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अडाणी पर रिपोर्ट पेश करने वाली हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी बंद, कंपनी के फाउंडर ने की घोषणा

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अमेरिकी शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च बंद होने जा रही है। कंपनी के फाउंडर नाथन एंडरसन ने खुद इसकी घोषणा की है। बुधवार देर रात नाथन एंडरसन ने इसकी घोषणा की। बता दें कि इसी कंपनी के कारण अडानी ग्रुप को हजारों करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा था। कंपनी ने जनवरी 2023 में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमें अडानी ग्रुप पर कई तरह के आरोप लगाए गए थे। अडानी ग्रुप ने इन आरोपों का खंडन किया था लेकिन इससे ग्रुप के मार्केट कैप में भारी गिरावट आई थी।

एंडरसन ने अपने बयान में कहा, मैंने पिछले साल के अंत से परिवार, दोस्तों और हमारी टीम के साथ साझा किया था कि मैंने हिंडनबर्ग रिसर्च को भंग करने का निर्णय लिया है। एंडरसन ने कहा, इंवेस्टिगेटिव आईडिया की अपनी पाइपलाइन को पूरा करने के बाद कंपनी को बंद करने का विचार था। हिंडनबर्ग रिसर्च ने हाल ही में पोंजी स्कीमों से जुड़े अपनी अंतिम प्रोजेक्ट्स को पूरा किया था जिसके साथ उसकी गतिविधि पर विराम लग गया है।

एंडरसन ने कंपनी को बंद करने के कारणों का खुलासा नहीं किया है लेकिन यह फैसला ऐसे समय लिया गया है जबकि 20 जनवरी को अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की राष्ट्रपति के तौर पर वापसी हो रही है।

एंडरसन ने बताई अपनी भविष्य की योजना

हिंडनबर्ग रिसर्च को बंद करने के फैसले के बारे में एंडरसन को ने कहा, 'कोई एक खास बात नहीं है - कोई खास खतरा नहीं है, कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं है और कोई बड़ा व्यक्तिगत मुद्दा नहीं है। किसी ने एक बार मुझसे कहा था कि एक निश्चित बिंदु पर एक सफल करियर एक स्वार्थी कार्य बन जाता है।' उन्होंने कहा कि अपनी पर्सनल कैरियर में उन्हें कई बलिदान देने पड़े हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी वित्तीय सुरक्षा को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त पैसा जमा कर लिया है। साथ ही उन्होंने आगे कम जोखिम वाले निवेशों में इन्वेस्टमेंट करने का भी संकेत दिया है।

अडानी समूह पर फ्रॉड का लगाया था आरोप

भारत में हिंडनबर्ग रिसर्च का नाम जनवरी 2023 में उस समय सुर्खियों में आया था जब उसने देश के तीसरे सबसे बड़े औद्योगिक घराने अडानी ग्रुप के बारे में एक रिपोर्ट पेश की थी। हिंडेनबर्ग रिसर्च एलएलसी ने जनवरी 2023 में अडानी समूह के स्टॉक में शार्ट सेलिंग करते में दावा किया था अडानी समूह के स्टॉक्स अपनी उचित वैल्यूएशन से 85 फीसदी महंगा है। हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपने रिपोर्ट में समूह पर मार्केट मैनिपुलेशन और अकाउंटिंग फ्रॉड का भी आरोप लगाया था। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी समूह के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी। इसके बाद अडानी समूह के शेयरों का मार्केट कैप 10 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा गिर चुका था। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी इंटरप्राइजेज का 20000 करोड़ रुपये का फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर रद्द करना पड़ा था।

हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर राहुल गांधी का सवाल, पूछा-सेबी चीफ ने इस्तीफा क्यों नहीं दिया, निवेशकों की जिम्मेदारी किसकी
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अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद एक बार फिर से देश में सियासत तेज हो गई है। हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट आने के बाद सवालों के घेरे में आईं भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल ने बड़ा हमला बोला है। नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सरकार से 3 सवाल पूछे हैं। राहुल ने एक्स पर लिखा कि सेबी प्रमुख ने इस्तीफा क्यों नहीं दिया? निवेशकों ने पैसा गंवाया तो यह किसकी जिम्मेदारी बनती है? क्या सुप्रीम कोर्ट इसका स्वत:संज्ञान लेगा?

राहुल गांधी ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने एक वीडियो पोस्ट पर कहा कि आरोपों से सेबी की प्रतिष्ठा धूमिल हुई है। उन्होंने कहा, “छोटे खुदरा निवेशकों की संपत्ति की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार प्रतिभूति नियामक सेबी की प्रतिष्ठा को इसके प्रमुख के खिलाफ लगे आरोपों से गंभीर रूप से खतरा पहुंचा है।”

उन्होंने आगे कहा, “देशभर के ईमानदार निवेशकों के पास सरकार के लिए कई अहम सवाल हैं- सेबी की प्रमुख माधबी पुरी बुच ने अभी तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया है? अगर निवेशक अपनी मेहनत की कमाई खो देते हैं, तो कौन जिम्मेदार होगा- पीएम मोदी, सेबी प्रमुख या गौतम अडानी?”

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आगे कहा कि सामने आए नए और बहुत गंभीर आरोपों के मद्देनजर, क्या सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर फिर से स्वतः संज्ञान लेगा? उन्होंने कहा, “अब यह पूरी तरह से साफ हो चुका है कि पीएम नरेंद्र मोदी संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी जांच से इतना क्यों डरते हैं और इससे क्या पता चल सकता है।”

बता दें कि अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार रात एक रिपोर्ट जारी की। इसमें दावा किया गया है कि सेबी चीफ माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की अडाणी ग्रुप से जुड़ी ऑफशोर कंपनी में हिस्सेदारी है। व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों के आधार पर हिंडनबर्ग ने दावा किया कि बुच और उनके पति की मॉरीशस की ऑफशोर कंपनी ‘ग्लोबल डायनामिक अपॉर्च्युनिटी फंड’ में हिस्सेदारी है। हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया है कि ‘ग्लोबल डायनामिक अपॉर्च्युनिटी फंड’ में कथित तौर पर अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी ने अरबों डॉलर निवेश किए हैं। इस पैसे का इस्तेमाल अडाणी ग्रुप के शेयरों के दामों में तेजी लाने के लिए किया गया था।
बीजेपी ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर उठाए सवाल, कांग्रेस और इंडी गठबंधन को लिया आड़े हाथ, जानें रविशंकर प्रसाद क्या बोले

#bjp_raised_questions_on_hindenburg_report

हाल ही में जारी की गई हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर भाजपा ने सवाल उठाए हैं। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के लेकर बीजेपी ने विपक्ष पर निशाना साधा है। बीजेपी ने हिंडनबर्ग के आरोप को निराधार बताया है। पार्टी ने कहा कि देश के खिलाफ आर्थिक साजिश रची जा रही है। हिंडनबर्ग वाले भारत विरोधी प्रोपेगेंडा चलाते हैं। शेयर मार्केट को हिलाने की कोशिश की जा रही है।

बीजेपी सांसद और पूर्व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट को पूरी तरह आधारहीन बताया। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, कांग्रेस पार्टी, इंडी गठबंधन के लोग और उन्हें प्रमोट करने वाले टूल किट के लोग भारत को आर्थिक रूप से अस्थिर करने के षड्यंत्र में जुटे हैं। रविशंकर प्रसाद ने कहा, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट शनिवार को रिलीज हुई, रविवार को हल्ला मचा ताकि सोमवार को पूरे कैपिटल मार्केट को अस्थिर किया जा सके। उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट के क्षेत्राधिकार में अपनी जांच पूरी करने के बाद सेबी ने हिंडनबर्ग के खिलाफ जुलाई में एक नोटिस जारी किया था। अपने बचाव में जवाब देने की बजाय हिंडनबर्ग ने ये रिपोर्ट पेश की, ये पूरी तरह आधारहीन है।

बीजेपी नेता ने कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट शनिवार को जारी हुई तो रविवार को हंगामा हुआ। इसके बाद सोमवार को पूंजी बाजार अस्थिर हो गया। उन्होंने कहा कि वे पूरे शेयर बाजार को ध्वस्त करना चाहते हैं। छोटे निवेशकों के पूंजी निवेश को रोकना चाहते हैं और यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि भारत में कोई आर्थिक निवेश न हो। 

रविशंकर प्रसाद ने कहा भारत शेयरों के मामले में सुरक्षित, स्थिर और आशावादी बाजार है। इस बाजार की निगरानी करना सेबी की कानूनी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि जुलाई में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हुई जांच के बाद जब सेबी ने हिंडनबर्ग को नोटिस जारी किया तो उसने अपना जवाब नहीं दिया। बल्कि बेबुनियाद हमला किया। 

बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस और उनके टूलकिट को देश से नफरत है। कभी राफेल की चिट्ठी, कभी हिंडनबर्ग की…आखिर कांग्रेस चाहती क्या है? उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर हिंडनबर्ग में किसका निवेश है? एक सज्जन जॉर्ज सोरोस जो नियमित रूप से भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाते हैं। वे उसके मुख्य निवेशक हैं।

इससे पहले सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा उन पर लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया था। उन्होंने कहा कि यह 'चरित्र हनन करने का प्रयास' है, क्योंकि सेबी ने पिछले महीने नेट एंडरसन के नेतृत्व वाली कंपनी को नियमों का उल्लंघन करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

बता दें कि अमेरिका की कंपनी हिंडनबर्ग ने 10 अगस्त को एक रिपोर्ट जारी कर दावा किया था कि सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति ने मॉरीशस की उसी ऑफशोर कंपनी में निवेश किया है, जिसके माध्यम से भारत में अदाणी ग्रुप की कंपनियों में निवेश करवाकर अदाणी ने लाभ उठाया था। उसने कहा कि इसे व्यापार का गलत तरीका माना जाता है।

बीजेपी ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर उठाए सवाल, कांग्रेस और इंडी गठबंधन को लिया आड़े हाथ, जानें रविशंकर प्रसाद क्या बोले

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हाल ही में जारी की गई हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर भाजपा ने सवाल उठाए हैं। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के लेकर बीजेपी ने विपक्ष पर निशाना साधा है। बीजेपी ने हिंडनबर्ग के आरोप को निराधार बताया है। पार्टी ने कहा कि देश के खिलाफ आर्थिक साजिश रची जा रही है। हिंडनबर्ग वाले भारत विरोधी प्रोपेगेंडा चलाते हैं। शेयर मार्केट को हिलाने की कोशिश की जा रही है।

बीजेपी सांसद और पूर्व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट को पूरी तरह आधारहीन बताया। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, कांग्रेस पार्टी, इंडी गठबंधन के लोग और उन्हें प्रमोट करने वाले टूल किट के लोग भारत को आर्थिक रूप से अस्थिर करने के षड्यंत्र में जुटे हैं। रविशंकर प्रसाद ने कहा, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट शनिवार को रिलीज हुई, रविवार को हल्ला मचा ताकि सोमवार को पूरे कैपिटल मार्केट को अस्थिर किया जा सके। उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट के क्षेत्राधिकार में अपनी जांच पूरी करने के बाद सेबी ने हिंडनबर्ग के खिलाफ जुलाई में एक नोटिस जारी किया था। अपने बचाव में जवाब देने की बजाय हिंडनबर्ग ने ये रिपोर्ट पेश की, ये पूरी तरह आधारहीन है।

बीजेपी नेता ने कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट शनिवार को जारी हुई तो रविवार को हंगामा हुआ। इसके बाद सोमवार को पूंजी बाजार अस्थिर हो गया। उन्होंने कहा कि वे पूरे शेयर बाजार को ध्वस्त करना चाहते हैं। छोटे निवेशकों के पूंजी निवेश को रोकना चाहते हैं और यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि भारत में कोई आर्थिक निवेश न हो। 

रविशंकर प्रसाद ने कहा भारत शेयरों के मामले में सुरक्षित, स्थिर और आशावादी बाजार है। इस बाजार की निगरानी करना सेबी की कानूनी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि जुलाई में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हुई जांच के बाद जब सेबी ने हिंडनबर्ग को नोटिस जारी किया तो उसने अपना जवाब नहीं दिया। बल्कि बेबुनियाद हमला किया। 

बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस और उनके टूलकिट को देश से नफरत है। कभी राफेल की चिट्ठी, कभी हिंडनबर्ग की…आखिर कांग्रेस चाहती क्या है? उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर हिंडनबर्ग में किसका निवेश है? एक सज्जन जॉर्ज सोरोस जो नियमित रूप से भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाते हैं। वे उसके मुख्य निवेशक हैं।

इससे पहले सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा उन पर लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया था। उन्होंने कहा कि यह 'चरित्र हनन करने का प्रयास' है, क्योंकि सेबी ने पिछले महीने नेट एंडरसन के नेतृत्व वाली कंपनी को नियमों का उल्लंघन करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

बता दें कि अमेरिका की कंपनी हिंडनबर्ग ने 10 अगस्त को एक रिपोर्ट जारी कर दावा किया था कि सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति ने मॉरीशस की उसी ऑफशोर कंपनी में निवेश किया है, जिसके माध्यम से भारत में अदाणी ग्रुप की कंपनियों में निवेश करवाकर अदाणी ने लाभ उठाया था। उसने कहा कि इसे व्यापार का गलत तरीका माना जाता है।

बीजेपी ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर उठाए सवाल, कांग्रेस और इंडी गठबंधन को लिया आड़े हाथ, जानें रविशंकर प्रसाद क्या बोले

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हाल ही में जारी की गई हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर भाजपा ने सवाल उठाए हैं। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के लेकर बीजेपी ने विपक्ष पर निशाना साधा है। बीजेपी ने हिंडनबर्ग के आरोप को निराधार बताया है। पार्टी ने कहा कि देश के खिलाफ आर्थिक साजिश रची जा रही है। हिंडनबर्ग वाले भारत विरोधी प्रोपेगेंडा चलाते हैं। शेयर मार्केट को हिलाने की कोशिश की जा रही है।

बीजेपी सांसद और पूर्व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट को पूरी तरह आधारहीन बताया। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, कांग्रेस पार्टी, इंडी गठबंधन के लोग और उन्हें प्रमोट करने वाले टूल किट के लोग भारत को आर्थिक रूप से अस्थिर करने के षड्यंत्र में जुटे हैं। रविशंकर प्रसाद ने कहा, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट शनिवार को रिलीज हुई, रविवार को हल्ला मचा ताकि सोमवार को पूरे कैपिटल मार्केट को अस्थिर किया जा सके। उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट के क्षेत्राधिकार में अपनी जांच पूरी करने के बाद सेबी ने हिंडनबर्ग के खिलाफ जुलाई में एक नोटिस जारी किया था। अपने बचाव में जवाब देने की बजाय हिंडनबर्ग ने ये रिपोर्ट पेश की, ये पूरी तरह आधारहीन है।

बीजेपी नेता ने कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट शनिवार को जारी हुई तो रविवार को हंगामा हुआ। इसके बाद सोमवार को पूंजी बाजार अस्थिर हो गया। उन्होंने कहा कि वे पूरे शेयर बाजार को ध्वस्त करना चाहते हैं। छोटे निवेशकों के पूंजी निवेश को रोकना चाहते हैं और यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि भारत में कोई आर्थिक निवेश न हो। 

रविशंकर प्रसाद ने कहा भारत शेयरों के मामले में सुरक्षित, स्थिर और आशावादी बाजार है। इस बाजार की निगरानी करना सेबी की कानूनी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि जुलाई में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हुई जांच के बाद जब सेबी ने हिंडनबर्ग को नोटिस जारी किया तो उसने अपना जवाब नहीं दिया। बल्कि बेबुनियाद हमला किया। 

बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस और उनके टूलकिट को देश से नफरत है। कभी राफेल की चिट्ठी, कभी हिंडनबर्ग की…आखिर कांग्रेस चाहती क्या है? उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर हिंडनबर्ग में किसका निवेश है? एक सज्जन जॉर्ज सोरोस जो नियमित रूप से भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाते हैं। वे उसके मुख्य निवेशक हैं।

इससे पहले सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा उन पर लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया था। उन्होंने कहा कि यह 'चरित्र हनन करने का प्रयास' है, क्योंकि सेबी ने पिछले महीने नेट एंडरसन के नेतृत्व वाली कंपनी को नियमों का उल्लंघन करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

बता दें कि अमेरिका की कंपनी हिंडनबर्ग ने 10 अगस्त को एक रिपोर्ट जारी कर दावा किया था कि सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति ने मॉरीशस की उसी ऑफशोर कंपनी में निवेश किया है, जिसके माध्यम से भारत में अदाणी ग्रुप की कंपनियों में निवेश करवाकर अदाणी ने लाभ उठाया था। उसने कहा कि इसे व्यापार का गलत तरीका माना जाता है।

हिंडनबर्ग के खुलासे पर सेबी चीफ ने दी सफाई, रिसर्च फर्म ने दागे नए सवाल

#hindenburgagainattacksonsebichairmanmadhabipuribuch

हिंडनबर्ग रिसर्च ने हाल ही में एक रिपोर्ट में सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर कथित अदाणी घोटाले से जुड़े होने का आरोप लगाया था। इस पर दंपती और अदाणी समूह ने सफाई दी थी। हालांकि, एक बार फिर अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने कई नए सवाल खड़े किए हैं।हिंडनबर्ग ने रिपोर्ट पर सेबी चीफ की प्रतिक्रिया के जवाब में नई पोस्ट करते हुए लिखा, 'बुच के जवाब से साफ है कि उन्होंने हमारी कई बातों को स्वीकार किया है।अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म ने अपनी एक्स पोस्ट में लिखा कि उनके बयानों से बरमूडा/मॉरीशस में उनके निवेश की पुष्टि भी होती है।

हिंडनबर्ग का पलटवार

हिंडनबर्ग ने कहा, 'हमारी रिपोर्ट पर सेबी की प्रमुख माधबी बुच ने जो जवाब दिया है, उसमें काफी कुछ जरूरी बातों को स्वीकार किया गया है। साथ ही कई नए महत्वपूर्ण सवाल उठाए गए हैं। उनके जवाब से अब सार्वजनिक रूप से बरमूडा/मॉरीशस फंड में उनके निवेश की पुष्टि हो गई है। साथ ही विनोद अदाणी द्वारा कथित रूप से गबन किए गए धन की पुष्टि हो गई है।'

अमेरिकी कंपनी ने आगे कहा कि इसके अलावा, बुच के बयान से यह भी स्पष्ट हो गया है कि यह फंड उनके पति के बचपन के दोस्त द्वारा चलाया जाता था, जो उस समय अदाणी के निदेशक थे। सेबी को अदाणी मामले से संबंधित फंडों की जांच करने का जिम्मा सौंपा गया था, जिसमें बुच द्वारा भी निवेश किया गया था। यही पूरी जानकारी हमारी रिपोर्ट में उजागर की गई है। यह स्पष्ट है कि सेबी प्रमुख और अदाणी ग्रुप के हित एक-दूसरे से जुड़े हुए थे। यह हितों का एक बड़ा टकराव है। 

सेबी ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को खारिज किया

दरअसल, चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने बयान जारी किया है। मार्केट रेगुलेटर सेबी ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को खारिज करते हुए सेबी पर लगे सभी आरोप झूठे बताए हैं। वहीं, निवेशकों के बीच भी रिपोर्ट को लेकर किसी तरह का तनाव न रहे इसके लिए उन्होंने निवेशकों को सलाह दी है कि वह बिलकुल भी न घबराएं। उन्हें हिंडनबर्ग रिपोर्ट के भ्रम में आने की जरूरत नहीं है। सेबी ने निवेशकों से अपील की है कि इस तरह की रिपोर्ट को पढ़कर कोई भी निर्णय लेने से पहले छानबीन करने की अपील की है। जिससे उन्हें किसी तरह का नुकसान न हो।

निवेशकों को रिपोर्ट में दिए गए डिस्क्लेमर पढ़ने की जरूरी सलाह

सेबी ने सोमवार को मार्केट खुलने से पहले जारी अपने बयान में कहा कि चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच समय-समय पर सभी जरूरी जानकारियां देती रही हैं। उन्होंने चेयरपर्सन बनने से पहले ही संभावित हितों के टकराव से जुड़े मामलों से खुद को अलग कर लिया था। ऐसे में निवेशकों को रिपोर्ट को लेकर किसी भी तरह के भ्रम में आने की जरुरत नहीं है और निवेशकों को हिंडनबर्ग द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में दिए गए डिस्क्लेमर को जरूर पढ़ना चाहिए। दरअसल, हिंडनबर्ग ने रिपोर्ट में एक डिस्क्लेमर भी दिया है, जिसका जिक्र सेबी ने निवेशकों से किया ।

इससे पहले 10 अगस्त को अमेरिका की कंपनी हिंडनबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति ने मॉरीशस की उसी ऑफशोर कंपनी में निवेश किया है, जिसके माध्यम से भारत में अदाणी ग्रुप की कंपनियों में निवेश करवाकर अदाणी ने लाभ उठाया था। उसने कहा कि इसे व्यापार का गलत तरीका माना जाता है।

हिंडनबर्ग के खुलासे पर सेबी चीफ ने दी सफाई, रिसर्च फर्म ने दागे नए सवाल

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हिंडनबर्ग रिसर्च ने हाल ही में एक रिपोर्ट में सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर कथित अदाणी घोटाले से जुड़े होने का आरोप लगाया था। इस पर दंपती और अदाणी समूह ने सफाई दी थी। हालांकि, एक बार फिर अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने कई नए सवाल खड़े किए हैं।हिंडनबर्ग ने रिपोर्ट पर सेबी चीफ की प्रतिक्रिया के जवाब में नई पोस्ट करते हुए लिखा, 'बुच के जवाब से साफ है कि उन्होंने हमारी कई बातों को स्वीकार किया है।अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म ने अपनी एक्स पोस्ट में लिखा कि उनके बयानों से बरमूडा/मॉरीशस में उनके निवेश की पुष्टि भी होती है।

हिंडनबर्ग का पलटवार

हिंडनबर्ग ने कहा, 'हमारी रिपोर्ट पर सेबी की प्रमुख माधबी बुच ने जो जवाब दिया है, उसमें काफी कुछ जरूरी बातों को स्वीकार किया गया है। साथ ही कई नए महत्वपूर्ण सवाल उठाए गए हैं। उनके जवाब से अब सार्वजनिक रूप से बरमूडा/मॉरीशस फंड में उनके निवेश की पुष्टि हो गई है। साथ ही विनोद अदाणी द्वारा कथित रूप से गबन किए गए धन की पुष्टि हो गई है।'

अमेरिकी कंपनी ने आगे कहा कि इसके अलावा, बुच के बयान से यह भी स्पष्ट हो गया है कि यह फंड उनके पति के बचपन के दोस्त द्वारा चलाया जाता था, जो उस समय अदाणी के निदेशक थे। सेबी को अदाणी मामले से संबंधित फंडों की जांच करने का जिम्मा सौंपा गया था, जिसमें बुच द्वारा भी निवेश किया गया था। यही पूरी जानकारी हमारी रिपोर्ट में उजागर की गई है। यह स्पष्ट है कि सेबी प्रमुख और अदाणी ग्रुप के हित एक-दूसरे से जुड़े हुए थे। यह हितों का एक बड़ा टकराव है। 

सेबी ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को खारिज किया

दरअसल, चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने बयान जारी किया है। मार्केट रेगुलेटर सेबी ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को खारिज करते हुए सेबी पर लगे सभी आरोप झूठे बताए हैं। वहीं, निवेशकों के बीच भी रिपोर्ट को लेकर किसी तरह का तनाव न रहे इसके लिए उन्होंने निवेशकों को सलाह दी है कि वह बिलकुल भी न घबराएं। उन्हें हिंडनबर्ग रिपोर्ट के भ्रम में आने की जरूरत नहीं है। सेबी ने निवेशकों से अपील की है कि इस तरह की रिपोर्ट को पढ़कर कोई भी निर्णय लेने से पहले छानबीन करने की अपील की है। जिससे उन्हें किसी तरह का नुकसान न हो।

निवेशकों को रिपोर्ट में दिए गए डिस्क्लेमर पढ़ने की जरूरी सलाह

सेबी ने सोमवार को मार्केट खुलने से पहले जारी अपने बयान में कहा कि चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच समय-समय पर सभी जरूरी जानकारियां देती रही हैं। उन्होंने चेयरपर्सन बनने से पहले ही संभावित हितों के टकराव से जुड़े मामलों से खुद को अलग कर लिया था। ऐसे में निवेशकों को रिपोर्ट को लेकर किसी भी तरह के भ्रम में आने की जरुरत नहीं है और निवेशकों को हिंडनबर्ग द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में दिए गए डिस्क्लेमर को जरूर पढ़ना चाहिए। दरअसल, हिंडनबर्ग ने रिपोर्ट में एक डिस्क्लेमर भी दिया है, जिसका जिक्र सेबी ने निवेशकों से किया ।

इससे पहले 10 अगस्त को अमेरिका की कंपनी हिंडनबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति ने मॉरीशस की उसी ऑफशोर कंपनी में निवेश किया है, जिसके माध्यम से भारत में अदाणी ग्रुप की कंपनियों में निवेश करवाकर अदाणी ने लाभ उठाया था। उसने कहा कि इसे व्यापार का गलत तरीका माना जाता है।

हिंडनबर्ग के खुलासे पर सेबी चीफ ने दी सफाई, रिसर्च फर्म ने दागे नए सवाल

#hindenburgagainattacksonsebichairmanmadhabipuribuch

हिंडनबर्ग रिसर्च ने हाल ही में एक रिपोर्ट में सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर कथित अदाणी घोटाले से जुड़े होने का आरोप लगाया था। इस पर दंपती और अदाणी समूह ने सफाई दी थी। हालांकि, एक बार फिर अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने कई नए सवाल खड़े किए हैं।हिंडनबर्ग ने रिपोर्ट पर सेबी चीफ की प्रतिक्रिया के जवाब में नई पोस्ट करते हुए लिखा, 'बुच के जवाब से साफ है कि उन्होंने हमारी कई बातों को स्वीकार किया है।अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म ने अपनी एक्स पोस्ट में लिखा कि उनके बयानों से बरमूडा/मॉरीशस में उनके निवेश की पुष्टि भी होती है।

हिंडनबर्ग का पलटवार

हिंडनबर्ग ने कहा, 'हमारी रिपोर्ट पर सेबी की प्रमुख माधबी बुच ने जो जवाब दिया है, उसमें काफी कुछ जरूरी बातों को स्वीकार किया गया है। साथ ही कई नए महत्वपूर्ण सवाल उठाए गए हैं। उनके जवाब से अब सार्वजनिक रूप से बरमूडा/मॉरीशस फंड में उनके निवेश की पुष्टि हो गई है। साथ ही विनोद अदाणी द्वारा कथित रूप से गबन किए गए धन की पुष्टि हो गई है।'

अमेरिकी कंपनी ने आगे कहा कि इसके अलावा, बुच के बयान से यह भी स्पष्ट हो गया है कि यह फंड उनके पति के बचपन के दोस्त द्वारा चलाया जाता था, जो उस समय अदाणी के निदेशक थे। सेबी को अदाणी मामले से संबंधित फंडों की जांच करने का जिम्मा सौंपा गया था, जिसमें बुच द्वारा भी निवेश किया गया था। यही पूरी जानकारी हमारी रिपोर्ट में उजागर की गई है। यह स्पष्ट है कि सेबी प्रमुख और अदाणी ग्रुप के हित एक-दूसरे से जुड़े हुए थे। यह हितों का एक बड़ा टकराव है। 

सेबी ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को खारिज किया

दरअसल, चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने बयान जारी किया है। मार्केट रेगुलेटर सेबी ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को खारिज करते हुए सेबी पर लगे सभी आरोप झूठे बताए हैं। वहीं, निवेशकों के बीच भी रिपोर्ट को लेकर किसी तरह का तनाव न रहे इसके लिए उन्होंने निवेशकों को सलाह दी है कि वह बिलकुल भी न घबराएं। उन्हें हिंडनबर्ग रिपोर्ट के भ्रम में आने की जरूरत नहीं है। सेबी ने निवेशकों से अपील की है कि इस तरह की रिपोर्ट को पढ़कर कोई भी निर्णय लेने से पहले छानबीन करने की अपील की है। जिससे उन्हें किसी तरह का नुकसान न हो।

निवेशकों को रिपोर्ट में दिए गए डिस्क्लेमर पढ़ने की जरूरी सलाह

सेबी ने सोमवार को मार्केट खुलने से पहले जारी अपने बयान में कहा कि चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच समय-समय पर सभी जरूरी जानकारियां देती रही हैं। उन्होंने चेयरपर्सन बनने से पहले ही संभावित हितों के टकराव से जुड़े मामलों से खुद को अलग कर लिया था। ऐसे में निवेशकों को रिपोर्ट को लेकर किसी भी तरह के भ्रम में आने की जरुरत नहीं है और निवेशकों को हिंडनबर्ग द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में दिए गए डिस्क्लेमर को जरूर पढ़ना चाहिए। दरअसल, हिंडनबर्ग ने रिपोर्ट में एक डिस्क्लेमर भी दिया है, जिसका जिक्र सेबी ने निवेशकों से किया ।

इससे पहले 10 अगस्त को अमेरिका की कंपनी हिंडनबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति ने मॉरीशस की उसी ऑफशोर कंपनी में निवेश किया है, जिसके माध्यम से भारत में अदाणी ग्रुप की कंपनियों में निवेश करवाकर अदाणी ने लाभ उठाया था। उसने कहा कि इसे व्यापार का गलत तरीका माना जाता है।

अडानी को निशाने पर लेने वाले हिंडनबर्ग ने फिर मचाई खलबली, अब किसकी बारी?

#hindenburg_research_again_warn_about_india

अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के एक ट्वीट ने सनसनी मचा दी है।निवेश रिसर्च करने वाली कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने बीते दिनों अदाणी समूह को लेकर जो खुलासे किए थे, उससे भारतीय बाजार में भारी उथल-पुथल देखने को मिली थी। अब एक बार फिर हिंडनबर्ग रिसर्च भारत को लेकर कुछ बड़ा खुलासा करने का दावा कर रही है।देखना होगा कि इस बार उसके निशाने पर कौन होगा?

हिंडनबर्ग रिसर्च के एक्स सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किया गया कि भारत के लिए जल्द ही कुछ बड़ा आने वाला है। अंग्रेजी में लिखे गए ट्वीट के शब्द थे- Something big soon India.

बता दें कि जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट प्रकाशित की।जिसमें स्टॉक की कीमतों में हेरा-फेरी करने जैसे कई गंभीर आरोप शामिल थे। रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद अदाणी ग्रुप के के शेयरों में भारी गिरावट आई और अदाणी समूह के बाजार मूल्य में 86 अरब डॉलर की भारी-भरकम गिरावट दर्ज की गई। 

हालांकि अदाणी समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट को खारिज कर दिया और समूह के प्रमुख गौतम अदाणी ने कहाथा कि हिंडनबर्ग मामला अदाणी समूह को बदनाम करने की नीयत से रचा गया था। 

अबकी बार हिंडनबर्ग के निशाने पर कौन है, ये तो उसके एक्स पोस्ट से साफ पता नहीं चलता है। लेकिन उसका इस तरह से चेतावनी देना निश्चित तौर पर शेयर मार्केट में निवेशकों की धारणा को प्रभावित करेगा। इतना ही नहीं आम निवेशकों के मन में एक बार फिर अडानी ग्रुप को लेकर संशय के बादल मंडराने लगे हैं। वहीं कुछ यूजर्स हिंडनबर्ग की विश्वसनीयता पर ही सवाल उठा रहे हैं। ये हिंडनबर्ग रिसर्च की पोस्ट पर आए आम यूजर्स के कमेंट से भी पता चल सकता है।

कल पेश होगा बजट, हो सकते है कई बड़े ऐलान, समझिए किस करवट बैठेगा शेयर बाजार? देखें बीते 10 सालों का हाल

देश का आम बजट आने वाला है और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल 23 जुलाई 2024 को संसद में इसे पेश करेंगी. बजट पेश होने से पहले शेयर बाजार में हमेशा की तरह खासी उथल-पुथल देखने को मिल रही है. ऐसे में बजट वाले दिन Stock Market कैसा कैसा परफॉर्मेंस करेगा, ये कहना अभी जल्दबाजी होगी. लेकिन बजट वाले दिन शेयर मार्केट के इतिहास पर नजर करें, तो बीते 10 साल में ये 6 बार चढ़ा है, जबकि चार बार धराशायी हुआ है. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट कल संसद के पटल पर रखा जाएगा. निर्मला सीतारमण का ये लगातार सातवां बजट होगा और इसे पेश करने के साथ ही वित्त मंत्री मोरारजी देसाई का रिकॉर्ड तोड़ देंगी, जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान लगातार छह बार बजट पेश किया था. पिछले एक दशक में Budget Day पर शेयर मार्केट की चाल बदली बदली रही है. छह बार सेंसेक्स ने जोरदार छलांग लगाई है, तो वहीं चार बार ये भरभराकर टूटा है. इस बीच बता दें कि साल 2021 में शेयर बाजार सबसे ज्यादा 2021 में 5 फीसदी चढ़ा था, जबकि इससे पहले 2020 में ये 2.43 फीसदी गिरा था, जो इसकी बजट वाले दिन सबसे बड़ी गिरावट थी.

बीते साल 2023 में Budget को लेकर शेयर बाजार के उत्साह पर अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग (Hindenburg) का असर दिखा था. भारतीय अरबपति गौतम अडानी (Gautam Adani) के अडानी ग्रुप को लेकर जारी की गई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का असर बजट वाले दिन शेयर बाजार पर दिखा था. हालांकि, 1 फरवरी 2023 को BSE Sensex 1223 अंक की उछाल के साथ 60,773 के स्तर तक पहुंचा था, लेकिन अंत में ये शुरुआती बढ़त को गंवाते हुए 158 अंक की बढ़त के साथ 59,708 पर बंद हुआ था. जबकि NSE Nifty 46 अंक फिसलकर 17,616.30 पर क्लोज हुआ था. 

इससे पहले साल 2022 में शेयर बाजार ने बजट वाले दिन जोरदार उड़ान भरी थी और BSE Sensex कारोबार के दौरान 1000 अंक से ज्यादा उछल गया था, हालांकि मार्केट क्लोज होने पर ये 848 अंक चढ़कर 58,862 के लेवल पर बंद हुआ था. वहीं NSE Nifty 237 अंक की तेजी लेकर 17,577 के स्तर पर क्लोज हुआ था. बात 2021 की करें, तो ये साल बजट-डे पर शेयर बाजार के लिए बेहतरीन साबित हुआ था. सेंसेक्स 2300 अंक या 5 फीसदी की ताबड़तोड़ तेजी के साथ 48,600 पर, जबकि निफ्टी 647 अंक उछलकर 14,281 पर बंद हुआ था. 

2015-2020 तक बजट के दिन ऐसी रही चाल

साल सेंसेक्स निफ्टी

2020 988 अंक टूटा 300 अंक फिसला

2019 212 अंक चढ़ा 62.7 अंक उछला

2018 839 अंक टूटा 256 अंक फिसला

2017 486 अंक चढ़ा 155 अंक उछला

2016 152 अंक टूटा 42.7 अंक फिसला

वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा साल 2015 में देश का आम बजट पेश किया गया था और बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स Budget वाले दिन 0.48% बढ़कर 29,361 अंक पर बंद हुआ था. वहीं निफ्टी भी तेजी के साथ क्लोज हुआ था. इससे पहले साल 2014 में बजट पेश होने पर शेयर बाजार में कारोबार के दौरान BSE Sensex 800 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ था. ताजा हालात की बात करें तो 23 जुलाई 2024 को पेश होने वाले बजट से पहले शेयर बाजार में खासी-उथल पुथल देखने को मिल रही है. शुक्रवार को सेंसेक्स जोरदार 738.81 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ. वहीं 269 अंक फिसलकर क्लोज हुआ.

अडाणी पर रिपोर्ट पेश करने वाली हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी बंद, कंपनी के फाउंडर ने की घोषणा

#hindenburgresearchshuts_down

अमेरिकी शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च बंद होने जा रही है। कंपनी के फाउंडर नाथन एंडरसन ने खुद इसकी घोषणा की है। बुधवार देर रात नाथन एंडरसन ने इसकी घोषणा की। बता दें कि इसी कंपनी के कारण अडानी ग्रुप को हजारों करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा था। कंपनी ने जनवरी 2023 में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमें अडानी ग्रुप पर कई तरह के आरोप लगाए गए थे। अडानी ग्रुप ने इन आरोपों का खंडन किया था लेकिन इससे ग्रुप के मार्केट कैप में भारी गिरावट आई थी।

एंडरसन ने अपने बयान में कहा, मैंने पिछले साल के अंत से परिवार, दोस्तों और हमारी टीम के साथ साझा किया था कि मैंने हिंडनबर्ग रिसर्च को भंग करने का निर्णय लिया है। एंडरसन ने कहा, इंवेस्टिगेटिव आईडिया की अपनी पाइपलाइन को पूरा करने के बाद कंपनी को बंद करने का विचार था। हिंडनबर्ग रिसर्च ने हाल ही में पोंजी स्कीमों से जुड़े अपनी अंतिम प्रोजेक्ट्स को पूरा किया था जिसके साथ उसकी गतिविधि पर विराम लग गया है।

एंडरसन ने कंपनी को बंद करने के कारणों का खुलासा नहीं किया है लेकिन यह फैसला ऐसे समय लिया गया है जबकि 20 जनवरी को अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की राष्ट्रपति के तौर पर वापसी हो रही है।

एंडरसन ने बताई अपनी भविष्य की योजना

हिंडनबर्ग रिसर्च को बंद करने के फैसले के बारे में एंडरसन को ने कहा, 'कोई एक खास बात नहीं है - कोई खास खतरा नहीं है, कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं है और कोई बड़ा व्यक्तिगत मुद्दा नहीं है। किसी ने एक बार मुझसे कहा था कि एक निश्चित बिंदु पर एक सफल करियर एक स्वार्थी कार्य बन जाता है।' उन्होंने कहा कि अपनी पर्सनल कैरियर में उन्हें कई बलिदान देने पड़े हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी वित्तीय सुरक्षा को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त पैसा जमा कर लिया है। साथ ही उन्होंने आगे कम जोखिम वाले निवेशों में इन्वेस्टमेंट करने का भी संकेत दिया है।

अडानी समूह पर फ्रॉड का लगाया था आरोप

भारत में हिंडनबर्ग रिसर्च का नाम जनवरी 2023 में उस समय सुर्खियों में आया था जब उसने देश के तीसरे सबसे बड़े औद्योगिक घराने अडानी ग्रुप के बारे में एक रिपोर्ट पेश की थी। हिंडेनबर्ग रिसर्च एलएलसी ने जनवरी 2023 में अडानी समूह के स्टॉक में शार्ट सेलिंग करते में दावा किया था अडानी समूह के स्टॉक्स अपनी उचित वैल्यूएशन से 85 फीसदी महंगा है। हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपने रिपोर्ट में समूह पर मार्केट मैनिपुलेशन और अकाउंटिंग फ्रॉड का भी आरोप लगाया था। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी समूह के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी। इसके बाद अडानी समूह के शेयरों का मार्केट कैप 10 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा गिर चुका था। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी इंटरप्राइजेज का 20000 करोड़ रुपये का फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर रद्द करना पड़ा था।

हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर राहुल गांधी का सवाल, पूछा-सेबी चीफ ने इस्तीफा क्यों नहीं दिया, निवेशकों की जिम्मेदारी किसकी
#rahul_gandhi_after_hindenburg_report
अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद एक बार फिर से देश में सियासत तेज हो गई है। हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट आने के बाद सवालों के घेरे में आईं भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल ने बड़ा हमला बोला है। नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सरकार से 3 सवाल पूछे हैं। राहुल ने एक्स पर लिखा कि सेबी प्रमुख ने इस्तीफा क्यों नहीं दिया? निवेशकों ने पैसा गंवाया तो यह किसकी जिम्मेदारी बनती है? क्या सुप्रीम कोर्ट इसका स्वत:संज्ञान लेगा?

राहुल गांधी ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने एक वीडियो पोस्ट पर कहा कि आरोपों से सेबी की प्रतिष्ठा धूमिल हुई है। उन्होंने कहा, “छोटे खुदरा निवेशकों की संपत्ति की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार प्रतिभूति नियामक सेबी की प्रतिष्ठा को इसके प्रमुख के खिलाफ लगे आरोपों से गंभीर रूप से खतरा पहुंचा है।”

उन्होंने आगे कहा, “देशभर के ईमानदार निवेशकों के पास सरकार के लिए कई अहम सवाल हैं- सेबी की प्रमुख माधबी पुरी बुच ने अभी तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया है? अगर निवेशक अपनी मेहनत की कमाई खो देते हैं, तो कौन जिम्मेदार होगा- पीएम मोदी, सेबी प्रमुख या गौतम अडानी?”

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आगे कहा कि सामने आए नए और बहुत गंभीर आरोपों के मद्देनजर, क्या सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर फिर से स्वतः संज्ञान लेगा? उन्होंने कहा, “अब यह पूरी तरह से साफ हो चुका है कि पीएम नरेंद्र मोदी संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी जांच से इतना क्यों डरते हैं और इससे क्या पता चल सकता है।”

बता दें कि अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार रात एक रिपोर्ट जारी की। इसमें दावा किया गया है कि सेबी चीफ माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की अडाणी ग्रुप से जुड़ी ऑफशोर कंपनी में हिस्सेदारी है। व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों के आधार पर हिंडनबर्ग ने दावा किया कि बुच और उनके पति की मॉरीशस की ऑफशोर कंपनी ‘ग्लोबल डायनामिक अपॉर्च्युनिटी फंड’ में हिस्सेदारी है। हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया है कि ‘ग्लोबल डायनामिक अपॉर्च्युनिटी फंड’ में कथित तौर पर अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी ने अरबों डॉलर निवेश किए हैं। इस पैसे का इस्तेमाल अडाणी ग्रुप के शेयरों के दामों में तेजी लाने के लिए किया गया था।
बीजेपी ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर उठाए सवाल, कांग्रेस और इंडी गठबंधन को लिया आड़े हाथ, जानें रविशंकर प्रसाद क्या बोले

#bjp_raised_questions_on_hindenburg_report

हाल ही में जारी की गई हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर भाजपा ने सवाल उठाए हैं। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के लेकर बीजेपी ने विपक्ष पर निशाना साधा है। बीजेपी ने हिंडनबर्ग के आरोप को निराधार बताया है। पार्टी ने कहा कि देश के खिलाफ आर्थिक साजिश रची जा रही है। हिंडनबर्ग वाले भारत विरोधी प्रोपेगेंडा चलाते हैं। शेयर मार्केट को हिलाने की कोशिश की जा रही है।

बीजेपी सांसद और पूर्व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट को पूरी तरह आधारहीन बताया। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, कांग्रेस पार्टी, इंडी गठबंधन के लोग और उन्हें प्रमोट करने वाले टूल किट के लोग भारत को आर्थिक रूप से अस्थिर करने के षड्यंत्र में जुटे हैं। रविशंकर प्रसाद ने कहा, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट शनिवार को रिलीज हुई, रविवार को हल्ला मचा ताकि सोमवार को पूरे कैपिटल मार्केट को अस्थिर किया जा सके। उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट के क्षेत्राधिकार में अपनी जांच पूरी करने के बाद सेबी ने हिंडनबर्ग के खिलाफ जुलाई में एक नोटिस जारी किया था। अपने बचाव में जवाब देने की बजाय हिंडनबर्ग ने ये रिपोर्ट पेश की, ये पूरी तरह आधारहीन है।

बीजेपी नेता ने कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट शनिवार को जारी हुई तो रविवार को हंगामा हुआ। इसके बाद सोमवार को पूंजी बाजार अस्थिर हो गया। उन्होंने कहा कि वे पूरे शेयर बाजार को ध्वस्त करना चाहते हैं। छोटे निवेशकों के पूंजी निवेश को रोकना चाहते हैं और यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि भारत में कोई आर्थिक निवेश न हो। 

रविशंकर प्रसाद ने कहा भारत शेयरों के मामले में सुरक्षित, स्थिर और आशावादी बाजार है। इस बाजार की निगरानी करना सेबी की कानूनी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि जुलाई में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हुई जांच के बाद जब सेबी ने हिंडनबर्ग को नोटिस जारी किया तो उसने अपना जवाब नहीं दिया। बल्कि बेबुनियाद हमला किया। 

बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस और उनके टूलकिट को देश से नफरत है। कभी राफेल की चिट्ठी, कभी हिंडनबर्ग की…आखिर कांग्रेस चाहती क्या है? उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर हिंडनबर्ग में किसका निवेश है? एक सज्जन जॉर्ज सोरोस जो नियमित रूप से भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाते हैं। वे उसके मुख्य निवेशक हैं।

इससे पहले सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा उन पर लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया था। उन्होंने कहा कि यह 'चरित्र हनन करने का प्रयास' है, क्योंकि सेबी ने पिछले महीने नेट एंडरसन के नेतृत्व वाली कंपनी को नियमों का उल्लंघन करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

बता दें कि अमेरिका की कंपनी हिंडनबर्ग ने 10 अगस्त को एक रिपोर्ट जारी कर दावा किया था कि सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति ने मॉरीशस की उसी ऑफशोर कंपनी में निवेश किया है, जिसके माध्यम से भारत में अदाणी ग्रुप की कंपनियों में निवेश करवाकर अदाणी ने लाभ उठाया था। उसने कहा कि इसे व्यापार का गलत तरीका माना जाता है।

बीजेपी ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर उठाए सवाल, कांग्रेस और इंडी गठबंधन को लिया आड़े हाथ, जानें रविशंकर प्रसाद क्या बोले

#bjp_raised_questions_on_hindenburg_report

हाल ही में जारी की गई हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर भाजपा ने सवाल उठाए हैं। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के लेकर बीजेपी ने विपक्ष पर निशाना साधा है। बीजेपी ने हिंडनबर्ग के आरोप को निराधार बताया है। पार्टी ने कहा कि देश के खिलाफ आर्थिक साजिश रची जा रही है। हिंडनबर्ग वाले भारत विरोधी प्रोपेगेंडा चलाते हैं। शेयर मार्केट को हिलाने की कोशिश की जा रही है।

बीजेपी सांसद और पूर्व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट को पूरी तरह आधारहीन बताया। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, कांग्रेस पार्टी, इंडी गठबंधन के लोग और उन्हें प्रमोट करने वाले टूल किट के लोग भारत को आर्थिक रूप से अस्थिर करने के षड्यंत्र में जुटे हैं। रविशंकर प्रसाद ने कहा, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट शनिवार को रिलीज हुई, रविवार को हल्ला मचा ताकि सोमवार को पूरे कैपिटल मार्केट को अस्थिर किया जा सके। उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट के क्षेत्राधिकार में अपनी जांच पूरी करने के बाद सेबी ने हिंडनबर्ग के खिलाफ जुलाई में एक नोटिस जारी किया था। अपने बचाव में जवाब देने की बजाय हिंडनबर्ग ने ये रिपोर्ट पेश की, ये पूरी तरह आधारहीन है।

बीजेपी नेता ने कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट शनिवार को जारी हुई तो रविवार को हंगामा हुआ। इसके बाद सोमवार को पूंजी बाजार अस्थिर हो गया। उन्होंने कहा कि वे पूरे शेयर बाजार को ध्वस्त करना चाहते हैं। छोटे निवेशकों के पूंजी निवेश को रोकना चाहते हैं और यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि भारत में कोई आर्थिक निवेश न हो। 

रविशंकर प्रसाद ने कहा भारत शेयरों के मामले में सुरक्षित, स्थिर और आशावादी बाजार है। इस बाजार की निगरानी करना सेबी की कानूनी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि जुलाई में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हुई जांच के बाद जब सेबी ने हिंडनबर्ग को नोटिस जारी किया तो उसने अपना जवाब नहीं दिया। बल्कि बेबुनियाद हमला किया। 

बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस और उनके टूलकिट को देश से नफरत है। कभी राफेल की चिट्ठी, कभी हिंडनबर्ग की…आखिर कांग्रेस चाहती क्या है? उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर हिंडनबर्ग में किसका निवेश है? एक सज्जन जॉर्ज सोरोस जो नियमित रूप से भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाते हैं। वे उसके मुख्य निवेशक हैं।

इससे पहले सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा उन पर लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया था। उन्होंने कहा कि यह 'चरित्र हनन करने का प्रयास' है, क्योंकि सेबी ने पिछले महीने नेट एंडरसन के नेतृत्व वाली कंपनी को नियमों का उल्लंघन करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

बता दें कि अमेरिका की कंपनी हिंडनबर्ग ने 10 अगस्त को एक रिपोर्ट जारी कर दावा किया था कि सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति ने मॉरीशस की उसी ऑफशोर कंपनी में निवेश किया है, जिसके माध्यम से भारत में अदाणी ग्रुप की कंपनियों में निवेश करवाकर अदाणी ने लाभ उठाया था। उसने कहा कि इसे व्यापार का गलत तरीका माना जाता है।

बीजेपी ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर उठाए सवाल, कांग्रेस और इंडी गठबंधन को लिया आड़े हाथ, जानें रविशंकर प्रसाद क्या बोले

#bjp_raised_questions_on_hindenburg_report

हाल ही में जारी की गई हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर भाजपा ने सवाल उठाए हैं। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के लेकर बीजेपी ने विपक्ष पर निशाना साधा है। बीजेपी ने हिंडनबर्ग के आरोप को निराधार बताया है। पार्टी ने कहा कि देश के खिलाफ आर्थिक साजिश रची जा रही है। हिंडनबर्ग वाले भारत विरोधी प्रोपेगेंडा चलाते हैं। शेयर मार्केट को हिलाने की कोशिश की जा रही है।

बीजेपी सांसद और पूर्व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट को पूरी तरह आधारहीन बताया। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, कांग्रेस पार्टी, इंडी गठबंधन के लोग और उन्हें प्रमोट करने वाले टूल किट के लोग भारत को आर्थिक रूप से अस्थिर करने के षड्यंत्र में जुटे हैं। रविशंकर प्रसाद ने कहा, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट शनिवार को रिलीज हुई, रविवार को हल्ला मचा ताकि सोमवार को पूरे कैपिटल मार्केट को अस्थिर किया जा सके। उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट के क्षेत्राधिकार में अपनी जांच पूरी करने के बाद सेबी ने हिंडनबर्ग के खिलाफ जुलाई में एक नोटिस जारी किया था। अपने बचाव में जवाब देने की बजाय हिंडनबर्ग ने ये रिपोर्ट पेश की, ये पूरी तरह आधारहीन है।

बीजेपी नेता ने कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट शनिवार को जारी हुई तो रविवार को हंगामा हुआ। इसके बाद सोमवार को पूंजी बाजार अस्थिर हो गया। उन्होंने कहा कि वे पूरे शेयर बाजार को ध्वस्त करना चाहते हैं। छोटे निवेशकों के पूंजी निवेश को रोकना चाहते हैं और यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि भारत में कोई आर्थिक निवेश न हो। 

रविशंकर प्रसाद ने कहा भारत शेयरों के मामले में सुरक्षित, स्थिर और आशावादी बाजार है। इस बाजार की निगरानी करना सेबी की कानूनी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि जुलाई में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हुई जांच के बाद जब सेबी ने हिंडनबर्ग को नोटिस जारी किया तो उसने अपना जवाब नहीं दिया। बल्कि बेबुनियाद हमला किया। 

बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस और उनके टूलकिट को देश से नफरत है। कभी राफेल की चिट्ठी, कभी हिंडनबर्ग की…आखिर कांग्रेस चाहती क्या है? उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर हिंडनबर्ग में किसका निवेश है? एक सज्जन जॉर्ज सोरोस जो नियमित रूप से भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाते हैं। वे उसके मुख्य निवेशक हैं।

इससे पहले सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा उन पर लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया था। उन्होंने कहा कि यह 'चरित्र हनन करने का प्रयास' है, क्योंकि सेबी ने पिछले महीने नेट एंडरसन के नेतृत्व वाली कंपनी को नियमों का उल्लंघन करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

बता दें कि अमेरिका की कंपनी हिंडनबर्ग ने 10 अगस्त को एक रिपोर्ट जारी कर दावा किया था कि सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति ने मॉरीशस की उसी ऑफशोर कंपनी में निवेश किया है, जिसके माध्यम से भारत में अदाणी ग्रुप की कंपनियों में निवेश करवाकर अदाणी ने लाभ उठाया था। उसने कहा कि इसे व्यापार का गलत तरीका माना जाता है।

हिंडनबर्ग के खुलासे पर सेबी चीफ ने दी सफाई, रिसर्च फर्म ने दागे नए सवाल

#hindenburgagainattacksonsebichairmanmadhabipuribuch

हिंडनबर्ग रिसर्च ने हाल ही में एक रिपोर्ट में सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर कथित अदाणी घोटाले से जुड़े होने का आरोप लगाया था। इस पर दंपती और अदाणी समूह ने सफाई दी थी। हालांकि, एक बार फिर अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने कई नए सवाल खड़े किए हैं।हिंडनबर्ग ने रिपोर्ट पर सेबी चीफ की प्रतिक्रिया के जवाब में नई पोस्ट करते हुए लिखा, 'बुच के जवाब से साफ है कि उन्होंने हमारी कई बातों को स्वीकार किया है।अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म ने अपनी एक्स पोस्ट में लिखा कि उनके बयानों से बरमूडा/मॉरीशस में उनके निवेश की पुष्टि भी होती है।

हिंडनबर्ग का पलटवार

हिंडनबर्ग ने कहा, 'हमारी रिपोर्ट पर सेबी की प्रमुख माधबी बुच ने जो जवाब दिया है, उसमें काफी कुछ जरूरी बातों को स्वीकार किया गया है। साथ ही कई नए महत्वपूर्ण सवाल उठाए गए हैं। उनके जवाब से अब सार्वजनिक रूप से बरमूडा/मॉरीशस फंड में उनके निवेश की पुष्टि हो गई है। साथ ही विनोद अदाणी द्वारा कथित रूप से गबन किए गए धन की पुष्टि हो गई है।'

अमेरिकी कंपनी ने आगे कहा कि इसके अलावा, बुच के बयान से यह भी स्पष्ट हो गया है कि यह फंड उनके पति के बचपन के दोस्त द्वारा चलाया जाता था, जो उस समय अदाणी के निदेशक थे। सेबी को अदाणी मामले से संबंधित फंडों की जांच करने का जिम्मा सौंपा गया था, जिसमें बुच द्वारा भी निवेश किया गया था। यही पूरी जानकारी हमारी रिपोर्ट में उजागर की गई है। यह स्पष्ट है कि सेबी प्रमुख और अदाणी ग्रुप के हित एक-दूसरे से जुड़े हुए थे। यह हितों का एक बड़ा टकराव है। 

सेबी ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को खारिज किया

दरअसल, चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने बयान जारी किया है। मार्केट रेगुलेटर सेबी ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को खारिज करते हुए सेबी पर लगे सभी आरोप झूठे बताए हैं। वहीं, निवेशकों के बीच भी रिपोर्ट को लेकर किसी तरह का तनाव न रहे इसके लिए उन्होंने निवेशकों को सलाह दी है कि वह बिलकुल भी न घबराएं। उन्हें हिंडनबर्ग रिपोर्ट के भ्रम में आने की जरूरत नहीं है। सेबी ने निवेशकों से अपील की है कि इस तरह की रिपोर्ट को पढ़कर कोई भी निर्णय लेने से पहले छानबीन करने की अपील की है। जिससे उन्हें किसी तरह का नुकसान न हो।

निवेशकों को रिपोर्ट में दिए गए डिस्क्लेमर पढ़ने की जरूरी सलाह

सेबी ने सोमवार को मार्केट खुलने से पहले जारी अपने बयान में कहा कि चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच समय-समय पर सभी जरूरी जानकारियां देती रही हैं। उन्होंने चेयरपर्सन बनने से पहले ही संभावित हितों के टकराव से जुड़े मामलों से खुद को अलग कर लिया था। ऐसे में निवेशकों को रिपोर्ट को लेकर किसी भी तरह के भ्रम में आने की जरुरत नहीं है और निवेशकों को हिंडनबर्ग द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में दिए गए डिस्क्लेमर को जरूर पढ़ना चाहिए। दरअसल, हिंडनबर्ग ने रिपोर्ट में एक डिस्क्लेमर भी दिया है, जिसका जिक्र सेबी ने निवेशकों से किया ।

इससे पहले 10 अगस्त को अमेरिका की कंपनी हिंडनबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति ने मॉरीशस की उसी ऑफशोर कंपनी में निवेश किया है, जिसके माध्यम से भारत में अदाणी ग्रुप की कंपनियों में निवेश करवाकर अदाणी ने लाभ उठाया था। उसने कहा कि इसे व्यापार का गलत तरीका माना जाता है।

हिंडनबर्ग के खुलासे पर सेबी चीफ ने दी सफाई, रिसर्च फर्म ने दागे नए सवाल

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हिंडनबर्ग रिसर्च ने हाल ही में एक रिपोर्ट में सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर कथित अदाणी घोटाले से जुड़े होने का आरोप लगाया था। इस पर दंपती और अदाणी समूह ने सफाई दी थी। हालांकि, एक बार फिर अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने कई नए सवाल खड़े किए हैं।हिंडनबर्ग ने रिपोर्ट पर सेबी चीफ की प्रतिक्रिया के जवाब में नई पोस्ट करते हुए लिखा, 'बुच के जवाब से साफ है कि उन्होंने हमारी कई बातों को स्वीकार किया है।अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म ने अपनी एक्स पोस्ट में लिखा कि उनके बयानों से बरमूडा/मॉरीशस में उनके निवेश की पुष्टि भी होती है।

हिंडनबर्ग का पलटवार

हिंडनबर्ग ने कहा, 'हमारी रिपोर्ट पर सेबी की प्रमुख माधबी बुच ने जो जवाब दिया है, उसमें काफी कुछ जरूरी बातों को स्वीकार किया गया है। साथ ही कई नए महत्वपूर्ण सवाल उठाए गए हैं। उनके जवाब से अब सार्वजनिक रूप से बरमूडा/मॉरीशस फंड में उनके निवेश की पुष्टि हो गई है। साथ ही विनोद अदाणी द्वारा कथित रूप से गबन किए गए धन की पुष्टि हो गई है।'

अमेरिकी कंपनी ने आगे कहा कि इसके अलावा, बुच के बयान से यह भी स्पष्ट हो गया है कि यह फंड उनके पति के बचपन के दोस्त द्वारा चलाया जाता था, जो उस समय अदाणी के निदेशक थे। सेबी को अदाणी मामले से संबंधित फंडों की जांच करने का जिम्मा सौंपा गया था, जिसमें बुच द्वारा भी निवेश किया गया था। यही पूरी जानकारी हमारी रिपोर्ट में उजागर की गई है। यह स्पष्ट है कि सेबी प्रमुख और अदाणी ग्रुप के हित एक-दूसरे से जुड़े हुए थे। यह हितों का एक बड़ा टकराव है। 

सेबी ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को खारिज किया

दरअसल, चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने बयान जारी किया है। मार्केट रेगुलेटर सेबी ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को खारिज करते हुए सेबी पर लगे सभी आरोप झूठे बताए हैं। वहीं, निवेशकों के बीच भी रिपोर्ट को लेकर किसी तरह का तनाव न रहे इसके लिए उन्होंने निवेशकों को सलाह दी है कि वह बिलकुल भी न घबराएं। उन्हें हिंडनबर्ग रिपोर्ट के भ्रम में आने की जरूरत नहीं है। सेबी ने निवेशकों से अपील की है कि इस तरह की रिपोर्ट को पढ़कर कोई भी निर्णय लेने से पहले छानबीन करने की अपील की है। जिससे उन्हें किसी तरह का नुकसान न हो।

निवेशकों को रिपोर्ट में दिए गए डिस्क्लेमर पढ़ने की जरूरी सलाह

सेबी ने सोमवार को मार्केट खुलने से पहले जारी अपने बयान में कहा कि चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच समय-समय पर सभी जरूरी जानकारियां देती रही हैं। उन्होंने चेयरपर्सन बनने से पहले ही संभावित हितों के टकराव से जुड़े मामलों से खुद को अलग कर लिया था। ऐसे में निवेशकों को रिपोर्ट को लेकर किसी भी तरह के भ्रम में आने की जरुरत नहीं है और निवेशकों को हिंडनबर्ग द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में दिए गए डिस्क्लेमर को जरूर पढ़ना चाहिए। दरअसल, हिंडनबर्ग ने रिपोर्ट में एक डिस्क्लेमर भी दिया है, जिसका जिक्र सेबी ने निवेशकों से किया ।

इससे पहले 10 अगस्त को अमेरिका की कंपनी हिंडनबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति ने मॉरीशस की उसी ऑफशोर कंपनी में निवेश किया है, जिसके माध्यम से भारत में अदाणी ग्रुप की कंपनियों में निवेश करवाकर अदाणी ने लाभ उठाया था। उसने कहा कि इसे व्यापार का गलत तरीका माना जाता है।

हिंडनबर्ग के खुलासे पर सेबी चीफ ने दी सफाई, रिसर्च फर्म ने दागे नए सवाल

#hindenburgagainattacksonsebichairmanmadhabipuribuch

हिंडनबर्ग रिसर्च ने हाल ही में एक रिपोर्ट में सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर कथित अदाणी घोटाले से जुड़े होने का आरोप लगाया था। इस पर दंपती और अदाणी समूह ने सफाई दी थी। हालांकि, एक बार फिर अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने कई नए सवाल खड़े किए हैं।हिंडनबर्ग ने रिपोर्ट पर सेबी चीफ की प्रतिक्रिया के जवाब में नई पोस्ट करते हुए लिखा, 'बुच के जवाब से साफ है कि उन्होंने हमारी कई बातों को स्वीकार किया है।अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म ने अपनी एक्स पोस्ट में लिखा कि उनके बयानों से बरमूडा/मॉरीशस में उनके निवेश की पुष्टि भी होती है।

हिंडनबर्ग का पलटवार

हिंडनबर्ग ने कहा, 'हमारी रिपोर्ट पर सेबी की प्रमुख माधबी बुच ने जो जवाब दिया है, उसमें काफी कुछ जरूरी बातों को स्वीकार किया गया है। साथ ही कई नए महत्वपूर्ण सवाल उठाए गए हैं। उनके जवाब से अब सार्वजनिक रूप से बरमूडा/मॉरीशस फंड में उनके निवेश की पुष्टि हो गई है। साथ ही विनोद अदाणी द्वारा कथित रूप से गबन किए गए धन की पुष्टि हो गई है।'

अमेरिकी कंपनी ने आगे कहा कि इसके अलावा, बुच के बयान से यह भी स्पष्ट हो गया है कि यह फंड उनके पति के बचपन के दोस्त द्वारा चलाया जाता था, जो उस समय अदाणी के निदेशक थे। सेबी को अदाणी मामले से संबंधित फंडों की जांच करने का जिम्मा सौंपा गया था, जिसमें बुच द्वारा भी निवेश किया गया था। यही पूरी जानकारी हमारी रिपोर्ट में उजागर की गई है। यह स्पष्ट है कि सेबी प्रमुख और अदाणी ग्रुप के हित एक-दूसरे से जुड़े हुए थे। यह हितों का एक बड़ा टकराव है। 

सेबी ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को खारिज किया

दरअसल, चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने बयान जारी किया है। मार्केट रेगुलेटर सेबी ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को खारिज करते हुए सेबी पर लगे सभी आरोप झूठे बताए हैं। वहीं, निवेशकों के बीच भी रिपोर्ट को लेकर किसी तरह का तनाव न रहे इसके लिए उन्होंने निवेशकों को सलाह दी है कि वह बिलकुल भी न घबराएं। उन्हें हिंडनबर्ग रिपोर्ट के भ्रम में आने की जरूरत नहीं है। सेबी ने निवेशकों से अपील की है कि इस तरह की रिपोर्ट को पढ़कर कोई भी निर्णय लेने से पहले छानबीन करने की अपील की है। जिससे उन्हें किसी तरह का नुकसान न हो।

निवेशकों को रिपोर्ट में दिए गए डिस्क्लेमर पढ़ने की जरूरी सलाह

सेबी ने सोमवार को मार्केट खुलने से पहले जारी अपने बयान में कहा कि चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच समय-समय पर सभी जरूरी जानकारियां देती रही हैं। उन्होंने चेयरपर्सन बनने से पहले ही संभावित हितों के टकराव से जुड़े मामलों से खुद को अलग कर लिया था। ऐसे में निवेशकों को रिपोर्ट को लेकर किसी भी तरह के भ्रम में आने की जरुरत नहीं है और निवेशकों को हिंडनबर्ग द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में दिए गए डिस्क्लेमर को जरूर पढ़ना चाहिए। दरअसल, हिंडनबर्ग ने रिपोर्ट में एक डिस्क्लेमर भी दिया है, जिसका जिक्र सेबी ने निवेशकों से किया ।

इससे पहले 10 अगस्त को अमेरिका की कंपनी हिंडनबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति ने मॉरीशस की उसी ऑफशोर कंपनी में निवेश किया है, जिसके माध्यम से भारत में अदाणी ग्रुप की कंपनियों में निवेश करवाकर अदाणी ने लाभ उठाया था। उसने कहा कि इसे व्यापार का गलत तरीका माना जाता है।

अडानी को निशाने पर लेने वाले हिंडनबर्ग ने फिर मचाई खलबली, अब किसकी बारी?

#hindenburg_research_again_warn_about_india

अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के एक ट्वीट ने सनसनी मचा दी है।निवेश रिसर्च करने वाली कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने बीते दिनों अदाणी समूह को लेकर जो खुलासे किए थे, उससे भारतीय बाजार में भारी उथल-पुथल देखने को मिली थी। अब एक बार फिर हिंडनबर्ग रिसर्च भारत को लेकर कुछ बड़ा खुलासा करने का दावा कर रही है।देखना होगा कि इस बार उसके निशाने पर कौन होगा?

हिंडनबर्ग रिसर्च के एक्स सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किया गया कि भारत के लिए जल्द ही कुछ बड़ा आने वाला है। अंग्रेजी में लिखे गए ट्वीट के शब्द थे- Something big soon India.

बता दें कि जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट प्रकाशित की।जिसमें स्टॉक की कीमतों में हेरा-फेरी करने जैसे कई गंभीर आरोप शामिल थे। रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद अदाणी ग्रुप के के शेयरों में भारी गिरावट आई और अदाणी समूह के बाजार मूल्य में 86 अरब डॉलर की भारी-भरकम गिरावट दर्ज की गई। 

हालांकि अदाणी समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट को खारिज कर दिया और समूह के प्रमुख गौतम अदाणी ने कहाथा कि हिंडनबर्ग मामला अदाणी समूह को बदनाम करने की नीयत से रचा गया था। 

अबकी बार हिंडनबर्ग के निशाने पर कौन है, ये तो उसके एक्स पोस्ट से साफ पता नहीं चलता है। लेकिन उसका इस तरह से चेतावनी देना निश्चित तौर पर शेयर मार्केट में निवेशकों की धारणा को प्रभावित करेगा। इतना ही नहीं आम निवेशकों के मन में एक बार फिर अडानी ग्रुप को लेकर संशय के बादल मंडराने लगे हैं। वहीं कुछ यूजर्स हिंडनबर्ग की विश्वसनीयता पर ही सवाल उठा रहे हैं। ये हिंडनबर्ग रिसर्च की पोस्ट पर आए आम यूजर्स के कमेंट से भी पता चल सकता है।

कल पेश होगा बजट, हो सकते है कई बड़े ऐलान, समझिए किस करवट बैठेगा शेयर बाजार? देखें बीते 10 सालों का हाल

देश का आम बजट आने वाला है और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल 23 जुलाई 2024 को संसद में इसे पेश करेंगी. बजट पेश होने से पहले शेयर बाजार में हमेशा की तरह खासी उथल-पुथल देखने को मिल रही है. ऐसे में बजट वाले दिन Stock Market कैसा कैसा परफॉर्मेंस करेगा, ये कहना अभी जल्दबाजी होगी. लेकिन बजट वाले दिन शेयर मार्केट के इतिहास पर नजर करें, तो बीते 10 साल में ये 6 बार चढ़ा है, जबकि चार बार धराशायी हुआ है. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट कल संसद के पटल पर रखा जाएगा. निर्मला सीतारमण का ये लगातार सातवां बजट होगा और इसे पेश करने के साथ ही वित्त मंत्री मोरारजी देसाई का रिकॉर्ड तोड़ देंगी, जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान लगातार छह बार बजट पेश किया था. पिछले एक दशक में Budget Day पर शेयर मार्केट की चाल बदली बदली रही है. छह बार सेंसेक्स ने जोरदार छलांग लगाई है, तो वहीं चार बार ये भरभराकर टूटा है. इस बीच बता दें कि साल 2021 में शेयर बाजार सबसे ज्यादा 2021 में 5 फीसदी चढ़ा था, जबकि इससे पहले 2020 में ये 2.43 फीसदी गिरा था, जो इसकी बजट वाले दिन सबसे बड़ी गिरावट थी.

बीते साल 2023 में Budget को लेकर शेयर बाजार के उत्साह पर अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग (Hindenburg) का असर दिखा था. भारतीय अरबपति गौतम अडानी (Gautam Adani) के अडानी ग्रुप को लेकर जारी की गई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का असर बजट वाले दिन शेयर बाजार पर दिखा था. हालांकि, 1 फरवरी 2023 को BSE Sensex 1223 अंक की उछाल के साथ 60,773 के स्तर तक पहुंचा था, लेकिन अंत में ये शुरुआती बढ़त को गंवाते हुए 158 अंक की बढ़त के साथ 59,708 पर बंद हुआ था. जबकि NSE Nifty 46 अंक फिसलकर 17,616.30 पर क्लोज हुआ था. 

इससे पहले साल 2022 में शेयर बाजार ने बजट वाले दिन जोरदार उड़ान भरी थी और BSE Sensex कारोबार के दौरान 1000 अंक से ज्यादा उछल गया था, हालांकि मार्केट क्लोज होने पर ये 848 अंक चढ़कर 58,862 के लेवल पर बंद हुआ था. वहीं NSE Nifty 237 अंक की तेजी लेकर 17,577 के स्तर पर क्लोज हुआ था. बात 2021 की करें, तो ये साल बजट-डे पर शेयर बाजार के लिए बेहतरीन साबित हुआ था. सेंसेक्स 2300 अंक या 5 फीसदी की ताबड़तोड़ तेजी के साथ 48,600 पर, जबकि निफ्टी 647 अंक उछलकर 14,281 पर बंद हुआ था. 

2015-2020 तक बजट के दिन ऐसी रही चाल

साल सेंसेक्स निफ्टी

2020 988 अंक टूटा 300 अंक फिसला

2019 212 अंक चढ़ा 62.7 अंक उछला

2018 839 अंक टूटा 256 अंक फिसला

2017 486 अंक चढ़ा 155 अंक उछला

2016 152 अंक टूटा 42.7 अंक फिसला

वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा साल 2015 में देश का आम बजट पेश किया गया था और बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स Budget वाले दिन 0.48% बढ़कर 29,361 अंक पर बंद हुआ था. वहीं निफ्टी भी तेजी के साथ क्लोज हुआ था. इससे पहले साल 2014 में बजट पेश होने पर शेयर बाजार में कारोबार के दौरान BSE Sensex 800 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ था. ताजा हालात की बात करें तो 23 जुलाई 2024 को पेश होने वाले बजट से पहले शेयर बाजार में खासी-उथल पुथल देखने को मिल रही है. शुक्रवार को सेंसेक्स जोरदार 738.81 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ. वहीं 269 अंक फिसलकर क्लोज हुआ.