে চলতে থাকে। সূর্য তিলকের পরে, ভগবান শ্রী রামের বিশেষ পূজা এবং আরতি করা হয়।রাম নবমীতে ভক্তদের ভিড়ের পরিপ্রেক্ষিতে প্রায় 25 লাখ ভক্তের আগমনের সময়টি 19 ঘন্টা করা হয়েছে।মঙ্গলা আরতি থেকে শুরু হয়ে রাত ১১টা পর্যন্ত খোলা থাকবে মন্দির। এর মধ্যেই রামলালকে ভোগ প্রদান ও আরতি করা হবে।

WestBengalBangla

Apr 17 2024, 13:48

আজ অযোধ্যায় রামলালার সূর্যাভিষেক হল
#:Today Ramlala's_ Suryaavishek _took _place _in Ayodhya

*আজ অযোধ্যায় রামলালার সূর্যাভিষেক হল।*