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UNSC में भारत चाहता है पक्की जगह, अब तक स्थायी सदस्य ना बन पाने की वजह सिर्फ चीन नहीं

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संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना हुए 7 दशक से ज्यादा वक्त बीत गए। तब से दुनिया बहुत बदल गई, लेकिन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का ढांचा नहीं बदला है। भारत लगातार सुरक्षा परिषद में सुधार की पुरजोर वकालत कर रहा है। यूएनएससी में अपनी स्थायी सदस्यता की दावेदारी कर रहा। अब उसकी दावेदारी को और मजबूती मिली है। अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने भी भारत को सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाए जाने का समर्थन किया है। रूस पहले से ही भारत की दावेदारी के सपोर्ट में रहा है। सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य में भारत के सामने सिर्फ चीन ही बाधा है।

आज के वैश्विक परिदृश्य को बेहतर ढंग से दर्शाने के लिए स्थायी सदस्यों की संख्या का विस्तार करने की मांग बढ़ रही है। खासकर भारत इसे पुरजोर तरीके से उठा रहा है। भारत का तर्क है कि 1945 में स्थापित 15-सदस्यीय परिषद 'पुराना है और 21वीं सदी के वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य का प्रतिनिधित्व करने में नाकाम है।

मौजूदा यूएनजीए सेशन में जी-4 देशों- भारत, जापान, ब्राजील और जर्मनी ने सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग को जबरदस्त तरीके से उठाया है। ये चारों देश सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए एक दूसरे की दावेदारी का समर्थन करते हैं। उनकी मांग है कि संयुक्त राष्ट्र में वर्तमान भू-राजनैतिक वास्तविकताओं की झलक दिखनी चाहिए ताकि यह वर्तमान के साथ-साथ भविष्य के लिए भी फिट रहे।

सवाल उठता है कि जब लगभग सभी देश भारत को स्थायी सदस्यता देने के पक्षधर हैं तो फिर पेंच फंसता कहां है? इस सवाल का जवाब चीन और अमेरिका हैं।

हां, भले ही पिछले हफ्ते अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूएनएससी की स्थायी सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी का समर्थन किया था। हालांकि, भारत की इस समस्या के लिए बहुत हद तक अमेरिका भी जिम्मेदार है। भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का सोशलिस्ट लोकतंत्र होने की वजह से हम तत्कालीन सोवियत संघ के ज्यादा नजदीक थे। जिस वजह से अमेरिका हमारे खिलाफ था। जैसा हम 1971 के भारत-पाक युद्ध में भी देख चुके हैं।

यही वजह है कि अमेरिका हर जगह भारत का न सिर्फ विरोध करता था बल्कि भारत के खिलाफ अपने सारे सहयोगी देशों को भी इस्तेमाल करता था। यही वजह है कि अमेरिका का बनाया हुआ भारत विरोधी माहौल लंबे समय तक कायम रहा। इसी सिलसिले में ब्रिटेन भी भारत की स्थायी सीट का विरोध करता था।

हालांकि, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूएनएससी की स्थायी सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी का समर्थन किया था। उसके बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने संयुक्त राष्ट्र आम सभा के 79वें सत्र में ऐलान किया कि उनका देश भारत को सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाए जाने के पक्ष में हैं। अब ब्रिटेन के पीएम कीर स्टार्मर में भी इस बात का समर्थन किया है।

यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो  में यूपी पुलिस की स्टॉल को मिला प्रथम पुरस्कार

लखनऊ। यूपी सरकार एवं India Exposition Mart limited द्वारा संयुक्त रुप से गौतम बुद्ध नगर में UP International Trade Show 2024 का आयोजन किया गया। पुलिस महानिदेशक यूपी प्रशान्त कुमार के निर्देशन में उक्त ट्रेड शो के हॉल नम्बर चार में यूपी पुलिस द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं के सन्दर्भ में एक स्टॉल लगाई गई थी।

आयोजकों द्वारा उक्त ट्रेड शो के सभी 15 हॉल में लगाई गई स्टॉल में से स्टॉल की साइज, उसका सेटअप, वहां के माहौल तथा स्टॉल पर आने वाले लोगों की संख्या के आधार पर प्रत्येक हॉल में प्रथम तीन स्टॉल को पुरस्कृत किया गया। ट्रेड शो के हॉल नम्बर 4 में लगाई गई उत्तर प्रदेश पुलिस की स्टॉल को प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है।

27 सितंबर  को  केन्द्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह एवं कैबिनेट मंत्री उराकेश सचान द्वारा अपर पुलिस अधीक्षक UP112 मोहनी पाठक को यह पुरस्कार प्रदान किया गया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव यूपी सरकार, खेल एवं युवा कल्याण,एमएसएमई एवं निर्यात प्रोत्साहन,खादी एवं ग्रामोद्योग,व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास, श्री आलोक कुमार तथा अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।डीजीपी प्रशान्त कुमार द्वारा उक्त स्टॉल को लगाने एवं वहां पर कार्यरत कर्मियों के उत्कृष्ट कार्य की सराहना करते हुए उनको प्रशस्ति पत्र प्रदान किए जाने की घोषणा की गई है।
देवघर-कौशल विकास विभाग के तत्वाधान में जिला नियोजनालय देवघर द्वारा रोजगार मेला –सह–भर्ती कैंप का आयोजन किया गया।
देवघर: उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी विशाल सागर के निर्देशानुसार आज दिनांक 28 सितंबर 2024 को जिला नियोजनालय परिसर देवघर में झारखण्ड सरकार के श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के तत्वाधान में जिला नियोजनालय देवघर द्वारा रोजगार मेला –सह–भर्ती कैंप का आयोजन किया गया, जिसमें निजी क्षेत्र के 14 कंपनियों ने भाग लिया तथा 252 युवा-युवतियों को शार्टलिस्ट किया गया। साथ ही रोजगार मेला में मुख्य रूप से निम्न कंपनियों ने भाग लिया— 1. V2 Retail Ltd. Deoghar 2. LIC of India 3. Sampurna Enterprises (AIIMS DEOGHAR) 4. Colossal Skill Pvt. Ltd. Deoghar 5. JITM Skills Pvt. Ltd. Deoghar 6. Maihar Hotels & Resort Pvt. Ltd. Deoghar 7. Birsa Security and Super Service Dumka 8. Gramin Siksha Avam Prashichhan Foundation 9. Chaitanya India Fin Credit Pvt. Ltd. 10. Seva Sahyog Securities and Facility Management Pvt. Ltd. 11. Express Consultancy Pvt. Ltd. Dumka 12. Durga Soren University Deoghar 13. Sanvi Green Tech Pvt. Ltd. Ranchi 14. Genus Power Infrastructure Ltd. रोजगार मेला –सह–भर्ती कैंप का आयोजन जिला नियोजन पदाधिकारी- सह जिला कौशल पदाधिकारी देवघर प्रकाश बैठा, के देख रेख में एवं परियोजना सहायक (UNDP) कृष्णा मोहन, यंग प्रोफेशनल(YP) जे पी शरण, लिपिक समीर कुमार मरांडी, ITI इंस्ट्रक्टर श्री साजन कुमार व रविशंकर कुमार, कंप्यूटर आपरेटर चंदन कुमार, प्रदीप कुमार रजक, रमेश कुमार दास के सहयोग से आयोजित किया गया । रोजगार मेला –सह–भर्ती कैंप में जिला के स्थानीय नियोजकों एवं अन्य राज्यो से कुल 1554 रिक्तियां प्राप्त हुयी थी जिसके विरुद्ध कुल 1000 से ज्यादा युवा–युवतियों ने भाग लिया| विदित हो 30 सितंबर 2024 को राज्य स्तरीय रोजगार मेला (ऑफर लेटर वितरण समारोह) का आयोजन धनबाद में माननीय मुख्यमंत्री, झारखण्ड के मुख्य अतिथित्व में किया जाना प्रस्तावित है, जिसमे चयनित अभ्यर्थियों को माननीय मुख्यमंत्री के हाथों ऑफर लेटर वितरण किया जायेगा।
Furniture Fair & Thailand Fest Wow Crowds with Luxury, Global Products, and Top Creators

Furniture Fair & Thailand Shopping Festival Kick Off with a Grand Opening, Welcoming Over 10,000 Visitors on Day 1

The highly anticipated Furniture Fair and Thailand Shopping Festival commenced on 27th September 2024 at BKC, witnessing a grand start with over 10,000 visitors on the very first day. Organized by I Ads & Events, a renowned leader in event management, the exhibition has quickly become a highlight for attendees, featuring an impressive lineup of international brands and exhibitors.

The 6-day event, running from 27th September to 2nd October, showcases a diverse range of furniture for both domestic and commercial use, tailored to meet varying budgets and tastes. Visitors have the opportunity to explore everything from elegant sofa sets and modular kitchens to office furniture, carpets, antiques, and bespoke decor items. The event is a one-stop destination for new homebuyers or those looking to refurbish their living spaces with modern and traditional furniture alike.

In addition to the furniture, the Thailand Shopping Festival offers a unique shopping experience, featuring exhibitors from Thailand, Turkey, Iran, Afghanistan, and Korea. Visitors can indulge in an array of exclusive international products, such as Thailand's pearl jewellery, Turkish lights, Iranian silver jewellery, Afghan dry fruits, and Korean beauty products. This combination of local and global offerings has created an exciting marketplace for discerning shoppers.

As a testament to the event's wide appeal, top content creators were also spotted on the exhibition floor, capturing the experience and sharing it with their vast audiences. Their presence underscores the event's reach and influence, drawing both consumer attention and social media buzz.

I Ads & Events, with over two decades of experience in managing B2C exhibitions across India, has once again demonstrated its expertise in creating immersive and interactive experiences. The event highlights their dedication to connecting brands directly with consumers, ensuring not just a shopping experience but also meaningful engagement.

The exhibition, open daily from 10:00 AM to 8:30 PM, is easily accessible to the public with an entry ticket priced at just Rs. 50. This makes it a perfect family outing where visitors can discover the latest trends in furniture, indulge in global shopping, and enjoy exclusive deals.

With such a successful opening day and a diverse array of offerings, the Furniture Fair and Thailand Shopping Festival are set to be must-attend events for anyone looking to enhance their living spaces or find unique international products. 

For more details, visit https://www.iadsandevents.com, or Instagram: , contact num +919234712380

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दरभंगा में 30 सितंबर को लगेगा जॉब कैंप
दरभंगा में युवाओं के लिए सुनहरा मौका है। आने वाले 30 सितंबर को श्रम संसाधन विभाग की ओर से जॉब कैंप का आयोजन किया गया है। आयोजन दिन के 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक होगा। इस कैंप में भाग लेने के लिए 18 से 30 वर्ष की आयु निर्धारित की गई है। बहाली इंटरव्यू के आधार पर होगी। यह नियुक्ति 50 पदों पर निकाली गई है। जानकारी दरभंगा के नियोजन पदाधिकारी अवर प्रादेशिक नियोजनालय मृणाल कुमार चौधरी ने दी है।


उन्होंने बताया कि आईटीआई, रामनगर के निकट संयुक्त श्रम भवन लहेरियासराय के कार्यालय परिसर और विश्वविद्यालय नियोजन सूचना व मार्गदर्शन केंद्र दरभंगा में Chaitanya India Fin Credit Pvt Ltd कैंप लगा रही। जिसमें मैट्रिक पास अभ्यर्थी की बहाली होगी।

उन्होंने कहा कि कस्टमर रिलेशनशिप एग्जीक्यूटिव के लिए अभ्यर्थी की उम्र सीमा 18 से 28 वर्ष निर्धारित है। कुल 50 पदों पर नियुक्ति के लिए साक्षरता का आयोजन किया जाएगा। चयनित बीएम पद के लिए अभ्यर्थियों को 11,080 रुपए वेतन सहित मुफ्त आवास प्रतिमाह दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि नियोजक की ओर से चयनित कस्टमर रिलेशनशिप एग्जीक्यूटिव पद के लिए अभ्यर्थियों की नियुक्ति की जानी है।

चयनित अभ्यर्थियों को उत्तर बिहार जिले में रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। अभ्यर्थी के पास दो पहिया वाहन और ड्राइविंग लाइसेंस होना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि सभी वांछित अभ्यर्थी उक्त मेला में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर रोजगार के अवसर का लाभ उठा सकते हैं। जॉब कैंप में भाग लेने के लिए अभ्यर्थियों के लिए नियोजनालय निबंधन अनिवार्य है।

कस्टमर रिलेशनशिप एग्जीक्यूटिव पद के लिए नियुक्ति

इसी प्रकार विश्वविद्यालय नियोजन सूचना व मार्गदर्शन केंद्र दरभंगा ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय कैंपस नरगोना पैलेस के माध्यम से 30 सितंबर (सोमवार) को विश्वविद्यालय नियोजन सूचना और मार्गदर्शन केंद्र दरभंगा में Chaitanya India Fin Credit Pvt Ltd सुबह के 11:00 बजे से दोपहर 03:00 बजे तक जॉब कैम्प का आयोजन किया जाएगा। जिसमें मैट्रिक अभ्यार्थी की बहाली की जाएगी।

उन्होंने कहा कि कस्टमर रिलेशनशिप एग्जीक्यूटिव पद के लिए अभ्यर्थी की उम्र सीमा 18 से 28 वर्ष है निर्धारित है। कुल 50 पदों पर नियुक्ति के लिए साक्षरता का आयोजन किया जाएगा।

चयनित बीएम पद के लिए अभ्यर्थियों को 12,500 रुपए वेतन सहित अन्य भत्त प्रतिमाह दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि नियोजक की तरफ से चयनित कस्टमर रिलेशनशिप एग्जीक्यूटिव पद के लिए अभ्यर्थियों को नियुक्ति किया जाना है। सम्पूर्ण बिहार में रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।

इच्छुक अभ्यर्थी भारत सरकार के NCS Protal (www.ncs.gov.in) पर जाकर खुद से या इस नियोजनालय में आकर निबंधन करा सकते हैं। अभ्यर्थी अपना बायोडाटा, सभी शैक्षणिक प्रमाण पत्र, 05 रंगीन फोटो, आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक पासबुक और अन्य प्रमाण पत्र के साथ जॉब कैंप में भाग ले सकते हैं। जॉब कैम्प में भाग लेना पूर्णतः निःशुल्क है।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
भारत की बढ़ती ताकतः अमेरिका के बाद फ्रांस का भी मिला साथ, UNSC में स्थायी सदस्यता का किया समर्थन

#francesupportedindiaunscpermanent_membership

हाल के सालों में भारत ने दुनियाभर में अपनी खास पहचान बनाई है। दुनिया के ताकतवर देश भी भारत नए उभरते रूप से प्रभावित है। अमेरिका के बाद फ़्रांस का साथ मिलना इसका एक उदाहरण है। अमेरिका के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाने की मांग की है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में अपने संबोधन में इस वैश्विक निकाय को और ज्यादा कुशल बनाने की मांग की। उन्होंने यूएनजीए में बोलते हुए ब्राजील, जर्मनी, जापान और अफ्रीका के दो देशों की उम्मीदवारी का भी समर्थन किया।मैक्रों ने यूएनजीए में कहा, "आइए संयुक्त राष्ट्र को और अधिक कुशल बनाएं। हमें इसे और अधिक प्रतिनिधि बनाने की आवश्यकता है और इसीलिए फ्रांस सुरक्षा परिषद के विस्तार के पक्ष में है।" उन्होंने कहा, "जर्मनी, जापान, भारत और ब्राजील को स्थायी सदस्य होना चाहिए, साथ ही दो ऐसे देश होने चाहिए जिन्हें अफ्रीका उनका प्रतिनिधित्व करने के लिए तय करेगा।

फ्रांस ने किया सुरक्षा परिषद के विस्तार का समर्थन

मैक्रों ने कहा कि जब तक सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य अपने हितों को लेकर एक-दूसरे को (प्रस्तावों को) रोकते रहेंगे तब तक आगे बढ़ना मुश्किल है। उन्होंने कहा, ''क्या वहां एक अच्छी व्यवस्था काम कर रही है? मुझे ऐसा नहीं लगता. इसलिए आइए संयुक्त राष्ट्र को प्रभावी बनाया जाए। लेकिन इसके लिए और अधिक सदस्य बनाए जाने चाहिए। इसलिए फ्रांस सुरक्षा परिषद के विस्तार का समर्थन करता है।''

भारत लंबे समय से कर रहा सुधार की मांग

भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग लंबे समय से करता रहा है। उसका कहना है कि 15 सदस्यों वाली सुरक्षा परिषद 21वीं सदी की ज़रूरत के हिसाब से फिट नहीं है। आज की भू-राजनीतिक वास्तविकताओं को देखते हुए इसमें सुधार ज़रूरी है। भारत ने कई बार इस बात को दोहराया है कि वह संयुक्त राष्ट्र परिषद का स्थायी सदस्य बनने का हक़ रखता है। भारत आख़िरी बार 2021-22 में एक अस्थायी सदस्य देश के तौर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में शामिल हुआ था। भारत का कहना है कि एकतरफ़ा सुरक्षा परिषद आज की दुनिया में शांति और सुरक्षा की चुनौतियों से निपटने में सक्षम नहीं है।

यूएनएससी क्या है?

संयुक्त राष्ट्र के छह मुख्य अंगों में से एक के रूप में, सुरक्षा परिषद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है। इसमें 15 सदस्य शामिल हैं: वीटो पावर वाले पांच स्थायी सदस्य (संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, फ्रांस, रूस और यूनाइटेड किंगडम) और दो साल के कार्यकाल के लिए चुने गए 10 गैर-स्थायी सदस्य। गैर स्थायी सदस्यों का कार्यकाल बदलता रहता है।

सुरक्षा परिषद का काम क्या है?

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्राथमिक कार्यों में संघर्षों की जांच, शांति अभियानों की स्थापना, प्रतिबंध लगाना और आवश्यकता पड़ने पर सैन्य कार्रवाई का प्राधिकरण शामिल है। यह वैश्विक संकटों और संघर्षों को संबोधित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे यह अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति में एक प्रमुख और प्रभावी समूह बन जाता है।

रिकॉर्ड बदले-सबूत मिटाए..', कोलकाता रेप-मर्डर केस में बंगाल पुलिस पर CBI का बड़ा खुलासा

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक जूनियर डॉक्टर के साथ हुए वीभत्स बलात्कार और हत्या के मामले में CBI ने बड़ा खुलासा किया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में ताला पुलिस थाने के रिकॉर्ड्स के साथ न केवल छेड़छाड़ की गई, बल्कि कुछ झूठे रिकॉर्ड भी तैयार किए गए। जाँच के दौरान पुलिस थाने के कुछ CCTV फुटेज सीबीआई के हाथ लगे, जिन्हें उन्होंने सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैब (CFSL) में भेज दिया है। CBI ने कहा कि अभिजीत मंडल और संदीप घोष से पूछताछ के बाद ये साफ हुआ कि उन्होंने मामले को गलत दिशा में मोड़ने के लिए झूठी जानकारी रिकॉर्ड में डाली थी। इन दोनों के मोबाइल डेटा भी CFSL को भेजे गए हैं, जिनसे और सबूत मिलने की संभावना है। CBI ने आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहाँ कोर्ट ने उन्हें फिर से 30 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इस मामले में अब तक तीन गिरफ्तारियाँ हो चुकी हैं—संजय रॉय, संदीप घोष और अभिजीत मंडल। पुलिस जांच कर रही है कि कहीं ये तीनों मिलकर अपराध की साजिश में तो शामिल नहीं थे। घटना 9 अगस्त 2024 को हुई थी, जब आरजी कर मेडिकल कॉलेज की एक जूनियर डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी। इस घटना की जानकारी सुबह 10 बजे ताला थाने को दी गई, लेकिन बंगाल पुलिस ने FIR रात के 11:30 बजे दर्ज की। इस घटना के बाद कई डॉक्टर सड़कों पर उतर आए थे और न्याय की मांग की थी। पीड़िता के परिवार ने भी आरोप लगाया कि उन्हें बहुत देर बाद उनकी बेटी से मिलने दिया गया। विवाद बढ़ने पर पुलिस ने संजय रॉय को गिरफ्तार कर लिया, जबकि थाना प्रभारी अभिजीत मंडल और संदीप घोष को बाद में CBI द्वारा पकड़ा गया। अब CBI की जांच में यह स्पष्ट हो रहा है कि सबूतों से छेड़छाड़ की गई थी। इस गंभीर मामले में यह सवाल उठता है कि आखिर ममता सरकार किसे बचाने की कोशिश कर रही है? एक मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर का बलात्कार और हत्या हो जाती है, लेकिन बंगाल सरकार पीड़िता को न्याय दिलाने के बजाय सबूत मिटाने में लगी हुई है। जब जांच CBI को सौंपी जाती है, तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद विरोध मार्च निकालती हैं, जबकि उनकी पुलिस ने सबूतों से छेड़छाड़ की थी और आरोपियों को बचाने की कोशिश की थी। इस मामले में INDIA गठबंधन के नेताओं की चुप्पी भी सवाल खड़े करती है। क्या यह चुप्पी बंगाल में हो रही आपराधिक घटनाओं का मौन समर्थन नहीं दिखाती? क्या यह देश की राजनीति का निम्नतम स्तर नहीं है, जहाँ न्याय की मांग को दबाने के लिए सत्ता का गलत इस्तेमाल हो रहा है?
कंगना रनौत के बयान पर राहुल गांधी का पलटवार, बोले-सरकार की नीति कौन तय कर रहा, एक सांसद या पीएम मोदी?

#rahul_gandhi_target_kangana_ranaut_says_who_is_deciding_govt_policy

कांग्रेस ने भाजपा सांसद कंगना रनौत की तीन कृषि कानूनों को वापस लाने की मांग वाली टिप्पणी को लेकर भाजपा पर हमला तेज कर दिया है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि इस मामले में पीएम मोदी को जवाब देना चाहिए। उन्होंने बीजेपी सांसद कंगना रनौत की टिप्पणी को लेकर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वह निरस्त किए जा चुके तीनों ‘काले’ कृषि कानूनों को फिर से लाना चाहते हैं या नहीं।

कंगना के वापस लिए जा चुके कृषि कानूनों की वापसी की वकालत करने वाले बयान पर राहुल ने कहा कि सरकार की नीति कौन तय कर रहा है? एक भाजपा सांसद या प्रधानमंत्री मोदी? 700 से ज्यादा किसानों, खास कर हरियाणा और पंजाब के किसानों की शहादत ले कर भी भाजपा वालों का मन नहीं भरा। अगर प्रधानमंत्री ने उन कानूनों को फिर से लाने जैसा कोई कदम उठाया तो हमारा गठबंधन 'INDIA' हमारे अन्नदाताओं के विरुद्ध भाजपा का कोई भी षडयंत्र कामयाब नहीं होने देगा। अगर किसानों को नुकसान पहुंचाने के लिए कोई भी कदम उठाया जाएगा तो प्रधानमंत्री को फिर से माफी मांगनी पड़ेगी।

राहुल गांधी ने एक्स पर एक वीडियो पोस्ट किया। इसमें उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग विचारों को लेकर जांच-परख करते रहते हैं। वे किसी से कहते हैं कि सार्वजनिक रूप से विचार रखिए और फिर देखते हैं कि प्रतिक्रिया क्या होती है। यही हुआ है। इनके एक सांसद ने काले कृषि कानूनों को फिर से लाने की बात की है। पीएम मोदी स्पष्ट कीजिए कि क्या आप उन कानूनों को फिर से लाना चाहते हैं। आप फिर से ‘बदमाशी’ तो नहीं करेंगे? उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने शहीद किसानों के लिए संसद में दो मिनट का मौन भी नहीं रखने दिया था।

इससे पहले एक वीडियो में कंगना को यह कहते हुए देखा जा सकता है कि किसानों के वह कानून, जो अब वापस ले लिए गए हैं, मुझे पता है कि यह बयान विवादास्पद हो सकता है, लेकिन तीन कृषि कानूनों को वापस लाया जाना चाहिए। किसानों को खुद इसकी मांग करनी चाहिए। तीन कानून किसानों के लिए फायदेमंद थे। जैसे बाकी जगहों के किसान समृद्ध हो रहे हैं, हमारे किसानों को समृद्ध होना चाहिए। कुछ राज्यों में किसान समूहों के विरोध के कारण सरकार ने इन्हें वापस ले लिया था। किसान देश के विकास में स्तंभ हैं। मैं उनसे हाथ जोड़कर अपील करती हूं कि वे अपने भले के लिए कानूनों को वापस मांगें।

हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद बीजेपी सांसद ने 2021 में निरस्त किये गये कृषि कानूनों को वापस लाने की मांग संबंधी अपना बयान बुधवार को वापस ले लिया। उन्होंने कहा कि ये उनके ‘निजी’ विचार हैं और पार्टी के रूख को प्रदर्शित नहीं करते हैं।

वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने कंगना के बयान से किनारा कर लिया है। पार्टी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा, 'सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भाजपा सांसद कंगना रनौत का केंद्र सरकार द्वारा वापस लिए गए कृषि बिलों पर दिया गया बयान वायरल हो रहा है। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह बयान उनका निजी बयान है। कंगना रनौत भाजपा की ओर से ऐसा बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं। यह कृषि बिलों पर भाजपा के दृष्टिकोण को नहीं दर्शाता है। हम इस बयान को अस्वीकार करते हैं।'

'हमने नरेंद्र मोदी को मनोवैज्ञानिक रूप से ख़त्म कर दिया.., अब वो पहले जैसे नहीं रहे, जम्मू-कश्मीर में PM पर राहुल गांधी ने किया सीधा हमला




कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ में एक चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी अब पहले जैसे नहीं रहे। राहुल ने दावा किया कि उनकी पार्टी और विपक्ष ने नरेंद्र मोदी को मनोवैज्ञानिक रूप से खत्म कर दिया है। उन्होंने कहा, "आज का नरेंद्र मोदी वह नहीं है जिसे आप पहले देखा करते थे। हमने उनके सामने खड़े होकर उन्हें बदलने पर मजबूर कर दिया है।"


राहुल गांधी ने कहा कि संसद में जब वह प्रधानमंत्री मोदी को देखते हैं, तो उन्हें साफ नजर आता है कि अब वह 56 इंच की छाती वाले पहले वाले मोदी नहीं बचे हैं। उन्होंने कहा कि जब भी सरकार कोई कानून लाती है, विपक्ष उसके खिलाफ खड़ा हो जाता है और फिर सरकार को कानून में बदलाव करना पड़ता है। राहुल ने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी ने इलेक्शन के दौरान कहा था कि उनका सीधा कनेक्शन ऊपर यानी भगवान से है, लेकिन अब विपक्ष के INDIA गठबंधन ने उन्हें मनोवैज्ञानिक रूप से तोड़ दिया है।

राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने यह सब नफरत से नहीं, बल्कि मोहब्बत से किया है और यह दिखाया है कि मोहब्बत के जरिए नफरत को हराया जा सकता है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा हटाए जाने पर भी सवाल उठाए और कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि एक राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया गया। यह लोगों के अधिकारों पर सीधा हमला है। राहुल ने देश में फैली बेरोजगारी पर भी नरेंद्र मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार केवल 2-3 उद्योगपतियों के हित में काम कर रही है और देश के 25 अरबपतियों का 16 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया है, जबकि छोटे कारोबारियों को बर्बाद कर दिया गया है। इसका नतीजा यह है कि पूरे देश में, और खासतौर पर जम्मू-कश्मीर में, रोजगार की कमी है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में जम्मू-कश्मीर की सरकार दिल्ली से चल रही है और लोगों के पास अपने अधिकार नहीं हैं। राहुल गांधी ने जोर दिया कि कांग्रेस चाहती थी कि राज्य को चुनाव से पहले ही पूर्ण राज्य का दर्जा मिले, और चुनाव के बाद यह सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने भाजपा पर समाज में विभाजन पैदा करने का आरोप लगाया और कहा कि वे भाषा, राज्य, धर्म और जाति के आधार पर लोगों को लड़ाने का काम करते हैं। राहुल ने चेतावनी दी कि भाजपा का यह प्रोजेक्ट फेल होगा, और पहाड़ी व गुर्जर समुदायों को आपस में लड़ाने की उनकी कोशिशें नाकाम साबित होंगी।
'हमने नरेंद्र मोदी को मनोवैज्ञानिक रूप से ख़त्म कर दिया.., अब वो पहले जैसे नहीं रहे, जम्मू-कश्मीर में PM पर राहुल गांधी ने किया सीधा हमला

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ में एक चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी अब पहले जैसे नहीं रहे। राहुल ने दावा किया कि उनकी पार्टी और विपक्ष ने नरेंद्र मोदी को मनोवैज्ञानिक रूप से खत्म कर दिया है। उन्होंने कहा, "आज का नरेंद्र मोदी वह नहीं है जिसे आप पहले देखा करते थे। हमने उनके सामने खड़े होकर उन्हें बदलने पर मजबूर कर दिया है।"

राहुल गांधी ने कहा कि संसद में जब वह प्रधानमंत्री मोदी को देखते हैं, तो उन्हें साफ नजर आता है कि अब वह 56 इंच की छाती वाले पहले वाले मोदी नहीं बचे हैं। उन्होंने कहा कि जब भी सरकार कोई कानून लाती है, विपक्ष उसके खिलाफ खड़ा हो जाता है और फिर सरकार को कानून में बदलाव करना पड़ता है। राहुल ने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी ने इलेक्शन के दौरान कहा था कि उनका सीधा कनेक्शन ऊपर यानी भगवान से है, लेकिन अब विपक्ष के INDIA गठबंधन ने उन्हें मनोवैज्ञानिक रूप से तोड़ दिया है।

राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने यह सब नफरत से नहीं, बल्कि मोहब्बत से किया है और यह दिखाया है कि मोहब्बत के जरिए नफरत को हराया जा सकता है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा हटाए जाने पर भी सवाल उठाए और कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि एक राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया गया। यह लोगों के अधिकारों पर सीधा हमला है। राहुल ने देश में फैली बेरोजगारी पर भी नरेंद्र मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार केवल 2-3 उद्योगपतियों के हित में काम कर रही है और देश के 25 अरबपतियों का 16 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया है, जबकि छोटे कारोबारियों को बर्बाद कर दिया गया है। इसका नतीजा यह है कि पूरे देश में, और खासतौर पर जम्मू-कश्मीर में, रोजगार की कमी है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में जम्मू-कश्मीर की सरकार दिल्ली से चल रही है और लोगों के पास अपने अधिकार नहीं हैं। राहुल गांधी ने जोर दिया कि कांग्रेस चाहती थी कि राज्य को चुनाव से पहले ही पूर्ण राज्य का दर्जा मिले, और चुनाव के बाद यह सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने भाजपा पर समाज में विभाजन पैदा करने का आरोप लगाया और कहा कि वे भाषा, राज्य, धर्म और जाति के आधार पर लोगों को लड़ाने का काम करते हैं। राहुल ने चेतावनी दी कि भाजपा का यह प्रोजेक्ट फेल होगा, और पहाड़ी व गुर्जर समुदायों को आपस में लड़ाने की उनकी कोशिशें नाकाम साबित होंगी।

UNSC में भारत चाहता है पक्की जगह, अब तक स्थायी सदस्य ना बन पाने की वजह सिर्फ चीन नहीं

#india_permanent_seat_in_unsc_then_where_is_problem

संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना हुए 7 दशक से ज्यादा वक्त बीत गए। तब से दुनिया बहुत बदल गई, लेकिन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का ढांचा नहीं बदला है। भारत लगातार सुरक्षा परिषद में सुधार की पुरजोर वकालत कर रहा है। यूएनएससी में अपनी स्थायी सदस्यता की दावेदारी कर रहा। अब उसकी दावेदारी को और मजबूती मिली है। अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने भी भारत को सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाए जाने का समर्थन किया है। रूस पहले से ही भारत की दावेदारी के सपोर्ट में रहा है। सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य में भारत के सामने सिर्फ चीन ही बाधा है।

आज के वैश्विक परिदृश्य को बेहतर ढंग से दर्शाने के लिए स्थायी सदस्यों की संख्या का विस्तार करने की मांग बढ़ रही है। खासकर भारत इसे पुरजोर तरीके से उठा रहा है। भारत का तर्क है कि 1945 में स्थापित 15-सदस्यीय परिषद 'पुराना है और 21वीं सदी के वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य का प्रतिनिधित्व करने में नाकाम है।

मौजूदा यूएनजीए सेशन में जी-4 देशों- भारत, जापान, ब्राजील और जर्मनी ने सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग को जबरदस्त तरीके से उठाया है। ये चारों देश सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए एक दूसरे की दावेदारी का समर्थन करते हैं। उनकी मांग है कि संयुक्त राष्ट्र में वर्तमान भू-राजनैतिक वास्तविकताओं की झलक दिखनी चाहिए ताकि यह वर्तमान के साथ-साथ भविष्य के लिए भी फिट रहे।

सवाल उठता है कि जब लगभग सभी देश भारत को स्थायी सदस्यता देने के पक्षधर हैं तो फिर पेंच फंसता कहां है? इस सवाल का जवाब चीन और अमेरिका हैं।

हां, भले ही पिछले हफ्ते अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूएनएससी की स्थायी सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी का समर्थन किया था। हालांकि, भारत की इस समस्या के लिए बहुत हद तक अमेरिका भी जिम्मेदार है। भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का सोशलिस्ट लोकतंत्र होने की वजह से हम तत्कालीन सोवियत संघ के ज्यादा नजदीक थे। जिस वजह से अमेरिका हमारे खिलाफ था। जैसा हम 1971 के भारत-पाक युद्ध में भी देख चुके हैं।

यही वजह है कि अमेरिका हर जगह भारत का न सिर्फ विरोध करता था बल्कि भारत के खिलाफ अपने सारे सहयोगी देशों को भी इस्तेमाल करता था। यही वजह है कि अमेरिका का बनाया हुआ भारत विरोधी माहौल लंबे समय तक कायम रहा। इसी सिलसिले में ब्रिटेन भी भारत की स्थायी सीट का विरोध करता था।

हालांकि, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूएनएससी की स्थायी सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी का समर्थन किया था। उसके बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने संयुक्त राष्ट्र आम सभा के 79वें सत्र में ऐलान किया कि उनका देश भारत को सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाए जाने के पक्ष में हैं। अब ब्रिटेन के पीएम कीर स्टार्मर में भी इस बात का समर्थन किया है।

यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो  में यूपी पुलिस की स्टॉल को मिला प्रथम पुरस्कार

लखनऊ। यूपी सरकार एवं India Exposition Mart limited द्वारा संयुक्त रुप से गौतम बुद्ध नगर में UP International Trade Show 2024 का आयोजन किया गया। पुलिस महानिदेशक यूपी प्रशान्त कुमार के निर्देशन में उक्त ट्रेड शो के हॉल नम्बर चार में यूपी पुलिस द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं के सन्दर्भ में एक स्टॉल लगाई गई थी।

आयोजकों द्वारा उक्त ट्रेड शो के सभी 15 हॉल में लगाई गई स्टॉल में से स्टॉल की साइज, उसका सेटअप, वहां के माहौल तथा स्टॉल पर आने वाले लोगों की संख्या के आधार पर प्रत्येक हॉल में प्रथम तीन स्टॉल को पुरस्कृत किया गया। ट्रेड शो के हॉल नम्बर 4 में लगाई गई उत्तर प्रदेश पुलिस की स्टॉल को प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है।

27 सितंबर  को  केन्द्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह एवं कैबिनेट मंत्री उराकेश सचान द्वारा अपर पुलिस अधीक्षक UP112 मोहनी पाठक को यह पुरस्कार प्रदान किया गया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव यूपी सरकार, खेल एवं युवा कल्याण,एमएसएमई एवं निर्यात प्रोत्साहन,खादी एवं ग्रामोद्योग,व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास, श्री आलोक कुमार तथा अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।डीजीपी प्रशान्त कुमार द्वारा उक्त स्टॉल को लगाने एवं वहां पर कार्यरत कर्मियों के उत्कृष्ट कार्य की सराहना करते हुए उनको प्रशस्ति पत्र प्रदान किए जाने की घोषणा की गई है।
देवघर-कौशल विकास विभाग के तत्वाधान में जिला नियोजनालय देवघर द्वारा रोजगार मेला –सह–भर्ती कैंप का आयोजन किया गया।
देवघर: उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी विशाल सागर के निर्देशानुसार आज दिनांक 28 सितंबर 2024 को जिला नियोजनालय परिसर देवघर में झारखण्ड सरकार के श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के तत्वाधान में जिला नियोजनालय देवघर द्वारा रोजगार मेला –सह–भर्ती कैंप का आयोजन किया गया, जिसमें निजी क्षेत्र के 14 कंपनियों ने भाग लिया तथा 252 युवा-युवतियों को शार्टलिस्ट किया गया। साथ ही रोजगार मेला में मुख्य रूप से निम्न कंपनियों ने भाग लिया— 1. V2 Retail Ltd. Deoghar 2. LIC of India 3. Sampurna Enterprises (AIIMS DEOGHAR) 4. Colossal Skill Pvt. Ltd. Deoghar 5. JITM Skills Pvt. Ltd. Deoghar 6. Maihar Hotels & Resort Pvt. Ltd. Deoghar 7. Birsa Security and Super Service Dumka 8. Gramin Siksha Avam Prashichhan Foundation 9. Chaitanya India Fin Credit Pvt. Ltd. 10. Seva Sahyog Securities and Facility Management Pvt. Ltd. 11. Express Consultancy Pvt. Ltd. Dumka 12. Durga Soren University Deoghar 13. Sanvi Green Tech Pvt. Ltd. Ranchi 14. Genus Power Infrastructure Ltd. रोजगार मेला –सह–भर्ती कैंप का आयोजन जिला नियोजन पदाधिकारी- सह जिला कौशल पदाधिकारी देवघर प्रकाश बैठा, के देख रेख में एवं परियोजना सहायक (UNDP) कृष्णा मोहन, यंग प्रोफेशनल(YP) जे पी शरण, लिपिक समीर कुमार मरांडी, ITI इंस्ट्रक्टर श्री साजन कुमार व रविशंकर कुमार, कंप्यूटर आपरेटर चंदन कुमार, प्रदीप कुमार रजक, रमेश कुमार दास के सहयोग से आयोजित किया गया । रोजगार मेला –सह–भर्ती कैंप में जिला के स्थानीय नियोजकों एवं अन्य राज्यो से कुल 1554 रिक्तियां प्राप्त हुयी थी जिसके विरुद्ध कुल 1000 से ज्यादा युवा–युवतियों ने भाग लिया| विदित हो 30 सितंबर 2024 को राज्य स्तरीय रोजगार मेला (ऑफर लेटर वितरण समारोह) का आयोजन धनबाद में माननीय मुख्यमंत्री, झारखण्ड के मुख्य अतिथित्व में किया जाना प्रस्तावित है, जिसमे चयनित अभ्यर्थियों को माननीय मुख्यमंत्री के हाथों ऑफर लेटर वितरण किया जायेगा।
Furniture Fair & Thailand Fest Wow Crowds with Luxury, Global Products, and Top Creators

Furniture Fair & Thailand Shopping Festival Kick Off with a Grand Opening, Welcoming Over 10,000 Visitors on Day 1

The highly anticipated Furniture Fair and Thailand Shopping Festival commenced on 27th September 2024 at BKC, witnessing a grand start with over 10,000 visitors on the very first day. Organized by I Ads & Events, a renowned leader in event management, the exhibition has quickly become a highlight for attendees, featuring an impressive lineup of international brands and exhibitors.

The 6-day event, running from 27th September to 2nd October, showcases a diverse range of furniture for both domestic and commercial use, tailored to meet varying budgets and tastes. Visitors have the opportunity to explore everything from elegant sofa sets and modular kitchens to office furniture, carpets, antiques, and bespoke decor items. The event is a one-stop destination for new homebuyers or those looking to refurbish their living spaces with modern and traditional furniture alike.

In addition to the furniture, the Thailand Shopping Festival offers a unique shopping experience, featuring exhibitors from Thailand, Turkey, Iran, Afghanistan, and Korea. Visitors can indulge in an array of exclusive international products, such as Thailand's pearl jewellery, Turkish lights, Iranian silver jewellery, Afghan dry fruits, and Korean beauty products. This combination of local and global offerings has created an exciting marketplace for discerning shoppers.

As a testament to the event's wide appeal, top content creators were also spotted on the exhibition floor, capturing the experience and sharing it with their vast audiences. Their presence underscores the event's reach and influence, drawing both consumer attention and social media buzz.

I Ads & Events, with over two decades of experience in managing B2C exhibitions across India, has once again demonstrated its expertise in creating immersive and interactive experiences. The event highlights their dedication to connecting brands directly with consumers, ensuring not just a shopping experience but also meaningful engagement.

The exhibition, open daily from 10:00 AM to 8:30 PM, is easily accessible to the public with an entry ticket priced at just Rs. 50. This makes it a perfect family outing where visitors can discover the latest trends in furniture, indulge in global shopping, and enjoy exclusive deals.

With such a successful opening day and a diverse array of offerings, the Furniture Fair and Thailand Shopping Festival are set to be must-attend events for anyone looking to enhance their living spaces or find unique international products. 

For more details, visit https://www.iadsandevents.com, or Instagram: , contact num +919234712380

For media coverage on this platform call +917710030004

दरभंगा में 30 सितंबर को लगेगा जॉब कैंप
दरभंगा में युवाओं के लिए सुनहरा मौका है। आने वाले 30 सितंबर को श्रम संसाधन विभाग की ओर से जॉब कैंप का आयोजन किया गया है। आयोजन दिन के 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक होगा। इस कैंप में भाग लेने के लिए 18 से 30 वर्ष की आयु निर्धारित की गई है। बहाली इंटरव्यू के आधार पर होगी। यह नियुक्ति 50 पदों पर निकाली गई है। जानकारी दरभंगा के नियोजन पदाधिकारी अवर प्रादेशिक नियोजनालय मृणाल कुमार चौधरी ने दी है।


उन्होंने बताया कि आईटीआई, रामनगर के निकट संयुक्त श्रम भवन लहेरियासराय के कार्यालय परिसर और विश्वविद्यालय नियोजन सूचना व मार्गदर्शन केंद्र दरभंगा में Chaitanya India Fin Credit Pvt Ltd कैंप लगा रही। जिसमें मैट्रिक पास अभ्यर्थी की बहाली होगी।

उन्होंने कहा कि कस्टमर रिलेशनशिप एग्जीक्यूटिव के लिए अभ्यर्थी की उम्र सीमा 18 से 28 वर्ष निर्धारित है। कुल 50 पदों पर नियुक्ति के लिए साक्षरता का आयोजन किया जाएगा। चयनित बीएम पद के लिए अभ्यर्थियों को 11,080 रुपए वेतन सहित मुफ्त आवास प्रतिमाह दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि नियोजक की ओर से चयनित कस्टमर रिलेशनशिप एग्जीक्यूटिव पद के लिए अभ्यर्थियों की नियुक्ति की जानी है।

चयनित अभ्यर्थियों को उत्तर बिहार जिले में रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। अभ्यर्थी के पास दो पहिया वाहन और ड्राइविंग लाइसेंस होना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि सभी वांछित अभ्यर्थी उक्त मेला में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर रोजगार के अवसर का लाभ उठा सकते हैं। जॉब कैंप में भाग लेने के लिए अभ्यर्थियों के लिए नियोजनालय निबंधन अनिवार्य है।

कस्टमर रिलेशनशिप एग्जीक्यूटिव पद के लिए नियुक्ति

इसी प्रकार विश्वविद्यालय नियोजन सूचना व मार्गदर्शन केंद्र दरभंगा ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय कैंपस नरगोना पैलेस के माध्यम से 30 सितंबर (सोमवार) को विश्वविद्यालय नियोजन सूचना और मार्गदर्शन केंद्र दरभंगा में Chaitanya India Fin Credit Pvt Ltd सुबह के 11:00 बजे से दोपहर 03:00 बजे तक जॉब कैम्प का आयोजन किया जाएगा। जिसमें मैट्रिक अभ्यार्थी की बहाली की जाएगी।

उन्होंने कहा कि कस्टमर रिलेशनशिप एग्जीक्यूटिव पद के लिए अभ्यर्थी की उम्र सीमा 18 से 28 वर्ष है निर्धारित है। कुल 50 पदों पर नियुक्ति के लिए साक्षरता का आयोजन किया जाएगा।

चयनित बीएम पद के लिए अभ्यर्थियों को 12,500 रुपए वेतन सहित अन्य भत्त प्रतिमाह दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि नियोजक की तरफ से चयनित कस्टमर रिलेशनशिप एग्जीक्यूटिव पद के लिए अभ्यर्थियों को नियुक्ति किया जाना है। सम्पूर्ण बिहार में रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।

इच्छुक अभ्यर्थी भारत सरकार के NCS Protal (www.ncs.gov.in) पर जाकर खुद से या इस नियोजनालय में आकर निबंधन करा सकते हैं। अभ्यर्थी अपना बायोडाटा, सभी शैक्षणिक प्रमाण पत्र, 05 रंगीन फोटो, आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक पासबुक और अन्य प्रमाण पत्र के साथ जॉब कैंप में भाग ले सकते हैं। जॉब कैम्प में भाग लेना पूर्णतः निःशुल्क है।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
भारत की बढ़ती ताकतः अमेरिका के बाद फ्रांस का भी मिला साथ, UNSC में स्थायी सदस्यता का किया समर्थन

#francesupportedindiaunscpermanent_membership

हाल के सालों में भारत ने दुनियाभर में अपनी खास पहचान बनाई है। दुनिया के ताकतवर देश भी भारत नए उभरते रूप से प्रभावित है। अमेरिका के बाद फ़्रांस का साथ मिलना इसका एक उदाहरण है। अमेरिका के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाने की मांग की है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में अपने संबोधन में इस वैश्विक निकाय को और ज्यादा कुशल बनाने की मांग की। उन्होंने यूएनजीए में बोलते हुए ब्राजील, जर्मनी, जापान और अफ्रीका के दो देशों की उम्मीदवारी का भी समर्थन किया।मैक्रों ने यूएनजीए में कहा, "आइए संयुक्त राष्ट्र को और अधिक कुशल बनाएं। हमें इसे और अधिक प्रतिनिधि बनाने की आवश्यकता है और इसीलिए फ्रांस सुरक्षा परिषद के विस्तार के पक्ष में है।" उन्होंने कहा, "जर्मनी, जापान, भारत और ब्राजील को स्थायी सदस्य होना चाहिए, साथ ही दो ऐसे देश होने चाहिए जिन्हें अफ्रीका उनका प्रतिनिधित्व करने के लिए तय करेगा।

फ्रांस ने किया सुरक्षा परिषद के विस्तार का समर्थन

मैक्रों ने कहा कि जब तक सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य अपने हितों को लेकर एक-दूसरे को (प्रस्तावों को) रोकते रहेंगे तब तक आगे बढ़ना मुश्किल है। उन्होंने कहा, ''क्या वहां एक अच्छी व्यवस्था काम कर रही है? मुझे ऐसा नहीं लगता. इसलिए आइए संयुक्त राष्ट्र को प्रभावी बनाया जाए। लेकिन इसके लिए और अधिक सदस्य बनाए जाने चाहिए। इसलिए फ्रांस सुरक्षा परिषद के विस्तार का समर्थन करता है।''

भारत लंबे समय से कर रहा सुधार की मांग

भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग लंबे समय से करता रहा है। उसका कहना है कि 15 सदस्यों वाली सुरक्षा परिषद 21वीं सदी की ज़रूरत के हिसाब से फिट नहीं है। आज की भू-राजनीतिक वास्तविकताओं को देखते हुए इसमें सुधार ज़रूरी है। भारत ने कई बार इस बात को दोहराया है कि वह संयुक्त राष्ट्र परिषद का स्थायी सदस्य बनने का हक़ रखता है। भारत आख़िरी बार 2021-22 में एक अस्थायी सदस्य देश के तौर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में शामिल हुआ था। भारत का कहना है कि एकतरफ़ा सुरक्षा परिषद आज की दुनिया में शांति और सुरक्षा की चुनौतियों से निपटने में सक्षम नहीं है।

यूएनएससी क्या है?

संयुक्त राष्ट्र के छह मुख्य अंगों में से एक के रूप में, सुरक्षा परिषद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है। इसमें 15 सदस्य शामिल हैं: वीटो पावर वाले पांच स्थायी सदस्य (संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, फ्रांस, रूस और यूनाइटेड किंगडम) और दो साल के कार्यकाल के लिए चुने गए 10 गैर-स्थायी सदस्य। गैर स्थायी सदस्यों का कार्यकाल बदलता रहता है।

सुरक्षा परिषद का काम क्या है?

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्राथमिक कार्यों में संघर्षों की जांच, शांति अभियानों की स्थापना, प्रतिबंध लगाना और आवश्यकता पड़ने पर सैन्य कार्रवाई का प्राधिकरण शामिल है। यह वैश्विक संकटों और संघर्षों को संबोधित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे यह अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति में एक प्रमुख और प्रभावी समूह बन जाता है।

रिकॉर्ड बदले-सबूत मिटाए..', कोलकाता रेप-मर्डर केस में बंगाल पुलिस पर CBI का बड़ा खुलासा

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक जूनियर डॉक्टर के साथ हुए वीभत्स बलात्कार और हत्या के मामले में CBI ने बड़ा खुलासा किया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में ताला पुलिस थाने के रिकॉर्ड्स के साथ न केवल छेड़छाड़ की गई, बल्कि कुछ झूठे रिकॉर्ड भी तैयार किए गए। जाँच के दौरान पुलिस थाने के कुछ CCTV फुटेज सीबीआई के हाथ लगे, जिन्हें उन्होंने सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैब (CFSL) में भेज दिया है। CBI ने कहा कि अभिजीत मंडल और संदीप घोष से पूछताछ के बाद ये साफ हुआ कि उन्होंने मामले को गलत दिशा में मोड़ने के लिए झूठी जानकारी रिकॉर्ड में डाली थी। इन दोनों के मोबाइल डेटा भी CFSL को भेजे गए हैं, जिनसे और सबूत मिलने की संभावना है। CBI ने आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहाँ कोर्ट ने उन्हें फिर से 30 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इस मामले में अब तक तीन गिरफ्तारियाँ हो चुकी हैं—संजय रॉय, संदीप घोष और अभिजीत मंडल। पुलिस जांच कर रही है कि कहीं ये तीनों मिलकर अपराध की साजिश में तो शामिल नहीं थे। घटना 9 अगस्त 2024 को हुई थी, जब आरजी कर मेडिकल कॉलेज की एक जूनियर डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी। इस घटना की जानकारी सुबह 10 बजे ताला थाने को दी गई, लेकिन बंगाल पुलिस ने FIR रात के 11:30 बजे दर्ज की। इस घटना के बाद कई डॉक्टर सड़कों पर उतर आए थे और न्याय की मांग की थी। पीड़िता के परिवार ने भी आरोप लगाया कि उन्हें बहुत देर बाद उनकी बेटी से मिलने दिया गया। विवाद बढ़ने पर पुलिस ने संजय रॉय को गिरफ्तार कर लिया, जबकि थाना प्रभारी अभिजीत मंडल और संदीप घोष को बाद में CBI द्वारा पकड़ा गया। अब CBI की जांच में यह स्पष्ट हो रहा है कि सबूतों से छेड़छाड़ की गई थी। इस गंभीर मामले में यह सवाल उठता है कि आखिर ममता सरकार किसे बचाने की कोशिश कर रही है? एक मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर का बलात्कार और हत्या हो जाती है, लेकिन बंगाल सरकार पीड़िता को न्याय दिलाने के बजाय सबूत मिटाने में लगी हुई है। जब जांच CBI को सौंपी जाती है, तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद विरोध मार्च निकालती हैं, जबकि उनकी पुलिस ने सबूतों से छेड़छाड़ की थी और आरोपियों को बचाने की कोशिश की थी। इस मामले में INDIA गठबंधन के नेताओं की चुप्पी भी सवाल खड़े करती है। क्या यह चुप्पी बंगाल में हो रही आपराधिक घटनाओं का मौन समर्थन नहीं दिखाती? क्या यह देश की राजनीति का निम्नतम स्तर नहीं है, जहाँ न्याय की मांग को दबाने के लिए सत्ता का गलत इस्तेमाल हो रहा है?
कंगना रनौत के बयान पर राहुल गांधी का पलटवार, बोले-सरकार की नीति कौन तय कर रहा, एक सांसद या पीएम मोदी?

#rahul_gandhi_target_kangana_ranaut_says_who_is_deciding_govt_policy

कांग्रेस ने भाजपा सांसद कंगना रनौत की तीन कृषि कानूनों को वापस लाने की मांग वाली टिप्पणी को लेकर भाजपा पर हमला तेज कर दिया है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि इस मामले में पीएम मोदी को जवाब देना चाहिए। उन्होंने बीजेपी सांसद कंगना रनौत की टिप्पणी को लेकर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वह निरस्त किए जा चुके तीनों ‘काले’ कृषि कानूनों को फिर से लाना चाहते हैं या नहीं।

कंगना के वापस लिए जा चुके कृषि कानूनों की वापसी की वकालत करने वाले बयान पर राहुल ने कहा कि सरकार की नीति कौन तय कर रहा है? एक भाजपा सांसद या प्रधानमंत्री मोदी? 700 से ज्यादा किसानों, खास कर हरियाणा और पंजाब के किसानों की शहादत ले कर भी भाजपा वालों का मन नहीं भरा। अगर प्रधानमंत्री ने उन कानूनों को फिर से लाने जैसा कोई कदम उठाया तो हमारा गठबंधन 'INDIA' हमारे अन्नदाताओं के विरुद्ध भाजपा का कोई भी षडयंत्र कामयाब नहीं होने देगा। अगर किसानों को नुकसान पहुंचाने के लिए कोई भी कदम उठाया जाएगा तो प्रधानमंत्री को फिर से माफी मांगनी पड़ेगी।

राहुल गांधी ने एक्स पर एक वीडियो पोस्ट किया। इसमें उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग विचारों को लेकर जांच-परख करते रहते हैं। वे किसी से कहते हैं कि सार्वजनिक रूप से विचार रखिए और फिर देखते हैं कि प्रतिक्रिया क्या होती है। यही हुआ है। इनके एक सांसद ने काले कृषि कानूनों को फिर से लाने की बात की है। पीएम मोदी स्पष्ट कीजिए कि क्या आप उन कानूनों को फिर से लाना चाहते हैं। आप फिर से ‘बदमाशी’ तो नहीं करेंगे? उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने शहीद किसानों के लिए संसद में दो मिनट का मौन भी नहीं रखने दिया था।

इससे पहले एक वीडियो में कंगना को यह कहते हुए देखा जा सकता है कि किसानों के वह कानून, जो अब वापस ले लिए गए हैं, मुझे पता है कि यह बयान विवादास्पद हो सकता है, लेकिन तीन कृषि कानूनों को वापस लाया जाना चाहिए। किसानों को खुद इसकी मांग करनी चाहिए। तीन कानून किसानों के लिए फायदेमंद थे। जैसे बाकी जगहों के किसान समृद्ध हो रहे हैं, हमारे किसानों को समृद्ध होना चाहिए। कुछ राज्यों में किसान समूहों के विरोध के कारण सरकार ने इन्हें वापस ले लिया था। किसान देश के विकास में स्तंभ हैं। मैं उनसे हाथ जोड़कर अपील करती हूं कि वे अपने भले के लिए कानूनों को वापस मांगें।

हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद बीजेपी सांसद ने 2021 में निरस्त किये गये कृषि कानूनों को वापस लाने की मांग संबंधी अपना बयान बुधवार को वापस ले लिया। उन्होंने कहा कि ये उनके ‘निजी’ विचार हैं और पार्टी के रूख को प्रदर्शित नहीं करते हैं।

वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने कंगना के बयान से किनारा कर लिया है। पार्टी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा, 'सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भाजपा सांसद कंगना रनौत का केंद्र सरकार द्वारा वापस लिए गए कृषि बिलों पर दिया गया बयान वायरल हो रहा है। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह बयान उनका निजी बयान है। कंगना रनौत भाजपा की ओर से ऐसा बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं। यह कृषि बिलों पर भाजपा के दृष्टिकोण को नहीं दर्शाता है। हम इस बयान को अस्वीकार करते हैं।'

'हमने नरेंद्र मोदी को मनोवैज्ञानिक रूप से ख़त्म कर दिया.., अब वो पहले जैसे नहीं रहे, जम्मू-कश्मीर में PM पर राहुल गांधी ने किया सीधा हमला




कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ में एक चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी अब पहले जैसे नहीं रहे। राहुल ने दावा किया कि उनकी पार्टी और विपक्ष ने नरेंद्र मोदी को मनोवैज्ञानिक रूप से खत्म कर दिया है। उन्होंने कहा, "आज का नरेंद्र मोदी वह नहीं है जिसे आप पहले देखा करते थे। हमने उनके सामने खड़े होकर उन्हें बदलने पर मजबूर कर दिया है।"


राहुल गांधी ने कहा कि संसद में जब वह प्रधानमंत्री मोदी को देखते हैं, तो उन्हें साफ नजर आता है कि अब वह 56 इंच की छाती वाले पहले वाले मोदी नहीं बचे हैं। उन्होंने कहा कि जब भी सरकार कोई कानून लाती है, विपक्ष उसके खिलाफ खड़ा हो जाता है और फिर सरकार को कानून में बदलाव करना पड़ता है। राहुल ने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी ने इलेक्शन के दौरान कहा था कि उनका सीधा कनेक्शन ऊपर यानी भगवान से है, लेकिन अब विपक्ष के INDIA गठबंधन ने उन्हें मनोवैज्ञानिक रूप से तोड़ दिया है।

राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने यह सब नफरत से नहीं, बल्कि मोहब्बत से किया है और यह दिखाया है कि मोहब्बत के जरिए नफरत को हराया जा सकता है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा हटाए जाने पर भी सवाल उठाए और कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि एक राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया गया। यह लोगों के अधिकारों पर सीधा हमला है। राहुल ने देश में फैली बेरोजगारी पर भी नरेंद्र मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार केवल 2-3 उद्योगपतियों के हित में काम कर रही है और देश के 25 अरबपतियों का 16 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया है, जबकि छोटे कारोबारियों को बर्बाद कर दिया गया है। इसका नतीजा यह है कि पूरे देश में, और खासतौर पर जम्मू-कश्मीर में, रोजगार की कमी है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में जम्मू-कश्मीर की सरकार दिल्ली से चल रही है और लोगों के पास अपने अधिकार नहीं हैं। राहुल गांधी ने जोर दिया कि कांग्रेस चाहती थी कि राज्य को चुनाव से पहले ही पूर्ण राज्य का दर्जा मिले, और चुनाव के बाद यह सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने भाजपा पर समाज में विभाजन पैदा करने का आरोप लगाया और कहा कि वे भाषा, राज्य, धर्म और जाति के आधार पर लोगों को लड़ाने का काम करते हैं। राहुल ने चेतावनी दी कि भाजपा का यह प्रोजेक्ट फेल होगा, और पहाड़ी व गुर्जर समुदायों को आपस में लड़ाने की उनकी कोशिशें नाकाम साबित होंगी।
'हमने नरेंद्र मोदी को मनोवैज्ञानिक रूप से ख़त्म कर दिया.., अब वो पहले जैसे नहीं रहे, जम्मू-कश्मीर में PM पर राहुल गांधी ने किया सीधा हमला

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ में एक चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी अब पहले जैसे नहीं रहे। राहुल ने दावा किया कि उनकी पार्टी और विपक्ष ने नरेंद्र मोदी को मनोवैज्ञानिक रूप से खत्म कर दिया है। उन्होंने कहा, "आज का नरेंद्र मोदी वह नहीं है जिसे आप पहले देखा करते थे। हमने उनके सामने खड़े होकर उन्हें बदलने पर मजबूर कर दिया है।"

राहुल गांधी ने कहा कि संसद में जब वह प्रधानमंत्री मोदी को देखते हैं, तो उन्हें साफ नजर आता है कि अब वह 56 इंच की छाती वाले पहले वाले मोदी नहीं बचे हैं। उन्होंने कहा कि जब भी सरकार कोई कानून लाती है, विपक्ष उसके खिलाफ खड़ा हो जाता है और फिर सरकार को कानून में बदलाव करना पड़ता है। राहुल ने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी ने इलेक्शन के दौरान कहा था कि उनका सीधा कनेक्शन ऊपर यानी भगवान से है, लेकिन अब विपक्ष के INDIA गठबंधन ने उन्हें मनोवैज्ञानिक रूप से तोड़ दिया है।

राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने यह सब नफरत से नहीं, बल्कि मोहब्बत से किया है और यह दिखाया है कि मोहब्बत के जरिए नफरत को हराया जा सकता है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा हटाए जाने पर भी सवाल उठाए और कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि एक राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया गया। यह लोगों के अधिकारों पर सीधा हमला है। राहुल ने देश में फैली बेरोजगारी पर भी नरेंद्र मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार केवल 2-3 उद्योगपतियों के हित में काम कर रही है और देश के 25 अरबपतियों का 16 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया है, जबकि छोटे कारोबारियों को बर्बाद कर दिया गया है। इसका नतीजा यह है कि पूरे देश में, और खासतौर पर जम्मू-कश्मीर में, रोजगार की कमी है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में जम्मू-कश्मीर की सरकार दिल्ली से चल रही है और लोगों के पास अपने अधिकार नहीं हैं। राहुल गांधी ने जोर दिया कि कांग्रेस चाहती थी कि राज्य को चुनाव से पहले ही पूर्ण राज्य का दर्जा मिले, और चुनाव के बाद यह सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने भाजपा पर समाज में विभाजन पैदा करने का आरोप लगाया और कहा कि वे भाषा, राज्य, धर्म और जाति के आधार पर लोगों को लड़ाने का काम करते हैं। राहुल ने चेतावनी दी कि भाजपा का यह प्रोजेक्ट फेल होगा, और पहाड़ी व गुर्जर समुदायों को आपस में लड़ाने की उनकी कोशिशें नाकाम साबित होंगी।